Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 84 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

रत्ना: “पप्पू को रखवाली के लिए रखा? कहीं हमारा कार्यक्रम तो नहीं देख लिया उसने…”
देवा: “पता नहीं…देख लिया तो क्या हुआ…पप्पू से भी चुदवा लियो…”
रत्ना देवा के गाल पर एक थप्पड़ मारती है प्यार से…
रत्ना: “मुझे तो एक ही लंड की आदत हो गयी है अब दूसरे की जरुरत नहीं…”
देवा:“उसके लंड का होना या न होना वैसे बराबर ही है साला चुतिया है”
रत्ना:“अच्छा नूतन कैसे काम चला रही है फिर?”
देवा: “पता नहीं उसे ही लेती होगी बेचारी।”
रत्ना: “बुला लियो अपनी बहन नूतन को घर किसी दिन, मै तो रोज ही लेती हुँ एक दिन उसे सवारी करा दियो बहुत दिन हो गए है वैसे भी…”
देवा: “अच्छा…ठीक है…और हाँ माँ मै कल पप्पू के साथ जा रहा हु रश्मि को छोड़ने… ममता के ससुराल भी हो आऊंगा…और सोच रहा हुँ उसे ले ही आऊँ यहाँ 2 हफ्ते ही बचे है शादी में…”
रत्ना “हाँ सही कह रहा है तू। अब काम बढ़ने वाला है बुला ले उसे और खुशखबरी भी दे दियो।”
देवा: “हाँ कल ही निकलता हुँ मै सुबह उसके गाँव के लिये।”
और देवा घर पर थोड़ी देर आराम करता है और फिर अपने खेतो पर दोबारा चला जाता है।
वहाँ पहुँच कर देवा को नीलम खड़ी दिखती है।
देवा और नीलम एक दूसरे को देख कर खुश होते है।
देवा: “यहाँ कैसे”
नीलम:“तुम्हे देखने का दिल कर रहा था बस…”
देवा: “सच मे? या कुछ और बात है?”
नीलम मुस्करायी, “कितना अच्छा मौसम है न आज खेतो में बडा अच्छा लगता है खुले खुले खेतो में…है न…”
नीलम की बात देवा सही सही समझ गया…
देवा: “हाँ…और बिलकुल सही मौसम है अपनी होने वाली साली को पीटने का भी।”
देवा की बात सुनकर नीलम खील खिला कर हँसने लगती है…
नीलम: “मेरी बहन को हाथ तक मत लगाना… समझे तुम… गंदे लड़के…”
देवा:“अच्छा मै तो हर जगह उसे पहले से ही हाथ लगा चुका हुँ…वो भी उसकी मरजी से…”
देवा की बात सुनकर नीलम का चेहरा लाल पड गया…।
नीलम:“बेशर्म हो तुम ऐसे खुले में कैसे कर सकते हो…। कोई देख लेता तो क्या बाते होती…”
देवा(हँसते हुए): “तभी तो तेरे भाई को चौकिदारी करने के लिए लगाया था…”
नीलम: “तब भी कोई तुम लोगो की अवाजे सुन लेता तो क्या सोचता”
देवा:“माँ ही कह रही थी की उधर कोई आता नहीं सिर्फ तुम्हारे या मेरे घर को छोड के तो कोई कैसे देखेगा…”
नीलम शांत हो जाती है।
 
वह अब भी देवा से इतना खुलकर नहीं बोल पा रही थी
पर देवा चाहता था की वो भी अब बेशरम बन ही जाए ताकी शादी के बाद सभी औरते उसके लंड के नीचे हो जब भी वो चाहे…
कुछ देर फिर देवा और नीलम इधर उधर की बाते करने लगे।
देवा ने बताया की कल ममता को लेने उसके घर जा रहा है वो…
नीलम:“उसकी सास पे मत कुद जाना… कुछ दिन के लिए काबू रखो…”
देवा: “उसके बाद तो काबू खो सकता हूँ ना अपनी पत्नी पर?”
नीलम शर्मा जाती है और देवा की छाती से लिपट जाती है।
नीलम: “हाँ पत्नी तो होती ही हैं अपने पति को अपने वश में करने के लिए… उसे खुश रखने के लिये।”
देवा नीलम के सर पर हाथ फेरता है और कुछ देर बाद शाम होते ही देवा उसे घर छोड आता है…
अगली सुबह… शादी को 3 हफ्ते यानी 21 दिन बचे है…
देवा पप्पू और रश्मि देवा के ट्रेक्टर पर बैठ कर ममता के गाँव के लिए निकल जाते है।
रश्मी का ससुराल ममता के गाँव के रास्ते में ही पडता है तो देवा और पप्पू रश्मि को दोपहर तक उसके ससुराल पंहुचा कर ममता के ससुराल पहुँचते है…
ममता के ससुराल के ठीक सामने देवकी का भी घर था पर देवा ने पहले ममता के ससुराल जाना ठीक समझा।
उसने दरवाजा खटखटाया।
और कुछ पल में दरवाजा खुला।
और सामने कोई और नहीं ममता खड़ी थी…
ममता अपने भाई को देख कर खुश हो गयी और कुदते हुए उससे गले लग गयी…
देवा भी उससे गले लगा।
देवा:“और मेरी बहना कैसी है…बड़ी पतली लग रही है क्या हुआ खाना नहीं ख़ाती क्या ज्यादा…”
ममता मुस्कुराने लगती है: “अरे नही ख़ाती अच्छा ही हुँ आज कल थोड़ा तेल का कम खा रही हुँ…”
कोमल:“आईये आईये… स्वागत है…”
देवा कोमल को देख पहले आँख मारता है और फिर नमस्ते करता है।
कोमल देवा की हरकत से शर्मा जाती है।
कुछ ही पलो में ममता का पति हरी और उसकी ननद प्रिया भी वहां आ जाते है…
हरि:“देवा भैया कैसे है आप…”
और हरी देवा के पैर छूने लगता है।
देवा उसे रोकता है और फिर गले लगाता है।
देवा: “बढ़िया जीजा जी… आप बताइये काम कैसा चल रहा है…”
हरि भी खेती करता था।
हरि:“बहुत अच्छा कुछ हफ्ते पहले ही फसल बोयी है भैया…”
प्रिया: “देवा जी नमस्ते…।”
देवा की नजर प्रिया पर जाती है और उसी पे टिक जाती है…
 
प्रिया ने दुपट्टा ऊपर कर रखा था जिस वजह से उसके चुचो की रेखा दिख रही थी…
प्रिया ने यह जान बूझ कर किया, प्रिया ने उसे देखकर एक आँख मारी और सामने खड़ी ममता और कोमल ने देख ली।
फिर कोमल का पति भी वहां आ गया, देवा ने झुककर उसके पैर छुये…
ससूर: “कैसे हो बेटे, समधन जी के क्या हाल है।”
देवा: “जी सब अच्छे है… आप लोगो के क्या हाल है आपका स्वास्थ कैसा है।”
ससूर: “हम सब अच्छे से है बेटे, चलो बाते होती रहेंगी तुम आ जाओ और हाथ मुह धो लो…और यह तुम्हारे साथ कौन है और?”
ससुर ने पप्पू को देखकर कहा…
ममता: “अरे यह पप्पू भैया है देवा भाई के दोस्त है… हमारे घर के सदस्य जैसे ही है, नूतन की शादी इन से ही तो हुई है आप शादी में आये भी थे।”
ससूर:“ओह्ह्ह… हाँ याद आया… कैसे हो तुम बेटा नूतन नहीं आयी तुम लोगो के साथ ”
पप्पु:“जी मै बहुत अच्छा हूँ। नूतन का मन तो था पर वो सबको नीलम की शादी के लिए सामान ख़रीदना था न शहर से तो वो नहीं आ सकी…”
ममता: “क्या नीलम की शादी तय हो गयी ???”
और देवा और पप्पू मुस्कुराते हुए, “हाँ…”
ममता ने देवा के चेहरे को देखा और उसे देखने लगी और भागते हुए ख़ुशी से उसके गले लग गयी…।
ममता: “मेरी भाभी आने वाली है मै तो नाचूँगी…”
और देवा हँसने लगता है…
 
अपडेट 134



ममता देवा से गले मिली हुई थी।
और खुश थी यह जानकर की देवा और नीलम की शादी होने वाली है…
कोमल: “अरे वाह बेटा बहुत बहुत मुबारक हो तुम्हे…”
हरि प्रिया और ससुर भी देवा को बधाई देते है…
कोमल: “ममता अब अपने भाई को छोड़ो भी और उसे अंदर आकर मुँह हाथ धो लेने दो थके हुए होंगे सफ़र से…”
और ममता अलग होती है और सब घर के भीतर जा ही रहे होते है की पीछे से आवाज आती है…
देवकी: “मतलब मामी का घर तो भूल ही गए है बच्चे…”
देवा पीछे मुड़कर देवकी को देखता है।
देवा :“मामी नमस्ते…मैं बस अभी आपके पास ही आने वाला था…”
देवकी: “हाँ हाँ ठीक है छोड…अभी मै तेरी शादी की खबर सुनकर खुश हुँ। बहस करने का मन नहीं है…”
देवा:“बुआजी मै रात को आपके यहाँ सोने आ जाऊंगा…”
देवकी: “ठीक है देवा बेटा खाना भी रात का हमारे यहाँ खाना… और दामाद जी कैसे है आप… बहुत दिनों बाद आना हुआ।”
पप्पु:“जी सासु माँ समय नहीं निकल पा रहा था…”
देवकी:“कोई नहीं रात का खाना हमारा यहाँ ही खाना है…अब मै चलती हूँ देवा की शादी की खबर कौशल्या और रामु को देने जाती हुँ”
और देवकी चलि जाती है।
सभी लोग अंदर चले जाते है।
देवा और पप्पू हाथ मुँह धोकर दोपहर का खाना खाते है।
खाना खाते हुए देवा की नजर बार बार प्रिया और ममता पर ही पर रही थी जो देवा को देख कर मुस्कुरा रही थी।
देवा उन्हें देखकर अपने लंड पर हाथ फेरता है।
दोनो लड़कियां शर्मा जाती है यह सब कोमल देख रही थी तो वो हल्का सा खाँसती है।
लडकियाँ अपना खाना खाने लगती है दोबारा और देवा कोमल को देख कर आँख मारता है।
कोमल देवा को सब्जी परोसने आती है और झुककर उसे सब्जी देती है…
देवा की नजर कोमल की मक्खन जैसे चुचो पर पडती है जो कोमल के झुकने के कारण दिख रहे थे।
देवा कुछ पल ऐसे ही उन्हें देखता है और कोमल मुस्कुराती है पर ज्यादा देर नही झुकती क्युकी हरि,
पप्पू और उसका पति अभी वहीँ थे।
सब लोग अपना खाना ख़तम करते है और बैठक मै बैठे गप्पे लडाने बैठ जाते है…
हरि:“देवा भैया अब तो आपकी भी शादी होने वाली है, कैसा लग रहा है आपको?”
देवा “शादी होने से पहले तो अच्छा ही लग रहा है।”
और सभी लोग हँसने लगते है।
 
कोमल: “नीलम से मै मिली हूँ बहुत अच्छी और सुन्दर लड़की है देवा तुम्हे खुश रखेगी वो…”
ममता: “हाँ नीलम मेरी भाभी बनने के लिए बिलकुल ठीक लड़की है, भाई मै तुम्हारे लिए खुश हूँ।”
कोमल:“वैसे शादी है कब की देवा?”
देवा: ठीक 3 हफ्ते आज से”
ममता: “क्या बस इतने ही दिन है ?”
कोमल:“तो बेटा तैयारियां शुरू कर दी क्या?”
देवा:“अभी नहीं शुरू की है, बस अब शुरू कर देंगे लेकिन, मै यहाँ वैसे ममता को लेने भी आया हूँ, वो होगी तो शादी की तैयरियों में माँ का हाथ बटां देगी…”
कोमल: “हाँ हाँ क्यों नहीं ले जाओ कहो तो मै प्रिया को भी भेज दूँ। कुछ काम यह भी देख लेगी…”
देवा:“अरे नहीं कोई नहीं प्रिया को क्यों तकलीफ दे रही है माँ और ममता सब संभाल लेंगी काम।”
प्रिया: “देवा जी कोई तकलीफ नहीं होगी मुझे भी ले चलिये रत्ना काकी की और मदद हो जाएगी…”
ममता: “नहीं प्रिया यहाँ माँ के सर पर सारा काम आ जायेगा तुम यहीं रुको और माँ की मदद करना, मै और माँ सब काम देख लेंगे अच्छे से…”
ममता समझ गयी थी की प्रिया क्यों जाना चाहती थी…
ममता मन ही मन सोच रही थी की अगर इसे भी ले गए तो भाई का लंड इसके साथ भी बांटना पड़ेगा…।
देवा ममता को देखता है और समझ जाता है की ममता ने प्रिया को क्यों रोका है।
प्रिया उदास हो जाती है पर जिद्द नहीं करती।
हरि:“भैया आप कहे तो मै भी चलू…काम में हाथ बटाने…”
देवा: “अरे नहीं आप यहीं रुके खेतो को देखिये…। हमारे यहाँ जमाई लोग आराम करते है न की काम…”
और सब हँसने लगे।
देवा: “देखिये आप सब लोगो को शादी में आना है शादी से 1 हफ्ते पहले ही सारी रस्मे शुरू हो जाएँगी… तो 1 हफ्ते पहले तक आप सब को मेरे घर आ जाना है…”
ससूर:“अरे यह भी कोई कहने की बात है बेटा हम सब जरुर आएंगे…”
देवा: “ममता अपना सामन बाँध लो हम कल सुबह निकल जायेंगे घर के लिए…अच्छा तो हमे इजाज़त दिजिये मामी जी के घर हो आते है अब…”
और सब नमस्कार करने लगे।
देवा और पप्पू देवकी के घर आ गए…
दारवाजा कौशल्या ने खोला था।
कौशल्या: “आ गयी याद अपनी भाभी की देवर जी?”
देवा:“अरे हम तो आपको रोज ही याद करते है भाभी पप्पू और मै दोनों…”
और पप्पू भी कौशल्या को देख कर मुस्कराता है…
 
दोस्तो आपको याद होगा की जब कौशल्या देवा के घर पर थी तो पप्पू और देवा ने एक साथ कौशल्या को चोदा था…
कौशल्या :“कैसे हो दमाद जी… मेरी याद आयी या नहीं…कितने दिन हो गए आपसे मिले हुए… आओ तुम दोनों अंदर आओ माँ जरा बाजार तक गयी है थोड़ी देर में आ जाएंगी।”
कौशल्या ने पप्पू को देखकर कहा।
देवा और पप्पू अपने सामान के साथ घर के अंदर आ गए कौशल्या ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया…
कौशल्या ने आगे बढ़कर देवा के होठो को अपने होठो में भर लिया…
कौशल्या: “और मेरे होने वाले बच्चे के बाप कैसे है सुना है की शादी तय हो गयी है नीलम से तुम्हारी…”
कौशल्या ने पप्पू और देवा के लंड को पकड़ते हुए कहा…
देवा:“हाँ भाभी आप सब को आना है शादी में 1 अक्टूबर की है…आह्ह्हह्ह्ह्ह मुँह
में लो न मेरा भाभी…”
कौशल्या: “हाँ जरुर आएंगे…देवा मै झुक नहीं सकती 6 ठा मंथ चल रहा है तुम ऐसा करो यहां बिस्तर पर बैठ जाओ अपनी धोती उतार कर…”
देवा कौशल्या के फुले हुए पेट को देखता है और अपनी धोती उतार कर नीचे से नंगा हो जाता है और बिस्तर पर बैठ जाता है।
देवा:“मेरा बच्चा कैसा है कौशल्या…”
कौशल्या: अच्छा है अंदर खूब लाते चला रहा है…आअह्ह्ह्हह्हह कितने दिन बाद नसीब हुआ है तगडा लंड…तेरे भैया तो किसी काम के नहीं है बस अपनी माँ को चोदने में लगे रहते है…”
पप्पू कौशल्या के मुँह से यह सुनकर हैरान था।
उसे नहीं पता था की रामु देवकी को चोदता है…
कौशल्या देवा के खड़े मोटे लंड को अपने हाथो में पकड़ कर सहलाने लगती है और उसके टोपे को चुम्मा लेती है…
पप्पू कौशल्या को देवा का लंड सहलाते हुए देखता है और अपने भी कपडे उतारने लगता है।
कौशल्या ने अब देवा का लंड पूरा अपने मुँह में ले लिया था और अंदर बाहर करने लगी थी।
की तभी उसके मुँह पर पप्पू ने अपना खड़ा लंड मारा जिससे कौशल्या को गुदगुदी ही हुई और उसे कुछ ज्यादा एहसास नहीं हुआ…
कौशल्या ने देवा का लंड कुछ देर चूसा और पीछे मुड़कर देखा की पप्पू भी अपना छोटा सा लंड हाथ में पकडे नंगा खड़ा था…
कौशल्या उसे देख कर हँसी…
कौशल्या: “अरे भाई मै चुदाई नहीं कर सकती तुम तो पूरे तैयार हो गए…”
देवा भी कौशल्या की बाद सुनकर पप्पू पर हँसा।
कौशल्या आगे बढ़कर पप्पू के छोटे से लंड को चुमती है और अपने मुँह में लेकर चुसने लगती है।
देवा भी खड़ा होकर अपना लंड कौशल्या के सामने लाता है।
 
कौशल्या फिर पप्पू का लंड मुँह से निकालकर देवा का लंड मुँह में लेकर चुसने लगती है।
कुछ देर ऐसे चूसने के बाद कौशल्या दोनों हाथो में दोनों के लंड मुठी में पकड़ कर सहलाने लगती है…
पप्पु: “आह्ह्हह्ह्ह्ह मेरा निकलने वाला है भाभी…”
देवा का लेकिन अब भी बहुत दुर था…
कौशल्या देवा के लंड को मुँह में भर लेती है और पप्पू के लंड को मुठी में लेकर हिलाने लगती है…
देवा कौशल्या का सर पकड़ कर उसके मुँह में अपना लंड पेलने लगता है।
बीच में ही पप्पू अपना पानी छोड देता है जो कौशल्या के मुँह पर जा गिरता है।
कौशल्या देवा के लंड को अपने मुँह से बाहर निकालकर पप्पू के लंड को अपने हाथो से साफ़ करके चाटते हुए हाथो से देवा का लंड मुठी में लिए हिलाती रहती है…
फिर देवा कौशल्या का सर पकड़कर दुबारा उसके मुँह में अपना लंड पेल देता है।
इस बार देवा कौशल्या के बालो को खीचता हुआ उसके मुँह को चोदने लगता है…
देवा:“ले साली चूस लौडा अंदर तक लेकर…”
पप्पू सब देख रहा था उसने अपने कपडे पहन लिए पर।
कुछ देर देवा कौशल्या के मुँह को बेहरहमी से चोदता रहा…
फिर उसके मुँह से अपना लंड निकाल कर सारा माल उसके चेहरे पर उडेल देता है…
कौशल्या एक रांड की तरह देवा के लंड से सारा माल निचोड लेती है और पी जाती है।।
कौशल्या देवा और पप्पू को देखकर मुस्कराती है
फिर वह अंदर जाकर अपने को साफ़ करती है और बाहर आ जाती है देवा भी कपडे पहन चुका था।
कौशल्या: “देवर जी अब तो घर में बीवी आ रही है हमे मत भूल जाना… आपका बच्चा भी तो आने वाला है दुनिया में…”
देवा:“अरे ऐसे कैसे भूल जाऊंगा आप फिकर ना करे।”
कौशल्या: “पप्पू जी आपके लिए चाय बनाऊँ…देवा तुम पियोगे।”
देवा और पप्पु: “नहीं अभी नहीं खाना खा कर ही आये है ममता के यहाँ से”
फिर थोड़ी देर में देवकी भी आ जाती है सब्जी लेकर,
वह देवा और पप्पू को सामने बैठा देख खुश हो जाती है।
देवकी: “आ गए दमाद जी आप।।”
पप्पू देवकी की तरफ बढ़कर उसके पैरो को छूता है और देवा उसे आँख मारता है।
देवकी भी उसे आँख मारती है जिसे देख कौशल्या मुँह बनाती है।।
 
देवकी: “और देवा बेटा रत्ना बहन के क्या हाल है…और तुम्हारी तबियत कैसी है…3 महिने पहले सुना था चोट लग गयी थी तुम्हे काफी…”
देवा:“हाँ अब ठीक हूँ…और माँ को भी बहुत खुश रखता हूँ मैं…”
देवा मुस्कराते हुए बोला।
पप्पू देवा की बात सुनकर मुस्कुराया पर देवकी शायद नहीं समझ पायी।
कौशल्या: “माँ आज पप्पू जी और देवा का मनपसंद खाना बनाते है… और आप लोग कुछ दिन अब यहीं रुकोगे…”
देवा:“नहीं भाभी यह मुमकिन नहीं हम यहाँ ममता को लेने ही आये है, ताकि वो शादी की तैयारी में साथ दे सके हमे कल ही निकलना है…”
कौशल्या देवा को देख कर शैतानी मुसकान देती है…
वह समझ जाती है की देवा ममता को घर क्यों ले जा रहा है।
शादी की तैयारीया तो बहाना है…
देवकी: “अरे ऐसे कैसे 2 दिन तो रुक जाओ बेटा…दामाद जी आप ही समझाए… इतने महीनो में आये है ससुराल”
पप्पु:“देवा सही कह रहा है माँ तैयारी करनी है बहुत…और हम तो लड़की वाले है”
देवकी: “अच्छा ठीक है फिर।”
कुछ देर सब ऐसे ही बाते करते रहते है और रामु भी घर आ जाता है।
रामु: “देवा भाई इतने दिनों में आये हो…।”
और रामु देवा के गले लग जाता है।
देवकी: “तुम्हारी भाभी आने वाली है बेटा…”
देवकी ने रामु से कहा…
रामु: अच्छा भाई…मुबारका मुबारक…”
देवा:“धन्यवाद…आप सबको एक हफ्ते पहले तक आ जाना है गाँव…में 3 हफ्ते बाद की शादी है।”
रामु:“हाँ हाँ जरुर आएंगे…दुल्हन कौन है भाई…”
पप्पु: “मेरी बहन है साले जी…”
रामु की नजर अब पप्पू पर पड़ती है।
“अरे जीजा जी कैसे है आप…।”
और रामु पप्पू भी गले लगाते है।
रामु:“और मेरी बहना नहीं आयी।”
पप्पु,:“मन तो था उसका पर अब शादी का घर है न…”
रामु: अच्छा…तो नीलम से शादी हो रही है देवा तुम्हारी…हम तो मतलब लड़के वालो की तरफ से भी हुये और लड़की वाला की तरफ से भी फिर तो ”
और सभी लोग हँसने लगते है, फिर रात को खाना खाकर सभी लोग बिस्तर पर चले जाते है।
 
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देवा और पप्पू एक ही बिस्तर पर सो रहे थे । बराबर वाले कमरे में रामु और कौशल्या थे और ऊपर वाले कमरे में देवकी।।
खाना ख़तम करने से पहले देवकी ने देवा से कह दिया था की सब के सोने के बाद देवा उसके पास ऊपर आ जाए…
तब कुछ देर में ही देवा ऊपर चला जाता है।।
देवकी के कमरे की बत्ती बंद थी तो देवा को लगा की कहीं यह सो तो नहीं गई।
देवा अंदर घुसता है तो बिस्तर पर देवकी चादर ओढ़े हुए लेटी थी।।
देवा “मामी…”
देवकी: “अपने कपडे उतार लो और कमरे की लाइट जला दो बेटा…”
देवा समझ जाता है की जिसकी चुत में आग लगी होती है वो भला लंड लिए कैसे सो सकती है।
देवा लाइट जलाता है और अपने कपडे उतार कर नंगा हो जाता है।
देवा पीछे मुडकर देखता है तो पाता है की देवकी पहले से ही नंगी थी।
वह नंगी चादर ओढ़े हुए थी।
देवा मुस्कराते हुई देवकी के ऊपर से चादर हटा देता है और देवकी का नंगा जिस्म देवा के सामने आ जाता है।
देवकी, “बड़ा समय हो गया बेटा तेरा तगड़ा लंड खाये हुए। रामु मेरी प्यास अच्छे से नही बूझा पाता अब तू ही एक सहारा है…”
और देवकी नंगी ऊपर उठकर देवा की बाँहों में कुद पड़ती है।
देवा भी उसे अपनी गोद में लेकर बांहो में भर लेता है और दोनों एक दूसरे के होठो को चुसने लगते है।।
देवकी के निप्पल देवा की छाती में चूभ रहे थे।
और नीचे देवा का लंड पूरा खड़ा होकर देवकी की गांड की दरार पर छू रहा था जिसका एहसास भी देवकी को हो गया था।
कुछ देर देवकी ऐसे ही देवा की बाँहों ऐसे ही रहकर उसके होंठ चुसती है और फिर देवा से नीचे उतारने को कहती है…
देवा आगे बढ़कर बिस्तर पर उसे पीठ के बल फेंक देता है।
देवकी अपनी नजरे देवा के लंड पर गड़ाये अपनी चुत पर हाथ मलती है।
देवा:“मामी आज तुम्हारे तीनो छेद भर दूँगा। पूरी रात तो नहीं चोद सकता पर जीतनी देर भी इस कमरे में रहूँगा मै। तुम्हारे छेद खाली नहीं रहेंगे।
देवकी: “तो मै भी तो यही चाहती हूँ बेटे… इतने दिन में तुझे मेरी याद न आयी वैसे… क्या कोई नयी चुत मिल गयी है गाँव में जो अपनी ही मामी को भूल गया मेरा बच्चा।”
 
और देवकी बिस्तर पर ही अपनी चुत में ऊँगली ड़ालते हुए दूसरे हाथ से अपने चुचियां मसलने लगती है।
देवा: “हाँ मामी मिल गयी है एक नयी चूत, और वो भी ऐसी जिसे जीतनी बार चोद लो मन नहीं भरेगा…”
देवकी अपने निप्पल दबाते हुए: “ऐसी कौन मिल गयी तुझे जो अपनी मामी से भी अच्छी लग रही है तुझे बता तो जरा…”
देवा: “है मामी गाँव आओगी तो सब पता चल जायेगा तुम्हे…”
और देवा आगे बढ़कर देवकी की चुत पर हाथ रखता है और उसमे 3 उंगलिया घूसा देता है।
देवकी: “आह क्या मजा है तेरे ऊंगली में मेरे शेर आहह आहह।
और देवा दूसरे हाथ से देवकी के चुचे जोर जोर से मसलने लगता है और साथ ही साथ उसकी चुत में 4 उंगलिया डाल कर अंदर बाहर करने लगता है।
देवकी:“आहह ज़ालिम……चोद मुझे…आह देवा……डाल अपना लौडा मेरी चुत में…आहह”
देवकी काफी तेज तेज सिसकारी ले रही थी शायद आवाज नीचे तक भी पहुच रही थी…
पप्पू के कानो में भी आवाज पड़ी उसे लगा की रामु अपनी माँ को चोद रहा है चलो दोनों की चुदाई देखते है…
और पप्पू देवा की तरफ पलटता है और पता चलता है की वो तो यहाँ है ही नही…
इसलिये पप्पू अकेले ही उठ कर आवाज का पीछा करता है और पाता है की आवाज ऊपर देवकी के कमरे से ही आ रही थी।
पप्पू समझता है की रामु और देवकी चुदाई कर रहे है, वो सोचता भी है की आखिर देवा कहाँ चला गया।
पर उस वक़्त उसका मन अपनी सास को चुदते हुए देखने का कर रहा था।
इसलिये वो दबे पाँव सीडिया चढ़ता हुआ ऊपर पहुचता है।
कमरे की बती जल रही थी पर सिसकारी की आवाज अब थोड़ी हलकी हो गयी थी…
की तभी पप्पू के कान में एक आवाज पडी।
देवकी: “आह डाल दे ना अंदर देवा क्यों सता रहा है अपनी मामी को
और……”
ये सुनकर पप्पू समझ गया की अंदर रामु नहीं बल्कि देवा देवकी के साथ है और चुदाई करने ही वाले है।
पप्पू धीरे से आगे बढ़कर कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खोलता है…
और सामने का नजारा कुछ ऐसा पाता है।
देवकी बिस्तर पर नंगी पीठ के बल लेटी थी और उसकी आँखे बंद थी और देवा उसके निप्पल को मुँह में लिये चूस रहा था।
 
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