Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 5 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

देवा;फिर से उसे अंदर ठोक देता है । आहह वो धीरे धीरे पदमा की गाण्ड मारने लगता है वो जानता था पहले कोई भी चिल्लाता है उसके बाद जब गाण्ड खुल जाती है तो हर कोई और मारने के लिए कहता है।

पदमा का भी यही हाल था ज़ोर ज़ोर से चीखने वाली पदमा की आवाज़ में अब सिसकियाँ शामिल हो गई थी वो रोक भी नहीं रही थी बस कमर को और पीछे करके आहह आहह माँ हलके हलके सिसक रही थी।

देवा का हर झटका उसे आगे धकेलता वो फिर से कमर हिलाते हुए पीछे को हो जाती।

देवा अब अपनी स्पीड बढाने लगता है और कमर को दोनों हाथों में थाम के सटा सट लंड गाण्ड में घुसाता चला जाता है।आहह आहह पदमा तेरी चूत से ज़्यादा नरम तो तेरी गाण्ड है आहह बहुत मजा आ रहा है मेरी जान।

पदमा;ओह आह मार ले। आज मै सब कुछ तुझे दे चुकी हूँ राजा। अपनी पदमा को भूलना मत आहह नहीं रह पाऊँगी तेरे लंड के बिना आहः

देवा का लंड पदमा के गाण्ड में तूफ़ान मचाने लगता है।



35 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर खिंच लेता है उसका लंड पदमा के खून से लतपथ था वो जल्दी से अपने लंड को कपडे से साफ़ कर लेता है और अपने कपडे पहनने लगता है।

पदमा अभी भी उसी तरह बेसुध पड़ी हुई थी उस में जैसे जान ही नहीं थी उठके कुछ करने की।

देवा कपडे पहन के पदमा को सीधा करता है उसके होठो को चुमता है और अपने घर की तरफ चल देता है।
 
रात के १० बज रहे थे।सभी गांव वाले सो चुके थे पर हवेली में हिम्मत राव और रानी जाग रहे थे।

रानी;अपने बिस्तर पे पड़ी कुछ पढ़ रही थी।



तभी कोई उसके रूम में आता है और दरवाज़ा बंद कर देता है।

रानी;सर उठाके जब सामने देखती है तो उसके चेहरे पे मुसकान आ जाती है वो सीधी होके बैठ जाती है।

सामने लुंगी में हिम्मत राव खड़ा था।

वो धीरे धीरे रानी के पास आता है और उसके पास लेट जाता है।

रानी;अपने बापू को देख मुस्कुरा रही थी।

हिम्मत राव';रानी को अपने ऊपर खिंच लेता है।

रानी;आहह बापू क्या करते हो माँ आ गई तो।

हिम्मत राव;पगली वो तो कब की सो चुकी है।
उसके दूध में हर रोज़ के तरह मैंने अफीम की गोली मिला दिया था वो तो सुबह ही उठेंगी अब।

रानी;हटो भी बापू।आज मुझे सोने दो बहुत थक गई हूँ मैं।

हिम्मत राव;अरे बिटिया थकान मिटाने के लिए तो आया हूँ तेरे पास।
तूझे पता है ना कस की चुदाई से जिस्म हल्का रहता है।
वो रानी के मोटे मोटे ब्रैस्ट मसलने लगता है।

रानी;उन्हह बापू कितने गंदे हो तुम छोड़ो मुझे नींद आ रही है रानी एक करवट लेके लेट जाती है।

उसकी नाइटी कमर के ऊपर सरक चुकी थी पर रानी उसे नीचे नहीं करती।

हिम्मत;राव;अपनी लुंगी निकाल देता है उसका लंड ज़्यादा बड़ा तो नहीं था पर चूत को खुश करने के क़ाबिल ज़रूर था वो रानी के पीछे लेट जाता है और अपने लंड को हाथ में पकड़ के रानी की गांड के दरार में घीसने लगता है।

रानी; उहं उहं आहह बापू आहह क्या करते हो आह।

हिम्मत राव; अपनी बेटी के ब्रैस्ट को मसलता हुआ अपने लंड को रानी के दोनों पैरों के बीच में घुसा के आगे पीछे करने लगता है जिससे उसका लंड रानी की चूत पे रगड खाने लगा था ।
 
रानी;पलट के अपने बापू के ऑखों में देखने लगती है।
तूम लिए बिना नहीं मानोगे है न बापू।

हिम्मत राव; साली तेरी माँ भी ऐसी ही थी पहले पहले नखरे करती थी फिर अंदर ड़ालने के बाद कमर उछाल उछाल के लेती थी।

रानी; बेटी किसकी हूँ।
हिम्मत राव; तेरी माँ को चोद के पैदा किसने किया है।

दोनो के होंठ मिल जाते है।


रानी को लंड रोज चाहिए था पर रानी को नखरे करके लेने की आदत थी वो हिम्मत राव के कपडे उतार देती है और अपनी नाइटी को एक झटके में निकाल के फ़ेंक देती है।

हिम्मत राव;बिस्तर पे सीधा लेट जाता है।
बिटिया ज़रा चूस ना सुबह से दर्द कर रहा है ये ।

रानी;अपने बापू के लंड को हाथ में पकड़ के पहले नीचे से ऊपर तक चुमती है।
और फिर गलप्प गलप्प उसे मुंह में भर में भर कर चूसने लगती है।

हिम्मत राव;आहह छिनाल बिटिया है तू आहह कितनी बार कहा है तुझे धीरे कर आहह सुनती ही नहीं है आहः

रानी;हिम्मत राव के गण्ड में अपनी एक ऊँगली डाल के लंड चूसने लगती है वो इतने ज़ोर से लंड खिच के चुसती थी की हिम्मत राव की हिम्मत जवाब दे देती थी।

हिम्मत राव;तू ऐसे नहीं सुनेगी। इधर आआ आजा तेरी चूत को मारना पड़ेगा कस के तभी तू सुनती है कमिनी
और वो रानी को अपने ऊपर खेंच लेता है।



रानी;बापू आहह चोदो ना आहह बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत के अंदर आहः

हिम्मत राव;रानी को नीचे करके उसके पैरों के बीच आ जाता है और लंड को सीधा रानी के चूत पे रख के अंदर धक्का मार देता है।
 
इधर रानी जोश में कमर ऊपर उठाके लंड लेने लगती है उधर हिम्मत राव के झटके तेज़ होने लगते है ।

रानी;जानती थी की वो ज़्यादा देर नहीं टिकने वाला
आह बापू इतनी जल्दी झडना मत आहह मुझे रात भर चोदो आहः


हिम्मत राव;हाँ बिटिया आहह वो रानी को नीचे मसलता हुआ अपने लंड को अंदर तक खोंपता जाता है और १०मिन के बाद अपने लंड को बाहर निकाल लेता है।

रानी;अपना मुंह खोल देती है और हिम्मत राव अपने लंड का पानी अपनी बेटी के मुंह में गिराने लगता है।आहः



हिम्मत राव;बिस्तर पे लेट जाता है और रानी अपने बापू के छाती पे सर रख देती है।

रानी;बापू आप माँ की भी लेते हो न।

हिम्मत राव;बिलकुल नहीं जबसे तेरे से कसम खाया हूँ उस दिन से उसे एक बार भी नहीं चोदा।

रानी;ये सुनके मुस्कुरा देती है और अपने बापू के होठो को चूम लेती है।

हिम्मत राव;बिटिया देवा तेरे प्यार में पड़ के हमारा काम करेंगा।

रानी;बापू एक बार देवा को मै पटा लूँ उसके बाद वो हर वो काम करेंगा जो मै उसे करने के लिए कहुंगी।

हिम्मत राव;बस तू उसे पटा ले और उसके बाद किसी तरह उसे तेरी माँ रुक्मणी को पटाके चोदने पर लगा दे। उसके बाद मै गांव वालो के साथ उन दोनों को रंगे हाथों पकड़ लुंगा और उन दोनों का गांव निकाला हो जायेगा।

रानी; बापू ये काम तो आप किसी से भी करवा सकते थे न फिर देवा ही क्यूं।

हिम्मत राव;उसके बाप ने भरे पंचायत के सामने मुझे थप्पड मारा था। उसी दिन मैंने कसम खाया था की उसके पूरे खानदान को ख़तम कर दूंगा।

जिस दिन तेरी माँ और देवा का परिवार इस गांव से निकाला जायेगा उसी दिन रास्ते में मै उन सभी को अपने बन्दूक से भून दूंगा और किसी कुँए में गाड दूंगा।

रानी: मैं तो उस चुड़ैल से पीछा छुडाना चाहती हूँ आप को भी वही मिली थी शादी करने के लिये।
 
हिम्मत राव;रानी बेटी वो दहेज़ में अपने साथ 100 एकड़ ज़मीन और 1 करोड़ के गहने लेके आई थी। सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है तेरी सौतेली माँ। मैने सिर्फ उससे पैसों के लिए शादी किया था।वो अचानक मर गई तो सारा इलज़ाम मुझपे आयेंगा और हम दोनों को हवालात की सैर करनी पड़ सकती है।

उसे बदचलन साबित करके गांव निकाला कर देंगे और लोग समझेंगे उन दोनों ने शर्म के मारे आत्मा हत्या कर ली समझी मेरी रानी।।

रानी;अपने बापू को चुमती चली जाती है । वो पगली अपने बापू को अपना सब कुछ दे चुकी थी पर वो ये नहीं जानती थी की हिम्मत राव कितना कमीना इंसान है। वो इस मुकाम तक ऐसे ही नहीं पहुंचा एक मामूली चपरासी का बेटा आज जागिरदार ऐसे ही नहीं बन गया। उसने कितने लोगों के लाशों पे पैर रख के यहाँ पहुंचा था ये सिर्फ हिम्मत राव जानता था।

रानी और हिम्मत राव के बीच ये सब आज से 3 साल पहले शुरू हुआ था।

जब रानी की सगी माँ उसे छोड के हमेशा हमेशा के लिए चली गई थी ।

रानी की माँ के मरने के 6 महिने बाद हिम्मत राव ने दूसरी शादी कर लिया रुक्मणी से।

रुक्मणी; एक बहुत बड़े घर से ताल्लूक रखती थी अपने माँ बाप की एकलौती सन्तान थी। रुक्मणी के माँ बाप के पास जो कुछ था उन्होने रुक्मणी को शादी के दिन दे दिया और दोनों तीर्थ यात्रा पर निकल गए उसके बाद से रुक्मणी के माँ बाप की कोई खबर नहीं आई। कहते है वो भी इस दुनिया में नहीं रहे।

रुक्मणी जिस दिन से हवेली में आई थी उस दिन से रानी की आँख का कांटा बनी हुई थी हालाँकि रुक्मणी ने कभी भी रानी को अपने सौतेली बेटी के तरह नहीं देखी।

उस वक़्त रानी जवानी के दहलीज़ पे कदम रख चुकी थी।
हिम्मत राव;रुक्मणी के साथ बेहद खुश था एक रात जब वो रुक्मणी को नंगी करके अपने कमरे में चोद रहा था तो उसने देखा की खिडकी में से कोई उसे देख रहा है वो और कोई नहीं बल्कि रानी थी।

दूसरे दिन वो रानी के रूम में गया रानी बहुत डर गई थी। उसे लगने लगा था की हिम्मत राव पता नहीं उसे क्या कहेगा पर हिम्मत राव ने कुछ कहा नहीं बल्कि कुछ ऐसा किया जिससे रानी का अंग अंग सिहर उठा।

हिम्मत राव; ने रानी को बिस्तर पे पटक के उसके मुंह में अपना लंड डाल के उसे खूब चुसवाया।
 
उस दिन रानी ने लंड तो चूस लिया मगर हिम्मत राव को अपनी चूत नहीं दी।
उसने हिम्मत राव के सामने एक शर्त रखी की वो एक शर्त पे उसे सब कुछ देंगी की अगर वो रुक्मणी को चोदना छोड़ दे और उसे घर से अपनी ज़िन्दगी से हमेशा हमेशा के लिए निकाल दे।

हिम्मत राव मान गया । उसके पीछे भी उसका शैतानी दिमाग कुछ सोच चूका था जिससे रानी अन्जान थी।।उसी दिन हिम्मत राव को अपनी बेटी की कुँवारी चूत मिल गई ।
रानी की कुंवारी चूत को जी भर के चोदा उसने। उसके बाद से तो रानी उसके लिए घर की मुर्गी के समान हो गई थी जिसे रोज दिन हो या रात को रानी के खूबसूरत जिस्म 2 चोदता रहता था।रानी अब उसकी बेटी कम बीबी ज्यादा बन गई थी। और फिर हिम्मतराव ने एक प्लान बनाया जिससे रुक्मणी को भी अपने रास्ते से हटा दिया जाए और देवा के खानदान से बदला लेने का सुनहरा मौका भी मिल जाये।

पिछले 2 साल से रानी शहर में पढ़ रही थी बीच बीच में हिम्मत राव शहर जाके उसके ले लेता पर अब जब रानी हमेशा के लिए गांव आ चुकी है तो हिम्मत राव और रानी मिलके अपने अपने दुश्मनो को ख़तम करने की कसम खा चुके है।
 
अपडेट 8



सुबह के 8 बज चुके थे पर देवा था की उठने का नाम नहीं ले रहा था। वो हमेशा सुबह 6 बजे उठके खेत में चला जाता था ।

रत्ना;उसे पिछले 10 मिनट से उठा रही थी पर वो था की हूँ हाँ करता और फिर से सो जाता।

कुछ देर बाद वो अपनी ऑंखें खोलता है तो रत्ना को अपने बिलकुल क़रीब पाता है।

रत्ना;चरस गांजा तो नहीं पीके आया था कल तू। कब से उठा रही हूँ उठता भी नहीं पदमा आई है उठके देख ले क्या कहना है उसे।

पदमा;का नाम सुनके देवा झट से बिस्तर छोड़ देता है और बरामदे में आ जाता है।
पदमा;चारपाई पे बैठी हुए उसका इंतज़ार कर रही थी।
देवा से नज़रे मिलते ही उसकी नज़रो में एक शर्म की लहर दौड जाती है।

देवा;काकी इतनी सुबह सुबह कैसे कुछ काम था क्या।

पदमा;अपनी नज़रे नीचे रख के कहती है।
देवा तुम्हें जागिरदार साहब ने बुलाया है । कहा है देवा को अपने साथ हवेली ले के जाना तुम्हे बडी मालकिन को शहर ले जाना होगा ।

देवा;क्यूं।

पदमा;अरे मालकिन शहर के किसी डॉक्टर साहब से अपना इलाज करवाती है वही ले जाना है।चल जल्दी तैयार हो जा।

रत्ना; बीच में बोल पडती है।
कोई और भी तो जा सकता है ना । देवा ही क्यूं।

पदमा;अब ये मै क्या जानू रतना भाभी। जैसा मालिक ने कहा मैंने कह दिया।

देवा;काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।

देवा;घर के अंदर चला जाता है कुछ देर बाद वो नहा धो के नाश्ता करने बैठ जाता है।

रत्ना;उसके पास बैठी हुई थी । पता नहीं ये हवेली हमारा पीछा कब छोड़ेगी।
 
देवा;अरे माँ क्यों फिकर कर रही हो । वैसे भी मै शहर जाने वाला था। अच्छा हुआ एक काम में दो काम हो जाएंगे।

रत्ना; वो तो ठीक है बेटा पर।

ममता;के कानो तक बात पहुँच चुकी थी की देवा शहर जा रहा है वो देवा के पास आके बैठ जाती है। उसे देख रत्ना अपनी बात अधूरी छोड देती है।

ममता; भाई आप शहर जा रहे हो ना तो मेरे लिए क्या लाओगे वहां से।

देवा;क्या चाहिए तुझे।

ममता ; मुझे दो अच्छी सी शलवार कमीज चाहिए और चूडियां और चप्पल भी ।

देवा;मुस्कराता हुआ और कुछ। माँ तुम्हारे लिए क्या लाऊँ।

रत्ना;बस तू घर जल्दी आ जाना मुझे कुछ नहीं चाहिए।

देवा;रत्ना और ममता से मिलके पदमा के साथ हवेली की तरफ चल देता है।

रास्ते में पदमा लँगड़ा के चल रही थी देवा उसे देखकर दिल ही दिल में हंसने लगता है।

देवा;क्या हुआ काकी ऐसे क्यों चल रही हो।

पदमा;उसे घुर के देखने लगती है।

देवा;बोलो न काकी क्या हुआ।

पदमा;कल रात एक कीड़ा मेरे गाण्ड में घुस गया था। बहुत ज़ोर से काटा पूरा सुजा के रख दिया मेरे।
इसीलिए ऐसे चल रही हूँ बस खुश।

देवा;बहुत बड़ा कीड़ा होंगा काकी ये कहते हुए देवा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगता है।

पदमा की गाण्ड बुरी तरह सूज गई थी उससे न बैठा जा रहा था और न चला जा रहा था। किसी तरह वो दोनों हवेली पहुँच जाते है।

पदमा;देवा को कहती है की रानी बिटिया से मिल आओ उसे भी शहर से कुछ चीज़ें मँगवानी है।

देवा;रानी के कमरे में चला जाता है वो बिस्तर पे बैठी देवा का ही इंतज़ार कर रही थी।

देवा;को देख वो झट से खड़े हो जाती है और कमरे का दरवाज़ा बंद कर देती है।

देवा;अरे मालकिन आप दरवाज़ा क्यों बंद कर रही है।

रानी;कुछ नहीं कहती और देवा के क़रीब आ जाती है।

देवा;दो कदम पीछे हट जाता है।

रानी;बिस्तर पर बैठ जाती है।देवा यहाँ आके बैठो न मेरे पास।

देवा;नहीं मालकिन मै यही ठीक हूँ।

रानी;तुम आते हो या मै बापू को आवाज़ दुं।

देवा;किसलिये मालकिन।

रानी; मैं बापू से कहूँगी की तुम मेरी कोई बात नहीं सुनते फिर वो तुम्हे खूब डाटेंगे।
 
देवा; चुपचाप बिस्तर के एक किनारे जाके बैठ जाता है उसके नज़रें नीचे थी वो हिम्मत रव से बहुत डरता था वो क्या गांव का हर इंसान हिम्मत रव से डरता था।

रानी;इधर देखो न मेरे तरफ।



देवा; नज़रें उठाके रानी की तरफ देखता है और फिर नज़रें झुका देता है।

रानी;उसके और पास आ जाती है और देवा का हाथ अपने हाथ में ले लेती है।

देवा;हाथ छुड़ाने की कोशिश करता है पर रानी मज़बूती से उसे पकडे रहती है।
मालकिन हाथ छोडो कोई आ जाएगा।

रानी;तुम तो बिलकुल लड़कियों जैसे हो एकदम डरपोक। अरे कुछ नहीं होंगा कोई आ भी गया तो क्या मै सब सँभाल लुंगी।

देवा;आपने मुझे क्यों बुलाया था।

रानी;ऐसे ही तुम्हारी बहुत याद आ रही थी मुझे । जानते हो जब से तुम्हे देखी हूँ तब से मेरे ऑंखों में सिर्फ तुम बस गए हो। सोते हुए तुम ही दिखते हो खाना खाती हूँ तो तुम्हारा चेहरा सामने आ जाता है। न दिन को चैन है ना रातो को करार है। नस नस में एक दर्द का शुमार है पता नहीं मुझे क्या हो गया है देव।

देवा;के हाथों में पसीना आने लगता है हाथ थर थर काँपने लगते है वो उठ के खड़ा हो जाता है।

रानी;उसके इतने पास आके खडी हो जाती है की रानी की साँसें देवा को अपने छाती पे महसूस होने लगती है।

देवा;बुरी तरह डर गया था रानी की बातों से। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो रानी को क्या कहे।

रानी;बताओ न देवा मुझे क्या हुआ है।

देवा;मुझे मुझे नहीं पता मालकिन आप ऐसी बातें मत करो।

रानी: मैं जानती हूँ मुझे क्या हुआ है।

देवा;क्या क्या हुआ है आपको।

रानी;मुझे तुमसे प्यार हो गया है देवा ।
 
देवा;का चेहरा पसीने से पूरी तरह भीग जाता है । हाथ पैर ठन्डे पड़ जाते है पदमा को जानवर की तरह चोदने वाला ये हटा कट्टा मरद आज एक लड़की की बातों से भिगी बिल्ली बना खड़ा था।

हकीकत ये थी की देवा जानता था की इस सब का अन्जाम क्या होंगा अगर वो रानी के साथ कुछ करेगा और पकड़ा जायेगा तो उसका इस गांव में जीना मुश्किल हो जाएंगा और सबसे बडी बात हिम्मत राव उसे अपनी बन्दूक से भून के रख दूँगा।

देवा;मालकिन आप कैसे बात कर रही है आप मालकिन है और मै आपका नौकर हूँ।।आपको मुझसे पता नहीं क्या हो गया है पर मै आपको सिर्फ अपनी मालकिन समझता हूँ और कुछ नही।

रानी; अच्छा एक बात बताओ तुम्हें मै कैसी लगती हूँ।सच सच बताना।

देवा;आप बहुत खूबसूरत है।

रानी: हम्म तुम्हें मेरे होंठ कैसे लगते है।

देवा;कुछ नहीं कहता।

रानी;उसके होठो के पास अपने होंठ लाती है।
अब बताओ कैसे लगते है तुम्हें मेरे होंठ।



देवा; अच्छे हैं मालकिन।

रानी;चूमो इन्हें।

देवा;की आँखें फटी की फटी रह जाती है।मूँह से बस एक शब्द निकलता है।
क्या?

रानी; चूमते हो के नही।

देवा;नहीं मालकिन आप इस वक़्त होश में नहीं है मुझे जाने दो। बडी मालकिन मेरा इंतज़ार कर रही होंगी।

रानी ; चूमते हो या बुलाओ बापु को।

देवा;ये सुनते ही अपने होंठ रानी के होंठों से लगा देता है बाकी का काम रानी करने लगती है वो अपने जुबान को देवा के मुंह में घुसा के उसके जुबान को चुसने लगती है।
 
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