Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर - Page 3 - SexBaba
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Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था.............................

तभी मेने दीदी के ब्लाउज के उपर से उसकी पीठ को सहलाते हुए' अनिता डार्लिंग'
मेरे इतना बोलते ही दीदी ने अपना चेहरा उपर उठाया ऑर मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी. दीदी एकदम पागल हो गयी. कुच्छ देर मेरे चेहरे को चूमने के बाद.
दीदी- आइ लव यू राज

राज- लव यू टू अनिता डार्लिंग

दीदी फिर से मेरे सीने से चिपक गयी. मेने अपने दोनो हाथो से दीदी का चेहरा पकड़कर अलग किया. उनके होंठो को चूम लिया दीदी ने भी मेरे होंठो को चूम लिया. मेने अपने दोनो हाथो मे दीदी को उपर उठाया ऑर लाकर उनके रूम मे लाकर बेड पर बैठा दिया.

मैं दीदी के कान मे बोलते हुए' मैं ड्रॉयिंग रूम मे सोने जा रहा हूँ जब मैं उठु तब मेरी अनिता बीवी मेरे बिस्तर पर केवल दो पीसेस ब्रा-पैंटी मे मिलनी चाहिए समझी. इतना बोलकर मैं ड्रॉयिंग रूम मे आया ऑर सोफे सो गया.

लगभग दो घंटे के बाद नींद खुली तो मैं बाथरूम मे घुसा ओर जब मैं फ्रेश होकर आया तो तभी मुझे कुच्छ याद आया अरे मेरी अनिता डार्लिंग मेरा इंतज़ार कर रही होगी. मेने जल्दी से जाकर मेन गेट को बंद किया ऑर अपने रूम मे चल दिया.

दरवाजा अंदर से बंद था जब मेने दरवाजा को अंदर की तरफ धकेला तो दरवाजा खुल गया. मैं अंदर घुसा बेड पर दीदी एक चादर ओढ़ कर बैठी हुई थी. मेने दरवाजे को अंदर से बंद किया. धीरे-धीरे बेड की तरफ बढ़ गया

मैं जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर एक अंडरवेरमे हो गया. बेड पर चढ़ गया. मैं एकदम दीदी के सामने हो गया धीरे-धीरे चादर को पकड़ते हुए चादर को एक झटके मे नीचे फेक दिया. दीदी के सरीर पर मात्र एक ब्रा था वो भी पारदर्शी उसमे मे से चुचिया पूरी दिखाई दे रही थी. निप्पल्स भी स्पष्ट दिखाई दे रहे थे मेरा तो गला सूखने लगा. मैं जैसे ही दीदी की ओर बढ़ा दीदी खड़ी हो गई टेबल पर से ग्लास उठाया मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ग्लास अपने हाथ मे लिया दीदी के मुँह से लगाकर पहले तुम. दीदी ने दो घुट पीया फिर मुँह हटा लिया फिर तो मैं एक ही सांस मे पूरा पी गया.. दीदी ने एक वाइट कलर की ब्रा-पैंटी पहनी हुई थी. गले मे मंगलसूत्र माँग मे सिंदूर.

मेरा मूसल जैसा लंड मेरे अंडरवेर मे झटके मार रहा था. मेने दीदी को पीठ के बल लिटाया. धीरे-धीरे उनके होंठो के उपर झुकने लगा. जल्दी ही हमारे होंठ आपस मिल गये.
हम दोनो एक दूसरे के होंठो को खा जाना चाहते थे मैं दीदी को बाहों कस लिया उनके होंठो को चुसते हुए करवट बदला अब दीदी उपर थी ऑर मैं नीचे. मैने दीदी के होंठो को चूस्ते हुए अपनी जीभ दीदी के मुँह मे डाल दी अपने दोनो हाथों को दीदी की नंगी पीठ पर घूमाते हुए ब्रा के हुक खोल दिए पूरे पीठ पर हाथ घूमने लगा, फिर से दीदी को पलटा ऑर अपने नीचे कर लिया

ब्रा को निकाल कर फेक दिया. दोनो चुचियो को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा. दीदी मेरे होंठो को काटने लगी मेने उनके होंठो को छोड़ा ऑर नीचे सरकते हुए एक चुचि के निपल्स को होंठो मे भरा ज़ोर-ज़ोर से चुसते हुए दूसरी को मसलने लगा. दीदी के मुँह से सिसकरी पे सिसकारी फूट रही थी..एयेए.....एयेए....हह...एयेए .....घह....हह.......आआआ....हह...एयेए .....आआआ....हह...एयेए

मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए चुसते हुए एक हाथ को नीचे किया पैंटी मे घुसाते हुए कच से अपनी दो उंगलियो को दीदी की चूत मे पेलकर दोनो उंगलियो को अंदर-बाहर करने लगा. दीदी बुरी तरह छटपटाने लगी.. ज़ोर से चीखते हुए... आआआ....हह...एयेए ......हा...ग्ग्गाअ.......आआआ..राज ..कहते झड गयी. उनके चूत रस से मेरी दोनो उंगलिया भीग गयी मैं खड़ा हुआ अंडरवेर निकाल कर फेक दिया. फिर दीदी की पैंटी को पकड़ते हुए निकाल कर फेक दिया. दीदी मस्ती मे आँखे बंद करते हुए ऑर्गॅज़म का मज़ा ले रही थी. मैने तुरंत ही दीदी की दोनो जाँघो को अलग किया ऑर उनकी चूत पर झुक गया दीदी की चूत अपने ही रस से भरी हुई थी. मैने अपना जीभ निकली और उपर से नीचे तक पूरी चूत को चाट लिया.

दीदी..आआआ....हह...एयेए

मेने चूत की फांको को अलग किया ऑर चूत रस पीने लगा. थोड़ी देर में दीदी फिर से सिसकारी भरने लगी मेने जीभ को नुकीला बनाया ऑर चूत को जीभ से चोदने लगा . दीदी की चूत भल-भल पानी फेक रही थी मैं सारे पानी को पिए जा रहा था............................. थोड़ी देर मे दीदी मेरे सर को अपने चूत पर दबाने लगी..ज़ोर से चीखते हुए फिर से झड गयी. और मेरे सर को अपने चूत पर दबा दी. मैं दीदी के सारे पानी को पी गया............................ थोड़ी देर मे दीदी एकदम शांत पड़ गयी. मेरे सर को चोद दी मेने सर उपर उठाया अब मेरा बुरा हाल था. मेरा लंड झटके मार रहा था. मैं दीदी की दोनो टाँगो के बीच मे आ गया. लंड को चूत की दरार मे रगड़ने लगा. फिर लंड को चूत के गुलाबी छेद मे सेट किया थोड़ा धक्का लगाया मेरे लंड का सुपाडा चूत मे समा गया दीदी कसमसा गयी. मैं दीदी के उपर झुका और उनकी दोनो चुचियो को पकड़ते हुए मसलने लगा ऑर पूरा ताक़त लगाकर एक जबर्दस्स्त धक्का लगाया. लगभग आधा से ज़्यादा लंड चूत मे समा गया लेकिन मैं रुका नही फिर से एक ऑर धक्का लगाया. लंड पूरा का पूरा चूत मे समा गया............................

चूत बहुत ही टाइट थी. दीदी सत्पटाने लगी अपने होंठो को अपने दाँतों मे दबा लिया. मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए उनके होंठो को चूसने लगा. दीदी अपने दोनो हाथो से बालो को पकड़ते हुए मेरे होंठ चूसे जा रही थी. 5 मिनिट्स के बाद मैं पूरे लंड को दीदी की चूत मे अंदर-बाहर करने लगा.. दीदी भी नीचे से अपनी गान्ड उछाल्ने लगी मैं ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर-बाहर किए जा रहा था.............................

अपने दोनो हाथो से दीदी की चुचियो को मसलते हुए धक्का लगाए जा रहा था. 10मिनिट्स के बाद दीदी के होंठो को चुसते हुए उनके चुचियो को मसलते हुए एक जोरदार धक्का लगाया ऑर लंड को चूत की घहराई मे उतारते हुए झडने लगा मेरा वीर्य सीधा दीदी की बच्चेदानी मे गिर रहा था............................. दीदी भी मेरे झड्ते ही झड गयी उनकी चूत से चूत रस की नादिया बह निकली. मैं कुच्छ देर उसी तरह पड़ा रहा दीदी मेरी पीठ को सहलाए जा रही थी.



मेने लंड को चूत से नही निकाला कुच्छ देर मे मेरी ऑर दीदी की साँसे नॉर्मल हो गयी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को दोनो हाथो से दबोचते हुए ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा. निपल्स को चूसने लगा. दीदी सिसकारी भरने लगी .....आआआ....हह...एयेए ...र्रा....ज्ज्ज्ज्ज्ज....रा...ज्ज..आआआ....हह...एयेए

मैं चुचियो को मसलते हुए चुचियो के निपल्स को चूसने लगा. इधर मेरा लंड दीदी की चूत मे ही खड़ा हो गया. ऑर झटके मारने लगा. दीदी के निपल्स पत्थर की टाइट हो गये.

दीदी मेरे सर को अपनी चुचियो पर दबाए जा रही थी ....आआआ....हह...एयेए ...आ..आआआ....हह...एयेए ..ज्ज .....आआआ....हह...एयेए

दीदी मेरे सर को पकड़ते हुए होंठो को चूसने लगी अपनी जीभ निकाल कर मेरे मुँह मे डाल दी. मैं दीदी की जीभ को आइसक्रीम की तरह चूसने लगा. लंड चूत के अंदर मूसल की तरह झटके मार रहा था.
 
मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए लंड को चूत मे पेलने लगा. दीदी की चूत मेरे ऑर दीदी के प्रेमरस से भरी हुई थी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए ज़ोर-ज़ोर से लंड को पेलने लगा. दीदी भी अपनी गान्ड उठा कर सहयोग कर रही थी. उनके मुँह से सिसकारी फुट रही थी.. आआआ....हह...एयेए ...ऑर..ज्ज..ऊ..र्र. से...सीसी...आ...र्र..ईई..याइ..ई
मुझे अपने बच्चे की माँ बना दीजिए .....आआआ....हह...एयेए

दीदी की बात सुनकर मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा.. मैं ज़ोर से सिसकते हुए लंड को बच्चेदानी मे ठेलते हुए झडने लगा.. मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी सीधे बच्चेदानी मे गिर रही थी..
दीदी भी मेरे साथ ही झड गयी.

मैं अपना पानी छोड़ते ही दीदी के उपर लुढ़क गया. मस्ती मे आँखे बंद होने लगी.. दीदी भी मुझे अपने बाहों मे कसे हुए थी.. नज़ाने मैं दीदी के उपर कब सो गया पता नही चला...
....................................................
सुबह जब मैं उठा तो 6:00 रहे थे. मेरे बदन पर एक चादर डली हुई थी. मैं अभी पूरी तरह नंगा था दीदी मेरे पास नही थी.
तभी दीदी अपने हाथ मे चाइ का कप लिए एंटर हुई.. उनके बदन एक नाइटी थी जो जाँघो तकही थी नाइटी पारदर्शी थी..
अंदर कुच्छ भी नही था केवल वो नाइटी थी..

दीदी मेरे पास आई ''उठिए ऑर चाइ पी लीजिए''

राज- चाइ को टेबल पर रखकर मेरे पास आओ तो.

दीदी ने चाइ का कप टेबल पर रखा ऑर मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.

मैं नीचे उतरा लंड एकदम सुबह-सुबह खड़ा हो गया था

मेने दीदी को बाहों मे भरते हुए उनके होंठो को चूसने लगा. दीदी थोड़ा कसमसाई फिर वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी. थोड़ी देर होंठो को चूसने से दीदी गरम हो गयी मेरे होंठो को चूसने लगी. मैं ने तुरंत दीदी को घोड़ी बनाया. नाइटी को उठा कर पीठ तक कर दी, दीदी ने एक बहुत ही छोटी पैंटी पहनी हुई थी मैं. दीदी की बड़ी-बड़ी गान्ड की दरार मे पैंटी की एक पतली सा पट्टी थी, मैने पैंटी को बिना निकाले पट्टी को खिसकाया लंड को चूत के छेद मे सेट करते हुए एक जबर्दस्सत लगाया. लंड पूरा जड़ तक चूत मे समा गया.. दीदी की मुँह से सिसकारी फुट पड़ी.. एयेए..आ....एम्म्म ...एमेम...उउउ...एम्म......एयेए..आ....एम्म्म ...एयेए..आ....एम्म्म ...द्ड़ग्गाअ.. आआआ...

मैं थोड़ा रुका फिर ज़ोर-ज़ोर से दीदी को चोदने लगा. मेरी जांघे दीदी के चुतड़ों से टकरा रही थी. मैं अपने मूसल जैसे लंड को दीदी की चूत मे पेले जा रहा था............................. लगभग 10 मिनिट्स के बाद मैं दीदी की चूत मे वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा. तबतक दीदी दो बार झड गयी.

सुबह की इस दमदार चुदाई से हम दोनो बिल्कुल मस्त हो गये. दीदी बेड पर गिर पड़ी मैं उनकी पीठ पर गिर गया. थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हुआ एक टॉवेल उठा कर लपेट लिया. दीदी खड़ी हुई उनकी चूत से वीर्य नीचे जाँघो पर गिर रहा था. दीदी अपने दोनो पैरो को फैलाते हुए बैठ गयी और पैंटी निकालते हुए चूत को पोछने लगी चूत को पोछने के बाद दोनो पैरो को फैलाते हुए चूत के अंदर देखने लगी मेरी नज़र जैसे ही चूत के गुलाबी छेद पर पड़ी तो लंड फिर से खड़ा होकर झटके मारने लगा.


मेने टॉवेल को नीचे फेका बेड पर चढ़ते हुए दीदी की टाँगो के बीच बैठते हुए लंड को चूत के गुलाबी छेद पर सेट किया ऑर एक ही बार मे पूरा पेल दिया.. दीदी के मुँह से सिसकारी फुट गयी...एयेए..आ....एम्म्म ...न्न्म...एमेम...उउउ...एम्म...य्यी....एमेम...उउउ...एम्म..

मैं दीदी की दोनो टाँगो को कंधे पर रखा ऑर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा.. इस बार काफ़ी देर बाद मैं दीदी की चूत मे झड गया ऑर दीदी के उपर गिर कर हाँफने लगा. दीदी दो बार झड गयी.

मैं जल्दी से उठा टॉवेल उठा कर लपेटा और दीदी पैंटी उठा कर नाइटी नीचे करते हुए. रूम से बाहर निकल गयी.
हम दोनो बाथरूम मे घुस गये.
 
दीदी ने चूत को अच्छी तरह से सॉफ किया ऑर दूसरी पैंटी पहनकर बाहर निकल गयी.

मैं भी जल्दी से फ्रेश हुआ रूम मे आकर तैयार हो गया. ड्रॉयिंग रूम मे आया ऑर बेड पर बैठ गया. तभी दीदी किचन मे से आई. ओर अपने रूम मे घुस गयी.

15 मिनिट्स के बाद दीदी भी तैयार हो गयी. दीदी आकर मेरे सामने खड़ी हो गयी उनका चेहरा खिला हुया था ऑर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.

राज- वाह अनिता डार्लिंग क्या बात है तुम तो एकदम बदल गयी हो

दीदी- सब आपका देन है
अच्छा चलिए नाश्ता कर लीजिए हमे ऑफीस भी जाना है.

फिर हम ने नाश्ता किए ऑर ड्यूटी की ओर निकल गये. आज कोई टेन्षन नही था.

शाम को मैं घर लौटा तो दीदी आ गई थी. मैं आकर सोफे पर बैठ गया. दीदी एक ग्लास पानी ले आई ऑर मुझे देते हुए'' पानी पी लीजिए'

मैने पानी पिया और ग्लास को नीचे फर्श पर रख दिया. दीदी आकर मेरे पास बैठ गयी

मेने दीदी को अपनी जाँघो पर बैठाते हुए'' अनिता तुम तो मेरी बीवी हो'

दीदी- हाँ तो इसमे क्या पुछने वाली बात है.

राज- जब तुम मेरी बीवी है तो तुम्हारे कपड़े दूसरे कमरे मे क्यो है चलो जल्दी से मेरे कमरे मे सेट करो.

दीदी- अच्छा ये बात है मैं अपने कपड़ों को आपके रूम मे यानी कि हमारे रूम मे सेट कर चुकी हूँ.

मैने दीदी के गालो को चूमते हुए'' चल ठीक है''

मैं रूम मे आया तो अनिता भी आ गई . अनिता ने अपने हाथो से मेरी शर्ट निकाल कर नीचे फेक दी. फिर नीचे बैठ गयी और जुतो को निकालते हुए एक ओर रख दी. मैने एक टॉवेल लपेट लिया. अनिता भी कपड़े निकालने लगी मैं बाथरूम मे आया ऑर फ्रेश होकर फिर से रूम मे आया तो दीदी एक वाइट कलर की ब्रा-पैंटी मे खड़ी होकर ब्रा का हुक खोल रही थी लेकिन हुक नही खूल रहा था. मैं आगे बढ़ा ऑर ब्रा के हुक को खूल दिया.
दीदी ने एक नाइटी पहनी ऑर किचन की तरफ चली गयी..

मैं सोफे के उपर बैठा ऑर टी.वी. देखने लगा. खाना बनाने के बाद हम ने खाना खाया ऑर मैं जाकर बेड पर लेट गया.

लगभग 30मिनिट्स के बाद दीदी आई उसने दरवाजे को अंदर से बंद किया. मेरे पास आकर लेट गयी. मैं ने दीदी की नाइटी ऑर पैंटी को निकाल कर बेड पर रख दिया ऑर अंडरवेर निकालने के बाद मैं भी नंगा हो गया.

फिर मैने दीदी को तीन बार चोदा ऑर बाहों मे बाहों मे डाले सो गये. हमारा रोज को काम हो गया दिनभर ऑफीस मे ऑर रात को चुदाई ऑर सारा पानी चूत के अंदर.

इस तरह 12 दिन बीत गये.

आज लगभग दीदी को चोदते हुए 12 दिन बीत गये. सुबह का समय था

मैं सोफे पर बैठा टी.वी. पर न्यूज़ देख रहा था कि दीदी को ज़ोर-ज़ोर से उल्टिया होने लगी. मैं दीदी के साथ बाथरूम मे घुस गया. वो उल्टिया करने लगी मैं उनकी पीठ को सहलाते हुए' क्या हुआ अनिता'

दीदी खड़ी हुई मुँह धोया ऑर मेरी आँखो मे देखते हुए' मुझे शर्म आ रही है'

मैने दीदी को अपनी बाहों मे समाते हुए' क्या हुआ है जो मेरी बीवी बताने शर्मा रही है.''

दीदी- आप बाप बनाने वाले है

दीदी की बातो को सुनकर मैं खुशी के मारे पागल हो गया. दीदी के पूरे चेहरे को चूमने लगा.
मैने दीदी को बाहों मे उठाया ऑर बेडरूम पर लाकर लिटा दिया.

मैं दीदी की नाइटी को उपर उठाया ऑर पेट को नंगा कर दिया ऑर दीदी के पूरे पेट को चूमने लगा.
दीदी- ये क्या कर रहे है ...

राज- देखो मैं अपने बचे को प्यार कर रहा हूँ. तुमको इसमे बोलने की कोई ज़रूरत नही है.

मैं दीदी के पेट को चूमते हुए'' हेलो बेटा कब आओगे''

फिर मैं दीदी के पेट पर कान लगाकर सुनने लगा जैसे पेट के अंदर से मेरा बेटा बोल रहा हो. '' हेलो डेडी'' मैं जल्दी आऊंगा.

मैं फिर से दीदी के पेट पर कान सटाकर:' देखो अपनी मम्मी को तंग ना करना नही तो बहुत ही पिटाई लगाउँगा''.
दीदी मेरी बात सुनकर खिलखिलाकर हसने लगी.
 
मुझे दीदी की हसी से कुच्छ भी प्रभाव नही पड़ा. मैं दीदी के पेट से बात करता रहा. थोड़ी देर के बाद मैं दीदी के पेट को चूमने लगा. थोड़ी देर मे नीचे उतरा ऑर दीदी किचन मे चली गयी.

मैं आज बहुत खुश था क्योकि मैं बाप जो बनने वाला था...


दीदी किचन मे नाश्ता बनाने चली गयी. मैं सोफे के उपर से उठा ओर किचन मे चला गया. दीदी नीचे झुकर कुच्छ उठा रही थी. मैने दीदी को पिछे से दबोच लिया. अपने होंठो से उनके गर्दन पर चूमते हुए, एक हाथ से उनके पेट को सहलाने लगा.

दीदी- छोड़िए ना नाश्ता बनाने दीजिए.

मैने ऑर ज़ोर से चिपकते हुए गर्दन को चूस्ते हुए एक हाथ को पैंटी के अंदर डाल दिया दीदी की चूत को सहलाने लगा. चूत रस की नदियाँ फिर बहने लगी.

दीदी ने गैस को बंद किया अचानक मेरी तरफ घूमी ओर मेरे होंठो को चूसने लगी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को नाइटी के उपर से मसलते हुए उनके होंठो को चूस रहा था.............................

दीदी मेरे बालो को सहलाते हुए मेरे निचले होंठ को चूस रही थी. मैं दीदी के उपर वाले होंठ को चूस रहा था............. दोनो चुचियो को मसल रहा था.............................

फिर मैं दीदी से अलग हुआ अपने सारे कपड़े निकाल कर एकदम नंगा हो गया. फिर एक झटके मे दीदी की नाइटी ऑर पैंटी को निकाल कर अलग फेक दिया.

अब मेरा लंड चूत मे समाने के लिए छटपटाने लगा. मैने दीदी को लंड चूसने का इशारा किया दीदी तुरंत नीचे बैठी.. लंड के सुपाडे को होंठो मे भर कर चूसने लगी.. मेरे मुँह से सिसकारी फुट पड़ी.....आआ.....आ....हह...एयेए ....एयेए........आआआ....हह...एयेए

दीदी कुच्छ देर तक सुपाडे को चुस्ती रही फिर आधे से ज़यादा लंड मुँह मे लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.. अपने दोनो हाथो को मेरे चुतड़ों पर घुमाने लगी. लंड को दबा-दबा कर चूसने लगी..
 
दीदी के मुँह की गर्मी मुझसे बर्दाश्त नही हो रही थी लगने लगा कि मैं किसी वक़्त छूट सकता हूँ.. मेने तुरंत दीदी को अलग किया. मेरा पानी छूटते-छूटते बचा मेने दीदी को तुरंत घोड़ी बनाया. जिससे दीदी की गान्ड बाहर निकल गयी.... मेने गान्ड के दोनो पाटों को फैलाया अपनी जीभ निकाल कर गान्ड के छेद से लेकर चूत तक चाटने लगा. गान्ड पर जीभ से चाटने से दीदी ज़ोर से सिसकारी भरने लगी.. आआआ....हह...एयेए एमेम....एमेम.......एयेए..आ....एम्म्म याइ...ई..क्क्क..य्यी..एयेए..क्ककर्र...र्राहही...है..

लेकिन मैं दीदी की गान्ड के छेद को ज़ोर से चाटने लगा.. थोड़ी देर मे ही दीदी का बदन अकड़ने लगा.. वो झडने के बहुत करीब पहूच गयी....

मेने सर उपर उठा लिया तो दीदी बुरी तरह छटपटा गयी क्योकि वो झडने के बहुत करीब थी.
दीदी- रूकिए मत प्लीज़ मैं झडने वाली हूँ.

मेरा लंड भी छूट मे जाना चाहता था.............................
तो मेने लंड को तुरंत चूत मे सेट किया ऑर एक ही बार मे पूरा पेल दिया.. लंड अंदर जाते ही दीदी की चूत का बाँध टूट गया...... आआ..एमेम...एयेए..आ....एम्म्म ..आमम..आआआ....हह...एयेए
ज़ोर से सिसकारी भरते हुए अपना गरम-गरम पानी छोड़ दिया..

मैने दीदी की कमर को पकड़ा ऑर जोरदार धक्का लगाने लगा. थोड़ी देर मे दीदी भी अपने चुतड़ों को हिला-हिला कर साथ देने लगी.

मैं पूरे लंड को थोड़ा सा खींचकर बाहर निकालते पूरा अंदर पेलने लगा.. चुदाई की आवाज़े पूरे किचन मे गूँज उठी. फॅक.....फॅक..... फॅक.....फॅक....फॅक.....फॅक...

लंड चूत रस से भीगा चूत की दीवारो को चीरता हुआ बच्चेदानी के मुँह पर ठोकर मार रहा था...

दीदी के मुँह से सिसकारी पर सिसकारी फुट रही थी...एयेए..आ....एम्म्म ...एम्म्न. .आए आमम..आआआ....हह...एयेए
लगभग दस मिनिट्स के बाद दीदी की चूत मे खिचाव होने लगा..चूत लंड को अंदर ही अंदर दबाने लगी. मैं इसे सह नही पाया ऑर ज़ोर से चीखते हुए एक जोरदार धक्का लगाया लंड को चूत की गहराइयों मे यूटार्ट हुए. वीर्य की पिचकारी पे पिचकारी छोड़ने लगा..दीदी ने भी सिसकारी भरते हुए अपने रस छोड़ दिया ..

दीदी के दोनो पैर काँपने लगे मैं लंड को चूत मे फसाए-फसाए उसकी कमर को मज़बूती से पकड़े रहा नही तो नीचे गिर जाती...

लगभग 5 मिनिट्स के बाद हम इसी तरह पड़े रहे. ऑर मैं दीदी की पीठ को चूमता रहा

थोड़ी देर के बाद.. अचानक कोई मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा मैं समझा कि दीदी मेरी पीठ पर हाथ घुमाने लगी है.

कुच्छ देर के बाद मैं दीदी से अलग हुआ तो लंड अब सिकुड गया था... मैं दीदी के उपर से उठ कर जैसे ही घुमा मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गयी.. दीदी जैसे ही घूमी उनके मुँह से एक चीख निकल गयी वो डर के मारे मेरे पिछे छिप गयी..
जो सामने सख्स खड़ा था उसे देखकर मेरे भी पसीने छूटने लगे..

दीदी डर के मारे मेरे पिछे चिपक गयी..
 
अभी मैं नंगा था दीदी भी फुल नंगी थी लेकिन डर के मारे मेरे पिछे छिपी हुई थी.....

मेरे सामने खड़ा होनेवाला सख्श मेरी प्यारी पूनम मौसी थी जो कि मुझसे 5 साल बड़ी थी...

पूनम मौसी मुझे खा जा ने वाली नज़रों से देख रही थी..मेने दीदी को वहाँ से जाने के लिए इशारा किया दीदी ने अपनी नाइटी उठाई ओर दौड़ती हुई रूम मे भाग गयी.

मेने झट से मौसी को अपनी ओर खिचा ऑर बाहों भरते हुए अपने दोनो हाथो को उनकी पीठ पर कसते हुए मौसी के कंधे पर सर टीका कर सॉरी मौसी प्लीज़ मौसी माफ़ कर दो..

मौसी मुझसे तुरंत अलग हुई मेरे गालो पर एक जोरदार थप्पड़ लगाई ऑर रोते हुए माँ के रूम के तरफ भाग गयी..

मैने अनिता की पैंटी ऑर अपना अंडरवेर उठाया ओर बातरूम मे घुश गया. पैंटी से लॅंड को पोच्छा अंडरवेर पहनकर अपने रूम की तरफ चल दिया.

रूम मे आते ही अनिता, नाइटी पहनकर बैठी हुई थी. मैं रूम मे आते ही कपड़ा पहनकर तैयार हो गया.

राज- अनिता डार्लिंग तुम खाना बनाने जाओ मैं मौसी से बात करके आता हूँ.

अनिता- ठीक है आप जाइए मौसी को किसी तरह माना लीजिएगा

उसके बाद मैं ऑर अनिता रूम से बाहर निकले मैं माँ वाले रूम की तरफ गया ऑर अनिता किचन मे.

मैं जैसे ही माँ वाले रूम आया तो देखा कि मौसी रोए जा रही थी. उनके साथ करीब 2 साल की बच्ची थी वो भी रो रही थी......

मौसी का बदन गदराया हुआ था. वो ज़्यादा संदर नही है फिर भी सांवला रंग का चमकता चेहरा हरदम होंठो पर फैली मुस्कान, बड़ी-बड़ी चुचिया, बाहर निकली हुई गान्ड.

बिपाशा बशु की तरह. मौसी को अगर कोई देख ले तो ये कहेगा कि ये मेरी मौसी नही बुल्की बीवी है.

मौसी बेड पर बैठी अपने दोनो घुटनों मे मुँह छिपाये रो रही थी.

मैं धीरे से जाकर उनके पास बैठ गया. मौसी के सर को उपर उठाते हुए, मौसी मैं जानता हूँ कि मैं ऑर अनिता जो भी कर रहे है वो दुनिया के नज़रों मे सही नही है.

फिर भी आप एक बार मेरी बात को तो सुन लो.

मौसी मेरी ओर देखती रही अचानक मौसी मेरे सीने मे अपना सर छिपाकर फफक..फफक कर रोने लगी.

मौसी बेसूध होकर रोने लगी.

मैं ज़ोर से मौसी के सर को अपने सीने छिपा लिया. उनके बालो को सहलाते हुए, मौसी को चुप कराने लगा. मेने इशारे से मौसी की बच्ची को चुप रहने को बोला. वो चुप हो गयी... कुच्छ देर रोने के बाद मौसी चुप हो गयी. लेकिन मेरे सीने मे से सर नही हटाई. मैं समझ गया कि ज़रूर कोई बात है.

मौसी ने जब अपना चेहरा हटाया तो उनका पूरा चेहरा आसुओं से भीगा हुआ था...

मैं मौसी के सर को अपने हाथ से पकड़ते हुए उनके चेहरे के पूरे आँसुओ को चाट गया.

मैं अपने दोनो पैरो को नीचे लटकाए बैठा हुआ था...

मौसी मेरी गोद मे अपने सर रखकर लेट गयी. मौसी का चेहरा मेरे पेट की तरफ था...

वो ठीक मेरे लंड के उपर सर रखते हुए लेटी हुई थी.

मैं अपने हाथो से मौसी के चेहरा को सहलाने लगा.
 
हम दोनो मे से कोई नही बोल रहा था ना मौसी ना ही मैं

कुच्छ देर के बाद मौसी गोद मे सर रखे सो गयी.
मेने मौसी को बढ़िया से सुला दिया.

तभी मेरा ध्यान मौसी की लड़की की तरफ गया. मेने उसे अपने पास बुलाया.

वो डरते-डरते मेरे पास आई बहुत ही डरी हुई मेरी तरफ देखने लगी. 2 साल की बच्ची को इस तरह डरे हुए देख कर मैं समझ गया कि ज़रूर कुच्छ हुआ है.''

मेने उस बच्ची को अपने गोदी मे बिठा लिया
बहुत ही संदर बच्ची थी..

मैं उसको गोदी बिठाते ही उसके बालो सहलाने लगा. जिससे धीरे-धीरे उसका डर कम हो गया.
मैने उसके माथे को चूमा ऑर उसके बालो को सहलाते हुए पूछा. '' बेटा आपका नाम क्या है''

: वो मेरी ओर देखती रही फिर धीरे से बोली' अंजू'

मौसी की इस बेटी का नाम अंजू था...

मैं अंजू के बालो को सहलाते हुए' बेटा तुम्हारे पापा का नाम क्या है'

अंजू- मेरे पापा का नाम मम्मी ने नही बताया कहती बाद मे बताउन्गी.

राज- अंजू बेटा तुम अपने पापा को देखी हो.

अंजू अपना सर ना मे हिलाने लगी 'नही देखी हूँ'

मेने बिना कुच्छ सोचे-समझे बोल दिया' मैं ही तुम्हारा पापा हूँ 'राज '
मेरे इतना कहते ही अंजू मेरी गोदी से खड़ी हुई मुझे पापा कहते हुए मेरे से चिपक गयी..

मेने भी उसको अपनी बाहों भिच लिया.

आज अंजू के मुँह से ' पापा ' सुनकर मेरा दिल खुशी के मारे झूमने लगा.

मैने बहुत देर तक अंजू को चिपकाए रखा, अंजू अपनी छोटी-छोटी कोमल उंगलियो को मेरी पीठ पर पकड़ी हुई रही.

कुच्छ देर के बाद मैने अंजू को अपनी गोदी मे आराम लिटाया ऑर धीरे-धीरे उसके बालो को सहलाने लगा.

एकाएक अंजू बोली- पापा आप इतना दिन से मुझे मिलने क्यो नही आए, जानते हो पापा मैं आपको बहुत मिस करती हूँ. सब कोई के पापा थे आप नही थे तो मैं बहुत उदास रहती थी.
अब आप मुझको अलग नही ना करोगे. मम्मी बहुत रोती है.''
इतना बोलकर अंजू मेरी आँखो में तरसी हुई निगाहो से देखने लगी.


अंजू के मासूम चेहरे को बहुत प्यार झलक रहा था... मुझसे बर्दास्त नही हुआ मैंने अंजू को अपने सीने से लगाकर,' नही बेटा मैं अपने बच्चे को कभी अलग नही करूँगा.
 
अंजू फिर से चिपक गयी. अंजू को सीने से चिपकाने मे मुझे बहुत सकून मिल रहा था... नज़ाने अनु मे कैसा खिचाव था कि भले ही अंजू मेरा खून नही थी लेकिन मैने जब अंजू को अपना बेटी मान ही लिया तो अंजू ने मुझे पापा कह ही दी तो फिर बाकी क्या है.

मैं अंजू को जब अलग किया तभी दीदी रूम मे आई.

दीदी- चलिए खाना खा लीजिए

राज- हाँ खाना लगाओ मैं आता हूँ.

हाँ ये अंजू को लेती जाओ तबतक मैं आता हूँ.

तुम जानती हो ये मेरी बेटी है.

इतना बोलकर मैंने दीदी की तरफ आँख मार दिया.

दीदी मुस्कुराते हुए,' चलो बेटा खाना खाने तुम्हारे पापा आरहे है.''

दीदी की बात सुनकर अंजू मेरा मुँह तकने लगी.

मैं अंजू के माथे को चूमते हुए, 'अंजू बेटा आंटी के साथ जाओ तबतक मैं आपकी मम्मी को लेकर आता हूँ.

अंजू मेरे गालो को चूमते हुए मेरी गोदी नीचे उतरी ओर दीदी के साथ चली गयी.

मैने मौसी की ओर देखा वो बिना किसी चिंता फिकर के सो रही थी जैसे जिंदगी मे पहली बार उन्हे सकून आया हो.
मौसी की सांसो के साथ उनकी चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी.

पूनम मौसी के दोनो गाल थोड़ा बाहर निकले हुए थे. मैं अपनी कोहनियो के बल झुका ऑर मौसी के एक गाल को होंठो मे भरकर चूसने लगा... थोड़ा-थोड़ा दाँत भी गढ़ाने लगा. पूनम मौसी थोड़ी देर बाद कसमसाई अपनी आँखे खोलते हुए मुझे अलग कर दी, ए बदमास क्या कर रहा था... अपनी मौसी के साथ भी एसा कोई करता है.''

राज- वाह पूनम क्या मीठे गाल है तुम्हारे, चूसने मे मज़ा आ गया.

पूनम- क्या बोला मैं तुम्हारी मौसी हूँ बीवी नही हूँ जो तुम इस तरह बात कर रहे हो.

मैं मौसी के दूसरे गाल को चुसते हुए,' जी नही तुम मेरी मौसी नही हो बल्कि तुम मेरी अंजू बेटी की माँ हो...

पूनम मौसी मेरी बात सुनकर खुश हो गयी. मुझे चित लिटाते हुए मेरे उपर चढ़ कर मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी...
लगभग 5मिनिट्स के बाद मौसी मेरे गालो पे अपने गालो को रगड़ने लगी.

मैंने उनकी आँखो मे देखा
दोनो आँखो मे दो बूँद आँसू थे...
मैं उनके को पकड़ते हुए उनके आँसुओ को पी गया.

राज- ये आँसू कैसे है, मैं कोई ग़लत बात तो नही बोल दिया हूँ....

मौसी अपने गालो को मेरे गालो मे रगड़ते हुए,' नही आप ये क्या कह रहे है आप मेरे बच्चों के बाप है तो मैं भला अपने बच्चों के बाप को कैसे कुच्छ कहूँगी.

मैं ने मौसी को नीचे उतारा मैं भी नीचे उतरा उनके सामने खड़ा हो गया.. मैं मौसी की ओर देखते हुए
राज- क्या बात कहूँ अंजू को मैंने कह दिया है कि वो मेरी बेटी है, तो भूल कर भी अंजू के सामने कभी मौसी वाला नाता नही चलेगा.

मौसी मेरी आँखो मे देखती रही फिर मेरी बाहों में चिपक गयी...

मैंने मौसी को बाहों मे कस लिया मौसी मेरे कंधे पर सर टिका कर चिपक गयी..

मौसी की बड़ी-बड़ी चुचिया मेरे सीने मे धसने लगी. मैं मौसी के पीठ को सहलाते हुए,' पूनम?

मौसी- हूँ

राज- जब अंजू मेरी बेटी हुई तो तुम मेरी क्या हुई..

मौसी- बीवी

इतना बोलते ही मौसी ने शर्म के मारे सीने मे अपना चेहरा छुपा लिया.

मैं मौसी के बालो मे उंगलियो को फेरते हुए,' अरे पूनम तुम तो मेरी शर्मीली बीवी हो.
चलो अब खाना खाने चले नही तो अनिता यहाँ आ जाएगी.
बाद मे बात करेंगे ठीक है.

मौसी धीरे से अपना चेहरा उपर उठाई, थोड़ी देर पहले मुरझाया हुआ चेहरा गुलाब की तरह खिल गया...

मैंने मौसी के दोनो गालो को चूम लिया फिर हम खाना खाने आ गये.

डाइनिंग टेबल पर खाना लग चुका, दीदी ऑर अंजू बैठे हुए थे..

मैं जाकर अपने चेर पर बैठ गया. मौसी भी बैठ गयी. अंजू दीदी के पास से उठी ऑर मेरे पास आकर बैठ गयी..

राज- क्या हुआ अंजू बेटा,

अंजू- पापा मुझे आप खिलाओ ना

मैंने अंजू की बात सुनकर मुस्कुराते हुए, अंजू को अपने गोदी मे बिठाया ऑर अंजू को खिलाने लगा. मैं भी खाने लगा.
मौसी ऑर दीदी दोनो मेरी हरकत देखकर मुस्कुरा रहे थे..

नाश्ता करने के बाद दीदी बर्तन उठाकर किचन मे चली गयी. मैंने मौसी को उनके रूम मे भेज दिया.

अंजू भी मौसी के साथ रूम के अंदर चली गयी.
 
मैं किचन की तरफ गया दीदी बर्तन धोने मे ब्यस्त थी.

राज- अनिता मैं मौसी से बात करने जा रहा हूँ. तुम बर्तन धोकर आराम करो.

दीदी- ठीक है आप जाइए

मैं वहाँ से मौसी के रूम की तरफ आ गया.
रूम मे एंटर होते ही रूम को लॉक किया..
मौसी बेड पर लेटी हुई थी...

अंजू नीचे बैठ कर खेलने मे व्यस्त थी..

मुझे देखते ही अंजू खेलना बंद कर दी.....

मैंने अंजू को उपर चढ़ाया, मौसी के बगल मे लेटते हुए, अंजू को अपने उपर सुला दिया..

राज- अंजू बेटा सो जाओ शाम को घूमने भी चलेंगे

अंजू- ठीक है पापा
इतना बोलकर अंजू मेरे उपर सो गयी.... मैने अंजू के सर को सहलाते हुए सुला दिया, थोड़ी देर मे अंजू गहरी नींद मे
सो गयी....

अब मैं ऑर मौसी पीठ के बल लेटे हुए थे.. मैंने धीरे से करवट बदला मौसी के उपर आ गया.. मौसी के उपर आते ही धीरे से उनकी साड़ी के पल्लू को उनकी चुचियों पर से हटा दिया.. मौसी की बड़ी-बड़ी चुचिया ब्लाउज मे कसी हुई थी...

मौसी के पूरे बदन मे से गुलाब की सुगंध आ रही थी.. मैं अपने दोनो कोहनियो के बल मौसी के उपर झुक गया मौसी की साँसे तेज़ चलने लगी जिससे तेज़ चलती सांसो के साथ बड़ी-बड़ी चुचिया उपर नीचे हो रही थी... ब्लाओज के अंदर ब्रा नही था, मौसी की चुचियों के निपेल्स तन गये जो कि सपष्ट दिखाई देने लगे..

उसपर ब्लाउज भी लो कट था जिससे आधी से ज़यादा चुचिया बाहर छलक रही थी ये सीन देखकर मेरा गला सूखने लगा..
मैं धीरे-धीरे नीचे झुकने लगा लपक कर एक चुचि को ब्लाउज के उपर से ही मुँह मे भरा ऑर चूसने लगा, अचानक मौसी अपने हाथो से मेरे सर को चुचियो पर दबाने लगी..

उस चुचि को चूसने के बाद दूसरी चुचि को चूसने लगा.. लगभग 10 मिनिट्स के बाद मेरा लंड लोहे की तरह खड़ा हो गया जो बिना झडे शांत नही हो सकता...

मैं तुरंत नीचे उतरा ऑर बाथरूम की तरफ भागा मैं बिना इधर-उधर देखे आँखो को बंद करके अँधा धुन्द मूठ मारने लगा.. कुच्छ देर के बाद मेरा लंड किसी ने पकड़ते हुए अपने होंठो मे भर लिया.. मेरे उपर इतनी मस्ती चढ़ गयी कि मेरी आँखे भी नही खुल पाई..

मैं समझा दीदी होगी इसीलिए मेरे लंड को चूस रही थी. लेकिन ये तो लंड को चूसने के साथ गॉटो को भी सहलाने लगी..
थोड़ी देर मे मैं सिसकरी भरते हुए वीर्य की पिचकारिया छोड़ने लगा.. दीदी पूरा वीर्य को गटक गयी..

जब मैं शांत हुआ तो मेरी आँखे खुली- की- खुली रह गयी..
 
मैं तुरंत नीचे उतरा ऑर बाथरूम की तरफ भागा मैं बिना इधर-उधर देखे आँखो को बंद करके अँधा धुन्द मूठ मारने लगा.. कुच्छ देर के बाद मेरा लंड किसी ने पकड़ते हुए अपने होंठो मे भर लिया.. मेरे उपर इतनी मस्ती चढ़ गयी कि मेरी आँखे भी नही खुल पाई..

मैं समझा दीदी होगी इसीलिए मेरे लंड को चूस रही थी. लेकिन ये तो लंड को चूसने के साथ गॉटो को भी सहलाने लगी..
थोड़ी देर मे मैं सिसकरी भरते हुए वीर्य की पिचकारिया छोड़ने लगा.. दीदी पूरा वीर्य को गटक गयी..

जब मैं शांत हुआ तो मेरी आँखे खुली- की- खुली रह गयी..

सामने दीदी नही बल्कि मौसी थी.. जो होंठो पे बह रहे वीर्य को चाट के पी रही थी...


राज- अरे पूनम तुम यहाँ सॉरी मुझे लगा कि अनिता है

मौसी- इसमे सॉरी की क्या बात है मैं आपकी बीवी नही हूँ. फिर तो पत्नी का धरम होता है पति की सेवा करना..
क्या मुझसे कोई ग़लती हुई है..

राज- नही पूनम अब जल्दी चलो उसके बाद मौसी ने मुँह सॉफ किया ऑर रूम के अंदर चली गयी..

मैंने लंड को सॉफ किया अंडरवेर उपर चढ़ाया बाथरूम से निकला आकर मौसी के बगल मे लेट गया

मौसी ने करवट बदली मेरे सीने पर सर रखते हुए लेट गयी..

मैं मौसी के पीठ को सहलाते हुए,' चलो पूनम डार्लिंग अब सुना भी दो कि तुम्हारे पति ने तुम्हे क्यो छोड़ा है.

मौसी- बात कोई लंबी नही है राज, बस जब मेरी शादी हुई तो हमारा बिबाहिक जीवन बहुत ही अच्छा था मेरे पति मुझे बहुत प्यार देते थे.. दो साल बाद मैंने अंजू को जन्म दिया. घर मे कोहराम ही मच गया. अंजू के पापा को लड़का चाहिए था इसीलिए वो अंजू के जन्म के बाद शराब पीके घर पर आने लगे, मुझे बहुत ही मारने लगे, अंजू को तो हरदम मारन की चेस्टा करते.. फिर एक दिन उन्होने मुझे कसम खिलाई कि जब तक मुझे बेटा नही हो जाता तबतक अंजू उनको पापा नही कहेगी. अंजू जब बोलने लायक हुई तो मैं बता दी कि तुम्हारे पापा दूसरी जगह है
फिर मैं गर्भवती हुई.. तो उन्होने डॉक्टर से चेक़प करवाए तो पता चला कि फिर से मेरे पेट मे लड़की है. तो उन्होने मुझे तलाक़ देके मुझे ऑर अंजू को घर से निकाल दिए..

मैंने अंजू को लेकर यहाँ आ गई . जब मैंने तुम्हारे मुँह से अंजू को बेटा कहते हुए सुना तो तो मेरा दिल खुश हो गया है.. अब सबसे बड़ी बात तुमने अंजू को बेटा मान लिया है तो क्या मेरे पेट मे जो पल रहा है.. उसका क्या होगा.

मैंने मौसी को पीठ के बल सुलाया ऑर उनके पेट को सहलाते हुए... पूनम डार्लिंग शायद तुम भूल रही हो कि मैंने तुमको बीवी कहा है तो तुम्हारे शरीर की सब चीज़ मेरी है...

ये तुम्हारे पेट जो पल रहा है वो मेरा बच्चा है,' राज मल्होत्रा का समझी'

मेरी बात सुनकर मौसी खुशी के मारे मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी.. लगभग 5मिनिट्स के बाद मौसी मेरे सीने पर सर रखते हुए सो गयी...

मैं भी मौसी को बाहों मे कसते हुए सो गया...


दोपेहर को 3:45 मे नींद खुल गयी तो देखा कि मैं मौसी को बाहों मे कसे हुए सो रहा था, लेकिन अंजू पास मे नही थी... मैं पूनम से अलग हुआ ऑर उसको जगाया

राज- पूनम डार्लिंग चलो उठ जाओ.. पूनम को हिलने पूनम उठ गयी...

पूनम- क्या है अभी सोने दो ना

राज- मेरी स्वीटो देखो तो टाइम क्या हुया है...3:45 हो गया है...

पूनम इतना सुनते ही उठ कर बैठ गयी.. मैं रूम से निकला ऑर बाथरूम मे घुस गया.. जब बाथरूम से फ्रेश होकर निकला तो दीदी ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठी हुई थी... उनके साथ अंजू भी खेल रही थी...

मैं जाकर सोफे पर बैठ गया तो अंजू मेरे गोदी मे आकर बैठ गयी..
तभी पूनम रूम से बाहर निकली ऑर बाथरूम मे घुस गयी..
जब पूनम बाथरूम से फ्रेश होकर बाहर निकली सोफे के उपर आकर बैठ गयी...
थोड़ी देर बाद हम ने लंच किया
उसके बाद फिर से सोफे पर बैठ कर बाते करने लगे..
बातो-बातो मे पूनम से कहा', पूनम चलो तैयार हो जाओ पार्क मे घूम कर आते है...

अंजू- पापा मैं भी चलूंगी..

मैने अंजू को अपने गोद मे बैठा कर,' तुम मेरी अच्छी बेटी हो ना

अंजू- हाँ

मैने उसके माथे को चूमते हुए,' अंजू बेटा हम कल चलेंगे ठीक है ना..

अंजू- हाँ ठीक लेकिन कल मिस मत कीजिएगा

राज- नही बेटा मैं कल पक्का ले जाऊँगा..

30 मिनिट्स के बाद पूनम तैयार होकर आ गई .
मैं तो उसे देखता ही रह गया.
साँवले बदन पर गुलाबी रंग की साड़ी, चमकता हुआ चेहरा.. गुलाब की तरह खिले हुए गाल
सबसे अच्छा सीन मंगलसूत्र का था मंगलसूत्र उसकी दोनो छातियो की घाटी के बीच लटक रहा था...
 
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