hotaks444
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नरगिस मेरी बगल में लेटी हुई अपनी सांसो को दुरस्त कर रही थी….मेने नरगिस की तरफ करवट ली और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ घुमाया तो, नरगिस की नज़रें जैसे ही मेरी नज़रों से टकराई तो, उसने शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली…”क्या हुआ…..?” मेने नरगिस के चेहरे के पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए कहा… तो नरगिस नही में गर्दन हिलाते हुए बोली….”कुछ नही…..?”
मैं: मुझसे नाराज़ तो नही हो…..?
नरगिस: (हां में गर्दन हिलाते हुए….) हां….
मैं: तो तुम नही चाहती थी….क्या मेने तुम्हारे साथ तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ किया है….या खुदा ये मुझसे कैसा गुनाह हो गया…..
मेरी बात सुन कर नरगिस के होंठो पर मुस्कान आ गयी….”नही ऐसी बात नही है…”
मैं: तो फिर क्या बात है….?
नरगिस: ये भी कोई तरीका होता है प्यार करने का…..
मैं: क्यों क्या हुआ…..?
नरीग्स: तुम तो बिल्कुल जानवरों के तरह करते हो…..मुझे घायल कर दिया तुमने…. पता नही क्या -2 सोचा था….कि ऐसे करेंगे….तुम मुझे प्यार करोगे….और देखो ना तुमने मुझे प्यार भी नही किया….और सीधा शुरू हो गये….
मैं: ओह्ह सॉरी वो दरअसल तुम हो ही इतनी हॉट कि में अपने आप को रोक नही सका… और मेरा ये लंड ये तो फॅट जाता…अगर इसे तुम्हारी फुद्दि के अंदर नही डालता….
नरगिस: (मेरे होंठो को चूमते हुए….) अच्छा जी…..वैसी आपका ये भी बहुत खूबसूरत है….(नरगिस ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर मेरे लंड को पकड़ कर दबाते हुए कहा….)
मैं: वैसी अभी भी बहुत टाइम है….तुम्हारी शिकीयत दूर कर देता हूँ…
मेने नरगिस के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना शुरू कर दिया… नरगिस ने भी अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया….और मुझसे मस्त होकर अपने होंठो को चुसवाने लगी….फिर नरगिस ने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग किया…और मुझसे दूर होते हुए बोली….”नही समीर अभी नही….मुझे मारने का इरादा है क्या….मुझे थोड़ा ब्रेक चाहिए…..रूको अभी….” ये कह कर नरगिस खड़ी हुई और अपनी पाजामी उठा कर बाथरूम में चली गयी…..थोड़ी देर बाद वो बाहर आई, तो उसने अपनी पाजामी पहनी हुई थी…..उसके बाहर आने के बाद में बाथरूम में चला गया…..और फ्रेश होकर बाहर आया तो देखा कि, मेरे कपड़े बेड पर पड़े हुए थे….और नरगिस ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई आपने बालों को सवार रही थी….मेने कपड़े पहनने शुरू ही किए थे कि, बाहर डोर बेल बजी….जिसे सुन कर मैं एक दम से चोंक गया… मेरी हालत देख नरगिस हंसते हुए बोली…..”हाहः घबराओ नही…..होटेल से कोई खाना लेकर आया होगा….मेने ओडर किया था….”
नरगिस अपनी बुन्द हिलाते हुए बाहर चली गयी…..और में कपड़े पहनने लगा…. कपड़े पहनने के बाद मैं वही बेड पर लेट गया….थोड़ी देर बाद नरगिस रूम में आई…..”आइए खाना खा लें….” मैं बेड से उठा और नरगिस के साथ बाहर आ गया…. नरगिस ने सोफे के सामने टेबल पर खाना रखा था….हम दोनो खाने के लिए बैठ गये…..खाना खाने के बाद मेने हाथ धोए और वही सोफे पर बैठ गया…नरगिस खाली प्लेट्स उठा कर किचन में रखने लगी. किचन से फ्री होकर वो बाथरूम में गयी और थोड़ी देर बाद वापिस आई…”मुझे तुमसे एक बात पूछनी है….” मेने नरगिस की तरफ देखते हुए कहा….
नरगिस: हां पूछो….
मैं: ऐसे नही पहले यहाँ आकर मेरे पास बैठो….
मेने नरगिस को अपने पास बैठने का इशारा करते हुए कहा….तो नरगिस मेरे पास आकर सोफे पर बैठ गयी….”अब बोलो क्या बात है….”
मैं: नरगिस क्या मैं तुमसे कुछ पर्सनल पूछ सकता हूँ….
नरगिस: हां बोलो क्या बात है….
मैं: वो दरअसल उस दिन मेने तुम्हे और तुम्हारी आपी को उसके रूम में देखा था छुप कर……आख़िर तुम दोनो के बीच में क्या चल रहा है….
नरगिस: (एक दम चोन्कते हुए….) क्या तुम हमारे घर मैं तान्क झाँक कर रहे थे….
मैं: सॉरी वो दरअसल रूम में से अजीब से आवाज़ें आ रही थी……मुझे लगा कि तुम्हारा और तुम्हारी आपी का झगड़ा हो गया है….
नरगिस: समीर तुमने क्या देखा….(नरगिस ने थोड़ा सा घबराते हुए पूछा..)
मैं: नरगिस ये तुम्हारे और तुम्हारी अपी के बीच में सब क्या चल रहा है….सॉरी पर ये सब कुछ मेने जानबूज कर नही किया…..
मेरी बात सुन कर नरगिस के आँखे नम हो गयी….”समीर तुमने जो देखा और समझा है …वो सब सच है…..” नरगिस ने अपना चेहरा दूसरी तरफ करके अपनी आँखो में आए हुए आँसुओं को पोंछते हुए कहा…
.”क्या पर ये सब तुम दोनो क्यों कर रही हो… गॉडडॅमिट वो तुम्हारी बड़ी बेहन है….और तुम उनकी छोटी बेहन हो….” मेरी बात सुन कर नरगिस एक दम से खड़ी हो गयी….और टेबल पर हाथ रख कर सूबकने लगी….मैं खड़ा हुआ और नरगिस के पीछे जाकर खड़ा हो गया….मेने नरगिस को उसके कंधो से पकड़ कर उसे अपनी तरफ घुमाया….
मैं: प्लीज़ नरगिस इस तरह रोओ मत…में तुम्हे रोता हुआ नही देख पाउन्गा….
मेने नरगिस की आँखो को सॉफ करते हुए कहा तो, नरगिस एक दम से मुझसे लिपट गयी….और फुट-2 कर रोने लगी….मेने भी इस बार उसे चुप करवाने के कॉसिश नही की….वो 3-4 मिनिट तक रोती रही….”अब चुप हो जाओ नरगिस…प्लीज़ अब रोना मत….तुम्हे मेरी कसम है,….अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानती हो तो चुप हो जाओ…” मेने नरगिस की आँखो के आँसुओं को फिर से सॉफ किया……
मैं: ये सब कैसे शुरू हुआ तुम दोनो के बीच और कब से चल रहा है….
नरगिस: बता दूँगी समीर….पर प्लीज़ ये बात किसी के साथ शेअर करके हमारी लाइफ का मज़ाक मत बनाना….
मैं: क्या मैं तुम्हे ऐसा इंसान लगता हूँ……
नरगिस: समीर मैं तुम्हे सब कुछ बता दूँगी……पर अभी नही…..
मैं: ठीक है जैसा तुम ठीक समझो……अच्छा अब में चलता हूँ….
नरगिस: समीर थोड़ी देर और रुक जाओ ना…..
मैं: क्यों क्या हुआ…..?
नरगिस: (शर्मा कर मुस्कुराते हुए….) ऐसे ही….
मैं: ऐसे ही पर क्यों…..?
नरगिस: तो क्या तुम थोड़ी देर और नही रुक सकते…..
मैं: रुकने को तो मैं सारा दिन रुक सकता हूँ…अगर तुम चाहो तो….
नरगिस ने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और फिर मेरे पास आते हुए बोली….” समीर मैं तुम्हे कुछ दिखाना चाहती हूँ….” मेने नरगिस की तरफ सवालिया नज़रों से देखा और बोला….”क्या….”
नरगिस: तुम थोड़ी देर बैठो…में अभी लाकर दिखाती हूँ….
ये कह कर नरगिस अपने रूम में चली गयी…..और में सोफे पर बैठ गया…करीब 15 मिनिट बाद नरगिस के रूम का डोर खुला और नरगिस रूम से बाहर आई…तो एक बार तो मैं अपनी पलकें झपकाना भी भूल गया…वो मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी…उसने येल्लो कलर की ट्रॅन्स्परेंट शॉर्ट नाइटी पहनी हुई थी…जो उसके घुटनो तक भी नही पहुँच पा रही थी….उसकी ट्रॅन्स्परेंट नाइटी के अंदर से उसके मम्मे और तने हुए निपल सॉफ नज़र आ रहे थे….
नरगिस मेरी बगल में लेटी हुई अपनी सांसो को दुरस्त कर रही थी….मेने नरगिस की तरफ करवट ली और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ घुमाया तो, नरगिस की नज़रें जैसे ही मेरी नज़रों से टकराई तो, उसने शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली…”क्या हुआ…..?” मेने नरगिस के चेहरे के पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए कहा… तो नरगिस नही में गर्दन हिलाते हुए बोली….”कुछ नही…..?”
मैं: मुझसे नाराज़ तो नही हो…..?
नरगिस: (हां में गर्दन हिलाते हुए….) हां….
मैं: तो तुम नही चाहती थी….क्या मेने तुम्हारे साथ तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ किया है….या खुदा ये मुझसे कैसा गुनाह हो गया…..
मेरी बात सुन कर नरगिस के होंठो पर मुस्कान आ गयी….”नही ऐसी बात नही है…”
मैं: तो फिर क्या बात है….?
नरगिस: ये भी कोई तरीका होता है प्यार करने का…..
मैं: क्यों क्या हुआ…..?
नरीग्स: तुम तो बिल्कुल जानवरों के तरह करते हो…..मुझे घायल कर दिया तुमने…. पता नही क्या -2 सोचा था….कि ऐसे करेंगे….तुम मुझे प्यार करोगे….और देखो ना तुमने मुझे प्यार भी नही किया….और सीधा शुरू हो गये….
मैं: ओह्ह सॉरी वो दरअसल तुम हो ही इतनी हॉट कि में अपने आप को रोक नही सका… और मेरा ये लंड ये तो फॅट जाता…अगर इसे तुम्हारी फुद्दि के अंदर नही डालता….
नरगिस: (मेरे होंठो को चूमते हुए….) अच्छा जी…..वैसी आपका ये भी बहुत खूबसूरत है….(नरगिस ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर मेरे लंड को पकड़ कर दबाते हुए कहा….)
मैं: वैसी अभी भी बहुत टाइम है….तुम्हारी शिकीयत दूर कर देता हूँ…
मेने नरगिस के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना शुरू कर दिया… नरगिस ने भी अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया….और मुझसे मस्त होकर अपने होंठो को चुसवाने लगी….फिर नरगिस ने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग किया…और मुझसे दूर होते हुए बोली….”नही समीर अभी नही….मुझे मारने का इरादा है क्या….मुझे थोड़ा ब्रेक चाहिए…..रूको अभी….” ये कह कर नरगिस खड़ी हुई और अपनी पाजामी उठा कर बाथरूम में चली गयी…..थोड़ी देर बाद वो बाहर आई, तो उसने अपनी पाजामी पहनी हुई थी…..उसके बाहर आने के बाद में बाथरूम में चला गया…..और फ्रेश होकर बाहर आया तो देखा कि, मेरे कपड़े बेड पर पड़े हुए थे….और नरगिस ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई आपने बालों को सवार रही थी….मेने कपड़े पहनने शुरू ही किए थे कि, बाहर डोर बेल बजी….जिसे सुन कर मैं एक दम से चोंक गया… मेरी हालत देख नरगिस हंसते हुए बोली…..”हाहः घबराओ नही…..होटेल से कोई खाना लेकर आया होगा….मेने ओडर किया था….”
नरगिस अपनी बुन्द हिलाते हुए बाहर चली गयी…..और में कपड़े पहनने लगा…. कपड़े पहनने के बाद मैं वही बेड पर लेट गया….थोड़ी देर बाद नरगिस रूम में आई…..”आइए खाना खा लें….” मैं बेड से उठा और नरगिस के साथ बाहर आ गया…. नरगिस ने सोफे के सामने टेबल पर खाना रखा था….हम दोनो खाने के लिए बैठ गये…..खाना खाने के बाद मेने हाथ धोए और वही सोफे पर बैठ गया…नरगिस खाली प्लेट्स उठा कर किचन में रखने लगी. किचन से फ्री होकर वो बाथरूम में गयी और थोड़ी देर बाद वापिस आई…”मुझे तुमसे एक बात पूछनी है….” मेने नरगिस की तरफ देखते हुए कहा….
नरगिस: हां पूछो….
मैं: ऐसे नही पहले यहाँ आकर मेरे पास बैठो….
मेने नरगिस को अपने पास बैठने का इशारा करते हुए कहा….तो नरगिस मेरे पास आकर सोफे पर बैठ गयी….”अब बोलो क्या बात है….”
मैं: नरगिस क्या मैं तुमसे कुछ पर्सनल पूछ सकता हूँ….
नरगिस: हां बोलो क्या बात है….
मैं: वो दरअसल उस दिन मेने तुम्हे और तुम्हारी आपी को उसके रूम में देखा था छुप कर……आख़िर तुम दोनो के बीच में क्या चल रहा है….
नरगिस: (एक दम चोन्कते हुए….) क्या तुम हमारे घर मैं तान्क झाँक कर रहे थे….
मैं: सॉरी वो दरअसल रूम में से अजीब से आवाज़ें आ रही थी……मुझे लगा कि तुम्हारा और तुम्हारी आपी का झगड़ा हो गया है….
नरगिस: समीर तुमने क्या देखा….(नरगिस ने थोड़ा सा घबराते हुए पूछा..)
मैं: नरगिस ये तुम्हारे और तुम्हारी अपी के बीच में सब क्या चल रहा है….सॉरी पर ये सब कुछ मेने जानबूज कर नही किया…..
मेरी बात सुन कर नरगिस के आँखे नम हो गयी….”समीर तुमने जो देखा और समझा है …वो सब सच है…..” नरगिस ने अपना चेहरा दूसरी तरफ करके अपनी आँखो में आए हुए आँसुओं को पोंछते हुए कहा…
.”क्या पर ये सब तुम दोनो क्यों कर रही हो… गॉडडॅमिट वो तुम्हारी बड़ी बेहन है….और तुम उनकी छोटी बेहन हो….” मेरी बात सुन कर नरगिस एक दम से खड़ी हो गयी….और टेबल पर हाथ रख कर सूबकने लगी….मैं खड़ा हुआ और नरगिस के पीछे जाकर खड़ा हो गया….मेने नरगिस को उसके कंधो से पकड़ कर उसे अपनी तरफ घुमाया….
मैं: प्लीज़ नरगिस इस तरह रोओ मत…में तुम्हे रोता हुआ नही देख पाउन्गा….
मेने नरगिस की आँखो को सॉफ करते हुए कहा तो, नरगिस एक दम से मुझसे लिपट गयी….और फुट-2 कर रोने लगी….मेने भी इस बार उसे चुप करवाने के कॉसिश नही की….वो 3-4 मिनिट तक रोती रही….”अब चुप हो जाओ नरगिस…प्लीज़ अब रोना मत….तुम्हे मेरी कसम है,….अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानती हो तो चुप हो जाओ…” मेने नरगिस की आँखो के आँसुओं को फिर से सॉफ किया……
मैं: ये सब कैसे शुरू हुआ तुम दोनो के बीच और कब से चल रहा है….
नरगिस: बता दूँगी समीर….पर प्लीज़ ये बात किसी के साथ शेअर करके हमारी लाइफ का मज़ाक मत बनाना….
मैं: क्या मैं तुम्हे ऐसा इंसान लगता हूँ……
नरगिस: समीर मैं तुम्हे सब कुछ बता दूँगी……पर अभी नही…..
मैं: ठीक है जैसा तुम ठीक समझो……अच्छा अब में चलता हूँ….
नरगिस: समीर थोड़ी देर और रुक जाओ ना…..
मैं: क्यों क्या हुआ…..?
नरगिस: (शर्मा कर मुस्कुराते हुए….) ऐसे ही….
मैं: ऐसे ही पर क्यों…..?
नरगिस: तो क्या तुम थोड़ी देर और नही रुक सकते…..
मैं: रुकने को तो मैं सारा दिन रुक सकता हूँ…अगर तुम चाहो तो….
नरगिस ने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और फिर मेरे पास आते हुए बोली….” समीर मैं तुम्हे कुछ दिखाना चाहती हूँ….” मेने नरगिस की तरफ सवालिया नज़रों से देखा और बोला….”क्या….”
नरगिस: तुम थोड़ी देर बैठो…में अभी लाकर दिखाती हूँ….
ये कह कर नरगिस अपने रूम में चली गयी…..और में सोफे पर बैठ गया…करीब 15 मिनिट बाद नरगिस के रूम का डोर खुला और नरगिस रूम से बाहर आई…तो एक बार तो मैं अपनी पलकें झपकाना भी भूल गया…वो मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी…उसने येल्लो कलर की ट्रॅन्स्परेंट शॉर्ट नाइटी पहनी हुई थी…जो उसके घुटनो तक भी नही पहुँच पा रही थी….उसकी ट्रॅन्स्परेंट नाइटी के अंदर से उसके मम्मे और तने हुए निपल सॉफ नज़र आ रहे थे….