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- Dec 5, 2013
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जय थोड़ी देर बाद थोड़ा नीचे आता है। रिया की गोरी जांघों को वो एक बार चूमता है।
- "अहह.. अहह.." फिर जय अपनी कमीनी नजर रिया की पैंटी पर डालता है। उसे ये जरूर पता था की अब तक तो रिया की चूत रस छोड़ रही होगी। और हुआ भी वैसा ही। जय की हरकतों ने रिया को एक बार आलरेडी झड़ने पर मजबूर कर दिया था।
जय अपनी नाक रिया की पैंटी के ऊपर लगाकर वहीं संघने लगता है। रिया अपनी आँख खोलकर एक बार अपनी पैंटी की तरफ देखती है, और जय को अपनी पैटी सूँघता देखकर उसकी आँखें फिर से बंद हो जाती हैं। थोड़ी देर वैसे करने के बाद अब वो थोड़ा नीचे जाने लगता है। उसके पैरों को चूमते हुएवो रिया की उंगलियां भी अपने मुँह में लेकर चूमता है। जो रिया को एक मस्त सी फीलिंग दे रहा था।
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जय अब वापस रिया को पटा के पास जाता है और इस बार पैंटी पर हाथ रखता है। जय का हाथ पड़ते हो रिया की जैसी जान ही निकल जाती है। जैसे वो तड़प रही हो किसी के टच के लिए। अब जय रिया की पैंटी थोड़ा साइड में कर देता हैं। जिससे रिया की आधी नंगी गुलाबी चूत उसके सामने आ जाती हैं।
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जय साफ देख पा रहा था की रिया आलरेडी झड़ चुकी है। क्योंकी उसकी चूत से रस अभी भी बह रहा था। चूत देखकर जय एक बार रिया के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखता है। मासूम सा चेहरा, आँखें बंद थी। जैसे किसी आनंद के सागर में गोते लगा रही हों। अब जय एक उंगली धीरे से रिया की चूत पर फेरता है।
रिया- "अहह.." और रिया की आइ5 बड़े ही कामुक अंदाज में निकली भी।
जय की काली उंगली रिया को गुलाबी मासूम चूत को टटोल रही थी। जय ये भी महसूस कर रहा था की रिया की चूत गर्म भी है। जय जानता था की अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा रिया को चोदने में। जय अब धीरे से रिया की पैंटी नीचे करने लगता है। रिया पता नहीं किस खयालों में और विरोध का नाम-ओ-जिशान नहीं था उसकी तरफ से। जय गिया की पैंटी निकालकर फेंक देता है। और एक बार उसकी गुलाबी चूत की तरफ देखता है, जो तड़प रही थी किसी लण्ड के लिए।
रिया को गुलाबी चूत यूँ देखकर जय का लौड़ा हिचकोले खाने लगता है। वो एक बार अपना लण्ड दबाता है चूत के ऊपर से। फिर वो रिया को चूत के करीब जाते हुए अचानक चूत पर अपना मुँह रख देता है।
रिया- "उम्म्म्म
.. अहह..."
जय के मुँह की ठंडक से जैसे रिया को अपनी चूत की गर्मी को राहत मिली हो। रिया का पति भी कभी फोर प्ले नहीं करता था। जय रिया की चूत पर अपनी जबान फेरने लगता है।
रिया- "अहह.. दूर रहो अहह.." और रिया अपनी पूरी कोशिश कर रही थी की ये सब आगे ना बढ़े लेकिन उसका शरीर उसका बिल्कुल साथ नहीं दे रहा था।
जय की जीभ उसकी चूत पर किसी फायर ब्रिगेड का काम कर रही थी। जो उसकी आग बुझाने आई हो। जय अब रिया की मासूम गुलाबी चूत चाटने लगता है। रिया को इसपर अजीब सा मजा भी आने लगा था।
रिया- "उम्म... अहह... आहह.. उसम्म आहह..' करती है। बिना बालों वाली रिया की चूत एकदम किसी छोटी बच्ची की की तरह लग रही थी।
जय ये भी जानता था की उसका बड़ा लौड़ा इस मासूम चूत में डालना आसान नहीं होगा। रिया का रोना लाजमी था आज। जय अब चूत चाटते हुए अपने हाथ थोड़ा ऊपर ले जाता हैं चूचियां दबाने, तो वो क्या देखता है की रिया के खुद के हाथ उसकी चूचियां हल्के-हल्के दबा रहे थे। उसके गुलाबी होंठ एकदूसरे को किस रहे थे, और उसकी आँखें बंद, सब मंजर बयान कर रही थी। जिसे देखकर जय समझ जाता है की रिया गरम हो चुकी है। अब उसे आसानी होगी रिया को चोदने में।
जय अब रिया की क्लिट पा चाटने लगता है। जिससे रिया को बहुत मजा आ रहा था। लेकिन वो बयान करने से दूर रही थी। वो नहीं बताना चाहती थी जय को की उसे मजा आ रहा है इन सब में। जय क्लिट पर चाट हो रहा था की उसे अपने सिर पर रिया के हाथ महसूस होते हैं। जय खुश हो जाता है। उसे भी पता था की अब रिया मना नहीं करेगी।
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जय मन में- "साली गरम हो चुकी है। यही सही मौका है इस हसीना को अपनी बनाने का..."
जय अब उसकी चूत से अपना मुँह हटाता है। जिसे महसूस करके रिया अपनी आँखें खोलकर जय को देखने लगती है। जय के बदसूरत चेहरे पर एक कमीजी मुश्कान भी। रिया शामिंदा भी खुद से की कैसे उसने एक गंदे बूढ़े की हरकतों को एंजाय किया।
जय अब अपना अंडरवेर भी उतार देता है और फिर एक बार अपना लौड़ा दबाकर रिया की गोरी टाँगों के बीच आ जाता है। रिया उसे रोकने लगती है। अपने हाथ से उसको दूर करने की वो नाकाम कोशिश कर रही थी। जय अब रिया की जांघं मजबूती से पकड़कर अलग करता है। और अपना लौड़ा पहली बार रिया की चूत पर लगाता है।
रिया- "अहह.." और रिया की चूत गीली होने के साथ आग की तरह तप रही थी।
जय को भी बहुत मज़ा आता है रिया की चूत की गर्मी अपने लौड़े पर महसूस कर के। अब जय एक बार रिया के चेहरे की तरफ देखता है।
रिया- "अम्म्म
..."
जय अब लण्ड से थोड़ा दबाव डालता है रिया की चूत पर।
रिया- "अहह... प्लीज़... मत करो ऐसे..."
जय देखने में भी भयानक लग रहा था, और ऐसा लण्ड रिया की मासूम सी चूत में जाएगा ये सोचकर ही र लग रहा था रिया को।
रिया- "नहीं प्लीज़... मत करो..."
तभी जय एक धक्का लगाता है।
रिया- "अहह... और उसके लण्ड की टोपी अंदर चली जाती है। रिया बेडशीट कसकर पकड़ लेती हैं- "अहह ...
जय मन में. "साली की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट है। क्या चौदा होगा इसको इसके पति ने..." जय अब एक और धक्का लगाता है।
रिया- "अह्ह... मर गई... बाहर निकालो अहह.."
जय का लण्ड थोड़ा अंदर चला जाता है। रिया छटपटा रहीं भी दर्द के मारे। जय का लण्ड तो जैसे रिया की गुलाबी चूत को स्ट्रेच कर रहा था। रिया को बहुत दर्द हो रहा था। जय उसके ऊपर कोई रहम नहीं खा रहा था। अब जय एक जोरदार धक्का लगाता है। इस बार उसका लौड़ा आधे से ज्यादा अंदर चला जाता है।
लेकिन रिया की चीख तो जैसे आसमन में चोंद तारों तक सुनाई दी. "अहह... मम्मी मर गईई.."
- "अहह.. अहह.." फिर जय अपनी कमीनी नजर रिया की पैंटी पर डालता है। उसे ये जरूर पता था की अब तक तो रिया की चूत रस छोड़ रही होगी। और हुआ भी वैसा ही। जय की हरकतों ने रिया को एक बार आलरेडी झड़ने पर मजबूर कर दिया था।
जय अपनी नाक रिया की पैंटी के ऊपर लगाकर वहीं संघने लगता है। रिया अपनी आँख खोलकर एक बार अपनी पैंटी की तरफ देखती है, और जय को अपनी पैटी सूँघता देखकर उसकी आँखें फिर से बंद हो जाती हैं। थोड़ी देर वैसे करने के बाद अब वो थोड़ा नीचे जाने लगता है। उसके पैरों को चूमते हुएवो रिया की उंगलियां भी अपने मुँह में लेकर चूमता है। जो रिया को एक मस्त सी फीलिंग दे रहा था।
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जय अब वापस रिया को पटा के पास जाता है और इस बार पैंटी पर हाथ रखता है। जय का हाथ पड़ते हो रिया की जैसी जान ही निकल जाती है। जैसे वो तड़प रही हो किसी के टच के लिए। अब जय रिया की पैंटी थोड़ा साइड में कर देता हैं। जिससे रिया की आधी नंगी गुलाबी चूत उसके सामने आ जाती हैं।
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जय साफ देख पा रहा था की रिया आलरेडी झड़ चुकी है। क्योंकी उसकी चूत से रस अभी भी बह रहा था। चूत देखकर जय एक बार रिया के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखता है। मासूम सा चेहरा, आँखें बंद थी। जैसे किसी आनंद के सागर में गोते लगा रही हों। अब जय एक उंगली धीरे से रिया की चूत पर फेरता है।
रिया- "अहह.." और रिया की आइ5 बड़े ही कामुक अंदाज में निकली भी।
जय की काली उंगली रिया को गुलाबी मासूम चूत को टटोल रही थी। जय ये भी महसूस कर रहा था की रिया की चूत गर्म भी है। जय जानता था की अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा रिया को चोदने में। जय अब धीरे से रिया की पैंटी नीचे करने लगता है। रिया पता नहीं किस खयालों में और विरोध का नाम-ओ-जिशान नहीं था उसकी तरफ से। जय गिया की पैंटी निकालकर फेंक देता है। और एक बार उसकी गुलाबी चूत की तरफ देखता है, जो तड़प रही थी किसी लण्ड के लिए।
रिया को गुलाबी चूत यूँ देखकर जय का लौड़ा हिचकोले खाने लगता है। वो एक बार अपना लण्ड दबाता है चूत के ऊपर से। फिर वो रिया को चूत के करीब जाते हुए अचानक चूत पर अपना मुँह रख देता है।
रिया- "उम्म्म्म
.. अहह..."
जय के मुँह की ठंडक से जैसे रिया को अपनी चूत की गर्मी को राहत मिली हो। रिया का पति भी कभी फोर प्ले नहीं करता था। जय रिया की चूत पर अपनी जबान फेरने लगता है।
रिया- "अहह.. दूर रहो अहह.." और रिया अपनी पूरी कोशिश कर रही थी की ये सब आगे ना बढ़े लेकिन उसका शरीर उसका बिल्कुल साथ नहीं दे रहा था।
जय की जीभ उसकी चूत पर किसी फायर ब्रिगेड का काम कर रही थी। जो उसकी आग बुझाने आई हो। जय अब रिया की मासूम गुलाबी चूत चाटने लगता है। रिया को इसपर अजीब सा मजा भी आने लगा था।
रिया- "उम्म... अहह... आहह.. उसम्म आहह..' करती है। बिना बालों वाली रिया की चूत एकदम किसी छोटी बच्ची की की तरह लग रही थी।
जय ये भी जानता था की उसका बड़ा लौड़ा इस मासूम चूत में डालना आसान नहीं होगा। रिया का रोना लाजमी था आज। जय अब चूत चाटते हुए अपने हाथ थोड़ा ऊपर ले जाता हैं चूचियां दबाने, तो वो क्या देखता है की रिया के खुद के हाथ उसकी चूचियां हल्के-हल्के दबा रहे थे। उसके गुलाबी होंठ एकदूसरे को किस रहे थे, और उसकी आँखें बंद, सब मंजर बयान कर रही थी। जिसे देखकर जय समझ जाता है की रिया गरम हो चुकी है। अब उसे आसानी होगी रिया को चोदने में।
जय अब रिया की क्लिट पा चाटने लगता है। जिससे रिया को बहुत मजा आ रहा था। लेकिन वो बयान करने से दूर रही थी। वो नहीं बताना चाहती थी जय को की उसे मजा आ रहा है इन सब में। जय क्लिट पर चाट हो रहा था की उसे अपने सिर पर रिया के हाथ महसूस होते हैं। जय खुश हो जाता है। उसे भी पता था की अब रिया मना नहीं करेगी।
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जय मन में- "साली गरम हो चुकी है। यही सही मौका है इस हसीना को अपनी बनाने का..."
जय अब उसकी चूत से अपना मुँह हटाता है। जिसे महसूस करके रिया अपनी आँखें खोलकर जय को देखने लगती है। जय के बदसूरत चेहरे पर एक कमीजी मुश्कान भी। रिया शामिंदा भी खुद से की कैसे उसने एक गंदे बूढ़े की हरकतों को एंजाय किया।
जय अब अपना अंडरवेर भी उतार देता है और फिर एक बार अपना लौड़ा दबाकर रिया की गोरी टाँगों के बीच आ जाता है। रिया उसे रोकने लगती है। अपने हाथ से उसको दूर करने की वो नाकाम कोशिश कर रही थी। जय अब रिया की जांघं मजबूती से पकड़कर अलग करता है। और अपना लौड़ा पहली बार रिया की चूत पर लगाता है।
रिया- "अहह.." और रिया की चूत गीली होने के साथ आग की तरह तप रही थी।
जय को भी बहुत मज़ा आता है रिया की चूत की गर्मी अपने लौड़े पर महसूस कर के। अब जय एक बार रिया के चेहरे की तरफ देखता है।
रिया- "अम्म्म
..."
जय अब लण्ड से थोड़ा दबाव डालता है रिया की चूत पर।
रिया- "अहह... प्लीज़... मत करो ऐसे..."
जय देखने में भी भयानक लग रहा था, और ऐसा लण्ड रिया की मासूम सी चूत में जाएगा ये सोचकर ही र लग रहा था रिया को।
रिया- "नहीं प्लीज़... मत करो..."
तभी जय एक धक्का लगाता है।
रिया- "अहह... और उसके लण्ड की टोपी अंदर चली जाती है। रिया बेडशीट कसकर पकड़ लेती हैं- "अहह ...
जय मन में. "साली की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट है। क्या चौदा होगा इसको इसके पति ने..." जय अब एक और धक्का लगाता है।
रिया- "अह्ह... मर गई... बाहर निकालो अहह.."
जय का लण्ड थोड़ा अंदर चला जाता है। रिया छटपटा रहीं भी दर्द के मारे। जय का लण्ड तो जैसे रिया की गुलाबी चूत को स्ट्रेच कर रहा था। रिया को बहुत दर्द हो रहा था। जय उसके ऊपर कोई रहम नहीं खा रहा था। अब जय एक जोरदार धक्का लगाता है। इस बार उसका लौड़ा आधे से ज्यादा अंदर चला जाता है।
लेकिन रिया की चीख तो जैसे आसमन में चोंद तारों तक सुनाई दी. "अहह... मम्मी मर गईई.."