Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत - Page 4 - SexBaba
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Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत

अपनी बीवी को अपने सामने चुदते देख अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दिव्या को गोद में उठाया और बेड पर रेणुका के बगल में लिटा दिया और अपना लंड दिव्या की चूत में डाल दिया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. दिव्या भी पूरी तरह मस्त हो गयी थी. उसने मस्ती में आकर रेणुका को अपनी तरफ खींचा और अपने सुलगते हुए होठ रेणुका के होठो पर रख दिए.

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हम दोनों एक दुसरे की बीवियों को एक ही बिस्तर पर एक दुसरे के सामने चोद रहे थे और हमारी बीवियां एक दुसरे को चूम रही थी.

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मैं दिव्या को बहुत आराम से चोद रहा था क्योंकि मैं उसे बहुत देर तक चोदना चाहता था पर राजेश पूरी रफ़्तार से रेणुका को चोद रहा था. करीब २० मिनट चोदने के बाद रेणुका फिर से झड़ने लगी और राजेश से बोली "आःह्ह्ह अब थोड़ी देर रुकिए."

राजेश ने रेणुका बात मानी और अपना लंड रेणुका की चूत से निकाल लिया. रेणुका की चूत के पानी से गीला राजेश का लंड अभी भी पूरा खड़ा हुआ था और चमक रहा था. राजेश ने मेरी तरफ देखा और मुझे इशारे से कहा की मैं नीचे होकर दिव्या को ऊपर कर दूं.

मैं दिव्या की चूत में लंड डाले डाले पलट गया और दिव्या मेरे ऊपर आ गयी. अब वो मस्ती से मेरे ऊपर उछल उछल कर मुझे चोद रही थी. तभी राजेश दिव्या के पीछे आया और अपनी बीवी को उसने मेरे ऊपर झुकाया और दिव्या की गांड में अपना लंड डाल दिया.

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दिव्या को इसकी उम्मीद नहीं थी. रेणुका के पानी से चिकना राजेश का लंड दिव्या की गांड में आधा घुस गया. दिव्या के मुह से एक चीख से निकली लेकिन मैंने फ़ौरन उसके होठ अपने होठो से बंद कर दिए. राजेश ने एक धक्का और मार कर पूरा लंड दिव्या की गांड में डाल दिया और हौले हौले अपनी बीवी की गांड मारने लगा.

मैंने अब दिव्या के होठो को आजाद कर दिया था. दिव्या नाराज़ होकर राजेश से बोली "अरे क्या कर रहे हो, मैं कोई रंडी नहीं, तुम्हारी बीवी हूँ."

राजेश धक्के लगाते हुए बोला "सॉरी जानेमन, रेणुका थक गयी थी और तुम्हे इस तरह मनीष से चुदते देख मुझसे रहा नहीं गया."

अब मैंने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए. दिव्या मस्ती में आते हुए बोली "आःह्ह्ह सारे मर्द हरामी ह्ह्ह्ह होते है. अरे दुसरे की बीवी का इतना हाइए मर गईईईई ख्याल है की उसके मना करते ही अपनीईईईईईई बीवीईई की गांड आह्ह्ह्ह मारने आआअ गएईई"
 
दिव्या के मुह से ऐसी बात सुन कर हम दोनों बहुत उत्तेजित हो गए और जोर जोर से उसे चोदने लगे. मुझे अपना लंड दिव्या की चूत के अंदर राजेश के लंड से रगड़ता हुआ महसूस हो रहा था. राजेश का भी शायद यही हाल था. करीब १०-१५ मिनट के बाद हम तीनो लगभग एक साथ झड गए. ३-४ मिनट तो हम ऐसे ही पड़े रहे फिर हम अलग अलग हुए. दिव्या भी इस डबल चुदाई से एकदम पस्त हो गयी थी तो उठ कर अपने कमरे में चली गयी. मैंने देखा की रेणुका तो वैसे ही नंगी सो गयी है.

राजेश बोला "यार मन तो था की रात भर रेणुका को चोदता लेकिन रेणुका तो सो गयी."

मैंने कहा "यार पी भी तो इसने सबसे ज्यादा है. एक काम करो आप यही रेणुका के साथ सो जाओ और मैं दिव्या के साथ सो जाऊँगा. अगर रात को मौका लगा तो एक राउंड और लगा लेना." राजेश ने हामी भरी और रेणुका के साथ लेट गया.

मैं राजेश के कमरे में आ गया और देखा की दिव्या भी बेड पर नंगी लेटी है और सो रही है. दिव्या की आज पहली बार आगे पीछे से एक साथ चुदाई हुई थी तो वो भी काफी थक गयी थी. मैं दिव्या से चिपक कर लेट गया और सो गया. मैंने और राजेश ने भी दारू तो पी ही थी और थके तो हम दोनों भी थे तो रात में हम दोनों की नींद भी नहीं खुली.

सुबह सबसे पहले रेणुका की आँख खुली.

रेणुका को अपने बदन में एक मीठा मीठा दर्द महसूस हुआ. अचानक उसने देखा की उसके बगल में राजेश पूरा नंगा सो रहा है और वो खुद भी पूरी नंगी है. अब रेणुका को रात की पूरी बात याद आ गयी. वो उठी और उसने अपनी नाईटी पहनी और मुझे ढूनने के लिए राजेश के कमरे में आई.

उसने देखा की मैं और दिव्या पूरे नंगे एक दुसरे से चिपक कर सो रहे है. उसने धीरे से मुझे हिलाया. मैंने आँखे खोली तो रेणुका ने मुझे होटल रूम की बालकनी में आने का इशारा किया और खुद बालकनी में चली गयी. रेणुका के चेहरा देख कर मैं समझ गया था की वो नाराज़ भी है और टेंशन में भी है.

मैं जल्दी से उठातो दिव्या हल्का सा कुनमुनाई पर फिर करवट बदल कर सो गयी. मैंने उसके नंगे बदन पर चादर डाल दी और खुद टीशर्ट बरमूडा पहन कर बालकनी में आ गया. मेरे कुछ बोलने से पहले ही रेणुका चिल्लाई"शर्म नहीं आती. ये कल क्या किया तुम लोगो ने."
 
"यार थोड़ी मस्ती हो गयी. नाराज़ मत हो." मैंने रेणुका को समझाया पर वो और नाराज़ हो गयी और बोली "मस्ती? इतने गंदे काम को तुम मस्ती कह रहे हो? मैंने तुमसे पहले ही कहा था की वो मुझे लाइन मारता है तो तुमने कहा की मेरे और अपनी बीवी के होते हुए वो क्या कर लेगा. देखो उसने तुम दोनों के सामने ही सब कुछ तो कर लिया पर तुम्हे क्या? तुम खुद भी तो उसकी बीवी के साथ लगे हुए थे."

"मैं तुम्हारा गुस्सा समझ रहा हूँ लेकिन हम सब नशे में थे. अब जो हो गया जाने दो." मैंने रेणुका को गले लगाते हुए कहा.

" अरे एक गैर आदमी तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी को चोद दिया और तुम कहते हो जाने दो?" रेणुका गुस्से से बोली.

"यार तो क्या हो गया? क्या अब तुम मेरी बीवी नहीं रही? तुम मेरी बीवी थी, हो और हमेशा रहोगी और मैं तुम्हे ऐसे ही प्यार करता रहूँगा" मैंने बोला.

"तुमसे तो मैं घर चल कर बात करूंगी फिलहाल उस आदमी को मेरे कमरे से बाहर निकालो." रेणुका ने मुझे धमकाया.

"भाई अगर इतना ही बुरा लग रहा था तो तुम कल रात को ही मना कर देती. कल तो तुम कुछ बोली नही और आज मुझ पर चढ़ रही हो." मैं भी अब थोडा नाराज होकर बोला.

"अरे मैं तो इतने नशे में थी की सही गलत का कुछ होश ही नही था पर तुम्हे तो राजेश को रोकना चाहिए था पर उल्टा तुम तो उसकी बीवी के साथ खुद ही लग गए. मुझे तो लगता है की तुम्हारा और राजेश का पहले से ही कुछ ऐसा करने का प्लान था और तभी तुम मुझे यहाँ लाये थे." रेणुका बोली.

"नहीं जानू! समझा करो. मैंने भी तो काफी पी ली थी और नशे में मुझे लगा की तुम राजेश के साथ काफी एन्जॉय कर रही हो इसीलिए मैंने राजेश को नहीं रोका." मैंने रेणुका से पुछा.
 
"ओफ्फो तुम तो पागल की तरह बात कर रहे हो. मैं बाथरूम जा रही हूँ तब तक राजेश को कमरे से बाहर निकालो. मुझे इतनी शर्म आ रही है न जाने वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा." रेणुका बोली.

"शर्म की क्या बात? और उसकी बीवी ने भी तो मुझसे चुदवाया है तो वो तुम्हारे बारे में कुछ गलत नही सोच सकता. और वो तुमसे प्यार भी तो करता है. जाओ तुम बाथरूम जाओ. मैं
राजेश को जगाता हूँ." मैंने रेणुका से कहा.

"अजीब आदमी हो. अपनी बीवी को बोल रहे हो की दूसरा आदमी तुमसे प्यार करता है. खैर अब जो हुआ सो हुआ लेकिन फ़ौरन वापस चलने का इन्तेजाम करो. मुझे अब राजेश का सामना नहीं करना" ये कह कर रेणुका बाथरूम में चली गयी.

मैंने जाकर राजेश को जगाया. राजेश उठा तो मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया और उसे कपडे पहन कर बालकनी में आने को बोला. राजेश कपडे पहन कर बाहर आ गया. उसने पुछा "क्या हुआ? रेणुका कहा है."

मैंने बोला "रेणुका बाथरूम में है और बहुत हंगामा कर रही है."

वो बोला "यार नाराज़ तो शायद दिव्या भी बहुत होगी पर हमे इन दोनों को समझाना होगा."

"भाई रेणुका तो नहीं समझ रही. कह रही है की वापस चलो." मैंने राजेश को बताया.

राजेश बोला "यार अभी तो मजा आना शुरू भी नहीं हुआ था. एक काम करो तुम अभी कुछ मत करो और उससे कह दो की टैक्सी कल मिलेगी और फिर तैयार होकर मुझे बाहर मिलो."
रेणुका नहा कर निकली और राजेश को न देख कर थोड़ी शांत हुई. मैं भी फटाफट तैयार हुआ और रेणुका को ये बोलकर की टैक्सी लेने जा रहा हूँ बाहर आ गया. राजेश मेरा बाहर इंतज़ार कर रहा था. वो मुझसे बोला "यार भड़क तो दिव्या भी बहुत गयी है पर मुझे एक आईडिया आया है."

मैंने पुछा "कैसा आईडिया?"
 
"चलो मेरे साथ मार्किट चलो फिर बताता हूँ" और मैं राजेश के साथ मार्केट चल दिया. रस्ते में राजेश ने मुझे सब कुछ समझा दिया. फिर हम दोनों ने बाजार जाकर २ मंगलसूत्र खरीदे और लौट कर होटल के पास वाले मंदिर जाकर पुजारी से बात की. राजेश ने पुजारी को सब समझा कर ५००० रुपये दिए और फिर हम दोनों होटल आ गए.

पहले राजेश मेरे कमरे में गया और बेल बजाई. रेणुका ने सोचा की मैं हूँ तो उसने दरवाजा खोल दिया. सामने राजेश को देखकर उसे कुछ समझ नहीं आया. वो सिर्फ इतना ही बोल पाई की आप जाइये यहाँ से. राजेश ने रेणुका से कहा "मानता हूँ की कल जो हुआ वो गलत हुआ इसीलिए तुमसे कुछ बात करनी है. जरा मेरे साथ चलो."

रेणुका राजेश को देखकर समझ नहीं पा रही थी की क्या करे. राजेश ने रेणुका का हाथ पकड़ा और फिर से बोला "मेरा यकीन करो. मेरे साथ चलो." रेणुका ने दरवाजा लॉक किया और राजेश के साथ चल पड़ी. राजेश रेणुका को उसी मंदिर में ले गया. रेणुका को कुछ समझ नहीं आ रहा था. राजेश ने पंडित को इशारा किया और पंडित ने रेणुका और राजेश को एक साथ खड़ा करके कुछ मन्त्र पढ़े. फिर उसने एक थाली राजेश की तरफ बढाई और राजेश ने थाली से सिंदूर उठाकर रेणुका की मांग भर दी. पंडित बोला "आपका विवाह संपन्न हुआ. आज से आप दोनों पति पत्नी है." और ये बोलकर वो मंदिर के अंदर चला गया. राजेश ने फ़ौरन जेब से मंगलसूत्र निकाल कर रेणुका को पहना दिया और बोला "अब तो तुम खुश हो न. अब तो जो कल रात हुआ वो गलत नहीं है."

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रेणुका अभी भी सन्न थी की ये क्या हुआ. उसे लगा था की राजेश कल जो हुआ उसका प्रायश्चित करने के लिए उसे मंदिर लाया था वो बोली "ये क्या मजाक है? जो कल हुआ वो भी गलत था और जो अभी हुआ वो भी गलत है. आपको मुझे बताना चाहिए था की आप मुझे यहाँ क्यों लाये है. मैं पहले से ही शादीशुदा हूँ तो दूसरी शादी कैसे कर सकती हूँ?"

"जब मर्द ३-४ शादियाँ कर सकता है तो औरत क्यों नहीं कर सकती. अब से तुम मेरी भी बीवी हो समझी. चलो वापस होटल चलो." और मनीष रेणुका को लेकर वापस होटल की तरफ चल पड़ा. उसने मुझे मेसेज कर दिया की हम वापस आ रहे है अब तुम दिव्या को लेकर दुसरे रस्ते से मंदिर पहुचो. रस्ते भर रेणुका कुछ नहीं बोली और होटल पहुचकर अपने कमरे में चली गयी.
 
दिव्या भी काफी नाराज़ थी पर मैं उसे किसी तरह माफ़ी मांग कर मंदिर ले आया और पंडित जी ने मेरी शादी भी राजेश की बीवी से वैसे ही करवा दी जैसे मेरी बीवी की राजेश से करवाई थी. मैंने भी दिव्या की मांग भर दी.

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दिव्या मेरे ऊपर कुछ भड़की पर मैंने राजेश को फ़ोन किया और दिव्या के सामने ही उसे बता दिया की मैंने दिव्या से शादी कर ली है. अब दिव्या समझ गयी की ये सब राजेश की रजामंदी से हुआ है तो अब वो चुप हो गयी और हम होटल लौट आये.

मैंने दिव्या को उसके रूम में छोड़ा और राजेश को लेकर बाहर आ गया. मैंने राजेश को बोला की दिव्या चुप है पर पता नही मानी या नहीं मानी. राजेश ने मुझे बोला की दिव्या को तो मैं आज रात में मना लूँगा. तुम भी थोड़ी हिम्मत दिखाओ क्योंकि रेणुका भी अभी नही मानी है. तुम उसको बोल दो की टैक्सी परसों मिलेगी. आज तुम दोनों आराम करो और कल मैं फिर तुम लोगो से घूमने चलने को कहूँगा. कल दिन भर साथ रहेंगे तो शाम तक उसे मना ही लेंगे."

"हम्म्म. ठीक है. अब आप भी अपने रूम में रहो और मेरी नयी बीवी के साथ ऐश करो. मैं रेनुका को बोलता हूँ." मैंने राजेश को बोला और अपने कमरे में आ गया.

"कहाँ चले गए थे. इतनी देर लगा दी." उसने मुझसे पुछा. मैंने देखा की उसने राजेश का पहनाया मंगलसूत्र अभी उतारा नहीं था और मांग में सिन्दूर भी भरा हुआ था लेकिन उसने मुझसे मंदिर जाने वाली कोई बात नहीं बताई.

"क्या बताऊ तुमको. टैक्सी के चक्कर में बहुत परेशान हो गया. यहाँ कुछ ट्रांसपोर्ट की हड़ताल हो गयी है तो हमको परसों से पहले टैक्सी नहीं मिलेगी तो मैंने परसों सुबह टैक्सी लाने के लिए बोल दिया है." मैंने रेणुका को बताया.

"अरे टैक्सी नहीं है तो हम बस से चले चलते." रेणुका बोली.

"तुम्हे तो पता है की बस में मेरी तबियत ख़राब हो जाती है लेकिन फिर भी मैं बस अड्डे भी गया था लेकिन जब हड़ताल है तो बस भी कहाँ से मिलेगी... एक दिन की तो बात है और मैंने टैक्सी के लिए एडवांस भी दे दिया है." मैंने रेणुका से झूठ बोल दिया. रेणुका ने मुह बनाया और वापस बिस्तर में घुस गयी. उसकी थकान शायद उतरी नहीं थी तो वो फिर से सो गयी. उस दिन हम चारों कहीं बाहर नहीं निकले. खाना पीना सब रूम में ही हुआ. रेणुका ने भी मेरे साथ दो पेग मारे लेकिन जब मैंने रेणुका को चोदने की कोशिश की लेकिन उसने मना कर दिया.
 
अगले दिन सुबह राजेश ने मेरे रूम में फोन किया. मैंने फ़ोन उठाया तो राजेश बोला "हाँ तो क्या हुआ फिर?"

मैंने कहा "फिलहाल तो रेणुका सो रही है. मैंने उसे बोल दिया है की हम कल जायेंगे. आप बताइए दिव्या का मूड कैसा है."

"उसे अब कोई दिक्कत नहीं थी और जो थी वो मैंने दूर कर दी तो दिव्या तो एकदम कूल है. अभी नहा रही है. तुम भी रेणुका को जगा लो और नहा धोकर नीचे आ जाओ. कही घूमने चलते है." राजेश बोला. मुझे जान कर अच्छा लगा की कम से कम एक औरत तो शांत है. मैंने रेणुका को जगाया और बताया की राजेश और दिव्या हमें साथ घूमने के लिए बुला रहे हैं.
रेणुका बोली "अब मुझे उनके साथ कहीं नहीं जाना. उनसे कह दो की मेरी तबियत ख़राब है."

"ठीक है. मैं उनसे कह देता हूँ की तुम्हारी तबियत ख़राब है तो हम दोनों नहीं जायेंगे लेकिन कही फिर वो दोनों अपना प्रोग्राम कैंसिल करके तुम्हे देखने यहाँ न आ जाये." मैंने रेणुका से कहा.

"तुम एक काम करो. तुम तैयार हो जाओ और उनके साथ चले जाओ और उनसे कह दो की मैं सो रही हूँ तो नहीं जाऊंगी. और नीचे जाकर मेरे लिए नाश्ता यहीं पर भिजवा देना" रेणुका बोली.

मैंने कहा "ठीक है. देखता हूँ"

"देखता हूँ नहीं. तुम चले ही जाओ." रेणुका बोली तो मैं नहा कर ब्रेकफास्ट करने नीचे चला गया. वहां मुझे दिव्या मिल गयी. उसने एक बहुत सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे वो बहुत माल लग रही थी.

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मैंने उससे कहा "बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान."

वो हंस कर बोली "पराई औरतों से ऐसे बात करते है"
"पराई? अरे भूल गयी कल हमारी शादी हुई है. तुम मेरी बीवी हो हाँ कल हमारी सुहागरात नहीं हुई लेकिन वो तो हमने परसों ही मना ली थी."
दिव्या हसने लगी और फिर मुझसे ऐसे बात करने लगी जैसे की कुछ हुआ ही न हो. हम दोनों साथ साथ ब्रेकफास्ट करने लगे. मैंने सोचा चलो कम से कम ये तो मान गयी वरना पंडित वाले ५००० पूरे पानी में चले जाते.
मैंने उससे पुछा "राजेश कहाँ है?"
"नहा रहा है. मुझे भूख लगी थी तो मैं खाने आ गयी. कल रात राजेश ने बहुत मेहनत करवाई है मुझसे. तुम्हारी बीवी समझ कर चोद रहा था." दिव्या मुस्कुरा कर बोली. "सही तो समझ रहा था" कह कर मैंने भी उस पर प्यार से एक नज़र डाली. तब तक राजेश भी आ गया और उसने पुछा "तैयार हो गए? रेणुका कहाँ है?"
"वो जाने से मना कर रही है. बोल रही है की तबियत ख़राब है." मैंने बताया.
"कोई बात नहीं. मेरी तबियत भी कुछ गड़बड़ लग रही है. एक काम करो तुम दिव्या को लेकर कौसानी चले जाओ. अभी जाओगे तो दोपहर तक पहुचोगे. वहां मैंने मेरे नाम से होटल के २ रूम बुक करवाये है. तुम एक रूम कैंसल करके रात में वही रुक जाना और कल वापस आ जाना. मैं भी एक दिन रेस्ट कर लूं." राजेश गाडी का चाभी मुझे देता हुआ बोला.
"पर मैंने रेणुका को बोला है की कल सुबह हम वापस जायेंगे. मैं रेणुका को नाश्ता देकर आता हूँ और पूछ भी लेता हूँ वरना वो और नाराज़ हो जाएगी." मैंने राजेश से बोला.
"तुम जाओ यार. अब रेणुका को मेरे ऊपर छोड़ दो. उसका नाश्ता मैं भिजवा दूंगा और समझा भी दूंगा.".राजेश बोला.
मैंने राजेश से कहा "देखिये कोई जबरदस्ती मत कीजियेगा. कही वो ज्यादा नाराज़ न हो जाए."
"कैसी बात कर दी भाई तुमने. तुम चिंता मत करो. जाओ एन्जॉय विथ योर न्यू वाइफ." राजेश बोला.
दिव्या भी मुझसे बोली "अरे अब चलो भी."
दिव्या के कहने पर मैं इंकार कर ही नहीं सकता था. मैं फ़ौरन उसका हाथ पकड़ कर निकल पड़ा. उधर राजेश ने दो प्लेटो में नाश्ता लगवाया और वेटर के साथ रेणुका के पास कमरे में पहुच गया.
 
अब तक रेणुका भी नहा कर रेडी हो गयी थी और नाश्ते का वेट कर रही थी. वेटर ने डोर नॉक किया तो रेणुका ने दरवाजा खोला. सामने राजेश को देख कर वो चौंक गयी. राजेश ने वेटर से नाश्ता अन्दर रखने को बोला और खुद भी अन्दर आ गया. वेटर ट्रे रख कर चला गया. राजेश ने डोर बंद कर लिया. रेणुका को राजेश के सामने काफी शर्म आ रही थी. उसे याद आ रहा था की कैसे राजेश ने इसी कमरे में उसे चोदा था और कैसे वो उस रात राजेश का लंड चूस रही थी और कल राजेश ने उसकी मांग भर कर उसे मंगलसूत्र भी तो पहना दिया था. उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे.

राजेश ने रेणुका से पुछा "अब तबियत कैसी है तुम्हारी".

"ठीक है. मनीष कहाँ है." रेणुका ने बोला.

"दिव्या को कौसानी जाना था और मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही तो मैंने मनीष को रिक्वेस्ट की की वो दिव्या को कौसानी घुमा लाये. वो जाना नहीं चाहता था. कह रहा था की तुम्हारी तबियत भी कुछ ठीक नहीं है तो मैंने बोल दिया की मैं तुम्हारा ध्यान रखूंगा तब कही वो जाने के लिए माना." राजेश बोला.

रेणुका को बहुत गुस्सा आया क्योंकि उसने साफ़ साफ़ कह दिया था की वो राजेश के सामने नहीं जाना चाहती और मनीष उसे राजेश के भरोसे छोड़ कर चला गया फिर उसने सोचा की उसने ही तो मनीष को जाने के लिए बोला था. लेकिन जब राजेश रुक रहा था तो उसे भी रुकना चाहिए था. "नाश्ता कर लो." राजेश ने उसे बोला तो वो अपने खयालो से बाहर आई.

"कुछ कहा आपने" रेणुका ने पुछा.

"मैंने कहा की नाश्ता कर लो. मैंने भी नहीं किया सोचा की साथ में करेंगे." राजेश बोला और रेणुका का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ सोफे पर बिठा दिया और रेणुका चुपचाप क्रीम टोस्ट खाने लगी. थोड़ी क्रीम रेणुका के मुह पर लग गई.

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राजेश उसे चुपचाप खाते हुए देख रहा था. उसने आगे बढ़ कर रेणुका के होठो पर लगी क्रीम अपने हाथ से साफ़ करके चाट ली और फिर बोला "ये पनीर पकोड़ा भी खाओ."

"नहीं मुझे पसंद नहीं" रेणुका बोली.

राजेश ने एक पकोड़ा उठाया और आधा खाकर बोला "अरे ये तो बहुत टेस्टी है. खाकर तो देखो." और उसने अपना जूठा पकोड़ा रेणुका की तरफ बढ़ा दिया. "प्लीज खाओ न" राजेश ने फिर से इसरार किया. रेणुका ने बेमन से वो पकोड़ा खा लिया. वो चाहती थी की जल्दी से नाश्ता ख़तम हो और राजेश बाहर जाए. राजेश ने इसी तरह काफी सारी चीजे अपने हाथो से रेणुका को खिलाई और रेणुका ने भी बिना ना नुकुर किये खा ली. आखिर में राजेश ने जूस का गिलास उठाया और रेणुका के मुह से लगा दिया. रेणुका ने एक सिप ले लिया फिर राजेश ने भी उस गिलास से एक सिप ले लिया और बोला "लोग कहते है की एक दुसरे का जूठा खाने से पति पत्नी का प्यार बढ़ता है" और फिर उसे रेणुका की तरफ बढ़ा दिया. रेणुका ने कुछ नहीं कहा बस एक सिप ले लिया. वो और राजेश एक ही गिलास से जूस पीते रहे.
 
जूस ख़तम करके रेणुका ने राजेश से कहा "अब आप अपने कमरे में जाइये. मुझे थोडा रेस्ट करना है और आप भी तो कह रहे थे की आपकी तबियत ठीक नहीं है तो आप भी थोडा रेस्ट करिए."

राजेश बोला "वैसे मेरी तबियत तो तुम्हारे साथ ब्रेकफास्ट करके ही ठीक हो गयी है पर तुम रेस्ट करो. मैं जाकर थोडा टीवी देखता हूँ. कुछ चाहिए तो मुझे फोन कर देना"

रेणुका को लग रहा था की राजेश अब उसको अपनी बीवी बोल कर परेशान करेगा तो राजेश के जाने पर रेणुका ने चैन की सांस ली. उसने रूम सर्विस को बुला कर रूम क्लीन करवाया और कपडे बदल कर मनीष की एक ढीली सी शर्ट पहन ली और सोने के मूड से बेड में घुस गयी.

तभी राजेश बीच वाला दरवाजा खोल कर उसके रूम के अंदर आ गया और बोला "मेरे रूम में टीवी कुछ प्रॉब्लम कर रहा है. तुम आराम करो. मैं यही बैठ कर थोड़ी देर टीवी देखता हूँ." राजेश ने टीवी ओन किया और सोफे पर बैठ कर देखने लगा. वो कपडे चेंज करके बरमूडा टीशर्ट में आ गया था. अब रेणुका कहती भी तो क्या कहती तो वो आंखे बंद करके लेट गयी. काफी देर लेटने के बाद भी जब उसे नींद नहीं आई. तभी उसे लगा की राजेश भी बेड पर बैठ गया है तो उसने आँखे खोली.

राजेश बोला "उधर से टीवी देखने में दिक्कत हो रही थी अगर तुम चाहो तो मेरे रूम में जाकर रेस्ट कर सकती हो"

"नहीं ठीक है" रेणुका बोली क्योंकि वो चादर से बाहर कैसे निकलती. उसने सिर्फ एक शर्ट और पेंटी पहनी थी और नीचे कुछ नहीं पहना. उसने चादर ठीक से दबा लिया और राजेश के साथ ही टीवी देखने लगी.

राजेश ने बार बार चैनल चेंज कर रहा था. अचानक एक जगह ओरिजिनल सिन नाम की एक फिल्म आ रही थी. राजेश ने रेणुका से पुछा "ये फिल्म देखी है"

रेणुका बोली "नहीं"

"मैंने भी नही देखी. चलो देखते है" राजेश बोला. राजेश जानता था की रेणुका कल की चुदाई के कारण थोड़ी सी असहज है. वो फिल्म राजेश की पहले भी देखी हुई थी और वो जानता था की उसमे काफी सारे सेक्सी सीन है. उसने सोचा शायद रेणुका उसके साथ ऐसी सेक्सी फिल्म देख कर थोड़ी सहज हो जाए.

रेणुका को फिल्म अच्छी लग रही थी तो वो ध्यान से फिल्म देख रही थी की अचानक फिल्म में अंजेलीना जोली का नूड सीन आ गया जिसमे वो अंतोनियो से चुदवा रही है.

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रेणुका ने देखा की राजेश की नज़र उसी की तरफ है तो रेणुका ने नज़रे झुका ली और उसके गाल शर्म से लाल हो गए. राजेश मौका देख कर रेणुका के पास आ गया और उसने अपना हाथ रेणुका की छाती पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा. रेणुका वापस टीवी देखने लगी. सीन अभी भी चल रहा था. उसकी आँखों में वासना के लाल डोरे तैरने लगे. रेणुका ने सोचा की जब मनीष को कोई एतराज़ नहीं है तो क्यों न राजेश से एक बार और चुदवा लिया जाए और वैसे भी मनीष ही तो राजेश को यहाँ छोड़ कर गया है. तब तक राजेश के ऊपर चढ़ गया और रेणुका के चेहरे को पकड़ कर चूमने लगा.
 
अब भी रेणुका के मन में कहीं न कहीं ये चल रहा था की ये गलत हो रहा है. उसने राजेश को अपने से अलग किया पर राजेश ने रेणुका को अपनी बाँहों में ले लिया.

रेणुका ने राजेश से कहा “आप यह क्या कर रहे है. छोड़िये मुझे."

राजेश बोला “छोड़िये नहीं चोदिये बोलो जानेमन जैसे उस दिन चोदा था."

राजेश ने रेणुका की चादर हटा दी और देखा की उसने सिर्फ एक शर्ट पहनी है तो उसे खीच कर अपनी गोद में बिठा लिया. राजेश रेणुका की जाघों पर हाथ फेरने लगा. रेणुका राजेश का मुकाबला कहाँ कर सकती थी?

रेणुका ने फिर से कहा “उस दिन जो हुआ वो ठीक नहीं था."

राजेश ने कहा “क्या गलत था उसमे. एक पति अपनी पत्नी को चोद रहा था और मैं जानता हूँ की मेरी नयी नवेली बीवी अभी भी मुझसे चुदना चाहती है"

रेणुका को लगा की कैसे राजेश ने उसके मन की बात समझ ली और वो खामोश हो गयी. रेणुका का पके स्तनों और फूली हुई निप्पलोँ का स्पर्श राजेश को पागल कर रहा था. रेणुका के निप्पल एकदम कड़क हो गए थे जिससे राजेश समझ गया था की रेणुका मुह से जो भी कहे उसके मन में कुछ और है.

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रेणुका ने महसूस किया की राजेश का लण्ड फुलता जा रहा है जो की उसके पिछवाड़े में टक्कर मार रहा है. वो जानती थी की अब राजेश उसे चोदे बगैर नहीं छोड़ेगा और वो मानसिक रूप से इसके लिए तैयार भी थी लेकिन फिर भी उसने आखिरी कोशिश की.

उसने राजेश से कहा “आप अपने रूम में जाइये. देखिये यह ठीक नहीं है. मैं एक शादी शुदा औरत हूँ”

“तो क्या शादी के बाद जिंदगी ख़त्म हो जाती है. मैं भी तो शादीशुदा हूँ और मेरी शादीशुदा बीवी तुम्हारे शादीशुदा पति के साथ क्या कर रही होगी ये तो तुम जानती ही हो और भूलो मत कल हमारी भी तो शादी हुई है" राजेश ने बोला.

रेणुका अपनी नज़रे झुका के बोली “ऐसे थोड़ी न होता है. मनीष ही मेरा पति है. कल जो आपने किया उससे ही क्या हमारी शादी हो जाएगी" रेणुका बोली.

राजेश बोला "मैंने कब कहा की मनीष तुम्हारा पति नही है मैंने तो ये कहा था की अब से तुम्हारे दो पति है और अगर तुम्हे मंदिर की शादी पर भरोसा नहीं है तो अभी चलो, कोर्ट में चल मैं तुमसे कानूनी शादी कर लेता हूँ पर अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता." राजेश की बात सुनकर रेणुका ने नज़रे झुका ली.

राजेश ने रेणुका का चेहरा ऊपर उठाया और आँखों में आँखें डाल कर बोला “रेणुका मैं जानता हूँ तुम भी मेरे लण्ड के लिए तरस रही हो पर मैं तुम पर कोई जबरदस्ती नहीं करूंगा. में तुम्हारे मुंह से “हाँ या ना” सुनना चाहता हूँ. बोलो हाँ या ना?”

रेणुका ने राजेश की आँखों में आँखें मिलाई और फिर अपनी गर्दन झुका दी और कुछ नहीं बोली. उसने सोचा की उसके नजरें झुकाने से राजेश समझ जाएगा की उसे चुदवाने में कोई आपत्ति नहीं थी पर राजेश रेणुका के मुह से हाँ कहलवाना चाहता था. वो रेणुका की झिझक ख़तम करना चाहता था. पर रेणुका शर्मा रही थी वो अपने मुंह से कहाँ हाँ कहने वाली थी.
राजेश ने फिर उसकी गर्दन ऊपर की और तीखी नजर से देखा तो रेणुका ने शरमाते हुए कहा “आप मेरी तरफ ऐसे मत देखिये क्योंकि मैं हाँ नहीं कहूँगी लेकिन आपको कुछ करने से रोकूंगी भी नही.”
 
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