hotaks444
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दीदी और बीबी की टक्कर
दोस्तो एक और नई कहानी शुरू कर रहा हूँ जो आप को पसंद आएगी तो चलिए दोस्तो कहानी की तरफ चलते हैं कहानी क्च यूँ है ....................
मैं राज अपनी बेहन अनिता ऑर अपनी माँ के साथ कोलकाता मे रहता हूँ
हम ग़रीब फॅमिली से बिलॉंग करता है मेरा मकान भी कोई बड़ा या फ्लेट वाला नही है-केवल 2 बेडरूम एक किचन एक टाय्लेट बाथरूम है जो कि कामन नही है
बीच मे एक हॉल है जिसमे कि एक सोफा रखा हुआ है
मेरे पापा इस दुनिया मे नही है वो हमे छोड़ कर बहूत पहले ही चले गये है माँ एक गवर्नमेंट स्कूल मे टीचर थी लेकिन अब माँ से ज़्यादा चला नही जाता तो मैने ऑर दीदी ने उनका जॉब छुड़ा दिया है पहले तो माँ नही मानी लेकिन बाद मे मान गयी वैसे मैं अकाउंट मॅनेजर हूँ दीदी सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे है दीदी के चलते ही हमारे घर का खर्चा बढ़िया से चलता है
दीदी की शादी हुई थी लेकिन दीदी के पति को दीदी बिल्कुल पसंद नही थी उस पर दीदी की सास भी दीदी को बांझ कहकर ताने देती थी तो 3 साल बाद ही दीदी को जीजा जी ने तलाक़ दे दिया तलाक़ के बाद दीदी बहूत ही टूट गयी लेकिन बाद मे उन्होने सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे जॉब कर ली तब से हम बहूत ही मस्ती मे रहते है वैसे दीदी माँ के साथ सोती है ऑर मैं अकेला सोता हूँ .............
............................................
मैं जैसे ही सुबह उठा बाथरूम मे से फ्रेश होकेर बाहर आया ऑर सोफे पर बैठ गया तभी दीदी चाय ले आई मैं चाय पीने के बाद जैसे ही सोफे पर से उठा तो मेरे लिंग मे दर्द सुरू हो गया ऑर मेरे मूह से चीख निकल गयी दीदी....
दीदी-क्या हुआ राज क्यो चिल्ला रहा है
राज- दीदी बहूत ही दर्द हो रहा है
दीदी- कहाँ दर्द हो रहा है कुच्छ बताएगा या इसी तरह चिल्लाएगा
राज-नही दीदी मुझे बहूत ही शरम आ रही है मैं तुम्हे नही बता सकता
तभी माँ भी आ गई माँ आते ही-क्या बेटा कहाँ दर्द हो रहा है
राज-नही माँ मुझे शर्म आ रही है
दीदी-जल्दी से बता नही तो मारूँगी खींच कर एक हाथ
राज-दीदी दरअसल वो दीदी वो ...मेरे सूसू वाली जगह पर बहूत ही दर्द हो रहा है
दीदी-इस तरह बता ना कि तेरे लंड मे दर्द हो रहा है तो बोल रहा है कि सस्यू वाली जगह पे दर्द हो रहा है
राज-दीदी जल्दी से कुच्छ करो बहूत दर्द हो रहा है
दीदी-अच्छा तू रुक मैं अभी आती हूँ
उसके बाद दीदी माँ के साथ उनके रूम मे चली गयी थोड़ी देरी वापस आ गई
दीदी साड़ी ब्लाउज पहनी हुई थी मैं ऑर दीदी रूम से बाहर निकले टॅक्सी पकड़ कर हॉस्पिटल की तरफ चल दिए अभी सुबह के 8:00 रहे थे दीदी ने टॅक्सी को एक बैद्य जी की दुकान के सामने रुकवाया दीदी ने टॅक्सी वाले को किराया दिया ऑर हम बैद्य जी के पास आ गये बैद्य जी कही जा रहे थे
बैद्य जी क्या बीमारी है
दीदी-जी इनको लिंग मे दर्द है
बैद्य जी ने मुझे एक टेबल के उपर लिटाया दीदी रूम से बाहर चली गयी मैं अपना पॅंट ऑर अंडरवेर को घुटनो तक सरका के लेटा हुआ था फिर बैद्य जी ने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा चमड़ी को नीचे खींच कर सुपाडे के उपर एक दवा लगा दी और थोड़ी देर सहलाने लगे थोड़ी देर मे ही मेरे लंड से पिचकारिया निकलकर गिर पड़ी ओर मेरा सारा दर्द गायब हो गया मेरे वीर्य से बैद्य जी का सारा हाथ भर गया मैं उठा अंडरवेर ऑर पॅंट पहन लिया बैद्य जी ने अपना हाथ सॉफ कर लिया
बैद्य जी-एक बताऊ बेटा तुम्हारा लिंग बिल्कुल छोटा है
तुम्हारी पत्नी तुमसे माँ नही बन पाएगी
राज-ये आप क्या कह रहे है क्या इसका कोई उपाय नही है
बैदी जी-उपाय है बेटा लेकिन थोड़ा कठिन है तुम कर पाओगे
राज- आप बताइए तो सही मैं ज़रूर कर लूँगा
बैधजी-तो ठीक है मैं पूरे एक महीने का दवा देता हूँ तुम इसको सुबह ऑर शाम को हल्के हाथो से मालिश करना लेकिन एक बात और मालिश करते समय तुम्हारा पानी छूटना चाहिए जब तुमको लगे कि तुम्हारा पानी छूटने वाला है तो तुम रुक जाना
ऑर दूसरी दवा को रोज सुबह दूध के साथ खा लेना
राज-ठीक है बैद्य जी लेकिन आप कही जा रहे है क्या
बैद्य जी-हाँ बेटा मैं इस सहर को छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए जा रहा हूँ तुम चिंता मत करना और देखना एक माह के बाद तुम किसी भी औरत की चीख निकलवा दोगे एक ऑर बात तुम्हारा लंड एक बार अगर खड़ा हो जाएगा तो बिना पानी निकले शांत नही होगा
राज-ठीक है तो मैं चलता हूँ फिर मैने बैद्य जी को उनका बिल दिया ओर दीदी बाहर खड़ी थी तो उनके साथ घर आ गया दीदी ने पुछा तो मैने बता दिया कि दर्द नही है लेकिन ये नही बताया कि लिंग बढ़ाने वाली दवा लिया हूँ
दोस्तो एक और नई कहानी शुरू कर रहा हूँ जो आप को पसंद आएगी तो चलिए दोस्तो कहानी की तरफ चलते हैं कहानी क्च यूँ है ....................
मैं राज अपनी बेहन अनिता ऑर अपनी माँ के साथ कोलकाता मे रहता हूँ
हम ग़रीब फॅमिली से बिलॉंग करता है मेरा मकान भी कोई बड़ा या फ्लेट वाला नही है-केवल 2 बेडरूम एक किचन एक टाय्लेट बाथरूम है जो कि कामन नही है
बीच मे एक हॉल है जिसमे कि एक सोफा रखा हुआ है
मेरे पापा इस दुनिया मे नही है वो हमे छोड़ कर बहूत पहले ही चले गये है माँ एक गवर्नमेंट स्कूल मे टीचर थी लेकिन अब माँ से ज़्यादा चला नही जाता तो मैने ऑर दीदी ने उनका जॉब छुड़ा दिया है पहले तो माँ नही मानी लेकिन बाद मे मान गयी वैसे मैं अकाउंट मॅनेजर हूँ दीदी सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे है दीदी के चलते ही हमारे घर का खर्चा बढ़िया से चलता है
दीदी की शादी हुई थी लेकिन दीदी के पति को दीदी बिल्कुल पसंद नही थी उस पर दीदी की सास भी दीदी को बांझ कहकर ताने देती थी तो 3 साल बाद ही दीदी को जीजा जी ने तलाक़ दे दिया तलाक़ के बाद दीदी बहूत ही टूट गयी लेकिन बाद मे उन्होने सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे जॉब कर ली तब से हम बहूत ही मस्ती मे रहते है वैसे दीदी माँ के साथ सोती है ऑर मैं अकेला सोता हूँ .............
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मैं जैसे ही सुबह उठा बाथरूम मे से फ्रेश होकेर बाहर आया ऑर सोफे पर बैठ गया तभी दीदी चाय ले आई मैं चाय पीने के बाद जैसे ही सोफे पर से उठा तो मेरे लिंग मे दर्द सुरू हो गया ऑर मेरे मूह से चीख निकल गयी दीदी....
दीदी-क्या हुआ राज क्यो चिल्ला रहा है
राज- दीदी बहूत ही दर्द हो रहा है
दीदी- कहाँ दर्द हो रहा है कुच्छ बताएगा या इसी तरह चिल्लाएगा
राज-नही दीदी मुझे बहूत ही शरम आ रही है मैं तुम्हे नही बता सकता
तभी माँ भी आ गई माँ आते ही-क्या बेटा कहाँ दर्द हो रहा है
राज-नही माँ मुझे शर्म आ रही है
दीदी-जल्दी से बता नही तो मारूँगी खींच कर एक हाथ
राज-दीदी दरअसल वो दीदी वो ...मेरे सूसू वाली जगह पर बहूत ही दर्द हो रहा है
दीदी-इस तरह बता ना कि तेरे लंड मे दर्द हो रहा है तो बोल रहा है कि सस्यू वाली जगह पे दर्द हो रहा है
राज-दीदी जल्दी से कुच्छ करो बहूत दर्द हो रहा है
दीदी-अच्छा तू रुक मैं अभी आती हूँ
उसके बाद दीदी माँ के साथ उनके रूम मे चली गयी थोड़ी देरी वापस आ गई
दीदी साड़ी ब्लाउज पहनी हुई थी मैं ऑर दीदी रूम से बाहर निकले टॅक्सी पकड़ कर हॉस्पिटल की तरफ चल दिए अभी सुबह के 8:00 रहे थे दीदी ने टॅक्सी को एक बैद्य जी की दुकान के सामने रुकवाया दीदी ने टॅक्सी वाले को किराया दिया ऑर हम बैद्य जी के पास आ गये बैद्य जी कही जा रहे थे
बैद्य जी क्या बीमारी है
दीदी-जी इनको लिंग मे दर्द है
बैद्य जी ने मुझे एक टेबल के उपर लिटाया दीदी रूम से बाहर चली गयी मैं अपना पॅंट ऑर अंडरवेर को घुटनो तक सरका के लेटा हुआ था फिर बैद्य जी ने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा चमड़ी को नीचे खींच कर सुपाडे के उपर एक दवा लगा दी और थोड़ी देर सहलाने लगे थोड़ी देर मे ही मेरे लंड से पिचकारिया निकलकर गिर पड़ी ओर मेरा सारा दर्द गायब हो गया मेरे वीर्य से बैद्य जी का सारा हाथ भर गया मैं उठा अंडरवेर ऑर पॅंट पहन लिया बैद्य जी ने अपना हाथ सॉफ कर लिया
बैद्य जी-एक बताऊ बेटा तुम्हारा लिंग बिल्कुल छोटा है
तुम्हारी पत्नी तुमसे माँ नही बन पाएगी
राज-ये आप क्या कह रहे है क्या इसका कोई उपाय नही है
बैदी जी-उपाय है बेटा लेकिन थोड़ा कठिन है तुम कर पाओगे
राज- आप बताइए तो सही मैं ज़रूर कर लूँगा
बैधजी-तो ठीक है मैं पूरे एक महीने का दवा देता हूँ तुम इसको सुबह ऑर शाम को हल्के हाथो से मालिश करना लेकिन एक बात और मालिश करते समय तुम्हारा पानी छूटना चाहिए जब तुमको लगे कि तुम्हारा पानी छूटने वाला है तो तुम रुक जाना
ऑर दूसरी दवा को रोज सुबह दूध के साथ खा लेना
राज-ठीक है बैद्य जी लेकिन आप कही जा रहे है क्या
बैद्य जी-हाँ बेटा मैं इस सहर को छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए जा रहा हूँ तुम चिंता मत करना और देखना एक माह के बाद तुम किसी भी औरत की चीख निकलवा दोगे एक ऑर बात तुम्हारा लंड एक बार अगर खड़ा हो जाएगा तो बिना पानी निकले शांत नही होगा
राज-ठीक है तो मैं चलता हूँ फिर मैने बैद्य जी को उनका बिल दिया ओर दीदी बाहर खड़ी थी तो उनके साथ घर आ गया दीदी ने पुछा तो मैने बता दिया कि दर्द नही है लेकिन ये नही बताया कि लिंग बढ़ाने वाली दवा लिया हूँ