Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 28 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;उसकी चिकनी पीठ देख के अपने गाल पे पड़े थप्पड भूल जाता है और चुपके से उसके पीछे जाके उसकी पीठ को चूम लेता है।

नुतन ;उईईईईई माँ।
बुरी तरह डर जाती है।
सामने देवा को खड़ा देख वो थोड़ा शांत हो जाती है।

देवा: मैं लगा देता हूँ।

नुतन ;कोई ज़रूरत नहीं है देवा भइया।

देवा;मगर जबरदस्ती करते हुए अपना एक हाथ उसकी चूचि पे रख देता है।

और अगले ही पल उसे एहसास होता है की उसने थोडी जल्दबाज़ी कर दिया क्यूंकि नूतन इस तरह के अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी और अपनी ब्रा वापस लेने के चक्कर में नूतन के हाथ देवा की नाक(नोज)के ठीक ऊपर लग जाता है और नाक में से खून निकलने लगता है।

नुतन ; खून देख वहां से भाग जाती है।
और जाते जाते देवा को बोल जाती है की आइन्दा मुझे परेशान करोगे तो इससे भी ज़्यादा खून निकाल दूंगी।

देवा का नाक दर्द करने लगता है और वो उसे पकड़ के अपने रूम में चला जाता है।

अपनी नाक साफ़ करते हुए वो अपने साथ हुए आज के हादसों के बारे में सोचने लगता है।

पता नहीं साला कैसा दिन निकला है जबसे आँख खुली है तब से कोई न कोई मार रहा है।

उसे शालु की वो बात याद आ जाती है।

अरे मै तो तेरे साथ अपनी बेटी नीलम की शादी का सोच रही थी।

देवा की ऑंखें फिर से गीली हो जाती है।
नही मै नीलम को खोना नहीं चाहता मै उसे किसी भी कीमत पे अपनी पत्नी बनाऊंगा। ये मज़बूत इरादा देवा अपने मन में कर लेता है और फ्रेश होके किचन में आ जाता है।

किचन में नूतन और ममता नाश्ता कर रही थी।

रत्ना;देवा को भी वही बैठने के लिए कहती है।

देवा चुप चाप बैठ जाता है।

रत्ना;अरे ये तेरे नाक और गाल को क्या हुआ कितनी लाल दिख रही है।

देवा;वो माँ हवेली में शायद कोई कीडे ने काट लिया होंगा उसी की वजा से शायद लाल हो गया है।

नुतन को हंसी आ जाती है।

और तीनो माँ बेटे उसकी तरफ देखने लगते है

रत्ना;चुप चाप नाश्ता करो तुम दोनो।

देवा;नाश्ता करके खेत में जाने लगता है तभी दरवाज़े में से कोई अंदर आता है और उसे देख के देवा अपने सारे दुःख दर्द भूल जाता है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा; मामी तुम अचानक।

देवकी घर के अंदर आके अपना सामान रख के देवा की ऑंखों में देखने लगती है।
तेरी याद आ गई तो चली आई।

देवा;भाभी भी आई है।

देवकी;नहीं वो नहीं आई।
वो आ जाती तो तेरी मामा का ख्याल कौन रखता।

चलो माँ अंदर है देवा सामान उठाके देवकी के साथ घर के अंदर चला आता है।

नुतन ; भाग के देवकी के गले लग जाती है।
माँ।

देवकी;कैसी है नूतन।

नुतन ;ठीक हूँ माँ।

रत्ना और ममता भी देवकी को देख खुश हो जाते है सब एक दूसरे से मिलने लगते है कुछ देर देवकी के साथ बाते करने के बाद देवा खेत में चला जाता है।

उधर रुक्मणी अपने कमरे में बैठी हुई देवा के बारे में सोच रही थी

उसका दिल बहुत बेचैनी महसूस कर रहा था।
बार बार उसे एक बात सता रही थी की कही मैंने कुछ ज़्यादा तो नहीं बोल दी देवा को कही वो सच में यहाँ आना न बंद कर दे।

वही रानी भी देवा के इस तरह चुपचाप बिना नाश्ता किये हवेली से चले जाने से परेशान सी हो गई थी।

देवा अपने खेत में काम कर रहा था और शालु अपने घर में बैठी बर्तन साफ़ कर रही थी।

शालु ने देवा को बुरा भला कहके उसे मार भी दी थी। मगर वो खुद भी जानती थी की इस सब से क्या होंगा।

रत्ना के घर में रत्ना और देवकी बातें करते हुए बैठी थी

रत्ना;अरे ममता ज़रा तेरी मामी के लिए शरबत तो बना ला।

ममता ;अभी लाई माँ।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवकी और सुना कैसा चल रहा है ममता की कही बात चली की नही।

रत्ना;हाँ एक दो जगह बात शुरू तो की थी मगर बात कुछ बनी नही।

देवकी;अब मै आ गई हूँ न कुछ न कुछ तो करके ही जाऊँगी।

तभी ममता शरबत का गिलास लेके आती है।

ममता; ये लो मामी।


ममता जब शरबत देने झुकती है तो उसके आधे से ज़्यादा सन्तरे बाहर की तरफ झाँकने लगते है रत्ना तो कुछ ध्यान नहीं देती मगर देवकी की ऑखें चमक जाती है। वो दिल में सोचने लगती है ज़रूर कोई आम मीस रहा है।

शाम ढले तक देवा भी घर वापस आ जाता है।

देवकी उसे अपने पास ऑंगन में ही बैठा देती है।

दोनो उस वक़्त बिलकुल अकेले थे।

नुतन रत्ना और ममता रात का खाना तैयार कर रही थी।

देवकी;तू तो अपने मामी को भूल गया लगता है देवा। मेरी तरफ देखता भी नहीं।

देवा;मामी मैंने सोचा रात में अकेले में तुझे नंगी करके चाट चाट के देखुंगा।

देवकी;धत बेशरम कही का तेरी भाभी तुझे बड़ा याद कर रही थी।

देवा;काशी भाभी की बात ही कुछ और है।
कैसी हैं वो।

देवकी;बात तो तुझ में है मेरे भांजे। बहुत उम्मीद ले के आई हूँ तेरे पास जीतने दिन यहाँ हूँ कस के लुंगी तुझे। सारा बदन सख्त हो गया है निचोड निचोड के ढीला कर दे ज़रा।

देवा;कहो तो अभी कर दुं।

देवकी;रात में आजा मेरे पास।

देवा;मगर तुम तो माँ के कमरे में सोओगी ना।

देवकी;नहीं मै नूतन के साथ पीछे वाले कमरे में सोऊंगी तू रात में आ जा और थकान उतार दे मेरी सारी।

देवा; खुश हो जाता है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]उसे देवकी का शरीर बहूत अच्छा लगता था बडी बडी चूचियां मोटी सी कमर और गदराया हुआ बदन लंड पच पच करता था। जब देवा देवकी की चूत में लंड डालके उसे चोदता था।।।

अपनी चूत की आग में जलती देवकी यहाँ आई थी या उसके आने के पीछे कोई और मक़सद था ये तो देवकी ही जानती थी मगर उसके आने से नूतन और ममता की प्रेम लीला में बाधा सी आ गई थी।

खाना खाके सब अपने अपने कमरो में सोने चले जाते है।

ममता और रत्ना एक कमरे में सोई हुई थी।

जबकी पीछे वाले कमरे में देवकी नूतन के साथ लेटी हुई थी।

नुतन नीचे ज़मीन पे और देवकी चारपाई पे लेती हुई थी।

देवा ने सोच लिया था की वो हवेली नहीं जायेगा।चाहे कुछ भी हो जाए।

नींद जब सारे गांव वालो को अपने आग़ोश में ले लेती है।

देवकी;अपने कमरे में सोई हुई थी उसे अभी अभी नींद लगी थी।

नुतन;चारपाई के पास नीचे ज़मीन पे गहरी नींद में सो चुकी थी।

अचानक देवकी को महसूस होता है की कोई उसकी ब्लाउज के बटन खोल रहा है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]अपडेट 41





देवकी आँखें खोल के देखती है।

देवा अपने होंठ उसके होठो पे रख के उसके बाकी के बटन भी खोल देता है।

देवकी; उन्हह नूतन जग रही होगी ना।

देवा;नरम मुलायम ब्रैस्ट को अपने हाथों से मसलते और देवकी के होठो को चुमते हुए धीरे से उसके कान में कहता है।
वो सो चुकी है।

देवकी;अगर वो उठ गई तो......

देवा;मामी उसे भी लंड चाहिए। उसे भी दे दुंगा।

देवकी; आहह पहले मेरी तो प्यास बुझा बेटा चूस आह्ह्ह्ह।

देवकी तो कब से देवा का इंतज़ार कर रही थी
वो मुँह पे हाथ रख देती है ताकी उसकी आवाज़ से नूतन न जग जाए।

देवा;गोरी गरी चूचि को देख पागल सा हो जाता है
और एक एक करके दोनों को बारी बारी अपने मुँह में ले के चुसने लगता है गलप्प गलप्प।



देवा के चूचि चुसने से देवकी की प्यास और बढ़ने लगती है और वो अपने हाथों से एक चूचि को मसलते हुए उसे देवा के मुँह में ड़ालने लगती है।

देवकी; उई माँ ज़रा ज़ोर से चूस रे बेटा।

देवा;अपने मुँह में चूचि ले के उसे जोर से काट लेता है।




जिसकी वजह से देवकी के मुँह से चीख़ निकल पडती है और नूतन जग जाती है।

देवकी;उन्हह क्या करता है काट मत।

देवा; मामी मुँह में लो ना।

देवकी उठके बैठ जाती है और देवा का पेंट निकाल देती है सामने लंड के आते ही देवकी की चूत और मुँह में पानी आ जाता है।

वो एक बार नूतन की तरफ देखती है जिसकी ऑखें बंद थी।

देवा झट से देवकी के सभी कपडे खोल देता है और अपना शर्ट अपने जिस्म से अलग कर देता है।

दोनो बिलकुल नंगे हो जाते है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवकी लंड को हाथ में पकड़ती है और उसके सुपाड़े को चुमती है
आह इसके लिए तो कई रातों से जगी हूँ मैं।

देवा;मामी चूस ले अपने भांजे का लंड।
देवा ज़रा ज़ोर से बोलता है ताकी उसकी आवाज़ नूतन के कानो तक पहुँच जाए।

और होता भी यही है नूतन की साँसें ज़ोर ज़ोर से चलने लगती है।
उसे यक़ीन नहीं हो रहा था की उसकी माँ देवा से भी चुदवाने यहाँ आई है।

नुतन ने देवकी और रामु को कई बार देखी थी ।
मगर वो चुप थी ।
देवकी और रामु का मिलाप देख के नूतन अपनी चूत रगडे बिना नहीं रह पाती थी।

और यही वजह थी की उसकी चूत इतनी चुदासी हो गई थी।

ममता ने उसकी चूत पे चूत रगड के उसे आग में घी लगाने का काम की थी।

देवकी देवा की ऑंखों में देखते हुए उसके लंड को अपने मुँह में खीच लेती है गलप्प गलप्प।



देवा आहह साली मुझे भी तेरी चूत चाटनी है।

देवकी चूत बाद में चाट लेना पहले मुझे मुँह से गीला करने दे गलप्प गलप्प।

देवा;नूतन की तरफ गरदन घुमा के देखता है।
नुतन बारीक बारीक ऑखें खोल के सारा नज़ारा देख रही थी।

देवा के होठो पे मुस्कान आ जाती है और वो देवकी की कमर पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमा लेता है।

देवकी देवा के लंड की इतनी दिवानी हो चुकी थी की वो उसे बिना मुँह में से निकाले ही अपनी गाण्ड देवा के मुँह की तरफ कर देती है।

देवा के मुँह के सामने देवकी की चूत और गाण्ड दोनों थी। वो एक ऊँगली देवकी की चूत में ड़ालता है।

उसकी चूत गीली होने की वजह से बडी आसानी से देवा की ऊँगली उसके चूत में चली जाती है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]वही गीली ऊँगली बाहर निकाल के देवा उसे देवकी के गाण्ड में ड़ालने लगता है।

गाँड के सुराख़ में ऊँगली जाते ही देवकी का मुँह खुल जाता है और लंड मुँह से बाहर निकल जाता है।

देवकी;आहह बड़ा कमीना है तो उन्हह।

देवा;तेरा भांजा हूँ न मामी आज तेरा कोई सुराख़ खाली नहीं रखुंगा।

वो अपनी दूसरी ऊँगली भी पहली वाली के साथ गाण्ड में ड़ालने लगता है।

रामु बहुत कम देवकी की गाण्ड मारता था और ठीक से खुला भी नहीं था।

देवा की उँगलियाँ सटा सट देवकी की गाण्ड में अंदर बाहर होने लगती है जिसकी वजह से देवकी पागल हो जाती है और ये भूल जाती है की पास में नूतन सोई हुई है।

देवकी;उन्हह चाट मेरी चूत और गाण्ड देवा आह्ह्ह्ह्ह्ह।

इधर देवकी अपने मुँह में लंड लेती है और उधर देवा की ज़ुबान देवकी की चूत और गाण्ड चाटने लगते है गलप्प गलप्प।

देवकी की चूत चाट चाट के देवा लाल कर देता है और देवकी का लंड चूत में लेना बहुत जरुरी हो जाता है वो देवा को चोदने के लिए कहती है मगर देवा उसकी चूत और गाण्ड के सुराख़ को चाटते रहता है।

देवकी;आहह अंदर कब डालेगा बेटा आहह देख न कितना पानी निकल रहा है ।

देवा;गलप्प गलप्प बहुत मीठी गाण्ड है तेरी मामी गलप्प गलप्प।

देवकी;उसे चोद बेटा और अच्छी लगेगी तुझे आहह बस डाल भी दे अंदर।

देवा दो तीन थप्पड देवकी की गाण्ड पे मारता है जिसकी गूंज नूतन की कानों में पडते ही उसकी चूत बेचैन हो जाती है।

और नूतन का हाथ अपनी चूत पे चला जाता है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा देवकी को कुतिया बना देता है।

देवकी खुश होके अपने दोनों पैर खोल देती है।

देवा अपने लंड को उसकी चूत के बजाये गाण्ड पे घीसने लगता है।

देवकी;आहह वहां नहीं चूत में डाल ना बेटा।

देवा;नहीं पहले इस में।

देवकी;घबरा के अपने मुँह पे हाथ रख देती है वो जानती थी देवा का लंड चूत फाड़ देता है तो गाण्ड का वो ज़रूर भुरता बना देगा।



देवकी: बेटा चूत में डाल दे गाण्ड फट जाएँगी मेरी।

देवा;नहीं इसी में डालूँगा और ये कहते हुए वो अपने लंड का सुपाडा गाण्ड के सुराख़ में घुसा देता है।

देवकी;आह्ह्ह्ह्ह्ह।
माँ मुझे मार देगा तेरा लंड बेटा।

देवा;मर जा साली वैसे भी रामु कितना चोदेगा तुझे आह्ह्ह्ह्ह्।

देवकी;नहीं नहीं आहह चीख़ निकलती जाती है जिसे देवकी किसी तरह कमरे के बाहर जाने से तो रोक लेती है मगर नूतन के कानो तक वो सिसकारियां बडी आसानी से पहुँच रही थी।

देवा;का आधे से ज़्यादा लंड देवकी की गाँड में पहुँच जाता है।
और देवा अपने कमर को पीछे ले के एक ज़ोर का धक्का मारकर पूरा का पूरा लंड देवकी की मतवाली गाण्ड में उतार देता है।

देवकी;अपनी मुँह में रज़ाई ठूंस लेती है ।

देवा;अपनी कमर पीछे खीच खीच के सटा सट देवकी की गाण्ड मारने लगता है।

देवकी;उन्ह मेरी गाण्ड आहह मेरी गाण्ड बेटा।

देवकी;नूतन जग जाएगी मामी चिल्ला मत।

देवकी;जग जाएगी तो क्या। इधर मेरी गाण्ड फटी जा रही है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
जालिम थोड़ा तो रहम खा मुझ बुढी पे।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा; चूत चुदाने का बड़ा शौक है ना आह्ह्ह्ह्ह्।
और गाण्ड में डालो तो तेरी फ़टती है । ले साली आज तुझे ऐसा चोदूँगा की दो दिन मेरे सामने नहीं आ पायेंगी आह्ह्ह्ह्ह्।

देवकी;की गाण्ड सच में चीरने लगती है देवा का मुसल लंड उसकी गाण्ड की धज्जियां उड़ा रहा था और बिना रुके वो कमर पे थप्पड मारते हुए बडी बेरहमी के साथ अपनी मामी की गाण्ड में कोहराम मचाने लगता है।

नुतन;अपनी चूत को घीसने लगती है उसकी चूत में जैसे बाढ़ सी आ गई थी पानी रुकने का नाम नहीं ले रहा था।

देवा;अपनी पूरी ताकत लगा के देवकी की गाण्ड मारे जा रहा था।

थोड़ी देर बाद दोनों का पानी एक साथ निकलने लगता है।

देवकी;अपनी गाण्ड को आगे खीच के लंड बाहर निकाल लेती है और जल्दी से उठके बाथरूम में भागने लगती है।

देवा;कहाँ जा रही हो मामी।

देवकी;मुझे पेशाब करके आने दे।

देवा;देवकी के पीछे पीछे चला जाता है।

देवकी;अब मुतने तो दे मुझे।

देवा;मुझे भी मुतने दे पहले।

देवकी;जल्दी मुत।
आह मेरी गण्ड माँ।

देवा;देवकी को निचे बैठने के लिए कहता है और जैसे ही देवकी नीचे बैठती है देवा उसके जिस्म पे मुतने लगता है।

देवकी;आहह क्या कर रहा है।
पहली बार वो पेशाब से नहा रही थी उसका अंग अंग झूम उठता है।

देवा;देवकी को पूरी तरह अपने पेशाब से नहला देता है।
और थोड़ा बहुत उसके मुँह में भी कर देता है।

खारा खारा पेशाब चाटने के बाद तो देवकी की चूत की दोनों फाँके खील उठती है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवकी;मुझे तो नहला दिया अब तेरी बारी।

ये कहते हुए देवकी देवा को निचे बैठने को कहती है।

देवा;के नीचे बैठते ही वो अपने दोनों पैर खोल के उसके मुँह से लेके लंड तक अपना पेशाब पहुंचा देती है। दोनों पेशाब में नहा चुके थे।

हल्कि हलकी पेशाब की गंध दोनों को और चुदासी बना देती है।

देवकी;अपनी दोनों चूचियों को देवा की पेठ पे घिसते हुए पेशाब में भीगे बदन एक दूसरे पे घीसने लगते है।



देवा;नूतन जग गई है मैंने उसकी खुली ऑखें देखी है।

देवकी;देवा के लंड को हाथ में पकड़ के हिलाने लगती है। जानती हूँ।

देवा;वो किसी को बोल देगी तो।

देवकी;मेरे और रामु के बारे में किसी को नहीं बोला उसने तो तेरे और मेरे बारे में क्या बोलेगी।
कुतिया है मुझे हमेशा धमकाती रहती है।

देवा;मुस्कुरा देता है और पास में पड़ी हुए बाल्टी में का पानी दोनों के शरीर पे ड़ालने लगता है।

नूतन;को सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था मगर सुनाई नहीं दे रहा था।

जब दोनों अपने आप को सुखा के बाहर आते है तो नूतन फिर से अपनी ऑंखें बंद करके सोने का नाटक करती है।

देवकी;और देवा उसकी तरफ देखते है ।

देवकी;देवा को धक्का देके बिस्तर पे गिरा देती है
और अपनी दोनों चूचियों को मसलते हुए उससे कहती है।दो सुराख़ तो तूने भर दिए अब कौन सा बाकी है।

देवा;देवकी के गरदन पकड़ के उसे अपने लंड पे झुका देता है।
अब तेरी चूत में डालना बाकी है मामी।

देवकी;गलप्प गलप्प करके देवा का लंड चूसने लगती है।
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
Back
Top