hotaks444
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फूफा शायद अब पूरे जोश मे थे और तेज़ी से चोदने लगे, फिर 5, 6 धक्कों मे वो भी झड़ गये और चाची पर लेट गये, चाची उनके पीठ (बॅक) को कस कर जकड लिया और उनसे चिपक गयी, खुच देर बाद उन्होने फूफा को अपने से अलग किया और कपड़े ठीक करने लगी, तभी फूफा ने चाची को अपनी तरफ खींचा और किस कर लिया चाची शरमाते हुए उठी और सीधा नीचे चली गई. मेरी भी हालत कुछ अच्छी नही थी मे अभी भी अपने छोटेसे लंड को तना हुआ महसूस कर रहा था शायद यही मेरा सेक्स का पहल अनुभव था जिसे मैने अपनी आँखों के सामने देखा था, अब मुझे भी ये सब देखना अच्छा लगने लगा था.
दूसरे दिन मे जब सुबह 7 बजे उठा तो देखा फूफा बिस्तर पर नही थे विकाश अभी भी मेरे ही सोया था, मे उठा और अपने कमरे मे जा कर टूतपेस्ट और ब्रश लिया और छत की सीढ़ियों पर बैठ गया था भी देखा चाची चाइ (टी) लेकर फूफा के कमरे मे जा रही है, मे भी सीधे नीचे उतरा और खिड़की के पास जा कर खड़ा होगया अंदर से फूफा और चाची की आवाज़ आ रही थी.
चाची: "क्या बात आज तो बड़े फ्रेश लग रहे है"
फूफा: "हां...कल रात पहली बार इतनी अच्छी नींद आई"
चाची: "हमारी तो नींद ही उड़ा दी आपने"
फूफा: "क्यूँ क्या हुआ?"
चाची: "कल रात भर मे ठीक से नींद नही आई..पूरे बदन मे दर्द सा है"
फूफा:" क्यूँ कल रात तुम्हे मज़ा नही आया क्या?"
चाची:" हाए राम...कितना मोटा है आपका अभी तक दर्द हो रहा है...लग रहा है अभी भी अंदर है"
फूफा: "रात को तो बड़े मज़े से ले रही थी...अब कह रही हो दर्द हो रहा है"
चाची: "मना कर देती तो अच्छा होता.. ये दर्द तो नही होता"
फूफा: "बड़ी नाज़ुक हो..एक ही बार मे डर गयी...अब तो रोज करना है"
चाची: "ना बाबा...अभी 2, 3 दिन नही"
फूफा: "2, 3 दिन!!....अर्रे मेरा तो अभी भी खड़ा है तुम्हारी चूंची और चूतर देख कर..क्यूँ ना हम अभी !!"
चाची: "आआहह राजेश क्या कर रहे है आप, दरवाज़ा खुला है कमल आ जाएगी, आआअहह मत दबाओ दर्द हो रहा है"
फूफा: “उपरवालेने बड़े फुरशत मे बनाया है आपको”
चाची: “छोड़िए ना कोई आ जाएगा”
फूफा: "अर्रे 2 मिनट. मे हो जाएगा...सारी उपर करो ना!!"
चाची: "राजेश अभी नही, दोपहर मे कर लेना उूउउइ ऊओ नही"
फूफा: "अर्रे दोपहर मे भी कर लेंगे..अभी तो लंड खड़ा होगया है, तुम्हारी चूत लिए बिना मानेगा नही, तुम घूम के टेबल के सहारे झुक जाओ"
दूसरे दिन मे जब सुबह 7 बजे उठा तो देखा फूफा बिस्तर पर नही थे विकाश अभी भी मेरे ही सोया था, मे उठा और अपने कमरे मे जा कर टूतपेस्ट और ब्रश लिया और छत की सीढ़ियों पर बैठ गया था भी देखा चाची चाइ (टी) लेकर फूफा के कमरे मे जा रही है, मे भी सीधे नीचे उतरा और खिड़की के पास जा कर खड़ा होगया अंदर से फूफा और चाची की आवाज़ आ रही थी.
चाची: "क्या बात आज तो बड़े फ्रेश लग रहे है"
फूफा: "हां...कल रात पहली बार इतनी अच्छी नींद आई"
चाची: "हमारी तो नींद ही उड़ा दी आपने"
फूफा: "क्यूँ क्या हुआ?"
चाची: "कल रात भर मे ठीक से नींद नही आई..पूरे बदन मे दर्द सा है"
फूफा:" क्यूँ कल रात तुम्हे मज़ा नही आया क्या?"
चाची:" हाए राम...कितना मोटा है आपका अभी तक दर्द हो रहा है...लग रहा है अभी भी अंदर है"
फूफा: "रात को तो बड़े मज़े से ले रही थी...अब कह रही हो दर्द हो रहा है"
चाची: "मना कर देती तो अच्छा होता.. ये दर्द तो नही होता"
फूफा: "बड़ी नाज़ुक हो..एक ही बार मे डर गयी...अब तो रोज करना है"
चाची: "ना बाबा...अभी 2, 3 दिन नही"
फूफा: "2, 3 दिन!!....अर्रे मेरा तो अभी भी खड़ा है तुम्हारी चूंची और चूतर देख कर..क्यूँ ना हम अभी !!"
चाची: "आआहह राजेश क्या कर रहे है आप, दरवाज़ा खुला है कमल आ जाएगी, आआअहह मत दबाओ दर्द हो रहा है"
फूफा: “उपरवालेने बड़े फुरशत मे बनाया है आपको”
चाची: “छोड़िए ना कोई आ जाएगा”
फूफा: "अर्रे 2 मिनट. मे हो जाएगा...सारी उपर करो ना!!"
चाची: "राजेश अभी नही, दोपहर मे कर लेना उूउउइ ऊओ नही"
फूफा: "अर्रे दोपहर मे भी कर लेंगे..अभी तो लंड खड़ा होगया है, तुम्हारी चूत लिए बिना मानेगा नही, तुम घूम के टेबल के सहारे झुक जाओ"