hotaks444
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मैं नीचे बैठ गया और जोर जोर से चाची की चूत में उंगली करने लगा.......जैसे ही मेरी उंगलिया पूरी अन्दर तक ऊतर जाती मेरा हाथ चाची के नितम्बो से टकरा जाता और वो ऐसे हिल जाते जैसे जेल्ली हो.....
चाची की पूरी चूत पनिया चुकी थी........
चाची अब भी कोमल भाभी की बातें सुनने की कोशिश कर रही थी.......
बेचारी चाची फंस गयी थी.....अगर मुझे कुछ बोलती तो कोमल भाभी को शक हो जाता और नहीं बोलती तो मैं तो मस्त मुनिया में दो दो उँगलियाँ फ़साये हुए था.
नीचे से कोमल भाभी फिर बोली, " अरे नीलू चाची......वो जिस्म २ आने वाली है......सुना हैं उसकी हिरोइन कोई सनी लियोनि है.....अमेरिका में गंदे गंदे रोल करती थी......
चाची ने कराहते आह भरकर पुछा, " गंदे मतलब........."
कोमल भाभी बोली, " अरे चाची.....वो गन्दी गन्दी फिल्मो में काम करती है वहां पर.... "
मैंने जोर से अपनी उंगली मुनिया में डाली तो बेचारी चाची के मुंह से फिर हाय निकल गयी.......कोमल भाभी समझी की चाची को उनकी बातों से मज़ा आ रहा है.
कोमल भाभी बोली, "राम चाची.......आप को तो दिनभर यह ही सब सूझता रहता है........आप ना सच्ची में बहुत ही बेकार हो........"
चाची क्या बोलती............चाची ने फिर मुझे पीछे मुडकर देखा और ऑंखें तरेरी........
फिर धीरे से बोली " साले हरामी......मरवाएगा तू आज......."
यह बोलकर उस हरामन ने मेरे बाबुराव को, जो की अंडरवियर से आधा बाहर झांक रहा था, को पकड़ा और चड्डी से बाहर खिंच लिया......मेरी आह निकल गयी.
चाची ने मेरे बाबुराव को सुपाड़े के नीचे से पकड़ा जैसे कसाई मुर्गे को गर्दन से पकड़ता है. वो अभी भी झुकी तो मुंडेर पर ही थी मगर मुड़ कर मेरे बाबुराव की जान निकाले जा रही थी......ठंडी ठंडी हवा चाची के बालो को बिखरा रही थी और मेरे नंगे कुल्हो पर गुदगुदी कर रही थी.
सच ही है.....सावन का महीना ही मादक होता है......इंसान तो इंसान.....कुत्ते कुतिया भी इस मौसम में हर गली में चोदते चुदाते मिल जाते है.
मैंने कचकचा कर चाची की मुनिया में उंगली करने की स्पीड बड़ा दी.....तुरंत ही चाची ने भी मेरे बाबुराव पर अपनी पकड़ मजबूत की और कड़क कड़क हाथ से मेरी मुठ मारने लगी. चाची मुंडेर पर झुकी झुकी ही पीछे मुड़ कर मुझे देख रही थी....उनका मुंह उत्तेजना से खुला हुआ था . और ....मेरे दांत भींचे हुए थे और मेरी ऑंखें चाची की आँखों में लोक हो गयी थी.
अचानक नीचे से कोमल भाभी चिल्लाई, "अरे नीलू चाची.......क्या कर रही हो यार........."
चाची ने हडबडा कर नीचे देखा मगर मेरा लंड नहीं छोड़ा, " अरे यार......वो कपडे निचोड़ रही हूँ........बोल ना............."
चाची सच में मेरे बाबुराव को कपडे जैसे निचोड़ रही थी.....उनके छोटे छोटे नाज़ुक हाथों में बला की ताकत थी........उन्होंने मेरे बाबुराव को इस मजबूती से पकड़ रखा था की कोई मुझे छत से लटका देता तो भी उनकी पकड़ ढीली नहीं होती.
कोमल भाभी बोली, "चाची.......यह मौसम में......कितना अच्छा लगता है ना.........मैंने तो इनसे कहा था की आज ऑफिस मत जाओ........दिन भर.......घर में ही रहेंगे........मगर इनको तो एक साल में ही कंपनी का मालिक बनना है............मालूम है मुझसे ढंग से बाय बोले बिना ही चले गए......."
चाची बेचारी क्या बोलती, एक औरत जो अपनी चूत में दो दो उंगलिया फंस्वाए खुले आम अपनी छत पर नंगी खड़ी हो, उसके हाथ में एक लपलपाता हुआ लौड़ा हो तो क्या बोलेगी......
नीचे से बेचारी कोमल भाभी अपने दुखड़ा सुनाये जा रही थी.......
"अरे चाची......कल रात को हमने वो वाली DVD देखी थी............ये भी न इतने बेशरम है..........मैं तो समझी की मजाक कर रहे है......मगर इन्होने तो सच में DVD दिखा दी...........काले आदमी गोरी लड़कियों के साथ..........राम राम.......मुझे नहीं पता था की इतना बड़ा भी होता है.............पता है......आधे आधे घंटे तक कर रहे थे.......बिना रुके.........जरुर कुछ खाते होंगे.............वर्ना कोई इतनी देर तक थोड़ी कर सकता है............ये तो......दो तीन मिनट में ही............अरे चाची आपका ध्यान कहाँ है....???? "
चाची बेचारी अपनी मुनिया के हाल चाल समझने में लगी थी......मैंने अपना दूसरा हाथ बड़ा कर उनके मम्मो को भी ब्लाउस के ऊपर से ही दबोच लिया था........
चाची बोली, " हें......हाँ.......क्या बोली.........कोमल भाभी...........हाँ हाँ.......बहुत बड़े होते है इन मरे कालो के...........आह......."
कोमल भाभी ने शक की टोन से पूछा, " क्यों चाची......सच्ची सच्ची बताओ कौन है आपके साथ...........जरुर चाचा जी है........क्या कर रहे हो........दोनों...."
चाची घबरा गयी, " अरे नहीं.......क.....क.....कोई नहीं है......."
यह बोलकर उन्होंने मेरा लौड़ा छोड़ा और थोडा और आगे झुक कर कोमल भाभी को सफाई देने लगी.....
"अरे वो तो मैं कपडे निचोड़ रही थी.....और मेरी कमर दुःख रही थी न.......इसीलिए.......... आआआआआआहहहहहहहहहहहहह"
चाची के झुकने से उनकी टपकती हुयी चूत खुल कर मेरे सामने आ गयी थी......मैंने आव देखा न ताव और अपने लौड़ा सीधा चाची के छेद पर निशाना मार के ठोक दिया, कामरस से भीगी चूत ने कोई विरोध नहीं किया और लपक कर बाबुराव को पूरा अपने अन्दर समां लिया.
चाची की कराह और आह सुनकर कोमल भाभी का शक यकीं में बदल गया...........
वो बोली, "हाय राम......चाची........आप तो बिन्दासों की रानी निकली.......चाचा के साथ खुल्ले आम........."
चाची क्या बोलती......मैं कचकचा कर इतने जोर जोर से ठोक रहा था की मेरे जांघ की चाची की जांघ से टकराने की ठाप कोमल भाभी को भी सुनाई दे रही होगी. और चाची बेचारी मुंडेर को सहारे के लिए पकडे हुए उसी पर अपने सर टिका कर बड़े प्रेम से ले रही थी.
कोमल भाभी की ऑंखें फ़ैल गयी थी, वो बोली, " च च चाची.......आप एन्जाय करो....मैं जाती हूँ........"
तभी मैंने चाची के मम्मो को मसल दिया.....चाची चिल्लाई, " न न न नहीं........."
कोमल भाभी पलटी और उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव आ गए........वो बोली, "आ आ आप का मतलब है चाची की मैं रुकू.......????"
मैंने अपने पूरा लंड चाची की भीगी भागी चूत से बहार खिंचा और धप्प से अन्दर पेल दिया......चाची बोली, " य य यस.........हाँ........"
कोमल भाभी समझी की चाची ने उनको रुकने के लिए बोल दिया है.......वो वही की वही अपनी गर्दन ऊँची किये अपनी सहेली को ठुकवाते हुए देखने लगी.
कोमल भाभी की ऑंखें फ़ैल गयी थी, वो बोली, " च च चाची.......आप एन्जाय करो....मैं जाती हूँ........"
तभी मैंने चाची के मम्मो को मसल दिया.....चाची चिल्लाई, " न न न नहीं........."
चाची की पूरी चूत पनिया चुकी थी........
चाची अब भी कोमल भाभी की बातें सुनने की कोशिश कर रही थी.......
बेचारी चाची फंस गयी थी.....अगर मुझे कुछ बोलती तो कोमल भाभी को शक हो जाता और नहीं बोलती तो मैं तो मस्त मुनिया में दो दो उँगलियाँ फ़साये हुए था.
नीचे से कोमल भाभी फिर बोली, " अरे नीलू चाची......वो जिस्म २ आने वाली है......सुना हैं उसकी हिरोइन कोई सनी लियोनि है.....अमेरिका में गंदे गंदे रोल करती थी......
चाची ने कराहते आह भरकर पुछा, " गंदे मतलब........."
कोमल भाभी बोली, " अरे चाची.....वो गन्दी गन्दी फिल्मो में काम करती है वहां पर.... "
मैंने जोर से अपनी उंगली मुनिया में डाली तो बेचारी चाची के मुंह से फिर हाय निकल गयी.......कोमल भाभी समझी की चाची को उनकी बातों से मज़ा आ रहा है.
कोमल भाभी बोली, "राम चाची.......आप को तो दिनभर यह ही सब सूझता रहता है........आप ना सच्ची में बहुत ही बेकार हो........"
चाची क्या बोलती............चाची ने फिर मुझे पीछे मुडकर देखा और ऑंखें तरेरी........
फिर धीरे से बोली " साले हरामी......मरवाएगा तू आज......."
यह बोलकर उस हरामन ने मेरे बाबुराव को, जो की अंडरवियर से आधा बाहर झांक रहा था, को पकड़ा और चड्डी से बाहर खिंच लिया......मेरी आह निकल गयी.
चाची ने मेरे बाबुराव को सुपाड़े के नीचे से पकड़ा जैसे कसाई मुर्गे को गर्दन से पकड़ता है. वो अभी भी झुकी तो मुंडेर पर ही थी मगर मुड़ कर मेरे बाबुराव की जान निकाले जा रही थी......ठंडी ठंडी हवा चाची के बालो को बिखरा रही थी और मेरे नंगे कुल्हो पर गुदगुदी कर रही थी.
सच ही है.....सावन का महीना ही मादक होता है......इंसान तो इंसान.....कुत्ते कुतिया भी इस मौसम में हर गली में चोदते चुदाते मिल जाते है.
मैंने कचकचा कर चाची की मुनिया में उंगली करने की स्पीड बड़ा दी.....तुरंत ही चाची ने भी मेरे बाबुराव पर अपनी पकड़ मजबूत की और कड़क कड़क हाथ से मेरी मुठ मारने लगी. चाची मुंडेर पर झुकी झुकी ही पीछे मुड़ कर मुझे देख रही थी....उनका मुंह उत्तेजना से खुला हुआ था . और ....मेरे दांत भींचे हुए थे और मेरी ऑंखें चाची की आँखों में लोक हो गयी थी.
अचानक नीचे से कोमल भाभी चिल्लाई, "अरे नीलू चाची.......क्या कर रही हो यार........."
चाची ने हडबडा कर नीचे देखा मगर मेरा लंड नहीं छोड़ा, " अरे यार......वो कपडे निचोड़ रही हूँ........बोल ना............."
चाची सच में मेरे बाबुराव को कपडे जैसे निचोड़ रही थी.....उनके छोटे छोटे नाज़ुक हाथों में बला की ताकत थी........उन्होंने मेरे बाबुराव को इस मजबूती से पकड़ रखा था की कोई मुझे छत से लटका देता तो भी उनकी पकड़ ढीली नहीं होती.
कोमल भाभी बोली, "चाची.......यह मौसम में......कितना अच्छा लगता है ना.........मैंने तो इनसे कहा था की आज ऑफिस मत जाओ........दिन भर.......घर में ही रहेंगे........मगर इनको तो एक साल में ही कंपनी का मालिक बनना है............मालूम है मुझसे ढंग से बाय बोले बिना ही चले गए......."
चाची बेचारी क्या बोलती, एक औरत जो अपनी चूत में दो दो उंगलिया फंस्वाए खुले आम अपनी छत पर नंगी खड़ी हो, उसके हाथ में एक लपलपाता हुआ लौड़ा हो तो क्या बोलेगी......
नीचे से बेचारी कोमल भाभी अपने दुखड़ा सुनाये जा रही थी.......
"अरे चाची......कल रात को हमने वो वाली DVD देखी थी............ये भी न इतने बेशरम है..........मैं तो समझी की मजाक कर रहे है......मगर इन्होने तो सच में DVD दिखा दी...........काले आदमी गोरी लड़कियों के साथ..........राम राम.......मुझे नहीं पता था की इतना बड़ा भी होता है.............पता है......आधे आधे घंटे तक कर रहे थे.......बिना रुके.........जरुर कुछ खाते होंगे.............वर्ना कोई इतनी देर तक थोड़ी कर सकता है............ये तो......दो तीन मिनट में ही............अरे चाची आपका ध्यान कहाँ है....???? "
चाची बेचारी अपनी मुनिया के हाल चाल समझने में लगी थी......मैंने अपना दूसरा हाथ बड़ा कर उनके मम्मो को भी ब्लाउस के ऊपर से ही दबोच लिया था........
चाची बोली, " हें......हाँ.......क्या बोली.........कोमल भाभी...........हाँ हाँ.......बहुत बड़े होते है इन मरे कालो के...........आह......."
कोमल भाभी ने शक की टोन से पूछा, " क्यों चाची......सच्ची सच्ची बताओ कौन है आपके साथ...........जरुर चाचा जी है........क्या कर रहे हो........दोनों...."
चाची घबरा गयी, " अरे नहीं.......क.....क.....कोई नहीं है......."
यह बोलकर उन्होंने मेरा लौड़ा छोड़ा और थोडा और आगे झुक कर कोमल भाभी को सफाई देने लगी.....
"अरे वो तो मैं कपडे निचोड़ रही थी.....और मेरी कमर दुःख रही थी न.......इसीलिए.......... आआआआआआहहहहहहहहहहहहह"
चाची के झुकने से उनकी टपकती हुयी चूत खुल कर मेरे सामने आ गयी थी......मैंने आव देखा न ताव और अपने लौड़ा सीधा चाची के छेद पर निशाना मार के ठोक दिया, कामरस से भीगी चूत ने कोई विरोध नहीं किया और लपक कर बाबुराव को पूरा अपने अन्दर समां लिया.
चाची की कराह और आह सुनकर कोमल भाभी का शक यकीं में बदल गया...........
वो बोली, "हाय राम......चाची........आप तो बिन्दासों की रानी निकली.......चाचा के साथ खुल्ले आम........."
चाची क्या बोलती......मैं कचकचा कर इतने जोर जोर से ठोक रहा था की मेरे जांघ की चाची की जांघ से टकराने की ठाप कोमल भाभी को भी सुनाई दे रही होगी. और चाची बेचारी मुंडेर को सहारे के लिए पकडे हुए उसी पर अपने सर टिका कर बड़े प्रेम से ले रही थी.
कोमल भाभी की ऑंखें फ़ैल गयी थी, वो बोली, " च च चाची.......आप एन्जाय करो....मैं जाती हूँ........"
तभी मैंने चाची के मम्मो को मसल दिया.....चाची चिल्लाई, " न न न नहीं........."
कोमल भाभी पलटी और उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव आ गए........वो बोली, "आ आ आप का मतलब है चाची की मैं रुकू.......????"
मैंने अपने पूरा लंड चाची की भीगी भागी चूत से बहार खिंचा और धप्प से अन्दर पेल दिया......चाची बोली, " य य यस.........हाँ........"
कोमल भाभी समझी की चाची ने उनको रुकने के लिए बोल दिया है.......वो वही की वही अपनी गर्दन ऊँची किये अपनी सहेली को ठुकवाते हुए देखने लगी.
कोमल भाभी की ऑंखें फ़ैल गयी थी, वो बोली, " च च चाची.......आप एन्जाय करो....मैं जाती हूँ........"
तभी मैंने चाची के मम्मो को मसल दिया.....चाची चिल्लाई, " न न न नहीं........."