Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर - Page 21 - SexBaba
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Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर

फिर वो अपनी उंगली उसकी साड़ी में फाँसता हैं और धीरे धीरे उसके निकालने लगता हैं...थोड़ी देर बाद निशा के जिस्म से साड़ी जुदा हो जाती हैं...इस वक़्त वो पेटिकोट और ब्लाउज में राहुल के सामने थी.....फिर राहुल अपने दोनो हाथ आगे लेजा कर उसके ब्लाउज के एक एक बटन को खोलता हैं और उसे भी अलग कर देता हैं....फिर वो उसके जिस्म से पेटिकोट भी जुदा कर देता हैं.....निशा इस वक़्त सिर्फ़ काले ब्रा और पैंटी में राहुल के सामने थी....शरम से उसकी आँखें बंद थी.....फिर राहुल एक एक कर अपने सारे कपड़े निकालता हैं और कुछ देर में वो भी बस एक अंडरवेर में निशा के सामने होता हैं....आज निशा पहली बार उसे इस हालत में देख रही थी....



राहुल तेज़ी से अपने हाथों की हरकत कर रहा था और उसके बदन के हर हिस्सों पर अपना हाथ फिरा रहा था.....फिर वो अपना हाथ आगे बढ़ाकर निशा की ब्रा का हुक खोल देता हैं.....कमरे में हल्की नीली रोशनी थी..जिससे महॉल और भी रंगीन लग रहा था......फिर वो अपने हाथ बढ़ाकर निशा की ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर देता हैं...निशा झट से अपने दोनो हाथों को अपने मूह पर रख लेती हैं......ये देखकर राहुल मुस्कुरा देता हैं....



राहुल- निशा मैं तो अब तुम्हारा पति हूँ फिर मुझसे कैसी शरम......चल उतार दो अपने ये आखरी कपड़े भी....मैं तुम्हें बिन कपड़ों के देखना चाहता हूँ....



निशा- नहीं राहुल मुझसे ये नहीं होगा....आप ही उतार दीजिए इन्हें......



राहुल फिर अपना हाथ आगे लेजा कर निशा की पैंटी भी झट से उसके बदन से अलग कर देता हैं ...थोड़ी देर बाद निशा की काली पैंटी भी बिस्तेर पर पड़ी रहती हैं....इस वक़्त निशा राहुल के सामने पूरी नंगी हालत में थी ...उसके बदन पर एक कपड़ा नहीं था...था तो बस मन्गल्सुत्र....



राहुल फिर वहीं निशा को बिस्तेर पर सुलाता हैं और फिर से उसके लिप्स पर अपने होन्ट रख देता हैं और बड़े प्यार से चूसने लगता हैं.....और अपने दोनो हाथों से निशा के दोनो बूब्स को मसल्ने लगता हैं.....निशा के मूह से लगतार सिसकारी निकल रही थी.....राहुल लगातार उसके दोनो निपल्स को अपनी दोनो उंगलियों से मसल रहा था.....और उधेर निशा की चूत बहुत बुरी तरह पानी छोड़ रही थी.....फिर राहुल अपना अंडरवेर भी निकाल देता हैं और उसका लंड निशा के सामने आ जाता हैं.....जब निशा की नज़र राहुल के लंड पर पड़ती हैं तब वो शरमा कर अपनी नज़रें झुका लेती हैं..... ये देखकर राहुल मुस्कुरा पड़ता हैं....



राहुल- मेरा हथ्यार कैसा हैं निशा....



निशा कुछ बोल नहीं पाती और उसका चेहरा शरम से लाल पड़ जाता हैं.....



राहुल- जवाब दो ना तुम्हें पसंद आया कि नहीं....



निशा- मुझे नहीं मालूम.... मुझे शरम आती हैं.....



फिर राहुल अपने होन्ट निशा की गर्देन पर रख देता हैं और उसके पूरे बदन पर अपना जीभ फिराता हैं .....एक बार फिर से निशा तड़प उठती है.....फिर वो अपने जीभ को निशा के दो छोटे छोटे निपल्स पर रख देता हैं और उसे बड़े हौले हौले चूसने लगता हैं.....निशा भी अब खुल कर मज़ा ले रही थी......फिर वो नीचे की ओर बढ़ता हैं और अपनी जीभ सरकाते हुए हौले हौले उसके चूत के पास ले जाता हैं और अपना जीभ निशा की चूत पर रखकर उसे चूम लेता हैं....निशा इस बार चीख पड़ती हैं.......



फिर राहुल अपने जीभ को वहीं निशा की चूत पर धीरे धीरे फिराने लगता हैं और धीरे धीरे उसे चाटना शुरू करता हैं...अपने दोनो हाथों को वो निशा की चूत के पास ले जाता हैं और उसकी दोनो फांकों को अलग करता हैं और उसके छेद में अपनी जीभ डाल कर अपनी जीभ को हरकत देता हैं.....ऐसे ही दो तीन बार करने से निशा का सब्र टूट जाता हैं और वो चीखते हुए झड़ने लगती हैं.....आआआआआ.............हह.................आअहह.....और वहीं धम्म से बिस्तेर पर लेट जाती हैं......उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था.......और वो बहुत मुश्किल से अपनी सांसो को कंट्रोल कर रही थी..



इस वक़्त निशा की आँखें बंद थी...राहुल बड़े गौर से उसके चेहरे को देख रहा था.....फिर वो उठता हैं और अपने होंटो को फिर से निशा के होंटो पर रखकर चूसने लगता हैं....निशा फिर से गरम होने लगती हैं.....राहुल उसे अपने लंड को मूह में लेने को कहता हैं और निशा मुस्कुरकर धीरे से नीचे झुक जाती हैं और धीरे धीरे अपने मूह को पूरा खोल देती हैं......फिर वो धीरे धीरे राहुल के लंड की टोपी को अपने मूह में लेकर चूसने लगती हैं....राहुल की मज़े से आँखें बंद हो जाती हैं....थोड़ी देर तक वो ऐसे ही राहुल का लंड चूसति हैं और अपनी जीभ पूरे उसके लंड पर फिराती हैं.....राहुल के मूह से लगातार सिसकारी निकल रही थी....



थोड़ी देर बाद राहुल एक शीशी में तेल लाता हैं और थोड़ा सा अपने लंड पर लगाता हैं...और थोड़ा सा तेल निशा की चूत पर भी मल देता हैं....फिर वो निशा को बिस्तेर पर पीठ के बल सुलाता हैं और धीरे से उसके उपर चढ़ जाता हैं.....इस वक़्त निशा की चूत पूरी तरह से गीली थी और राहुल का लंड उसकी चूत से पूरा सटा हुआ था.....फिर वो अपना लंड निशा की चूत पर रखता हैं और धीरे धीरे अपने लंड पर दबाव डालना शुरू करता हैं.....



राहुल- निशा तुम्हारा पहली बार हैं तो तुम्हें दर्द होगा...तुम प्लीज़ ये दर्द मेरी खातिर बर्दास्त कर लेना....बाद में तुम्हें फिर अच्छा लगेगा.....



निशा- तुम्हारी खातिर मुझे सब मंज़ूर हैं राहुल...फिर ये दर्द क्या चीज़ हैं.....आज मुझे लड़की से हमेशा के लिए औरत बना दो राहुल......तुम मेरी फिकर मत करना .....



राहुल फिर धीरे से अपना लंड निशा की चूत पर रखता हैं और धीरे धीरे दबाव डालना शुरू करता हैं...निशा का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था....वो भी राहुल का पूरा समर्थन करती हैं....राहुल अपना लंड पहले धीरे से अंदर की ओर पुश करता हैं फिर वो बाहर निकाल कर तेज़ी से तुरंत अंदर डाल देता हैं......उसका लंड करीब 3 इंच तक अंदर चला जाता हैं....निशा की ज़ोर से चीख निकल पड़ती हैं..आआआआआ............हह....



राहुल फिर से थोड़ा सा अपना लंड बाहर निकालता हैं और इस बार बिना रुके वो दबाव बढ़ाने लगता हैं....लंड तेज़ी से अंदर की ओर घुसता चला जाता हैं... इधेर निशा की वर्जिनिटी को तोड़ते हुए उसका लंड पूरा अंदर गहराई में घुस जाता हैं..... निशा इस वक़्त दर्द से चीख रही थी और उसकी आँखों में आँसू थे....मगर वो राहुल को एक भी बार रोकने की कोशिश नहीं कर रही थी....थोड़ी देर बाद राहुल उसके होंटो को चूस्ता हैं और अपना लंड वहीं रहने देता हैं....कुछ देर बाद निशा पहले से थोड़ा अच्छा फील करती हैं और फिर राहुल एक बार पूरा अपना लंड बाहर निकालता हैं और उतनी ही तेज़ी से अंदर की ओर डाल देता हैं...इस बार राहुल का पूरा लंड निशा की चूत में समा जाता हैं.....
 
निशा सिर्फ़ दर्द से तड़प रही थी और लगातार चीख रही थी.....राहुल उसकी परवाह किए बगैर अपना लंड तेज़ी से आगे पीछे करना शुरू कर देता हैं और थोड़ी देर बाद निशा का भी दर्द कम होने लगता हैं...इस वक़्त राहुल का लंड खून से सना हुआ था...और कुछ खून की बूँदें बिस्तेर पर भी गिरी थी....वो अपनी रफ़्तार कम नहीं करता हैं एक हाथ से वो निशा के बूब्स को मसलता हैं और अपने होंटो से उसके होंटो को चूस्ता हैं..... आब निशा की भी आहें तेज़्ज़ हो रही थी...करीब 15 मिनिट बाद राहुल अपने चरम पर पहुँच जाता हैं और अपना सारा कम निशा की चूत में निकाल देता हैं....निशा भी चीखते हुए दुबारा झाड़ जाती हैं........इस वक़्त दोनो बिस्तेर पर एक दूसरे की बाहों में नंगे पड़े हुए थे......



थोड़ी देर बाद राहुल फिर से निशा को सुलाता हैं और फिर से उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसकी फिर से चुदाई करता हैं....उस रात राहुल ने तीन बार निशा की चूत मारी थी और एक बार निशा की गान्ड में भी अपना लंड डाला था.....पहली बार निशा का अनल सेक्स से उसे बहुत तकलीफ़ हुई लेकिन बाद में उसे भी मज़ा आने लगा......



सुबेह जब निशा की आँख खुलती हैं तो वो इस वक़्त राहुल की बाहों में नंगी पड़ी थी...झट से वो चादर लेती हैं और अपने नंगे बदन पर डाल लेती हैं.....राहुल की भी आँखें खुल जाती हैं और वो फिर से निशा को अपनी बाहों में ले लेता हैं और उसके बूब्स और निपल्स को अपनी उंगलियों से मसल्ने लगता हैं.....निशा फिर से गरम होने लगती हैं और फिर एक राउंड उनके बीच चुदाई का खेल शुरू हो जाता हैं.....


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वक़्त बीतता गया और धीरे धीरे राहुल राधिका का गम भूलने लगा.....निशा उसका पूरा ख्याल रखती....और उसे कभी भी अकेला नहीं छोड़ती....धीरे धीरे राहुल भी अपने कामों में व्यस्त होता गया.....इधेर निशा भी अपने घर के कामों में व्यस्त रहने लगी....मगर उनकी सेक्स लाइफ मस्त रहती...निशा कभी भी राहुल को मना नहीं करती और जैसा राहुल उसके साथ सेक्स करना चाहता वो उसका पूरा समर्थन करती....मगर हर सुबेह जब राहुल की नींद खुलती वो सबसे पहले राधिको को ही याद करता.....आज भी राधिका उसके जेहन में बसी हुई थी....धीरे धीरे राहुल भी अब निशा को चाहने लगा था.....



वक़्त बीतता गया और निशा और राहुल की शादी को पूरे दो साल बीत गये....और राधिका को भी गुज़रे दो साल हो चुके थे.....उनके घर पर भी एक छोटा सा मेहमान आ गया था.....निशा ने एक बेटी को जनम दिया था.....वो अभी फिलहाल एक साल की थी.....बिल्कुल प्यारी सी मासूम ....हर सुबेह राहुल उसे अपनी गोद में खिलाता और ढेर सारा प्यार उसपर लुटाता....आज पूरे दो साल बीत जाने पर भी राहुल आज भी राधिका को भूल नहीं पाया था.....वो सबसे पहले आज भी राधिका की तस्वीर देखकर ही उठता था और अपने पर्स में रखा राधिका की फोटो को वो सबसे पहले चूमता था.....अब राहुल भी निशा को बहुत चाहने लगा था.......



एक सुबेह जब राहुल की नींद खुली तब उसे सबसे पहले यही ध्यान आया कि आज राधिका का बर्तडे था....इस वक़्त उसकी बेबी वहीं बगल में सो रही थी...और निशा अपने घर के काम में व्यस्त थी...वो बड़े प्यार से अपने बेटी के सिर पर अपना हाथ फेर रहा था.....फिर वो पर्स निकालता हैं और उस पर्स में राधिका की फोटो थी वो उसे चूम लेता हैं.....और फिर अपनी आँखें बंद कर कुछ सोचने लगता हैं.....



"राहुल अपनी पोलीस की वर्दी में घर के अंदर आता हैं और डोर बेल बजाता हैं.....थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खुलता हैं..... सामने राधिका खड़ी हुई हाथों में गुलाब का फूल लिए उसे देख कर मुस्कुरा रही थी......वो भी बड़े प्यार से उसे देखने लगता हैं .....इस वक़्त वो सफेद सूट में खड़ी थी और लाल चुनरी उसने ओढ़ रखी थी....आज भी वो पहले की तरह खूबसूरत लग रही थी.....राहुल झट से उसके पास आता हैं और उसके लबों पर अपने लब रखकर उसके लबों को चूम लेता हैं....राधिका भी मुस्कुरा कर अपनी आँखें बंद कर लेती हैं......और अपना एक हाथ आगे लेजा कर वो राहुल के सिर पर बड़े प्यार से अपना हाथ फेरती हैं....राहुल एक नज़र राधिका की आँखों में देखता हैं फिर वो अपनी जेब से वहीं हीरे की अंगूठी निकालता हैं और बड़े प्यार से राधिका के हाथों में वो अंगूठी पहना देता हैं....राधिका जवाब में बस मुस्कुरा देती हैं और इतना ही कहती हैं .......तुम नहीं सुधेरोगे........देखो आज तुम्हारी बेबी एक साल की हो गयी हैं...वो तुम पर गयी हैं....आख़िर वो भी मेरी बेटी हैं.......बस राहुल उसका ध्यान रखना और उसकी अच्छी परवरिश करना....उसे हर बुराई से बचाना....और मेरे जैसे उसे मज़बूर ना बनने देना......क्यों कि मैं नहीं चाहती कि अब किसी और राधिका का दुबारा जनम हो..... बस इतना ही कहूँगी राहुल की मुझे कभी भूल ना जाना....आइ लव यू राहुल.....मैं आज भी तुम्हें उतना ही प्यार करती हूँ जितना पहले करती थी....फिर राधिका राहुल का माथा चूम लेती हैं और फिर वो तुरंत कमरे के बाहर निकल जाती हैं और बिना मुड़े वो दूर बहुत दूर चली जाती हैं राहुल चुप चाप वहीं खामोश सा खड़ा होकर राधिका को ऐसे जाते हुए देखता हैं .......थोड़ी देर बाद राधिका उसकी नज़रो से ओझल हो जाती हैं.......राहुल झट से अपनी आँखें खोल लेता हैं.....आज भी उसकी आँखों में आँसू आ गये थे.....ये सब ख्वाब थे जो कभी पूरे नहीं हो सकते थे मगर आज भी वो राधिका की याद को अपने दिल में सँजोकर रखा हुआ था..... राहुल- मैं वादा करता हूँ जान मैं अपनी बेटी की परवरिश में कोई कमी नहीं आने दूँगा...और उसे तुम जैसा बहादुर और स्ट्रॉंग बनाउन्गा.....आज भले ही तुम इस दुनिया में नहीं हो तो क्या हुआ मगर आज भी मेरे दिल में तुम ज़िंदा हो मेरी रगों में लहू बनकर. ...मैं तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ जान.......आज भले ही तुम मुझसे बहुत दूर चली गयी हो मगर मैं जब तक जीउँगा तुम्हें कभी नहीं दिल से भुला पाउन्गा.....आइ लव यू जान....... आइ मिस यू टू...................................................................." यही ज़िंदगी का दस्तूर हैं.....कुछ पाना हैं तो कुछ खोना हैं......ये सब तो आता जाता रहता हैं मगर कुछ ऐसी यादें होती हैं जो इंसान चाह कर भी उसे कभी नहीं भुला सकता......और कभी कभी वो उन्ही यादों के सहारे वो अपनी ज़िंदगी काट लेता हैं....... यही तो हैं ज़िंदगी......बस इसी का नाम हैं ज़िंदगी........हां शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी........या वक़्त के हाथो मज़बूर......................................................"
 
दोस्तो ये कहानी यही समाप्त होती है फिर मिलते रहेंगे नई नई कहानियों के साथ आपका दोस्त
 
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