hotaks444
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रणधीर को कही छिपा दिया गया था ताकि वो बलवीर के कोप से बच सके लेकिन बलवीर का भी कोई पता नही चल पा रहा था…
इधर
कालिया जंगल के अपने ठिकाने में बेचैनी के साथ घूम रहा था,चिराग सिंग और शंभु भी बेचैन लग रहे थे ..
कुछ देर के इंतजार के बाद उन्होंने किसी के आने की आहट सुनी और सामने जो था उसका चहरा देख कर कालिया और रोशनी दोनों ही झूम उठे …
“बापू ...मा…..”
मोंगरा दौड़ाते हुए जाकर दोनों से लिपट गई थी ,आज उसने पहली बार इन्हें सामने से देखा था,दोनों ही अपनी बेटी को जितयन प्यार दे सकते थे दे रहे थे,साथ ही आया बलवीर भी अपने आंखों में पानी लिए सब कुछ देख रहा था और फिर आयी चंपा जिसे देखकर बलवीर और मोंगरा का मुह ही खुल गया…
“ये तो बिल्कुल मेरी तरह ही दिखती है …”मोंगरा तुरंत अपनी बहन के गले से लग गई ,
“हा बस एक अंतर है इसके ठोड़ी में ये तीन बिंदिया बनाई गई है जिसे सरदार ने बचपन में ही बनवा दिया था..”
पूरा परिवार फिर से मिल चुका था ,सभी खुश थे तभी कालिया एक आदमी की तरफ मुड़ा
“अरे भवानी जा जाके ठाकुर को बता दे की मेरी बेटी अब मेरे साथ है ,उसका सपना अधूरा का अधूरा ही रह गया लेकिन अब मेरा सपना पूरा होगा ,ठाकुर की मौत का सपना …”
कालिया जोरो से हँस पड़ा था ………
****************
कहने के लिए भवानी ठाकुर का जासूस था लेकिन उसे जासूस कालिया ने ही बनवाया था ,ठाकुर उसे पाइसके देता था कालिया की जासूसी करने के लिया और वो कालिया का ही एक वफादार था,भवानी के चहरे में परेशानी साफ दिख रही थी ,वही परमिंदर और ठाकुर भी इस वाकये से बौखला गए थे,
“आखिर ये हुआ कैसे ..”
अभी तक उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था की आखिर रणधीर ने जब मोंगरा को मार दिया था तो वो जिंदा कैसे बची वही परमिंदर इस चिंता में था की उसका बेटा भी मोंगरा के प्यार में पड़कर अब उसे ही धोखा दे गया ,
“ठाकुर साहब ये मोंगरा की ही चाल थी ,जब रणधीर मोंगरा को थियेटर ले गया था तब भी वो अपने प्लान में काम कर रहे थे,वंहा बलवीर कालिया के एक आदमी से मिला था और उसे मोंगरा का प्लान समझाया था ,रणधीर तो मोंगरा से अय्याशी करने में ही बिजी था,आखिर मोंगरा ने रणधीर को भड़का दिया ताकि वो उसे मारने की सोचे ,बलवीर ने उसके पिस्तौल में नकली गोलियां डाल दी थी ,रही सही कसर अपने उन दोनों को बाहर भेज कर पूरी कर दी ………..”
भवानी की बात से ठाकुर बुरी तरह से बौखला गया था ,वो परमिंदर की ओर ही देख रहा था ..
“तुम्हारे खून ने तो अच्छा धोखा दिया हमे “
परमिंदर क्या कहता लेकिन उसकी आंखे नीची नही हुई थी …
“ठाकुर साहब हमारे खून में ही वफादारी है,जैसे मैं आपके लिए वफादार हु वैसे ही मेरा बेटा उस मोंगरा के लिए वफादार है ,उसने अपनी वफादारी निभाई और मैंने अपनी ,लेकिन मुझे लगता है की अब मैं और ये काम नही कर पाऊंगा,मैं आपके लिए किसी की जान ले सकता और अपनी जान दे भी सकता हु लेकिन …..लेकिन मैं अपने बेटे की जान कैसे लूंगा,अब तो वो भी कालिया गिरोह का ए सदस्य बन गया है “
ठाकुर ने जीवन में पहली बार परमिंदर की आंखों में आंसू देखे थे ..
“तुम मेरे लिए आज भी उतने ही मूल्यवान हो परमिंदर ,अगर तुम भी मेरा साथ छोड़ दोगे तो मैं टूट ही जाऊंगा “
ठाकुर का अहंकार जैसे आज टूट सा गया था लेकिन परमिंदर ने जैसे फैसला कर लिया हो ..
“मुझे माफ कर दीजिए ठाकुर साहब ,मैं अपनी बाकी की जिंदगी चैन से गुजरना चाहता हु ,इन सब से दूर ,मैं अपने ही बेटे को मारने की साजिश में अपनी बाकी जिंदगी नहई गुजार सकता ,आपने मुझपर बहुत भरोसा किया है ,मुझे जानकर अच्छा लगा की आप की नजरो में मेरी इतनी कद्र है लेकिन ...लेकिन मुझे माफ कीजिये “
ठाकुर परमिंदर को रोकना तो चाहता था लेकिन परमिंदर के फैसले के सामने वो भी मजबूर हो गया था ,वो अपना सबसे अच्छा सिपहसालार को खो रहा था ……….
वर्तमान में
“ह्म्म्म फिर परमिंदर गया कहा “
अजय के मुह से अचानक ही निकल गया
“कोई नही जानता.सिवाय बलवीर के लेकिन उसने कभी किसी को नही बताया की परमिंदर आखिर गया कहा ,शायद वो अपनी बाकी की जिंदगी चैन से जीना चाहता था ,”
“यानी बलवीर से वो फिर से मिला ???”
“सुना है एक बार उसने बलवीर को अपने पास बुलाया था लेकिन उन दोनों में क्या बातचीत हुई और वो कहा गया था ये किसी को नही पता “तिवारी की बात से अजय को सकून मिला ..
“फिर फिर क्या हुआ ..?”
तिवारी के चहरे में अजय के उत्तेजना को देखकर एक मुस्कान आ गई
“वही जो नियति को मंजूर था,ठाकुर बौखला गया था और कालिया के पीछे पड़ गया था वही उसने कनक की मदद से चंपा ,मोंगरा और बलवीर को इन सबसे दूर शहर भेज दिया ,कालिया के पास ये समय था की ठाकुर पर पूरे जोर से प्रहार किया जाए क्योकि उसके पास परमिंदर अब नही था,दोनों की लड़ाई तेज हो गई लेकिन नशीब को कुछ और ही मंजूर था,ठाकुर को पता चल गया की भवानी असल में उसकी नही कालिया की जासूसी करता है और इसी का फायदा उठा कर वो कालिया के ठिकाने तक पहुच गया ,कालिया मारा गया साथ ही रोशनी भी पूरा गैंग ही तबाह हो गया …”
तिवारी ने एक गहरी सांस ली
“फिर ..”
अजय की उत्सुकता और भी बढ़ गई थी …
“फिर …….फिर मोंगरा और बलवीर वापस आये ..”
तिवारी के होठो में एक मुस्कान थी ….
इधर
कालिया जंगल के अपने ठिकाने में बेचैनी के साथ घूम रहा था,चिराग सिंग और शंभु भी बेचैन लग रहे थे ..
कुछ देर के इंतजार के बाद उन्होंने किसी के आने की आहट सुनी और सामने जो था उसका चहरा देख कर कालिया और रोशनी दोनों ही झूम उठे …
“बापू ...मा…..”
मोंगरा दौड़ाते हुए जाकर दोनों से लिपट गई थी ,आज उसने पहली बार इन्हें सामने से देखा था,दोनों ही अपनी बेटी को जितयन प्यार दे सकते थे दे रहे थे,साथ ही आया बलवीर भी अपने आंखों में पानी लिए सब कुछ देख रहा था और फिर आयी चंपा जिसे देखकर बलवीर और मोंगरा का मुह ही खुल गया…
“ये तो बिल्कुल मेरी तरह ही दिखती है …”मोंगरा तुरंत अपनी बहन के गले से लग गई ,
“हा बस एक अंतर है इसके ठोड़ी में ये तीन बिंदिया बनाई गई है जिसे सरदार ने बचपन में ही बनवा दिया था..”
पूरा परिवार फिर से मिल चुका था ,सभी खुश थे तभी कालिया एक आदमी की तरफ मुड़ा
“अरे भवानी जा जाके ठाकुर को बता दे की मेरी बेटी अब मेरे साथ है ,उसका सपना अधूरा का अधूरा ही रह गया लेकिन अब मेरा सपना पूरा होगा ,ठाकुर की मौत का सपना …”
कालिया जोरो से हँस पड़ा था ………
****************
कहने के लिए भवानी ठाकुर का जासूस था लेकिन उसे जासूस कालिया ने ही बनवाया था ,ठाकुर उसे पाइसके देता था कालिया की जासूसी करने के लिया और वो कालिया का ही एक वफादार था,भवानी के चहरे में परेशानी साफ दिख रही थी ,वही परमिंदर और ठाकुर भी इस वाकये से बौखला गए थे,
“आखिर ये हुआ कैसे ..”
अभी तक उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था की आखिर रणधीर ने जब मोंगरा को मार दिया था तो वो जिंदा कैसे बची वही परमिंदर इस चिंता में था की उसका बेटा भी मोंगरा के प्यार में पड़कर अब उसे ही धोखा दे गया ,
“ठाकुर साहब ये मोंगरा की ही चाल थी ,जब रणधीर मोंगरा को थियेटर ले गया था तब भी वो अपने प्लान में काम कर रहे थे,वंहा बलवीर कालिया के एक आदमी से मिला था और उसे मोंगरा का प्लान समझाया था ,रणधीर तो मोंगरा से अय्याशी करने में ही बिजी था,आखिर मोंगरा ने रणधीर को भड़का दिया ताकि वो उसे मारने की सोचे ,बलवीर ने उसके पिस्तौल में नकली गोलियां डाल दी थी ,रही सही कसर अपने उन दोनों को बाहर भेज कर पूरी कर दी ………..”
भवानी की बात से ठाकुर बुरी तरह से बौखला गया था ,वो परमिंदर की ओर ही देख रहा था ..
“तुम्हारे खून ने तो अच्छा धोखा दिया हमे “
परमिंदर क्या कहता लेकिन उसकी आंखे नीची नही हुई थी …
“ठाकुर साहब हमारे खून में ही वफादारी है,जैसे मैं आपके लिए वफादार हु वैसे ही मेरा बेटा उस मोंगरा के लिए वफादार है ,उसने अपनी वफादारी निभाई और मैंने अपनी ,लेकिन मुझे लगता है की अब मैं और ये काम नही कर पाऊंगा,मैं आपके लिए किसी की जान ले सकता और अपनी जान दे भी सकता हु लेकिन …..लेकिन मैं अपने बेटे की जान कैसे लूंगा,अब तो वो भी कालिया गिरोह का ए सदस्य बन गया है “
ठाकुर ने जीवन में पहली बार परमिंदर की आंखों में आंसू देखे थे ..
“तुम मेरे लिए आज भी उतने ही मूल्यवान हो परमिंदर ,अगर तुम भी मेरा साथ छोड़ दोगे तो मैं टूट ही जाऊंगा “
ठाकुर का अहंकार जैसे आज टूट सा गया था लेकिन परमिंदर ने जैसे फैसला कर लिया हो ..
“मुझे माफ कर दीजिए ठाकुर साहब ,मैं अपनी बाकी की जिंदगी चैन से गुजरना चाहता हु ,इन सब से दूर ,मैं अपने ही बेटे को मारने की साजिश में अपनी बाकी जिंदगी नहई गुजार सकता ,आपने मुझपर बहुत भरोसा किया है ,मुझे जानकर अच्छा लगा की आप की नजरो में मेरी इतनी कद्र है लेकिन ...लेकिन मुझे माफ कीजिये “
ठाकुर परमिंदर को रोकना तो चाहता था लेकिन परमिंदर के फैसले के सामने वो भी मजबूर हो गया था ,वो अपना सबसे अच्छा सिपहसालार को खो रहा था ……….
वर्तमान में
“ह्म्म्म फिर परमिंदर गया कहा “
अजय के मुह से अचानक ही निकल गया
“कोई नही जानता.सिवाय बलवीर के लेकिन उसने कभी किसी को नही बताया की परमिंदर आखिर गया कहा ,शायद वो अपनी बाकी की जिंदगी चैन से जीना चाहता था ,”
“यानी बलवीर से वो फिर से मिला ???”
“सुना है एक बार उसने बलवीर को अपने पास बुलाया था लेकिन उन दोनों में क्या बातचीत हुई और वो कहा गया था ये किसी को नही पता “तिवारी की बात से अजय को सकून मिला ..
“फिर फिर क्या हुआ ..?”
तिवारी के चहरे में अजय के उत्तेजना को देखकर एक मुस्कान आ गई
“वही जो नियति को मंजूर था,ठाकुर बौखला गया था और कालिया के पीछे पड़ गया था वही उसने कनक की मदद से चंपा ,मोंगरा और बलवीर को इन सबसे दूर शहर भेज दिया ,कालिया के पास ये समय था की ठाकुर पर पूरे जोर से प्रहार किया जाए क्योकि उसके पास परमिंदर अब नही था,दोनों की लड़ाई तेज हो गई लेकिन नशीब को कुछ और ही मंजूर था,ठाकुर को पता चल गया की भवानी असल में उसकी नही कालिया की जासूसी करता है और इसी का फायदा उठा कर वो कालिया के ठिकाने तक पहुच गया ,कालिया मारा गया साथ ही रोशनी भी पूरा गैंग ही तबाह हो गया …”
तिवारी ने एक गहरी सांस ली
“फिर ..”
अजय की उत्सुकता और भी बढ़ गई थी …
“फिर …….फिर मोंगरा और बलवीर वापस आये ..”
तिवारी के होठो में एक मुस्कान थी ….