hotaks444
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चाची एकदम से पीछे हुयी उनका बेलेंस बिगड़ा, मगर मैंने थाम लिया. वो संभाली और बोली,
"लल्ला.....बहुत ताकत आ गयी रे तुझ में......., ला वो क्रीम दे दे......"
मैंने ट्यूब उनको दिया और बताया की इसको अच्छी तरह से फैला कर चारो तरफ लगा लो...........
"अरे यह बीच में लग गयी तो जलन ......तो नहीं होगी.......? मैं तो पहले ही खुजली से मरी जा रही हूँ"
मेरी आवाज़ कांपने लगी थी, "नहीं चाची......ब ब ब बीच में मत लगाना, आप तो साफ़ कर लो.....आपकी खुजाल मिट जाएगी"
चाची ने मुझे निहारा और बोली, "ठीक है बाहर जा........तेरे बाथरूम में ही कर लेती हूँ........मेरे बाथरूम में कपडे पड़े है और वहां पर कांच भी नहीं है"
मेरी कनपटी पर हथोड़े पड़ने लगे..........मुंह सुख गया.......
मेरे बाथरूम में दरवाजा टेड़ा होने से सिटकनी नहीं लगती थी.
"जा.......मेरे कमरे से मेरा टोवेल ले आ.",
मैं चाची के कमरे में गया, उनकी अलमारी खोली. इधर उधर देखा, टोवेल दिखा ही नहीं. नीचे ही नीचे के खाने में देखा तो.......
चाची की ब्रा और पेंटी पड़े थे. और वही पर टोवल था, मैंने टोवल उठाया और तभी मुझे एक ब्रा दिखी, चटक लाल रंग की........
बिलकुल जैसी सनी लिओनी को पहने देखा था. वो लिफ्टर ब्रा थी, मगर उसका मटेरिअल पूरा नेट का था.
आर पार.......अगर चाची इसको पहन ले तो ऐसा क़यामत लगे की............चाची कौन सी सनी लिओनी से कम हैं ...........
मैंने ब्रा उठा ली, इतना नरम मटेरिअल था जैसे मखमल हो......टोवेल और ब्रा ले कर आया
(पेंटी नहीं, क्यों की चाची पेंटी तो पहन ही नहीं रही थी. )
चाची तो बाथरूम के बहार ही खड़ी थी. मैंने सोचा की चाची को बोल दू,
"चाची.....वो....दरवाजे की सिटकनी ख़राब है....."
"हाय राम.......ख़राब क्यों है...? अब क्या करे....? तू रूम से बाहर जाके बैठ "
मैंने हिम्मत की....और कहा..."चाची, म म म मुझे कम्प्यूटर पर काम करना है.......अ अ आप कर लो.....मैं......."
"अच्छा .......???", चाची ने मुझे घुरा.
फिर कुछ सोच कर बोली....."ठीक है लल्ला.....तू कम्प्यूटर पर काम कर ले.....मगर तांका झांकी मत करना", चाची ने ऑंखें दिखा कर कहा.
मैंने मन ही मन सोचा की चाची आप जाओ तो सही.......फिर देखते है.
चाची के सामने मैंने भोले बच्चे जैसा सर हिलाया और कम्प्यूटर ऑन कर लिया. कुर्सी खिंची और बैठ गया.
चाची ने टोवेल उठाया, अचानक ब्रा उसमे से गिर गयी, चाची ने ब्रा को देखा फिर मुझे.
"क्यों रे लल्ला.....ये क्या उठा लाया ?", उन्होंने ब्रा हाथ में हिलाते हुए पुछा.
"व व वो चाची......आप ही ने तो कहा था.....लाने को"
"अरे ....मैंने कब कहा की अंगिया भी लाना ?"
"व व व वो चाची .....म म मैंने सोचा की .....आप ने पहनी नहीं है......तो शायद अब पहनोगी"
ये बोलते ही मैंने अपनी जुबान कट ली......शीट....ये क्या बोल दिया.
चाची ने ऑंखें बाहर कर के पुछा, "क्यों रे बेशरम.......तुझे कैसे पता लगा की मैंने.......अंगिया नहीं पहनी", चाची का चेहरा थोडा लाल हो गया.
मेरी फटफटी.......चल निकली......
मैं सकपका गया.....अब क्या बोलू.....?
थोड़ी हिम्मत जुटाई और कहा, "न न न नहीं चाची.....ऐसा नहीं है......व...व....व....वो आप के ब्लाउस.....म म म में से......
द द द दिखा की.....न न न नहीं पहनी होगी.....श श शायद.....इसी लिए ल ल ल ले आया"
"हाय राम.....लाया तो लाया.....मगर ऐसी ? ", चाची ने होंट दबा कर मुझे घुढकी दी.
"ये तो पहनी न पहनी बराबर ही है.......इतने छोटे छोटे तो कप है इसके......लल्ला तू न बहुत बदमाश हो गया है......"
लल्ला क्या बोलता........लल्ला.....का लुल्ला और ज्यादा बदमाश.
"अब सीधे सीधे कम्प्यूटर पर काम करले......", कह कर चाची बाथरूम में घुस गयी. उन्होंने दरवाजा लगाया और सिटकनी लगाने की कोशिश की......मगर भाई साहब......सिटकनी तो कुत्ते की पूंछ थी. नहीं मानी. चाची ने दरवाज ऐसे ही लगा दिया.
कुछ देर बाद अन्दर ले चिल्लाई....."अरे लल्ला......ये क्रीम धो कर लगानी है या ऐसे ही...."
चाची एकदम से पीछे हुयी उनका बेलेंस बिगड़ा, मगर मैंने थाम लिया. वो संभाली और बोली,
"लल्ला.....बहुत ताकत आ गयी रे तुझ में......., ला वो क्रीम दे दे......"
मैंने ट्यूब उनको दिया और बताया की इसको अच्छी तरह से फैला कर चारो तरफ लगा लो...........
"अरे यह बीच में लग गयी तो जलन ......तो नहीं होगी.......? मैं तो पहले ही खुजली से मरी जा रही हूँ"
मेरी आवाज़ कांपने लगी थी, "नहीं चाची......ब ब ब बीच में मत लगाना, आप तो साफ़ कर लो.....आपकी खुजाल मिट जाएगी"
चाची ने मुझे निहारा और बोली, "ठीक है बाहर जा........तेरे बाथरूम में ही कर लेती हूँ........मेरे बाथरूम में कपडे पड़े है और वहां पर कांच भी नहीं है"
मेरी कनपटी पर हथोड़े पड़ने लगे..........मुंह सुख गया.......
मेरे बाथरूम में दरवाजा टेड़ा होने से सिटकनी नहीं लगती थी.
"जा.......मेरे कमरे से मेरा टोवेल ले आ.",
मैं चाची के कमरे में गया, उनकी अलमारी खोली. इधर उधर देखा, टोवेल दिखा ही नहीं. नीचे ही नीचे के खाने में देखा तो.......
चाची की ब्रा और पेंटी पड़े थे. और वही पर टोवल था, मैंने टोवल उठाया और तभी मुझे एक ब्रा दिखी, चटक लाल रंग की........
बिलकुल जैसी सनी लिओनी को पहने देखा था. वो लिफ्टर ब्रा थी, मगर उसका मटेरिअल पूरा नेट का था.
आर पार.......अगर चाची इसको पहन ले तो ऐसा क़यामत लगे की............चाची कौन सी सनी लिओनी से कम हैं ...........
मैंने ब्रा उठा ली, इतना नरम मटेरिअल था जैसे मखमल हो......टोवेल और ब्रा ले कर आया
(पेंटी नहीं, क्यों की चाची पेंटी तो पहन ही नहीं रही थी. )
चाची तो बाथरूम के बहार ही खड़ी थी. मैंने सोचा की चाची को बोल दू,
"चाची.....वो....दरवाजे की सिटकनी ख़राब है....."
"हाय राम.......ख़राब क्यों है...? अब क्या करे....? तू रूम से बाहर जाके बैठ "
मैंने हिम्मत की....और कहा..."चाची, म म म मुझे कम्प्यूटर पर काम करना है.......अ अ आप कर लो.....मैं......."
"अच्छा .......???", चाची ने मुझे घुरा.
फिर कुछ सोच कर बोली....."ठीक है लल्ला.....तू कम्प्यूटर पर काम कर ले.....मगर तांका झांकी मत करना", चाची ने ऑंखें दिखा कर कहा.
मैंने मन ही मन सोचा की चाची आप जाओ तो सही.......फिर देखते है.
चाची के सामने मैंने भोले बच्चे जैसा सर हिलाया और कम्प्यूटर ऑन कर लिया. कुर्सी खिंची और बैठ गया.
चाची ने टोवेल उठाया, अचानक ब्रा उसमे से गिर गयी, चाची ने ब्रा को देखा फिर मुझे.
"क्यों रे लल्ला.....ये क्या उठा लाया ?", उन्होंने ब्रा हाथ में हिलाते हुए पुछा.
"व व वो चाची......आप ही ने तो कहा था.....लाने को"
"अरे ....मैंने कब कहा की अंगिया भी लाना ?"
"व व व वो चाची .....म म मैंने सोचा की .....आप ने पहनी नहीं है......तो शायद अब पहनोगी"
ये बोलते ही मैंने अपनी जुबान कट ली......शीट....ये क्या बोल दिया.
चाची ने ऑंखें बाहर कर के पुछा, "क्यों रे बेशरम.......तुझे कैसे पता लगा की मैंने.......अंगिया नहीं पहनी", चाची का चेहरा थोडा लाल हो गया.
मेरी फटफटी.......चल निकली......
मैं सकपका गया.....अब क्या बोलू.....?
थोड़ी हिम्मत जुटाई और कहा, "न न न नहीं चाची.....ऐसा नहीं है......व...व....व....वो आप के ब्लाउस.....म म म में से......
द द द दिखा की.....न न न नहीं पहनी होगी.....श श शायद.....इसी लिए ल ल ल ले आया"
"हाय राम.....लाया तो लाया.....मगर ऐसी ? ", चाची ने होंट दबा कर मुझे घुढकी दी.
"ये तो पहनी न पहनी बराबर ही है.......इतने छोटे छोटे तो कप है इसके......लल्ला तू न बहुत बदमाश हो गया है......"
लल्ला क्या बोलता........लल्ला.....का लुल्ला और ज्यादा बदमाश.
"अब सीधे सीधे कम्प्यूटर पर काम करले......", कह कर चाची बाथरूम में घुस गयी. उन्होंने दरवाजा लगाया और सिटकनी लगाने की कोशिश की......मगर भाई साहब......सिटकनी तो कुत्ते की पूंछ थी. नहीं मानी. चाची ने दरवाज ऐसे ही लगा दिया.
कुछ देर बाद अन्दर ले चिल्लाई....."अरे लल्ला......ये क्रीम धो कर लगानी है या ऐसे ही...."