Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ - Page 10 - SexBaba
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Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ

शालु - वैसे भी तुझे तो मैंने बताया था न यहाँ का माहौल। वैसे तू इतने सारे कपडे पहन के क्यों घूम रही है गर्मी का मौसम है कुछ हलके कपडे पहन ले, अगर नहीं लाई है तो मेरे ले ले।
रीना - कपडे लाई हूँ, लेकिन सारे सूट वगैरह।
सैलु - ओह तू भी न।। चल मैं तुझे देती हूँ कुछ स्कर्ट और शॉर्टस
उसके बाद शालु अपने कुछ छोटे छोटे कपडे देती है
रीना- दीदी आप तो मुझे अपने जैसी बना दोगी।
शालु- है है है मेरे जैसा नहीं मुझसे भी ज्यादा सेक्सी। वैसे तुझे मेरे शॉर्ट्स टाइट होंगे तेरी गांड जो बड़ी है।
रीना- चुप करो दीदी क्या क्या बोलती हो। पापा यहीं बहार सिगरेट पी रहे हैं और आप हो की।
शालु - हाँ तो सुनेंगे तो उनको मजा ही आयेगा।
रीना - नहीं दीदी मजा तो उनको तब आया होगा जब तुम उनके गोद में बैठी थी।
शालु - साली बदमाश क्या बोल रही है।
रीना - सच तो बोल रही हूँ। कैसे वो तुम्हारी नंगी जाँघ को सहला रहे थे।
शालु - अच्छा तो तेरा मन मचल रहा था क्या। ऐसा है तो कल से तू बैठ जाना पापा की गोद में बिना शॉर्ट्स के। 
रीना - छी दीदी आप भी न बिना शॉर्ट्स के मैं पेंटी में बैठूँगी उतनी भी बोल्ड नहीं हूँ आपकी तरह।
शालु - पेंटी में क्यों? मेरा मतलब तो नंगे बैठने का था तू पेंटी पहनती है क्या शॉर्ट्स के अंदर।
रीना- दीदी क्या कह रही हो। तुम पेंटी नहीं पहनी हो क्या।
शालु - हाँ नहीं पहनी हुँ। ये देख कहते हुए शालु ने कमर के साइड से शॉर्ट्स सरका कर अपनी नंगी गांड दिखा दी।
रीना - माय गॉड दीदी आप सिर्फ शॉर्ट्स में पापा के गोद में बैठी थी।?
शालु - हाँ तो क्या शॉर्ट्स भी न पहनू हे हे हे।
रीना - बहुत बोल्ड हो दीदी आप।
शालु - तू भी बन जा बोल्ड चल पेंटी निकाल।
रीना- नो दीदी।
शालु - चल निकाल नहीं तो मैं तेरी सारी पेंटी फ़ेक दूँगी।
रीना - नहीं दीदी प्लीज।। 
शालु - निकाल तुझे मेरी कसम।
रीना - क्या दीदी कसम क्यों दे रही हो
शालु - अगर मैं पेंटी नहीं पहन रही तो तू भी नहीं पहनेगी।
रीना - बट दीदी मुझे अजीब सा लगता है बिना पेंटी के।
शालु - कुछ अजीब सा नहीं लगता आदत पड़ जाती है। अच्छा चल एक शर्त पे तुझे मैं पेंटी पहनने दूँगी।
रीना - कौन सी शर्त।
शालु - तुझे बिना पेंटी के पापा के गोद में बैठना होगा।
रीना - ओह दीदी आप बदला ले रही हो।
शालु - बदला ही सही करना होगा।
रीना - ठीक है।
शालु - नाईस।
अब देखती हु छोटी को गोद में बिठा के पापा कैसे कण्ट्रोल करते है। उनको तो मजा ही आ जायेगा तुम्हारी भरी भरी नरम और गदराई गांड का स्पर्श पा के।
रीना - ओह चुप करो दीदी।
 
१० मिनट के बाद बंसल सिगरेट पीने में बाद रूम के अंदर आ जाता है। उसके हाथ में एक कैमरा भी है
शालु - वाओ पापा आप तो बड़े फस्ट हो कैमरा भी ले आए।

बंसल - बेटा वो जौहरी का फ़ोन आया था उसे स्ट्रेच मार्क वाले क्रीम की फोटोशूट अभी चाहिये। 

शालु - लेकिन पापा अभी इतना जल्दी कैसे होगा, कुछ बताया उन्होंने की क्या करना है और कैसे फोटोग्राफ्स चहिये।

रीना - हाँ पापा बिना एक्सपीरियंस के हम सब कैसे करेंगे कैसे फोटो चाहिए हमे कैसे पता चलेगा।

बंसल - ओह्हो तुमलोग घबराओ नहीं जोहरी ने सारी डिटेल शालु के मेल आई डी पे भेज दी है। शालु जरा अपना ईमेल खोलो।

शालु - मुस्कराते हुए जी पापा अभी खोलती हूँ।

बानसाल - उन्होंने एक्जाम्प्ल के लिए कुछ मॉडल की पिक्चर भी भेजी है, जिसकी कॉपी करनी होगी।

रीना -ओके।
शालु - ये है ईमेल पहले सेक्शन में रीना को साड़ी में फोटो शूट देना है जिसमें पेट , जाँघ क्लीवेज और आर्म्स दिखने चाहिये। और फोटो के साथ कुछ वीडियो क्लिप भी देने होंगे।

(रीना ये सब सुन कर दंग रह जाती है। कैसे वो अपनी जाँघ क्लीवेज पेट दिखाएगी कैमरा पे वो भी जब उसके खुद के पापा पिक्चर ले रहे हो।)

रीना- लेकिन पापा मुझे एक बात समझ में नहीं आती मेरे तो स्ट्रेच मार्क नहीं हैं फिर ऐड कैसे होगा।

उसकी बात पे बंसल और शालु दोनों हंसने लगते है।

शालु - अरे मेरी नादान बहना ऐड स्ट्रेच मार्क मिटने का है दिखने का नही। वो एक और मॉडल की फोटो शूट करेंगे जिसके स्ट्रेच मार्क हो। बाद में एडिटिंग कर तुम्हारा चेहरा लगा देंगे।

रीना - ओह समझी मैं भी बुद्धू।
शालु - अब जाओ बाथरूम और जल्दी कोई साड़ी पहन के आओ।
 
रीना - कौन सा पहनू दीदी दो हैं ग्रीन और रेड़।
शालु- चल तू रेड पहन ले। और रुक मैं भी आती हूँ।
(रीना को समझ में नहीं आता की शालु उसके साथ बाथरूम क्यों आ रही है)
दोनो बाथरूम में घुस जाते है। इधर बंसल ये सोच कर उत्तेजित है की आज उसे फोटोशूट के बहाने रीना का नंगे जिस्म को देख पायेगा)

बाथरूम में रीना कपडे चेंज करने लगती है। रीना जैसे ही सलवार खोलती है शालु झट्ट से आगे बढ़ उसकी पेंटी नीचे सरका देती है।
पेंटी सरकते ही उसकी भरी फुली बुर साफ़ नज़र आने लगती है। 
जैसे तैसे रीना अपनी पेंटी सँभालते हुए।

रीना - छी दीदी ये क्या कर रही हो।
शालु - अभी शर्त लगाईं थी न तू की पेंटी नहीं पहनेगी।

रीना - हाँ लेकिन अभी?
शालु - हाँ अभी तुझे बिना पेंटी के जाना होगा फोटोशूट के लिये
(कहते हुए शालु रीना की पेंटी को नीचे बाथरूम के फर्श तक सरका देती है जहाँ पानी से उसकी पेंटी भीग जाती है)

रीना - ओह शिट दीदी अब तो बिना पेंटी के ही रहना होगा। तभी।।।
दीदी मेरे पास एक आईडिया है क्यों न आप भी साड़ी पहन लो। 

शालु - क्यों भला।

रीना - वो इसलिए की अगर मेरी कुछ फोटोशूट ठीक नहीं हुई तो आप दे देना । साड़ी की कलर तो फोटोशोप कर देंगे। वैसे भी याद है कॉलेज में सब हमे जुड़वाँ समझते थे। तो इतने मेकअप के बाद जोहरी सर को पता भी नहीं चलेगा की कहाँ आप हो और कहाँ मैं । कैसा है आईडिया?

(रीना बातों में इतना खो गई थी की उसे ध्यान ही नहीं रहा की वो नीचे से पूरी नंगी खड़ी है)
 
शालु - यार छोटी आईडिया तो तेरा अच्छा हैं। चल जैसा तू कह रही है वही करते है।
(अब बारी शालु की थी शॉर्ट्स खोले की तो वो शॉर्ट्स के बटन खोलने लगती है। शालु को शॉर्ट्स खोलने में दिक्कत होती है तो रीना फर्श पे घुटने के बल बैठ शालु की मदद करती है। जैसे ही शॉर्ट्स नीचे सरकता है। रीना शालु के बुर को नजदीक से देखती है। इतने बड़े और बीच में थोड़े से खुली जो बुर की रस से भीगे चमचमा रहे थे। )
रीना की नाक शालु के बुर के क़रीब थी वो एकदम से मुह फेर लेती है।

रीना - ओह दीदी कितनी स्मेल आ रही है।

शालु- वो तो तेरे भी बुर से आ रही है।
रीना - ओह सच क्या दीदी, रीना खड़ी हो जाती है।

शालु - हाँ जब मैं तेरी पेंटी सरका रही थी तभी आयी थी तेज़ गंध तेरी चिपचिपी बुर से।

रीना - शरमाती हुए छी दीदी चिपचिपी नहीं है। 

शालु- है बाबा कहते हुए अपने हाथ सीधा रीना के बुर पे लगा देती है। ये देख कितना चिपचिपा है।

रीना एकदम से सिहर उठती है।। ओह दीदी ये क्या कर रही हो।


शालु - तू तो ऐसे रियेक्ट कर रही है जैसे किसी ने तेरी बुर को कभी हाथ नहीं लगाया।
 
रीना - सच ही तो है किसी ने नहीं लगाये हाथ।।
शालु- झूठ मत बोल मैं सब जानती हूँ।
रीना - ओके लगाये है।। लेकिन आपसे ज्यादा नही
ये सुनते शालु रीना के कान पकड़ के मोड़ देती है और दूसरे हाथ की मिडिल वाली फिंगर उसके बुर में पेल देती है।


शालु - क्या बोली।। मेरे से कम।। मैंने क्या किया बोल
( ओह दीदी दर्द हो रहा है ऊँगली निकालो)
शालु - निकालूँगी पहले बोल क्या बोल रही थी।

रीना - दीदी मैं बच्ची नहीं हूँ। आपकी बुर बीच में खुली सी है ऐसा तो तभी होता है जब दिन रात चुदवाओ किसी से। अब आप बताओ क्या मैं गलत हूँ। ?
( कहते हुए इस बार रीना शालु की बुर को पकड़ लेती है)। शालु भी शॉक हो जाती है उसकी इस हरकत से और जैसे उसने खुल के बुर वर्ड बोली थी।। धीरे धीरे शालु अपने प्लान में कामयाब हो रही थी)

शालु - चल ठीक है ठीक है।
रीना- ठीक है? हम मतलब चुदवा रही हो।। बोलो न किससे? कौन मिल गया यहाँ वो भी इतना जल्दी।। ऑफिस में कोई है क्या।

शालु - चुप कर बदमाश।
रीना - बोलो न दीदी।
शालु - कोई नहीं है बाबा अभी तो १० दिन हुए यहाँ आये कैसे हो सकता है भला तू ही बता।
रीना - फिर झूठ बोल रही हो दीदी बोलो न प्लीज। ऑफिस में कोई हॅंडसम है क्या?
शालु - क्या करेगी जानकार तू भी चुद्वायेगी क्या उससे?

रीना - हाँ चुदवा लुंगी अब बोलो न।। आआह्ह्ह
(इस बीच बातों के दरमियाँ दोनों बहने एक दूसरे के बुर में तेजी से फिंगरिंग कर रहे थे)
 
शालु - आआह्ह्ह मैं जिससे चुदवाती हूँ उससे तू भी चुदेगी बोल?

रीना - आआअह्ह आआअह्ह हाँ चुदुँगी बोलो न कौन है।
शालु - पापा से चुदवा रही हूँ अब बोल चुदेगी पापा से।। कहते हुए शालु झटके मारते हुए रीना की उँगलियों पे झड जाती है।
( रीना ये सुनते ही एक दम से रुक जाती है। एक पल को उसे ऐसा लगा जैसे शालु सच बोल रही हो।। फिर मन में सोचती है फिर से दीदी मुझसे मजाक कर रही हैं और बात छिपा रही हैं)

रीना - क्या दीदी फिर आप मुझे उल्लु बना रही हो।। नहीं बताओगी सच की कौन है?

शालु - बात को घूमाते हुए ओके बाबा बताती हूँ। एक ऑफिस में ही वॉचमन है रवि।
रीना - वॉचमैन??
शालु - हाँ बड़ा मोटा लंड है उसका।

रीना - फिर पापा वाली बात क्यों बोली मुझे हर वक़्त टीज करती हो आप।

शालु - तू भी जब घर पे थी तो मुझे और पापा को ले के बहुत चिढाती थी तो अब मेरी बारी तुझे ऐसे चिढाना अच्छा लगता है।
( शालु अब अपनी तीन ऊँगली रीना के बुर में डाल चुकी थी)

रीना - आहह दीदी निकालो दर्द हो रहा है। 
शालु - नहीं निकालुंगी
रीना - प्लीज दीदी प्लीज।
शालु - ठीक है पहले तू बोल की पापा से चुद्वायेगी तु।
रीना - छी दीदी फिर से स्टार्ट हो गई तुम?
शालु - बोल।
रीना - आआह्ह्ह प्लीज। ओके ओके चुदवाऊंगी पापा से।
शालु - अच्छे से बोल मस्ती के साथ तब छोड़ुंगी।
रीना - ऊई मा।। हाँ बाबा मैं पापा का लंड अपनी बुर में लुंगी। चुदवाउंगी उनसे रात भर ।।।। अब खुश?
( शालु अब २ ऊँगली से रीना के बुर में पेलने लगती है।।। अबतक रीना की बुर काफी पानी छोड़ चुकी थी और शालु की ऊँगली बड़े आराम से अंदर सरक रही थी)


रीना - आअह्ह्ह दीदी।

शालु- सोच की बाथरूम में मेरी जगह पापा तेरी बुर में ऊँगली कर रहे है।। शालु तेज़ी से उँगलियाँ चलाने लगती है इस बार रीना कुछ विरोध नहीं करती और आँखे बंद किये अपनी जाँघ फैलाकर शालु की उँगलियों के लिए रास्ता दे देती है।)


शालु - आह छोटी।। पापा तुझे पेल रहे हैं सोच कितना मजा आएगा। उनका मोटा लंड तेरी बुर में अंदर बाहर कर रहा होगा।

रीना - आआह्ह्ह दीदी आआह्ह्ह। सससससस आआह्ह्ह।
(रीना का लावा फ़ूटने लगता है।। वो बुर से रस छोड़ने लगती है और न चाहते हुए भी शालु की हथेली पे स्खलित हो जाती है। शालु की पूरी हथेली रीना के बुर के रस से भर जाती है।)
शालु - वाओ रीना कितना सारा माल छोड़ी हो तुम।।


उममममम क्या स्मेल है।। आह पापा तो इसे चाटे बगैर नहीं मानेंगे। कहते हुए शालु रीना के बुर के रस से सनी हुई उँगलियों को चाटने लगती है।। 
रीना को खुद समझ में नहीं आता की क्या हुआ कैसे वो पानी छोड़ दी।। शालु की उँगलियों का कमाल था या पापा वाली बात सुन के हुआ)
इसी दुविधा में वो शालु को देखती है।। जो अभी भी उसके रस को चाट रही थी।। ये सब देख एक बार फिर रीना खड़े खड़े स्खलित हो जाती है।
 
स्खलित होने के बाद रीना शर्माने लगती है और अपने आप को टॉवल से ढक लेती है। इधर शालु भी रीना को आँख मारते हुए अपने कपडे चेंज करने लगती है।

रीना मन ही मन सोचती है की दीदी कितनी बदल गई हैं आज एक साथ बाथरूम में कितनी बेशरमी से हमदोनो पगलों की तरह हरकत कर रहे थे।
उसे अभी भी यकीन नहीं होता की वो कैसे स्खलित हो गई कहीं वो पापा के बारे में गन्दा सुन के तो नही।ये सोच कर रीना के चेहरे पे हलकी मुस्कान आ जाती है।

शालु रीना को मुस्कुराते हुये देख पुछती है।
शालु- क्यों छोटी क्या सोच रही है।
रीना- कुछ नहीं दीदी।
शालु- मजा आया?
रीना- दीदी आप गन्दी हो।
शालु- बोल न मजा आया की नही।
रीना- हाँ आया लेकिन।। 
शालु- लेकिन वेकिन छोड़ ज्यादा न सोच ज़िन्दगी का मजा ले। सभी लड़कियां लेती हैं तू भी ले। वैसे पापा को इमेजिन करके क्या झडी तू।मेरा पूरा हाथ भिगो दिया।

रीना - उम ओह्ह दीदी। दीदी एक बात पूंछू।।
शालु - हाँ पूछ ना।
रीना- ये आप बार बार पापा को बीच में क्यों लाती हो। मुझे अजीब लगता है। 
शालु- ओह तू भी न।। अरे यहाँ पापा के अलावा और कोई मरद है क्या। तो क्या करती मुझे उनका ध्यान आया तो बोल दी। 
और देख हम दोनों ने तो अपनी सेक्स की कसक मिटा ली जरा सोच पापा इतने दिनों से अकेले रहते है। कितना डिफिकल्ट है न।
रीना- हाँ वो तो है दीदी। बेचारे ( रीना ब्लाउज के बटन बंद करते हुए कहती है)

शालु- मुझसे तो सेक्स के बगैर नहीं रहा जाता।
रीना- क्या सच में दीदी।
शालु- हाँ तभी तो ऑफिस के उस हॅंडसम वॉचमन से भी चुद्वाती हूँ।
रीना- बहुत गन्दी हो आप।
शालू- गन्दी क्यों तू नहीं चुदवाती?
(शालू साड़ी व्रैप करते हुए रीना से सवाल करती है)


रीना- नही।
शालु- लेकिन चुदवाई तो हो ना।
रीना - नही दीदी।एक बॉयफ्रेंड है लेकिन मैंने कभी उसे आगे नहीं बढ़ने दिया।सिर्फ किसिंग होती है।

शालु- इसमें गन्दा क्या है। मजा नहीं आया तुझे।

रीना - आता है दीदी बहुत मजा आता है।
शालु- अब यहाँ क्या करेगी तू भी कोई बॉयफ्रेंड बना ले।
रीना- छी मैं आप की तरह नहीं हूँ।
बहुत प्यार करती हूँ अपने बॉयफ्रेंड से।
शालु- क्या कहा प्यार?? ये चुत प्यार की भाषा नहीं समझती इसे तो बस लंड चाहिये।
 
रीना- कितनी बदल गई हो दीदी।। तुम प्यार में यकीन नहीं रखती?
शालु- नहीं रखती। मैं बस मोटे लंड की तलाश में रहती हूँ। सेक्स का बुखार ही अलग है। जब तुझे होगा न तो तू किसी से भी चुदवा लेगी।
रीना- आप मुझे डरा रही हो दीदी। एक पर्सनल क्वेश्चन करुं।
शालु - पूछ तेरे मेरे बीच में कुछ पर्सनल नहीं है। और आज के बाद तो बिलकुल नही।
रीना - थैंक्स दीदी।।

शालु- अब पूछ न।
रीना- दीदी आप कितने मरदों के साथ सेक्स की हो।
शालु- उम शायद ८-९ ।
रीना- क्या ८-९ बाप रे दीदी आप तो रंडी की तरह चुदवाई हो। सॉरी दीदी।
शालु- इट'स फाइन छोटी मुझे अच्छा लगता है जब कोई मुझे रंडी बोलता है।
रीना- तो आप रंडी हो।
शालु - हाँ रंडी हूँ और तुझे भी मैं रंडी बनाऊँगी।
रीना- छी दीदी।
शालु- इस रंडी बहन का वीडियो देखेगी?
रीना - वीडियो कैसा विडियो।?
शालु - रुक दिखाती हूँ( शालु मोबाइल में एक वीडियो निकालती है जिसमें वो लंड चूस रही है और बुर में भी पेलवा रही है।। दरअसल ये प्लान के मुताबिक वीडियो शालु और बंसल ने बनाये थे। वीडियो में शालु का फेस क्लियर था लेकिन बंसल का फेस नहीं था।)


शालु वीडियो देखते ही चीख़ पड़ती है ओह माय गॉड दीदी ये आप हो।। ये किसके साथ तुम ओह माय गॉड इतना बडा।। शिट ये तो यही होटल का रूम है।। कौन आया था।।? कौन है ये)
रीना के चेहरे पे हज़ारों शिकन थी वो एक के बाद के सवालों की बौछार लगा रही थी।
 
शालु - ओह शांत हो जा बताती हुँ। ये होटल का ही एक क्लीनिंग स्टाफ है।। एक दिन सुबह मैं बहुत सेक्स के लिए उतावली थी कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या करूँ तभी ये क्लीनिंग स्टाफ जिनको मैं रामू अंकल कह के बुलाती हूँ ये दिख गये। थोड़े बूढ़े हैं लेकिन मुझे चोरी चोरी नज़र से अक्सर मेरे प्राइवेट पार्ट की तरफ देखा करते थे। तो मैंने सोचा क्यों न ट्राई करूँ तो इनको रूम की सफाई के लिए बुला ली और जब ये काम में बिजी थे तो बिस्तर पे सारे कपड़े निकाल के एकदम नंगी चादर के अंदर लेट गई। 

मै उनको बोली की अंकल ये चादर भी बदल दिजिये जैसे ही वो चादर हटाये मैं नंगी हो गई वो देखते रह गए मूझे। तब मैं उनका हाथ पकड़ अपनी चूचि पे रखी और बेड पे खीच ली उनको फिर क्या था अच्छे से चुदवाई। 

रीना - माय गॉड दीदी।। बहुत हॉट हो आप। और पापा कहाँ थे। 
शालु - पापा बहार सिगरेट लेने गए थे।
रीना - दीदी तुमको डर नहीं लगा।। पापा आ जाते तो।। तुम्हे क्लीनिंग स्टाफ के साथ सेक्स करते हुए पकड़ लेते तो।
शालु - मैं उस वक़्त सेक्स के लिए इतनी पागल थी की पापा आ भी जाते तो भी मैं रामु अंकल से चुद्वाती रहती। उस वक़्त मुझे सिर्फ लंड चाहिए था। मैं नहीं रुकती। 
रीना - बेशर्म हो आप। 
शालु- बेशरमी कैसी छोटी , मैं एडल्ट हूँ। हक़ है मुझे सेक्स करने का।
तूझे क्या लगता है पापा देखे होते तो क्या करते। 
रीना - नहीं पता दीदी शायद डाँटते या तुम बच्ची नहीं हो ये सोच के तुम्हे सेक्स करने देते। अनदेखा कर चले जाते।
शालु - हाँ।
रीना -शर्माते हुए या फिर एक और बात हो सकती थी।। 
शालु - क्या।
तूम्हे छूप कर चुद्वाते हुए देखते हे हे हे।
शालु - शालु आगे बढ़कर रीना की पेटीकोट उठा कर उसकी बुर थाम लेती है।। साली मुझे चिढ़ाएगी।। देख तेरी बुर कैसे पानी छोड़ रही है ये सब सुनकर।
रीना-- आह दीदी।।सॉरी।
शालु - सॉरी की बच्ची तू ऐसे नहीं मानेगी।। 
शालु रीना के बुर में २ उँगली डाल कर बाहर निकाल लेती है। उसकी उँगलियाँ बुर के रस से चमचमा रही थी।।
शालु- अब ये तेरी चुत के रस से भीगी उँगलियाँ पापा को दूंगी सूँघने और चाटने के लिये।
रीना शालु को पकड़ने की न कामयाब कोशिश करती है। 
शालु - अब तू देख मुझे चिढ़ाएगी?? देख मैं क्या करती हूँ।
शालु एक हाथ से साड़ी ठीक कर बाथरूम से बाहर निकल जाती है। इधर रीना घबड़ाहट में थी की न जाने शालु क्या करने वाली है जैसे तैसे साड़ी ठीक कर उसके पीछे पीछे बाथरूम से बाहर आ जाती है।
 
रीना धड़कते दिल से बाथरूम से बाहर आती है शालु को बिस्तर पे बैठा देख उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगा। शालु अपनी बायीं हाथ पीछे छुपाये बैठी थी। वो सोच में पड़ी थी की शालु जो बाथरूम में बोल कर आयी है क्या वो सच में करने वाली है। नहीं नहीं दीदी ऐसा नहीं करेंगी वो तो ऐसे ही मुझे तँग कर रही हैं आज सुबह से।

उधर बंसल अपने कैमरा में व्यस्त था। शालु पापा से।

शालु - पापा कैसी लग रही हूँ। 
बानसाल - बहुत ही प्यारी मेरी लाड़ली।
शालु - अच्छा पापा रीना घर से इतने सारे पकवान लाई थी अपने रास्ते के लिये? आप टेस्ट किये।
बंसल- नहीं बेटी। 
शालु- तो फिर आप लेट हो गए मैं तो सारा खा गई। मम्मी ने बहुत सारे मीठे और काफी अच्छे अच्छे व्यंजन बना के रीना को दिया था।
बंसल- तुम दोनों तो बड़े बदमाश हो मुझे पूछा भी नही।। 
शालु - पापा आप तो जानते हैं मम्मी का बनाया हुआ पकवान मैं कभी नहीं मिस करती न ही शेयर करती हूँ। वैसे भी मम्मी मेरे लिए भेजती है आप के लिए नही। आप चाहो तो थोड़ी सी चासनी टेस्ट करा देती हूँ। 
बंसल- वाह बेटी कराओ न मुझे भी बहुत भूख लगी है।
शालु- ऐसे नहीं पहले आप अपनी आँखे बंद करो।
बंसल- लेकिन बेटी ऑंखें क्यों बंद करुं।
शालु- क्योंकि सरप्राइज है।
बंसल - ओके बाबा लो कर ली बंद आँख। 
बंसल आँखे बंद कर लेता है। शालु बेड के पास से एक डार्क ब्लू कलर की रुमाल निकलती है और पापा की आँखे बाँधने लगती है। एक हाथ से रुमाल बाँधने में शालु को परेशानी होती है तो वो रीना को आवाज़ लगाती है। 
बंसल - ये क्या कर रही हो बेटी। 
शालु- चुप रहिये।।। चास्नी टेस्ट करना है तो चुपचाप मेरी बात मानिए। रीना आ मेरी मदद कर।
रीना को अबतक कुछ भी समझ में नहीं आता की दीदी किस व्यंजन की बात कर रही है। वो सोचती है शायद दीदी अपनी बात भूल गई और मैं खामोंखाह डर रही थी। वो तो अपनी गिली उँगलियाँ पापा के रुमाल से टच भी होने नहीं दे रही।। मैं पागल डर रही थी।। रीना ख़ुशी से बेड पे चढ़ कर दीदी की मदद करती है और रुमाल को कस के बंसल की आँखों पे बाँध देती है।
 
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