desiaks
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वो दोनों गुन्डे मुझे यहां देखकर चाके। क्योंकी शायद राज2 के अलावा यहां कोई आता नहीं होगा, तो दोनों ने मेरे ऊपर गन तान दी।
मैं- अरे ये क्या कर रहे हो?
गुन्डा|- कौन हो तुम, और यहां क्या कर रहा है?
मैं- अरे यार डाक्टर के पास लोग क्यों जातें हैं? लगता है तू भी दिमाग गाण्ड में लकर घूमता है?
गुन्डा2- "चुप हो जा समझा? ज्यादा बोला तो गाण्ड में ही गोली मारंगा सालें, क्या समझ? ये बोल कौन है तू?"
मैं- "मैं राज? का बेटा है और ये हमारे फेमिली डाक्टर हैं, उनसे मिलने आया है। चाहो तो जाकर पूछ लो.."
मेरी बात सुनकर दोनों डर गयें की मैं राज? का बेटा हैं। शायद वो अपने बास को जानते थे, तो उनमें से एक ने जाकर अंदर बताया तो रजत मुझे देखकर पहले तो चकित हुआ, मगर फिर हंसते हुए अंदर आने को बोला।
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अभी-अभी रजत राज? से बात ही कर रहा था। शायद राज? ही काल करके जो एम.एल.ए. बता रहा वो बताया होगा, और काल कट होने के बाद वो भी कुछ सोच ही रहा था की उसके आदमी ने बताया- "बास, दूसरे बास का लड़का आपसे मिलने आया है..." उसकी बात सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन वो फिर देखने बाहर आया।
में अंदर आकर- "हाय अंकल..."
रजत- हाय बेटा, कैसे हो?
मैं- मस्त।
रवि. कैसे आना हुआ?
मैं- कुछ नहीं अंकल, सोचा आज आपकी भी गाण्ड मार ही लेना चाहिए।
रवि. ये... ये तुम कैसी बात कर रहे हो?
अभी वो कुछ बोलता या करता मैंने वहां पड़ी कैंची उसके मुंह में डाल दिया, और कहा- "अगर चूं की भी आवाज निकाली तो याद रखना इसे पूरा घुसेड़ दूँगा, समझा?"
वो भी समझ गया की कुछ भी किया तो मारा जा सकता है। पर उसे समझ में नहीं आ रहा था की मैं ऐसा क्यों कर रहा है? फिर मैंने उसे उसी चेयर पर बाँध दिया, जिसमें वो बैठा था। वहां पड़ी टेप से मैंह बंद कर दिया फिर वो कैंची उठाई और बाहर आया।
मैं- "अंकल आप दोनों इस दरवाजा के अंदर आओ..."
अब वो दोनों भी जान चुके थे की मैं उनके बास का बेटा है, तो दोनों मेरी बात मान गये। फिर उनके आते ही तेजी से दोनों के गले में उसी कैंची को घुसाकर मार दिया और हँसते हुए अंदर चल दिया हाहाहाहा।
जब मैं अंदर रजत के पास आया तो वो चैयर से टेबल की तरफ आकर वहां से चाक उठाने की कोशिश कर रहा था। अब ये तो आप समझ ही गये होंगे की क्यों? क्योंकी उसको रस्सी काटकर फ्री जो होना था।
मैं ये देखकर और जोर-जोर से हँसने लगा। रजत मेरी ऐसे हँसी सुनकर रुक गया और मेरी तरफ देखा, जहां उसको मेरे हाथ में कैची के साथ पूरा हाथ खून में और मेरे कपड़ों में भी खून था और ऊपर से मेरी ऐसी कमीनी हँसी भी। शैतानी हँसी से उसकी ऐसी फटी की उसके हाथ से चाकू गिर गया और डर के मारे उसके पशीने छूटने लगे। बन्योंकी वो समझ चुका था की मैंने उसके दोनों आदमियों को मार दिया है। मैं उसके पास गया और उसके मैंह में टैप हटा दी।
रजत- "सीसी क्यों कर रहे हो तुम ऐसा?"
मैं- "वो छोड़... एक बात मेरे दिमाग की मौ चोद रही है, पहले वो बता। और याद रखना झठ बोलने की कोशिश की तो ये तेरे मुँह के पार होगी समझा?"
रजत मेरी बात सुनकर डर से सिर्फ हों में गर्दन हिलाया। में देखकर मेरे चेहरे पर कमीनी स्माइल आ गई।
मैं- "और में ये भी जानता हैं की तु और मेरा बाप ही मुंबई के डान ब2 है। इसलिए ज्यादा चालाकी मत दिखाना बरना पता है ना?"
रजत ने फिर गर्दन हिलाया। उसे समझ में आ गया की आज अभी एम.एल.ए. पर जो अटैक हुआ था वो मैंने ही किया है। क्योंकी वही इनके बारे में जानता था।
मैं- ये बता वो मेरा बाप होकर भी मुझसे क्यों खेल खेल रहा है? और मुझे क्यों मारना चाहता है?
रवि- "क्योंकी वो तुम्हारा बाप है ही नहीं..." अब ये मेरे लिए आश्चर्य था। साला कुछ समझ में नहीं आया। ता चला इस चूतिए से ही पूछते हैं।
मैं क्या मतलब?
रजत फिर मुझे राज वाली पूरी कहानी बताता है। मैं सुनता गया। सब जानकर झटका लगा। लेकिन वो बी.डी. के बारे में नहीं जानता था। मुझे ये बता दिया था की इसके पीछे कोई तांत्रिक लोल है। इसका नाम सुनकर ऐसी सिचुयेशन पर भी मुझे हँसी आ रही थी, लेकिन छोड़ो। मेरे शक्तिशाली होने का भी उससे ही कोई कनेक्सन था
और ये भी पता चला की उसने रंजीत को वापस जिंदा भी किया था, और यहां तक पहुँचने में उसी का हाथ है, लेकिन उसने मुझे मारने का नहीं बोला था। ये तो रंजीत का काम था और अब उसके पास भी शक्ति थी। जिससे वो मस्त काम लेता था, और अब शक्तिशाली भी था। रंजीत को मेरी शक्ति के बारे में भी पता है, पर कितनी और क्या है इसका उसे कोई अंदाजा नहीं था। इस बात पर आगे का कुछ सोचकर बही कमीनी स्माइल फिर आ गई।
मैंने रजत से पूरी कहानी सुनने के बाद कहा- "और कुछ है जो मुझे नहीं बताया हो?"
रवि. "नहीं और कुछ?" और मैं उन्हें रंजीत के सब कुछ बताता हूँ।
फिर रजत मुझे उसके बारे में सब बता दिया। उसके रुकते ही मैं जोर से हँसने लगा हाहाहा... और उसकी गर्दन में वो कैंची घुसाकर उसे भी मार दिया और हँसते हुए निकल गया।
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गुन्डा2- "चुप हो जा समझा? ज्यादा बोला तो गाण्ड में ही गोली मारंगा सालें, क्या समझ? ये बोल कौन है तू?"
मैं- "मैं राज? का बेटा है और ये हमारे फेमिली डाक्टर हैं, उनसे मिलने आया है। चाहो तो जाकर पूछ लो.."
मेरी बात सुनकर दोनों डर गयें की मैं राज? का बेटा हैं। शायद वो अपने बास को जानते थे, तो उनमें से एक ने जाकर अंदर बताया तो रजत मुझे देखकर पहले तो चकित हुआ, मगर फिर हंसते हुए अंदर आने को बोला।
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अभी-अभी रजत राज? से बात ही कर रहा था। शायद राज? ही काल करके जो एम.एल.ए. बता रहा वो बताया होगा, और काल कट होने के बाद वो भी कुछ सोच ही रहा था की उसके आदमी ने बताया- "बास, दूसरे बास का लड़का आपसे मिलने आया है..." उसकी बात सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन वो फिर देखने बाहर आया।
में अंदर आकर- "हाय अंकल..."
रजत- हाय बेटा, कैसे हो?
मैं- मस्त।
रवि. कैसे आना हुआ?
मैं- कुछ नहीं अंकल, सोचा आज आपकी भी गाण्ड मार ही लेना चाहिए।
रवि. ये... ये तुम कैसी बात कर रहे हो?
अभी वो कुछ बोलता या करता मैंने वहां पड़ी कैंची उसके मुंह में डाल दिया, और कहा- "अगर चूं की भी आवाज निकाली तो याद रखना इसे पूरा घुसेड़ दूँगा, समझा?"
वो भी समझ गया की कुछ भी किया तो मारा जा सकता है। पर उसे समझ में नहीं आ रहा था की मैं ऐसा क्यों कर रहा है? फिर मैंने उसे उसी चेयर पर बाँध दिया, जिसमें वो बैठा था। वहां पड़ी टेप से मैंह बंद कर दिया फिर वो कैंची उठाई और बाहर आया।
मैं- "अंकल आप दोनों इस दरवाजा के अंदर आओ..."
अब वो दोनों भी जान चुके थे की मैं उनके बास का बेटा है, तो दोनों मेरी बात मान गये। फिर उनके आते ही तेजी से दोनों के गले में उसी कैंची को घुसाकर मार दिया और हँसते हुए अंदर चल दिया हाहाहाहा।
जब मैं अंदर रजत के पास आया तो वो चैयर से टेबल की तरफ आकर वहां से चाक उठाने की कोशिश कर रहा था। अब ये तो आप समझ ही गये होंगे की क्यों? क्योंकी उसको रस्सी काटकर फ्री जो होना था।
मैं ये देखकर और जोर-जोर से हँसने लगा। रजत मेरी ऐसे हँसी सुनकर रुक गया और मेरी तरफ देखा, जहां उसको मेरे हाथ में कैची के साथ पूरा हाथ खून में और मेरे कपड़ों में भी खून था और ऊपर से मेरी ऐसी कमीनी हँसी भी। शैतानी हँसी से उसकी ऐसी फटी की उसके हाथ से चाकू गिर गया और डर के मारे उसके पशीने छूटने लगे। बन्योंकी वो समझ चुका था की मैंने उसके दोनों आदमियों को मार दिया है। मैं उसके पास गया और उसके मैंह में टैप हटा दी।
रजत- "सीसी क्यों कर रहे हो तुम ऐसा?"
मैं- "वो छोड़... एक बात मेरे दिमाग की मौ चोद रही है, पहले वो बता। और याद रखना झठ बोलने की कोशिश की तो ये तेरे मुँह के पार होगी समझा?"
रजत मेरी बात सुनकर डर से सिर्फ हों में गर्दन हिलाया। में देखकर मेरे चेहरे पर कमीनी स्माइल आ गई।
मैं- "और में ये भी जानता हैं की तु और मेरा बाप ही मुंबई के डान ब2 है। इसलिए ज्यादा चालाकी मत दिखाना बरना पता है ना?"
रजत ने फिर गर्दन हिलाया। उसे समझ में आ गया की आज अभी एम.एल.ए. पर जो अटैक हुआ था वो मैंने ही किया है। क्योंकी वही इनके बारे में जानता था।
मैं- ये बता वो मेरा बाप होकर भी मुझसे क्यों खेल खेल रहा है? और मुझे क्यों मारना चाहता है?
रवि- "क्योंकी वो तुम्हारा बाप है ही नहीं..." अब ये मेरे लिए आश्चर्य था। साला कुछ समझ में नहीं आया। ता चला इस चूतिए से ही पूछते हैं।
मैं क्या मतलब?
रजत फिर मुझे राज वाली पूरी कहानी बताता है। मैं सुनता गया। सब जानकर झटका लगा। लेकिन वो बी.डी. के बारे में नहीं जानता था। मुझे ये बता दिया था की इसके पीछे कोई तांत्रिक लोल है। इसका नाम सुनकर ऐसी सिचुयेशन पर भी मुझे हँसी आ रही थी, लेकिन छोड़ो। मेरे शक्तिशाली होने का भी उससे ही कोई कनेक्सन था
और ये भी पता चला की उसने रंजीत को वापस जिंदा भी किया था, और यहां तक पहुँचने में उसी का हाथ है, लेकिन उसने मुझे मारने का नहीं बोला था। ये तो रंजीत का काम था और अब उसके पास भी शक्ति थी। जिससे वो मस्त काम लेता था, और अब शक्तिशाली भी था। रंजीत को मेरी शक्ति के बारे में भी पता है, पर कितनी और क्या है इसका उसे कोई अंदाजा नहीं था। इस बात पर आगे का कुछ सोचकर बही कमीनी स्माइल फिर आ गई।
मैंने रजत से पूरी कहानी सुनने के बाद कहा- "और कुछ है जो मुझे नहीं बताया हो?"
रवि. "नहीं और कुछ?" और मैं उन्हें रंजीत के सब कुछ बताता हूँ।
फिर रजत मुझे उसके बारे में सब बता दिया। उसके रुकते ही मैं जोर से हँसने लगा हाहाहा... और उसकी गर्दन में वो कैंची घुसाकर उसे भी मार दिया और हँसते हुए निकल गया।
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