hotaks444
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छठा दिन......
कल रात की मेहनत के बाद हम काफ़ी लेट उठे और वापस चलने को तय्यार हुए. हम
सुबह 11-12 बजे सो के उठे. थोड़ी देर में तय्यार हुए और हमने लंच होटेल
में ही किया .
फिर वापस चलने के लिए कार मैं बैठ गये.
आज मौसम सॉफ था, तूफान गुज़र चुका था…..
दिन होने की वजह से हम लोग शराफ़त से ही बैठे थे… ट्रॅफिक भी ठीक ठाक था.
सारा सफ़र हम लोग एक दूसरे की बातें करते रहे. आंटी बहुत शूकारगुज़ार थी
के मैने उनकी ज़िंदगी में ऐसे दिन वापस लाए और उनकी भुजी सेक्स-लाइफ को
फिर से जगाया… अनु खुश थी के उसको अपनी प्यास घर पे ही भुजाने को मिल गयी
और उसकी सहेली पे उसका इंप्रेशन भी जम गया
आंटी ने हमे ज़रूरी बातें बताई.
आंटी – देखो अनु, शादी से पहले सिर्फ़ किस्सिंग या चाटना.. सूबी तुम भी
सब की मत चाटना.. कोई बीमारी हो गयी तो… बॅस सिर्फ़ मेरी और अनु की.. और
सब से ज़रूरी, तुम हम से बहुत छ्होटे हो, तो इस रिलेशन्षिप को एमोशनली
नही लेना…
अनु – चिंता ना करो दीदी.. सूबी बहुत अच्छा कुत्ता है… देखो ना, कभी भी
इस ने लिमिट्स क्रॉस नही की… सिर्फ़ उतना ही किया जितना मैने इस को
अल्लोव किया था.
आंटी – हां.. ऐसा बॉय-टॉय (सेक्सी -खिलोना) मैने सिर्फ़ ब्लू-फिल्म्स में
देखा था… मुझे पता नही था के ऐसा एक लड़का हमे असल ज़िंदगी में भी मिलेगा
जो हमारी चाट चाट के ही सॅटिस्फॅक्षन करा देगा…
शाम को हम घर पहुँचे…
मैं बोला – आंटी कल मेरे पेरेंट्स आ जाएँगे… पर मैं चाहता हूँ के मैं इसी
तरह जब भी मौका मिले आप के पास आता रहूं…
आंटी – क्यूँ नही.. मथ्स पढ़ने आ जाया करना
अनु – या फिर इंटरनेट से कुछ डाउनलोड करने…
सुबीए – आंटी वादा कीजिए के आप को जब भी मौका मिलेगा आप मुझे ज़रूर अपना
जूस पिलाया करेंगी और अपने पॅंटीस सिर्फ़ मुझ से ही ढूलवाएँगी…
आंटी – पक्का… जब भी मौका मिला तो तुम्हे ही यूज़ करूँगी….
सारी रात हम लोग बिल्कुल नंगे एक दूसरे से चिपके रहे…. आज रात सेक्स नही
बल्कि सच्चा प्यार हम तीनो को बाँध रहा था,
सातवे दिन मेरे पेरेंट्स आ गये
वो मेरे लिए, बाहर से काफ़ी गिफ्ट्स लाए थे.
आंटी की आँखो में आँसू देख के हैरान थे.
आंटी – कुछ नही, बस, सूबी इतना अच्छा बच्चा है के इस के साथ घर में रौनक रही..
मेरे पेरेंट्स ने मुझे देखा और मुस्कुरा डुए
बेचारे मेरे मा बाप .. क्या जाने उनका सूबी कैसे कैसे रौनक लगाया करता था
आंटी के साथ.
अनु बहुत एमोशनल होने की वजह से अपने रूम से बाहर नही आई
फिर आने का वादा कर के मैं अपने पेरेंट्स के साथ अपने घर की तरफ चल दिया
दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
कल रात की मेहनत के बाद हम काफ़ी लेट उठे और वापस चलने को तय्यार हुए. हम
सुबह 11-12 बजे सो के उठे. थोड़ी देर में तय्यार हुए और हमने लंच होटेल
में ही किया .
फिर वापस चलने के लिए कार मैं बैठ गये.
आज मौसम सॉफ था, तूफान गुज़र चुका था…..
दिन होने की वजह से हम लोग शराफ़त से ही बैठे थे… ट्रॅफिक भी ठीक ठाक था.
सारा सफ़र हम लोग एक दूसरे की बातें करते रहे. आंटी बहुत शूकारगुज़ार थी
के मैने उनकी ज़िंदगी में ऐसे दिन वापस लाए और उनकी भुजी सेक्स-लाइफ को
फिर से जगाया… अनु खुश थी के उसको अपनी प्यास घर पे ही भुजाने को मिल गयी
और उसकी सहेली पे उसका इंप्रेशन भी जम गया
आंटी ने हमे ज़रूरी बातें बताई.
आंटी – देखो अनु, शादी से पहले सिर्फ़ किस्सिंग या चाटना.. सूबी तुम भी
सब की मत चाटना.. कोई बीमारी हो गयी तो… बॅस सिर्फ़ मेरी और अनु की.. और
सब से ज़रूरी, तुम हम से बहुत छ्होटे हो, तो इस रिलेशन्षिप को एमोशनली
नही लेना…
अनु – चिंता ना करो दीदी.. सूबी बहुत अच्छा कुत्ता है… देखो ना, कभी भी
इस ने लिमिट्स क्रॉस नही की… सिर्फ़ उतना ही किया जितना मैने इस को
अल्लोव किया था.
आंटी – हां.. ऐसा बॉय-टॉय (सेक्सी -खिलोना) मैने सिर्फ़ ब्लू-फिल्म्स में
देखा था… मुझे पता नही था के ऐसा एक लड़का हमे असल ज़िंदगी में भी मिलेगा
जो हमारी चाट चाट के ही सॅटिस्फॅक्षन करा देगा…
शाम को हम घर पहुँचे…
मैं बोला – आंटी कल मेरे पेरेंट्स आ जाएँगे… पर मैं चाहता हूँ के मैं इसी
तरह जब भी मौका मिले आप के पास आता रहूं…
आंटी – क्यूँ नही.. मथ्स पढ़ने आ जाया करना
अनु – या फिर इंटरनेट से कुछ डाउनलोड करने…
सुबीए – आंटी वादा कीजिए के आप को जब भी मौका मिलेगा आप मुझे ज़रूर अपना
जूस पिलाया करेंगी और अपने पॅंटीस सिर्फ़ मुझ से ही ढूलवाएँगी…
आंटी – पक्का… जब भी मौका मिला तो तुम्हे ही यूज़ करूँगी….
सारी रात हम लोग बिल्कुल नंगे एक दूसरे से चिपके रहे…. आज रात सेक्स नही
बल्कि सच्चा प्यार हम तीनो को बाँध रहा था,
सातवे दिन मेरे पेरेंट्स आ गये
वो मेरे लिए, बाहर से काफ़ी गिफ्ट्स लाए थे.
आंटी की आँखो में आँसू देख के हैरान थे.
आंटी – कुछ नही, बस, सूबी इतना अच्छा बच्चा है के इस के साथ घर में रौनक रही..
मेरे पेरेंट्स ने मुझे देखा और मुस्कुरा डुए
बेचारे मेरे मा बाप .. क्या जाने उनका सूबी कैसे कैसे रौनक लगाया करता था
आंटी के साथ.
अनु बहुत एमोशनल होने की वजह से अपने रूम से बाहर नही आई
फिर आने का वादा कर के मैं अपने पेरेंट्स के साथ अपने घर की तरफ चल दिया
दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा