hotaks444
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नेहा ने झड़ने के बाद पानी साँसों को दुरुस्त करने के लिए वाशु की चूत से अपना मुँह कुछ देर के लिए हटा दिया वह बस अपनी उंगलियाँ वाशु की चूत पर फिरा रही थी.... वाशु भी अब उत्तेजित होने लगी थी... वाशु ने अपनी पोज़िशन बदली और बेड पर सीधी लेट गयी और नेहा को अपने पास बुलाया... अपनी साँसों को नॉर्मल करने के बाद नेहा उठी और वाशु के उप्पेर आकेर अपना मुँह उसकी एक चूची पर रख दिया और दूसरी को अपने हाथ से सहलाने लगी नेहा अब वाशु की चूची को बारी बारी से बदल बदल कर चूस रही थी साथ ही अपने हाथों से भी सहला रही थी वाशु अब पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी उसने नेहा के सर को अपने हाथों से पकड़ा और और उसे नीचे की ओर करने लगी नेहा वाशु का इशारा समझ गयी और थोड़ा नीचे होते हुए उसने अपना मुँह वाशु की धधकति चूत पर रख दिया....
वाशु के शरीर में करेंट दोडा और उसकी चूत पनिया गयी नेहा अब तेज़ी से अपनी जीभ वाशु की चूत में घुसा उसे अपनी जीभ से चोदने लगी ... कुछ देर ऐसे ही अपनी जीभ अंदर बाहर करने के बाद नेहा ने अपनी दो उंगली वाशु की चूत में घुसा दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी... नेहा अब अपनी उंगलियों से वाशु को चोद रही थी साथ ही अपने अंगूठे से उसकी क्लिट को भी रगड़ रही थी जिसका सीधा असर वाशु के शरीर पर हो रहा था उसके शरीर में खून का दौरा तेज हो गया और उत्तेजना अपनी चरम पर पहुच गयी... वाशु अपने हाथों से पानी चूचियों को मसल रही थी एकाएक उसने नेहा के सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और झार झार कर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी. दोनो थक कर चूर हो गयी थी और जल्दी ही नींद की आगोश में सो गयी.
नेक्स्ट डे सुबह देव ऑफीस जाने के लिए तय्यार हो रहे हैं और वसुंधरा यानी देव की पत्नी वाशु उनका नाश्ता रेडी करने में लगी है..... जिसमे नेहा उसकी हेल्प कर रही है. .... आज दिन का क्या प्रोग्राम है नेहा वाशु से पूछती है..... अभी कुछ सोचा नही है पहले देव को ऑफीस जाने दो फिर देखते हैं.... वाशु ने नेहा से कहा.... दोनो बातें करती हुई नाश्ता रेडी कर रही हैं... देव भी ऑफीस जाने के लिए तय्यार है और नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठता है और वाशु को आवाज़ लगाता है... वाशु जल्दी से डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगाती है और तीनो साथ बैठकर नाश्ता करते हैं....
शमा अपने रूम में सो रही है वह अभी तक नही उठी है.... शायद रात में देर से सोई थी.... देव शाम को जल्दी घर आ जाना नही तो हम घर में बोर होती रहेंगी... वाशु ने देव से कहा... तुम कहो तो ऑफीस ना जाउ... देव ने मज़ाक के लहजे से कहा और नेहा की ओर देखने लगा.... नेहा जो रात कि नज़ारे को सोचते हुए तिरछी नज़रों से देव को देख रही थी अपनी ओर देव को यूँ देखते पाकर सकपका जाती है और अपनी निगाह नीची कर लेती है......
देव नाश्ता करने के बाद ऑफीस के लिए निकल जाते हैं.... वाशु और नेहा अपना नाश्ता फिनिश करने के बाद झूठे बर्तनो को रसोई में रखती हैं और फिर घर की साफ सफाई मे लग जाती हैं...... शमा नींद से जागती है और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाती है फ्रेश होने के बाद शमा नाश्ते के लिए नीचे आती है और रसोई में जाती है गुड मॉर्निंग मम्मी गुड मॉर्निंग आंटीजी... शमा वाशु को आंटी कहकर बुलाती है... गुड मॉर्निंग बेटा उठ गयी.. नेहा ने पूछा... हाआँ मम्मी जल्दी से नाश्ता दो बहुत भूक लगी है.... अभी देती हूँ नेहा ने जवाब दिया. नींद कैसी आई तुम्हे शमा हमारे यहाँ तो तुम कभी रुकी ही नही रात को .... वाशु ने पूछा. बहुत अच्छी नींद आई आंटीजी.. शमा ने जवाब दिया. तब तक नेहा ने शमा का नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दिया और शमा से कहा नाश्ता रेडी है बेटा... शमा डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने बैठ जाती है.. नेहा और वाशु फिर से अपने काम में लग जाते है...
नाश्ता करने के बाद शमा अपने रूम में वापस चली जाती है और अपनी फ्रेंड से मिलने जाने के लिए तय्यार होने लगी है... शमा जल्दी से रेडी होकर अपनी फ्रेंड के घर के लिए निकल जाती है. वाशु और नेहा ने भी घर का सारा काम निपटा लिया है और दोनो ड्राइयिंग रूम में बैठकेर आराम करते हुए टीवी देख रही है... आज रात का क्या प्रोग्राम है क्या देव से मेरा मिलन करवा रही हो या नही... नेहा ने वाशु से कहा. हां देखते हैं अभी तो रात बहुत डोर है.... वाशु ने कहा. वाशु मैं चाहती हूँ के तुम मुझे देव से चुदवा भी दो और देव को पता भी ना चले... नेहा ने वाशु से कहा. ऐसा कैसे हो सकता है देव को शक हो जाएगा और फिर मैं देव से को क्या कहूँगी कि मैं क्या करने वाली हूँ... वाशु ने अचरज भरे स्वर में कहा. मुझे पता है तुम इस सब में माहिर हो पता है हमने राज के साथ कैसे होटेल में मज़े लिए थे .. मुझे पक्का यकीन है तुम कोई ना कोई चक्कर चला ही लोगि..... नेहा ने कॉन्फिडेन्स से कहा. राज की बात और थी पर देव के साथ ऐसा करना बहुत मुस्किल है वो एक पल में समझ जाएँगे कि कुछ गड़बड़ है.... वाशु ने अपनी आसंका जाहिर की. फिर भी तुम कुछ कोसिस तो कर ही सकती हो फिर जो होगा देखा जाएगा... नेहा ने कहा.
जब तुम्हे चुदवाना ही है तो फिर छुपाने से क्या फायडा और चलो मान लिया कि मैं ये सब करने के लिए तय्यार हो गयी पर क्या देव को पता नही चलेगा कि ये मैं नही कोई और है... वाशु ने फिर कहा. जहाँ तक हो सके छुपाने की कोसिस करते हैं फिर बाद में जो होगा देख लेंगे... तुम कोई प्लान सोचो मैं जाके रात की तय्यारी करती हूँ और नेहा ये कहकर वाशु को एक आँख मारती हुई अपने रूम में जाती है और अपने सारे कपड़े उतार कर बाथरूम में घुस जाती है... बाथरूम में घुसने के बाद नेहा अपने आपको बाथरूम के बड़े से शीशे में खुद को निहारती है और फिर अपनी ही चूचियों पर प्यार से हाथ फिराती है.... कुछ देर अपनी चूचियों से खेलने के बाद नेहा अपना एक हाथ अपनी चूत की तरफ ले जाती है और देव से चुदवाने के अहसास मात्र से ही नेहा की चूत पूरी गीली हो गयी थी.... नेहा अपनी उंगलियाँ अपनी चूत पर फिराने लगती है और उत्तेजित होने लगती है... कुछ देर ऐसे ही खेलने के बाद उसे कुछ याद आता है और नेहा वापस रूम में आती है और अपने बॅग से एक हेर रिमूवर क्रीम निकालती है फिर से बाथ रूम में घुस जाती है....
वाशु के शरीर में करेंट दोडा और उसकी चूत पनिया गयी नेहा अब तेज़ी से अपनी जीभ वाशु की चूत में घुसा उसे अपनी जीभ से चोदने लगी ... कुछ देर ऐसे ही अपनी जीभ अंदर बाहर करने के बाद नेहा ने अपनी दो उंगली वाशु की चूत में घुसा दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी... नेहा अब अपनी उंगलियों से वाशु को चोद रही थी साथ ही अपने अंगूठे से उसकी क्लिट को भी रगड़ रही थी जिसका सीधा असर वाशु के शरीर पर हो रहा था उसके शरीर में खून का दौरा तेज हो गया और उत्तेजना अपनी चरम पर पहुच गयी... वाशु अपने हाथों से पानी चूचियों को मसल रही थी एकाएक उसने नेहा के सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और झार झार कर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी. दोनो थक कर चूर हो गयी थी और जल्दी ही नींद की आगोश में सो गयी.
नेक्स्ट डे सुबह देव ऑफीस जाने के लिए तय्यार हो रहे हैं और वसुंधरा यानी देव की पत्नी वाशु उनका नाश्ता रेडी करने में लगी है..... जिसमे नेहा उसकी हेल्प कर रही है. .... आज दिन का क्या प्रोग्राम है नेहा वाशु से पूछती है..... अभी कुछ सोचा नही है पहले देव को ऑफीस जाने दो फिर देखते हैं.... वाशु ने नेहा से कहा.... दोनो बातें करती हुई नाश्ता रेडी कर रही हैं... देव भी ऑफीस जाने के लिए तय्यार है और नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठता है और वाशु को आवाज़ लगाता है... वाशु जल्दी से डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगाती है और तीनो साथ बैठकर नाश्ता करते हैं....
शमा अपने रूम में सो रही है वह अभी तक नही उठी है.... शायद रात में देर से सोई थी.... देव शाम को जल्दी घर आ जाना नही तो हम घर में बोर होती रहेंगी... वाशु ने देव से कहा... तुम कहो तो ऑफीस ना जाउ... देव ने मज़ाक के लहजे से कहा और नेहा की ओर देखने लगा.... नेहा जो रात कि नज़ारे को सोचते हुए तिरछी नज़रों से देव को देख रही थी अपनी ओर देव को यूँ देखते पाकर सकपका जाती है और अपनी निगाह नीची कर लेती है......
देव नाश्ता करने के बाद ऑफीस के लिए निकल जाते हैं.... वाशु और नेहा अपना नाश्ता फिनिश करने के बाद झूठे बर्तनो को रसोई में रखती हैं और फिर घर की साफ सफाई मे लग जाती हैं...... शमा नींद से जागती है और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाती है फ्रेश होने के बाद शमा नाश्ते के लिए नीचे आती है और रसोई में जाती है गुड मॉर्निंग मम्मी गुड मॉर्निंग आंटीजी... शमा वाशु को आंटी कहकर बुलाती है... गुड मॉर्निंग बेटा उठ गयी.. नेहा ने पूछा... हाआँ मम्मी जल्दी से नाश्ता दो बहुत भूक लगी है.... अभी देती हूँ नेहा ने जवाब दिया. नींद कैसी आई तुम्हे शमा हमारे यहाँ तो तुम कभी रुकी ही नही रात को .... वाशु ने पूछा. बहुत अच्छी नींद आई आंटीजी.. शमा ने जवाब दिया. तब तक नेहा ने शमा का नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दिया और शमा से कहा नाश्ता रेडी है बेटा... शमा डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने बैठ जाती है.. नेहा और वाशु फिर से अपने काम में लग जाते है...
नाश्ता करने के बाद शमा अपने रूम में वापस चली जाती है और अपनी फ्रेंड से मिलने जाने के लिए तय्यार होने लगी है... शमा जल्दी से रेडी होकर अपनी फ्रेंड के घर के लिए निकल जाती है. वाशु और नेहा ने भी घर का सारा काम निपटा लिया है और दोनो ड्राइयिंग रूम में बैठकेर आराम करते हुए टीवी देख रही है... आज रात का क्या प्रोग्राम है क्या देव से मेरा मिलन करवा रही हो या नही... नेहा ने वाशु से कहा. हां देखते हैं अभी तो रात बहुत डोर है.... वाशु ने कहा. वाशु मैं चाहती हूँ के तुम मुझे देव से चुदवा भी दो और देव को पता भी ना चले... नेहा ने वाशु से कहा. ऐसा कैसे हो सकता है देव को शक हो जाएगा और फिर मैं देव से को क्या कहूँगी कि मैं क्या करने वाली हूँ... वाशु ने अचरज भरे स्वर में कहा. मुझे पता है तुम इस सब में माहिर हो पता है हमने राज के साथ कैसे होटेल में मज़े लिए थे .. मुझे पक्का यकीन है तुम कोई ना कोई चक्कर चला ही लोगि..... नेहा ने कॉन्फिडेन्स से कहा. राज की बात और थी पर देव के साथ ऐसा करना बहुत मुस्किल है वो एक पल में समझ जाएँगे कि कुछ गड़बड़ है.... वाशु ने अपनी आसंका जाहिर की. फिर भी तुम कुछ कोसिस तो कर ही सकती हो फिर जो होगा देखा जाएगा... नेहा ने कहा.
जब तुम्हे चुदवाना ही है तो फिर छुपाने से क्या फायडा और चलो मान लिया कि मैं ये सब करने के लिए तय्यार हो गयी पर क्या देव को पता नही चलेगा कि ये मैं नही कोई और है... वाशु ने फिर कहा. जहाँ तक हो सके छुपाने की कोसिस करते हैं फिर बाद में जो होगा देख लेंगे... तुम कोई प्लान सोचो मैं जाके रात की तय्यारी करती हूँ और नेहा ये कहकर वाशु को एक आँख मारती हुई अपने रूम में जाती है और अपने सारे कपड़े उतार कर बाथरूम में घुस जाती है... बाथरूम में घुसने के बाद नेहा अपने आपको बाथरूम के बड़े से शीशे में खुद को निहारती है और फिर अपनी ही चूचियों पर प्यार से हाथ फिराती है.... कुछ देर अपनी चूचियों से खेलने के बाद नेहा अपना एक हाथ अपनी चूत की तरफ ले जाती है और देव से चुदवाने के अहसास मात्र से ही नेहा की चूत पूरी गीली हो गयी थी.... नेहा अपनी उंगलियाँ अपनी चूत पर फिराने लगती है और उत्तेजित होने लगती है... कुछ देर ऐसे ही खेलने के बाद उसे कुछ याद आता है और नेहा वापस रूम में आती है और अपने बॅग से एक हेर रिमूवर क्रीम निकालती है फिर से बाथ रूम में घुस जाती है....