hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]विक्रान्त;काफी दिनों से बिंदिया पर नज़र गडा कर बैठा हुआ था और आज उसकी दिल की मुराद पूरी हो रही थी।
मगर उसकी नज़रों के सामने उस वक़्त बिंदिया नहीं बल्कि उसे तो नीलम नज़र आ रही थी।
नीलम का वही भोला चेहरा जिसे देख विक्रांत अपना दिल हार बैठा था।
विक्रान्त;बिंदिया को नंगी कर देता है और उसे अपने लंड पर झुका देता है । पीछे से हिम्मत अपनी दो उंगलिया बिंदिया की चूत में घूस्सा कर अंदर बाहर करने लगता है।
अब तक ग़ुस्से में बैठी बिंदिया इस हमले से सिहर उठती है और उसके अंदर की औरत जाग जाती है।
बिंदिया ;आहह हरामी आहह मै तुझे छोड़ूँगी नहीं आहह।
विक्रान्त;साली छोड़ूँगा तो मै तुझे नहीं बहुत नाटक करती है ना तू । आज देख कैसे तेरी चूत सुजा न दूँ तो मेरा नाम भी विक्रांत नही।
हिम्मत का लंड भी तन चूका था वो नीचे लेट जाता है और बिंदिया को अपने ऊपर खीच कर अपने लंड पर बैठा देता है।
बिंदिया; आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
हिम्मत;अपने लंड को बिंदिया की चूत पर लगा कर अंदर पेल देता है एक चीख़ के साथ बिंदिया हिम्मत से
चिपक जाती है और हिम्मत नीचे से अपने लंड को बिंदिया की चूत में आगे पीछे करने लगता है।।
थोड़ी ही देर गुज़री थी की बिंदिया पर पीछे से दुसरा ज़ोरदार हमला होता है और वो विक्रांत करता है सटा सट सटा सट वो बिंदिया के चूतडो पर थप्पड़ों की बरसात करने लगता है नीचे से हिम्मत के धक्के और ऊपर से विक्रांत का मरदाना हाथ चूतड़ पर पडने से बिंदिया रोने लगती है मगर उस वक़्त दोनों को उस
बेचारी पर कोई तरस नहीं आता वो बेरहम इंसान उसकी चूतड़ को लाल कर देता है।।
और अपने लंड पर थूक लगा कर उसे बिंदिया के गाण्ड की सुराख़ पर रगडते हुए अंदर की तरफ ड़ालने लगता है।
बिंदिया;नही आहह मेरी आहह मै मर जाऊँगी आहह।
विक्रान्त;मर जा साली रंडी।तेरे रेहने न रहने से मुझे कोई फर्क नहीं पडता आहह।
विक्रान्त;का विराट लंड बिंदिया की गाण्ड के सुराख़ को चीरता हुआ अंदर और अंदर चला जाता है।
अपने दोनों सुराखों में लंड महसूस करके बिंदिया के ऑंसू भी रुक जाते हैं और वो सिसक सिसक के
रोने लगती है । हर धक्का जानलेवा था बिंदिया को साँस लेने भर की मोहलत नहीं मिलती। जहाँ हिम्मत
नशे में बिंदिया को किसी कुतिया की तरह चोद रहा था वहीँ विक्रांत अपने थप्पड का जवाब
दे रहा था जो कई साल पहले बिंदिया ने विक्रांत को मारी थी।विक्रांत और हिम्मत बिंदिया को किसी गली की कुतिया समझकर चोद रहे थे।
उसकी गांड और चूत एक ही समय में दर्द कर रही थी।विक्रांत गांड मारने के साथ साथ बिंदिया की चूचियों पर भी थप्पड़ मार रहा था।थप्पड़ से बिंदिया की गांड तो पहले ही लाल कर दिया था।बिंदिया को आज अपनी औकात पता चल गई थी।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
मगर उसकी नज़रों के सामने उस वक़्त बिंदिया नहीं बल्कि उसे तो नीलम नज़र आ रही थी।
नीलम का वही भोला चेहरा जिसे देख विक्रांत अपना दिल हार बैठा था।
विक्रान्त;बिंदिया को नंगी कर देता है और उसे अपने लंड पर झुका देता है । पीछे से हिम्मत अपनी दो उंगलिया बिंदिया की चूत में घूस्सा कर अंदर बाहर करने लगता है।
अब तक ग़ुस्से में बैठी बिंदिया इस हमले से सिहर उठती है और उसके अंदर की औरत जाग जाती है।
बिंदिया ;आहह हरामी आहह मै तुझे छोड़ूँगी नहीं आहह।
विक्रान्त;साली छोड़ूँगा तो मै तुझे नहीं बहुत नाटक करती है ना तू । आज देख कैसे तेरी चूत सुजा न दूँ तो मेरा नाम भी विक्रांत नही।
हिम्मत का लंड भी तन चूका था वो नीचे लेट जाता है और बिंदिया को अपने ऊपर खीच कर अपने लंड पर बैठा देता है।
बिंदिया; आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
हिम्मत;अपने लंड को बिंदिया की चूत पर लगा कर अंदर पेल देता है एक चीख़ के साथ बिंदिया हिम्मत से
चिपक जाती है और हिम्मत नीचे से अपने लंड को बिंदिया की चूत में आगे पीछे करने लगता है।।
थोड़ी ही देर गुज़री थी की बिंदिया पर पीछे से दुसरा ज़ोरदार हमला होता है और वो विक्रांत करता है सटा सट सटा सट वो बिंदिया के चूतडो पर थप्पड़ों की बरसात करने लगता है नीचे से हिम्मत के धक्के और ऊपर से विक्रांत का मरदाना हाथ चूतड़ पर पडने से बिंदिया रोने लगती है मगर उस वक़्त दोनों को उस
बेचारी पर कोई तरस नहीं आता वो बेरहम इंसान उसकी चूतड़ को लाल कर देता है।।
और अपने लंड पर थूक लगा कर उसे बिंदिया के गाण्ड की सुराख़ पर रगडते हुए अंदर की तरफ ड़ालने लगता है।
बिंदिया;नही आहह मेरी आहह मै मर जाऊँगी आहह।
विक्रान्त;मर जा साली रंडी।तेरे रेहने न रहने से मुझे कोई फर्क नहीं पडता आहह।
विक्रान्त;का विराट लंड बिंदिया की गाण्ड के सुराख़ को चीरता हुआ अंदर और अंदर चला जाता है।
अपने दोनों सुराखों में लंड महसूस करके बिंदिया के ऑंसू भी रुक जाते हैं और वो सिसक सिसक के
रोने लगती है । हर धक्का जानलेवा था बिंदिया को साँस लेने भर की मोहलत नहीं मिलती। जहाँ हिम्मत
नशे में बिंदिया को किसी कुतिया की तरह चोद रहा था वहीँ विक्रांत अपने थप्पड का जवाब
दे रहा था जो कई साल पहले बिंदिया ने विक्रांत को मारी थी।विक्रांत और हिम्मत बिंदिया को किसी गली की कुतिया समझकर चोद रहे थे।
उसकी गांड और चूत एक ही समय में दर्द कर रही थी।विक्रांत गांड मारने के साथ साथ बिंदिया की चूचियों पर भी थप्पड़ मार रहा था।थप्पड़ से बिंदिया की गांड तो पहले ही लाल कर दिया था।बिंदिया को आज अपनी औकात पता चल गई थी।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]