hotaks444
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"क्या हुआ पिता जी" नीलम ने अपनी चूत से अपने ससुर के लंड के हटते ही उसकी तरफ देखते हुए कहा।
"बेटी मैं तुमसे बुहत प्यार करता हूँ और तुम्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकता इसीलिए मैं अपने इस मुसल को चिकना कर रहा हूँ ताकी इसके घूसने से तुम्हें कोई तकलीफ न हो" महेश ने अपनी बहु को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अपने लंड को अपने हाथ में लेकर उसे दिखाते हुए कहा ।
नीलम ने अपने ससुर के मुसल लंड को देखकर शर्म से अपनी नज़रें झुका ली मगर अपने ससुर का लंड देखकर उसका जिस्म और ज्यादा ही गरम हो गया,
"आआह्ह्ह ईसशःह्ह्ह्ह पिता जीईईई" अचानक नीलम को अपनी चूत पर किस्सी सख्त गीली चीज़ का अहसास हुआ जिसे महसूस करके उसका पूरा जिस्म सिहर उठा।
"बस बेटी हो गया अब मेरे लंड की तरह तुम्हारी चूत भी चिकनी हो गई है" महेश ने अपने हाथ को अपनी बहु की चूत से हटाते हुए कहा जिसे वह अपनी थूक से गीला करके अपनी बहु की चूत को चिकना कर रहा था।।
महेश ने अपने दोनों हाथों से अपनी बहु की चूत के छेद को पूरी तरह से फ़ैला दिया।
"आआह्ह्ह्ह बहु तुम्हरी चूत का छेद कितना सूंदर है" महेश ने अपनी बहु की चूत के लाल सिरे को देखकर कहा । अपने ससुर की बात सुनकर नीलम के जिस्म में एक झुरझुरी सी फ़ैल गयी और उसकी चूत से पानी की कुछ बूँदे निकलने लगी, महेश ने अपनी बहु को इतना गरम देखकर ज्यादा देर करना ठीक न समझा और अपने लंड को उसके छेद पर रख दिया ।
महेश ने अपनी बहु को दोनों टांगों से पकडकर एक हल्का धक्का मार दिया।
"आह्ह्ह्हह ओहहहह पिता जी" महेश का लंड नीलम की चूत में घूसने की बजाये ऊपर की तरफ खिसक गया जिस वजह से नीलम के मूह से सिसकी निकल गई,
"ओहहहह बेटी तुम्हरा छेद तो बुहत टाइट है। लगता है हरामखोर ने तुम्हें अभी तक ठीक तरीके से चोदा भी नही" महेश ने अपने बेटे को गाली देते हुए कहा और अपना लंड फिर से अपनी बहु की चूत पर सही जगह टीका दिया ।
महेश ने इस बार धक्का मारने की बजाय अपना पूरा वजन अपने लंड पर डाल दिया। दबाव पडते ही महेश के लंड का मोटा सुपाडा नीलम की चुत को फैलाता हुआ उसके अंदर जाकर फँस गया।
"उईई माँ ओह्ह्ह्हह पीछे हटो आआह्ह्ह्हह फट गयी बुहत मोटा है आपका" महेश के लंड का सुपाडा घुसते ही नीलम ज़ोर से चिल्लाते हुए झटपटाने लगी । नीलम को ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसकी चूत को फाड़ कर दो हिस्सों में अलग कर दिया गया हो।
"बेटी मैं तुमसे बुहत प्यार करता हूँ और तुम्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकता इसीलिए मैं अपने इस मुसल को चिकना कर रहा हूँ ताकी इसके घूसने से तुम्हें कोई तकलीफ न हो" महेश ने अपनी बहु को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अपने लंड को अपने हाथ में लेकर उसे दिखाते हुए कहा ।
नीलम ने अपने ससुर के मुसल लंड को देखकर शर्म से अपनी नज़रें झुका ली मगर अपने ससुर का लंड देखकर उसका जिस्म और ज्यादा ही गरम हो गया,
"आआह्ह्ह ईसशःह्ह्ह्ह पिता जीईईई" अचानक नीलम को अपनी चूत पर किस्सी सख्त गीली चीज़ का अहसास हुआ जिसे महसूस करके उसका पूरा जिस्म सिहर उठा।
"बस बेटी हो गया अब मेरे लंड की तरह तुम्हारी चूत भी चिकनी हो गई है" महेश ने अपने हाथ को अपनी बहु की चूत से हटाते हुए कहा जिसे वह अपनी थूक से गीला करके अपनी बहु की चूत को चिकना कर रहा था।।
महेश ने अपने दोनों हाथों से अपनी बहु की चूत के छेद को पूरी तरह से फ़ैला दिया।
"आआह्ह्ह्ह बहु तुम्हरी चूत का छेद कितना सूंदर है" महेश ने अपनी बहु की चूत के लाल सिरे को देखकर कहा । अपने ससुर की बात सुनकर नीलम के जिस्म में एक झुरझुरी सी फ़ैल गयी और उसकी चूत से पानी की कुछ बूँदे निकलने लगी, महेश ने अपनी बहु को इतना गरम देखकर ज्यादा देर करना ठीक न समझा और अपने लंड को उसके छेद पर रख दिया ।
महेश ने अपनी बहु को दोनों टांगों से पकडकर एक हल्का धक्का मार दिया।
"आह्ह्ह्हह ओहहहह पिता जी" महेश का लंड नीलम की चूत में घूसने की बजाये ऊपर की तरफ खिसक गया जिस वजह से नीलम के मूह से सिसकी निकल गई,
"ओहहहह बेटी तुम्हरा छेद तो बुहत टाइट है। लगता है हरामखोर ने तुम्हें अभी तक ठीक तरीके से चोदा भी नही" महेश ने अपने बेटे को गाली देते हुए कहा और अपना लंड फिर से अपनी बहु की चूत पर सही जगह टीका दिया ।
महेश ने इस बार धक्का मारने की बजाय अपना पूरा वजन अपने लंड पर डाल दिया। दबाव पडते ही महेश के लंड का मोटा सुपाडा नीलम की चुत को फैलाता हुआ उसके अंदर जाकर फँस गया।
"उईई माँ ओह्ह्ह्हह पीछे हटो आआह्ह्ह्हह फट गयी बुहत मोटा है आपका" महेश के लंड का सुपाडा घुसते ही नीलम ज़ोर से चिल्लाते हुए झटपटाने लगी । नीलम को ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसकी चूत को फाड़ कर दो हिस्सों में अलग कर दिया गया हो।