hotaks444
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ठीक उसी समय मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं किसी के जोर से बोलने और चिल्लाने की आवाज सुन रहा हूँ। जब मैंने दरवाजे की तरफ मुड़ कर देखा तो... ओहह... ये मैं क्या देखा रहा हूँ? मेरे अंदर की सांस, अंदर ही रह गई।
सामने दरवाजे पर मेरी मम्मी खड़ी थी। उनका चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था। वो क्रोध में अपने होंठों को काट रही थी और अपने कूल्हे पर अपने हाथ रखकर चिल्ला रही थी। उसका चिल्लाना तो एक पल के लिये हम दोनों भाई-बहन को कुछ समझ में नहीं आया। थोड़ी देर बाद हमें उसकी स्पष्ट आवाज सुनाई दे रही थी।
ओहह... तुम दोनों बिल्कुल अच्छे बच्चे नहीं हो, पापियों खड़े हो जाओ। क्या मैंने तुम्हें यही शिक्षा दी थी? ओह... तुमने मेरा दिमाग खराब कर दिया। एक भाई-बहन होकर...” इसके आगे वो कुछ भी नहीं बोल पाई।
मैं एकदम भोंचक्का रह गया था, और शीघ्रता से अपने लण्ड को अपनी बहन की चत में से निकाल लिया। मेरे लण्ड का पानी अभी नहीं निकला था। वो निकलने ही वाला था, पर बीच में मम्मी के आ जाने के कारण रुक गया था। इसलिये मेरा लण्ड दर्द कर रहा था। मेरे दिमाग को शायद अभी भी हमारी पूरी स्थिति की गंभीरता का अहसास नहीं हुआ था। इसलिये मेरा लण्ड अभी भी खड़ा और उत्तेजित था। फिर अचानक से एक झटके के साथ, उसमें से एक तेज धार के साथ पानी निकल गया। मेरे वीर्य की कुछ बूंदें उछलकर सीधी मम्मी के ऊपर, उसकी साड़ी और पेट पर जा गिरी। ये सब कुछ एक क्षण में हो गया था।
झड़ जाने के बाद, मेरे सामने खड़ी मम्मी को देखकर, मेरे दिमाग में डर हावी हो गया और मैं डरकर अपनी पैन्ट को खोजने लगा। मैं अपनी कमर के नीचे पूरी तरह से नंगा था। मेरा लण्ड अब पानी छोड़कर लटक गया था। मेरी बहन तेजी के साथ बिस्तर पर से उतर गई और अपनी स्कर्ट को उसने चूतड़ों से नीचे गिरा लिया था। मेरी मम्मी कुछ नहीं बोल पाई और मेरे वीर्य को अपनी साड़ी और पेट पर से साफ करने लगी।
छीईई, छीईई...” कहते हुए, वो कमरे से बाहर बिना कोई शब्द बोले, हम दोनों को अकेला छोड़कर, निकल गई।
सामने दरवाजे पर मेरी मम्मी खड़ी थी। उनका चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था। वो क्रोध में अपने होंठों को काट रही थी और अपने कूल्हे पर अपने हाथ रखकर चिल्ला रही थी। उसका चिल्लाना तो एक पल के लिये हम दोनों भाई-बहन को कुछ समझ में नहीं आया। थोड़ी देर बाद हमें उसकी स्पष्ट आवाज सुनाई दे रही थी।
ओहह... तुम दोनों बिल्कुल अच्छे बच्चे नहीं हो, पापियों खड़े हो जाओ। क्या मैंने तुम्हें यही शिक्षा दी थी? ओह... तुमने मेरा दिमाग खराब कर दिया। एक भाई-बहन होकर...” इसके आगे वो कुछ भी नहीं बोल पाई।
मैं एकदम भोंचक्का रह गया था, और शीघ्रता से अपने लण्ड को अपनी बहन की चत में से निकाल लिया। मेरे लण्ड का पानी अभी नहीं निकला था। वो निकलने ही वाला था, पर बीच में मम्मी के आ जाने के कारण रुक गया था। इसलिये मेरा लण्ड दर्द कर रहा था। मेरे दिमाग को शायद अभी भी हमारी पूरी स्थिति की गंभीरता का अहसास नहीं हुआ था। इसलिये मेरा लण्ड अभी भी खड़ा और उत्तेजित था। फिर अचानक से एक झटके के साथ, उसमें से एक तेज धार के साथ पानी निकल गया। मेरे वीर्य की कुछ बूंदें उछलकर सीधी मम्मी के ऊपर, उसकी साड़ी और पेट पर जा गिरी। ये सब कुछ एक क्षण में हो गया था।
झड़ जाने के बाद, मेरे सामने खड़ी मम्मी को देखकर, मेरे दिमाग में डर हावी हो गया और मैं डरकर अपनी पैन्ट को खोजने लगा। मैं अपनी कमर के नीचे पूरी तरह से नंगा था। मेरा लण्ड अब पानी छोड़कर लटक गया था। मेरी बहन तेजी के साथ बिस्तर पर से उतर गई और अपनी स्कर्ट को उसने चूतड़ों से नीचे गिरा लिया था। मेरी मम्मी कुछ नहीं बोल पाई और मेरे वीर्य को अपनी साड़ी और पेट पर से साफ करने लगी।
छीईई, छीईई...” कहते हुए, वो कमरे से बाहर बिना कोई शब्द बोले, हम दोनों को अकेला छोड़कर, निकल गई।