hotaks444
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"हाँ मुझे भी ऐसा ही लगा कि उसे खुशी हुई है" कहकर शमा ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और अपनी बेहन के चेहरे पर आए भावों को देखने लगी... "हे भगवान.. में भी कितनी बड़ी बेवकूफ़ हूँ मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था... अब देखना जब प्रीति को पता चलेगा तो वो भी अपनी भाई की तरह तुम्हारी चूत का स्वाद चखना चाहेगी" स्वीटी ने कहा.
"हां लेकिन मुझे नही लगता कि वो ऐसा कर पाएगी" शमा ने जवाब दिया. "अरे तुझे उसकी जीब का कमाल नही पता... एक बार उससे चूत चूस्वा लेगी तो दोबारा ना नही कर पाएगी." स्वीटी ने कहा, "या फिर लगता है कि मुझे तुम्हे सीखाना पड़ेगा की चूत कैसे चूसी जाती है ?"
"देखो स्वीटी किसी लड़के चुदवाना अलग बात है और किसी लड़की के साथ सेक्स ये में सोच भी नही सकती.. प्लीज़ ज़िद मत करना हाँ भविश्य का में कह नही सकती" शमा ने अपनी छोटी बेहन से कहा. तभी उनके मम्मी पापा घर आ गये और दोनो बहने अपने अपने काम मे लग गयी.राज और प्रीति जब घर पहुँचे तो उनके मम्मी डॅडी घर पर उनका इंतेज़ार कर रहे थे. और दोनो ही खुश नज़र आ रहे थे...
राज और प्रीति घर मे कुछ बँध से गये थे.. मम्मी पापा के घर मे होते हुए उन्हे मन मानी करने के आज़ादी नही मिल पा रही थी... अब वो इंतेज़ार कर रहे थे उस दिन का जब उन्हे एक बार फिर घर मे एकांत मिले... प्रीति सोचने लगी कि कैसे उसने स्वीटी की झांते सॉफ की थी और जब वो दोबारा उससे मिलेगी तो क्या उसकी चूत वैसे ही होगी... और क्या उसकी नई बिना बालों वाली चूत देख पाएगा... उसे चोद पाएगा...
कुछ दीनो बाद नाश्ते की टेबल पर वसुंधरा ने कहा, "मुझे एक हफ्ते के लिए काम से सहर के बाहर जाना है" राज और प्रीति की नज़रे एक दूसरे की ओर गयी...बड़ी मुश्किल से दोनो ने अपनी मुस्कान छुपाई... अब उन्हे किसी तरह अपने पिताजी को रास्ते से अलग करना था फिर वो दोनो खुल कर मज़ा कर सकते थे.. राज ने अपना ईमेल चेक किया तो उसने देखा कि गीली चूत से ईमेल आया था कि कल की रात वो दिन है जब वो दोनो मिलकर चुदाई कर सकते है... उसने प्रीति से कह दिया कि कल की रात वो अपने दोस्त के यहाँ गुज़ारेगा.... प्रीति को राज की बात सुनकर थोड़ी निराशा हुई.. लेकिन वो कुछ कर भी तो नही सकते थे.. उनके पिताजी थे कि घर से बाहर ही नही जा रहे थे.. गीली चूत ने अपने होटेल का नाम पता और रूम नंबर उसे लीख भेजा था.
अगले दिन राज प्रीति से विदा लेकर निकल गया.. और प्रीति अपने कमरे मे आ गयी और उसने अपने चाचा वाली कहानी को पूरा करने की सोच लिया....वो सिर्फ़ लाल रंग का छोटा टॉप और पॅंटी पहने कुर्सी पर बैठ
कहानी को पूरा करने मे लग गयी... वो जैसे जैसे लिखती जा रही थी वो खुद गरमा रही थी...और आख़िर वो कहानी को एक ऐसे मोड़ पे लाई..जहाँ वो छोटी लड़की उत्तेजना और गर्मी से एक छीनाल बन अपने
बाप का लंड चूस्ति है और फिर जहाँ वो बैठ कर कहानी लीखा करता था उसी टेबल पर उसे चोदने देती है.... कहानी लीखते हुए वो अपनी चूत मे उंगली करती रही कि क्या उसे ये कहानी अपने चाचा
को वापस भेजनी चाहिए.. वो क्या सोचेंगे... क्या वो पढ़ कर खुश होंगे या फिर गुस्से से भर जाएँगे... वो थोडा और सोचना चाहती थी इसलिए वो अपने कमरे से निकल किचन से अपने लिए कुछ ड्रिंक लाने के लिए उठी... देव उस समय किचन मे था..जब उसकी बेटी ने किचन मे कदम रखा...देव ने देखा कि उसकी बेटी के खड़े निपल उसकी पतली टी-शर्ट से छलक रहे थे... उसे लगा कि उसे इस तरह अपनी बेटी को नही देखना चाहिए... लेकिन वो अपनी निगाहों को हटा नही पाया.... प्रीति के तो तन बदन मे आग लगी हुई थी.. उसे पता था कि उसके पिताजी तिरछी नज़रों से उसे देख रहे है... और ना जाने क्यो वो अपनी हरकतों से उन्हे चिढ़ाने लगी.. देव के कड़क होते लंड का उभार उससे छिपा ना रहा... उसे पता था कि घर मे वो दोनो अकेले ही है... उसका दिल तो कर रहा था कि वो रात को अचानक अपने बाप के कमरे मे जाकर उनका लंड पकड़ ले और ज़ोर से चूसे.... पर वो ऐसा कर नही सकती थी...
"हां लेकिन मुझे नही लगता कि वो ऐसा कर पाएगी" शमा ने जवाब दिया. "अरे तुझे उसकी जीब का कमाल नही पता... एक बार उससे चूत चूस्वा लेगी तो दोबारा ना नही कर पाएगी." स्वीटी ने कहा, "या फिर लगता है कि मुझे तुम्हे सीखाना पड़ेगा की चूत कैसे चूसी जाती है ?"
"देखो स्वीटी किसी लड़के चुदवाना अलग बात है और किसी लड़की के साथ सेक्स ये में सोच भी नही सकती.. प्लीज़ ज़िद मत करना हाँ भविश्य का में कह नही सकती" शमा ने अपनी छोटी बेहन से कहा. तभी उनके मम्मी पापा घर आ गये और दोनो बहने अपने अपने काम मे लग गयी.राज और प्रीति जब घर पहुँचे तो उनके मम्मी डॅडी घर पर उनका इंतेज़ार कर रहे थे. और दोनो ही खुश नज़र आ रहे थे...
राज और प्रीति घर मे कुछ बँध से गये थे.. मम्मी पापा के घर मे होते हुए उन्हे मन मानी करने के आज़ादी नही मिल पा रही थी... अब वो इंतेज़ार कर रहे थे उस दिन का जब उन्हे एक बार फिर घर मे एकांत मिले... प्रीति सोचने लगी कि कैसे उसने स्वीटी की झांते सॉफ की थी और जब वो दोबारा उससे मिलेगी तो क्या उसकी चूत वैसे ही होगी... और क्या उसकी नई बिना बालों वाली चूत देख पाएगा... उसे चोद पाएगा...
कुछ दीनो बाद नाश्ते की टेबल पर वसुंधरा ने कहा, "मुझे एक हफ्ते के लिए काम से सहर के बाहर जाना है" राज और प्रीति की नज़रे एक दूसरे की ओर गयी...बड़ी मुश्किल से दोनो ने अपनी मुस्कान छुपाई... अब उन्हे किसी तरह अपने पिताजी को रास्ते से अलग करना था फिर वो दोनो खुल कर मज़ा कर सकते थे.. राज ने अपना ईमेल चेक किया तो उसने देखा कि गीली चूत से ईमेल आया था कि कल की रात वो दिन है जब वो दोनो मिलकर चुदाई कर सकते है... उसने प्रीति से कह दिया कि कल की रात वो अपने दोस्त के यहाँ गुज़ारेगा.... प्रीति को राज की बात सुनकर थोड़ी निराशा हुई.. लेकिन वो कुछ कर भी तो नही सकते थे.. उनके पिताजी थे कि घर से बाहर ही नही जा रहे थे.. गीली चूत ने अपने होटेल का नाम पता और रूम नंबर उसे लीख भेजा था.
अगले दिन राज प्रीति से विदा लेकर निकल गया.. और प्रीति अपने कमरे मे आ गयी और उसने अपने चाचा वाली कहानी को पूरा करने की सोच लिया....वो सिर्फ़ लाल रंग का छोटा टॉप और पॅंटी पहने कुर्सी पर बैठ
कहानी को पूरा करने मे लग गयी... वो जैसे जैसे लिखती जा रही थी वो खुद गरमा रही थी...और आख़िर वो कहानी को एक ऐसे मोड़ पे लाई..जहाँ वो छोटी लड़की उत्तेजना और गर्मी से एक छीनाल बन अपने
बाप का लंड चूस्ति है और फिर जहाँ वो बैठ कर कहानी लीखा करता था उसी टेबल पर उसे चोदने देती है.... कहानी लीखते हुए वो अपनी चूत मे उंगली करती रही कि क्या उसे ये कहानी अपने चाचा
को वापस भेजनी चाहिए.. वो क्या सोचेंगे... क्या वो पढ़ कर खुश होंगे या फिर गुस्से से भर जाएँगे... वो थोडा और सोचना चाहती थी इसलिए वो अपने कमरे से निकल किचन से अपने लिए कुछ ड्रिंक लाने के लिए उठी... देव उस समय किचन मे था..जब उसकी बेटी ने किचन मे कदम रखा...देव ने देखा कि उसकी बेटी के खड़े निपल उसकी पतली टी-शर्ट से छलक रहे थे... उसे लगा कि उसे इस तरह अपनी बेटी को नही देखना चाहिए... लेकिन वो अपनी निगाहों को हटा नही पाया.... प्रीति के तो तन बदन मे आग लगी हुई थी.. उसे पता था कि उसके पिताजी तिरछी नज़रों से उसे देख रहे है... और ना जाने क्यो वो अपनी हरकतों से उन्हे चिढ़ाने लगी.. देव के कड़क होते लंड का उभार उससे छिपा ना रहा... उसे पता था कि घर मे वो दोनो अकेले ही है... उसका दिल तो कर रहा था कि वो रात को अचानक अपने बाप के कमरे मे जाकर उनका लंड पकड़ ले और ज़ोर से चूसे.... पर वो ऐसा कर नही सकती थी...