hotaks444
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रीना के जिस्म में तेज़ झनझनाहट होती है और वो दूसरे ही पल स्खलित हो जाती है। ये रीना का पहला ओर्गास्म था।। उससे होश आता है। वो खुद को सम्भालती है। पापा के ऊपर से उतरने के लिए वो जैसे ही साइड होती है उसका घुटना किसी चिपचिपी गरम लिक्विड में पड़ता है। वो हैरान हो जाती है।।मन में सोचती है की क्या पापा झड गए हैं बट वो तो अंडरवियर पहने हुए है।। फिर ये क्या है चिपचिपा सा?? अगले ही पल उसे ध्यान आता है की थोड़ी देर पहले शालु दीदी ब्लैंकेट के अंदर कुछ कर रही थी।। कहीं वो सचमुच पापा का लंड तो नहीं चूस रही थी और उसी वक़्त पापा का मुट्ठ निकला हो।
हे भगवन ये कैसे हो सकता है।। छी ये क्या सोच रही हूँ मैं । मुझे कैसे भी सच का पता लगाना होगा।। इसमे कोई डाउट नहीं की ये मुट्ठ है। ये भी हो सकता हैं की जब मैं और दीदी बात कर रहे थे तब पापा से रहा न गया हो और वो मौका देख अंदर मुट्ठ मार ली हो।। आखिर पापा के सामने दो जवान लड़कियां अधनंगी सी ब्रा पेंटी में हैं किसी भी मरद का निकल जायेगा ये देख के। और दीदी तो बतायी भी थी की पापा मुट्ठ मारते हैं।।। ओह पापा कितना अकेले हैं यहाँ मम्मी के बिना बेचारे।
हाय राम कैसे पापा ने मेरी चूचि को पकड़ लिया था।। क्या वो सच में ऐसा कर रहे थे या वो एक्टिंग थी और उनका बड़ा सा लंड हे भगवन किस कदर मेरी बुर की फांको से टकरा रहा था।। अगर पेंटी और अंडरवियर नहीं होता तो पापा का मोटा लंड मेरी बुर में अंदर ही घुस जाता।। छी मैं ये क्या सोच रही हूँ।।।
लेकिन पापा का लंड कितना बड़ा और मोटा था बाप रे। मम्मी को तो बहुत मजा आता होगा।
छी मैं ये सब क्या सोच रही हूँ बार बार।।खैर रीना धीरे से वो मूठ अपनी हाथ में समेट लेती है।। खुद अपने ही पापा का मुट्ठ में हाथ लगाते हुए उसे अजीब सा अह्सास होता है।। बंसल और शालु से छूप के वो ब्लैंकेट के अंदर ही अपनी उँगलियों को सूँघती है जो पापा के मुट्ठ से भरी थी।।।
हे भगवन ये कैसे हो सकता है।। छी ये क्या सोच रही हूँ मैं । मुझे कैसे भी सच का पता लगाना होगा।। इसमे कोई डाउट नहीं की ये मुट्ठ है। ये भी हो सकता हैं की जब मैं और दीदी बात कर रहे थे तब पापा से रहा न गया हो और वो मौका देख अंदर मुट्ठ मार ली हो।। आखिर पापा के सामने दो जवान लड़कियां अधनंगी सी ब्रा पेंटी में हैं किसी भी मरद का निकल जायेगा ये देख के। और दीदी तो बतायी भी थी की पापा मुट्ठ मारते हैं।।। ओह पापा कितना अकेले हैं यहाँ मम्मी के बिना बेचारे।
हाय राम कैसे पापा ने मेरी चूचि को पकड़ लिया था।। क्या वो सच में ऐसा कर रहे थे या वो एक्टिंग थी और उनका बड़ा सा लंड हे भगवन किस कदर मेरी बुर की फांको से टकरा रहा था।। अगर पेंटी और अंडरवियर नहीं होता तो पापा का मोटा लंड मेरी बुर में अंदर ही घुस जाता।। छी मैं ये क्या सोच रही हूँ।।।
लेकिन पापा का लंड कितना बड़ा और मोटा था बाप रे। मम्मी को तो बहुत मजा आता होगा।
छी मैं ये सब क्या सोच रही हूँ बार बार।।खैर रीना धीरे से वो मूठ अपनी हाथ में समेट लेती है।। खुद अपने ही पापा का मुट्ठ में हाथ लगाते हुए उसे अजीब सा अह्सास होता है।। बंसल और शालु से छूप के वो ब्लैंकेट के अंदर ही अपनी उँगलियों को सूँघती है जो पापा के मुट्ठ से भरी थी।।।