hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मैने जल्दी से किचिन में गयी और पानी ला कर दिया..कुछ घूँट पीने के बाद अम्मी फिर से रोने लगी...मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था कि अब में क्या करूँ….मैने फिर से कहा….कि में अब्बू को बुला लाती हूँ….पर अम्मी ने मना कर दिया…कि उन्होने फिर से झगड़ा शुरू कर देना है…मुझे और कुछ तो सूझा नही तो मेरे मूह से निकला
"अम्मी में आपकी मदद करूँ….? क्या मैं आपका दूध पीकर देखूं…"
अम्मी ने मुझे हसरत भरी नज़रों से देखा…..में फर्श पर अम्मी की बगल में बैठ गयी..अम्मी ने मेरा सिर अपनी गोद में रखा और कमीज़ को अपने मम्मो पर से उठा से उठाया तो, मैं अम्मी की ब्रा देख कर हैरान हो गयी...ऐसा नही था कि मैने पहले कभी अम्मी को ब्रा में नही देखा था..मगर दूध उतरने के बाद और वो भी इतनी करीब से नही देखा था...अम्मी की ब्रा फटने की कगार पे थी..अम्मी ने ब्रा को दोनो हाथो से पकड़ कर जैसे ही ऊपेर किया… कि अम्मी का एक मम्मा फुट के बाहर आ गया...दूध भर जाने से मम्मे और भी बड़े लग रहे थे..मम्मो के निपल हल्के भूरे और हल्के गुलाबी थे..अम्मी ने अपने मम्मे को मेरे मूह की तरफ किया...
मैने धीरे से निप्पेल को अपने मूह में लिया और हल्के हल्के निप्पल को चूसने लगी..शुरुआत में मम्मो से दूध बूँद बूँद कर निकल रहा था..मगर मेरे होंठो की गर्मी से दूध और तेज़ी से बाहर आने लगा..जैसे जैसे अम्मी को राहत मिलने लगी मम्मो में से दूध की धार और तेज़ हो गयी..दूध बहुत मीठा था...पहले तो में बस निपल को चूस्ति रही....अचानक अम्मी ने अपने मम्मो को मेरे मूह की तरफ दबाया जिससे निपल के साथ साथ मम्मो का कुछ हिस्सा भी मेरे मूह में भर गया...ऐसा होते ही अम्मी की साँसों की रफ़्तार बढ़ने लगी और उन्हो ने अपनी आँखे भी बंद कर ली... कुछ ही मिनटों में मैने एक मम्मे का का सारा दूध पी लिया...
"मुझे लगता है कि इसमे अब और दूध नही है"मैने कहा
"अब इसका दूध पी लो"अम्मी ने होंठो पर हल्की सी स्माइल लाते हुए अपने दूसरे मम्मे को भी ब्रा से बाहर निकाल दिया…मैने दूसरे मम्मे को मूह में लिया और निपल चूसने लगी...अम्मी हल्के हाथों से मेरे बालों में उंगलियाँ फेरने लगी..मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी...ऐसा करते ही अम्मी ने भी मम्मों को मेरे मूह पे थोड़ा और दबाया..कुछ देर बाद उस मम्मे का भी दूध मैने चूस डाला और मम्मे को अपने मूह से निकाल दिया...मैने अम्मी की तरफ देखा..वो मुस्कुरा रही थी और पुरस्कून भी लग रही थी..अम्मी के मम्मे का गीला निपल अभी भी मेरे होंठो को छू रहा था मगर अम्मी ने मुझे हटाया नही...अम्मी धीरे से झुकी और मेरे गालों का बोसा लिया...
"तुमने मुझे बचा लिया है..में अब बेहतर महसूस कर रही हूँ...थॅंक्स"अम्मी ने कहा
"ये तो मेरा फ़र्ज़ था"मैने मुस्कुराते हुए कहा और खड़ी हो गयी...
"ठीक है साना...रात बहुत हो गयी है..अब तुम जाओ और सो जाओ...कल स्कूल भी जाना है...और में भी चेंज कर लेती हूँ...तुमने तो मुझे मिल्क बाथ दे दिया"अम्मी ने हँसते हुए कहा
"ओके अम्मी गुड नाइट" ये कह के में अम्मी के बेडरूम से बाहर आ गयी...और अपने रूम में आई और डोर को अंदर से लॉक करके बेड पर लेट गयी….जैसे ही मैं बेड पर लेटी तो मेरे जेहन में स्कूल मे हुए एक दिन का वाक़या घूम गया…. उस दिन स्कूल में जब रिसेस चल रही थी….तो मेरे बाय्फ्रेंड ने मुझे ऊपेर वाली मंज़िल की क्लास रूम में रोक लिया….क्लास रूम एक दम खाली था… उस दिन उसने जब पहली बार मेरे मम्मो को छुआ और चूसा था…..तब मुझे जन्नत का मज़ा आया था….वो दिन उस रात मेरी आँखो के सामने घूम रहा था….अचानक मुझे ख़याल आया कि, क्या अम्मी को भी ऐसा ही मज़ा आया होगा…..जैसा उस दिन मुझे आया था….यही सब सोचते-2 कब मेरा हाथ मेरी फुद्दि पर पहुँच गया मुझे पता नही चला….
बेड पर लेटे-2 मैने शलवार के ऊपेर से अपनी फुद्दि को दबाना शुरू कर दिया… मेरी साँसे तेज होने लगी थे….धीरे-2 मैने अपनी फुद्दि पर और तेज़ी से हाथ फेरना शुरू कर दिया…और फिर तकरीबन 5 मिनिट बाद मेरी फुद्दि ने पानी छोड़ दिया… मैं बेड से उठी और डोर खोल कर बाथरूम में चली गयी….और फ्रेश होकर जब वापिस आ रही थी तो, तब मेरी नज़र अम्मी के रूम पर पड़ी….अंदर लाइट ऑन थी….मेरे दिल में आया कि अंदर देखु कि अम्मी इस वक़्त क्या कर रही है….कही उन्हे फिर से तकलीफ़ तो नही हो रही….
गर्मियों के दिन थे इसीलिए अम्मी अक्सर विंडोस को खोल कर सोती थे….मैं दबे पाँव बिना आवाज़ किए विंडो के पास गयी तो, मेरी नज़र अम्मी पर पड़ी….पर जिस हाल में वो बेड पर लेटी हुई थी…उसे देख कर में एक दम से चोंक गयी…. अम्मी ने अपनी कमीज़ को ऊपेर उठा के अपने मम्मो को बाहर निकाल रखा था...उनकी शलवार उनकी राणो तक नीचे उतरी हुई थे….उन्होने एक हाथ से अपने लेफ्ट मम्मे को पकड़ा हुआ था….और दूसरा हाथ उनकी फुद्दि पर था…जिसे वो गोल -2 घुमा कर अपनी फुद्दि पर रगड़ रही थी….और दूसरे हाथ से मजीद अपने मम्मे को दबाए जा रही थे….मुझे समझते देर नही लगी कि, अम्मी भी हॉट हो चुकी थे… उनकी आँखे बंद थी….और वो लंबी -2 साँसे ले रही थी….बीच-2 में उनकी बुन्द बेड से ऊपेर उठ कर झटके खाती…तो उनके मुँह से आह निकल जाती….मैं काफ़ी देर तक वही खड़ी रही…और फिर जब अम्मी ठंडी हुई तो, मैं अपने रूम में आकर बेड पर लेट गयी…..
"अम्मी में आपकी मदद करूँ….? क्या मैं आपका दूध पीकर देखूं…"
अम्मी ने मुझे हसरत भरी नज़रों से देखा…..में फर्श पर अम्मी की बगल में बैठ गयी..अम्मी ने मेरा सिर अपनी गोद में रखा और कमीज़ को अपने मम्मो पर से उठा से उठाया तो, मैं अम्मी की ब्रा देख कर हैरान हो गयी...ऐसा नही था कि मैने पहले कभी अम्मी को ब्रा में नही देखा था..मगर दूध उतरने के बाद और वो भी इतनी करीब से नही देखा था...अम्मी की ब्रा फटने की कगार पे थी..अम्मी ने ब्रा को दोनो हाथो से पकड़ कर जैसे ही ऊपेर किया… कि अम्मी का एक मम्मा फुट के बाहर आ गया...दूध भर जाने से मम्मे और भी बड़े लग रहे थे..मम्मो के निपल हल्के भूरे और हल्के गुलाबी थे..अम्मी ने अपने मम्मे को मेरे मूह की तरफ किया...
मैने धीरे से निप्पेल को अपने मूह में लिया और हल्के हल्के निप्पल को चूसने लगी..शुरुआत में मम्मो से दूध बूँद बूँद कर निकल रहा था..मगर मेरे होंठो की गर्मी से दूध और तेज़ी से बाहर आने लगा..जैसे जैसे अम्मी को राहत मिलने लगी मम्मो में से दूध की धार और तेज़ हो गयी..दूध बहुत मीठा था...पहले तो में बस निपल को चूस्ति रही....अचानक अम्मी ने अपने मम्मो को मेरे मूह की तरफ दबाया जिससे निपल के साथ साथ मम्मो का कुछ हिस्सा भी मेरे मूह में भर गया...ऐसा होते ही अम्मी की साँसों की रफ़्तार बढ़ने लगी और उन्हो ने अपनी आँखे भी बंद कर ली... कुछ ही मिनटों में मैने एक मम्मे का का सारा दूध पी लिया...
"मुझे लगता है कि इसमे अब और दूध नही है"मैने कहा
"अब इसका दूध पी लो"अम्मी ने होंठो पर हल्की सी स्माइल लाते हुए अपने दूसरे मम्मे को भी ब्रा से बाहर निकाल दिया…मैने दूसरे मम्मे को मूह में लिया और निपल चूसने लगी...अम्मी हल्के हाथों से मेरे बालों में उंगलियाँ फेरने लगी..मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी...ऐसा करते ही अम्मी ने भी मम्मों को मेरे मूह पे थोड़ा और दबाया..कुछ देर बाद उस मम्मे का भी दूध मैने चूस डाला और मम्मे को अपने मूह से निकाल दिया...मैने अम्मी की तरफ देखा..वो मुस्कुरा रही थी और पुरस्कून भी लग रही थी..अम्मी के मम्मे का गीला निपल अभी भी मेरे होंठो को छू रहा था मगर अम्मी ने मुझे हटाया नही...अम्मी धीरे से झुकी और मेरे गालों का बोसा लिया...
"तुमने मुझे बचा लिया है..में अब बेहतर महसूस कर रही हूँ...थॅंक्स"अम्मी ने कहा
"ये तो मेरा फ़र्ज़ था"मैने मुस्कुराते हुए कहा और खड़ी हो गयी...
"ठीक है साना...रात बहुत हो गयी है..अब तुम जाओ और सो जाओ...कल स्कूल भी जाना है...और में भी चेंज कर लेती हूँ...तुमने तो मुझे मिल्क बाथ दे दिया"अम्मी ने हँसते हुए कहा
"ओके अम्मी गुड नाइट" ये कह के में अम्मी के बेडरूम से बाहर आ गयी...और अपने रूम में आई और डोर को अंदर से लॉक करके बेड पर लेट गयी….जैसे ही मैं बेड पर लेटी तो मेरे जेहन में स्कूल मे हुए एक दिन का वाक़या घूम गया…. उस दिन स्कूल में जब रिसेस चल रही थी….तो मेरे बाय्फ्रेंड ने मुझे ऊपेर वाली मंज़िल की क्लास रूम में रोक लिया….क्लास रूम एक दम खाली था… उस दिन उसने जब पहली बार मेरे मम्मो को छुआ और चूसा था…..तब मुझे जन्नत का मज़ा आया था….वो दिन उस रात मेरी आँखो के सामने घूम रहा था….अचानक मुझे ख़याल आया कि, क्या अम्मी को भी ऐसा ही मज़ा आया होगा…..जैसा उस दिन मुझे आया था….यही सब सोचते-2 कब मेरा हाथ मेरी फुद्दि पर पहुँच गया मुझे पता नही चला….
बेड पर लेटे-2 मैने शलवार के ऊपेर से अपनी फुद्दि को दबाना शुरू कर दिया… मेरी साँसे तेज होने लगी थे….धीरे-2 मैने अपनी फुद्दि पर और तेज़ी से हाथ फेरना शुरू कर दिया…और फिर तकरीबन 5 मिनिट बाद मेरी फुद्दि ने पानी छोड़ दिया… मैं बेड से उठी और डोर खोल कर बाथरूम में चली गयी….और फ्रेश होकर जब वापिस आ रही थी तो, तब मेरी नज़र अम्मी के रूम पर पड़ी….अंदर लाइट ऑन थी….मेरे दिल में आया कि अंदर देखु कि अम्मी इस वक़्त क्या कर रही है….कही उन्हे फिर से तकलीफ़ तो नही हो रही….
गर्मियों के दिन थे इसीलिए अम्मी अक्सर विंडोस को खोल कर सोती थे….मैं दबे पाँव बिना आवाज़ किए विंडो के पास गयी तो, मेरी नज़र अम्मी पर पड़ी….पर जिस हाल में वो बेड पर लेटी हुई थी…उसे देख कर में एक दम से चोंक गयी…. अम्मी ने अपनी कमीज़ को ऊपेर उठा के अपने मम्मो को बाहर निकाल रखा था...उनकी शलवार उनकी राणो तक नीचे उतरी हुई थे….उन्होने एक हाथ से अपने लेफ्ट मम्मे को पकड़ा हुआ था….और दूसरा हाथ उनकी फुद्दि पर था…जिसे वो गोल -2 घुमा कर अपनी फुद्दि पर रगड़ रही थी….और दूसरे हाथ से मजीद अपने मम्मे को दबाए जा रही थे….मुझे समझते देर नही लगी कि, अम्मी भी हॉट हो चुकी थे… उनकी आँखे बंद थी….और वो लंबी -2 साँसे ले रही थी….बीच-2 में उनकी बुन्द बेड से ऊपेर उठ कर झटके खाती…तो उनके मुँह से आह निकल जाती….मैं काफ़ी देर तक वही खड़ी रही…और फिर जब अम्मी ठंडी हुई तो, मैं अपने रूम में आकर बेड पर लेट गयी…..