hotaks444
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उह बाबजी दर्द कहाँ बुहत मजा आ रहा है" रेखा उत्तेजना के मारे सिसकती हुयी बोली । अनिल ने अपनी बहु को गरम देखकर अपने होंठ उसकी चूत से हटाते हुए अपनी जीभ को निकाल कर उसकी चूत के छेद पर फेरने लगा ।
"आह्हः बाबूजी बुहत मजा आ रहा है", अपने ससुर की जीभ अपनी चूत पर पड़ते ही रेखा अपने चुतडों को उछालते हुए बोली । अनिल अपनी जीभ से अपनी बहु की चूत से निकलते हुए पानी को चाटने लगा ।
अनिल अपनी जीभ को कडा करते हुए अपनी बहु की चूत में घुसा दिया और उसे अंदर बाहर करने लगा। "आह्ह्ह्ह श बाबूजी बुहत मजा आ रहा है", जीभ के घुसते ही रेखा अपना हाथ अपने ससुर के बालों में ड़ालते हुए उसे अपनी चूत पर दबाने लगी ।
अनिल अपनी बहु की चूत में जीभ को बुहत ज़ोर से अंदर बाहर करते हुए अपने हाथ से उसकी चूत के झाँटों को सहलाते हुए रेखा की चूत के दाने पर रख दिया और उसे अपने हाथों से मसलने लगा।
रेखा का पूरा जिस्म अकड़ कर झटके खाने लगा।
"आह्ह श ओह्ह्ह बाबूजी रेखा उत्तेजना को सहन न करते हुए अपनी ऑंखों बंद करके झरने लगी", रेखा की चूत से पानी की नदिया बहने लगी और उसका ससुर उसकी चूत से पानी को चाटने लगा, अनिल का चेहरा अपनी बहु की चूत को चाटते हुए पूरा भीग गया ।
रेखा ने कुछ देर झरने के बाद अपनी ऑंखें खोली तो उसे हंसी आ गयी, क्योंकी उसकी चूत से निकलते हुए पानी से उसके ससुर का पूरा चेहरा भीगा हुआ था । और वह सीधा बैठकर अपनी बहु की चुचियो को देख रहा था, अनिल ने अपनी बहु को हँसता हुआ देखकर टॉवल उठा कर अपना मूह साफ़ कर दिया और अपनी बहु को धक्का देते हुए सीधा लेटा दिया ।
अचानक रेखा की नज़र घडी पर गई, वह घबराकर उठ बैठी और बेड से उठते हुए कपड़े पहनने लगी "क्या हुआ बेटी तुम इतनी घबरायी हुयी क्यों हो ?"अनिल ने अपनी बहु से पुछा । "बाबूजी ४ बज गए हैं बच्चे उठ गये होंगे । आपका बेटा भी आता ही होगा" यह कहते हुए रेखा ने कपड़े पहन लिए और वहां से जाने लगी ।
"आह्हः बाबूजी बुहत मजा आ रहा है", अपने ससुर की जीभ अपनी चूत पर पड़ते ही रेखा अपने चुतडों को उछालते हुए बोली । अनिल अपनी जीभ से अपनी बहु की चूत से निकलते हुए पानी को चाटने लगा ।
अनिल अपनी जीभ को कडा करते हुए अपनी बहु की चूत में घुसा दिया और उसे अंदर बाहर करने लगा। "आह्ह्ह्ह श बाबूजी बुहत मजा आ रहा है", जीभ के घुसते ही रेखा अपना हाथ अपने ससुर के बालों में ड़ालते हुए उसे अपनी चूत पर दबाने लगी ।
अनिल अपनी बहु की चूत में जीभ को बुहत ज़ोर से अंदर बाहर करते हुए अपने हाथ से उसकी चूत के झाँटों को सहलाते हुए रेखा की चूत के दाने पर रख दिया और उसे अपने हाथों से मसलने लगा।
रेखा का पूरा जिस्म अकड़ कर झटके खाने लगा।
"आह्ह श ओह्ह्ह बाबूजी रेखा उत्तेजना को सहन न करते हुए अपनी ऑंखों बंद करके झरने लगी", रेखा की चूत से पानी की नदिया बहने लगी और उसका ससुर उसकी चूत से पानी को चाटने लगा, अनिल का चेहरा अपनी बहु की चूत को चाटते हुए पूरा भीग गया ।
रेखा ने कुछ देर झरने के बाद अपनी ऑंखें खोली तो उसे हंसी आ गयी, क्योंकी उसकी चूत से निकलते हुए पानी से उसके ससुर का पूरा चेहरा भीगा हुआ था । और वह सीधा बैठकर अपनी बहु की चुचियो को देख रहा था, अनिल ने अपनी बहु को हँसता हुआ देखकर टॉवल उठा कर अपना मूह साफ़ कर दिया और अपनी बहु को धक्का देते हुए सीधा लेटा दिया ।
अचानक रेखा की नज़र घडी पर गई, वह घबराकर उठ बैठी और बेड से उठते हुए कपड़े पहनने लगी "क्या हुआ बेटी तुम इतनी घबरायी हुयी क्यों हो ?"अनिल ने अपनी बहु से पुछा । "बाबूजी ४ बज गए हैं बच्चे उठ गये होंगे । आपका बेटा भी आता ही होगा" यह कहते हुए रेखा ने कपड़े पहन लिए और वहां से जाने लगी ।