desiaks
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नेहा- जी पापा मैंने खा ली, थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा।
अंजली- चल त आराम कर ले, हम जाते हैं।
तभी अंजली का मोबाइल बज उठता है। ये फोन अंजली के घर से था।
अंजली- क्या, कब, अब कैसी तबीयत है? बस हम आ रहे हैं।
अजय- क्या हुआ अंजली?
अंजली- मम्मी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। हमें घर चलना होगा।
अजय- मगर समीर?
अंजली- हम पहले एयरपोर्ट चलते हैं, समीर से मिलते हुए निकल जायेंगे।
अजय- हाँ ये ठीक रहेगा।
अंजली- "नेहा बेटी, तुम्हारी नानी की तबीयत अचानक खराब हो गई है। हम समीर से मिलते हुए निकल जायेंगे। तुम खाना होटल से मँगा कर खा लेना..."
नेहा- “जी ठीक है मम्मी..." और नेहा मन में सोचती है- “शायद ऊपर वाला भी चाहता है की आज हमारा मिलन हो..." और नेहा, अजय और अंजली के जाने के बाद टीना को काल करती है- “हेलो टीना, में आज ब्यूटी पार्लर नहीं जाऊँगी तू चली जा..."
टीना- क्यों क्या हुआ?
नेहा सोचती है- “अगर इसे समीर के बारे में बताया तो ये भी यहीं आ टपकेगी..."
नेहा बोली- "बस ऐसे ही यार, आज दिल नहीं कर रहा..”
टीना- ठीक है, चल रखती हूँ बाइ।
नेहा- बाइ टीना।
नेहा सोचती है- “आज भइया आ जायेंगे। नेहा को अंजाने प्यार का अहसास होने लगा, और मन ही मन खुश हुए जा रही थी आज भइया के सामने कौन सी ड्रेस पहनूँ भइया आज मुझे कितना प्यार करेंगे? मुझे भी भइया के लिए सजना सवंरना होगा..” और ये सोचते हुए बाथरूम में पहुँच गई
नेहा ने एक-एक करके कपड़े उतार दिए, और अपने आपको शीशे में निहारने लगी- “ओहह... कितने अनचाहे बाल हो गये हैं, बगल में भी, चूत पर भी, पैरों पर भी नेहा के रोएं रोएं भरे थे। आज जाने क्यों नेहा अपने को दुल्हन की तरह सजाना चाहती थी। फिर वीत-क्रीम लेकर आराम से बैठ गई। पहले अपने हाथों की बगल पर लगाती है और हल्के-हल्के गाना भी गुनगुनाती है।
सजना है मुझे सजना के लिए, हर अंग का रंग निखार लूँ की सजना है मुझे सजना के लिए।
अंजली- चल त आराम कर ले, हम जाते हैं।
तभी अंजली का मोबाइल बज उठता है। ये फोन अंजली के घर से था।
अंजली- क्या, कब, अब कैसी तबीयत है? बस हम आ रहे हैं।
अजय- क्या हुआ अंजली?
अंजली- मम्मी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। हमें घर चलना होगा।
अजय- मगर समीर?
अंजली- हम पहले एयरपोर्ट चलते हैं, समीर से मिलते हुए निकल जायेंगे।
अजय- हाँ ये ठीक रहेगा।
अंजली- "नेहा बेटी, तुम्हारी नानी की तबीयत अचानक खराब हो गई है। हम समीर से मिलते हुए निकल जायेंगे। तुम खाना होटल से मँगा कर खा लेना..."
नेहा- “जी ठीक है मम्मी..." और नेहा मन में सोचती है- “शायद ऊपर वाला भी चाहता है की आज हमारा मिलन हो..." और नेहा, अजय और अंजली के जाने के बाद टीना को काल करती है- “हेलो टीना, में आज ब्यूटी पार्लर नहीं जाऊँगी तू चली जा..."
टीना- क्यों क्या हुआ?
नेहा सोचती है- “अगर इसे समीर के बारे में बताया तो ये भी यहीं आ टपकेगी..."
नेहा बोली- "बस ऐसे ही यार, आज दिल नहीं कर रहा..”
टीना- ठीक है, चल रखती हूँ बाइ।
नेहा- बाइ टीना।
नेहा सोचती है- “आज भइया आ जायेंगे। नेहा को अंजाने प्यार का अहसास होने लगा, और मन ही मन खुश हुए जा रही थी आज भइया के सामने कौन सी ड्रेस पहनूँ भइया आज मुझे कितना प्यार करेंगे? मुझे भी भइया के लिए सजना सवंरना होगा..” और ये सोचते हुए बाथरूम में पहुँच गई
नेहा ने एक-एक करके कपड़े उतार दिए, और अपने आपको शीशे में निहारने लगी- “ओहह... कितने अनचाहे बाल हो गये हैं, बगल में भी, चूत पर भी, पैरों पर भी नेहा के रोएं रोएं भरे थे। आज जाने क्यों नेहा अपने को दुल्हन की तरह सजाना चाहती थी। फिर वीत-क्रीम लेकर आराम से बैठ गई। पहले अपने हाथों की बगल पर लगाती है और हल्के-हल्के गाना भी गुनगुनाती है।
सजना है मुझे सजना के लिए, हर अंग का रंग निखार लूँ की सजना है मुझे सजना के लिए।