hotaks444
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सारिका- पर बेटे किसी को पता चल गया तो,
रोहन- अरे मम्मी हम अपने घर मे क्या करते है किसी को क्या पता चलेगा, और उसकी चूत को फैलाकर चाटते हुए, अब
बताओ भी बिल्कुल फ्री माइंड होकर अपने बेटे को अपना दोस्त समझ कर बताओ कि आपकी इस मस्तानी फूली हुई चूत को किसका लंड लेना है कोई है जिससे आप अपनी चूत मरवाना चाहती है, और अपनी मम्मी की चूत मे दो उंगलिया डालता हुआ, अब बोलो भी कि शरमाती ही रहोगी,
सारिका- हाई क्या बोलू बेटे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,
रोहन- ऑफ हो मम्मी अब बता भी दो कि आप की चूत किसके लंड के बारे मे सोच कर फूलने लगती है,
सारिका- बेटे अगर मैं तुझसे कहुगी तो तू बुरा मान जाएगा,
रोहन- मम्मी मैं बिल्कुल बुरा नही मनुगा, आप को क्या अपने बेटे पर भरोसा नही है, अब बोलो भी, एक बार बता दो मैं
कैसे भी करके उसका लंड आपकी चूत मे डलवा कर आपकी प्यास बुझवाउँगा, अब बता भी दो प्लीज़ आप को मेरी कसम,
सारिका- बेटे तुम बुरा मत मानना देखो,
रोहन- मम्मी आप फ्री माइंड होकर कहिए,
सारिका- रोहन मुझे शर्म आती है.
रोहन- अरे मम्मी मुझ से मत शरमाओ और जल्दी बताओ.
सारिका- पर रोहन
रोहन- मम्मी अब बोलती हो कि मैं तुम्हारी चूत को अपने दाँतों से काट लू.
सारिका उसके सर को अपनी चूत से दूर करते हुए, अच्छा-अच्छा बताती हू,
रोहन- हाँ तो फिर बोलो
सारिका- बेटे मुझे तेरा दोस्त सन्नी बहुत अच्छा लगता है,
रोहन अपनी मम्मी की बात सुन कर चौंक जाता है, सारिका रोहन की ओर देखती रहती है,
रोहन- तो क्या आप सन्नी से अपनी चूत मरवाना चाहती हो,
सारिका- मुस्कुराते हुए, बेटे अगर तेरी मर्ज़ी हो तो,
रोहन- मम्मी आप ने मुझे एक दोस्त समझ कर अपने दिल की बात मुझे बताई है तो मैं भी आपकी इच्छा अधूरी नही रहने
दूँगा, आपके लिए कैसे भी करके सन्नी का लंड आपकी चूत मे ज़रूर डलवाउंगा ये मेरा आपसे वादा है. और फिर अपनी
मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लेता है और उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डाल कर उसकी चूत मारने लगता है.
सारिका अपने बेटे का लंड अपनी चूत मे लेती हुई,
सारिका- रोहन क्या सन्नी मुझे चोदने को तैयार हो जाएगा,
रोहन- मम्मी आप फिकर मत करो मैं अपने तरीके से उससे बात करूँगा,
सारिका- तो क्या वह तैयार हो जाएगा,
रोहन- अरे मम्मी वह भी बड़ा चुड़क्कड़ है, जब हमारे घर आता है तो मुझसे नज़र बचा-बचा कर तुम्हारी मोटी
गान्ड को घूरता रहता है,
सारिका- खुस होते हुए तू सच कह रहा है बेटे,
रोहन- हाँ मम्मी मुझे तो लगता है कि वह तुम्हे अपने मन ही मन मे चोद भी चुका होगा,
सारिका रोहन की बात सुन कर खूब पनिया जाती है और खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी कमर नचाने लगती है और रोहन भी अपनी मम्मी की मनोदशा समझ कर उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से ठोंकने लगता है लगभग आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे की
चूत और लंड को एक दूसरे से रगड़ते है और फिर दोनो अपने-अपने गीले अंगो को चिपका कर पानी-पानी हो जाते है.
..............................................
सन्नी के प्रेम और उसकी रोज की छेड़छाड़ ने डॉली की सोच को बदलने पर मजबूर कर दिया था, उसके दिमाग़ मे अब दिन रात उसके भाई सन्नी की पिक्चर ही चलती रहती थी, अब उसे अपनी मर्यादाओ और सामाजिक विचारों की ओर ध्यान भी जाता तो वह उन्हे नकारते हुए उस राह के बारे मे सोचने लगती जिस पर चल कर उसकी जिंदगी को एक नया लुफ्त मिल रहा था और उसे अब अपनी जिंदगी दुनिया मे सब से हसीन नज़र आने लगी थी, उसके दिल मे अब सिर्फ़ एक और सिर्फ़ एक ही बात रहती थी कि कब सन्नी उसके पास आ जाए, या ये कह लो कि सन्नी के लिए उसके दिल मे एक ऐसा प्रेम जाग चुका था, जो या तो उसे आबाद कर देगा या फिर उसकी जिंदगी को एक असहनीय गम दे कर बर्बाद कर देगा, शायद इस बात को सन्नी नही जानता था कि डॉली की मोहब्बत उसकी मोहब्बत से इतनी गहरी हो चुकी है कि उसकी गहराई का पता शायद कोई नही लगा सकता था, सन्नी तो शायद डॉली के बिना जी भी लेता लेकिन डॉली सन्नी के बिना जल बिन मछली की तरह तुरंत तड़प कर मार जाएगी,
डॉली अपने बेड पर लेटी हुई सन्नी के ख्यालो मे खोई हुई थी, और हर थोड़ी देर मे दरवाजे की ओर देख लेती थी कि कही
सन्नी तो नही आ गया, जब उससे रहा नही गया तो वह खुद उठ कर बाहर आ गई, सन्नी सोफे पर लेटा टीवी देख रहा था,
डॉली उसके सामने जाकर बैठ जाती है,
सन्नी- डॉली को देख कर क्या देख रही हो दीदी,
डॉली- देख रही हू कि तेरा मन टीवी देखने मे बड़ा लगा हुआ है,
सन्नी- क्या करू दीदी बीबी नही है तो टीवी ही सही,
और अचानक डॉली के मूह से निकल जाता है क्यो मैं हू ना तेरी बीबी..... और सन्नी डॉली को देखने लगता है तो डॉली को अपनी ग़लती का एहसास होता है और वह बात को घूमाते हुए
डॉली- सन्नी कॉफी बनाऊ क्या,
सन्नी- डॉली की बात से थोड़ा मुस्कुरा कर हाँ बना लो,
और डॉली जल्दी से किचन मे भाग जाती है, सन्नी को अब अपनी दीदी लाइन पर आती हुई नज़र आ रही थी. फिर भी वह पूरी तसल्ली करने के बाद ही कुछ बड़ा कदम उठाना चाहता था,
रोहन- अरे मम्मी हम अपने घर मे क्या करते है किसी को क्या पता चलेगा, और उसकी चूत को फैलाकर चाटते हुए, अब
बताओ भी बिल्कुल फ्री माइंड होकर अपने बेटे को अपना दोस्त समझ कर बताओ कि आपकी इस मस्तानी फूली हुई चूत को किसका लंड लेना है कोई है जिससे आप अपनी चूत मरवाना चाहती है, और अपनी मम्मी की चूत मे दो उंगलिया डालता हुआ, अब बोलो भी कि शरमाती ही रहोगी,
सारिका- हाई क्या बोलू बेटे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,
रोहन- ऑफ हो मम्मी अब बता भी दो कि आप की चूत किसके लंड के बारे मे सोच कर फूलने लगती है,
सारिका- बेटे अगर मैं तुझसे कहुगी तो तू बुरा मान जाएगा,
रोहन- मम्मी मैं बिल्कुल बुरा नही मनुगा, आप को क्या अपने बेटे पर भरोसा नही है, अब बोलो भी, एक बार बता दो मैं
कैसे भी करके उसका लंड आपकी चूत मे डलवा कर आपकी प्यास बुझवाउँगा, अब बता भी दो प्लीज़ आप को मेरी कसम,
सारिका- बेटे तुम बुरा मत मानना देखो,
रोहन- मम्मी आप फ्री माइंड होकर कहिए,
सारिका- रोहन मुझे शर्म आती है.
रोहन- अरे मम्मी मुझ से मत शरमाओ और जल्दी बताओ.
सारिका- पर रोहन
रोहन- मम्मी अब बोलती हो कि मैं तुम्हारी चूत को अपने दाँतों से काट लू.
सारिका उसके सर को अपनी चूत से दूर करते हुए, अच्छा-अच्छा बताती हू,
रोहन- हाँ तो फिर बोलो
सारिका- बेटे मुझे तेरा दोस्त सन्नी बहुत अच्छा लगता है,
रोहन अपनी मम्मी की बात सुन कर चौंक जाता है, सारिका रोहन की ओर देखती रहती है,
रोहन- तो क्या आप सन्नी से अपनी चूत मरवाना चाहती हो,
सारिका- मुस्कुराते हुए, बेटे अगर तेरी मर्ज़ी हो तो,
रोहन- मम्मी आप ने मुझे एक दोस्त समझ कर अपने दिल की बात मुझे बताई है तो मैं भी आपकी इच्छा अधूरी नही रहने
दूँगा, आपके लिए कैसे भी करके सन्नी का लंड आपकी चूत मे ज़रूर डलवाउंगा ये मेरा आपसे वादा है. और फिर अपनी
मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लेता है और उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डाल कर उसकी चूत मारने लगता है.
सारिका अपने बेटे का लंड अपनी चूत मे लेती हुई,
सारिका- रोहन क्या सन्नी मुझे चोदने को तैयार हो जाएगा,
रोहन- मम्मी आप फिकर मत करो मैं अपने तरीके से उससे बात करूँगा,
सारिका- तो क्या वह तैयार हो जाएगा,
रोहन- अरे मम्मी वह भी बड़ा चुड़क्कड़ है, जब हमारे घर आता है तो मुझसे नज़र बचा-बचा कर तुम्हारी मोटी
गान्ड को घूरता रहता है,
सारिका- खुस होते हुए तू सच कह रहा है बेटे,
रोहन- हाँ मम्मी मुझे तो लगता है कि वह तुम्हे अपने मन ही मन मे चोद भी चुका होगा,
सारिका रोहन की बात सुन कर खूब पनिया जाती है और खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी कमर नचाने लगती है और रोहन भी अपनी मम्मी की मनोदशा समझ कर उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से ठोंकने लगता है लगभग आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे की
चूत और लंड को एक दूसरे से रगड़ते है और फिर दोनो अपने-अपने गीले अंगो को चिपका कर पानी-पानी हो जाते है.
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सन्नी के प्रेम और उसकी रोज की छेड़छाड़ ने डॉली की सोच को बदलने पर मजबूर कर दिया था, उसके दिमाग़ मे अब दिन रात उसके भाई सन्नी की पिक्चर ही चलती रहती थी, अब उसे अपनी मर्यादाओ और सामाजिक विचारों की ओर ध्यान भी जाता तो वह उन्हे नकारते हुए उस राह के बारे मे सोचने लगती जिस पर चल कर उसकी जिंदगी को एक नया लुफ्त मिल रहा था और उसे अब अपनी जिंदगी दुनिया मे सब से हसीन नज़र आने लगी थी, उसके दिल मे अब सिर्फ़ एक और सिर्फ़ एक ही बात रहती थी कि कब सन्नी उसके पास आ जाए, या ये कह लो कि सन्नी के लिए उसके दिल मे एक ऐसा प्रेम जाग चुका था, जो या तो उसे आबाद कर देगा या फिर उसकी जिंदगी को एक असहनीय गम दे कर बर्बाद कर देगा, शायद इस बात को सन्नी नही जानता था कि डॉली की मोहब्बत उसकी मोहब्बत से इतनी गहरी हो चुकी है कि उसकी गहराई का पता शायद कोई नही लगा सकता था, सन्नी तो शायद डॉली के बिना जी भी लेता लेकिन डॉली सन्नी के बिना जल बिन मछली की तरह तुरंत तड़प कर मार जाएगी,
डॉली अपने बेड पर लेटी हुई सन्नी के ख्यालो मे खोई हुई थी, और हर थोड़ी देर मे दरवाजे की ओर देख लेती थी कि कही
सन्नी तो नही आ गया, जब उससे रहा नही गया तो वह खुद उठ कर बाहर आ गई, सन्नी सोफे पर लेटा टीवी देख रहा था,
डॉली उसके सामने जाकर बैठ जाती है,
सन्नी- डॉली को देख कर क्या देख रही हो दीदी,
डॉली- देख रही हू कि तेरा मन टीवी देखने मे बड़ा लगा हुआ है,
सन्नी- क्या करू दीदी बीबी नही है तो टीवी ही सही,
और अचानक डॉली के मूह से निकल जाता है क्यो मैं हू ना तेरी बीबी..... और सन्नी डॉली को देखने लगता है तो डॉली को अपनी ग़लती का एहसास होता है और वह बात को घूमाते हुए
डॉली- सन्नी कॉफी बनाऊ क्या,
सन्नी- डॉली की बात से थोड़ा मुस्कुरा कर हाँ बना लो,
और डॉली जल्दी से किचन मे भाग जाती है, सन्नी को अब अपनी दीदी लाइन पर आती हुई नज़र आ रही थी. फिर भी वह पूरी तसल्ली करने के बाद ही कुछ बड़ा कदम उठाना चाहता था,