hotaks444
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मेने खाना ख़तम किया और अपना मोबाइल निकाल कर टाइम देखा तो, 8 बज चुके थे…मैं बेड से नीचे उतरा और प्लेट उठा कर जब रूम से बाहर आया तो, देखा कि, रानी और अज़ारा दोनो बर्तन सॉफ कर रही थी….रानी ने मेरी तरफ पलट कर देखा और मुझे हाथ में प्लेट लेकर खड़े देख कर रानी ने जल्दी से मेरे हाथ से प्लेट ले ली. और मुस्कुराते हुए बोली…. “मैं उठा कर ले आती…आप क्यों तकलीफ़ कर रहे है…” मैं रानी की बात का कोई जवाब नही दे पाया….और प्लेट देकर में सहन में एक तरफ बने बाथरूम में चला गया….मेने वहाँ जाकर हाथ मुँह धोया और जब रूम की तरफ वापिस आने लगा तो, रूम के अंदर डोर पर रानी हाथ में टवल लिए खड़ी थी….
हम दोनो एक दूसरे की आँखो में देख रहे थे….और रानी होंठो में मुस्करा रही थी….में रानी के पास जाकर खड़ा हो गया…और टवल से हाथ सॉफ करने लगा… “थोड़ी देर और…..” रानी ने मुस्कुराते हुए कहा….और फिर टवल को टाँग कर बाहर चली गयी…में बेड पर फिर से पुष्ट के साथ पीठ लगा कर बैठ गया…ठंड बहुत ज़्यादा हो गयी थी….हाथ पैर भी काँपने लगे थे…तभी अज़ारा रूम में अंदर आई….उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर सर झुका कर बेड के सामने की तरफ पड़ी पेटी की तरफ बढ़ी….और वहाँ से एक राज़ाई उठा कर उसने बेड पर रख दी….” राज़ाई ले लो…ठंड हो गयी है…” में चुप चाप अज़ारा की तरफ देखता रहा….फिर उसने एक बिस्तर उठाया और बाहर चली गयी…..मुझे ये सब बड़ा अजीब सा लग रहा था….और सोच रहा था कि, घर में एक रूम है….में कैसे एक साथ एक ही रूम में रानी के साथ करूँगा…क्योंकि मुझे अभी भी यकीन नही था कि, अज़ारा मुझे देने के लिए राज़ी हो जाएगी…
मैं बैठा यही सब सोच रहा था कि, रानी रूम के अंदर आई….उसने अंदर आकर डोर बंद किया और कुण्डी लगा दी…रानी ने अपने ऊपेर चादर ली हुई थी….रानी ने चद्दर उतार कर सामने पेटी के ऊपेर रखी और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगी…..”क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो…..” मेने रानी की तरफ देखते हुए पूछा उसके आँखो में अजीब सी शरारत नज़र आ रही थी….
रानी: सोच रही हूँ….आज तुम मेरी कैसे -2 लेने वाले हो….हाहहाहा
मैं: जैसे तुम कहोगी वैसे ले लूँगा….बोल कैसे –2 देने का इरादा है….
रानी: जैसे तुम्हारी मर्ज़ी आए वैसे करो…..मेने कॉन से तुम्हे रोकना है….
मैं बेड से नीचे उतरा और रानी की तरफ देखते हुए बोला….”ठीक है मैं पेशाब करके आता हूँ….तब तक तुम कपड़े उतार बेड पर लेट कर मेरा इंतजार करो….” मेने डोर खोला और बाहर आ गया…बाहर आकर मेने किचन की तरफ देखा तो, अज़ारा किचन में नीचे तिरपाल पर अपना बिस्तर बिछा कर राज़ाई में घुसी हुई थी… उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर शर्मा कर अपनी नज़ारे घुमा ली… में बाथरूम में चला गया…और वहाँ से फारिघ् होकर जब रूम में वापिस आया तो, रानी राज़ाई के अंदर लेटी हुई थी….मेने डोर बंद किया और पेटी के पास जाकर अपने कपड़े उतारने लगा…
रानी बेड पर रज़ाई ओढ़ कर लेटी हुई मुझे हवस से भरी नॅज़ारो से देख रही थी.. मेने अपने सारे कपड़े उतार कर पेटी पर रख दिए…जैसे ही मेने अपना अंडरवेर उतरा तो मेरा लंड जो उस वक़्त फुल हार्ड हो चुका था…बाहर आते ही हवा में झटके खाने लगा….”सीईइ समीर ये तो कितना सख़्त खड़ा है….” रानी ने मेरे लंड को प्यासी नज़रों से देखते हुए कहा….तो में धीरे -2 बेड की तरफ बढ़ा….”लाइट ऑफ कर दो….” रानी ने मुस्कुराते हुए कहा,….
मैं: रहने दो नही….अंधेरे में मज़ा नही आएगा….
रानी: नही ख़ान साहब लाइट बंद कर दो….ये घर गाओं से बाहर है….दूर से ही लाइट जलती हुई नज़र आ जाती है….इसलिए बंद कर दो….कोई शक नही करे…. इसलिए बोल रही हूँ….
मेने अपनी जॅकेट से अपना मोबाइल निकाला और उसकी फ्लश लाइट ऑन करके लाइट बंद की और
और उस बेड की तरफ बढ़ने लगा….उसकी फ्लश लाइट की रोशनी में रानी का साँवले रंग का जिस्म बहुत ज़्यादा चमक रहा था… जैसे ही मैं उसकी तरफ बढ़ा….रानी पीछे की तरफ धीरे-2 लेट गयी….मेने बेड पर चढ़ कर रज़ाई को उसके जिस्म पर से हटा दिया….उफ्फ…..क्या सीन था….रानी के जिस्म सिर्फ़ लाइट पिंक कलर का ब्रा था….उसका बाकी जिस्म बिल्कुल नंगा था….
उसने अपने बाजू से अपने चेहरे को ढक रखा था….रानी अपनी टाँगो को आपस मैं जोड़ कर लेटी हुई थी…..मेने रानी की टाँगो को पकड़ कर अलग किया और उसकी फुद्दि बेपर्दा हुई, तो उसने शरमा कर करवट बदल ली..और फिर पेट के बल लेट गयी….आज मैं पहली बार उसकी बाहर की तरफ निकली हुई गोल गोश्त से भरी बुन्द को पूरी लाइट में देख रहा था….मेने उसकी बुन्द पर अपने हाथ की हथेली रखते हुए धीरे सहलाना शुरू कर दिया….”शियीयीयीयियी उंह” रानी एक दम से सिसक उठी…..
जैसे ही मेरे ठंडे हाथ उसके बुन्द पर लगे….उसका पूरा बदन काँप गया…मेने फिर उसी हाथ से उसकी ब्रा के स्ट्रॅप्स को पकड़ कर उसके कंधो से सरकाते हुए उसकी बाज़ुओ से निकाल दिए….उसके मम्मे भी अब बाहर आ चुकी थी….पर बेड पर बिछाए हुए बिस्तर पर दबी हुई थी…मेने रानी की थाइस को फेलाया और खुद उसके टाँगो के बीच में बैठ गया….और फिर उसे हाथ से गाइड करते हुए, धीरे-2 डॉगी स्टाइल में ले आया…..रानी भी मेरे हाथ के इशारे से डॉगी स्टाइल में आ चुकी थी…..
मेरे एक हाथ में मोबाइल था…इसीलिए मैं सिर्फ़ एक हाथ को इस्तेमाल कर सकता था…इस लिए रानी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी…. मेने अपने खाली हाथ से रानी की फुद्दि के लिप्स को पकड़ कर फेला दिया…उसकी फुद्दि का सूराख और लिप्स दोनो ही उसकी फुद्दि से निकल रहे गाढ़े पानी से लबरेज थे….”ओह्ह रानी तुम्हारी फुद्दि तो पहले से बहुत गीली है…..देख साली कैसे पानी निकाल रही है…..” मेने अपनी एक उंगली को रानी की फुद्दि में घुसा दिया….रानी मस्ती में एक दम से सिसक उठी…..”शियीयीयी इोह समीरर जीए…. ये तो पूरा दिन नही सुखी…इस लम्हे के इंतजार में….” मेने धीरे-2 अपनी उंगली को रानी की फुद्दि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”क्यों पूरे दिन से क्यों पानी छोड़ रही है तेरी फुद्दि ? “
हम दोनो एक दूसरे की आँखो में देख रहे थे….और रानी होंठो में मुस्करा रही थी….में रानी के पास जाकर खड़ा हो गया…और टवल से हाथ सॉफ करने लगा… “थोड़ी देर और…..” रानी ने मुस्कुराते हुए कहा….और फिर टवल को टाँग कर बाहर चली गयी…में बेड पर फिर से पुष्ट के साथ पीठ लगा कर बैठ गया…ठंड बहुत ज़्यादा हो गयी थी….हाथ पैर भी काँपने लगे थे…तभी अज़ारा रूम में अंदर आई….उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर सर झुका कर बेड के सामने की तरफ पड़ी पेटी की तरफ बढ़ी….और वहाँ से एक राज़ाई उठा कर उसने बेड पर रख दी….” राज़ाई ले लो…ठंड हो गयी है…” में चुप चाप अज़ारा की तरफ देखता रहा….फिर उसने एक बिस्तर उठाया और बाहर चली गयी…..मुझे ये सब बड़ा अजीब सा लग रहा था….और सोच रहा था कि, घर में एक रूम है….में कैसे एक साथ एक ही रूम में रानी के साथ करूँगा…क्योंकि मुझे अभी भी यकीन नही था कि, अज़ारा मुझे देने के लिए राज़ी हो जाएगी…
मैं बैठा यही सब सोच रहा था कि, रानी रूम के अंदर आई….उसने अंदर आकर डोर बंद किया और कुण्डी लगा दी…रानी ने अपने ऊपेर चादर ली हुई थी….रानी ने चद्दर उतार कर सामने पेटी के ऊपेर रखी और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगी…..”क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो…..” मेने रानी की तरफ देखते हुए पूछा उसके आँखो में अजीब सी शरारत नज़र आ रही थी….
रानी: सोच रही हूँ….आज तुम मेरी कैसे -2 लेने वाले हो….हाहहाहा
मैं: जैसे तुम कहोगी वैसे ले लूँगा….बोल कैसे –2 देने का इरादा है….
रानी: जैसे तुम्हारी मर्ज़ी आए वैसे करो…..मेने कॉन से तुम्हे रोकना है….
मैं बेड से नीचे उतरा और रानी की तरफ देखते हुए बोला….”ठीक है मैं पेशाब करके आता हूँ….तब तक तुम कपड़े उतार बेड पर लेट कर मेरा इंतजार करो….” मेने डोर खोला और बाहर आ गया…बाहर आकर मेने किचन की तरफ देखा तो, अज़ारा किचन में नीचे तिरपाल पर अपना बिस्तर बिछा कर राज़ाई में घुसी हुई थी… उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर शर्मा कर अपनी नज़ारे घुमा ली… में बाथरूम में चला गया…और वहाँ से फारिघ् होकर जब रूम में वापिस आया तो, रानी राज़ाई के अंदर लेटी हुई थी….मेने डोर बंद किया और पेटी के पास जाकर अपने कपड़े उतारने लगा…
रानी बेड पर रज़ाई ओढ़ कर लेटी हुई मुझे हवस से भरी नॅज़ारो से देख रही थी.. मेने अपने सारे कपड़े उतार कर पेटी पर रख दिए…जैसे ही मेने अपना अंडरवेर उतरा तो मेरा लंड जो उस वक़्त फुल हार्ड हो चुका था…बाहर आते ही हवा में झटके खाने लगा….”सीईइ समीर ये तो कितना सख़्त खड़ा है….” रानी ने मेरे लंड को प्यासी नज़रों से देखते हुए कहा….तो में धीरे -2 बेड की तरफ बढ़ा….”लाइट ऑफ कर दो….” रानी ने मुस्कुराते हुए कहा,….
मैं: रहने दो नही….अंधेरे में मज़ा नही आएगा….
रानी: नही ख़ान साहब लाइट बंद कर दो….ये घर गाओं से बाहर है….दूर से ही लाइट जलती हुई नज़र आ जाती है….इसलिए बंद कर दो….कोई शक नही करे…. इसलिए बोल रही हूँ….
मेने अपनी जॅकेट से अपना मोबाइल निकाला और उसकी फ्लश लाइट ऑन करके लाइट बंद की और
और उस बेड की तरफ बढ़ने लगा….उसकी फ्लश लाइट की रोशनी में रानी का साँवले रंग का जिस्म बहुत ज़्यादा चमक रहा था… जैसे ही मैं उसकी तरफ बढ़ा….रानी पीछे की तरफ धीरे-2 लेट गयी….मेने बेड पर चढ़ कर रज़ाई को उसके जिस्म पर से हटा दिया….उफ्फ…..क्या सीन था….रानी के जिस्म सिर्फ़ लाइट पिंक कलर का ब्रा था….उसका बाकी जिस्म बिल्कुल नंगा था….
उसने अपने बाजू से अपने चेहरे को ढक रखा था….रानी अपनी टाँगो को आपस मैं जोड़ कर लेटी हुई थी…..मेने रानी की टाँगो को पकड़ कर अलग किया और उसकी फुद्दि बेपर्दा हुई, तो उसने शरमा कर करवट बदल ली..और फिर पेट के बल लेट गयी….आज मैं पहली बार उसकी बाहर की तरफ निकली हुई गोल गोश्त से भरी बुन्द को पूरी लाइट में देख रहा था….मेने उसकी बुन्द पर अपने हाथ की हथेली रखते हुए धीरे सहलाना शुरू कर दिया….”शियीयीयीयियी उंह” रानी एक दम से सिसक उठी…..
जैसे ही मेरे ठंडे हाथ उसके बुन्द पर लगे….उसका पूरा बदन काँप गया…मेने फिर उसी हाथ से उसकी ब्रा के स्ट्रॅप्स को पकड़ कर उसके कंधो से सरकाते हुए उसकी बाज़ुओ से निकाल दिए….उसके मम्मे भी अब बाहर आ चुकी थी….पर बेड पर बिछाए हुए बिस्तर पर दबी हुई थी…मेने रानी की थाइस को फेलाया और खुद उसके टाँगो के बीच में बैठ गया….और फिर उसे हाथ से गाइड करते हुए, धीरे-2 डॉगी स्टाइल में ले आया…..रानी भी मेरे हाथ के इशारे से डॉगी स्टाइल में आ चुकी थी…..
मेरे एक हाथ में मोबाइल था…इसीलिए मैं सिर्फ़ एक हाथ को इस्तेमाल कर सकता था…इस लिए रानी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी…. मेने अपने खाली हाथ से रानी की फुद्दि के लिप्स को पकड़ कर फेला दिया…उसकी फुद्दि का सूराख और लिप्स दोनो ही उसकी फुद्दि से निकल रहे गाढ़े पानी से लबरेज थे….”ओह्ह रानी तुम्हारी फुद्दि तो पहले से बहुत गीली है…..देख साली कैसे पानी निकाल रही है…..” मेने अपनी एक उंगली को रानी की फुद्दि में घुसा दिया….रानी मस्ती में एक दम से सिसक उठी…..”शियीयीयी इोह समीरर जीए…. ये तो पूरा दिन नही सुखी…इस लम्हे के इंतजार में….” मेने धीरे-2 अपनी उंगली को रानी की फुद्दि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”क्यों पूरे दिन से क्यों पानी छोड़ रही है तेरी फुद्दि ? “