hotaks444
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मेरा लंड आंटी की जाँघो से टच हो कर मस्त हो रहा था और मैने उनके कान मे धीरे से कहा मुझे पिलाओगी अपना रस मैं रस पीने का बहुत शॉकिन हू और मैने धीरे से हाथ आंटी की गान्ड के पाटो के बीच लेजा कर अपनी ओर दबा दिया और आंटी के मूह से हल्की सिसकारी निकल गई और वह मेरे कान मे कहने लगी मेरा तो रस टपकने की कगार पर है अब तुम ज़रा भी देर करोगे तो यही बहने लगेगा, जाओ तुम अपने दोस्तो को खूब ड्रिंक करवा दो तब तक मैं मेहमानो को रफ़ा दफ़ा करती हू, मैं आंटी के बिल्कुल करीब उनकी गर्दन को चूम रहा था तभी मेरी नज़र रिया दी पर पड़ी जिसकी आँखे मुझे ही घूर रही थी और उसकी आँखो मे खून उतर आया था जब मेरी नज़र दी की नज़रो से टकराई तो ऐसा लगा जैसे वह नज़रो से ही मेरी जान ले लेगी, उसका चेहरा काफ़ी गुस्से मे नज़र आ रहा था जब मैने उसकी ओर स्माइल की तो उसने मूह गुस्से से दूसरी ओर घुमा लिया मैं आंटी को छोड़ कर रिया दी की ओर गया और उनके पास जाकर बैठ गया
रवि : क्या हुआ दी नाराज़ हो क्या
रिया : तेरा मुझसे पेट नही भरता जो उस कुतिया से चिपक रहा है, और संजू की मोम पर भी तेरी नज़रे है
रवि : दी लाइफ एंजाय के लिए है पर प्यार तो मैं तुमसे से करता हू ना
रिया : और किसी से किया तो मैं उसकी जान ले लूँगी
रवि : अच्छा मुझे बहुत चाहती हो ना
रिया : बेशक
रवि : तो लो अपने भाई के हाथो से जाम पियो और फिर क्या था रिया दी गतगत ड्रिंक पीने लगी, रिया दी मस्त नशे मे आ चुकी थी और बार बार बस एक ही बात कह रही थी कि रवि मेरे सिवा किसी और को चाहा तो अच्छा नही होगा, मैं समझ गया यह भरपूर नशे मे आ गई है तभी अंकुर और संजू भी आ गये और मैने उन्हे भी पिलाना शुरू कर दिया तब तक आंटी कुछ मेहमानो को विदा करने लगी
रिया दी अंकुर और संजू खाना खाने लगे आंटी ने मेरी और धीरे से इशारा किया और मैं उनके पीछे उपर वाले रूम मे चला गया अंदर जाते ही आंटी ने सीधे मेरे खड़े लंड को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया और मैं आंटी के रसीले होंठो को चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे दूध को कस कस कर दबाने लगा, आंटी ने जल्दी से नीचे के कपड़े उतारे और बेड पर घोड़ी बन कर उल्टी हो गई और जब मैने उसकी भारी गान्ड और चूत की फूली फांको को देखा तो मैं समझ गया आंटी क्या चाहती है, मैने घुटनो पर बैठते हुए आंटी की चूत के दाने से लेकर उसकी मोटी गान्ड के हॉल तक चाटना शुरू कर दिया ,मैं आंटी की चूत और गान्ड को अपने मूह से खूब दबा दबा कर चाटने लगा और आंटी सिसकारिया लेने लगी फिर मैने अपने दोनो हाथो से आंटी की चूत की फांको को फैला कर अपनी लंबी जीभ को उसकी चूत के छेद मे गहराई तक दबाते हुए आंटी की मस्त फूली बुर का रस पीने लगा, करीब 10 मिनिट तक चाटने के बाद आंटी ने कहा रवि जल्दी कर लो आज जल्दी से मुझे कस कस कर चोद लो, फिर खुल कर मज़े किसी और दिन आकर ले लेना, मैने उनकी बात मानते हुए उनकी बुर मे लंड डाल कर कस कस कर धक्के मारना सुरू कर दिया, मेरा लंड काफ़ी मोटा 8 इंच से ज़्यादा था और मोटाई भी अच्छी ख़ासी थी फिर भी आंटी का मस्त भोसड़ा मेरे लंड को सतसट अंदर बाहर ले रहा था, कुछ देर बाद आंटी ने जोरो की सिसकारी लेते हुए अपनी मोटी गान्ड मेरे लंड पर कस कस कर मारना शुरू कर दिया, मैं आंटी के चुतडो को कस कर थामे सतसट लंड पेलने लगा और फिर मैने ढेर सारा रस आंटी की मस्त फूली चूत मे उडेल दिया, कुछ देर तक हाँफने के बाद मैं जल्दी से बाहर आया और कुछ मेहमानो के बीच से होता हुआ, सीधे उधर गया जहा दी अंकुर और संजू खाना खा रहे थे, सभी नशे मे मस्त थे दी भी, झूम रही थी मैं उसके पास जाकर बैठा और दी ने मेरी ओर एक स्माइल दी और मुझे इशारे से अपने कान अपने मूह के पास लाने को कहते हुए उसने धीरे से मेरे कान मे कहा चोद आया अंकुर की मोम को, उसकी यह बात सुनते ही मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और दी ने जाम का ग्लास उठा कर एक सांस मे ही पूरा ग्लास खाली कर दिया और मेरी बाँहो मे झुकते हुए मुझसे सॅट कर अपने सर को मेरे कंधे पर रखा और कहा, रवि तू एक नंबर. का कमीना है बट फिर भी आइ लव यू, यह अच्छा था कि शोर शराबे मे अंकुर और संजू ने दी की बातो का ध्यान नही दिया और अपनी मस्ती मे लगे रहे, कुछ समय बाद हम वहाँ से निकले संजू बाइक चलने की स्थिति मे नही था इसलिए इस बार मैने ही ड्राइव की और फिर घर पहुच गये, घर पहुचने पर मैने अपनी की से लॉक खोला और जैसे तैसे दी को लेजा कर बिस्तेर पर पटक दिया और जैसे ही जाने लगा दी ने उठ कर मेरा हाथ पकड़ लिया और उसकी आँखे बंद थी लेकिन वह बार बार बस यही कह रही थी कि रवि तू बहुत कमीना है बट फिर भी आइ लव यू, मैं तेरे बिना नही जी सकती हू, आइ लव यू रवि, मैने दी के गालो को चूमते हुए उसके सर पर हाथ फेरा और मैने भी कहा आइ लव यू टू दी और फिर दी को मैने अपनी बाँहो मे लेकर सुला दिया और थोड़ी देर मे मुझे भी नींद आ गई,
आज सुबह से ही लंड पूरी ताँव मे था क्योकि एक तो अंकुर की मोम की चुदाई और उसके भारी चुतडो की ठुकाई ही याद आ रही थी और फिर संजू की मोम ने भी दिन मे मुझे बुलाया था, किसी तरह दोपहर तक वेट करना था, अभी मैं ख्यालो मे खोया हुआ था कि रिया दी बोली कि वह उसकी सहेली प्रिया के पास जाना चाहती है और मैं उसे बाइक से छोड़ दू, मैने दी को खिच कर अपनी गोद मे बैठा लिया और कहा दी आज तो तुम्हे चोदने का मन कर रहा है तुम कहाँ जा रही हो और मेरी ट्रैनिंग भी पूरी हो गई है उसी खुशी मे अपने भाई के लंड को एक बार चुसोगी नही
रिया : मैं भी अपनी सहेली को यही बधाई देने जा रही हू क्योकि उसने भी एग्ज़ॅम दी थी और उसका भी सेलेक्षन हो गया था और आज उसको ड्यूटी जाय्न करना है वह भी हमारे इलाक़े मे,
रवि : अरे वाह पर मेरी पोस्टिंग तो दी पास के कस्बे मे हुई है, कल से मैं भी ड्यूटी जाना शुरू करूँगा,
रिया : तो चल अच्छा है ना प्रिया से मैं तेरी भी मुलाकात करवा देती हू, मैं दी को बाइक पर बैठा कर प्रिया के पास ले गया, प्रिया को देखते ही मेरे लोडे मे सुरसूराहट होने लगी, वह मस्त वर्दी मे एक दम पटाका लग रही थी उसके भारी चूतड़ वर्दी की पॅंट फाड़ कर बाहर आने को बेताब थे और उसके मोटे मोटे खरबूजो की तरह तने हुए चुचे उसकी वर्दी की शर्ट मे समा नही रहे थे, सच पूछो तो मेरी नज़र सीधे उसके मोटे मोटे पपीतों पर ही पड़ी और मैं उसके दूध को खा जाने वाली नज़रो से देखता रहा और जब मैने प्रिया के चेहरे की ओर देखा तो पता चला कि वह मेरी नज़रो को ताड़ चुकी थी और उसकी मुस्कान उसके चेहरे से गायब हो गई और तो और दी ने भी मुझे प्रिया के बोबो को खा जाने वाली नज़रो से घूरते देख लिया था और अगर दी मेरी ओर कोहनी ना मारती तो शायद मेरी नज़रे प्रिया के बोबो से हटती ही नही
रिया : मुस्कुराते हुए पहले तो तुझे कंग्रॅजुलेशन फॉर एएसआइ और यह मेरा ब्रो रवि है इसे तो तू जानती ही है
प्रिया : खा जाने वाली नज़रो से मेरी ओर देख कर, हू इन्हे जानती ही नही पहचानती भी हू, उसके जवाब मे ऐसी बात थी जैसे वह मुझे यह बताना चाहती हो कि मैं बहुत बड़ा कमीना हू, जब उसने ऐसा जवाब दिया तो मैने मन मे सोचा बहन्चोद अपनी गान्ड और बोबे इतने मोटे करके पॅंट पहन कर घूम रही है और फिर लंड से उम्मीद करती है कि वह खड़ा भी ना हो
रिया : तुझे पता है रवि भी
प्रिया : हाँ जानती हू मैं तो पहले ही लिस्ट मे इनका नाम देख कर समझ गई थी कि ये तेरे भैया का ही नाम है
रिया : अरे पागल इतना रेस्पेक्ट क्यो दे रही है रवि को वह मेरा छोटा भाई है तो तेरा भी छोटा भाई ही हुआ ना
प्रिया हल्के से मुस्कुराइ और कुछ कहती इससे पहले ही मैने बात काटते हुए दी की ओर देख कर कहा, दी अगर प्रिया दी तुम्हारे जैसा ही बहन का प्यार मुझे दे तो ही मैं इन्हे अपनी बहन मान सकता हू
मेरी बात सुन कर दी का चेहरे का रंग उड़ गया और मेरी मुस्कान देख कर दी मुझे आँखे दिखाने लगी हालाकी प्रिया बात को समझ नही पाई और हम दोनो का मूह देखने लगी मेरे वहाँ से दी से बोल कर जाने लगा तभी मैं बाइक की चाभी भूल गया और मैं वापस आने लगा लेकिन दरवाजे के बाहर ही मेरे कदम ठिठक गये अंदर से आवाज़ आ रही थी और मैं एक पल रुक कर सुनने लगा
रवि : क्या हुआ दी नाराज़ हो क्या
रिया : तेरा मुझसे पेट नही भरता जो उस कुतिया से चिपक रहा है, और संजू की मोम पर भी तेरी नज़रे है
रवि : दी लाइफ एंजाय के लिए है पर प्यार तो मैं तुमसे से करता हू ना
रिया : और किसी से किया तो मैं उसकी जान ले लूँगी
रवि : अच्छा मुझे बहुत चाहती हो ना
रिया : बेशक
रवि : तो लो अपने भाई के हाथो से जाम पियो और फिर क्या था रिया दी गतगत ड्रिंक पीने लगी, रिया दी मस्त नशे मे आ चुकी थी और बार बार बस एक ही बात कह रही थी कि रवि मेरे सिवा किसी और को चाहा तो अच्छा नही होगा, मैं समझ गया यह भरपूर नशे मे आ गई है तभी अंकुर और संजू भी आ गये और मैने उन्हे भी पिलाना शुरू कर दिया तब तक आंटी कुछ मेहमानो को विदा करने लगी
रिया दी अंकुर और संजू खाना खाने लगे आंटी ने मेरी और धीरे से इशारा किया और मैं उनके पीछे उपर वाले रूम मे चला गया अंदर जाते ही आंटी ने सीधे मेरे खड़े लंड को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया और मैं आंटी के रसीले होंठो को चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे दूध को कस कस कर दबाने लगा, आंटी ने जल्दी से नीचे के कपड़े उतारे और बेड पर घोड़ी बन कर उल्टी हो गई और जब मैने उसकी भारी गान्ड और चूत की फूली फांको को देखा तो मैं समझ गया आंटी क्या चाहती है, मैने घुटनो पर बैठते हुए आंटी की चूत के दाने से लेकर उसकी मोटी गान्ड के हॉल तक चाटना शुरू कर दिया ,मैं आंटी की चूत और गान्ड को अपने मूह से खूब दबा दबा कर चाटने लगा और आंटी सिसकारिया लेने लगी फिर मैने अपने दोनो हाथो से आंटी की चूत की फांको को फैला कर अपनी लंबी जीभ को उसकी चूत के छेद मे गहराई तक दबाते हुए आंटी की मस्त फूली बुर का रस पीने लगा, करीब 10 मिनिट तक चाटने के बाद आंटी ने कहा रवि जल्दी कर लो आज जल्दी से मुझे कस कस कर चोद लो, फिर खुल कर मज़े किसी और दिन आकर ले लेना, मैने उनकी बात मानते हुए उनकी बुर मे लंड डाल कर कस कस कर धक्के मारना सुरू कर दिया, मेरा लंड काफ़ी मोटा 8 इंच से ज़्यादा था और मोटाई भी अच्छी ख़ासी थी फिर भी आंटी का मस्त भोसड़ा मेरे लंड को सतसट अंदर बाहर ले रहा था, कुछ देर बाद आंटी ने जोरो की सिसकारी लेते हुए अपनी मोटी गान्ड मेरे लंड पर कस कस कर मारना शुरू कर दिया, मैं आंटी के चुतडो को कस कर थामे सतसट लंड पेलने लगा और फिर मैने ढेर सारा रस आंटी की मस्त फूली चूत मे उडेल दिया, कुछ देर तक हाँफने के बाद मैं जल्दी से बाहर आया और कुछ मेहमानो के बीच से होता हुआ, सीधे उधर गया जहा दी अंकुर और संजू खाना खा रहे थे, सभी नशे मे मस्त थे दी भी, झूम रही थी मैं उसके पास जाकर बैठा और दी ने मेरी ओर एक स्माइल दी और मुझे इशारे से अपने कान अपने मूह के पास लाने को कहते हुए उसने धीरे से मेरे कान मे कहा चोद आया अंकुर की मोम को, उसकी यह बात सुनते ही मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और दी ने जाम का ग्लास उठा कर एक सांस मे ही पूरा ग्लास खाली कर दिया और मेरी बाँहो मे झुकते हुए मुझसे सॅट कर अपने सर को मेरे कंधे पर रखा और कहा, रवि तू एक नंबर. का कमीना है बट फिर भी आइ लव यू, यह अच्छा था कि शोर शराबे मे अंकुर और संजू ने दी की बातो का ध्यान नही दिया और अपनी मस्ती मे लगे रहे, कुछ समय बाद हम वहाँ से निकले संजू बाइक चलने की स्थिति मे नही था इसलिए इस बार मैने ही ड्राइव की और फिर घर पहुच गये, घर पहुचने पर मैने अपनी की से लॉक खोला और जैसे तैसे दी को लेजा कर बिस्तेर पर पटक दिया और जैसे ही जाने लगा दी ने उठ कर मेरा हाथ पकड़ लिया और उसकी आँखे बंद थी लेकिन वह बार बार बस यही कह रही थी कि रवि तू बहुत कमीना है बट फिर भी आइ लव यू, मैं तेरे बिना नही जी सकती हू, आइ लव यू रवि, मैने दी के गालो को चूमते हुए उसके सर पर हाथ फेरा और मैने भी कहा आइ लव यू टू दी और फिर दी को मैने अपनी बाँहो मे लेकर सुला दिया और थोड़ी देर मे मुझे भी नींद आ गई,
आज सुबह से ही लंड पूरी ताँव मे था क्योकि एक तो अंकुर की मोम की चुदाई और उसके भारी चुतडो की ठुकाई ही याद आ रही थी और फिर संजू की मोम ने भी दिन मे मुझे बुलाया था, किसी तरह दोपहर तक वेट करना था, अभी मैं ख्यालो मे खोया हुआ था कि रिया दी बोली कि वह उसकी सहेली प्रिया के पास जाना चाहती है और मैं उसे बाइक से छोड़ दू, मैने दी को खिच कर अपनी गोद मे बैठा लिया और कहा दी आज तो तुम्हे चोदने का मन कर रहा है तुम कहाँ जा रही हो और मेरी ट्रैनिंग भी पूरी हो गई है उसी खुशी मे अपने भाई के लंड को एक बार चुसोगी नही
रिया : मैं भी अपनी सहेली को यही बधाई देने जा रही हू क्योकि उसने भी एग्ज़ॅम दी थी और उसका भी सेलेक्षन हो गया था और आज उसको ड्यूटी जाय्न करना है वह भी हमारे इलाक़े मे,
रवि : अरे वाह पर मेरी पोस्टिंग तो दी पास के कस्बे मे हुई है, कल से मैं भी ड्यूटी जाना शुरू करूँगा,
रिया : तो चल अच्छा है ना प्रिया से मैं तेरी भी मुलाकात करवा देती हू, मैं दी को बाइक पर बैठा कर प्रिया के पास ले गया, प्रिया को देखते ही मेरे लोडे मे सुरसूराहट होने लगी, वह मस्त वर्दी मे एक दम पटाका लग रही थी उसके भारी चूतड़ वर्दी की पॅंट फाड़ कर बाहर आने को बेताब थे और उसके मोटे मोटे खरबूजो की तरह तने हुए चुचे उसकी वर्दी की शर्ट मे समा नही रहे थे, सच पूछो तो मेरी नज़र सीधे उसके मोटे मोटे पपीतों पर ही पड़ी और मैं उसके दूध को खा जाने वाली नज़रो से देखता रहा और जब मैने प्रिया के चेहरे की ओर देखा तो पता चला कि वह मेरी नज़रो को ताड़ चुकी थी और उसकी मुस्कान उसके चेहरे से गायब हो गई और तो और दी ने भी मुझे प्रिया के बोबो को खा जाने वाली नज़रो से घूरते देख लिया था और अगर दी मेरी ओर कोहनी ना मारती तो शायद मेरी नज़रे प्रिया के बोबो से हटती ही नही
रिया : मुस्कुराते हुए पहले तो तुझे कंग्रॅजुलेशन फॉर एएसआइ और यह मेरा ब्रो रवि है इसे तो तू जानती ही है
प्रिया : खा जाने वाली नज़रो से मेरी ओर देख कर, हू इन्हे जानती ही नही पहचानती भी हू, उसके जवाब मे ऐसी बात थी जैसे वह मुझे यह बताना चाहती हो कि मैं बहुत बड़ा कमीना हू, जब उसने ऐसा जवाब दिया तो मैने मन मे सोचा बहन्चोद अपनी गान्ड और बोबे इतने मोटे करके पॅंट पहन कर घूम रही है और फिर लंड से उम्मीद करती है कि वह खड़ा भी ना हो
रिया : तुझे पता है रवि भी
प्रिया : हाँ जानती हू मैं तो पहले ही लिस्ट मे इनका नाम देख कर समझ गई थी कि ये तेरे भैया का ही नाम है
रिया : अरे पागल इतना रेस्पेक्ट क्यो दे रही है रवि को वह मेरा छोटा भाई है तो तेरा भी छोटा भाई ही हुआ ना
प्रिया हल्के से मुस्कुराइ और कुछ कहती इससे पहले ही मैने बात काटते हुए दी की ओर देख कर कहा, दी अगर प्रिया दी तुम्हारे जैसा ही बहन का प्यार मुझे दे तो ही मैं इन्हे अपनी बहन मान सकता हू
मेरी बात सुन कर दी का चेहरे का रंग उड़ गया और मेरी मुस्कान देख कर दी मुझे आँखे दिखाने लगी हालाकी प्रिया बात को समझ नही पाई और हम दोनो का मूह देखने लगी मेरे वहाँ से दी से बोल कर जाने लगा तभी मैं बाइक की चाभी भूल गया और मैं वापस आने लगा लेकिन दरवाजे के बाहर ही मेरे कदम ठिठक गये अंदर से आवाज़ आ रही थी और मैं एक पल रुक कर सुनने लगा