hotaks444
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तुम सुधरोगी नही" कंचन ने गुस्से से कहा।
"यार एक बात कहूँ बुरा मत मानना?" नीलम ने कंचन की तरफ देखते हुए कहा।
"हा कहो क्या बात है" कंचन ने जवाब दिया।
"यार तुम्हारा भाई विजय भी कुछ कम नहीं है, शर्मीला बुहत है मगर उसकी बॉडी किसी फिल्म स्टार से कम नहीं । तुम्हें किसी दुसरे से अगर डर लगता है तो फिर अपने भाई को ही क्यों नहीं लिफ्ट दे देती घर की बात घर में रहेगी" नीलम ने एक ही साँस में बोलते हुए कहा।
"तुम्हेँ शर्म वरम है या सब कुछ घर पर छोडकर आई हो, वह मेरा सगा भाई है तुम उसके बारे में मुझे ऐसा कह रही हो । जाओ भागो यहाँ से मैं तुमसे बात नहीं करती", कंचन नीलम की बात सुनने के बाद गुस्से से बोली ।
कंचन को बार बार नीलम की बात ज़हन में आ रही थी और उसे बार बार अपनी चुचीयों पर अपने भाई के हाथ का स्पर्श महसूस हो रहा था, कंचन को खुद समझ में नहीं आ रहा था की वह इतना गन्दा क्यों सोच रही है।
कंचन का पूरा जिस्म अपने भाई के बारे में सोचते हुए गरम हो चुका था और कंचन की चूत में बुहत ज़ोर की सनसनाहट हो रही थी, कंचन का हाथ अपने भाई के बारे में सोचते हुए अपने आप उसकी पेंटी के ऊपर आकर घुमने लगा ।
कंचन को अपना हाथ पेंटी पर घुमाते हुए महसूस हुआ की उसके हाथ पर कुछ गीला चिपचिपा लग रहा है। कंचन समझ गयी के एक्ससाईटमेंट में उसकी चुत से पानी निकल रहा है, क्योंकी उसकी सहेली नीलम ने उसे बातों बातों में सब कुछ बता दिया था की चूत से पानी निकलता है और की कोई मरद किसी लड़की को उसकी चूत के छेद में लंड डाल कर चोदता है।
कंचन ने अपने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद किया और अपने सारे कपडे उतार कर ड्रेसिंग टेबल के सामने आ गयी, कंचन आइने में अपने आप को नंगा देखकर खुद शर्मा गयी ।
नीलम की बात बिलकुल सच थी, कंचन का पूरा जिस्म बिलकुल गोरा और शीशे की तरह बिलकुल साफ़ था, उसकी ३४ साइज की चुचियां उसके सीने पर बिलकुल किसी गोल बॉल की तरह टाइट थी।
"यार एक बात कहूँ बुरा मत मानना?" नीलम ने कंचन की तरफ देखते हुए कहा।
"हा कहो क्या बात है" कंचन ने जवाब दिया।
"यार तुम्हारा भाई विजय भी कुछ कम नहीं है, शर्मीला बुहत है मगर उसकी बॉडी किसी फिल्म स्टार से कम नहीं । तुम्हें किसी दुसरे से अगर डर लगता है तो फिर अपने भाई को ही क्यों नहीं लिफ्ट दे देती घर की बात घर में रहेगी" नीलम ने एक ही साँस में बोलते हुए कहा।
"तुम्हेँ शर्म वरम है या सब कुछ घर पर छोडकर आई हो, वह मेरा सगा भाई है तुम उसके बारे में मुझे ऐसा कह रही हो । जाओ भागो यहाँ से मैं तुमसे बात नहीं करती", कंचन नीलम की बात सुनने के बाद गुस्से से बोली ।
कंचन को बार बार नीलम की बात ज़हन में आ रही थी और उसे बार बार अपनी चुचीयों पर अपने भाई के हाथ का स्पर्श महसूस हो रहा था, कंचन को खुद समझ में नहीं आ रहा था की वह इतना गन्दा क्यों सोच रही है।
कंचन का पूरा जिस्म अपने भाई के बारे में सोचते हुए गरम हो चुका था और कंचन की चूत में बुहत ज़ोर की सनसनाहट हो रही थी, कंचन का हाथ अपने भाई के बारे में सोचते हुए अपने आप उसकी पेंटी के ऊपर आकर घुमने लगा ।
कंचन को अपना हाथ पेंटी पर घुमाते हुए महसूस हुआ की उसके हाथ पर कुछ गीला चिपचिपा लग रहा है। कंचन समझ गयी के एक्ससाईटमेंट में उसकी चुत से पानी निकल रहा है, क्योंकी उसकी सहेली नीलम ने उसे बातों बातों में सब कुछ बता दिया था की चूत से पानी निकलता है और की कोई मरद किसी लड़की को उसकी चूत के छेद में लंड डाल कर चोदता है।
कंचन ने अपने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद किया और अपने सारे कपडे उतार कर ड्रेसिंग टेबल के सामने आ गयी, कंचन आइने में अपने आप को नंगा देखकर खुद शर्मा गयी ।
नीलम की बात बिलकुल सच थी, कंचन का पूरा जिस्म बिलकुल गोरा और शीशे की तरह बिलकुल साफ़ था, उसकी ३४ साइज की चुचियां उसके सीने पर बिलकुल किसी गोल बॉल की तरह टाइट थी।