Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 85 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

पप्पू देवकी के चुचे देख ललचा जाता है और अपने छोटे से लंड को मसलता है।
देवकी, “आह ज़ालिम्म काट मत रे……काट खायेगा
मेरा निप्पल क्या…आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह।”
देवा:“चुप कर साली इतने महीनो बाद मिली है। मेरी मरजी जो करू जैसे करू…”
और देवा उसका निप्पल जोर से काटता है जिससे देवकी की एक तेज चींख निकलती है…
देवकी, “आहह…उई माँ”
देवा देवकी के गाल पर एक चाँटा मारता है…
देवा:“चुप कर साली चींख मत अपने दामाद को जगायेगी क्या…ऐसे देखेगा तुझे तो क्या सोचेगा तेरे बारे में…”
देवकी: “सोचने दे जो सोचता है……तू मुझे चोद अभी बस ज़ालिम…”
पप्पू बाहर खड़ा सब सुन कर अपने लंड को मसल रहा था…
देवा कुछ पल और देवकी के चुचे दबाता और चुसता है और फिर उठ कर उसकी चूत के सामने आता है।।
देवा अपना लंड हाथ में पकड कर देवकी की चुत के चारो तरफ घिसता हुआ कहता है…
देवा: “देवकी मामी तुम्हारी चुत का तो अलग ही मजा है…आज इतने दिनों बाद मिली है तुम्हारी चूत और गांड भी साथ में लूंगा…”
देवकी: “हाँ ले लियो बेटा जीतनी बार तू चाहे चोदीयो अपनी मामी के गांड को… पर अभी मेरी चूत में बहुत गर्मी लग रही है जल्दी से अपना मस्त लौडा डाल कर कुतिया की तरह चोद मुझे बहनचोद…”
देवा देवकी की तरफ देखता हुआ मुस्कराता है और दूसरे हाथ से अपना लंड उसके चुत के मुहाने पर रखता है।
देवा:“ले खा साली रांड”
और एक झटके से देवा अपना लंड अंदर घुसाने लगता है।
देवकी: “आह मर गयी मैं……आह”
और देवा एक बार लौडा बाहर निकाल कर एक और जोरदार झटका मारता है और पूरा का पूरा लंड देवकी की चुत में समां जाता है…
देवकी: “आह हाय रे ज़ालिम धीरे कर……।”
बाहर खड़ा पप्पू सब देखता हुआ अपना लंड बाहर निकाल लेता है और देवकी की चुदाई देखता हुआ लंड को मसलने लगता है।
देवा:“ले साली छिनाल…बहुत कह रही थी न लंड लेने को…ले झेल मरद के लंड को…”
देवकी:“हा डाल और अंदर तक और जोर से चोद हरामी साले…चोद अपनी मामी को……जोर से पूरा डाल कर चोद”
पप्पू बाहर खड़ा अपनी सास के मुँह से निकलती बातो को सुनकर और चुदाई देख कर गरम हो चुका था…
देवा: “ ले साली खा मेरा यह लौडा और जोर से चोदता हुँ तुझे बहन की लौडी…।”
और देवा अपने झटको की रफ़्तार को और तेज कर देता है…
 
देवा अब बिस्तर पर बैठा हुआ था और उसका मोटा लंड खड़ा हुआ था जिसे देवकी ने गेंदों से पकड़ा हुआ था और अपने मुँह में लेने ही वाली थी…
कौशल्या यह नजारा देख कर तुरंत गरम हो गयी और उसका हाथ अपने आप पप्पू के खड़े लंड पर चला गया जिसे वो हिलाने लगी…
देवकी अब देवा की गेंदो को सहलाते हुए उसके लंड को मुँह में उतार चुकी थी और अंदर बाहर करते हुए चूस रही थी।
देवा भी देवकी के सर को पकड़ कर उसके मुँह में अपना लंड पेलने लगता है।
देवकी कुछ पल ऐसे ही अपना मुँह चुदवाती रहती है।
बाहर पप्पू भी अब अपना लंड कौशल्या के मुँह में डाल चुका था जिसे कौशल्या बडे आराम से चूस रही थी।
अंदर देवा देवकी की चुचीयों को मसलता हुआ अपना लंड उससे चुसवा रहा था।
देवा: “और चुस साली…बहुत पसंद है न तुझे यह लौड़ा… चुस पूरा अंदर तक लेके…मसल मेरी गेंदो को चाट उन्हें भी…”
और देवकी देवा के लंड को जोर जोर से अंदर बाहर करते हुए उसकी गेंदो को दबाने लगती है।
देवा: “आह चुस साली चुस अंदर तक लेके…”
कुछ देर तक यूँ ही अंदर और बाहर दो औरते दो मर्दो के लंड अपने मुँह में लिए चुसती रहती है…
पप्पू का पानी निकल जाता है जिसे कौशल्या पी लेती है…
झडने के बाद पप्पू अपने कपडे ऊपर कर के नीचे चला जाता है और कौशल्या अपने मुँह पर लगे वीर्य को निचे धोने चलि जाती है…
अंदर अब देवकी ने अपने मुँह से देवा का लंड बाहर निकाल तो लिया था पर उसे बाहर से चाटने में लगी हुई थी और उसके लंड के टोपी को भी चूस रही थी।

देवा:“आह रुक साली अब मुझे तेरी गांड मारनी है…”
देवकी कुद कर देवा के लंड पर से उठती है और अपनी गांड उठाकर देवा की तरफ कर देती है।
देवकी: “आज जितना भी चीखु रुकना मत बस…तेरी मामी बहुत तरस रही थी तेरे लंड के लिए बस और देर न कर और पूरी जान लगा दे मेरी गांड मारने में आज…

देवा:“हाँ साली चिखियो जोर जोर से…पुरे मोहल्ले को पता चले की मरद की चुदाई कितना दर्द देती है…”
और देवा अपने लंड को हाथ में पकड कर आगे बढ़ता है देवकी अपने दोनों हाथो से अपनी गांड के छेद को फैला कर देवा की तरफ देखती मुस्कुरा रही थी…
देवकी: “आह आने वाला सुख अभी से महसूस हो रहा है मुझे…चोद बहनचोद मुझे…”
 
लंड खच खच देवकी की चुत को चोदता हुआ अंदर बाहर हो रहा था।
देवकी को बहुत दिनों बाद अपनी चुत खुलती हुई महसूस हो रही थी।
देवकी:“आह और जोर से पुरा घूसा कर तेज तेज चोद अपनी मामी को हरामी…आहह माँ……क्या लौडा है सच्ची……आहह चोद”
और देवा अपनी मामी देवकी की चुत को तेज तेज धक्के मारता हुआ चोदना जारी रखता है।
देवा पिछले 10 मिनट से देवकी की चुत चोद रहा था।
देवा बिना चुदाई रोके देवकी के ऊपर लेटने लगा और उसकी चुचीयों को हाथो में लेकर मसलने लगा।
देवा “क्या मस्त चुचे है तेरे साली मन करता खा जाऊँ…”
और देवा जोर जोर से उसके चुचे दबाने लगता है और नीचे से उसकी चुत में अपना लंड और तेजी से पेलने लगता है।
देवकी: “आह्ह्ह्हह खा जा बहनचोद पर चोदता रह अपने इस हाथी जैसे मस्त लौडे से अपनी मामी को।”
देवा देवकी के चुचो को छोडता है और उसकी गरदन पर चुमते हुए अपने दाँतो से उसके निप्पल काटते हुए उसकी चुत में अपना लंड पेलता हुआ उसे चोदना जारी
रखता है…
देवा देवकी की गरदन को चुमता हुआ उसकी चुत चोदता रहता है।
साथ ही साथ एक हाथ से उसके निप्पल को दबाता है और उसके कानो को अपने दांतो से काटता है।
देवकी: “उई माँ आह आह…देवा……काट मत………आह और जोर सी चोद मेरे को…आह्ह्ह”
पप्पू देवकी की बाते और उसकी चुदाई देख कर अपना लौडा तेजी से हिलाने लगता है की पीछे से उसके काँधे पर कोई हाथ रखता है…
पप्पू एक दम से डर जाता है और पीछे मुडकर देखता है
ये कौशल्या थी।
वह पप्पू को देखकर हँस रही थी…
कौशल्या को देख पप्पू की जान में जान आयी और वो भी उसे देख कर मुस्कराता है।
कौशल्या: “तो तुमने देख ही लिया पप्पू जी…”
पप्पु: “क्या देख लिया मैंने भाभी।”
कौशल्या: “यह तो तुम जानते ही हो और तुम्हारा यह खड़ा लंड बता भी रहा है सब…”
देवकी: “आह चोद मुझे और जोर से हरामी…”

कौशल्या और पप्पू के कान में देवकी की आवाज पड़ती है।
कौशल्या पप्पू की तरफ देख कर मुस्कराती है।
पप्पू भी कौशल्या को देख कर दोबारा अपना लंड हाथ में लिए मुठियाना शुरू कर देता है…
कौशल्या भी आगे बढ़कर कमरे में दरवाजे के खुले हिस्से से झाँकती है।
 
देवा आगे बढ़कर देवकी की चुचीयों को पकड़ कर मसलने लगता है।
देवा: “हाँ चोदुँगा पहले तेरी चुचियाँ तो दबा लुँ साली छिनाल”
देवकी:“आह्ह्ह्ह”
देवा जोर जोर से देवकी की चुचियों को दबा रहा था और साथ ही उसकी पीठ भी चुम रहा था।
देवकी: “कितनी देर और तड़पाएगा मादरचोद चोद न अपनी मामी की गांड…”
कुछ पल बाद देवा देवकी के चुचे छोड़ देता है और पीछे से अपने लंड को उसकी गांड के छेद के चारो तरफ घुमाता है…
देवकी:“डाल दे हरामी…”
देवा मुस्कराते हुए देवकी की गांड में अपना लंड एक झटके में आधा घूस्सा देता है…
देवकी को अपनी गांड की मासपेशिया फ़ैलती हुई महसूस होती है जिससे उसे एक तेज दर्द की अनुभूति होती है और वो अपनी गर्दन पीछे मोड़कर देखती है।
देवकी:“आहह मेरी गाँड…आहह मर गयी मैं माँ……उई बहुत्त दर्द हो रहा है…हाय रे ज़ालिम”
देवकी की जोरदार चीख़ कौशल्या और पप्पू दोनों के कानो में पड़ती है। कौशल्या अपना मुँह साफ़ करने नीचे गयी थी और पप्पू बिस्तर पर लेट गया था।
देवा देवकी की चीख़ सुनकर अपनी चोदने की रफ़्तार को और तेज कर देता है और हाथ आगे बढाकर उसके एक चुचे को दबाते हुए उसकी गांड मारने लगता है।

देवकी बहुत समय बाद देवा से अपनी गांड मरवा रही थी आज तक जीतने भी लंड उसने खाये है उनमें देवा का लंड ही सबसे बड़ा है और अगर ऐसा लंड उस जगह घुस जाये जो ज्यादा न चोदी गयी हो तो दर्द तो होना लाज़मी है।
देवा खचा खच देवकी की गांड में अपना लंड पेले जा रहा था।
देवकी: “हाय मर गयी…हे भगवान…कैसा मोटा लौडा है तेरा कामिने…गाँड फाड़ दी मेरी…”
देवकी कुछ पल तक गांड में हो रहे दर्द किसी तरह बरदाश्त कर रही थी पर लगभग १० मिनट की दमदार चुदाई के बाद देवकी ने देवा को अपना लंड बाहर निकालने को कहा।
देवा ने तुरंत अपना लंड बाहर निकाला और बिस्तर पर लेट गया।
देवकी: “आह मार ड़ाला हरामी तूने…बहुत दिनों बाद लिया है गांड में तो दर्द हो रहा है बहुत । जरा रुक कुछ देर…”
देवा:“क्या साली बडी रंडी बनी फिरती थी। गाँड में लंड क्या घुस गया तेरी तो फट गयी…पहले भी तो ले चुकी है…”
देवकी: “साले ले चुकी हुँ पर इतना समय हो गया है रामु का तो ज्यादा दर्द नहीं करता पर तेरा तो अंदर आँतो तक पहुच गया है ऐसा तो सांड़ जैसा लंड लिए फिरता है तू…”
देवा देवकी की बात सुनकर हँसता है।
 
देवकी कुछ पल अपनी गांड को आराम देती है और हाँफ्ते हुई कहती है…
“हे राम…बहुत दर्द कर रही है गांड…”
देवा अचानक उठता है और उसे अपने ऊपर खीच लेता है और उसके बिना कुछ बोले एक झटके में अपना पूरा लंड उसकी गांड में घुसा देता है।
देवकी इस अचानक हुए हमले से सहम जाती है और जैसे ही उसे अपनी गांड में देवा का लंड गहराइयो तक महसूस होता है तो उसकी एक जोरदार चीख़ निकलती है जो आस पास के कमरों तक गूँजती है…
देवकी:… “आह …उई…आहह मर गयी”
देवा के कान के परदे हिल जाते है देवकी की इतनी अचानक चीख़ से…
देवकी की चीख़ सुनकर कौशल्या बाथरूम से भागकर सीढ़ीयो की तरफ दौड़ती है…
पप्पू अब सोने की कोशिश करता है…
कौशल्या देवकी के कमरे के बाहर पहुच कर अंदर झाँकती है तो पाती है की देवकी कुतिया बनी अपनी गांड देवा से मरवा रही है।
अब देवकी को ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था इसलिए वो कुतिया बनी देवा के हर धक्के पर अपनी गांड पीछे की तरफ हिलाती हुई लंड अपनी गांड में लेती हुई चुदवा रही थी।
देवकी:“आहह आह अहह…आह.....अहह आह्ह्ह्ह...यहहह ...यहः,…आहह और जोर से…आहह…आहह…आहह पूरा अंदर तक डालो बेटा…।आहह आहह…आहह आ…आहह…और जोर से पूरी ताकत से…आहह…देवा…आह”
देवा: “ले साली और खा लंड अभी तो चीख़ रही थी और अब अंदर का रान्डीपना जग गया तेरा बहन की लौडी…ले…”
कौशल्या बाहर से देवकी के रंडीपन को देख थोड़ी और गरम हो गयी थी उसका हाथ अपनी चुत को मसल रहा था…
उसका भी मन था अंदर जाकर लंड खाने का । पर चुकी वो इस स्थिति में चुदाई नहीं कर सकती थी तो चुत रगडने के अलावा और कुछ नहीं कर सकती थी।
देवा के झटके तेज हो गए थे।
उसने देवकी की गांड से बिना अपना लंड निकाले उठाया और उसे बिस्तर से लटकाकर कर उसकी गांड में अपना लंड चलाना फिर से शुरू कर दिया।
 
अब देवकी बिस्तर पर लटकी हुई अपना सर जमीन पर पड़े हुए अपनी गांड में देवा का लंड ले रही थी
देवकी: “आह क्या मस्त तरीका है चुदाई का…आह…अहह …आहह”
देवा:“हाँ साली बस लंड चाहिए तुझे अपने छेदो में ले इस तरीके से भी खा अपने देवा के मस्त लंड को…”
देवा सटा सट देवकी की गांड मारता जा रहा था।
देवकी का सर जमीन पर था उसे देवा का लंड साफ़ अपनी गांड में अंदर बाहर होता हुआ दिख रहा था।
देवकी मुस्कराते हुए देवा के लंड के हर झटके के साथ अपनी गांड ऊपर नीचे हिला रही थी।
बाहर कौशल्या ने पानी छोड दिया था और उसकी सलवार गीली हो गयी थी।
उसने पहली बार किसी को ऐसे चुदाई करते देखा था…
देवा पीछे से उसकी गांड में अपना लंड डाले पूरे जोश में अंदर बाहर करता रहा…
लगभग ऐसे ही कुछ 1 घन्टे तक देवा ने देवकी के तीनो छेदो को कई बार चोदा।
कौशल्या कुछ देर बाद ही अपने कमरे में जाकर गीली सलवार में ही सो गयी।
देवा भी अपने कपडे पहनकर पप्पू के बराबर में आकर सो गया…
देवकी नंगी ही चादर ओढ़ कर सोने लगी उसकी गांड आज देवा ने बुरी तरह चोदी थी इसलिए उसे बहुत दर्द हो रहा था और उसे बहुत दिनों से देवा का लंड लेने का मन था इसलिए आज वो खुश होकर सो गयी।
अगली सुबह देवा और पप्पू को ममता के साथ वापस अपने गाँव लौटना है…
 
अपडेट 136




सुबह-सुबह जब देवा और पप्पू उठ कर तैयार हो जाते हैं और ममता के घर जाते हैं जहां पर ममता तैयार हो चुकी होती है सभी से विदा ले कर ममता को लेकर देवा और पप्पू अपने गांव की तरफ रवाना होते हैं।


घर पहुंचकर देवा अपनी मां रत्ना को आवाज देता है ।रत्ना घर से बाहर निकलकर ममता देवा और पप्पू को देखकर बहुत खुश होती है और ममता को गले से लगा लेती है और घर के अंदर ले जाती है । जब ममता के घर आने की बात पड़ोस में मालूम होती है कि ममता घर आई हुई है उसकी बहुत सारी सहेलियां उससे मिलने के लिए रत्ना के घर आती हैं । नीलम भी देवा के घर ममता से मिलने के बहाने आती है। लेकिन नीलम का ध्यान देवा की ओर ही लगा रहता है।


धीरे-धीरे सभी ममता से मिलकर अपने अपने घर चले जाते हैं दोपहर के समय गांव के सभी लोग अपने-अपने घरों में आराम करने लगते हैं। इधर घर में अब सिर्फ अपना ममता और देवा ही बचते हैं।
रत्ना अपने कमरे में आराम करने के लिए चली जाती है ममता भी अपने कमरे में जब आराम करने के लिए जाती है तो पीछे से देवा भी उसके कमरे में पहुंच जाता है और पीछे से ममता को अपनी बाहों में भर लेता है। ममता चौंक जाती है।
ममता: क्या कर रहे हो भैया ....अभी मां देख लेगी तो वह बहुत गुस्सा करेगी ।
देवा : नहीं मेरी जान मैंने अपना वादा पूरा कर दिया है अब मैंने मां को भी अपने प्यार के वश में कर लिया है। मां को दिन रात अपनी बीवी की तरह चोदता हूं।

यह बात सुनकर ममता की आंखें हैरत से फैल जाती है क्या बात कर रहे हो भैया.... क्या सचमुच तुमने मां को चोद दिया है?
देवा: हां ममता क्या तुम्हें विश्वास नहीं है अपने भाई पर...

इधर बातें करने के साथ साथ देवा ममता की चूचियों को भी मसल रहा है जिससे ममता धीरे धीरे गरम होकर सिसकारी भरने लगती है। देवा ममता को पेट के बल पलंग के सहारे घोड़ी बना देता है और उसकी साड़ी को पूरा ऊपर तक उठा देता है ममता घोड़ी बनी अपनी गांड को टाइट कर देती है देवा अपने घोड़े जैसे लंड को ममता की चूत पर लगाकर रगड़ने लगता है।
 
देवा के लंड में रगड़ने से जल्दी ही ममता की चुत पानी छोड़ने लगती है देवा अपनी बहन ममता को गर्म देखकर अपने लंड को एक धक्के के साथ ममता की चूत में पेल देता है। ममता जोर से चिल्लाती है लेकिन देवा खचाखच ममता की चूत मारने लगता है ।

देवा के धक्के धीरे-धीरे बहुत तेज होने लगते हैं और ममता की सिसकीयां भी बहुत तेज हो जाती है जोकि रत्ना को सुनाई पड़ने लगती है दोनों की सेक्सी आवाजें सुनकर रत्ना की चूत भी गीली होने लगती है वह भी अपने आप को रोक नहीं पाती और धीरे-धीरे ममता के रूम की तरफ आने लगती है ।

जब रत्ना खिड़की से ममता के रूम में देखती है तो देवा ममता को कुतिया बनाकर पेल रहा है।

रत्ना: यह क्या हो रहा है देवा तुमको थोड़ा सा भी शर्म नहीं है। बहन के घर आते ही उस पर चढ़ गया तुझे यह भी परवाह नहीं है कि दिन है कि रात कभी भी अपनी बहन के ऊपर चढ़ जाता है अगर किसी ने देख लिया तो हमारी कितनी बदनामी होगी ।

देवा: अरे मां इस टाइम कौन आएगा और ममता इतनी सुंदर दिख रही है सुबह से मेरा लंड खड़ा है। मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया । तुम भी आ जाओ ना तुम्हारी चूत में भी तो खुजली हो रही होगी। आ जाओ तुम को भी शांत कर देता हूं।

रत्ना: अरे नहीं बेशर्मी तुम दोनों को ही मुबारक हो। मैं अभी इतनी बेशर्म नहीं हूं तुम दोनों के साथ मिल जाऊँ।

देवा :प्लीज मां आ जाओ ना बहुत मजा आएगा देखो ममता को कितना मजा आ रहा है।
ममता: भैया सही बोल रहे हैं माँ।मुझे बहुत मजा आ रहा है आओ...दोनों मिलकर भाई का तेल निकाल देते हैं ।

रत्ना: अच्छा ठीक है रात को मैं भी आऊंगी लेकिन अभी दिन में मुझे बहुत शर्म आएगी। ये कहकर रत्ना वहां से चली जाती है।और देवा आधे घंटे चोदने के बाद ममता की चूत अपने माल से भर देता है।ममता भी दो बार झड़ चुकी थी।

धीरे धीरे समय बीतता जाता है शाम को रत्ना खाना बनाने लगती है ममता भी हाथ बटाने लगती है। जब खाना तैयार हो जाता है तो सभी खा पीकर आराम करने लगते है।
 
देवा तो रोज अपनी माँ के पास ही सोता था।वह अपनी माँ के बेड पर चला जाता है वह ममता को समझा दिया था की जब मैं माँ के साथ चुदाई करूँ तो तुम भी आ जाना।

कुछ देर बाद देवा रत्ना को ममता के साथ आते देखकर चौंक जाता है।उसकी माँ तो उससे एक कदम आगे है।रत्ना तो खुद ही ममता को ले आई थी। देवा बहुत खुश होता है।

रत्ना दूध का गिलास भी लाई थी जिसे देवा को दे देती है।देवा अपने भी दूध पीता है और अपनी माँ बहन को भी पिलाता है।

दुध पीने के बाद तीनो एक दूसरे को देखते है जैसे पूछ रहे हो अब क्या।
देवा: देखो माँ ममता ने मुझसे वादा किया था की इस बार जब यहाँ आएगी तो मुझे अपनी कुँवारी गांड देगी।आज वो दिन आ गया है।मुझे ममता की कुँवारी गांड चोदनी है।तभी वह पूरी तरह से मेरी रंडी बन जायेगी।
और रत्ना.... ममता की गांड मारने में तुम मेरी मदद करोगी।आज से तुम दोनों मेरी रंडी हो।तुम दोनों को मुझे जैसे मन करेगा चोदुँगा।

रत्ना: बेटे कुँवारी गांड मारने के लिए मैं देशी घी ले कर आती हूँ ताकि मेरी बेटी को कम दर्द हो।

देवा: बेटी की बड़ी चिंता है साली रंडी।तेरी भी गांड मारूँगा।
रत्ना घी लेकर आ जाती है।

देवा: चलो तैयार हो जाओ मेरा लंड लेने के लिए।
और दोनों शरमा जाती है।
देवा: ममता तुम चिंता मत करो शादी तक तुम्हारे पेट में मेरा बच्चा आ जायेगा।
ममता :देवा के कान में। मुझे इंतज़ार रहेगा।


देवा दोनों को बेड के सहारे झुका कर फर्श पर खड़ा कर देता है।
दोनों बेड पे अपने हाथ टीका कर और फर्श पे पैर फेला कर खड़ी थी।
और देवा दोनों के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है
और दोनों की टाँगे फैला देता है और इस पोजीशन में दोनों माँ बेटी की गाण्ड का छेद साफ़ नज़र आ रहा था।
उनके पीछे घुटनो पर बैठ जाता है और दोनों की गाँडो के छेद में अपने दोनों हाथों की एक एक ऊँगली में थूक लगा के पेल देता है।
और दोनों के मुह से सिसकारी निकल जाती है।
रत्ना को तो कम पर ममता को बहुत दर्द हुआ।
ममता : आह माँ मार ड़ाला ।आह भइया मेरी गाँड में आज तक मेरी ऊँगली भी नहीं गई है।

देवा:कोई बात नही साली।आज तेरी गाँड में मेरा मूसल जायेगा।
रत्ना : धीरे ममता आवाज़ मत कर ।
ममता : आह स स माँ बहुत दर्द हो रहा है।
रत्ना : जानती हुँ पर बेटी अभी तो देवा ने अपनी एक ऊँगली डाली है जब पूरा मुसल जायेगा तो क्या होगा।
ममता : आह ओह माँ आह से आ माँ दर्द सह लुंगी पर मुझे अपने भाई का लंड अपनी चुत और गाण्ड दोनों में लेना है तभी मैं आप की तरह भाई की पक्की रांड बन पाऊँगी इसलिये मुझे जितना भी दर्द सहना पड़ेगा मैं सह लुंगी ।
रत्ना: ये हुई न बात मेरी रानी बेटी ।
देवा और तेज़ तेज़ अंदर बाहर करो अपनी ऊँगली ।
 
और देवा तेज़ तेज़ अपनी ऊँगली दोनों की गाँड में अंदर बाहर करने लगता है और रत्ना की गाण्ड से ऊँगली निकाल कर उसकी गाण्ड पे जीभ लगा कर चाटने लगता है।
रत्ना: आह जान क्यों गन्दी जगह अपनी जीभ लगाते हो। आआआह उईईईईई माँ माँ आह कितना अच्छा लगता है मेरे राजा।
ममता देख रही थी की देवा माँ की गाण्ड चाट रहा था
ममता ; आह माँ आहहह नहीं मेरी भी चाटो ना भाई।
और देवा ममता के गाण्ड से ऊँगली निकाल कर उसके गाण्ड के छेद में जीभ लगा कर चाटने लगता है।
ममता: सीसीसीसी मज़ा रहा है भइया ।
क्या चाटते हो।
रत्ना: जान अब पेल दो न।
देवा: किसके में डालुँ पहले ।
रत्ना: ममता के गाँड में जान ।उसे बहुत दर्द होगा तो उसी हिसाब से उसकी गाण्ड मारनी पडेगी।
और घी को उठा कर ममता के गाण्ड के भूरे छेद में मल देती है।

देवा: जान इसको खड़ा तो करो अपना लंड को हिलाते हुए।
और उसकी ये बात सुन कर दोनों माँ बेटी एकदम से देवा के लंड के पास मुँह करके बैठ जाती है और दोनों उसके लंड को चुसने लगती है ।
कभि कोई टट्टों को
कोई लंड को।
फिर टोपे को।
तो कोई ज़ड को और
एक दूसरे से छिनने लगती है जैसे होड लगी हो किसी चीज़ की।
देवा: हो गया भाई खड़ा करना है निचोड़ना नहीं है
और दोनों उसकी ओर देख के भी नहीं रूकती है पागलो की तरह चुसती रहती है।
देवा: आ आह और चूसो ऐसे हे आह ओह माँ मर गया उफ मज़ा आ रह है चुसो मेरी रंडियों चुसो मेरे लंड को मजा आ गया निकालो मेरा पानी और पी जाओ
आह ओह माँ आह से आ माँ मार ड़ाला मेरी रण्डियों ने।
और वो दोनों तो जैसे कुछ सुन ही नहीं रही थी
और दोनों एक दूसरे से छिना झपटी कर रही थी।
जैसे लड रही हो की ये लंड़ मेरा है की मेरा है।
तभी देवा का शरीर अकडने लगता है रत्ना समझ जाती है।
और देवा के टोपे को ममता से छिन कर अपने मुँह में लेती है और जोर जोर से चुसने लगती है।
और तभी देवा पिचकारी छोड देता है और रत्ना उसका पानी पीने लगती है और फिर अपने मुँह से निकाल कर ममता के मुँह में देती है और दोनों माँ बेटी देवा का पानी पी जाती है और चाट चाट कर साफ़ कर देती है ।
 
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