desiaks
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याराना
जर, जोरू और जमीन- कहा जाता है कि झगड़े की यही सबसे बड़ी वजहें होते हैं और इनके कारण भाई-भाई भी दुश्मन हो जाते हैं। खास कर जोरू तो भाइयों तो क्या गहरे से गहरे दोस्तों में भी अलगाव करा देती है। लेकिन हमारे मामले में कुछ उल्टा ही हुआ था। 'जोरुओं' की वजह से हम दो दोस्तों की टूट चुकी दोस्ती फिर से जुड़ गई।
मैं राजवीर (26) और मेरे बचपन का दोस्त रणविजय। हमारा जन्म दो दिन के अंतर पर हुआ था, सो हमारे घर वालों ने हमारा नाम भी एक सा रखा था। गाँव में हमारे घर आमने-सामने हैं। हमारे परिवारों का बहुत बड़ा फॅमिली बिजनेस था और हम गाँव के अमीरों में से थे। दोनों परिवारों में पहले बहुत दोस्ती थी लेकिन बिजनेस की वजह से मनमुटाव हो गया था। अब हाल यह था कि उन्हें अपने बिजनेस के लिए पार्ट्स खरीदने पड़ते थे जो हम बनाते थे लेकिन वे दुश्मनी की वजह से हमसे पार्ट्स ना खरीदकर बाहर से इम्पोर्ट करते थे। इधर हमारे प्रॉडक्ट का नाम विश्वसनीय था। नुकसान दोनों पक्षों को था। बचपन से रणविजय और मैं अच्छे दोस्त थे। दोनों गाँव की क्रिकेट टीम में साथ खेलते बड़े हुए थे। अच्छे खिलाड़ियों के रूप में हमारी धाक थी। लेकिन जब हम बड़े हुए और अपना अपना बिजनेस सम्हाला तो आपस में बोलना बंद कर दिया।
रणविजय की शादी प्रिया से हुई और उसी साल मेरी भी शादी तृप्ति से हुई। दोनों ही सुंदरियाँ। प्रिया देखने में फिल्मी हीरोइन प्रेरणा जैसी थी और मेरी पत्नी तृप्ति टीवी सीरियल की हीरोइन संजना जैसी। इधर रणविजय और मैं भी देखने में स्मार्ट और हैंडसम। हमारी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी थी। घर आमने-सामने होने के कारण रणविजय और मेरी रोज नजरें मिलती लेकिन हम बात नहीं करते थे। दोनों ही एक-दूसरे के ग्राहकों को भड़काते। इससे हमारे बिजनेस पर काफ़ी असर पड़ रहा था।
कहानी में मोड़ तब आया जब हमारे गाँव का एक मैच था और जीतने के लिए गाँव के लड़कों ने हमें खेलने को कहा। हमारी जोड़ी ने बल्ले और गेंद से टीम को जीत दिलाई। गाँव के लोग बहुत खुश हुए, बोले, तुम लोग हमेशा साथ ही खेलो। पुरानी दोस्ती थी और मैच में हमने साथ खेला था सो मैच के बाद एक दूसरे के खेल की टांग खींचने लगे। तुझसे अच्छा मैंने खेला, तू तो स्ट्रेट में गेंद डाल रहा था, वगैरह वगैरह! दोनों को बचपन का याराना याद आने लगा। थोड़ी देर में खेल के और साथी चले गये और मैदान में हम दोनों ही रह गए तो थोड़ी बिजनेस की भी बात होने लगीं। दोनों ने एक दूसरे के बहुत से ग्राहकों को भड़काया था और एक दूसरे का बहुत नुकसान किया था।
मैंने कहा- यार, बहुत नुकसान हो रहा है। चल एक-दूसरे से लड़ाई खत्म कर बिजनेस बढ़ाते हैं।