hotaks444
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नीलम शरमा कर मुस्कुराने लगी… और शरमाते हुए बोली…” नीचे काम ख़तम करने के बाद मैने छत पर कपड़े धोने जाना है…” मैं नीलम की बात सुन कर मुस्कुराने लगा…..और किदिन से बाहर आकर नजीबा के पास बैठ गया….और इधर उधर की बातें करने लगा…नीलम घर के कामो में मसरूफ़ थी…बीच-2 वो नज़र बचा कर मेरी तरफ देख कर स्माइल कर देती…..मैं भी उसे काम करते हुए देख रहा था…टीवी देखते और बाते करते-2 9 बज गये…..
थोड़ी देर बाद नीलम फारिघ् होकर आई….और मुझे देखते हुए बोली…..” समीर अपने धुलने वाले कपड़े दे दो…में ऊपेर कपड़े धोने जा रही हूँ,….” मैने एक बार नजीबा की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोला…”नजीबा तुम बैठ कर टीवी देखो… मैं मामी जी को कपड़े देने है….और फिर पढ़ाई भी करनी है….अब दोपहर को नीचे आउन्गा…”
नजीबा: जी…..
नीलम मेरी तरफ देख कर मुस्कुराइ और कपड़ों की बालटी भर कर ऊपेर जाने लगी…. मैं भी उसके पीछे ऊपेर आ गया….जैसे ही हम दोनो रूम में पहुँचे तो, मैने नीलम को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया….”क्या कर रहे हो समीर उफ्फ थोड़ा सबर करो….” नीलम ने मुझसे अलग होते हुए कहा….तो मैं नीलम से अलग हो गया,…..”पहले अपने कपढ़े दो और मेरे साथ ऊपेर आओ….” मैने बॅग में से धुलने वाले कपड़े निकाले और बालटी में रख दिए….हम दोनो ऊपेर छत पर आ गये….ऊपेर एक छोटा सा स्टोर रूम था….जो सीढ़ियों की मम्टी के साथ था….नीलम ने उस रूम का डोर खोला…और अंदर जाकर मुझे आवाज़ दी….मैं जब अंदर पहुँचा तो, नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा….”चलो पहले मेरे साथ ये मशीन को बाहर निकलवाओ….”मैने एक तरफ से वॉशिंग मशीन को पकड़ा और दूसरी तरफ से नीलम ने… फिर उसे बाहर लाकर स्टोर रूम की दीवार के साथ डोर के पास रख दिया….
नीलम ने मशीन की केबल प्लग में लगाई और टॅप से पाइप लगा कर उसमे पानी भरने लगी….मैं वही खड़ा नीलम को देख रहा था….आज उसने पिंक कलर की शलवार कमीज़ पहना हुआ था….जिसमे से उसके ब्लॅक कलर की ब्रा सॉफ नज़र आ रही थी….उसके बड़े-2 फूटबाल जैसे मम्मे देख-2 कर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था….पानी भरने के बाद नीलम ने मशीन मे सर्फ और कपड़े डाले और मशीन ऑन कर दी….फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली…”बस हो गया…”
मैं नीलम की तरफ बढ़ा…और नीलम की कमर में बाहें डाल कर उसके होंठो को किस करने लगा…नीलम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी… में नीलम के होंठो को चूस्ते हुए…अपने एक हाथ को उसकी कमीज़ के ऊपेर से मम्मे पर ले गया…और धीरे-2 उसके मम्मे को मसलने लगा…
नीलम गरम होने लगी….नीलम ने अपने होंठो को मेरे होंठो से हटाया…और काँपती हुई मदहोशी से भरी आवाज़ में बोली….
नीलम: समीर अंदर चलो….
मैं नीलम की बाज़ुओं में लिए हुए नीचे झुक कर उसको अपनी बाहों में उठा लिया….
नीलम: ओह ओ समीर ध्यान से ध्यान से
में: कुछ नही होगा में आप को गिरने नही दूँगा.
और मेने नीलम को अपने बाहों में उठा लिया और दोनो हाथों से उसकी बुन्द के दोनो पार्ट्स को खोल कर दबाते हुए उसे स्टोर रूम में लेकर जाने लगा,…. “सीईइ समीर ये क्या कर रहे हो…आह समीर तुम तो बड़े बेशर्म हो….” जैसे ही में नीलम को उठा कर स्टोर रूम में पहुँचा….स्टोर रूम में एक सिंगल बेड था…. में नीलम को नीचे उतार दिया. और रूम की लाइट ऑन कर दी.
जैसे ही रूम में ट्यूब लाइट की रोसनी चारो तरफ फैली. नीलम ने अपने सर को शरम के मारे झुका लिया. में नीलम के पास गया, और नीलम की कमर को अपनी बाहों में कस लिया. नीलम ने अपने आँखों को बंद कर लिया.
में: क्या हुआ?नीलम जी आप तो अभी भी शरमा रही हो. मुझसे क्या शरमाना.
नीलम: (अपनी आँखों को खोलते हुए) अब अगर कोई *** साल का लड़का मेरे साथ ये सब करे तो मुझे शरम नही आएगी क्या.
में: तो सुबह शरम नही आ रही थी…
नीलम: आ रही थी.पर जब से तुम यहाँ आए हो. मेरा नींद हराम कर रखी है तुम्हारे इस हथियार ने (नीलम ने अपने हाथ को नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड पर दबाते हुए कहा…
मैने नीलम को अपनी बाहों में कस लिया. मेरे हाथ नीलम की कमर को सहला रहे थे.में नीलम की आँखों में देख रहा था. जो नीलम के गरम होने की वजह से बंद हुई जा रही थी. में अपने होंठो को नीलम के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा. नीलम ने अपने दोनो हाथों से मेरी शर्ट के कोल्लेर्स को कस के पकड़ लिया. और अपनी आँखे बंद करके अपने होंठो को मेरे होंठो की तरफ बढ़ाने लगी.
नीलम की तेज़ी से चल रही गरम साँसे में अपने फेस और होंठो पर महसूस कर रहा था. में नीलम की उतेजना और वासना के कारण लाल सुर्ख हो कर दहक रहे फेस को देख रहा था. मेरी नज़र उसके फेस से हट नही रही थी…नीलम के काँपते होंठो बेसबरे से मेरे होंठो के मिलन का इंतजार कर रहे थे.जब मैने थोड़ी देर तक उसके होंठो को नही चूमा तो वो सरगोशी से भरी हुई काँपति आवाज़ में बोल पड़ी.
नीलम: ओह्ह समीर क्या सोच रहे हो. क्यों मुझे और मेरे होंठो को तड़पा रहे हो.
थोड़ी देर बाद नीलम फारिघ् होकर आई….और मुझे देखते हुए बोली…..” समीर अपने धुलने वाले कपड़े दे दो…में ऊपेर कपड़े धोने जा रही हूँ,….” मैने एक बार नजीबा की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोला…”नजीबा तुम बैठ कर टीवी देखो… मैं मामी जी को कपड़े देने है….और फिर पढ़ाई भी करनी है….अब दोपहर को नीचे आउन्गा…”
नजीबा: जी…..
नीलम मेरी तरफ देख कर मुस्कुराइ और कपड़ों की बालटी भर कर ऊपेर जाने लगी…. मैं भी उसके पीछे ऊपेर आ गया….जैसे ही हम दोनो रूम में पहुँचे तो, मैने नीलम को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया….”क्या कर रहे हो समीर उफ्फ थोड़ा सबर करो….” नीलम ने मुझसे अलग होते हुए कहा….तो मैं नीलम से अलग हो गया,…..”पहले अपने कपढ़े दो और मेरे साथ ऊपेर आओ….” मैने बॅग में से धुलने वाले कपड़े निकाले और बालटी में रख दिए….हम दोनो ऊपेर छत पर आ गये….ऊपेर एक छोटा सा स्टोर रूम था….जो सीढ़ियों की मम्टी के साथ था….नीलम ने उस रूम का डोर खोला…और अंदर जाकर मुझे आवाज़ दी….मैं जब अंदर पहुँचा तो, नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा….”चलो पहले मेरे साथ ये मशीन को बाहर निकलवाओ….”मैने एक तरफ से वॉशिंग मशीन को पकड़ा और दूसरी तरफ से नीलम ने… फिर उसे बाहर लाकर स्टोर रूम की दीवार के साथ डोर के पास रख दिया….
नीलम ने मशीन की केबल प्लग में लगाई और टॅप से पाइप लगा कर उसमे पानी भरने लगी….मैं वही खड़ा नीलम को देख रहा था….आज उसने पिंक कलर की शलवार कमीज़ पहना हुआ था….जिसमे से उसके ब्लॅक कलर की ब्रा सॉफ नज़र आ रही थी….उसके बड़े-2 फूटबाल जैसे मम्मे देख-2 कर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था….पानी भरने के बाद नीलम ने मशीन मे सर्फ और कपड़े डाले और मशीन ऑन कर दी….फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली…”बस हो गया…”
मैं नीलम की तरफ बढ़ा…और नीलम की कमर में बाहें डाल कर उसके होंठो को किस करने लगा…नीलम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी… में नीलम के होंठो को चूस्ते हुए…अपने एक हाथ को उसकी कमीज़ के ऊपेर से मम्मे पर ले गया…और धीरे-2 उसके मम्मे को मसलने लगा…
नीलम गरम होने लगी….नीलम ने अपने होंठो को मेरे होंठो से हटाया…और काँपती हुई मदहोशी से भरी आवाज़ में बोली….
नीलम: समीर अंदर चलो….
मैं नीलम की बाज़ुओं में लिए हुए नीचे झुक कर उसको अपनी बाहों में उठा लिया….
नीलम: ओह ओ समीर ध्यान से ध्यान से
में: कुछ नही होगा में आप को गिरने नही दूँगा.
और मेने नीलम को अपने बाहों में उठा लिया और दोनो हाथों से उसकी बुन्द के दोनो पार्ट्स को खोल कर दबाते हुए उसे स्टोर रूम में लेकर जाने लगा,…. “सीईइ समीर ये क्या कर रहे हो…आह समीर तुम तो बड़े बेशर्म हो….” जैसे ही में नीलम को उठा कर स्टोर रूम में पहुँचा….स्टोर रूम में एक सिंगल बेड था…. में नीलम को नीचे उतार दिया. और रूम की लाइट ऑन कर दी.
जैसे ही रूम में ट्यूब लाइट की रोसनी चारो तरफ फैली. नीलम ने अपने सर को शरम के मारे झुका लिया. में नीलम के पास गया, और नीलम की कमर को अपनी बाहों में कस लिया. नीलम ने अपने आँखों को बंद कर लिया.
में: क्या हुआ?नीलम जी आप तो अभी भी शरमा रही हो. मुझसे क्या शरमाना.
नीलम: (अपनी आँखों को खोलते हुए) अब अगर कोई *** साल का लड़का मेरे साथ ये सब करे तो मुझे शरम नही आएगी क्या.
में: तो सुबह शरम नही आ रही थी…
नीलम: आ रही थी.पर जब से तुम यहाँ आए हो. मेरा नींद हराम कर रखी है तुम्हारे इस हथियार ने (नीलम ने अपने हाथ को नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड पर दबाते हुए कहा…
मैने नीलम को अपनी बाहों में कस लिया. मेरे हाथ नीलम की कमर को सहला रहे थे.में नीलम की आँखों में देख रहा था. जो नीलम के गरम होने की वजह से बंद हुई जा रही थी. में अपने होंठो को नीलम के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा. नीलम ने अपने दोनो हाथों से मेरी शर्ट के कोल्लेर्स को कस के पकड़ लिया. और अपनी आँखे बंद करके अपने होंठो को मेरे होंठो की तरफ बढ़ाने लगी.
नीलम की तेज़ी से चल रही गरम साँसे में अपने फेस और होंठो पर महसूस कर रहा था. में नीलम की उतेजना और वासना के कारण लाल सुर्ख हो कर दहक रहे फेस को देख रहा था. मेरी नज़र उसके फेस से हट नही रही थी…नीलम के काँपते होंठो बेसबरे से मेरे होंठो के मिलन का इंतजार कर रहे थे.जब मैने थोड़ी देर तक उसके होंठो को नही चूमा तो वो सरगोशी से भरी हुई काँपति आवाज़ में बोल पड़ी.
नीलम: ओह्ह समीर क्या सोच रहे हो. क्यों मुझे और मेरे होंठो को तड़पा रहे हो.