hotaks444
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मेरी आँख उस वक्त खुली जब अलार्म बजा मैंने उठ कर देखा तो नबीला अब तक सोई हुई थी सुबह की रोशनी में उसका दूध जैसा शरीर चमक रहा था उसकी नरम मुलायम और रूई जैसी गाण्ड को देखकर मेरा लंड एक बार फिर सिर उठाने लगा लेकिन मैंने अपनी भावनाओं पे काबू पाया क्योंकि सुबह वक्त था गली मोहल्ले में सब लोग आ जा रहे होते थे और सुबह के वक्त कोई भी घर आ सकता था या अम्मी भी उठ सकती थी। इसलिए मैंने अपना इरादा छोड़ दिया और उठ कर बाथरूम में चला गया और बाथरूम का उपयोग करके फिर नहाने लगा और अच्छी तरह नहा धोकर फ्रेश हुआ और फिर कपड़े पहन कर बाहर आ गया बेड पे देखा तो नबीला बदस्तूर सोई हुई थी मुझे अपनी बहन पे बहुत प्यार आया। मैं बेड पे जाकर उसके साथ बैठ गया और धीरे से उसके बालों में उँगलियाँ फेर कर उसके होंठों पे एक कस दी तो नबीला भी जाग उठी और मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों को मुंह में लेकर फ्रेंच किस करने लगी
लगभग 2 मिनट तक वह किस करती रही फिर मैं ही उससे अलग हुआ और बोला नबीला मेरी जान सुबह हो गई है। और अम्मी भी किसी वक्त उठ सकती हैं अब फिर से यह काम असंभव है तुम भी उठो और नहा धोकर फ्रेश हो जाओ और बेड की चादर भी बदल दो किसी ने देख लिया तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी . नबीला ने कहा भाई मेरे अंदर अभी नशा खत्म नहीं हुआ है दिल करता है आपको अपने से कभी अलग न करूं। लेकिन अब तो मजबूरी है लेकिन बाद में आप के देख लंड को देखूँगी
मुझे उसकी बात सुनकर हँसी आ गई और मैंने कहा अच्छा मेरी जान बाद की बाद में देखी जाएगी फिलहाल अब तो उठो और जाकर फ्रेश होजाओ लेकिन यह चादर पहले चेंज करो। नबीला फिर बेड से उठी और पहले अपने कपड़े पहने और फिर ज़ुबैदा की अलमारी से नई चादर निकाली और पुरानी खून वाली चादर एक साइड पे करके नई वाली चादर ऊपर डाल दी और फिर खून वाली चादर लेकर कमरे से भी चली गई मैं वहाँ ही बेड पे बैठ गया और टीवी लगा लिया और समाचार सुनने लगा लगभग 10 बजे के करीब नबीला मेरे लिए नाश्ता लेकर मेरे कमरे में आ गई। इस वक्त वह बहुत प्यारी लग रही थी, उसने काले रंग की सूती सलवार कमीज पहनी हुई थी उसका पाजामा काफी अधिक टाइट था और वह नाश्ता मेरे सामने रख कर मेरे साथ ही बैठ गई। और फिर अपना मुंह मेरे मुंह के करीब लाकर मेरे होंठ पे एक किस की और बोली सुप्रभात भाई और बोली आज हम जीवन साथी की तरह एक साथ नाश्ता करेंगे।
मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और मैंने कहा क्यों नहीं जान। और फिर हम दोनों नाश्ता करने लगे नाश्ता करके नबीला ने बर्तन उठा लिए और जाने लगी तो मैंने पूछा नबीला अम्मी उठ गई हैं नबीला ने कहा भाई जब मैं नाश्ता लेकर आ रही थी तो उस वक्त वह उठकर बाथरूम में जा रहीं थीं अब मैं जाकर उन्हें भी नाश्ता देती हूं आज मुझे कपड़े धो ने हैं। और वह यह बोल कर बाहर चली गई और मैं टीवी देखने में व्यस्त हो गया। लगभग 12 बजे के समय मैंने ज़ुबैदा कॉल की तो उसकी माँ ने फोन उठाया और अभिवादन के बाद मैंने पूछा चाची ज़ुबैदा ने कब वापस आ ना है तो उन्होंने कहा कि वह कल वापस आ जाएगी उसकी तबीयत खराब हो गई थी और हम लोग मरी नहीं जा सके वह अब भी सोई हुई है। मैंने कहा ठीक है चाची उसे कहना जब कल घर से निकलेगी तो मुझे बता दे मैं स्टेशन पे जा कर ले आऊँगा।
चाची ने कहा हां बेटा में बोल दूंगी। चाची ने कहा बेटा तुम भी कभी लाहौर हमारे पास आ जाया करो मैं भी तुम्हारी चाची हूँ कभी हमारे लिए समय निकाल लिया करो। मेरे दिमाग में तुरंत एक विचार आया और मैंने कहा चाची में जरूर आऊँगा वैसे भी मुझे लाहौर एक जरूरी काम है कुछ दिन बाद आउन्गा तो टॉयस ओर भी चक्कर लगाऊँगा। चाची ने कहा हां बेटा जरूर आना मुझे तुमसे और भी कुछ जरूरी बातें करनी हैं। मैंने कहा जी जरूर और फिर कुछ यहाँ वहाँ की बातें कर फोन बंद कर दिया। फिर मैंने टीवी बंद किया और कमरे से बाहर निकल आया बाहर आंगन में आया तो अम्मी सब्जी काट रही थीं और नबीला एक साइड पे वॉशिंग मशीन लगाकर कपड़े धो रही थी। जब उसकी मेरे साथ नजर मिली तो अम्मी से नज़र बचाकर मुझे मुंह के इशारे से किस कर दी में यह देखकर मुस्कुरा पड़ा और अम्मी को बोला- मैं ज़रा बाहर तक जा रहा हूँ मुझे कुछ जरूरी काम है खाने तक आ जाऊँगा । और फिर घर से बाहर निकल आया। और अपने दोस्तों के पास आ गया और उनके साथ बैठकर गपशप लगाने लगा। लगभग 2 बजे तक दोस्तो के साथ बैठकर गपशप लगाता रहा और फिर उठकर घर आ गया दरवाजे पे दस्तक दी तो नबीला ने दरवाजा खोला और मैने घर में प्रवेश किया तो नबीला ने कहा भाई खाना तैयार है हाथ मुंह धोकर आओ खाना खाते हैं। और नबीला की बात सुनकर अपने रूम में आ गया और फिर अपने शौचालय से मुंह हाथ धोकर बाहर जहां अम्मी और नबीला खाना खा रहे थे मैं भी वहाँ ही बैठ गया और खाना खाने लगा। खाने के दौरान अम्मी ने पूछा बेटा ज़ुबैदा ने कब वापस आ ना है तो मैंने कहा अम्मी मैंने आज उसे कॉल की थी तो चाची ने फोन उठा लिया था उनसे पूछा तो वह कहती हैं ज़ुबैदा कल वापस आ जाएगी वह बीमार हो गई थी। अम्मी ने कहा बेटा तुम खुद जाकर ले आते तो मैंने कहा अम्मी मुझे कुछ दिन बाद अपने काम से लाहौर जाना है इसलिए 2 बार चक्कर नहीं लगा सकता था इसलिए मैं नहीं गया वह कल आ जाएगी में उसे स्टेशन से लेकर आऊँगा। फिर कुछ देर यहाँ वहाँ की बातें होती रही और फिर खाना खाकर अपने बेडरूम में आ गया। और अपने बेड पे आकर लेट गया और टीवी लगा लिया लगभग 3 बजे के करीब नबीला मेरे कमरे में आई और अंदर आकर दरवाजा बंद किया और आकर मेरे साथ बेड पे आकर चिपक कर लेट गई। और बोली भाई आप सच कह रहे हो कल वह कंजरी ज़ुबैदा वापस आ रही है। तो मैंने कहा हां नबीला यह सच है लेकिन तुम क्यों गुस्सा हो रही हो। मैंने तुम्हें पहले भी कहा था अब तुम मेरी जान हो उसके साथ तो बस एक जीवन साथी वाला रिश्ता है।
नबीला ने कहा तो भाई जब ज़ुबैदा आ जाएगी तो आप मुझे कब प्यार करोगे। उसके आने के बाद तो वैसे भी मुश्किल हो जाएगा। मैंने कहा जान तुम चिंता क्यों करती हो। मेरी जान को प्यार जरूर मिलेगा जब मेरी बहन को प्यार की जरूरत होगी तुम ज़ुबैदा के दूध या पानी में भी नींद की गोली मिला दिया करना और फिर नबीला को आँख मार दी। नबीला मेरी बात सुनकर चहक उठी और मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगी। फिर नबीला ने सलवार के ऊपर से मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया और मेरा लंड सहलाने लगी। इसके कुछ देर लंड सहलाने के कारण मेरा लंड एकदम टाइट हो गया
नबीला ने कहा भाई क्या एक राउंड लगा लें। तो मैंने कहा नबीला अम्मी बाहर ही होंगी जाग रही होंगी। तो नबीला बोली भाई अम्मी अपने कमरे में सो गई हैं वे 5 से पहले नहीं उठेगी अभी कुछ देर पहले वह सोई हैं। आप बस मुझे अब आगे योनी से कर लो गाण्ड में रात को कर लेना। मैंने कहा अच्छा चलो ठीक है और फिर मैं उठ कर अपनी सलवार उतारने लगा ऊपर केवल मैंने बनियान पहनी हुई थी नबीला ने भी जल्दी से अपनी शर्ट उतारी तो नीचे उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था उसके शर्ट उतार ने से उसके मोटे मम्मे उछल कर बाहर आ गए और फिर उसने एक ही झटके में अपनी सलवार भी उतार दी अब नबीला पूरी नंगी मेरे सामने बैठी थी। मैंने उसकी योनी को देखा तो उसकी योनी से उसकी जवानी का रस निकल रहा था मैंने अपनी उंगली उसकी योनी के लबों पे फेरी तो नबीला के मुंह से एक कामुकता भरी सिसकी निकल गई और मेरी उंगली भी नबीला की जवानी के गर्म रस से गीली हो गई
मैंने अपनी उंगली को अपनी नाक के पास लाकर सूँघा तो मुझे एक भीनी सी खुशबू आ रही थी मैं बहक सा गया मैंने अपनी ज़ुबान लगाकर उसका परीक्षण किया तो मुझे नशा सा चढ़ गया मैं अपनी उंगली को मुंह में लेकर सारा रस चाट गया फिर नबीला ने मेरे मुंह से मेरी उंगली निकाल कर एक बार फिर अपनी योनी के अंदर फेरी और इस बार मेरी उंगली पकड़ कर अपने मुँह में लेकर चाट गई। और फिर बोली भाई कैसा लगा अपनी बहन की जवानी का रस तो मैंने कहा नबीला तुम्हारे रस में भी और तुम्हारे शरीर में एक नशा है जो जितना मर्जी कर लो दिल नहीं भरता।
फिर नबीला मेरे सामने आकर घोड़ी बन गई मैं अपनी टाँगें खोल कर बेड के साथ टेक लगा कर बैठा हुआ था नबीला ने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उसे कुछ देर हाथ से सहलाया और फिर अपनी टोपी को मुंह में ले लिया और टोपी के आसपास ज़ुबान गोल गोल घुमाने लगी और बीच में कभी कभी मेरी टोपी के छेद पे जब अपनी जीभ की नोक को रगड़ देती तो मेरे शरीर में एक करंट दौड़ जाता था। काफी देर तक टोपी अपने मुंह से मालिश करने के बाद नबीला ने धीरे धीरे लंड मुंह में लेना शुरू कर दिया वह बेचारी इस काम में अनाड़ी थी इसलिए बीच में कभी कभी अपने दाँत भी मार देती थी जिससे मुझे हल्की सी लंड पे टीस सी उठ जाती थी। लेकिन वह अपनी पूरी कोशिश कर रही थी मुझे उसके दाँत महसूस न हो। फिर मैंने देखा नबीला ने लगभग आधा लंड मुंह में लिया था तो उससे जहां तक संभव हो सका लंड मुंह में अन्दर बाहर करने लगी। वो अपनी ज़ुबान की पकड़ से मेरे लंड को मुंह में कस लेती थी जिससे मेरे मुंह से सुख भरी सिसकी निकल जाती थी। लगभग 5 से 7 मिनट के अंदर ही नबीला ने जानदार चुसाइ लगा मेरे लंड को लोहे जैसा सख्त बना दिया था।
फिर मैंने खुद उसे रोक दिया और उसके मुंह से अपना लंड बाहर निकालकर उससे कहा कि मैं सीधा हो कर लेट जाता हूँ तुम ऊपर से आकर लंड के ऊपर बैठो जैसे तुम्हारा मन करे और जितना दिल करे लंड अपने अंदर लो। नबीला अपनी टाँगें दोनों ओर करके मेरी जांघों के ऊपर बैठ गई तो मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और थोड़ा ऊपर उठकर अपनी योनी के छेद को मेरे लंड की टोपी पे सेट किया और फिर अपनी योनी को लंड के ऊपर दबाने लगी लेकिन इस स्थिति में उसे थोड़ी तकलीफ हो रही थी तो उसने लंड को बाहर निकाला और मेरे लंड को मुंह में लेकर अच्छी तरह अपनी थूक से गीला किया तो कुछ थूक निकाल कर अपनी योनी के छेद मे लगा दिया और उसके बाद फिर लंड को अपनी योनी के छेद पे सेट किया और एक झटका दिया तो मेरा आधा लंड टोपी समेत उसकी योनी में चला गया उसका शरीर संतुलन में नहीं रहा था जिससे झटका तेज लगा ..और लंड एक ही झटके में आधा अंदर हो गया। नबीला मुंह से आवाज आई हााे भाई मर गई। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

लगभग 2 मिनट तक वह किस करती रही फिर मैं ही उससे अलग हुआ और बोला नबीला मेरी जान सुबह हो गई है। और अम्मी भी किसी वक्त उठ सकती हैं अब फिर से यह काम असंभव है तुम भी उठो और नहा धोकर फ्रेश हो जाओ और बेड की चादर भी बदल दो किसी ने देख लिया तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी . नबीला ने कहा भाई मेरे अंदर अभी नशा खत्म नहीं हुआ है दिल करता है आपको अपने से कभी अलग न करूं। लेकिन अब तो मजबूरी है लेकिन बाद में आप के देख लंड को देखूँगी

मुझे उसकी बात सुनकर हँसी आ गई और मैंने कहा अच्छा मेरी जान बाद की बाद में देखी जाएगी फिलहाल अब तो उठो और जाकर फ्रेश होजाओ लेकिन यह चादर पहले चेंज करो। नबीला फिर बेड से उठी और पहले अपने कपड़े पहने और फिर ज़ुबैदा की अलमारी से नई चादर निकाली और पुरानी खून वाली चादर एक साइड पे करके नई वाली चादर ऊपर डाल दी और फिर खून वाली चादर लेकर कमरे से भी चली गई मैं वहाँ ही बेड पे बैठ गया और टीवी लगा लिया और समाचार सुनने लगा लगभग 10 बजे के करीब नबीला मेरे लिए नाश्ता लेकर मेरे कमरे में आ गई। इस वक्त वह बहुत प्यारी लग रही थी, उसने काले रंग की सूती सलवार कमीज पहनी हुई थी उसका पाजामा काफी अधिक टाइट था और वह नाश्ता मेरे सामने रख कर मेरे साथ ही बैठ गई। और फिर अपना मुंह मेरे मुंह के करीब लाकर मेरे होंठ पे एक किस की और बोली सुप्रभात भाई और बोली आज हम जीवन साथी की तरह एक साथ नाश्ता करेंगे।
मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और मैंने कहा क्यों नहीं जान। और फिर हम दोनों नाश्ता करने लगे नाश्ता करके नबीला ने बर्तन उठा लिए और जाने लगी तो मैंने पूछा नबीला अम्मी उठ गई हैं नबीला ने कहा भाई जब मैं नाश्ता लेकर आ रही थी तो उस वक्त वह उठकर बाथरूम में जा रहीं थीं अब मैं जाकर उन्हें भी नाश्ता देती हूं आज मुझे कपड़े धो ने हैं। और वह यह बोल कर बाहर चली गई और मैं टीवी देखने में व्यस्त हो गया। लगभग 12 बजे के समय मैंने ज़ुबैदा कॉल की तो उसकी माँ ने फोन उठाया और अभिवादन के बाद मैंने पूछा चाची ज़ुबैदा ने कब वापस आ ना है तो उन्होंने कहा कि वह कल वापस आ जाएगी उसकी तबीयत खराब हो गई थी और हम लोग मरी नहीं जा सके वह अब भी सोई हुई है। मैंने कहा ठीक है चाची उसे कहना जब कल घर से निकलेगी तो मुझे बता दे मैं स्टेशन पे जा कर ले आऊँगा।
चाची ने कहा हां बेटा में बोल दूंगी। चाची ने कहा बेटा तुम भी कभी लाहौर हमारे पास आ जाया करो मैं भी तुम्हारी चाची हूँ कभी हमारे लिए समय निकाल लिया करो। मेरे दिमाग में तुरंत एक विचार आया और मैंने कहा चाची में जरूर आऊँगा वैसे भी मुझे लाहौर एक जरूरी काम है कुछ दिन बाद आउन्गा तो टॉयस ओर भी चक्कर लगाऊँगा। चाची ने कहा हां बेटा जरूर आना मुझे तुमसे और भी कुछ जरूरी बातें करनी हैं। मैंने कहा जी जरूर और फिर कुछ यहाँ वहाँ की बातें कर फोन बंद कर दिया। फिर मैंने टीवी बंद किया और कमरे से बाहर निकल आया बाहर आंगन में आया तो अम्मी सब्जी काट रही थीं और नबीला एक साइड पे वॉशिंग मशीन लगाकर कपड़े धो रही थी। जब उसकी मेरे साथ नजर मिली तो अम्मी से नज़र बचाकर मुझे मुंह के इशारे से किस कर दी में यह देखकर मुस्कुरा पड़ा और अम्मी को बोला- मैं ज़रा बाहर तक जा रहा हूँ मुझे कुछ जरूरी काम है खाने तक आ जाऊँगा । और फिर घर से बाहर निकल आया। और अपने दोस्तों के पास आ गया और उनके साथ बैठकर गपशप लगाने लगा। लगभग 2 बजे तक दोस्तो के साथ बैठकर गपशप लगाता रहा और फिर उठकर घर आ गया दरवाजे पे दस्तक दी तो नबीला ने दरवाजा खोला और मैने घर में प्रवेश किया तो नबीला ने कहा भाई खाना तैयार है हाथ मुंह धोकर आओ खाना खाते हैं। और नबीला की बात सुनकर अपने रूम में आ गया और फिर अपने शौचालय से मुंह हाथ धोकर बाहर जहां अम्मी और नबीला खाना खा रहे थे मैं भी वहाँ ही बैठ गया और खाना खाने लगा। खाने के दौरान अम्मी ने पूछा बेटा ज़ुबैदा ने कब वापस आ ना है तो मैंने कहा अम्मी मैंने आज उसे कॉल की थी तो चाची ने फोन उठा लिया था उनसे पूछा तो वह कहती हैं ज़ुबैदा कल वापस आ जाएगी वह बीमार हो गई थी। अम्मी ने कहा बेटा तुम खुद जाकर ले आते तो मैंने कहा अम्मी मुझे कुछ दिन बाद अपने काम से लाहौर जाना है इसलिए 2 बार चक्कर नहीं लगा सकता था इसलिए मैं नहीं गया वह कल आ जाएगी में उसे स्टेशन से लेकर आऊँगा। फिर कुछ देर यहाँ वहाँ की बातें होती रही और फिर खाना खाकर अपने बेडरूम में आ गया। और अपने बेड पे आकर लेट गया और टीवी लगा लिया लगभग 3 बजे के करीब नबीला मेरे कमरे में आई और अंदर आकर दरवाजा बंद किया और आकर मेरे साथ बेड पे आकर चिपक कर लेट गई। और बोली भाई आप सच कह रहे हो कल वह कंजरी ज़ुबैदा वापस आ रही है। तो मैंने कहा हां नबीला यह सच है लेकिन तुम क्यों गुस्सा हो रही हो। मैंने तुम्हें पहले भी कहा था अब तुम मेरी जान हो उसके साथ तो बस एक जीवन साथी वाला रिश्ता है।

नबीला ने कहा तो भाई जब ज़ुबैदा आ जाएगी तो आप मुझे कब प्यार करोगे। उसके आने के बाद तो वैसे भी मुश्किल हो जाएगा। मैंने कहा जान तुम चिंता क्यों करती हो। मेरी जान को प्यार जरूर मिलेगा जब मेरी बहन को प्यार की जरूरत होगी तुम ज़ुबैदा के दूध या पानी में भी नींद की गोली मिला दिया करना और फिर नबीला को आँख मार दी। नबीला मेरी बात सुनकर चहक उठी और मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगी। फिर नबीला ने सलवार के ऊपर से मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया और मेरा लंड सहलाने लगी। इसके कुछ देर लंड सहलाने के कारण मेरा लंड एकदम टाइट हो गया

नबीला ने कहा भाई क्या एक राउंड लगा लें। तो मैंने कहा नबीला अम्मी बाहर ही होंगी जाग रही होंगी। तो नबीला बोली भाई अम्मी अपने कमरे में सो गई हैं वे 5 से पहले नहीं उठेगी अभी कुछ देर पहले वह सोई हैं। आप बस मुझे अब आगे योनी से कर लो गाण्ड में रात को कर लेना। मैंने कहा अच्छा चलो ठीक है और फिर मैं उठ कर अपनी सलवार उतारने लगा ऊपर केवल मैंने बनियान पहनी हुई थी नबीला ने भी जल्दी से अपनी शर्ट उतारी तो नीचे उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था उसके शर्ट उतार ने से उसके मोटे मम्मे उछल कर बाहर आ गए और फिर उसने एक ही झटके में अपनी सलवार भी उतार दी अब नबीला पूरी नंगी मेरे सामने बैठी थी। मैंने उसकी योनी को देखा तो उसकी योनी से उसकी जवानी का रस निकल रहा था मैंने अपनी उंगली उसकी योनी के लबों पे फेरी तो नबीला के मुंह से एक कामुकता भरी सिसकी निकल गई और मेरी उंगली भी नबीला की जवानी के गर्म रस से गीली हो गई

मैंने अपनी उंगली को अपनी नाक के पास लाकर सूँघा तो मुझे एक भीनी सी खुशबू आ रही थी मैं बहक सा गया मैंने अपनी ज़ुबान लगाकर उसका परीक्षण किया तो मुझे नशा सा चढ़ गया मैं अपनी उंगली को मुंह में लेकर सारा रस चाट गया फिर नबीला ने मेरे मुंह से मेरी उंगली निकाल कर एक बार फिर अपनी योनी के अंदर फेरी और इस बार मेरी उंगली पकड़ कर अपने मुँह में लेकर चाट गई। और फिर बोली भाई कैसा लगा अपनी बहन की जवानी का रस तो मैंने कहा नबीला तुम्हारे रस में भी और तुम्हारे शरीर में एक नशा है जो जितना मर्जी कर लो दिल नहीं भरता।

फिर नबीला मेरे सामने आकर घोड़ी बन गई मैं अपनी टाँगें खोल कर बेड के साथ टेक लगा कर बैठा हुआ था नबीला ने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उसे कुछ देर हाथ से सहलाया और फिर अपनी टोपी को मुंह में ले लिया और टोपी के आसपास ज़ुबान गोल गोल घुमाने लगी और बीच में कभी कभी मेरी टोपी के छेद पे जब अपनी जीभ की नोक को रगड़ देती तो मेरे शरीर में एक करंट दौड़ जाता था। काफी देर तक टोपी अपने मुंह से मालिश करने के बाद नबीला ने धीरे धीरे लंड मुंह में लेना शुरू कर दिया वह बेचारी इस काम में अनाड़ी थी इसलिए बीच में कभी कभी अपने दाँत भी मार देती थी जिससे मुझे हल्की सी लंड पे टीस सी उठ जाती थी। लेकिन वह अपनी पूरी कोशिश कर रही थी मुझे उसके दाँत महसूस न हो। फिर मैंने देखा नबीला ने लगभग आधा लंड मुंह में लिया था तो उससे जहां तक संभव हो सका लंड मुंह में अन्दर बाहर करने लगी। वो अपनी ज़ुबान की पकड़ से मेरे लंड को मुंह में कस लेती थी जिससे मेरे मुंह से सुख भरी सिसकी निकल जाती थी। लगभग 5 से 7 मिनट के अंदर ही नबीला ने जानदार चुसाइ लगा मेरे लंड को लोहे जैसा सख्त बना दिया था।

फिर मैंने खुद उसे रोक दिया और उसके मुंह से अपना लंड बाहर निकालकर उससे कहा कि मैं सीधा हो कर लेट जाता हूँ तुम ऊपर से आकर लंड के ऊपर बैठो जैसे तुम्हारा मन करे और जितना दिल करे लंड अपने अंदर लो। नबीला अपनी टाँगें दोनों ओर करके मेरी जांघों के ऊपर बैठ गई तो मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और थोड़ा ऊपर उठकर अपनी योनी के छेद को मेरे लंड की टोपी पे सेट किया और फिर अपनी योनी को लंड के ऊपर दबाने लगी लेकिन इस स्थिति में उसे थोड़ी तकलीफ हो रही थी तो उसने लंड को बाहर निकाला और मेरे लंड को मुंह में लेकर अच्छी तरह अपनी थूक से गीला किया तो कुछ थूक निकाल कर अपनी योनी के छेद मे लगा दिया और उसके बाद फिर लंड को अपनी योनी के छेद पे सेट किया और एक झटका दिया तो मेरा आधा लंड टोपी समेत उसकी योनी में चला गया उसका शरीर संतुलन में नहीं रहा था जिससे झटका तेज लगा ..और लंड एक ही झटके में आधा अंदर हो गया। नबीला मुंह से आवाज आई हााे भाई मर गई। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
