hotaks444
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सबा की बुन्द के भूरे सुराख को देखते ही मेरे लंड ने जबरदस्त सलामी ठोकी और मैं अपने आप पर काबू ना रख सका...और उठ कर घुटनो के बल बैठ गया....और सबा चाची की मोटी गोश्त से भरि बुन्द को दोनो हाथों से पकड़ कर दबाते हुए मसलने लगा....और साथ मैं अपनी एक उंगली को सबा के सुराख पर दबाने लगा.....
"अहह" सबा एक दम से सीधी हो गयी....और मेरी तरफ घूमी और मुझे देखते हुए मुस्कराने लगी......"अब मेरे बारी है हिसाब चुकता करने की...'
मैं अपने लंड को हाथ से हिलाते हुए बेड पर लेट गया… सबा ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और फिर बेड पर घुटनो के बल बैठते ही मेरे लंड को पकड़ कर उसके ऊपेर झुकती चली गयी.....
अगले ही पल मेरे लंड का मोटा कॅप सबा के होंठो के बीच में दबा हुआ था. ....और सबा पूरी मस्ती में आकर मेरे लंड के चुप्पे लगाने लगी...वो कभी मेरे लंड को आधे से ज़्यादा मूह में भर कर चूसना शुरू कर देती तो कभी.....लंड को मूह से बाहर निकाल कर मेरे बॉल्स को मूह में भर कर चूसना शुरू कर देती.....कुछ ही पलों में मेरा लंड सबा के थूक से एक दम चिकना हो गया....
मैं बेड पर उठ कर बैठ गया....और सबा को बाहों में भरते हुए उन्हे नीचे लेटा दिया.....और उसके ऊपेर आते ही मेने उसके बड़े-2 मम्मों को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया......"उंह ओह्ह्ह्ह समीरर ....उंह सीईईई ह अहह अहह ओह हां चुस्स मेरे मम्मों को......"
सबा ने हाथ नीचे लेजा ते हुए मेरे लंड को पकड़ और अपनी फुद्दि के सुराख के सुराख पर सेट कर दिया......"सीईईईईईईई उंह समीर अब तो फिर फुद्दि को ठंडा कर ही दो डालो ना अपना लौडा मेरी फुददी में अहह......" सबा अब एक पल भी बर्दास्त नही कर पा रही थी....
मेने अपने लंड को पूरी ताक़त से सबा की फुद्दि में धकेला तो मेरे लंड का कॅप सबा की गीली रसदार फुद्दि की दीवारो को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा......सबा ने अपनी टांगे और बाहें दोनो ऊपेर उठा कर मेरी पीठ पर कस ली....और अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछालने लगी.....मेने भी कुछ और जबरदस्त धक्के मार कर उनकी फुद्दि की गहराईयो में अपने लंड को उतार दिया......
मैं: थॅंक्स सबा…(मैने अपने लंड को स्पीड से सबा की फुद्दि के अंदर बाहर करते हुए कहा…..
सबा: किस लिए थॅंक्स बोल रहे हो….
मैं: आज तुमने मुझे अपनी कोरी बुन्द जो मारने दी…
सबा: एक बात कहूँ…..
मैं: हाँ कहो…
सबा: मेरी बुन्द कोरी नही थी….
मैं सबा की बात सुन कर एक दम से चोंक गया….”क्या….”
सबा: हाँ पहले फ़ैज़ के अब्बू ने शादी के कुछ महीनो बाद मेरी बुन्द मारी थी… और फिर….(सबा बोलते बोलते चुप हो गयी….)
मैं: और फिर किसने मारी…(मैने पूरे जोश के साथ शॉट लगते हुए कहा….) फ़ैज़ के दादा ने….
"अहह" सबा एक दम से सीधी हो गयी....और मेरी तरफ घूमी और मुझे देखते हुए मुस्कराने लगी......"अब मेरे बारी है हिसाब चुकता करने की...'
मैं अपने लंड को हाथ से हिलाते हुए बेड पर लेट गया… सबा ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और फिर बेड पर घुटनो के बल बैठते ही मेरे लंड को पकड़ कर उसके ऊपेर झुकती चली गयी.....
अगले ही पल मेरे लंड का मोटा कॅप सबा के होंठो के बीच में दबा हुआ था. ....और सबा पूरी मस्ती में आकर मेरे लंड के चुप्पे लगाने लगी...वो कभी मेरे लंड को आधे से ज़्यादा मूह में भर कर चूसना शुरू कर देती तो कभी.....लंड को मूह से बाहर निकाल कर मेरे बॉल्स को मूह में भर कर चूसना शुरू कर देती.....कुछ ही पलों में मेरा लंड सबा के थूक से एक दम चिकना हो गया....
मैं बेड पर उठ कर बैठ गया....और सबा को बाहों में भरते हुए उन्हे नीचे लेटा दिया.....और उसके ऊपेर आते ही मेने उसके बड़े-2 मम्मों को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया......"उंह ओह्ह्ह्ह समीरर ....उंह सीईईई ह अहह अहह ओह हां चुस्स मेरे मम्मों को......"
सबा ने हाथ नीचे लेजा ते हुए मेरे लंड को पकड़ और अपनी फुद्दि के सुराख के सुराख पर सेट कर दिया......"सीईईईईईईई उंह समीर अब तो फिर फुद्दि को ठंडा कर ही दो डालो ना अपना लौडा मेरी फुददी में अहह......" सबा अब एक पल भी बर्दास्त नही कर पा रही थी....
मेने अपने लंड को पूरी ताक़त से सबा की फुद्दि में धकेला तो मेरे लंड का कॅप सबा की गीली रसदार फुद्दि की दीवारो को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा......सबा ने अपनी टांगे और बाहें दोनो ऊपेर उठा कर मेरी पीठ पर कस ली....और अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछालने लगी.....मेने भी कुछ और जबरदस्त धक्के मार कर उनकी फुद्दि की गहराईयो में अपने लंड को उतार दिया......
मैं: थॅंक्स सबा…(मैने अपने लंड को स्पीड से सबा की फुद्दि के अंदर बाहर करते हुए कहा…..
सबा: किस लिए थॅंक्स बोल रहे हो….
मैं: आज तुमने मुझे अपनी कोरी बुन्द जो मारने दी…
सबा: एक बात कहूँ…..
मैं: हाँ कहो…
सबा: मेरी बुन्द कोरी नही थी….
मैं सबा की बात सुन कर एक दम से चोंक गया….”क्या….”
सबा: हाँ पहले फ़ैज़ के अब्बू ने शादी के कुछ महीनो बाद मेरी बुन्द मारी थी… और फिर….(सबा बोलते बोलते चुप हो गयी….)
मैं: और फिर किसने मारी…(मैने पूरे जोश के साथ शॉट लगते हुए कहा….) फ़ैज़ के दादा ने….