- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,318
वह आग अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुँच पाती, उससे पहले ही वह चौंक उठे ।
उनके शरीर एकाएक थमककर रूक गये ।
उन्होंने कुछ आवाजें सुनीं ।
आवाजें जो अभी भी निरंतर सुनाई दी रही थीं ।
“क्या यह ढोलक बजने की आवाजें हैं ?” ली मारकोस ने चिहुंककर पूछा ।
“शायद !” बार्बी भी बड़े स्तब्ध भाव से उन आवाजों को सुन रही थी- “शायद यह ढोलक बजने की ही आवाजें हैं, जो काफी दूर से आ रही हैं ।”
“जरूर जंगलियों ने कमाण्डर करण सक्सेना को ढूंढ निकाला है ।”
“ऐसा ही लगता है ।”
तभी उन्हें बाहर से भी शोर-शराबे की आवाजें सुनाई देने लगीं ।
जरूर हथियारबंद गार्डों ने भी ढोलक बजने की उन आवाजों को सुन लिया था ।
“जल्दी चलो ।”
ली मारकोस फौरन जम्प लेकर खड़ा हो गया तथा फिर जल्दी-जल्दी कपड़े पहनने लगा ।
बार्बी ने भी आनन-फानन कपड़े चढ़ाने शुरू किये थे ।
“क्या टाइम हुआ है ?” बार्बी अपने स्कर्ट की जिप खींचते हुए बोली ।
“अभी तो दो बजे हैं ।”
जल्द ही वह दोनों कपड़ें पहनकर लगभग दौड़ते हुए तम्बू से बाहर निकले ।
उन्होंने देखा, गार्ड भी दौड़ते हुए ही तम्बूओं से निकल रहे थे और बाहर जमा हो रहे थे ।
शीघ्र ही सारे तम्बू खाली हो गये ।
बार्बी कैंडिल स्टैंड अपने साथ ही बाहर ले आयी, जिससे वहाँ कुछ रोशनी फैल गयी ।
“क्या हो गया ?” बार्बी बाहर आते ही बोली ।
“ढोलक की आवाज आ रही हैं मैडम ।” एक गार्ड बोला- “ऐसा मालूम होता है, जंगलियों ने कमाण्डर को ढूंढ निकाला है ।”
ढोलक बजने की आवाज अभी भी आ रही थीं ।
तभी एक नई घटना घटी ।
एक बहुत जोरदार धमाके की आवाज वहाँ तक सुनाई पड़ी ।
उस धमाके की आवाज के बाद ढोलक बजनी भी बंद हो गयी ।
उसी क्षण एक और धमाके की आवाज आयी ।
“यह कैसी आवाजें हैं ?” एक गार्ड के चेहरे पर आतंक की छाया दौड़ी ।
“किसी बम के फटने जैसी आवाज थी । ऐसा लगता है, जंगलियों और कमाण्डर करण सक्सेना के बीच जमकर मुठभेड़ हो रही है ।”
फिर कुछ धमाकों की आवाज और सुनाई दी ।
फिर गोलियां चलने की भी आवाजें आयीं ।
“लगता है, यह सारे बम कमाण्डर करण सक्सेना फैंक रहा है ।” बार्बी के शरीर में झुरझुरी दौड़ी- “हमें फ़ौरन जंगलियेां की मदद के लिए घटनास्थल पर पहुँचना चाहिये ।”
“जल्दी से सारे तम्बू उखाड़ो ।” ली मारकोस चिल्लाया- “जल्दी !”
हथियारबंद गार्ड बेहद आनन-फानन तम्बू उखाड़ने के काम में जुट गये ।
इस बीच गोलियां चलने और बम फटने की वह आवाजें आनी बंद हो गयी थीं ।
फिर वहाँ शांति छा गयी ।
घोर शांति ।
“यह आवाजें क्यों बंद हो गयीं ?” बार्बी बोली ।
“क्या कहा जा सकता है ।”
ली मारकोस के चेहरे पर भी अब चिंता की लकीरे दिखाई पड़ने लगी थीं ।
तब तक गार्ड सारे तम्बू उखाड़कर जीप में रख चुके थे ।
ली मारकोस के हाथ में एक रिस्टवॉच बंधी हुई थी, जो वास्तव में ट्रांसमीटर था । तभी उसके अंदर से ब्लिप-ब्लिप की आवाज निकलने लगी ।
ली मारकोस ने फौरन ट्रांसमिशन स्विच ऑन किया ।
“हैलो !” ली मारकोस ट्रांसमीटर पर चिल्लाने लगा- “हैलो, ली मारकोस स्पीकिंग !”
“मारकोस, मैं हैडक्वार्टर से जैक क्रेमर बोल रहा हूँ ।”
“कहिये सर ।”
जैक क्रेमर की आवाज सुनते ही मारकोस अलर्ट हो गया ।
“क्या तुम जंगल में बम फटने की आवाज सुन रहे हो मारकोस ?” जैक क्रेमर की आवाज बेहद आंदोलित थी- “कुछ गोलियां चलने की आवाजें ।”
“यस सर !” ली मारकोस बड़े तत्पर भाव से बोला- “हमने अभी-अभी वो आवाजें सुनी थीं । लेकिन अब वो आवाजें आनी बंद हो गयीं । अब शांति है । ऐसा लगता है, जैसे जंगल के किसी दूर-दराज के हिस्से में कमाण्डर करण सक्सेना और बर्मी आदिवासियों के बीच ज़बरदस्त मुठभेड़ चल रही है ।”
“ठीक कहा तुमने । उन जंगलियों के बीच मेरा भी एक आदमी था, एडगर !”
“एडगर !”
“हाँ ।”
“लेकिन उनके बीच तो मैंने किसी अंग्रेज को नहीं देखा सर ?”
“वह मेकअप में था । वह फेस मास्क चढ़ाकर बिल्कुल बर्मी आदिवासी बना हुआ था ।”
“ओह !”
“उसके ट्रांसमीटर से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी यहाँ रेडिया रूम में बोर्ड पर स्पार्क कर रही थी, जिससे पता चल रहा था कि उसके आसपास धमाके हो रहे हैं । मैंने वस्तुस्थिति पता लगाने के लिए उससे ट्रांसमीटर पर बात करनी चाही, तो एक नई घटना घटी । दूसरी तरफ से कमाण्डर ने एडगर बनकर मुझसे बात की ।”
“क्या कह रहे हैं आप !” ली मारकोस के मुंह से तीव्र सिसकारी छूट गयी- “कमाण्डर करण सक्सेना ने ।”
“हाँ ।”
“लगता है, कमाण्डर करण सक्सेना ने उन सब जंगलियों को मार डाला है मारकोस !” जैक क्रेमर बेहद बैचेनी के साथ बोला- “वहाँ कोई नहीं बचा हैं, वहाँ सिर्फ लाशें ही लाशें हैं ।”
“मगर आपको यह कैसे मालूम हुआ सर ।” ली मारकोस बोला- “कि ट्रांसमीटर पर आपसे बात करने वाला व्यक्ति एडगर नहीं कमाण्डर करण सक्सेना है ?”
“तुम जानते ही हो, हम योद्धाओं के बीच पहले से ही एक ‘कोड’ तय है । जब भी हम अपने किसी दुश्मन को मारते हैं, तो रिपोर्ट यही देते हैं कि ‘सूर्य छिप गया है । यही हमारा ‘कोड’ है । परंतु ट्रांसमीटर पर बात करने के दौरान उसने मुझे सीधे-सीधे कमाण्डर करण सक्सेना के मरने की खबर सुनायी । इसी से मैं भांप गया, वह एडगर नहीं था । वो खुद कमाण्डर था ।”
“ओह ।”
ली मारकोस के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें और गहरा गयीं ।
“तुम अब क्या कर रहे हो मारकोस ?” जैक क्रेमर बोला ।
“हम जंगल में उसी दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं सर, जिस तरफ से थोड़ी देर पहले धमाकों की आवाज सुनी गयी थीं ।”
“फिलहाल थोड़ा संभलकर आगे बढ़ना, कमाण्डर करण सक्सेना अपने पूरे रोद्र रूप में मालूम होता है ।”
“ठीक है ।”
ली मारकोस ने ट्रांसमिशन स्विच ऑफ कर दिया ।
जंगल में खतरा हर पल बढ़ता जा रहा था ।
“क्या हो गया ?” बार्बी बोली ।
“कुछ नहीं । ऐसा मालूम होता है, कमाण्डर करण सक्सेना ने हमारे तमाम जंगली साथियों की हत्या कर डाली है ।”
“न...नहीं ।”
बार्बी सहित तमाम हथियारबंद गार्डों के रोंगटें खड़े हो गये ।
“घबराओ मत !” ली मारकोस बोला- “पूरी हिम्मत के साथ आगे बढ़ो । जंगलियों के पास सिर्फ भाले थे, जबकि हमारे पास कमाण्डर करण सक्सेना का मुकाबला करने के लिए ऑटोमैटिक गने हैं । गोला बारूद है । फिर हम संख्या में भी काफी ज्यादा हैं ।”
वह तमाम लोग वापस दो टुकड़ियों में बंट गये और पहले की तरह ही जंगल को चारों तरफ से घेरते हुए आगे बढ़े ।
☐☐☐
उनके शरीर एकाएक थमककर रूक गये ।
उन्होंने कुछ आवाजें सुनीं ।
आवाजें जो अभी भी निरंतर सुनाई दी रही थीं ।
“क्या यह ढोलक बजने की आवाजें हैं ?” ली मारकोस ने चिहुंककर पूछा ।
“शायद !” बार्बी भी बड़े स्तब्ध भाव से उन आवाजों को सुन रही थी- “शायद यह ढोलक बजने की ही आवाजें हैं, जो काफी दूर से आ रही हैं ।”
“जरूर जंगलियों ने कमाण्डर करण सक्सेना को ढूंढ निकाला है ।”
“ऐसा ही लगता है ।”
तभी उन्हें बाहर से भी शोर-शराबे की आवाजें सुनाई देने लगीं ।
जरूर हथियारबंद गार्डों ने भी ढोलक बजने की उन आवाजों को सुन लिया था ।
“जल्दी चलो ।”
ली मारकोस फौरन जम्प लेकर खड़ा हो गया तथा फिर जल्दी-जल्दी कपड़े पहनने लगा ।
बार्बी ने भी आनन-फानन कपड़े चढ़ाने शुरू किये थे ।
“क्या टाइम हुआ है ?” बार्बी अपने स्कर्ट की जिप खींचते हुए बोली ।
“अभी तो दो बजे हैं ।”
जल्द ही वह दोनों कपड़ें पहनकर लगभग दौड़ते हुए तम्बू से बाहर निकले ।
उन्होंने देखा, गार्ड भी दौड़ते हुए ही तम्बूओं से निकल रहे थे और बाहर जमा हो रहे थे ।
शीघ्र ही सारे तम्बू खाली हो गये ।
बार्बी कैंडिल स्टैंड अपने साथ ही बाहर ले आयी, जिससे वहाँ कुछ रोशनी फैल गयी ।
“क्या हो गया ?” बार्बी बाहर आते ही बोली ।
“ढोलक की आवाज आ रही हैं मैडम ।” एक गार्ड बोला- “ऐसा मालूम होता है, जंगलियों ने कमाण्डर को ढूंढ निकाला है ।”
ढोलक बजने की आवाज अभी भी आ रही थीं ।
तभी एक नई घटना घटी ।
एक बहुत जोरदार धमाके की आवाज वहाँ तक सुनाई पड़ी ।
उस धमाके की आवाज के बाद ढोलक बजनी भी बंद हो गयी ।
उसी क्षण एक और धमाके की आवाज आयी ।
“यह कैसी आवाजें हैं ?” एक गार्ड के चेहरे पर आतंक की छाया दौड़ी ।
“किसी बम के फटने जैसी आवाज थी । ऐसा लगता है, जंगलियों और कमाण्डर करण सक्सेना के बीच जमकर मुठभेड़ हो रही है ।”
फिर कुछ धमाकों की आवाज और सुनाई दी ।
फिर गोलियां चलने की भी आवाजें आयीं ।
“लगता है, यह सारे बम कमाण्डर करण सक्सेना फैंक रहा है ।” बार्बी के शरीर में झुरझुरी दौड़ी- “हमें फ़ौरन जंगलियेां की मदद के लिए घटनास्थल पर पहुँचना चाहिये ।”
“जल्दी से सारे तम्बू उखाड़ो ।” ली मारकोस चिल्लाया- “जल्दी !”
हथियारबंद गार्ड बेहद आनन-फानन तम्बू उखाड़ने के काम में जुट गये ।
इस बीच गोलियां चलने और बम फटने की वह आवाजें आनी बंद हो गयी थीं ।
फिर वहाँ शांति छा गयी ।
घोर शांति ।
“यह आवाजें क्यों बंद हो गयीं ?” बार्बी बोली ।
“क्या कहा जा सकता है ।”
ली मारकोस के चेहरे पर भी अब चिंता की लकीरे दिखाई पड़ने लगी थीं ।
तब तक गार्ड सारे तम्बू उखाड़कर जीप में रख चुके थे ।
ली मारकोस के हाथ में एक रिस्टवॉच बंधी हुई थी, जो वास्तव में ट्रांसमीटर था । तभी उसके अंदर से ब्लिप-ब्लिप की आवाज निकलने लगी ।
ली मारकोस ने फौरन ट्रांसमिशन स्विच ऑन किया ।
“हैलो !” ली मारकोस ट्रांसमीटर पर चिल्लाने लगा- “हैलो, ली मारकोस स्पीकिंग !”
“मारकोस, मैं हैडक्वार्टर से जैक क्रेमर बोल रहा हूँ ।”
“कहिये सर ।”
जैक क्रेमर की आवाज सुनते ही मारकोस अलर्ट हो गया ।
“क्या तुम जंगल में बम फटने की आवाज सुन रहे हो मारकोस ?” जैक क्रेमर की आवाज बेहद आंदोलित थी- “कुछ गोलियां चलने की आवाजें ।”
“यस सर !” ली मारकोस बड़े तत्पर भाव से बोला- “हमने अभी-अभी वो आवाजें सुनी थीं । लेकिन अब वो आवाजें आनी बंद हो गयीं । अब शांति है । ऐसा लगता है, जैसे जंगल के किसी दूर-दराज के हिस्से में कमाण्डर करण सक्सेना और बर्मी आदिवासियों के बीच ज़बरदस्त मुठभेड़ चल रही है ।”
“ठीक कहा तुमने । उन जंगलियों के बीच मेरा भी एक आदमी था, एडगर !”
“एडगर !”
“हाँ ।”
“लेकिन उनके बीच तो मैंने किसी अंग्रेज को नहीं देखा सर ?”
“वह मेकअप में था । वह फेस मास्क चढ़ाकर बिल्कुल बर्मी आदिवासी बना हुआ था ।”
“ओह !”
“उसके ट्रांसमीटर से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी यहाँ रेडिया रूम में बोर्ड पर स्पार्क कर रही थी, जिससे पता चल रहा था कि उसके आसपास धमाके हो रहे हैं । मैंने वस्तुस्थिति पता लगाने के लिए उससे ट्रांसमीटर पर बात करनी चाही, तो एक नई घटना घटी । दूसरी तरफ से कमाण्डर ने एडगर बनकर मुझसे बात की ।”
“क्या कह रहे हैं आप !” ली मारकोस के मुंह से तीव्र सिसकारी छूट गयी- “कमाण्डर करण सक्सेना ने ।”
“हाँ ।”
“लगता है, कमाण्डर करण सक्सेना ने उन सब जंगलियों को मार डाला है मारकोस !” जैक क्रेमर बेहद बैचेनी के साथ बोला- “वहाँ कोई नहीं बचा हैं, वहाँ सिर्फ लाशें ही लाशें हैं ।”
“मगर आपको यह कैसे मालूम हुआ सर ।” ली मारकोस बोला- “कि ट्रांसमीटर पर आपसे बात करने वाला व्यक्ति एडगर नहीं कमाण्डर करण सक्सेना है ?”
“तुम जानते ही हो, हम योद्धाओं के बीच पहले से ही एक ‘कोड’ तय है । जब भी हम अपने किसी दुश्मन को मारते हैं, तो रिपोर्ट यही देते हैं कि ‘सूर्य छिप गया है । यही हमारा ‘कोड’ है । परंतु ट्रांसमीटर पर बात करने के दौरान उसने मुझे सीधे-सीधे कमाण्डर करण सक्सेना के मरने की खबर सुनायी । इसी से मैं भांप गया, वह एडगर नहीं था । वो खुद कमाण्डर था ।”
“ओह ।”
ली मारकोस के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें और गहरा गयीं ।
“तुम अब क्या कर रहे हो मारकोस ?” जैक क्रेमर बोला ।
“हम जंगल में उसी दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं सर, जिस तरफ से थोड़ी देर पहले धमाकों की आवाज सुनी गयी थीं ।”
“फिलहाल थोड़ा संभलकर आगे बढ़ना, कमाण्डर करण सक्सेना अपने पूरे रोद्र रूप में मालूम होता है ।”
“ठीक है ।”
ली मारकोस ने ट्रांसमिशन स्विच ऑफ कर दिया ।
जंगल में खतरा हर पल बढ़ता जा रहा था ।
“क्या हो गया ?” बार्बी बोली ।
“कुछ नहीं । ऐसा मालूम होता है, कमाण्डर करण सक्सेना ने हमारे तमाम जंगली साथियों की हत्या कर डाली है ।”
“न...नहीं ।”
बार्बी सहित तमाम हथियारबंद गार्डों के रोंगटें खड़े हो गये ।
“घबराओ मत !” ली मारकोस बोला- “पूरी हिम्मत के साथ आगे बढ़ो । जंगलियों के पास सिर्फ भाले थे, जबकि हमारे पास कमाण्डर करण सक्सेना का मुकाबला करने के लिए ऑटोमैटिक गने हैं । गोला बारूद है । फिर हम संख्या में भी काफी ज्यादा हैं ।”
वह तमाम लोग वापस दो टुकड़ियों में बंट गये और पहले की तरह ही जंगल को चारों तरफ से घेरते हुए आगे बढ़े ।
☐☐☐