hotaks444
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जब यह सब मादक घटनाएं घटना शुरू हुईं तब मैं काफी छोटा था | अभी अभी किशोर अवस्था में कदम रखा था | गाँव के बड़े पुश्तैनी मकान में मैं कुछ ही दिन पहले माँ के साथ रहने आया था | नौ साल की उम्र से मैं शहर में मामा के यहाँ रहता था और वहीँ स्कूल में पड़ता था | तब गाँव में सिर्फ प्राइमरी स्कूल था , इसलिए माँ ने मुझे पढने शहर भेज दिया था | अब गाँव में हाई स्कूल खुल जाने से माँ ने मुझे यहीं बुलवा लिया था कि दसवीं तक की पूरी पढाई मैं यहीं कर सकूँ |
घर में माँ, मैं हमारा जवां 22 साल का नौकर घोटू और उसकी माँ झुमरी रहते थे | झुमरी हमारे यहाँ घर में नौकरानी थी | चालीस के आस पास उम्र होगी | घर के पीछे खेत में एक छोटा मकान रहने को माँ ने उन्हें दे दिया था | जब मैं वापस आया तो माँ के साथ साथ झुमरी और घोटू को भी बहुत ख़ुशी हुई | मुझे याद है कि बचपन से झुमरी और घोटू मुझे बहुत प्यार करते थे | मेरे सारी देखभाल बचपन में घोटू ही किया करता था |
वापिस आने के दो दिन में ही मैं समझ गया था कि माँ घोटू और झुमरी को कितना मानती थी | वे हमारे यहाँ बहुत सैलून से थे | मेरे जन्म के भी बहुत पहले से | असल में माँ उन्हें शादी के बाद मायके से ही ले आई थी | अब मैंने महसूस किया कि माँ की उनसे घनिष्टता और बढ़ गयी थी | वे उनसे नौकर जैसा नहीं बल्कि घर के सदस्य जैसा बर्ताव करती थी | घोटू तो माँ जी मां जी कहता हमेशा उसके आगे पीछे घूमता रहता था |
घर का सारा काम माँ ने झुमरी के सपुर्द कर रखा था | कभी कभी झुमरी माँ से ऐसे पेश आती थी | जैसे झुमरी नौकरानी नहीं बल्कि माँ की जेठानी हो | कई बार वो माँ पर अधिकार जताते हुए उनसे डांट डपट भी करती थी | पर माँ चुपचाप मुस्कराकर सब सहन कर लेती थी | इसका कारण मुझे जल्दी ही पता चल गया | जब से मैं आया था तब से झुमरी और घोटू मुझपे ख़ास ध्यान देने लगे थे | झुमरी बार बार मुझे पकड़ कर सीने से लगा लेती थी और चूम लेती |
“मुन्ना, बड़ा प्यारा हो गया है तू , बड़ा होकर अब और खूबसूरत लगने लगा है , बिलकुल छोकरियों जैसे सुन्दर है, गोरा चिकना” झुमरी कहती |
माँ यह सुनकर अक्सर कहती, “अरे अभी बहुत छोटा बच्चा है , बड़ा कहाँ हुआ है |”
तो झुमरी कहती, “हमारे काम के लिए काफी बड़ा है , मालकिन” और आँखें नचाकर हंसने लगती | माँ फिर उसे डांट कर चुप करा देती | झुमरी की बातों में छुपा अर्थ बाद में मुझे समझ में आया | घोटू भी मेरी और देखता और अलग तरीके से हँसके बोलता
मुन्ना नहला दूं? बचपन में मैं ही नह्लाता था तुझे | मैं नराज होकर उसे डांट देता | वैसे बात सही थी | मुझे कुछ कुछ याद था कि बचपन में घोटू मुझे नंगा करके नह्लाता था | तब वो 15 साल का होगा | मुझे वो कई बार चूम भी लेता था | मेरी लुल्ली और चूतडों को वो खूब साबुन लगाकर रगड़ता था और मुझे वो बड़ा अच्छा लगता था | एक दो बार खेल खेल में घोटू मेरी लुल्ली और चुतड चूम भी लेता और फिर कहता कि मैं माँ से ना कहूँ | वो मुझे इतना प्यार करता और दिन भर मेरे साथ खेलकर मेरा मन बहलाता रहता इसलिए मैं चुप रहता था |
घर में माँ, मैं हमारा जवां 22 साल का नौकर घोटू और उसकी माँ झुमरी रहते थे | झुमरी हमारे यहाँ घर में नौकरानी थी | चालीस के आस पास उम्र होगी | घर के पीछे खेत में एक छोटा मकान रहने को माँ ने उन्हें दे दिया था | जब मैं वापस आया तो माँ के साथ साथ झुमरी और घोटू को भी बहुत ख़ुशी हुई | मुझे याद है कि बचपन से झुमरी और घोटू मुझे बहुत प्यार करते थे | मेरे सारी देखभाल बचपन में घोटू ही किया करता था |
वापिस आने के दो दिन में ही मैं समझ गया था कि माँ घोटू और झुमरी को कितना मानती थी | वे हमारे यहाँ बहुत सैलून से थे | मेरे जन्म के भी बहुत पहले से | असल में माँ उन्हें शादी के बाद मायके से ही ले आई थी | अब मैंने महसूस किया कि माँ की उनसे घनिष्टता और बढ़ गयी थी | वे उनसे नौकर जैसा नहीं बल्कि घर के सदस्य जैसा बर्ताव करती थी | घोटू तो माँ जी मां जी कहता हमेशा उसके आगे पीछे घूमता रहता था |
घर का सारा काम माँ ने झुमरी के सपुर्द कर रखा था | कभी कभी झुमरी माँ से ऐसे पेश आती थी | जैसे झुमरी नौकरानी नहीं बल्कि माँ की जेठानी हो | कई बार वो माँ पर अधिकार जताते हुए उनसे डांट डपट भी करती थी | पर माँ चुपचाप मुस्कराकर सब सहन कर लेती थी | इसका कारण मुझे जल्दी ही पता चल गया | जब से मैं आया था तब से झुमरी और घोटू मुझपे ख़ास ध्यान देने लगे थे | झुमरी बार बार मुझे पकड़ कर सीने से लगा लेती थी और चूम लेती |
“मुन्ना, बड़ा प्यारा हो गया है तू , बड़ा होकर अब और खूबसूरत लगने लगा है , बिलकुल छोकरियों जैसे सुन्दर है, गोरा चिकना” झुमरी कहती |
माँ यह सुनकर अक्सर कहती, “अरे अभी बहुत छोटा बच्चा है , बड़ा कहाँ हुआ है |”
तो झुमरी कहती, “हमारे काम के लिए काफी बड़ा है , मालकिन” और आँखें नचाकर हंसने लगती | माँ फिर उसे डांट कर चुप करा देती | झुमरी की बातों में छुपा अर्थ बाद में मुझे समझ में आया | घोटू भी मेरी और देखता और अलग तरीके से हँसके बोलता
मुन्ना नहला दूं? बचपन में मैं ही नह्लाता था तुझे | मैं नराज होकर उसे डांट देता | वैसे बात सही थी | मुझे कुछ कुछ याद था कि बचपन में घोटू मुझे नंगा करके नह्लाता था | तब वो 15 साल का होगा | मुझे वो कई बार चूम भी लेता था | मेरी लुल्ली और चूतडों को वो खूब साबुन लगाकर रगड़ता था और मुझे वो बड़ा अच्छा लगता था | एक दो बार खेल खेल में घोटू मेरी लुल्ली और चुतड चूम भी लेता और फिर कहता कि मैं माँ से ना कहूँ | वो मुझे इतना प्यार करता और दिन भर मेरे साथ खेलकर मेरा मन बहलाता रहता इसलिए मैं चुप रहता था |