Kamukta Story एक और कमीना - Page 10 - SexBaba
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Kamukta Story एक और कमीना

सारिका- पर बेटे किसी को पता चल गया तो,

रोहन- अरे मम्मी हम अपने घर मे क्या करते है किसी को क्या पता चलेगा, और उसकी चूत को फैलाकर चाटते हुए, अब

बताओ भी बिल्कुल फ्री माइंड होकर अपने बेटे को अपना दोस्त समझ कर बताओ कि आपकी इस मस्तानी फूली हुई चूत को किसका लंड लेना है कोई है जिससे आप अपनी चूत मरवाना चाहती है, और अपनी मम्मी की चूत मे दो उंगलिया डालता हुआ, अब बोलो भी कि शरमाती ही रहोगी,

सारिका- हाई क्या बोलू बेटे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,

रोहन- ऑफ हो मम्मी अब बता भी दो कि आप की चूत किसके लंड के बारे मे सोच कर फूलने लगती है,

सारिका- बेटे अगर मैं तुझसे कहुगी तो तू बुरा मान जाएगा,

रोहन- मम्मी मैं बिल्कुल बुरा नही मनुगा, आप को क्या अपने बेटे पर भरोसा नही है, अब बोलो भी, एक बार बता दो मैं

कैसे भी करके उसका लंड आपकी चूत मे डलवा कर आपकी प्यास बुझवाउँगा, अब बता भी दो प्लीज़ आप को मेरी कसम,

सारिका- बेटे तुम बुरा मत मानना देखो,

रोहन- मम्मी आप फ्री माइंड होकर कहिए,

सारिका- रोहन मुझे शर्म आती है.

रोहन- अरे मम्मी मुझ से मत शरमाओ और जल्दी बताओ.

सारिका- पर रोहन

रोहन- मम्मी अब बोलती हो कि मैं तुम्हारी चूत को अपने दाँतों से काट लू.

सारिका उसके सर को अपनी चूत से दूर करते हुए, अच्छा-अच्छा बताती हू,

रोहन- हाँ तो फिर बोलो

सारिका- बेटे मुझे तेरा दोस्त सन्नी बहुत अच्छा लगता है,

रोहन अपनी मम्मी की बात सुन कर चौंक जाता है, सारिका रोहन की ओर देखती रहती है,

रोहन- तो क्या आप सन्नी से अपनी चूत मरवाना चाहती हो,

सारिका- मुस्कुराते हुए, बेटे अगर तेरी मर्ज़ी हो तो,

रोहन- मम्मी आप ने मुझे एक दोस्त समझ कर अपने दिल की बात मुझे बताई है तो मैं भी आपकी इच्छा अधूरी नही रहने

दूँगा, आपके लिए कैसे भी करके सन्नी का लंड आपकी चूत मे ज़रूर डलवाउंगा ये मेरा आपसे वादा है. और फिर अपनी

मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लेता है और उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डाल कर उसकी चूत मारने लगता है.

सारिका अपने बेटे का लंड अपनी चूत मे लेती हुई,

सारिका- रोहन क्या सन्नी मुझे चोदने को तैयार हो जाएगा,

रोहन- मम्मी आप फिकर मत करो मैं अपने तरीके से उससे बात करूँगा,

सारिका- तो क्या वह तैयार हो जाएगा,

रोहन- अरे मम्मी वह भी बड़ा चुड़क्कड़ है, जब हमारे घर आता है तो मुझसे नज़र बचा-बचा कर तुम्हारी मोटी

गान्ड को घूरता रहता है,

सारिका- खुस होते हुए तू सच कह रहा है बेटे,

रोहन- हाँ मम्मी मुझे तो लगता है कि वह तुम्हे अपने मन ही मन मे चोद भी चुका होगा,

सारिका रोहन की बात सुन कर खूब पनिया जाती है और खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी कमर नचाने लगती है और रोहन भी अपनी मम्मी की मनोदशा समझ कर उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से ठोंकने लगता है लगभग आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे की

चूत और लंड को एक दूसरे से रगड़ते है और फिर दोनो अपने-अपने गीले अंगो को चिपका कर पानी-पानी हो जाते है.

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सन्नी के प्रेम और उसकी रोज की छेड़छाड़ ने डॉली की सोच को बदलने पर मजबूर कर दिया था, उसके दिमाग़ मे अब दिन रात उसके भाई सन्नी की पिक्चर ही चलती रहती थी, अब उसे अपनी मर्यादाओ और सामाजिक विचारों की ओर ध्यान भी जाता तो वह उन्हे नकारते हुए उस राह के बारे मे सोचने लगती जिस पर चल कर उसकी जिंदगी को एक नया लुफ्त मिल रहा था और उसे अब अपनी जिंदगी दुनिया मे सब से हसीन नज़र आने लगी थी, उसके दिल मे अब सिर्फ़ एक और सिर्फ़ एक ही बात रहती थी कि कब सन्नी उसके पास आ जाए, या ये कह लो कि सन्नी के लिए उसके दिल मे एक ऐसा प्रेम जाग चुका था, जो या तो उसे आबाद कर देगा या फिर उसकी जिंदगी को एक असहनीय गम दे कर बर्बाद कर देगा, शायद इस बात को सन्नी नही जानता था कि डॉली की मोहब्बत उसकी मोहब्बत से इतनी गहरी हो चुकी है कि उसकी गहराई का पता शायद कोई नही लगा सकता था, सन्नी तो शायद डॉली के बिना जी भी लेता लेकिन डॉली सन्नी के बिना जल बिन मछली की तरह तुरंत तड़प कर मार जाएगी,

डॉली अपने बेड पर लेटी हुई सन्नी के ख्यालो मे खोई हुई थी, और हर थोड़ी देर मे दरवाजे की ओर देख लेती थी कि कही

सन्नी तो नही आ गया, जब उससे रहा नही गया तो वह खुद उठ कर बाहर आ गई, सन्नी सोफे पर लेटा टीवी देख रहा था,

डॉली उसके सामने जाकर बैठ जाती है,

सन्नी- डॉली को देख कर क्या देख रही हो दीदी,

डॉली- देख रही हू कि तेरा मन टीवी देखने मे बड़ा लगा हुआ है,

सन्नी- क्या करू दीदी बीबी नही है तो टीवी ही सही,

और अचानक डॉली के मूह से निकल जाता है क्यो मैं हू ना तेरी बीबी..... और सन्नी डॉली को देखने लगता है तो डॉली को अपनी ग़लती का एहसास होता है और वह बात को घूमाते हुए

डॉली- सन्नी कॉफी बनाऊ क्या,

सन्नी- डॉली की बात से थोड़ा मुस्कुरा कर हाँ बना लो,

और डॉली जल्दी से किचन मे भाग जाती है, सन्नी को अब अपनी दीदी लाइन पर आती हुई नज़र आ रही थी. फिर भी वह पूरी तसल्ली करने के बाद ही कुछ बड़ा कदम उठाना चाहता था,
 
सन्नी ने रोहन को कॉल करके कहा कि वह उससे मिलने शाम को 5 बजे आ रहा है, रोहन ठीक है कह कर फोन काट देता

है, डॉली तभी कॉफी लेकर आती है और दोनो एक दूसरे को मुस्कुरा कर देखते हुए कॉफी की चुस्किया लेने लगते है,

सन्नी- दीदी मैं मम्मी को लेकर आता हू,

डॉली- पर अभी तो बहुत टाइम है,

सन्नी- दीदी मुझे एक दोस्त के पास थोड़ा काम है उससे मिलता हुआ मम्मी को लेता आउगा,

डॉली- ठीक है तब तक मैं नहा लेती हू,

सन्नी- अगर तुम नहा रही हो तो मैं रुक जाता हू,

डॉली- नही तू जा मेरा नहाना कॅन्सल,

सन्नी- मुस्कुराता हुआ, घर से बाहर चला जाता है.

सन्नी अपनी बाइक उड़ाकर रोहन के घर के सामने लगा देता है और उसके घर की बेल बजाता है, रोहन दरवाजा खोलता है

और सन्नी को लेकर अपने रूम मे आ जाता है, तभी रोहन की मम्मी कमरे मे आती है

सन्नी- नमस्ते आंटी

सारिका- कैसे हो सन्नी,

सन्नी- ठीक हू आंटी,

सारिका- बेटा तुम आते हो तो अच्छा लगता है, कभी-कभी फ्री रहो तो आ जाया करो.

सन्नी- क्यो नही आंटी.

सारिका- अच्छा बेटा मैं तुम्हारे लिए कॉफी बनाकर लाती हू और पलट कर अपनी मोटी गान्ड जो कि मॅक्सी के बाहर आने को मचल रही थी को हिलाती हुई जाने लगती है, सन्नी उसकी गदराई उठी हुई गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ सोचता है रोहन ने इसकी मम्मी की गान्ड मार-मार कर कितनी मोटी कर दी है इसके चूतड़ पहले से कितने मोटे हो गये है, तभी रोहन सन्नी के मूह के आगे चुटकी बजाते हुए,

रोहन- सन्नी ये ग़लत बात है तू मेरी मम्मी की गान्ड देख रहा है,

सन्नी- झेपते हुए सॉरी यार ग़लती से नज़र चली गई,

रोहन- चल कोई बात नही मैं तो मोहल्ले वालो की नज़रो से भी परेशान हू गान्ड मेरी मम्मी की देखते है और परेशानी

मुझे होती है,

सन्नी- उसकी बात सुनकर मुस्कुराता हुआ, तू बड़ा ही कमीना है रोहन,

रोहन- कुछ कमीने अपना कमीनपन दिखा देते है और कुछ छुपा कर रखते है बेटे पर होते सभी कमीने है,

सन्नी- उसकी बात सुनकर, रोहन तू है कमीना पर तेरी बातों मे दम है इसी लिए मैं अपने कमीने दोस्त से एक आइडिया लेने आया हू,

रोहन- तो बोल ना क्या प्राब्लम है, चुटकियो मे समाधान हो जाएगा,

सन्नी- यार रोहन मुझे ये बता कि मैं जिस तरह अपनी कजन से प्यार करता हू, वह भी मुझे उतना ही प्यार करती है ये

कैसे मालूम करू,

रोहन- बस इतनी सी बात, तो सुन अपनी कजन पर ध्यान देना छोड़ दे उसके आगे पीछे घूमना बंद कर दे वह अगर तुझे

चाहती होगी तो खुद तेरे आगे पीछे भंवरे की तरह मंडराने लगेगी, और तू उसे जितना नीग्लेट करेगा वह उतना ही तेरे

पास घुसने की कोशिश करेगी, लेकिन हाँ यह ज़रूर ध्यान रखना कि उसे सिर्फ़ नीग्लेट करना लेकिन जब वह तेरे पास आने की कोशिश करे तो रेस्पोन्स ज़रूर देना नही तो पता चला तेरे नीग्लेट करने के चक्कर मे वह तुझसे नाराज़ हो जाए और तेरे पास आना ही बंद कर दे, समझा कि नही, दूसरे और शॉर्ट शब्दो मे यह कि अभी तक तू उसके पीछे पड़ा था अब उसे तेरे पीछे पड़ने दे,

सन्नी- पर क्या वह अपने मूह से कहेगी कि वह मुझे चाहती है,

रोहन- मे बी पोज़िबल, कह भी सकती है नही भी, लेकिन तुझे यह तो पता चल ही जाएगा कि वह तेरे लिए तड़प रही है कि नही, फिर अगर वह ना भी कुछ बोलेगी तो तू मोका देख कर सारी बाते कर डालना,

तभी उनकी कॉफी आ जाती है, रोहन की मम्मी कॉफी रख कर जैसे ही पलटती है, सन्नी रोहन की ओर देखने लगता है तो

रोहन- देख ले देख ले कह कर कॉफी पीने लगता है.

सन्नी भी कॉफी पीते हुए अपनी तिरछी नज़रे रोहन की मम्मी की मोटी गान्ड पर मारता है और फिर कॉफी ख़तम करके,

सन्नी- रोहन थॅंक्स फॉर कॉफी आंड यॉर सजेशन कह कर अपनी बाइक लेकर अपनी मम्मी को लेता हुआ अपने घर की और अपनी बाइक उड़ा देता है. बाइक चलते हुए सन्नी को रोहन की मम्मी की मॅक्सी के उपर से लहराती हुई गान्ड याद आ रही थी सन्नी बाइक को स्लो मोशन मे चलाते हुए

सन्नी- मम्मी

अंजलि- क्या है

सन्नी- मम्मी औरतो की मोटी-मोटी गान्ड कितनी मस्त लगती है ना,

अंजलि- हाँ वो तो है, पर तुझे इस वक़्त औरतो की गान्ड का ख्याल क्यो आ रहा है,

सन्नी- कुछ नही अभी मैं बाइक से आ रहा था तो एक आंटी की बहुत मस्त गान्ड देखने को मिल गई बस तभी से मेरा लंड खड़ा है,

अंजलि- अपना हाथ उसके लंड पर लेजा कर दबाती हुई, संभाल कर रखा कर अपने डंडे को चाहे जहाँ खड़ा हो जाता है,
 
सन्नी- नही मम्मी इसमे हम लोगो की ग़लती नही है इसमे भी आप औरतो का ही दोष होता है,

अंजलि- वो भला कैसे,

सन्नी- मम्मी आप औरतो को देखो एक तो मोटा-मोटा लंड खा-खा कर आप लोगो का पेट ऐसा गदरा कर उठ जाता है उस पर आप लोग अपनी गहरी नाभि के नीचे अपनी साड़ी बाँधती हो और अपना मस्ताना गुदाज पेट दिखाती हो तुम लोगो का ऐसा गुदाज पेट और गहरी नाभि देखते ही हम लोगो का लंड सीधे आपके पेट के हिसाब से आप लोगो की फूली हुई चूत की कल्पना करके झटके मारने लगता है, और तो और घर मे भी आप लोग झीनी सा गाउन या मॅक्सी पहनकर दिन भर यहाँ से वहाँ घूमती हो जिसमे आपकी मोटी-मोटी गान्ड दिनभर हमारी आँखो के सामने लहराती हो और जब झाड़ू लगाती हो तो मॅक्सी पहने-पहने झुक-झुक कर हमारे सामने अपनी मोटी गान्ड मटका-मटका कर झाड़ू मारती हो तब यह नही सोचती कि मेरा बेटा बैठा है और उसको मेरी भारी-भारी चौड़ी गान्ड साफ नज़र आ रही है तो उसके लंड पर क्या असर हो रहा होगा, और तो और घर पर कपड़े धोने जब जाती हो तो अपने पेटिकोट को अपनी जाँघो मे चढ़ा कर अपने पल्लू को हटा कर अपने मोटे-मोटे दूध दिखाती हुई लगभग आधी से ज़्यादा नंगी होकर कपड़े धोती हो तब यह नही सोचती कि तुम्हारे बेटे के पास भी लंड होगा जो तुम्हे इस नंगी हालत मे देख कर खड़ा हो सकता है. और तो और हर दो चार दिन मे बेटा ज़रा मेरे पैर दबा दे दर्द कर रहे है, बेटा ज़रा मेरी कमर मे मालिश कर दे दर्द कर रही है, तब यह नही सोचती हो कि जब तुम्हारा बेटा तुम्हारी साड़ी और पेटिकोट को उठा कर तुम्हारी गोरी-गोरी पिंडलिया और मोटी-मोटी गदराई जाँघो को अपने हाथो मे भर कर दबोचेगा तो उसके मोटे लौडे पर क्या असर पड़ेगा, जब देखो तब बेटा-बेटा कह कर बेटे का मूह अपने मोटे थनो से चिपका कर दबा लेती हो तब यह नही सोचती कि अब इसका लोड्‍ा भी 7-8 इंच का हो गया होगा, ऐसे बहुत सारे कारण है मम्मी तुम औरतो के जिसके कारण बेटो का लोड्‍ा अपनी मा को नंगी देखने के लिए मचलने लगता है.

अंजलि- सन्नी की बातो को सुन कर मुस्कुराती हुई हाँ तू कहता तो ठीक है लेकिन तेरा लंड अपनी मम्मी को देख कर कब से खड़ा होने लगा था,

सन्नी- मम्मी जब तुम अपने बेटे के सामने जीन्स फसा कर अपने बेटे को अपने गदराई मोटी गान्ड दिखाती हो तो मेरा लंड

फनफनाने लगता है, नहा कर लापरवाही से अपनी पेंटी वही छोड़ देती थी अपनी रंग बिरंगी पेंटी को वही सूखने के

लिए सामने ही डाल देती थी तो तुम्हारी पेंटी देख कर मैं तुम्हारी चूत और मोटी गान्ड की कल्पना करके तुम्हे पूरी नंगी

देखने के लिए तड़पने लगता था,

अंजलि- मुस्कुरा कर सन्नी के लंड को पकड़ कर दबाते हुए लगता है आज तू बहुत गरम है क्या घर जाते ही मुझे पूरी

नंगी करके चोदने का इरादा है,

सन्नी- वो तो है ही पर अभी घर मे दीदी होगी इसलिए रात को देखते है.
 
थोड़ी देर बाद सन्नी अपने घर के सामने अपनी बाइक लगाकर दोनो मा बेटे घर के अंदर आ जाते है. डॉली सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी, उन दोनो को देख कर मुस्कुराते हुए.

डॉली- मम्मी हो गई छुट्टी,

अंजलि- हाँ बेटे आज तो बहुत थक गई हू,

सन्नी- मुस्कुराते हुए मम्मी आपके पैर दबा दू क्या,

अंजलि उसको थोड़ा मुस्कुरा कर आँखे दिखाते हुए रहने दे बड़ा आया अपनी मम्मी की सेवा करने वाला,

डॉली- मम्मी इसको आज कल हम लोगो का बड़ा ख्याल रहने लगा है,

सन्नी - डॉली के दूध को उसके सामने घूरते हुए, क्यो दीदी अपनी मम्मी और बहन की सेवा करने मे कुछ बुराई है क्या,

डॉली- सन्नी को देख कर अपनी आँखे दिखाते हुए कोई बुराई नही है बेटे करे जाओ सेवा, पर तुमको मेवा नही मिलने

वाला और खिलखिला कर हँसते हुए उसको एक मुक्का मारती है,

तब सन्नी -डॉली की चोटी पकड़ कर खिचते हुए लगता है दीदी तुम्हे भी सेवा करवानी है,

डॉली- आह मम्मी देखो ना इसे,

अंजलि- सन्नी तुम दोनो फिर शुरू हो गये, सन्नी उसकी छोटी छोड़ देता है, और तीनो सोफे पर बैठ जाते है.

अंजलि- टीवी देखते हुए सन्नी आज क्या खाना बनाऊ क्या खाने का मूड है,

डॉली सन्नी की और देखने लगती है,

सन्नी- डॉली के मोटे-मोटे दूध को घूरता हुआ, मम्मी मैं तो आज खाना नही खाउन्गा मेरा तो बस दूध पीकर सोने

का मन है, तब डॉली अपनी नज़रे इधर उधर करने लगती है, तब

सन्नी- क्यो दीदी दूध है ना,

डॉली- सकपका कर सन्नी को देखते हुए, हू

सन्नी- डॉली की आँखो मे मुस्कुरा कर देखते हुए तो फिर पिला दो ना,

डॉली- सन्नी की ओर आँखे निकाल कर देखते हुए, अभी पिएगा क्या,

सन्नी- तो फिर कब पिलाओगी,

डॉली- मुस्कुराते हुए रात को पी कर सोना,

सन्नी- ठीक है दीदी लेकिन तुम याद से दूध दे देना, तुम अक्सर मुझे दूध देने मे नखरे करती हो और फिर भूल जाती

हो,

डॉली- जिसको पीना हो वो आकर माँग ले, मैं क्यो आगे रह कर जाकर दूध पिलाऊ,

सन्नी- देखो ना मम्मी ये हमेशा मुझे दूध देने मे नखरे करती है,

अंजलि- टीवी की ओर नज़रे लगाए, डॉली बेटा दे दिया कर उसको दूध याद से, तेरा एक ही तो भाई है,

डॉली- मुस्कुरा कर सन्नी को देखते हुए ठीक है मम्मी आप कहती हो तो पिला दूँगी,

सन्नी- डॉली को देखते हुए फ्लाइयिंग किस करता है, डॉली उसको थप्पड़ मारने का इशारा करती है,

थोड़ी देर टीवी देखने के बाद अंजलि और डॉली घर के काम मे लग जाते है, रात को अंजलि खाना खाकर टीवी पर सास-बहू का सीरियल देखती रहती है, डॉली अपने रूम मे लेटी रहती है और सन्नी अपनी मम्मी से चिपका हुआ बैठा रहता है,

सन्नी- क्या मम्मी आप भी ना इन बोर सीरियल मे लगी रहती हो,

अंजलि- टीवी मे खोई हुई रुक जा बेटा थोड़ा सा और बचा है,

सन्नी- अच्छा मम्मी मैं दीदी से जाकर दूध पीने को माँगता हू,

अंजलि- ठीक है बेटा

और सन्नी उठ कर डॉली के रूम मे आ जाता है और डॉली लेटी रहती है, सन्नी को देख कर उठकर बैठते हुए,

डॉली आ गई अपनी दीदी की याद,

सन्नी- वो तो मैं आपका दूध पीने आया हू, और डॉली के मोटे-मोटे दूध को दबा देता है,

डॉली- एक दम से बिचकते हुए, सन्नी मार दूँगी,

सन्नी- मुस्कुराते हुए दीदी तुमने ही तो कहा था कि दूध पीना हो तो आ जाना मेरे पास,

डॉली- मैने ऐसा कब कहा था,

सन्नी- क्यो अभी शाम को सोफे पर बैठे हुए किसने कहा था,

डॉली वो तो मैं किचन मे रखे दूध की बात कर रही थी,

सन्नी- मुस्कुरकर पक्का तुम किचन मे रखे दूध की बात कर रही थी,

डॉली- मुस्कुरा कर हाँ,

सन्नी- तो ठीक है डॉली का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखता हुआ, खाओ मेरे सर की कसम कि तुम किचन के दूध की बात कर रही थी,

डॉली- अपना हाथ हटाते हुए, सन्नी मार दूँगी मैं तुझे,

सन्नी- डॉली को देख कर मुस्कुराते हुए, सच-सच कहो क्या तुम डॉली के दूध को छूते हुए इनकी बात नही कर रही

थी,

डॉली का चेहरा सन्नी की बात सुन कर गुलाबी हो जाता है,

सन्नी- दीदी

डॉली- क्या है

सन्नी- डॉली के दूध को देखते हुए, दीदी पिला दो ना अपना दूध

डॉली- सन्नी तू मेरे हाथो से आज मार खाएगा,

सन्नी- अच्छा तो तुम मुझे अपना दूध नही पिलाओगी,

डॉली- कभी नही

सन्नी- तो ठीक है मैं मम्मी को बोल देता हू कि दीदी मुझे दूध नही दे रही है,

डॉली- हाँ हाँ जा बोल दे मैं तुझे कुछ नही देने वाली,

सन्नी- तो ठीक है, और सन्नी वही से ज़ोर से आवाज़ लगाते हुए, मम्मी देखो ना दीदी मुझे दूध नही दे रही,

अंजलि- सोफे पर बैठी टीवी देखते हुए, डॉली बेटा दे दे ना उसे दूध,

डॉली- सन्नी के मूह पर अपना हाथ रखते हुए, हाँ देती हू मम्मी,
 
एक और कमीना--18

तभी सन्नी डॉली को अपनी बाँहो मे भरते हुए उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर मसल्ते हुए उसके

होंठो को चूमने लगता है, डॉली उसकी इस हरकत से तड़प जाती है और अपने को सन्नी से छुड़ाते हुए,

सन्नी- ये क्या कर रहा है छोड़ मुझे,

सन्नी- मैं अपनी दीदी को प्यार कर रहा हू, और आज अपनी प्यारी दीदी के दूध को पीना चाहता हू, और डॉली के दूध को कस- कस कर मसल्ने लगता है,

डॉली- कसमसा कर आहह, सन्नी प्लीज़ छोड़ दे देख ऐसा मत कर, आह्ह्ह्ह्ह सन्नी प्लीज़ सन्नी छोड़ दे मुझे आहह,

सन्नी- दीदी तुम्हारे दूध बहुत खूबसूरत और कसे हुए है, मैं इनको छुए बिना रह ही नही पाता हू,

डॉली- अपना बदन ढीला करते हुए, आहह सन्नी मत कर कही मम्मी ना आ जाए,

सन्नी- तुम फिकर मत करो दीदी, और डॉली की टी शर्ट को उपर उठाने लगता है,

डॉली ने टीशर्ट के अंदर ब्रा नही पहन रखी थी और सन्नी उसकी टीशर्ट को उपर तक उठा देता है, और डॉली के मोटे-मोटे

बड़े-बड़े आम की तरह कसे हुए दूध एक दम से उसकी आँखो के सामने आ जाते है सन्नी अपनी दीदी के मोटे-मोटे

गोरे-गोरे कसे हुए दूध और उसका गुलाबी तना हुआ निप्पल देख कर पागल हो जाता है और डॉली के दूध को खूब कस-

कस कर मसल्ने लगता है,

डॉली- सन्नी प्लीज़ मत कर ऐसा, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, आहह, आहह प्लीज़ सन्नी

सन्नी डॉली के दूध को अपने हाथ से कस कर पकड़ते हुए उसके दूध के गुलाबी तने हुए पिप्पल को अपने मूह मे भर

कर चूसने लगता है, डॉली के लिए यह पहली सुख की अनुभूति थी जिसे वह बर्दास्त नही कर पाती और तड़प जाती है और उसकी चूत पानी-पानी हो जाती है,

डॉली- ओह सन्नी, ओह सन्नी, आहह, आहह सन्नी प्लीज़ सन्नी, आहह,

सन्नी- आइ लव यू दीदी, तुम बहुत मस्त हो, तुम्हारे जैसे मस्त दूध आज तक मैने नही देखे, आइ लव यू डॉली, आइ लव यू

डॉली की आँखे पलट कर बंद हो जाती है और वह सन्नी की गोद मे लुढ़की हुई अपनी मस्त चुचिया मसलवाते हुए अपने

निप्पल से सन्नी को अपना दूध पिलाती रहती है, सन्नी बारी-बारी से दोनो दूध क्म चूस- चूस कर डॉली को मस्त करने

लगता है, जब डॉली से बर्दास्त नही होता तो वह सन्नी से कस कर चिपक जाती है और सन्नी डॉली के होंठो को चूस्ता हुआ

उसके मूह को अपने होंठो से खोल कर डॉली की जीभ को अपने होंठो से पकड़ने की कोशिश करता हुआ डॉली के मोटे-मोटे

दूध को दबोचने लगता है, डॉली अपनी जीभ जैसे ही बाहर निकालती है सन्नी उसको अपने मूह मे भर कर उसकी रसीली

जीभ का रस पीने लगता है, और अपना एक हाथ डॉली की मोटी गान्ड पर लेजा कर जैसे ही उसकी मोटी गान्ड का जायज़ा लेकर सहलाता है सन्नी का मोटा लंड झटके मारने लगता है, सन्नी को यकीन नही होता है कि डॉली के चूतड़ इतने मस्त होंगे, उनके स्पर्श से सन्नी पागल हो जाता है, सन्नी अब अपने हाथ को डॉली की मोटी जाँघो पर फेरता हुआ उसकी कसी हुई जाँघो को दबा-दबा कर उसके रसीले होंठो को चूस्ता जाता है फिर अपने मूह को खोल कर डॉली के दूध के निप्पल को अपने होंठो मे दबा कर चूसने लगता है,
 
तभी अंजलि की आवाज़ बाहर से आती है, सन्नी क्या कर रहा है ज़रा इधर आ, और डॉली अपनी मम्मी की आवाज़ सुन कर सन्नी की गोद से उतरने लगती है, सन्नी डॉली को कस कर वापस अपनी गोद मे चढ़ाता हुआ,

सन्नी- मम्मी दूध पी रहा हू,

अंजलि- अच्छा बेटा दूध पी कर इधर आओ मुझे ज़रा एक काम था,

सन्नी- ठीक है मम्मी अभी आता हू,

डॉली- सन्नी को दूर धकेलते हुए, सन्नी छोड़ मुझे मम्मी आ जाएगी,

सन्नी- दीदी थोड़ा सा और पीने दो ना,

डॉली- नही और अपनी टीशर्ट को अपने हाथो से नीचे कर लेती है,

सन्नी- उसे अपनी गोद मे बैठाए हुए उसके गालो को चूमता हुआ, मुस्कुरा कर डॉली की आँखो मे देखता हुआ, दीदी,

डॉली- हू,

सन्नी- अब कब पिलाओगी,

डॉली- थोड़ा मुस्कुरकर सन्नी को अपने मुक्के से मारती हुई, कभी नही, और उसकी गोद से उतर कर बेड पर बैठ जाती है,

सन्नी- उसकी आँखो मे देखता हुआ, क्यो आप को अच्छा नही लगा क्या,

डॉली- अपनी नज़रे इधर उधर करके अपनी मुस्कुराहट को छुपाने की कोशिश करती हुई, नही

सन्नी- डॉली को मुस्कुरा कर देखते हुए, दीदी वो तो तुम्हारा चेहरा ही बता रहा है कि तुम्हे मज़ा आया कि नही,

डॉली- सन्नी को उसकी पीठ पर मारते हुए, उसको धकेल कर अब जा यहाँ से मुझे सोने दे,

सन्नी- उठते हुए ठीक है दीदी मैं जाता हू पर तुम रात भर मेरे बारे मे लेटे-लेटे मत सोचा करो, क्यो कि तुम दिन भर

मुझे याद करती हो तो मुझे दिन भर हिचकिया चलने लगती है,

डॉली- सन्नी को मुस्कुरा कर मैं तुझे क्यो याद करने लगी,

सन्नी- वो तो तुम खुद जानती हो कि तुम मुझे याद क्यो करती हो, कहो तो आज रात मैं तुम्हारे पास ही सो जाउ,

डॉली- उसकी कोई ज़रूरत नही है अब आप यहा से जाने की कृपा करेगे, और सन्नी को धकेल्ति हुई रूम के बाहर कर देती है और पलट कर मुस्कुराती हुई बेड पर आकर धम्म से लेट जाती है और तकिये को अपने सीने से लगाकर सन्नी के बारे मे सोचने लगती है, और मन ही मन मुस्कुराती रहती है.

अंजलि सोफे पर बैठी सन्नी का वेट करती रहती है,

सन्नी- बोलो मम्मी क्या कह रही थी,

अंजलि- बेटे डॉली क्या कर रही है,

सन्नी- सोने की तैयारी,

अंजलि- चल तू आज मेरे रूम मे ही सो जाना,

सन्नी- मुस्कुराते हुए चलिए, और दोनो उठ कर अंदर चले जाते है,

सन्नी रात को अपनी मम्मी को चोद कर उसी के रूम मे सोने की कोशिश करता हुआ लेटा रहता है, लेकिन उसे नीद नही आती और उसे डॉली से मिलने की इच्छा होती है जब वह दरवाजे पर जाता है तो दरवाजा अंदर से लॉक रहता है, वह डॉली को एसएमएस करता है और उसमे लिखता है कि अगर तुम मुझे चाहती हो तो एक बार मुझे आइ लव यू लिख कर ही रिप्लाइ कर दो और आइ लव यू लिख कर सेंड कर देता है, थोड़ी देर बाद रिप्लाइ आता है जिसमे लिखा होता है आइ हेट यू, सन्नी उसके जवाब को पढ़ कर मन ही मन डॉली से गुस्सा हो जाता है,
 
सन्नी रोहन की बातो को सोचता हुआ, अब मुझे दीदी को ज़्यादा भाव नही देना चाहिए और फिर अपनी मम्मी के रूम मे

जाकर अपनी मम्मी से लिपट कर सो जाता है, अगले दिन रोज की तरह कॉलेज से वापस आकर, फिर अपनी मम्मी को शॉप से लेकर आता है और फिर सन्नी अपनी मम्मी के रूम मे जाकर उनके पीसी को ऑन करके उस पर बैठ जाता है,

डॉली अपने रूम मे पड़े हुए सन्नी को मिस करती रहती है सन्नी जब बहुत देर तक नही आता तो डॉली उठ कर बाहर आती है और देखती है उसकी मम्मी सोफे पर बैठी थी और डॉली को देख कर

अंजलि- बेटा एक ग्लास पानी मिलेगा,

डॉली- अभी लाई मम्मी और किचन मे जाकर पानी लाकर देती है, और मम्मी के सामने बैठ जाती है,

डॉली- मम्मी आप बहुत थक जाती होगी ना दिनभर शॉप पर काम कर के,

अंजलि- नही बेटे ऐसी कोई बात नही है, हाँ वहाँ तुम दोनो को मिस ज़रूर करती हू,

डॉली- मम्मी आपके लिए कॉफी बना दू,

अंजलि- ओके बेटा,

डॉली- आवाज़ लगा कर सन्नी तू भी कॉफी पिएगा क्या,

सन्नी- मम्मी के रूम से बोलता हुआ नही दीदी,

डॉली किचन मे जाकर कॉफी बनाने लगती है, कॉफी बनाने के बाद डॉली कॉफी मम्मी को देती है और खुद भी पीने

लगती है, उसकी नज़रे सन्नी का इंतजार करती रहती है, लेकिन सन्नी बाहर नही आता फिर अंजलि उठ कर अपने रूम मे चली जाती है वहाँ सन्नी अपनी मम्मी के बेड पर लेटा होता है,

अंजलि- क्या बात है अपनी मम्मी के बेड पर कब्जा जमाए बैठा है,

सन्नी- मुस्कुराते हुए, बस इच्छा हुई कि मम्मी के बेड पर लेटा जाए तो आ गया,

अंजलि- और कुछ इच्छा तो नही हो रही तेरी, आजकल तेरे मूड का कोई ठिकाना नही रहता,

उधर डॉली सोफे पर बैठी हुई सन्नी के आने का इंतजार करती रहती है लेकिन सन्नी अपनी मम्मी के पास बाते करता हुआ लेटा रहता है, डॉली जब इंतजार करके थक जाती है तो चुपचाप अपनी मम्मी के रूम मे जाकर देखती है तो सन्नी मम्मी से

बाते करता हुआ लेटा था, डॉली मन मे थोड़ा गुस्सा करती हुई अपने रूम मे आ जाती है, डॉली को अपने रूम मे पड़े हुए

गुस्सा आ रहा था लेकिन वह मन मार कर सो जाती है, करीब एक घंटे बाद सन्नी, डॉली के रूम की ओर देखने आता है तो

डॉली के रूम की लाइट ऑफ हो चुकी थी, सन्नी को भी मन मे बुरा लगता है कि आज वह दीदी से शाम से नही बोला लेकिन फिर अपने रूम मे जाकर लेट जाता है, तभी सन्नी के मोबाइल पर मेसेज आता है जब वह मेसेज रीड करता है तो उसे मन ही मन हँसी आ जाती है, वह डॉली का मसेज था और उसमे लिखा था आइ हेट यू, सन्नी समझ जाता है कि डॉली अभी जाग रही है और वह तब से ही उसका इंतजार कर रही थी और वह जान गई है कि मैं मम्मी के कमरे से अपने रूम मे आ चुका हू,

सन्नी करवट बदलते हुए सोने की कोशिश करने लगता है, इधर डॉली भी करवटें बदलती रहती है पर उसे नींद नही

आती है वह सन्नी को बहुत मिस कर रही थी. आख़िर कार बड़ी मुश्किल से डॉली की नींद लगती है.

रोज सुबह की तरह सभी अपने अपने लक्ष्य की और जाने के लिए तैयार हो जाते है सन्नी अपनी मम्मी को शॉप पर छोड़ता है और डॉली घर पर उसका वेट करती रहती है, सन्नी जब घर आता है तो

डॉली- चहक्ती हुई सन्नी कॉफी पिएगा,

सन्नी- पीला दो,

डॉली- उसको मुस्कुरा कर देखते हुए एक कप मे लेकर आउ या दो कप,

सन्नी- दीदी मुझे तो पूरा एक कप ही पीना है,
 
डॉली अपना सा मूह लेकर कॉफी बनाने लगती है, कॉफी पीते हुए डॉली सन्नी के सामने बैठी रहती है और उसको घूर कर

देखती रहती है मगर सन्नी कॉफी पीते हुए न्यू पेपर पढ़ता रहता है,

डॉली- सन्नी ऐसा क्या खास खबर पढ़ रहा है,

सन्नी- कुछ नही दीदी बस रोज की तरह ही ख़बरे है,

डॉली- सन्नी आज मैं कौन सी ड्रेस पहन कर कॉलेज चलु,

सन्नी- बिना उसे देखे पेपर मे अपनी नज़रे गढ़ाए हुए, दीदी जो तुम्हे अच्छा लगे,

डॉली मूह बिचका कर अपने रूम मे चली जाती है और फिर जब वह कॉलेज जाने के लिए बाहर आती है तो सन्नी उसे देखता ही रह जाता है, डॉली एक स्कर्ट और टॉप पहन कर बहुत ही सेक्सी नज़र आ रही थी, सन्नी का दिल किया कि उसे अपनी बाहों मे लेकर जी भर कर प्यार करे, लेकिन फिर कुछ सोच कर उस पर कोई कॉमेंट्स नही करता है और चलें दीदी,

डॉली सन्नी के चेहरे को देखती है सन्नी बिल्कुल नॉर्मल बिहेव करता है, डॉली सन्नी के पीछे बाइक पर बैठ जाती है और सन्नी अपने कॉलेज की ओर बाइक का रुख़ कर देता है, कॉलेज पहूचकर डॉली उतर कर खड़ी हो जाती है कि शायद सन्नी उससे कुछ कहेगा,

सन्नी- बाइक पार्क करने के बाद ओके दीदी ब्रेक पर मिलते है और कह कर चल देता है,

डॉली पूरी तरह जल भुन जाती है उसका दिल करता है कि इस ड्रेस को अभी फड़कर फेक दे, लेकिन फिर कुछ सोच कर अपनी क्लास की ओर तेज कदम बढ़ाती हुई चली जाती है, सन्नी थोड़ी दूर जाकर डॉली को पलट कर देखता हुआ मुस्कुरा देता है, 

ब्रेक के टाइम सन्नी डॉली के पास आता है

डॉली- चलो सन्नी अपनी पुरानी जगह पर चलते है,

सन्नी- दीदी आज मुझे थोड़ा अपने दोस्त से काम है, एक काम करो तुम अपनी किसी सहेली के पास टाइम पास कर लो मैं अभी आता हू,

डॉली- लेकिन सन्नी तुम कब तक आओगे,

सन्नी- दीदी मुझे टाइम भी लग सकता है मुझे देर हो जाए तो आप क्लास मे चली जाना,

डॉली का पूरा मूड ऑफ हो जाता है और वह अपने दुखी मन को लेकर वापस कॉलेज के अंदर आकर एक चेर पर बैठ जाती

है और सन्नी वहाँ से रोहन को कॉल करके केफे हाउस मे बुला लेता है,

रोहन- क्या बात है सन्नी कुछ नई खबर,

सन्नी- नही यार मैं तो बस पुराने ही सपने को सजोए हुए हू, तू बता कोई नई दोस्त बनी कि नही,

रोहन- यार अब मुझे इन सब चीज़ो के लिए समय ही नही मिलता, अगर क़ायदे की औरत मिल जाए तो एक को ही संभालना मर्द को भारी पड़ता है,

सन्नी- वो कैसे,

रोहन- अबे तू नही जानता कि औरतो का स्टॅमिना कितना ख़तरनाक होता है, छोटे मोटे की तो गान्ड ही फॅट जाए अगर भारी माल मिल जाए तो,

सन्नी- हंसते हुए क्यो तेरी गान्ड फटी जा रही है क्या,
 
रोहन- अब यार कोई दिनरत चोदने के अलावा कुछ नही करेगा तो उसका क्या होगा,

सन्नी- क्यो ऐसा क्या कर दिया आंटी ने,

रोहन- सड़ा सा मूह बनाते हुए अबे अब मैं क्या बताऊ ना जाने कितने जनम की प्यासी है मेरी मा, मेरी तो गान्ड फटी जा

रही है उसे चोद- चोद के,

सन्नी- अबे तो यह तो अच्छी बात है इसमे बुरा क्या है, दिन रात तू मज़े मार रहा है और क्या चाहिए,

रोहन- दुखी चेहरा बनाते हुए अबे जब तेरा लंड कोई दिन भर चूस-चूस के तेरा माल दिन मे चार बार निकालेगा तो तुझे

पता चलेगा कि मज़ा आ रहा है या गान्ड फटी जा रही है

सन्नी काफ़ी देर तक रोहन की बाते सुन कर हंसता रहा उसके बाद वह क्लास मे चला गया, क्लास ख़त्म होने के बाद डॉली

सन्नी का बाहर आकर वेट करने लगी तभी उसे सन्नी आता हुआ दिखाई दिया, सन्नी ने आते ही बाइक उठाकर डॉली को बैठने का इशारा किया तो डॉली ने सन्नी की बाइक की चाबी निकाल कर,

डॉली- उसे अपनी आँखे दिखाते हुए क्या बात है सन्नी तू ठीक से बात क्यो नही कर रहा है,

सन्नी- ऐसी कोई बात नही है दीदी, तुम्हे ऐसा क्यो लग रहा है,

डॉली- क्या तू मुझसे नाराज़ है,

सन्नी- नही दीदी मैं भला तुमसे क्यो नाराज़ होने लगा,

डॉली- उसे देखते हुए, पक्का तू मुझसे नाराज़ नही है,

सन्नी- कसम से,

डॉली- वापस बाइक मे चाबी लगाती हुई चल किसी केफे मे चल कर कॉफी पीते है,

सन्नी- दीदी घर चल कर पी लेना,

डॉली- क्यो तुझे मेरे साथ चलने मे कुछ दिक्कत हो रही है,

सन्नी- ऑफ हो दीदी तुम भी ना बहुत ज़िद करती हो, अच्छा बैठो,

डॉली सन्नी की बाइक पर बैठ जाती है, सन्नी एक केफे हाउस के सामने बाइक रोक कर कॉफी ऑर्डर करता है, डॉली सेरवेंट को भैया एक ही लाना, सन्नी डॉली को देखता है तो डॉली सन्नी को आँख मार देती है, सन्नी उसकी इस हरकत पर उसका मूह चूमना चाहता है लेकिन वह सिर्फ़ मुस्कुरा कर रह जाता है,

डॉली- कल हम मूवी देखने चले,

सन्नी- नही दीदी मेरा मन नही है,

डॉली- चल ना सन्नी बहुत अच्छी मूवी लगी है,

सन्नी- कौन सी,

डॉली- "मेरे ब्रदर की दुल्हन",

सन्नी- सन्नी मुस्कुराते हुए दीदी मैने तो सुना है बकवास मूवी है,

डॉली- बकवास ही सही नई तो है,

सन्नी- पर दीदी,

डॉली- पर वर कुछ नही मैने कह दिया चलना है मतलब चलना है,

सन्नी- ओके मेरी अम्मा तुम्हारी ज़िद के आगे किसी की कैसे चल सकती है,

डॉली- मुस्कुराते हुए, सन्नी तू बहुत स्वीट है,

सन्नी- क्या बात है आज बहुत मस्का मार रही हो अपने भाई को,

डॉली- सन्नी तू कल मुझसे मिलने क्यो नही आया,

सन्नी- कब,

डॉली- रात को,

सन्नी- क्यो कुछ कम था क्या मुझसे,

डॉली- क्यो रोज तुझे मुझसे कुछ काम होता था जो मेरे रूम मे घुस आता था,

सन्नी- दीदी कल मे मम्मी के पास बैठा उनसे बाते कर रहा था,

डॉली- चल ठीक है,

तभी उनकी कॉफी आ जाती है जो कि केवेल एक ही प्याली रहती है,

डॉली- सन्नी को मुस्कुरा कर देखते हुए, सन्नी पहले तू पीएगा या मैं पी लू,

सन्नी- दीदी मेरी तो इच्छा नही है तुम ही पी लो,
 
डॉली कॉफी उठाकर अपने मूह से लगा कर बड़े प्यार से सन्नी को देखती हुई एक चुस्की लेती है और फिर सन्नी की ओर कॉफी बढ़ा देती है,


सन्नी- नाटक करते हुए दीदी मेरा सच मे मन नही है तुम पीयो ना,


डॉली- चुपचाप पीता है या दूं एक रख कर,


सन्नी- ऑफ हो दीदी तुम भी ना, और कॉफी उठाकर पी लेता है,


डॉली- उसको कातिल नज़रो से देखती हुई सन्नी कैसी है कॉफी,


सन्नी- ठीक है,


डॉली- कुछ मिठास है कि नही,


सन्नी- हाँ ठीक है,


डॉली को अब सन्नी का वेहेवियर कुछ बदला हुआ लगने लगा, लेकिन वह सन्नी से कुछ कह नही पाई, कॉफी ख़तम करने

के बाद सन्नी और डॉली घर आ जाते है, सन्नी ने खाना खाते समय भी डॉली को कुछ खास तरीके से नही देखा जबकि

डॉली लगातार उसको नोटीस कर रही थी, सन्नी खाना खाकर अपने रूम मे चला गया, डॉली अपने रूम मे जाकर लेट गई

और सन्नी के आने का वेट करने लगी,


डॉली बिस्तेर मे पड़ी हुई तड़प रही थी उसका दिल सन्नी के पास जाने का कर रहा था, जब एक घंटे से उपर हो गया तो वह सन्नी के रूम मे जाती है सन्नी किताब पढ़ रहा था,


डॉली- सन्नी क्या कर रहा है तू,


सन्नी- बुक को हटा कर अरे दीदी अभी तक सोई नही आप,


डॉली- सन्नी मुझे आज तो नींद नही आ रही है,


सन्नी- क्यो आज क्या हो गया दीदी,


डॉली- सन्नी क्या मैं तेरे पास यहाँ पर लेट जाउ,

सन्नी- ओके दीदी


सन्नी दूसरी और सरक जाता है और डॉली उसके पास बैठ जाती है सन्नी फिर से अपनी बुक खोल कर पढ़ने लगता है, डॉली उसे घूर कर देखती है लेकिन वह अपनी नज़रे बुक पर लगाए रहता है


डॉली- सन्नी की बुक छीनते हुए, मैं तेरे पास बाते करने आई हू और तू किताब मे घुसा हुआ है,


सन्नी- ऑफ हो दीदी पढ़ने दो ना क्या बात करनी है आपको,


डॉली- मुझे नीद नही आ रही कुछ बात कर ना,


सन्नी- मूह फाड़ कर जान बुझ कर उबासी लेता हुआ, पर दीदी मुझे तो बहुत नीद आ रही है, चुपचाप सो जाओ और मुझे भी सोने दो, और सन्नी करवट लेकर सोने की आक्टिंग करता है, डॉली उसकी पीठ मे एक मुक्का मारती हुई सो जा कुम्भ्करन कही का और उठ कर चल देती है,


सन्नी- दीदी क्या हुआ,


डॉली- कुछ नही मैं जा रही हू, तू सो आराम से,


और उसके रूम से बाहर चली जाती है, सन्नी थोड़ा दुखी होकर सोचता है मैं लगता है ज़्यादा ही अपनी दीदी को तडपा रहा

हू, उधर डॉली अपने रूम मे पड़ी हुई करवटें ले कर जागती रहती है और सन्नी के लिए तड़पने लगती है, उसे आज की रात

भी बड़ी मुश्किल से नीद आती है, अगले दिन भी वही हाल रहता है और जब वह दोनो पिक्चर जाते है तो सिनिमा हाल मे भी सन्नी चुपचाप पिक्चर देखता रहता है आख़िर मे पिक्चर ख़तम होने के बाद दोनो घर आ जाते है, तीन चार दिन से

सन्नी डॉली को टच भी नही करता है, डॉली का हाल बुरा होने लगता है और उसके सब्र का बाँध टूटने लगता है, नेक्स्ट डे

कॉलेज जाकर डॉली सन्नी को बिना कुछ कहे सीधे अपनी क्लास मे चली जाती है, लेकिन क्लास मे उसका मन नही लगता है,


वह पेट दर्द का बहाना करके क्लास से बाहर आ जाती है और पार्क की उसी बेंच पर जाकर बैठ जाती है, कॉलेज के ब्रेक के

समय डॉली सन्नी की क्लास के बाहर पहुच जाती है और सन्नी जैसे ही बाहर आता है डॉली को देख कर उसकी ओर आता है,


डॉली- सन्नी चल पार्क मे चलते है,


सन्नी- दीदी मुझे अपने दोस्त के पास थोड़ा काम था,


डॉली- सन्नी का हाथ पकड़ कर भाड़ मे गया तेरा दोस्त तू चल मेरे साथ,


सन्नी- अपना हाथ छुड़ाते हुए ये क्या कर रही हो दीदी मुझे उससे थोड़ा ज़रूरी काम है,


डॉली- उसे घूर कर देखती हुई, क्या तेरा काम मुझसे भी ज़्यादा ज़रूरी है,


सन्नी- दीदी वो बात नही है,


डॉली- तो फिर तू मेरे साथ चलता है कि नही,


सन्नी- पर बात क्या है दीदी,


डॉली- तू चल मुझे तुझसे एक ज़रूरी बात करनी है, और उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ ले जाती है,

सन्नी को बेंच पर बैठाते हुए,

डॉली- गुस्से से आँखे निकाल कर ये क्या चल रहा है 4 दिनो से,


सन्नी- उसको देखता हुआ, क्या दीदी,


डॉली- तू तीन चार दिनो से मुझसे ठीक से बात क्यो नही कर रहा है,


सन्नी- दीदी ऐसा तो कुछ भी नही है पता नही तुम्हे ऐसा क्यो लग रहा है,


डॉली- सन्नी ज़्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत कर और साफ-साफ बता तू ऐसा क्यो कर रहा है,


सन्नी- तुम क्या कह रही हो दीदी मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है,


डॉली- अच्छा ज़्यादा भोला बनने की कोशिश मत कर,


सन्नी- दीदी आख़िर मैने किया क्या है,
 
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