hotaks444
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[size=large][size=large][size=large][size=large]देवा का मन करता है अभी के अभी अंदर जाके उन दोनों को निचोड निचोड के पीता जाये । मगर वो खुद को किसी तरह क़ाबू में करता है।
शालु वो ब्रा भी निकाल देती है बस उसी वक़्त देवा की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है उसने इतने गोरे गोरे और बड़े बड़े ब्रैस्ट और गुलाबी निप्पल्स कभी नहीं देखा था।
शालु;एक ब्लैक कलर की ब्रा उठाके पहन लेती है और उसपे ग्रीन कलर का ब्लाउज।
वो फिर से आइने में खुद को देखते हुए ग्रीन कलर की साडी पहनने लगती है।
हरी साडी में देवा को ऐसे महसूस होता है जैसे शालु उसे हरी झण्डी दिखा रही हो ।
देवा का लंड उसके पेंट में जम के फौलाद हो चुका था।
शालु;अपना एक हाथ ब्लाउज के अंदर डालती है और अपने एक ब्रैस्ट को बाहर निकाल के उसे दूबारा अंदर डालके एडजस्ट करती है।
शालु;देवा को आवाज़ लगाती है।
देवा;अपने लंड को किसी तरह इधर उधर एडजस्ट करता हुआ शालु के कमरे में चला जाता है।
हाँ काकी बोलो।
शालु; बेटा वो ज़रा पायल मेरे पैर में डाल देगा मुझसे नहीं पहनी जाती। उसका मुंह बहुत छोटा है।
देवा;पास पड़ी हुई पायल उठाके निचे बैठ जाता है।
और शालू अपनी साडी ऊपर कर देती है।
देवा;काँपते हाथों से शालु के पैर में पायल पहनाने लगता है।
शालु;अरे यहाँ डरोगे तो वहां क्या करोगे।
देवा;क्या।
शालु;कुछ नहीं हो गया चल अब देर हो रही है।
और देवा शालु के पीछे पीछे उसके मोटे मोटे कमर को हिलता देख बाहर निकल जाता है।[/size][/size][/size][/size]
शालु वो ब्रा भी निकाल देती है बस उसी वक़्त देवा की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है उसने इतने गोरे गोरे और बड़े बड़े ब्रैस्ट और गुलाबी निप्पल्स कभी नहीं देखा था।
शालु;एक ब्लैक कलर की ब्रा उठाके पहन लेती है और उसपे ग्रीन कलर का ब्लाउज।
वो फिर से आइने में खुद को देखते हुए ग्रीन कलर की साडी पहनने लगती है।
हरी साडी में देवा को ऐसे महसूस होता है जैसे शालु उसे हरी झण्डी दिखा रही हो ।
देवा का लंड उसके पेंट में जम के फौलाद हो चुका था।
शालु;अपना एक हाथ ब्लाउज के अंदर डालती है और अपने एक ब्रैस्ट को बाहर निकाल के उसे दूबारा अंदर डालके एडजस्ट करती है।
शालु;देवा को आवाज़ लगाती है।
देवा;अपने लंड को किसी तरह इधर उधर एडजस्ट करता हुआ शालु के कमरे में चला जाता है।
हाँ काकी बोलो।
शालु; बेटा वो ज़रा पायल मेरे पैर में डाल देगा मुझसे नहीं पहनी जाती। उसका मुंह बहुत छोटा है।
देवा;पास पड़ी हुई पायल उठाके निचे बैठ जाता है।
और शालू अपनी साडी ऊपर कर देती है।
देवा;काँपते हाथों से शालु के पैर में पायल पहनाने लगता है।
शालु;अरे यहाँ डरोगे तो वहां क्या करोगे।
देवा;क्या।
शालु;कुछ नहीं हो गया चल अब देर हो रही है।
और देवा शालु के पीछे पीछे उसके मोटे मोटे कमर को हिलता देख बाहर निकल जाता है।[/size][/size][/size][/size]