Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ - Page 20 - SexBaba
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Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ

अब माथुर का मन गाँड़ मारने का हुआ वैसे भी वो गाँड़ का दीवाना था ! उसने गुप्ता से कहकर पोजीसन बदल ली ! अब गुप्ता नीचे आ गया और माथूर ऊपर आकर शालू की गाँड मारने लगा ! शालू तो बर्गर के समान बीच मे पिसी जा रही थी !

शालू जो कुछ देर पहले दर्द से चीख रही थी अब शांत हो चुकी थी ! उसकी बुर और गाँड़ जो कुछ देर पहले तक दर्द दे रही थी अब उनमे से आनंद का झरना बहना शुरू हो गया था ! शालू के अंदर फिर से ज्वालामुखी निकलने की तैयारी करने लगा !

माथुर का बरसों का अनुभव सही निकला ! आख़िर माथूर ने भी कोई धूप मे बाल सफेद नहीं किए थे! वो अच्छी तरह से जानता था क़ि शालू नई उमर की लौंडिया है एक दो बार अगर ये दोनो छेद एक साथ भरवा लेगी तो उसे डबल लंड का नशा चढ़ जाएगा ! फिर अगर इसकी सिंगल चुदाई करी जाए तो उसे अंदर कुछ खाली खाली सा लगेगा !

इधर अब शालू के मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी थी ! दर्द भरी कराहें अब मज़े की सिसकारी मे बदल गई थी ! ऐसा अनुभव तो उसे कभी नहीं हुआ था ! उसका जर्रा जर्रा मस्ती से भर उठा था ! ! ऐसी मस्ती उसने ना कभी सुनी थी ना कभी जानी थी ! उसकी सारी चेतना अपने दोनो छेदों मे सिमट कर रह गई थी ! उसके आगे संसार है या नहीं उसे कुछ नहीं समझ आ रहा था ! अब तो उसे ये भी पता नहीं चल रहा था की वो दो दो मर्दों के बीच दबी हुई है और ये दोनो ही उसे मस्ती के इस आलम मे पहुँचा रहे हैं ! वो तीनो एक रूप हो गये थे !


माथुर और गुप्ता शालू को बहुत जोर जोर से पेल रहे थे माथुर तो शालू की गाँड को ऐसे चोद रहा था जैसे उसे कभी ऐसी गाँड चोदने को नहीं मिलेगा साथ ही साथ वह गांड पर थप्पड़ भी मारने लगता था जिससे शालु चिल्ला उठती थी ।
 
शालू के नशे में होने का दोनों बहुत बड़ा फायदा उठा रहे थे शालू को ज्यादा होश नहीं था इसीलिए माथुर शालू के गाँड में तो लंड पेल ही रहा था साथ में उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारकर उन्हें भी लाल कर दिया था नीचे से गुप्ता अपने लंड को शालू के चूत में पेल रहा था।

लेकिन माथुर तो जैसे जानवर हो गया था वह तो शालू के गाँड को पूरा फाड़ डालना चाहता था उसका लंड भी बहुत मोटा था शालू के गांड में बहुत फँस के जा रहा था जब वह पूरा लंड पेलता तो शालू कराहने लगती लेकिन शालू के चिल्लाने का उस पर कोई असर नहीं हो रहा था ।वह तो और जोर जोर से शालू की गांड मार रहा था।

दोनों शालू को किसी रंडी की तरह चोद रहे थे शालु भी नशे में गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी उसे कुछ भी होश नहीं था कि वह क्या कर रही है बस उसे मजे से काम था वैसे भी वह चुदाई में रंडियों को भी फेल कर देती थी ।

5 मिनट तक नॉनस्टॉप चोदने के बाद माथुर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया फिर वह अपने लंड को गुप्ता के लंड के पास रख के एक जोर का झटका दिया और एक ही झटके में उसका भी लंड शालू के चुत में घुस गया ।

अब शालू की चूत में दो दो लंड घुस गए थे शालू का पूरा बदन ऐठने लगा। वह जोर जोर से चिल्लाने लगी थी । आज माथुर ने सोच लिया था कि आज शालू की गांड को पूरा फाड़ के रख देगा नीचे से गुप्ता ने भी शालू को जोर से पकड़ लिया था फिर से दोनों शालू की चूत को अपने मोटे मोटे लंड से फाड़ रहे थे।

शालू नशे में बड़बड़ा रही थी लेकिन दोनों पर कोई असर नहीं था फिर माथुर ने अपना लंड शालू की चूत से निकाल लिया तब शालू को थोड़ा आराम मिला लेकिन तभी माथुर ने अपना लंड फिर से शालू की गांड में पेल दिया।

फिर माथुर नीचे चला गया और गुप्ता शालू की गांड मारने के लिए आ गया इस तरह आधे घंटे तक दोनों ने शालू की बुर और गांड को रंडियों की तरह चोदा । शालू को तो गिनती भी याद नहीं थी की वह कितनी बार झड़ चुकी है।

शालू नशे में चुदवाती रही।अब दोनों का स्पीड बढ़ चूका था।दोनों शालू के अंदर ही झड़ गए।अब तीनों पूरी तरह से थक गए थे फिर दोनों ने अपना लंड शालू के चूत और गांड में निकाल दिया ।अब तीनों थक गए थे तीनों आराम करने लगे।
 
जब माथुर और गुप्ता के साथ शालू नोएडा चली जाती है तो बंसल भी ऑफिस जाता है लेकिन काम में मन नहीं लगने के कारण ऑफिस में बोलकर होटल चला आता है।

वह रास्ते भर यही सोच रहा था की वह रीना के साथ प्यार करने लगा है वह रीना को आज बहुत खुश करेगा।उसे प्यार से चोदेगा किसी रंडी की तरह नहीं
रंडी की तरह चुदवाने के लिये शालु हो हैं ही।उसे रंडियो की तरह चुदवाने में मज़ा भी आता है।

लेकिन रीना तो मासूम है।उसी ने पहली बार अपने पापा को अपना कुँवारापन दिया है।वह उसे आज शॉपिंग भी ले जाएगा।और उससे रोमांटिक बातें भी करेगा।

बंसल होटल पहुँचता है जहाँ रीना भी बोर हो रही थी।अपने पापा को इतनी जल्दी देखकर वो ख़ुशी से पागल हो जाती है और अपने पापा से लिपटकर उनको चूमने लगती है।

रीना-पापा आप इतनी जल्दी कैसे आ गए।
बंसल-अरे बेटी काम में मन नहीं लग रहा था और तेरी याद आ रही थी तो चला आया।
रीना-चलो पापा कहीं घूमने चलतें है।मुझे थोड़ी शॉपिंग भी करनी है।
बंसल-ठीक है बेटी चलो। तुम्हारे लिए कुछ शॉपिंग भी कर लेंगे और किसी अच्छे रेस्टोरेंट में खा भी लेंगे।
रीना खूब खुश होती है।वह जल्दी से तैयार होकर दोनों एक मॉल में जाते है।

बंसल अपनी बेटी का हाथ पकड़ कर शॉपिंग माल के अंदर जाकर ले बेटी देख ले तुझे क्या-क्या लेना है,रीना अपनी पसंद की टॉप और स्कर्ट पसंद कर लेती है और फिर दो अच्छी जीन्स और टीशर्ट भी ले लेती है।

बंसल - क्या-क्या सेलेक्ट किया।

रीना- मुस्कुराते हुए ये देखो पापा और अपने पापा को अपने कपड़े दिखाने लगती है।

बंसल- अरे यह तो बहुत अच्छे है, और क्या लेना है।

रीना- मुस्कुराते हुए वो पापा।

बंसल- मुस्कुराकर समझ गया तेरी ब्रा और पेंटी भी छोटी हो गई है ना चल तुझे एकदम फेशनेबल ब्रा और पेंटी दिला देता हूँ, अच्छा बेटी अभी तूने अपनी जीन्स के नीचे पेंटी पहनी है कि नही ।

रीना- मुस्कुराते हुए पहनी है पर वह दीदी की है और पुरानी हो गई है।
 
बंसल- कोई बात नही हम दूसरी ले लेते है।

रीना- पापा दीदी के लिए भी आप ही ले कर आते हो ना ।

बंसल- हाँ लेकिन तेरी दीदी साड़ी के नीचे कभी पहनती ही नही है।

फिर रीना ब्रा और पेंटी देखने लगती है और

बंसल- अरे यह तो बहुत छोटी लग रही है, तेरी बॉडी पर तो बहुत कसी हुई लगेगी।

रीना- नही पापा में ऐसी साइज़ ही पहनती हूँ मुझे कसी हुई फिटिंग ही अच्छी लगती है।

बंसल- अच्छा जैसी तेरी मर्ज़ी, फिर रीना अपनी और अपने पापा की पसंद की बहुत सारी ब्रा और पेंटी ले लेती है।

बंसल- तूने रेड और ब्लू कलर ही क्यो सेलेक्ट किया क्या तुझे यही कलर पसंद है।

रीना- हाँ यह कलर मुझे अच्छे लगते है।

बंसल- अच्छा अभी तूने कौन से कलर की पेंटी पहनी है।

रीना- वाइट कलर की पर वह दीदी की है।

बंसल- कोमल की गदराई उठी हुई गान्ड को देखता हुआ, तेरी दीदी की पेंटी तो तुझे टाइट लगती होगी ना बेटी क्योंकि तेरी गांड तो तेरी दीदी से भी बड़ी है।

रीना-छी कैसी बात करते हो पापा।

बंसल अपने मन में सोचने लगता है कि रीना के भारी-भारी चूतड़ नंगे कितने अच्छे लगते है, और उसकी चुचिया तो बहुत ही मोटी है और खूब कसी हुई है। टीशर्ट के उपर से ही कितनी ठोस और गदराई हुई नज़र आती है।

रीना- अपने पापा की नज़रो को ताड़ कर अपने मन में देख लो पापा अपनी बेटी की गदराई जवानी को आपके मोटे लंड से पानी नही निकाल दिया तो मेरा नाम भी रीना नही। आगे देखते जाओ में आपको आज अकेले में जब अपनी गदराई जवानी दिखाउन्गी तो आप पागलो की तरह मेरी गान्ड के पीछे -पीछे फ़िरोगे।
 
रीना शॉपिंग करने के बाद अपने पापा के साथ बाहर आ जाती है।

बंसल- रीना बेटी तूने तो कोई भी कपड़े ट्राई करके नही देखे अगर फिटिंग गड़बड़ निकली तो।

रीना- पापा सब बिल्कुल फिट है और फिर मैं रूम पर पहन कर देखूँगी ना।

ये सब देखकर बंसल का लंड खड़ा हो जाता है।

बंसल- अच्छा ठीक है चल अब घूमने चलते है ।

दोनों कई जगह घूमने है जब थक जाते है तो।

रीना-चलो पापा कही बैठते है।

बंसल- अच्छा ठीक है किसी पार्क में चल कर बैठते है और कुछ खाने पीने का समान ले लेते है।

रीना- मुस्कुराते हुए हाँ यह ठीक रहेगा।

फिर बंसल कुछ खाने का समान लेकर उसे के पार्क में ले जाता है।दिन का समय होने के कारण पार्क में कोई नहीं था।वहाँ वह अपनी बेटी को एक पूरी एकांत वाली सीट पर ले जा कर बैठ जाता है और रीना को अपने पास बैठा कर उसे खाने का समान दे कर ले खा बेटी।

रीना बैठ जाती है और बंसल उसके गले में हाथ डाल कर उसकी बाँहो को सहलाता हुआ बीच-बीच में उसके गालो को चूमने लगता है।

रीना- पापा आप नही खाओगे।

बंसल- नही तू खा मैं तब तक तेरी ड्रेस देखता हूँ और फिर बंसल उसकी ब्रा और पेंटी निकाल कर उसकी लाल वाली पेंटी को फैला कर देखता हुआ, बेटी तेरे बदन पर यह बहुत कसी हुई रहेगी ना।

रीना- मुस्कुराते हुए हाँ वह तो है।

बंसल -पर इसमे तेरे आधे से ज़्यादा चूतड़ तो बाहर ही दिखेगे ना।

रीना- मुस्कुराते हुए हाँ पापा लेकिन लड़किया ऐसी ही पेंटी पहनती है।

बंसल-इसलिए तो ज्यादा सेक्सी लगती है।
 
और फिर बंसल रीना की पेंटी को सूंघ लेता है और रीना कनखियो से अपने पापा की हरकत देख कर मुस्कुराती रहती है, कुछ देर बाद रीना खा पीकर अपने पापा की बाँहो से चिपक कर बैठ जाती है।

बंसल जब रीना के मोटे-मोटे गुदाज और गदराए दूध को एक बार हल्के से दबाता हुआ पकड़ता है तो उसको इतना मज़ा आता है कि वह पागल हो जाता है, और वह एक बार बिना शरमाये फिर से रीना के मोटे-मोटे दूध को अपने पूरे हाथ में भर कर दबाता हुआ, बेटी तू ब्रा क्यो नही पहनती।

रीना- सीसियाते हुए अपने पापा के सीने से अपनी पीठ को चिपकाते हुए पापा मेरी दोनो ब्रा बहुत छोटी हो गई है थी न।अब पहनूँगी।

बंसल- उसके दोनो मोटे दूध के उपर अपने दोनो हाथो का घेरा बना कर कस कर दबाता हुआ, हाँ तेरी छातियाँ बहुत बढ़ गई है ना तो ब्रा तो छोटी होगी ही ना।

रीना- पापा एक तो मम्मी से अच्छी ब्रा और पेंटी खरीदते भी नही बनता है ना।

बंसल- रीना के गालो को चूमता हुआ, तू फिकर मत कर इस बार मैंने तुझे अपनी पसंद की ब्रा और पेंटी दिला दिया हूँ ना, फिर तू मुझे पहन कर दिखाना कि तुझ पर फिट रहती है कि नही।

रीना- जान बुझ कर इठलाते हुए पापा। मैं आपके सामने पहनुगी तो शरम आएगी।

बंसल- उसे अपने सीने से दबाते हुए तो क्या हुआ तू तो मेरी बेटी है और फिर अभी तू कौन सी बड़ी हो गई है अभी तो तू बच्ची ही है, बोल पहन कर दिखाएगी ना।

रीना- मन ही मन खुश होती हुई आप कहते है तो दिखा दूँगी।


बंसल- रीना के खूबसूरत चेहरे को देखता हुआ उसके लाल-लाल होंठो को देख कर मिर्ची ज़्यादा थी क्या बेटी जो तेरे पूरे होंठ लाल हो गये है।

रीना- अपने होंठो को अपनी जीभ से गीला करती हुई अपने पापा को अपनी कामुक नज़रो से देखती हुई ।वो चाट खाई थी न इसलिए।क्या ज्यादा लाल है मेरे होंठ।

बंसल- हाँ और रसीले भी बहुत है ऐसा लगता है इनको अपने मुँह से चूम लूँ।
 
रीना- अपनी जीभ को अपने होंठो पर फेर कर गीला करती हुई, क्यो आपके चूसने से मेरे होंठ जो मिर्ची से लाल हो गये है वह ठीक हो जाएगे क्या।

बंसल- हाँ तेरी दीदी जब कुछ खा कर मेरे पास बैठती है तो मैं उसके होंठो को चूस लेता हूँ और उसे काफ़ी अच्छा लगता है, तेरे होंठ भी बिल्कुल लाल हो रहे है तेरी दीदी की तरह ही।

रीना- आपका मन कर रहा है क्या मेरे होंठ चूसने को।

बंसल- रीना को अपनी बाँहो में भर कर उसके रसीले होंठो को खूब कस कर पीने लगता है और रीना उसकी बाँहो से चिपकते हुए आह पापा क्या कर रहे हो, क्या मेरे होंठ आपको इतने अच्छे लगते है।

बंसल- उसके रस भरे होंठो को पी कर हाँ बेटी तेरे होंठ बहुत सुंदर है।

बंसल 10 मिनट तक अपनी बेटी के लाल लाल रसीले होंठो को चूसता रहता है और उसके हाथ रीना की बड़ी बड़ी चूचियों के निप्पलो को चुटकियों में मसलने में लगे थे।रीना भी पूरी गरम होकर अपने पापा को किस करने लगती है।

कुछ देर बाद दोनों अलग हो जाते है।

रीना-चलो पापा।अब होटल चलते है वही खाना खा लेंगे।
बंसल-ठीक है बेटी मेरा भी लंड खड़ा हो गया है।जल्दी चलो।
फिर दोनों होटल पहुँचकर अपने रूम में आ जाते है।

रीना- पापा क्या पहन कर दिखाऊ टॉप और स्कर्ट या जीन्स टीशर्ट।

बंसल- पहले तो तू अपनी पेंटी ट्राइ करले कहीं छोटी तो नही है।

रीना- मुस्कुराते हुए पापा आपके सामने कैसे ट्राइ करूँ मुझे शरम आती है।

बंसल- उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद में बैठा कर उसके गालो को चूमते हुए, क्यो अब क्या तू बड़ी हो गई है जो मेरे सामने शर्मा रही है, अभी कल ही तो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी,कई बार मेरा लंड ले चुकी है बेटी। चल अपनी जीन्स उतार कर मुझे यह लाल वाली पेंटी पहनकर दिखा और हाँ जा पहले जाकर दरवाजा बंद कर दे।

रीना-पापा वो दीदी साथ में रहती थी ना इसलिए कम शरम लगती थी।आज अकेली हूँ ना।

रीना- मुस्कुराते हुए अपने पापा के सीने से अपने मोटे-मोटे दूध को दबा कर उनसे चिपकती हुई, पापा आप मुझसे बहुत प्यार करते है ना मेरे एक बार कहने पर ही आप तुरंत मुझे शॉपिंग करने ले गये।
 
बंसल- रीना को कस कर अपने सीने से दबाता हुआ उसके होंठो को कस कर चूमते हुए हाँ बेटी। मैं तुझसे तेरी मम्मी और दीदी से भी ज़्यादा प्यार करता हूँ, तू है ही इतनी खूबसूरत कि तुझे तो हर कोई चूमना चाहेगा।

रीना- पापा मेरी सहेली भी यही कहती है कि रीना तू बहुत खूबसूरत लगती है, खास कर तेरे होंठ बहुत खूबसूरत है।

बंसल- उसके रसीले होंठो को चूमते हुए हाँ बेटी सचमुच तेरे होंठ बहुत सुंदर है, रीना अपने पापा से चिपकी रहती है और बंसल उसकी गदराई जवानी को भिचता हुआ उसके गदराए बदन को सहलाता रहता है।

रीना -चलो पापा में आपको अपनी ब्रा और पेंटी पहन कर दिखाती हूँ।

उसकी बात सुन कर बंसल का मोटा लंड झटके मारने लगता है और वह उसे छोड़ देता है और रीना दरवाजे की तरफ अपने भारी-भारी चूतड़ मटका कर जाने लगती है और बंसल अपने मोटे लंड को अपनी पेंट के उपर से मसलता हुआ अपनी बेटी के गदराए हुए मोटे चुतड़ों की मटकती थिरकन को देखने लगता है, रीना दरवाजा लगा कर आ जाती है और अपने पापा के सामने खड़ी होकर,

रीना- पापा क्या मैं दीदी से भी मोटी लगने लगी हूँ और अपनी मोटी गान्ड अपने पापा की ओर घुमा कर उसे दिखाने लगती है।

बंसल -अपनी बेटी की गदराई गान्ड में अपना हाथ फेर कर उसके भारी चुतड़ों को दबा कर उनका साइज़ महसूस करते हुए, बेटी जीन्स के उपर से सही अंदाज़ा नही लगता है कि तू अपनी दीदी से मोटी है या नही।

रीना- अच्छा में जीन्स उतार कर आपको दिखाती हूँ फिर बताना और रीना अपनी जीन्स का बटन खोल कर उसे नीचे सरका देती है।
 
बंसल रीना की कसी हुई गदराई गोरी-गोरी जाँघो को देख कर मस्त हो जाता है और जब उसकी नज़र अपनी बेटी की वाइट पेंटी में कसी हुई फूली चूत के पाव रोटी की तरह फूले उभार पर पड़ती है तो वह पागलो की तरह उसकी फूली हुई चूत को देखने लगता है और रीना पूरा जीन्स उतार कर बेड पर फेंक देती है।

अब वह अपने पापा के सामने टीशर्ट और पेंटी में खड़ी थी, और फिर अपने पापा की ओर देखते हुए अब देखो पापा मैं क्या दीदी से भी मोटी हूँ और अपने पापा की ओर घूम कर अपनी गदराई उठी हुई मोटी गान्ड को दिखाने लगती है और बंसल का मोटा लंड उसकी पेंट फाड़ने को बेकरार हो जाता है।

रीना की पेंटी उसके भारी चुतड़ों की मोटी दरार में फसि हुई थी और उसकी गान्ड के मोटे-मोटे गदराए हुए पाट पूरे नंगे नज़र आ रहे थे , बंसल रीना की कमर पकड़ कर उसे अपनी ओर खींच लेता है और फिर उसकी गदराई गान्ड को अपने हाथो से दबोचते हुए, हाँ बेटी तेरा फिगर तो अब बिल्कुल तेरी दीदी से भी मस्त लगने लगा है लेकिन मुझे बिल्कुल तेरे जैसा फिगर ही ज़्यादा अच्छा लगता है।

रीना- अपने पापा की ओर घूम कर पर पापा मेरा पेट तो ज़्यादा उठा हुआ नही है ना और फिर रीना अपनी टीशर्ट अपने पापा के सामने उठा कर अपने पेट को नंगा करके दिखाने लगती है बंसल जब अपनी जवान गदराई बेटी का मासल उठा हुआ चिकना पेट देखता है तो उसका बुरा हाल हो जाता है और वह रीना को बैठे-बैठे अपनी दोनो टाँगो के बीच खीच कर उसके मांसल और चिकने पेट को मसल्ते हुए।

बंसल- बेटी तेरा पेट तो बहुत ही सुंदर है।

रीना- और क्या सुंदर है पापा मुझमे क्या आप दीदी को भी नंगी करके उनका फिगर इसी तरह देखते हो।

बंसल-रीना की फूली हुई चूत पर एकदम से अपने हाथ को फेर देता है और फिर उसे अपनी गोद में बैठा कर उसकी मोटी नंगी जाँघो को दबाता हुआ, हाँ बेटी तेरी दीदी तो रोज मेरे साथ पूरी नंगी चिपक कर ही सोती है।

रीना-दीदी को शर्म नही आती इतनी बड़ी होकर आपके साथ नंगी होकर चिपकती है।

बंसल- रीना के गदराए पेट को सहलाते हुए अपनी हाथों से उसके मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ, बेटी तेरी दीदी कहती है मुझे आपके साथ पूरी नंगी होकर चिपकने में बहुत अच्छा लगता है।
 
रीना- तो क्या आप भी पूरे नंगे हो जाते हो।

बंसल अपने हाथ को रीना की कसी हुई फूली चूत पर धीरे से लेजा कर अपनी बेटी की फूली हुई चूत को हल्के-हल्के दबाते हुए हाँ बेटी मैं भी पूरा नंगा होकर तेरी दीदी को पूरी नंगी करके अपने से चिपका लेता हूँ।

रीना- एक बात कहूँ पापा।

बंसल- रीना की चूत को सहलाता हुआ हाँ बोल।

रीना- पापा आपका लंड बहुत मस्त है।

बंसल- अच्छा, तो क्या तेरा भी मन करता है मेरे साथ नंगी होकर चिपकने का और बंसल अपनी बेटी की चूत को कस कर अपने हाथो में भर कर मसल देता है, रीना की चूत तो पहले से ही पूरी पानी-पानी थी लेकिन जब उसके पापा ने उसकी कसी हुई चूत को अपने हाथो में भर कर दबोचा तो वह अपने पापा के सीने से चिपक गई, बंसल उसके होंठो को चूमते हुए।

बंसल- बोल ना बेटी मेरे साथ पूरी नंगी होकर सोएगी और रीना के मोटे-मोटे दूध को कस कर मसल्ने लगता है।
रीना- हाँ पापा में भी आपके साथ पूरी नंगी होकर सोना चाहती हूँ, पर आपको भी पूरा नंगा होना पड़ेगा।

बंसल- रीना के मोटे-मोटे दूध को कस-कस कर मसलता हुआ, क्या तू मुझे अभी नंगा देखना चाहती है।

रीना- हाँ पापा और फिर अपने पापा के मोटे लंड को अपने हाथो से दबाती हुई, मैंने जब से आपका यह देखा है मुझे आपके इसको देखने और चूसने का बहुत मन करता है।

बंसल- मुस्कुराते हुए तुझे अभी मेरा लंड चूसना है।

रीना- हाँ पापा और मुझे आपका मोटा लंड बहुत अच्छा लगता है।।
 
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