Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत | Page 9 | Sex Baba Indian Adult Forum
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Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

जय थोड़ी देर बाद थोड़ा नीचे आता है। रिया की गोरी जांघों को वो एक बार चूमता है।

- "अहह.. अहह.." फिर जय अपनी कमीनी नजर रिया की पैंटी पर डालता है। उसे ये जरूर पता था की अब तक तो रिया की चूत रस छोड़ रही होगी। और हुआ भी वैसा ही। जय की हरकतों ने रिया को एक बार आलरेडी झड़ने पर मजबूर कर दिया था।

जय अपनी नाक रिया की पैंटी के ऊपर लगाकर वहीं संघने लगता है। रिया अपनी आँख खोलकर एक बार अपनी पैंटी की तरफ देखती है, और जय को अपनी पैटी सूँघता देखकर उसकी आँखें फिर से बंद हो जाती हैं। थोड़ी देर वैसे करने के बाद अब वो थोड़ा नीचे जाने लगता है। उसके पैरों को चूमते हुएवो रिया की उंगलियां भी अपने मुँह में लेकर चूमता है। जो रिया को एक मस्त सी फीलिंग दे रहा था।

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जय अब वापस रिया को पटा के पास जाता है और इस बार पैंटी पर हाथ रखता है। जय का हाथ पड़ते हो रिया की जैसी जान ही निकल जाती है। जैसे वो तड़प रही हो किसी के टच के लिए। अब जय रिया की पैंटी थोड़ा साइड में कर देता हैं। जिससे रिया की आधी नंगी गुलाबी चूत उसके सामने आ जाती हैं।
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जय साफ देख पा रहा था की रिया आलरेडी झड़ चुकी है। क्योंकी उसकी चूत से रस अभी भी बह रहा था। चूत देखकर जय एक बार रिया के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखता है। मासूम सा चेहरा, आँखें बंद थी। जैसे किसी आनंद के सागर में गोते लगा रही हों। अब जय एक उंगली धीरे से रिया की चूत पर फेरता है।

रिया- "अहह.." और रिया की आइ5 बड़े ही कामुक अंदाज में निकली भी।

जय की काली उंगली रिया को गुलाबी मासूम चूत को टटोल रही थी। जय ये भी महसूस कर रहा था की रिया की चूत गर्म भी है। जय जानता था की अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा रिया को चोदने में। जय अब धीरे से रिया की पैंटी नीचे करने लगता है। रिया पता नहीं किस खयालों में और विरोध का नाम-ओ-जिशान नहीं था उसकी तरफ से। जय गिया की पैंटी निकालकर फेंक देता है। और एक बार उसकी गुलाबी चूत की तरफ देखता है, जो तड़प रही थी किसी लण्ड के लिए।

रिया को गुलाबी चूत यूँ देखकर जय का लौड़ा हिचकोले खाने लगता है। वो एक बार अपना लण्ड दबाता है चूत के ऊपर से। फिर वो रिया को चूत के करीब जाते हुए अचानक चूत पर अपना मुँह रख देता है।

रिया- "उम्म्म्म
.. अहह..."

जय के मुँह की ठंडक से जैसे रिया को अपनी चूत की गर्मी को राहत मिली हो। रिया का पति भी कभी फोर प्ले नहीं करता था। जय रिया की चूत पर अपनी जबान फेरने लगता है।

रिया- "अहह.. दूर रहो अहह.." और रिया अपनी पूरी कोशिश कर रही थी की ये सब आगे ना बढ़े लेकिन उसका शरीर उसका बिल्कुल साथ नहीं दे रहा था।

जय की जीभ उसकी चूत पर किसी फायर ब्रिगेड का काम कर रही थी। जो उसकी आग बुझाने आई हो। जय अब रिया की मासूम गुलाबी चूत चाटने लगता है। रिया को इसपर अजीब सा मजा भी आने लगा था।

रिया- "उम्म... अहह... आहह.. उसम्म आहह..' करती है। बिना बालों वाली रिया की चूत एकदम किसी छोटी बच्ची की की तरह लग रही थी।

जय ये भी जानता था की उसका बड़ा लौड़ा इस मासूम चूत में डालना आसान नहीं होगा। रिया का रोना लाजमी था आज। जय अब चूत चाटते हुए अपने हाथ थोड़ा ऊपर ले जाता हैं चूचियां दबाने, तो वो क्या देखता है की रिया के खुद के हाथ उसकी चूचियां हल्के-हल्के दबा रहे थे। उसके गुलाबी होंठ एकदूसरे को किस रहे थे, और उसकी आँखें बंद, सब मंजर बयान कर रही थी। जिसे देखकर जय समझ जाता है की रिया गरम हो चुकी है। अब उसे आसानी होगी रिया को चोदने में।

जय अब रिया की क्लिट पा चाटने लगता है। जिससे रिया को बहुत मजा आ रहा था। लेकिन वो बयान करने से दूर रही थी। वो नहीं बताना चाहती थी जय को की उसे मजा आ रहा है इन सब में। जय क्लिट पर चाट हो रहा था की उसे अपने सिर पर रिया के हाथ महसूस होते हैं। जय खुश हो जाता है। उसे भी पता था की अब रिया मना नहीं करेगी।

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जय मन में- "साली गरम हो चुकी है। यही सही मौका है इस हसीना को अपनी बनाने का..."

जय अब उसकी चूत से अपना मुँह हटाता है। जिसे महसूस करके रिया अपनी आँखें खोलकर जय को देखने लगती है। जय के बदसूरत चेहरे पर एक कमीजी मुश्कान भी। रिया शामिंदा भी खुद से की कैसे उसने एक गंदे बूढ़े की हरकतों को एंजाय किया।

जय अब अपना अंडरवेर भी उतार देता है और फिर एक बार अपना लौड़ा दबाकर रिया की गोरी टाँगों के बीच आ जाता है। रिया उसे रोकने लगती है। अपने हाथ से उसको दूर करने की वो नाकाम कोशिश कर रही थी। जय अब रिया की जांघं मजबूती से पकड़कर अलग करता है। और अपना लौड़ा पहली बार रिया की चूत पर लगाता है।

रिया- "अहह.." और रिया की चूत गीली होने के साथ आग की तरह तप रही थी।

जय को भी बहुत मज़ा आता है रिया की चूत की गर्मी अपने लौड़े पर महसूस कर के। अब जय एक बार रिया के चेहरे की तरफ देखता है।

रिया- "अम्म्म
..."
जय अब लण्ड से थोड़ा दबाव डालता है रिया की चूत पर।

रिया- "अहह... प्लीज़... मत करो ऐसे..."

जय देखने में भी भयानक लग रहा था, और ऐसा लण्ड रिया की मासूम सी चूत में जाएगा ये सोचकर ही र लग रहा था रिया को।

रिया- "नहीं प्लीज़... मत करो..."

तभी जय एक धक्का लगाता है।

रिया- "अहह... और उसके लण्ड की टोपी अंदर चली जाती है। रिया बेडशीट कसकर पकड़ लेती हैं- "अहह ...

जय मन में. "साली की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट है। क्या चौदा होगा इसको इसके पति ने..." जय अब एक और धक्का लगाता है।

रिया- "अह्ह... मर गई... बाहर निकालो अहह.."

जय का लण्ड थोड़ा अंदर चला जाता है। रिया छटपटा रहीं भी दर्द के मारे। जय का लण्ड तो जैसे रिया की गुलाबी चूत को स्ट्रेच कर रहा था। रिया को बहुत दर्द हो रहा था। जय उसके ऊपर कोई रहम नहीं खा रहा था। अब जय एक जोरदार धक्का लगाता है। इस बार उसका लौड़ा आधे से ज्यादा अंदर चला जाता है।

लेकिन रिया की चीख तो जैसे आसमन में चोंद तारों तक सुनाई दी. "अहह... मम्मी मर गईई.."
 
लेकिन रिया की चीख तो जैसे आसमन में चोंद तारों तक सुनाई दी. "अहह... मम्मी मर गईई.."

रिया की आँखों से आँसे निकलने लगते हैं। वो बेडशीट कसकर पकड़ी हुई थी। जय इस बार थोड़ा रुक जाता है। उसकी भी अहसास हो रहा था की उसके लण्ड ने काफी हद तक रिया की चूत को स्ट्रेच कर दिया है।

इधर नेहा के रूम में नेहा रिया की चीख सुनकर डर जाती है, और राज से कहती है- "राज ये क्या कर रहा है वो रिया के साथ? देखो वो कैसे चिल्ला रही है?"

राज- "मेरी जान। ऐसे होता है पहली बार। मतलब उसका लण्ड बड़ा है तो तकलीफ तो होगी ही ना। तुझे नहीं हुई थी क्या?"

नेहा- लेकिन राज, वो बेचारी बहुत अच्छी है।

राज उसको अपनी तरफ खींचकर उसको अपनी बाहों में लेते हुए "सिर्फ इस रात की ही बात है। फिर वो भी तेरे जैसी हो जायेगी."

नेहा- मेरी जैसी मतलब?

राज- जो हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती है।

नेहा शर्म के मारे- "छी... गंदे कहीं के... जाओ मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी.."

राज- हाय मेरी जान... नाराज़ हो गई मुझसे।

इधर रिया के रूम में। रिया थोड़ी देर बाद नार्मल लग रही थी। जय उसके ऊपर झुक कर उसके गले को चूमने लगता हैं, और नीचे में धीरे-धीरे धक्के लगाने लगता है।

रिया- "आहह... अहह....

उसका थोड़ा लण्ड अभी भी बाहर रह रहा था। रिया के ऊपर झुका हुआ वो धक्के लगाने लगा था।

रिया- "अहह... आहह.."

रिया के दर्द की सीमा नहीं थी। इतना बड़ा लण्ड अपनी चूत में लेना कोई आसान बात नहीं भी। रिया के लिए ये रात किसी खराब सपने से कम नहीं थी। लेकिन उसे क्या पता की जिसको वो दीदी दीदी बोलती है, वहीं उसके इस दर्द की काफी हद तक बजह है। जय अब थोड़ा जोर से धक्के लगाने लगता है।

रिया- "अहह... अहह.."

जय का पूरा नंगा काला शरीर रिया के कोमल गोरे जिस्म पर पड़ा हुआ था।

रिया- "अहह... अहह..

जय दस मिनट इसी तरह चुदाई करने के बाद रूक जाता है। वो रिया के ऊपर से उठकर उसको पलटा देता है झट से। और डागी स्टाइल में लाकर खुद उसके पीछे आ जाता है, और रिया की गाण्ड पकड़कर उसे अपने लण्ड की तरफ खींचता है।

रिया- "अह.."
रिया की चूचियां लटकी ही औं। आगे से काफी सेक्सी दृश्य लग रहा था। एक खूबसूरत जवान औरत को एक काला बढ़ा बदसूरत चोद रहा था।
रिया- "अहह.."
रिया की गुलाबी चूत में अंदर-बाहर होता हुआ जय का काला लौड़ा। धक्के लगाते हुए वो रिया की हिलती हुई चूचियां। कभी इसी रिया ने जय को एक थप्पड़ मारा था। आज वही जय उसे मस्त चोद रहा था।

रिया- "हाय आहह ... आहह... आह्ह..' और धक्के लगते हुए रिया की चौखें हल्की-हल्की निकल रही थी।

जय रिया की कमर को पकड़े हुए था। वैसे भी रिया में अब जान बची जहाँ थी कि वो विरोध कर सके। रिया ने उम्मीद छोड़ दी थी की जय उसे छोड़ेगा। जय ऐसे ही रिया को 20 मिनट और चोदता है फिर वो रुक कर अपना काला लण्ड उसकी चूत में से बाहर निकालता है।

रिया थकी हुई उसी पोजीशन में वहीं पड़ी रहती है। जय की चुदाई ने उसे थका दिया था। लेकिन जय इतने जल्दी अकने वाला नहीं था। वो अब रिया को कमर से पकड़कर लेटे हुए ही खुद भी लेटकर उसकी चूत पर अपना लौड़ा सेट करता है, और फिर रिया की जाँघ पकड़कर एक धक्का लगाता है।

***** *****
 
जय रिया की आँखों में देखते हुए जोर जोर के धक्के लगा रहा था। चोदते हुए वो अब रिया के गुलाबी होंठों के करीब जाने लगता है। जिसे देखकर रिया समझ जाती है की ये बूढ़ा क्या करना चाहता है। उसकी उतना टाइम नहीं मिलता उधर की वो जय को किस करने जा दे। अचानक ही जय अपने काले सखे होंठ रिया के गुलाबी होंठों पर रख देता है। जय के होंठ अपने होंठों पर छूते ही रिया की आँखें बंद हो जाती हैं।

रिया- "उम्म्म्म
..
जय के काले होंठ रिया के होंठों को चूसने लगते हैं, और वो साथ में जोर के धक्के भी लगा रहा था।
रिया- उम्म्म्म ...म उम्म्म उम्म्म्म ..."

रिया ने ये तेज़ी अपने पति के साथ भी कभी महसूस नहीं की थी। पता नहीं क्यों लेकिन ये बूढ़ा उसे एक अलग ही मजा दे रहा था। लेकिन वो जाहिर नहीं करना चाहती थी की वो एक गंदे लो-क्लास डे के साथ सेक्स एंजाय कर रही है। दोनों बहुत गरम हो गये थे। दोनों को बिल्कुल होश नहीं था अब तो। वो धक्के लगाते हुए किस कर हो रहा था की उसे अहसास होता है की रिया भी उसका साथ दे रही हैं धीरे-धीरे।

अब तो जय का लण्ड आलमोस्ट पूरा अंदर जा रहा था रिया की चूत में। जिस पोजीशन में वो लोग चुदाई कर रहे थे, उससे रिया की चूत जैसे जय का लौड़ा पूरा ले रही थी।

रिया- "अहह... अहह... हाय अहह... उम्म्म्म
... उम्म्म्म
... हंम्म्म
... उहह.. उम्म्म म...

दोनों नंगे शरीर जैसे बरसों से बिछड़े थे और आज मिल रहे हैं। थोड़ी देर बाद जय किस तोड़ देता है। रिया हाँ फते हुए दूसरी तरफ देखने लगती है। जय अपने धक्के जारी रखता है।

जय- मज़ा आया ना तुझ?" जय रिया के खूबसूरत चेहरे को देखते हुए बोलता है। रिया दूसरी तरफ मुँह किर हुए कुछ नहीं बोलती। जय उसको चोदता रहता है।

रिया- "अह... आहह... अहह.."

जय- बोल मजा आया ना?

रिया अभी भी कुछ नहीं बोलती। जय को थोड़ा गुस्सा आता है, तो वो रिया का चेहरा पकड़कर अपनी तरफ करता है और उसकी आँखों में देखते हुए धक्के लगाने लगता है। रिया को बहुत शर्म आ रही थी कि जय उसको देख रहा था चोदते हुए। लेकिन रिया खुद की सिसकारियां निकलने से नहीं रोक पा रही थी।

रिया- "अहह... आअहह... अहह... उम्म्म्म ... और उसकी चूत में लगातार अंदर-बाहर होता हुआ जय का काला लण्ड उसको एक अजीब हो दुनियां में ले जा रहा था- "अहह... अहह.."

रिया भी जय की आँखों में देख रही थी। उसको जय की आँखों में एक अजीब सी प्यास नजर आ रही थी।

अचानक ही जय की स्पीड और ज्यादा हो जाती है। जय झड़ने के करीब था, जो रिया महसूस कर लेती है। क्योंकी जय का लण्ड फूल रहा था। रिया को हिम्म्त तो नहीं हो रही थी लेकिन वो बोल ही देती है।

रिया- "अंदर मत गिराना प्लीज़..."

जिसे सुनकर- जय- "क्यों?"

रिया जय की तरफ हैरानी से देखती है। लेकिन कुछ नहीं बोलती। जय दो-तीन जोर के धक्के लगाकर अपना लौड़ा चूत से बाहर निकाल लेता है, और रिया के पेट पर झड़ने लगता है। उसके काले लौड़े से गाढ़ा सफेद रस निकलने लगता है।

जय- "अहह.." कर के जय मजे से अपना लौड़ा पकड़े हुए अपना पानी बाहर निकाल रहा था।

रिया पड़ी हुई थी। लेकिन उसे , जय के लण्ड से निकलता हुआ उस देखकर घिन आ रही थी। वो अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है। उसकी चूत से भी सफेद पानी निकल रहा था। उसकी चूत कांप रही थी। हो भी क्यों ना? उसने अभी-अभी एक बेहद गंदा और बड़ा सा लौड़ा जो सहन किया था।

कुछ एक मिनट तक अपना रस निकालने के बाद जय शांत हो जाता है। जय इधर ही रिया के बगल में लेट जाता है। रिया झट से बेड से उतर जाती है।

जय- क्या हुआ?

रिया कुछ जवाब नहीं देती।

जय समझ जाता है के रिया उसकी बदसूरती की वजह से उठी हैं, वो कहता है- "चुदवाते वक्त को तुझे कोई परेशानी नहीं हुई। अचानक क्या हुआ तुझे?"

रिया चुप रहती है। जय वैसे ही लेटा रहता है। रिया अब अपनी साड़ी जो जमीन पर पड़ी हुई थी उसे उठा लेती है। रिया खुद को ठीक करते हुए मन में- "ये क्या हो गया मेरे साथ अब में क्या करूँगी? इस घटिया बूढ़े ने मेरे साथ चुदाई,,,,,, अब क्या होगा मेरा? मेरे पति को में क्या जवाब दूंगी? ये बहुत गलत हुआ है, और कैसे मैं इस गंदे आदमी के साथ एंजाय कर रहीं औ? छी..."

रिया नजरें चुराते हुए जय को भी देख रही थी। रिया के मन में अलग-अलग खयाल आ रहे थे। वो एक बार जय को गुस्से देखती है। वो जय को यहाँ से भगाना चाहती थी, लेकिन जय बस पड़ा हुआ था। इसलिए वो पलटकर बाथरूम की ओर जाने लगती हाँ । वो बाथरूम का दरवाजा बंद करके नहाने लगती हैं। नहाते हुए पानी की बँदें उसके गोरे शरीर पर गिर रही थी, नीचे उसकी चूत से होते
 
रिया सोच में डूबी हुई थी, जो भी हुआ उसके साथ। वो जय का उसको बुरी तरह से चोदना। इतनी जोरदार चुदाई ही उसके मन में घूम रही थी। वो समझ भी नहीं पा रही थी की वो क्या रिएक्ट करे इसपर? नहाकर वो बाहर निकलती है तौलिया पहनकर, तो जय उसे वहीं नजर नहीं आता।

रिया मन में- "लगता है चला गया कमीना, बड़ा कहीं का.."

रिया मिरर की तरफ जा हो रही थी की जय उसे पीछे से पकड़ लेता है। असल में जय एक तरफ छिपा हुआ था। रिया जय के अचानक आने से हड़बड़ा जाती है।

रिया- "ये छोड़ो मुझे कमीने.. और रिया उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करती हैं।

रिया सिर्फ तौलिया में थी तो बहुत हाट लग रही थी। उसके गोरे बदन पर अभी भी पानी की कुछ दें बह रही थी। उसके बाल भीगे हुए, और उसका खूबसूरत चेहरा उफफ्फ... मस्त लग रही थी रिया। लेकिन इसी जवानी को जय लूट चुका था। जय रिया को पीछे से पकड़े हुए रिया के जिस्म की खुश्बू एक बार सूँघता है।

जय- आअहह... क्या खुश्बू है तेरे जिश्म की?

रिया- छोड़ो मुझे।

जय का लण्ड रिया की गाण्ड के अहसास से फिर से खड़ा होने लगता है।

रिया को जिसका अहसास भी होता है। रिया कहती है- "छोड़ मुझे... मैंने कहा..." और इस बार रिया थोड़ा गुस्से में बोलती है।

जय भी आश्चर्यजनक रूप से छोड़ देता है। रिया उससे अलग होकर दूर खड़ी हो जाती है। जय उसकी तरफ फिर से आने लगता है।

रिया- दूर रहो मुझसे।

जय उसकी तरफ आते हुए अचानक दरवाजे की तरफ चला जाता है और बाहर चला जाता है।

रिया को थोड़ा अजीब लगता है लेकिन वो राहत की साँस भी लेती है की यह चला गया।

इधर नेहा की रूम में राज की बाहों में नेहा पड़ी हुई थी। राज उसकी चूचियां हल्के-हल्के दबा रहा था। राज कहता है- "मेरी जान... वो रिया की तो बॅंड बजा दिया होगा अब तक जय ने..."

नेहा- "तुम दोनों बस पागल हो। उस बेचारी को भी नहीं छोड़ा। पता नहीं क्या-क्या कर रहा होगा तुम्हारा वो दोस्त"

राज. और क्या करेगा... चुदाई ही कर रहा होगा।

नेहा- छी... मत करो मेरे सामने गंदी बातें।

राज- चल ठीक है। हे चल ना एक और बार करते हैं चुदाई।

नेहा- नहीं नहीं मुझसे और नहीं होगा। तुम अब जाओ यहाँ से।

राज. यही सो जाता हूँ ना तेरे साथ । वैसे भी कोई नहीं है घर में।

नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है- "नहीं। यहां सिर्फ मैं और मेरे पति ही सो सकते हैं। कोई और नहीं..."

राज. ओहह.. फिर तो तुझे मेरी पत्नी बनना पड़ेगा तेरे साथ सोने के लिए।

नेहा शर्मा जाती है।

राज- तो बोल बनेगी मेरी बीवी?

नेहा- चुप रहो। शकल देखी हैं अपनी।

राज- शकल में क्या रखा है? तू बस एक बार मेरी बीवी बन जा। फिर देख कैसे मजे देता हूँ तुझे।

नेहा कुछ नहीं बोलती बस चुप रहती है।

राज- बोल ना बनेगी मेरी बीवी?

नेहा- "नहीं। गर्लफ्रेंड हूँ उतना काफी नहीं है क्या?" नेहा शर्माते हुए बोलती हैं।

राज भी खुश हो जाता हैं कि आज पहली बार नेहा ने गर्लफ्रेंड होने की बात स्वीकार की थी

राज- "मेरी जान। जो मजे बीवी दे सकती है. वो गर्लफ्रेंड नहीं दे सकती। हाहाहा..'

नेहा- चुप रहो। और अब जाओ यहीं से। मुझे सोना है। नींद आ रही हैं।

राज- आज सोने देना तेरे साथ यहीं पर।

नेहा- "प्लीज़... राज समझा करो। तुम जाओ प्लीज.."

राज- ठीक है। अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कुछ भी।

नेहा के चेहरे पर फिर से स्माइल आ जाती हैं। राज अब बेड से नीचे उतर जाता हैं और दरवाजे से बाहर निकल जाता है।

कुछ आधे घंटे बाद नौकर क्वार्टर्स में जय और राज बैठे
और दोनों बातें कर रहे थे। उन दोनों के हाथों में शराब की बोतल थी ।

जय- "क्या मजा आया उस छोटी वाली के साथ पूछ मत? क्या चूत है साली की। साली से बदला लिया..."

राज. आधे मजे कर लिए ना। तो हो गया क्या? और नहीं करना?

जय- "करना है करना है..." और दोनों हँसते हैं।

राज- वो सीधा सीधा मान गई थी क्या?

जय- कहा ॥ साली बहुत नाटक कर रही थी। साली को गरम करके चोदना पड़ा।

राज- हाहाहाहा साली है भी तीखी मिची।

जय- सही कहा। लेकिन उसकी चूत एकदम चिकनी हैं। मजा आ गया मार कर

राज- "ओहह..." और दोनों ऐसे ही बातें करके, शराब पीकर सो जाते हैं।
 
अगली सुबह रिया के रूम में। वो उठ चुकी थी। बेड में लेटी हुई थी। कल के बारे में सोच रही थी। कैसे जय जैसे काले बदसूरत बूढ़े ने उसकी चुदाई की। एक ऐसा हादसा जिसकि वो अपने सबसे बुरे सपने में भी ना देखा हो। रिया यही सब सोचते हुए अब बेड़ से उतरकर फ्रेश होने चली जाती है।

इधर नेहा अपने रूम में नहाकर एक साड़ी पहन लेती है। मिरर के सामने बैठकर हल्का सा मेकप करती है। वो जब लिपस्टिक लगा रही थी तो उसे राज का ध्यान आता है की कैसे राज उसके होंठ को बड़े ही सिदत से चूसता है। कैसे उसके लाल-लाल होंठों को चूमता है। राज का खयाल आते ही नेहा के होंठ दाँत से कटने लगते हैं। उसके चेहरे पर मिरर में देखते हुए एक चमक आ जाती है। वो शर्मा जाती है। फिर वो लिपस्टिक लगाकर नीचे चली जाती है नाश्ता करने। उसको नास्ता सर्व करती है नीलू।

थोड़ी देर बाद रिया आ जाती हैं। रिया ने भी एक मस्त साड़ी पहनी थी।

नेहा- अरे आओ रिया।

रिया- जी दीदी।

नीलू रिया को भी नाश्ता सर्व करती है।

नेहा- रिया कल रात सोई नहीं क्या?

रिया थोड़ा डर जाती है की कहीं नेहा को पता तो नहीं चल गया?

रिया- क्यों दीदी?

नेहा- तुम्हारी आँखें लाल लग रही हैं।

रिया मन में- "ओहह नहीं... अब क्या कह दीदी को? उस बूढे कमीने ने मेरे साथ जो भी किया अगर वो किसी को भी पता चला तो मेरी क्या इज्जत रह जाएगौ?" और रिया सोच रही थी क्या जवाब दे नेहा के सवाल का।

इधर नेहा मन में- "सारी रिया। तुम्हारी जो हालत हुई कल उसमें मेरा भी कुछ हद तक हाथ था। मुझे पता है तुम्हारी कल की रात बहुत दर्द भरी गुजरी होगी। लेकिन क्या कर वो दोनों बड़े हैं ही कमीने..."

नेहा- रिया, कहां खो गई:

रिया- "वो... वो... दीदी कुछ नहीं.."

नेहा- तुम्हारी आँखें क्यों लाल है?

रिया- बो दीदी कुछ नहीं, अस आँख में कुछ चला गया था।

नेहा जानती थी कि रिया झठ बोल रही हैं। लेकिन नेहा को ये भी लगा था की रिया जैसी जवान और खूबसूरत औरत चुप रहने वालों में से तो नहीं है। फिर भी वो कैसे चुप हैं अब तक

नेहा- अच्छा ठीक है।

दोनों नाश्ता करने के बाद अपने-अपने रूम में वापस चली जाती हैं। जय काम पर चला गया था लेकिन समेसा की तरह राज फिर से कुछ ना कुछ बहाना बनाकर सक जाता है। वो जय के जाने के बाद मेनगेट से होते हुए घर में चला आता है। डाइनिंग हाल में नीलू बर्तन उठा रही थी।

नीलू राज को देखकर- "अरे राज आ जाओ नाश्ता करने.."

राज- मेरा नाश्ता तो ऊपर है।

नीलू समझ जाती है की राज नेहा की बात कर रहा है।

नीलू- ओहो... क्या बात है सुबह सुबह?

राज- साली चीज हैं वैसी है की उसके बिना मन ही नहीं लगता।

नीलू- राज तुम दोनों तो मुझे भूल ही गये हो।

राज- अब नई चीज के सामने यानी चीज की क्या हसियत?

नीलू- "बड़ा कमीना है तू." कहकर नीलू किचेन में चली जाती है।

राज सीढ़ियाँ चढ़ते हुए ऊपर जाने लगता है। नेहा के दरवाजा के पास पहुँचकर वो दरवाजा खोलता है। अंदर नेहा अपनी ब्लाउज़ की होरी खींचने की कोशिश कर रही थी, जो उसमें नहीं हो रही थी। राज ये नजारा देखकर गरम हो जाता है। नेहा की गोरी आलमोस्ट नंगी पीठ उसके सामने भी। और उसके गोरे हाथ पीछे आते हए डोरी निकालने की कोशिश कर रहे थे। राज दरवाजे से देखता है तो उससे रहा नहीं जाता और वो अंदर चला जाता है। वो नेहा की पीछे जाकर उसकी कमर में अपने काले हाथ डाल देता है।

नेहा अचानक यू अपनी पतली कमर पर राज के हाथ टच होने से मुह से ठंडी हल्की सिसकारी निकलती है "आहह.." और उसके गोरे हाथ डोरी को छोड़कर राज के काले हाथों पर आ जाते हैं।

राज- में कुछ मदद करूँ?
 
नेहा अपनी गर्दन राज के टच से पीछे कर देती हैं। जैसे वो राज से अलग नहीं होना चाहती हो। उसके टच ने एक बिजली से गुजार दी भी उसके शरीर में। राज नेहा की ब्लाउज़ की डोरी खींच देता है। डोरी खुलते ही नेहा की गोरी पीठ बिल्कुल नंगी हो जाती है। राज पीछे से थोड़ा झुक कर नेहा की गोरी दूध जैसी पीठ को चूमने लगता है।

राज के काले सखे होंठ के सूखेपन से नेहा को अपनी पीठ पर गुदगुदी हो रही थी। वो नेहा की पीठ को हर तरफ चूम रहा था। जो नेहा को पागल बना रहा था। नेहा अपने होंठों काट रही थी। वो काम के टच से पागल हो रही थी। अब राज नेहा के गले के पास आकर उसके बाल दूसरी साइड करके कान के पास चूमने लगता है।

नेहा- "अहह... क्या कर रहे हो?"

राज वहीं चूमते हुए. "प्यार कर रहा हूँ मेरी जान..."

नेहा- "अहह.."

राज के हाथ नेहा की गोरी कमर पर भी चल रहे थे। उसके काले हाथ नेहा की गोरी कमर पर। अफफ्फ... बहुत हाट दृश्य आ। नेहा अब गरम हो चुकी थी। जो राज बखूबी जानता था। अब राज नेहा के कान को अपने दाँत से हल्का सा काटता है।

नेहा- आइs क्या कर रहे हो?

राज- चप रह मेरी जान। तू बस मजा ले।

नेहा- क्या तुम सुबह-सुबह शुरू?

राज तभी नेहा की चूचियां पकड़ लेता हैं अपने दोनों हाथों से। राज के हाथ नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलने लगते हैं।

नेहा- "अहह... अहह..." और नेहा का बदन अकड़ रहा था राज की हरकतों से।

राज अब नेहा का ब्लाउज़ धीरे से निकाल देता है। अब नेहा ऊपर से सिर्फ ब्रा में थी, और उस ब्रा में कैद उसके गोरे दूध जैसे चूचियां। नेहा उस वक़्त मस्त लग रही थी सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में। राज का लण्ड उसकी पैंट में खड़ा हो चुका था। राज पीछे से चिपका हुआ था। अब राज नेहा के पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत पकड़ लेता है और एक बार मसलता है।

नेहा- "अहह.."
फिर हाथ ऊपर लाकर नेहा की ब्रा के अंदर अपने हाथ डालकर एक बार मसलता है। झा के अंदर कीम के काले हाथ नेहा की गोरी चूचियों को मसल रहे थे। नेहा की गोरी चूचियों के ब्राउन निप्पल। उफ्फ्फ... क्या दृश्य होगा। नेहा को राज का अकड़ा हुआ लौड़ा अपनी गाण्ड की दरार पर महसूस हो रहा था।

नेहा को मस्ती सूझती है, और कहती है- "तुम्हारा शैतान देखो कैसे मुझे परेशान कर रहा है?"

राज- मेरी जान बो परेशान नहीं, तेरे से प्यार कर रहा है।

नेहा- उससे कहो थोड़ा ठीक से प्यार करे। बहुत तंग कर रहा है वो मुझे।

राज अब् पीछे से नेहा की ब्रा का हुक खोलने लगता है। हक निकालकर वो एक बार उधर चूमता है और फिर ब्रा नि काल देता है। अब नेहा की चूचियां बिल्कुल नंगी थी। लेकिन नेहा अब बिल्कुल बेशर्म हो गई थी। अपनी चुचियां छपाने की बिल्कल कोशिश नहीं करती इस बार। राज अब नेहा को चुचियां पीछे से पकड़ लेता है और मसलने लगता है। इस बार वो उसके निपल भी मसल रहा था।

नेहा- "अहह... अहह.."
नेहा की गोरी चूचियां अच्छी तरह से मसल रहा था वो जैसे आंटा गूँथ रहा हो। नेहा बस अपना सिर पीछे करके सिसकारियां लेते हुए खड़ी थी तभी राज उसकी गोद में उठा लेता है। नेहा राज की तरफ देखने लगती हैं।

राज भी उसकी तरफ देखते हुए कहता है- "बेड में चले.."

नेहा शर्मा जाती है। राज नेहा को अपनी गोद में उठाकर बेड की तरफ जाने लगता है। बेड के पास जाकर वा नेहा को धीरे से लिटा देता हैं बेड पर। नेहा लेटी हुई राज को देखने लगती है।

राज भी नेहा की तरफ बड़ी प्यासी नजरों से देखते हुए अपनी शर्ट निकालने लगता है। शर्ट निकालते ही उसकी सफेद बालों से भरी हुई छाती सामने आ जाती है। नेहा उसे देखकर शर्मा जाती है।

राज- "हाय मेरी जान शर्मा गई.."
 
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