Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान - Page 3 - SexBaba
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Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान

सानिया ने सोचा की क्यों न वो थोड़ा निचे हो जाए ताकि उसके बेटे के लंड का सुपडा उसकी गांड की छेद और चुत्तड़ से बाहर निकल के ऊपर हो जाए. लेकिन वो ये भूल गई थी की वो किस पोजीशन में खड़ी है, जैसे ही वो थोड़ी निचे हुई उसके ३६डी साइज के स्तन सतीश के हाथों में आ गयी. दोनों चोंक गये. सतीश मस्ती में आ के अपनी मम्मी के स्तन को दोनों हाथों से दबाते हुए मम्मी के चुत्तड़ के बीच में धक्के लगाने लगा. अपनी मम्मी के कड़क निप्पल को चुटकी में लेके मसलने लगा. सानिया भी अब मस्ती में सिसकारी लेने लगी.
अम्म्म.... ओह.... आह.... सतीश.... प्लीज मुझे छोड दो जाने दो.... तुम मेरे स्तन मथा. दबाव.... अमम....
मत करो बेटा प्लीज्... मुझे कुछ हो रहा है नहीअअअअ.....
ये कह के वो अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए घुमने की कोशिश करने लगी. और वो घुमने में कामियाब हो गयी.
लेकिन...
ये उसकी बहुत बड़ी ग़लती साबित हुई. वो घूम के ठीक अपने बेटे के सामने खड़ी हो गयी. जब तक उसे अपनी ग़लती का अहसास हुआ तब तक उसके बेटे का लंड उसके चुत्तड़ से निकल के उसकी गीली चुत के हांथों में घुस चुका था. सतीश इस बात से अन्जान था. वो तो बस मस्ती में धक्के मारने में लगा हुआ था, उसे कुछ वक़्त बाद इस बात का एहसास हुआ की इस वक़्त उसका लंड अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में नहीं है बल्कि उसकी रसीली चुत में है.
उसे इस बात का यकीन नहीं हो रहा था की आज उसकी किस्मत ज़ोरों पे है. उसने अपनी मम्मी की दोनों ताँगों के बीच के "v" हिस्से में अपने लंड का धक्का मारा. उसका लंड अपनी मम्मी की चुत के बीच में मुख द्वार पे रगड खाने लगा. उसका लंड बस अभी अपनी मम्मी की चुत में घूसने ही वाला था की उसकी मम्मी ने एक ज़ोर की सिसकारी ली.
आंह.......
ओ सतीश को रोक रही थी अपनी चुत में लंड घुसाने से.
फिर सतीश ने वो किया जिसकी कल्पना दोनों ने कभी सपने में भी नहीं की थी. उसने अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ गौर से देखा जो की उसके चेहरे के सिर्फ २ इंच की दूरी पे था अपनी मम्मी के खूबसूरत चेहरे और मस्ती में खुले हुए होठो को देख के उसका दिल मचल उठा और वो अपनी मम्मी के रसीले लाल सुर्ख़ होठो को अपने मुह में ले के चूसने लगा. अपने बेटे की इस हरकत पे सानिया की मस्ती सातवे आसमान पे पहुँच गई और किसिंग में वो अपने बेटे का साथ देणे लगी. वो मस्ती में अपने बेटे के लंड अपनी चुत के धक्के लगाते हुए उसके होठो को चूसने लगी.
उसने अपनी जुबान अपने बेटे के मुह में दाल दी और नचाने लगी. सतीश अब अपनी मम्मी की जुबान को चूसने लगा. मम्मी बेटे एक दूसरे के होंठ और जुबान चूसने में खो से गये. निचे दोनों के लंड चुत में धक्के लग रहे थे और ऊपर दोनों एक दूसरे के होठो को चूसने में मग्न थे.
मा बेटे के जिस्म एक दूसरे से पूरी तरहा से चिपके हुए थे. होठो से होंठ, जुबान से ज़ुबान, लंड से चुत, निप्पल और स्तन से चेस्ट और हाथ..
सानिया का जिस्म चीख़ चीख़ के येस, येस, कह रहा है, जब्कि उसका दिमाग ना, ना, कह रहा है. क़रीब ५ मिनट तक पागलोँ की तरहा एक दूसरे के होठो को चूसने के बाद सानिया ने किस तोङी. लम्बी किस के बाद जैसे ही सतीश थोड़ा शांत हुआ उसकी मम्मी उसकी पकड़ से निकल के दूर जा के खड़ी हो गयी.
सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
 
सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
सतीश : लेकिन मम्मी, में तुम्हे दिल से चाहता हु तुम्हे... चोदना चाहता हु. तुम्हारे होठो को चूसना चाहता हु, तुम्हारी वीर्यभरी चुत का वीर्य चाट चाट के चूस चूस के पीना चाहता हु. आई लव यु मम्मी आई लव यु. और तुम भी तो मेरे किस का जवाब मस्ती में दे रही थी.
तूम भी तो अपनी चुत मेरे लंड पे रगड रही थी. मम्मी मुझे पता है की तुम भी ये चाहती हो की में अपना नौ इंच का लंड तुम्हारी वीर्य चुदती चुत में दाल के तुम्हे चोदू.
सानिया : सतीश, मेरे बेटे, मेरे लाल, "आई लव यु टू. लेकिन में तुम्हारी मम्मी हु. हम को एक दूसरे से ज़रूर प्यार करना चाहिए लेकिन मम्मी बेटे वाला प्यर. ना की गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड या हस्बैंड वाइफ वाला प्यार. हाँ ये सच है की में तुम्हारे किस का जवाब दे रही थी. मैं अपनी चुत को तुम्हारे लंड पे रगड रही थी. कभी कभी हमारे साथ ऐसा हो जाता है की मस्ती में आकर हम बहक जाते है. ये सच है की जब तुम मेरी गांड में अपना लंड घूसा रहे थे और फिर मुझे किस करते हुए अपना लंड मेरी चुत में रगड रहे थे तब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
तुम्हारा लंड है ही इतना दमदार की में न चाहते हुए भी मस्ती में आके तुम्हारा साथ देणे लगी.
मैं ये दावे के साथ कह सकती हूँ की तुम्हारा लंड मुझे तो क्या दुनिया की किसी भी लड़की या औरत को जन्नत की सैर करा के पूरी तरहा से संतुष्ट कर सकता है. एक बार जो तुम से अपनी चुदाई करवा लेगी वो तुम्हारी दीवानी बन जाएगी. जिस तरहा में तुम्हारे किस में मदहोश हो गई थी. लेकिन जैसे ही मुझे होश आया मुझे ये याद आ गया की में तुम्हारी मम्मी हूँ और हमारे बीच में ये सब ठीक नहीं है.
ओर जैसा की तुम मुझे यानी अपनी मम्मी को...चोदना चाहते हो, वेल बेटा तुम्हारी उम्र में लड़के कीसी की भी चुत में अपना लंड डालने को बेचैन रेह्ते है. वो ये नहीं सोचते की क्या गलत है और क्या सहि. ऐसा ही तुम्हारे साथ भी हो रहा है.
सतीश : मम्मी ये सच नहीं है. हमारे स्कूल की बहुत सारी लडकियां मुझ पे मरती है. कुछ तो मुझसे चुदवाने को भी तैयार है. लेकिन मुझे उन सब में से कोई भी पसंद नहीं है. मुझे जो पसंद है वो तुम हो. तुम मेरी जान हो. मैं तुमसे बेतहाशा प्यार करता हु. तुम ही हो जिसे देख के मेरे दिन की शुरुवात होति है और तुम्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है और मुझे मजबूर करता है की में तुम्हे चोदुं. मैं जल्द से जल्द तुम्हे अपना बनाना चाहता हु. मैं शौक से तुम्हे बिना कपड़ों के देखना चाहता हु. "तुम्हेँ नंगी देखने महसुस करने और चोदने के लिए में कुछ भी कर सकता हु."
सानिया : "सतीश. यही वो गलत चीज़ है जिसे हम को रोकना है. तुम ऐसे अपनी मम्मी को ना देख सकते हो और ना ही चोद सकते हो."
सतीश : तो फिर तुम ही मुझे बताओ की में अपनी मम्मी को कैसे चोद सकता हूं.
सानिया : सतीश. तुम अपनी मम्मी को ऐसे वैसे या फिर कैसे भी नहीं चोद सकते. ये मुमकीन नहीं है. तुम एक बात समझ लो की ये नहीं हो सकता. तुम अपनी मम्मी के साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते.
सतीश : तो फिर मम्मी अब आप ही बताओ की में क्या करूँ?
सानिया : अभी तुम अपने कमरे में जाओ और मुठ मार लो. मुठ मारने से तुम्हे थोड़ा सुकून मिलेगा.
जब तक तुम वापिस आओगे में तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हु.
सतीश : लेकिन मम्मी मुझे नहीं लगता की मुठ मारने से मुझे कुछ फायदा होगा. क्यूँ की में मुठ मार के खुद को थोड़ा शांत तो कर लुँगा लेकिन फिर वापिस आ के जैसे ही में तुम्हे देखूँगा मेरा लंड फिर से खड़ा हो के मुझे मजबूर करेगा की में तुम्हे चोदुं.
सानिया : सतीश. ये बात तो मेरे साथ भी है लेकिन मुझे देखो मेंने खुद पे किस तरहा क़ाबू किया हुआ है. उसी तरहा तुम भी कोशिश करो.
सतीश उदास हो के अपने रूम में चला जाता है और बेड पे लेट जाता है और किचन में हुए वाक्ये को याद करने लगता है.
उसकी मम्मी ने कैसे मस्ती में आके उसे किस में साथ दिया और कैसे अपनी चुत उसके लंड पे रगडी. और फिर बाद में उसके साथ कुछ करने से इन्कार कर दिया.
 
ओ ये जानता है की उसकी मम्मी ने अभी कुछ देर पहले उसे जो भी कुछ कहा वो सिर्फ अपने दिमाग से कहा दिल से नहीं क्यों की दिल से तो मम्मी भी ये चाहती है की उसका बेटा अपना लंड उसकी चुत में दाल के उसे जम के चोदे और उसकी बरसो की प्यासी चुत की प्यास बुझाए.
सतीश को अपनी मम्मी को मजबूर कर ना पड़ेगा की वो अपने दिमाग से नहीं दिल से या फिर वीर्यभरी चुत से सोचै.
सतीश के किचन से बाहर जाते ही सानिया चेयर पे बैठ गयी. उसके निप्पल कड़क हो के नाइटी में साफ़ नज़र आ रहे है. उसकी चुत बेतहासा वीर्य छोड रही है.
हाय काश कितना अच्छा होता की में अपने बेटे से चुदवा के अपनी बरसो की प्यासी चुत की प्यास बुझा लेती. हाय कितना कडक, लम्बा मोटा और तगड़ा लंड है मेरे बेटे का. हाय कितना मज़ा दे रहा था वो मुझे.
हाय.....
ये तू क्या सोच रही है सानिया? वो तेरा बेटा है, उसके बारे में ऐसा सोचना गलत है. तुम एक मम्मी हो के अपने बेटे से नहीं चुदवा सकती. वो तो बच्चा है नादान है. लेकिन तू तो बड़ी है, समझदार है, तू ऐसा कैसे होने दे सकती है?
जीस चुत से वो बाहर निकला है उसी चुत में तू उसे अपना लंड घुसाने नहीं दे सकती. भले ही तेरे बेटे का लंड नौ इंच का है, दमदार है, तेरे पति के लंड से दूगना बड़ा और मोटा है. लेकिन फिर भी ये गलत है. मम्मी बेटे के बीच में चुदाई नहीं हो सकती.
भले ही में अपने बेटे को अपनी चुत नहीं चोदने दे सकती लेकिन थोड़ी फिंगरिंग और ड्राई फकिंग में क्या ख़राबी है. इस से किसी का क्या बिगडेगा.
वह ये जानती है की वो अपने बेटे के साथ सेक्स के लिए बहुत बेचैन है. इस लिए वो ये सोच रही है की अगर वो अपने बेटे के साथ चुदाई नहीं कर सकती तो कुछ मज़ा तो कर ही सकती है. थोड़े मज़े से कुछ नहीं बिगड़ेंगा. और दोनों को मज़ा भी आयेगा.
फिर अचानक उसकी समझ में आ गया की उसे क्या करना है. वो अपना छोटा सा खेल खेलेगी अपने बेटे के साथ. और वो ये कोशिश भी करेगी की उसका बेटा एक हद में ही रहे और पूरी तरहा से उसका साथ दे. इस काम की शुरुवात के लिए आज रात का वक़्त बिलकुल ठीक रहेगा.
देखते हैं मेरा बेटा मेरे इस खेल को कितना संभाल पाता है.
अपने खेल के बारे में सोचते सोचते सानिया मस्ती में झड गयी.
उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसकी पेन्टी को भिगोने लगा.
कुछ देर बाद सतीश अपने रूम से बाहर निकला. मम्मी में रात में लेट आऊंगा
ये कह के वो घर से बाहर चला गया.
सतीश के जाते ही सानिया फ़ौरन अपने प्लान को एक्शन में लाने में लग गयी.
लेकिन तभी उसके घर की बेल्ल बजी...
सानिया : अब ये कौन आ गया...?
सानिया गेट खोलते ही चोंक गयी... बाहर और कोई नहीं बल्कि उसका पति है...
पति : हैलो माय लव कैसी हो...?
सानिया : अरे आप अचानक...
पति : हाँ वो मेरा वहां का काम जल्दी ख़तम हो गया तो में आ गया... क्या तुम मेरे आने से खुश नहीं हो...?
सानिया : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है... मैं बहुत खुश हु...
पति : लेकिन...
सानिया : लेकिन क्या...?
पति : लेकिन ये की मुझे कल सुबह ही ऑस्ट्रेलिया जाना है...
सानिया : आप भी ना... आप भी ना आते ही जाने की बात कर रहे है....
पति : बिज़नेस मीटिंग है जान वरना में नहीं जाता...
सानिया : चलो ठीक है आप फ्रेश हो जाओ तब तक में आपके लिए खाना निकालती हु...
पति : नहीं में खाना खा के आया हु...
सानिया : ठीक है आप फ्रेश हो के सो जाइये...
पति : नहीं में थोड़ी देर टीवी देखुंगा...
ये कह के वो फ्रेश होने चला गया...
सानिया ये जानती है की सैटरडे को देर रात तक उसका पति अपना फेव चैनल देखता है. सानिया ने जान बूज के डीश का वायर लूस कर दिया जिस से की टीवी के सारे चैनल ऑफ हो गये. और अपने पति के आने पर झूठ कह दिया की डिश खराब है.
सानिया का पति मुह बनाते हुए अपने कमरे में जाने लगा की तभी सानिया ने उसे कहा.

सानिया : कल आप को ऑस्ट्रेलिया जाना है, तो मेरे ख़याल से आज आपको नींद की गोली ले के सोना चाहिए ताकि आप अच्छे से सो सको और कल सुबह जब आप सो के उठो तो फ्रेश फील करो और सफर में या काम में आपको कोई परेशानी न हो.
पति : तुम बिलकुल ठीक कह रही हो, लेकिन तुम तो जानती हो की में गोली नहीं खा पाता.
सानिया : उसकी चिंता आप मत करो मैंने इस दूध के गिलास में नींद की गोली मिला दी है. बस आप इसे पी के सो जाइये.
सानिया ने गिलास में नींद की गोली का डोस इतना ड़ाला है की जिसे पीने के बाद अगर आज उसके पति के कान के पास कोई बम भी फट जाए तो उस की नींद न खुले. पति दूध पी के सोने चले गया.

 
करीब रात के ११ बजे सानिया बैडरूम में गई ये चेक करने के लिए की उसका पति सो रहा है की नही, उसने पहले तो अपने पति को २ बार आवाज़ दी फिर एक स्टील का गिलास ज़ोर से पटका ये चेक करने के लिए की उसका पति कितनी गहरी नींद में है की नही... पूरी तरहा से संतुष्ट होने के बाद सानिया मुस्कुराती हुई बाथरूम में नहाने चलि गयी. नहाने के बाद उसने एक बेहद सेक्सी और सी थ्रू नाइटी पहनी जो की उसकी चुत को बड़ी मुस्किल से छुपा रही थी. उस की पेन्टी भी नाइटी की तरहा बेहद छोटी और ट्रांस्पेरेंट है.
फिर उसने हल्का सा मेकअप किया और बेहद खुश्बु दार परफ्यूम अपने जिस्म पे छिडका ख़ास कर के चुत गांड बगल गर्दन और स्तन पे. और खुद को शीशे में देख के वो शरमाने लगी. उस नाइटी में उसका जिस्म पूरा नज़र आ रहा था.
फिर उसने बाथरूम के ड्रावर से की जेली की टूब निकाली और टेबल पे रख दी और अपने पति की बगल में बेड पे लेट के अपने बेटे के घर आने का वेट करने लगी. उसे ज़्यादा देर इंतज़ार नहीं करना पडा.
सतीश कुछ ही देर में घर आ गया और सीधे अपने रूम में चला गया.
अपने बेटे की आने की आहट से सानिया की चुत में खुजली होने लगी. उसकी चुत काम वीर्य से गीली होने लगी. अब वक़्त था उसके असल खेल का.
उसने इंतज़ार किया जब तक उसका बेटा अपने बैडरूम से निकल के हॉल के बाथरूम में न चला गया.
ओ मस्ती में बेड से उठि और की जेली की ट्यूब लेके नंगे पैर हॉल के बाथरूम की तरफ चल दि. सतीश बिना बाथरूम का दरवाज़ा बंद किये की कोई नहीं आएगा अंदर चला गया.
बिना नॉक किये दरवाज़ा खोल के सानिया भी अंदर चलि गयी.
बाथरूम के अंदर सतीश बिलकुल नंगा खड़ा नहाने जा रहा था, वो शावर चालू ही करने वाला था की अचानक किसी को देख के वो चोंक गया.
सतीश : ओह गोड़, मम्मी.. तुम ने तो मुझे डरा ही दिया. तुम्हे कम से कम नॉक करके तो अंदर आना चाहिए था
ये कह के वो शर्म के मारे अपने अपने नौ इंच के खड़े लंड को अपनी मम्मी की नज़रों से छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगता है.
सानिया : "क्यूं? क्या हुआ? मेरे ख़याल से तुम ये चाहते हो की में तुम्हे नंगा देखु."
सतीश : वह, हा, वो में तो, शायद हा, ज़रूर क्यों नहीं?
सतीश हडबडा गया.
सानिया ने सेक्सी स्माइल के साथ कहा.
"क्या में इन कपड़ों में तुम्हे अच्छी लग रही हूँ?"
"या फिर तुम मुझे बिना कपड़ों के नंगी देखना चाहते हो?"
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश चोंक गया उसने अपनी मम्मी को ऊपर से निचे तक गौर से देखा.
उस नाइटी में उसकी मम्मी एक "सेक्स बोम्ब्" लग रही है.
उसके निप्पल कड़क हो के तने हुये है, उसके दोनों पैरों के बीच में चुत और झांटें साफ़ नज़र आ रही है.
ईस नाइटी में वो किसी कामदेवी से कम नहीं लग रही है.
सतीश : "वॉव.... मम्मी, इस नाइटी में तुम तो बिल्कूल, बिलकुल पटाखा लग रही हो."
सानिया : "ओह, तो इसका मतलब है की तू मुझे इन कपड़ों में ही देखना चाहता है.
"नंगी नही......"
सतीश : "नही.... मेरा मतलब है हा....., मेरा मतलब है नही...... मतलब हा... मतलब नही..... हा.... नही...."
सानिया : क्या हाँ नहीं? मैं कुछ समझि नही. तु हाँ कह रहा है.... या फिर नही.... तु पहले ये अच्छे से सोच ले की तू क्या कहना चाह रहा है.
हा.... या फिर नही....
सतीश : हाँ मम्मी तुम इस नाइटी में बेहद सेक्सी लग रही हो, लेकिन में तुम्हे इस नाइटी में नहीं देखना चाहता, हाँ मैं तो तुम्हे पूरी नंगी.... देखना चाहता हु...
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया सेक्सी अदा के साथ मुस्कुराते हुए पीछे घूम जाती है और अपनी पेन्टी में छुपे सेक्सी चुत्तड़ को पेन्टी में से आज़ाद कर ने के लिए अपनी ऊँगली पेन्टी में दाल के आगे की तरफ झुकते हुए पेन्टी को निचे की तरफ खिसकाने लगती है. वो धीरे धीरे आगे झुकति जाती है और अपनी पेन्टी को उतारती जाती है.
कुछ ही देर में उसकी पेन्टी उसके पैरों के बाहर होती है. फिर वो आगे झुके हुए धीरे धीरे अपनी नाइटी को अपने नंगे चुत्तड़ पे से हटाने लगी.
जैसे जैसे सानिया के चुत्तड़ नंगे हो रहे थे उसके बेटे का लंड खड़ा हो रहा था.
सतीश को अपनी मम्मी के सेक्सी गुलाबी चुत्तड़ और ताँगों के बीच में से झाँक ति हुई गुलाबी चमकिली लाल लिपस्टिक लगी हुई रसीली चुत का दीदार हो रहा है.
सानिया अपने पैर थोड़े फैला देती है जिस से उसकी चुत थोड़ी खुल जाती है और उसकी चुत का गुलाबी हिस्सा और गोरी गांड का गुलाबी छेद सतीश को साफ़ साफ़ नज़र आने लगता है.
 
सतीश अपनी मम्मी का नंगा जिस्म देख के मस्त हो जाता है और मस्ती में सिसकार उठता है.
उसे ये यकीन नहीं हो रहा है ये उसकी अपनी सगी मम्मी है जो बिना किसी शर्म के अपने सगे बेटे को अपनी नंगी गांड और वीर्यभरी चुत दिखा रही है.
सानिया के वाय जेली की ट्यूब का ढक्कन खोलती है और सतीश को अपने पास बुलाती है.
सानिया : सतीश... इधर आओ.
सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी के पास चला जाता है.
सानिया : "अपना हाथ आगे करो."
सतीश फ़ौरन अपना हाथ आगे कर देता है. सानिया ज़रूरत के हिसाब से की जेली उसके हाथ में दाल देती है.
फिर वो अपने बेटे को आँख मार के उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो जाती है.
सानिया : "चलो अब मेरी गंड
मे अच्छे से ये जेली लगाओ." "जरा सी भी जगह बाकी ना रहे. ध्यान रहे की फिसलन बहुत ज़रूरी है. जेली लगने के बाद तुम जो भी करना, शान्ति से करना. मैं नहीं चाहती की तुम्हारे डैड डिस्टर्ब हो के नींद से जाग जाए."
सतीश को यकीन नहीं हो रहा है. आज सुबह तक उसकी मम्मी उसे कुछ भी करने से मना कर रही थी और अभी वो बड़ी बेशमी से उसके सामने नंगी खड़ी है और उसे अपनी चुत्तड़ पे के वाय जेली लगाने को कह रही है.
सानिया : तुम जो मेरी गांड के साथ अब तक करते आये हो. अगर तुम वो अभी करना चाहते हो तो तुम्हे देर नहीं करनी चहिये. जल्दी से शुरू हो जाव.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश अपना हाथ आगे ले जा के अपनी मम्मी के नाज़ुक मख़मली गोल गोल सेक्सी चुत्तड़ पे रख देता है और अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी के सेक्सी गांड पे जेली मलने लगता है.
अपने बेटे का हाथ अपनी गांड पे मेहसुस करके सानिया मस्ती में सिसकार उठती है. आह..... मामम... हाँ ऐसे ही मसलो मेरी गांड को और ज़ोर स. ममम.... ज़रा सीभी जगह मत छोडना मम.... अंदर भी लगाओ.... मेरे दोनों चुत्तड़ के बीच की लकीर में भी... गांड के छेड में भी...
म्म्... बड़ा मज़ा आ... रहा है... तुम्हारे हाथों में तो जादु..... है. आह... बड़ा मजा.... आ... रहा.... है. मस्ती में मेरी चुत बहुत वीर्य छोड रही है. में, में झड़ने के करब पहुँच गई हु. मेरा दिल कर रहा है की में अपनी वीर्य चुदति चुत में तुम्हारा लंड दाल के जम के अपनी चुदाई करवावू.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश मस्ती में ज़ोर ज़ोर से उसके चुत्तड़ मसल ने लगा. वो अपनी ऊँगली मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में गांड के छेद के अंदर घुसाने लगा. अपनी मम्मी की गांड के टाइट छेद में ऊँगली घूसाने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा है. उसका दिल चाह रहा है की वो मम्मी की गांड के छेद में अपना लंड घूसा के जम के मम्मी की गांड मारे.
ओ मस्ती में तेज़ी से एक हाथ से मम्मी के चुत्तड़ मसल रहा है और दूसरे हाथ की ऊँगली को मम्मी की गांड में घूसा के अंदर बाहर कर रहा है.
सतीश : वॉव मम्मी, क्या मस्त गांड है तुम्हारी और उस से भी मस्त है तुम्हारी गांड का टाइट छेद.. वॉव मम्मी, तुम्हारी गांड में ऊँगली दाल के अंदर बाहर करने में मुझे इतना मज़ा आ रहा है तो जब में तुम्हारी टाइट गांड में अपना नौ इंच का लंड दाल के तुम्हारी गांड मारूँगा तो मुझे कितना मज़ा आयेगा.
सानिया से अब एक पल भी और बर्दाश्त नहीं हो रहा है, वो मस्ती में अपने हाथ से अपनी चुत मसलने लगती है और कुछ ही देर में उसका जिस्म कापने लगता है और वो झड़ने लगती है.
सानिया : हाय..... सतीश.... मैं गयी....
उसकी चुत से वीर्य का सैलाब बहने लगता है. अपनी मम्मी को मस्ती में झडता देख सतीश अपनी मम्मी की गांड में तेज़ी से अपनी ऊँगली अंदर बाहर करने लगा.
करीब एक मिनट के बाद सानिया अपने बेटे की ऊँगली अपनी गांड में से निकाल के घूम जाती है और बेटे को "आई लव यु" कह के अपने होंठ उसके होठो पे रख के उन्हें चूसने लगती है. दोनों मस्ती में एक दूसरे के होठो को चूसने लगते है.
फिर सतीश जैसे ही अपनी मम्मी की चुत की तरफ अपना हाथ बढाता है सानिया फ़ौरन किस तोड़ के दूर हट जाती है. और आँख मार के कहती है...
सानिया : नहीं नही, अभी नही, अभी करो इन्तजार....
इसके लिए अभी तुम्हे इंतज़ार करना पडेगा.
ये कह के सानिया पीछे मुड़ी और शीशे के पास जाकर झुक के अपनी जेली लगी गांड बाहर अपने बेटे की तरफ बाहर निकाल के खड़ी हो गयी.
सानिया : "ओह, बेबी, अब तुम मेरी गांड के साथ मस्ती कर सकते हो."
अपनी मम्मी की बात सुन के वो चोंक गया उसका नौ इंच का लंड मस्ती में उछलने लगा.
सानिया : "कम ओन, हनी, अपना लंड अपनी फेवरेट जगह मतलब मेरे चुत्तड़ के बीच में घुसाव,देखो तुम्हारा लंड मेरे चुत्तड़ के बीच में घूसने की बात सुन के ख़ुशी में कैसे उछल रहा है."
चलो जल्दी से आकर अपना प्यारा लंड मेरे चुत्तड़ के बीच में घूसा के आगे पीछे करो,
लेकिन ध्यान रखना की तुम्हारा ये मूसल जैसा लंड मेरी गांड के छोटे से टाइट छेद में मत घूसा देना. ओ के. हनी..
 
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश आगे बढा और मस्ती के साथ उसने अपना लंड अपनी मम्मी के चुत्तड़ के बीच की लाइन में रखा और दोनों हाथों से मम्मी के चुत्तड़ को पकड़ के अपना लंड आगे पीछे ऊपर निचे घुमाने लगा. बार बार उसका लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच से फिसलता हुआ मम्मी की गांड के छेद से जा टकराता जिस से मस्ती में दोनों मम्मी बेटे के मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल रही थी.
म्म्... आह..... मम....
सानिया : हाँ मेरे लाल, मेरी जान, ऐसे ही घुसाओ अपना लंड मेरी जांघो के बीच में और ज़ोर से. मम.... ज़रा सी भी कसर मत छोडना मम.... अच्छे से रगड़ो अपना मुसल मेरे चुत्तड़ के बीच की लाइन मे...
अपना लंड मेरे चुत्तड़ के बीच में रगड के जो सुख और मज़ा तुम मुझे दे रहे हो वैसा सुख तो मुझे तुम्हारे बाप ने सुहागरात में मेरी चुत में लंड दाल के भी... नहीं दिया. धीरे धीरे में तुम्हारी दीवानी होती जा रही हु.
म्म्... बड़ा मज़ा आ... रहा है... सतीश कसम से तुम्हारे लंड में तो जादु..... है. आह... बड़ा मजा.... आ.... रह..... है. मस्ती में मेरी चुत एक बार फिर से वीर्य वीर्य छोड रही है. में, में झड़ने के करीब पहुँच ति जा रही हु.
सतीश : मम्मी मज़ा तो मुझे भी बहुत आ रहा है, मेरा दिल कर रहा है की में अपना लंड तुम्हारी गांड के टाइट छेड़ में दाल के कस कस के तुम्हारी गांड मारु..
सानिया : नही. मेरे लाल ऐसा मत करना, मेरी गांड का छेड़ बहुत छोटा और टाइट है, तुम्हारा मोटा लंड अगर मेरी गांड में घूसा तो मेरी गांड फट जाएगी. तुम अभी ऐसा करने की सोचना भी नही, कुछ दिन में में अपनी गांड के अंदर धीरे धीरे पहले ऊँगली और फिर डिलडो दाल के अपनी गांड के छेड़ को थोड़ा फैला लू फिर तुम अपना लंड मेरी गांड के छेड़ में दाल के शौक से मेरी गांड मार लेना. अभी नही, अभी जो तुम कर रहे हो वो करते रहो. मुझे बड़ा मज़ा आरहा है. मम.... तुम अपनी "जादु की छडी" को मेरे चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर करते रहो.
सतीश : "आह्... मम्मी.., मम... ओहः... ओहः... ओहः... मम्मी"
सानिया : हा... बेटा... और ज़ोर से घुसाओ अपना लंड.... हाँ और ज़ोर से... मुझे बहुत मज़ा आ रहा है... में झड़ने के करीब पहुँच ति जा रही हु... मेरी चुत वीर्य.... चुद रही है.... मैं गयी.......
ये कह के सानिया मस्ती में काँपते हुए एक बार फिर से झड़ने लगी. झडते वक़्त वो कमज़ोर पड़ गई और नीचे गिरने लगी. सतीश ने जब ये देख की उसकी मम्मी मस्ती में झडते हुए खुद को संभाल नहीं पा रही है तो उसने फ़ौरन अपनी मम्मी की सेक्सी कमर को पकड़ लिया और उसे पीछे से अपने सीने से लगा लिया.
कुछ देर में सानिया शांत हो गयी. फिर ख़ुशी में अपने बेटे के होठो को चूम के उसने कहा.
सानिया : वाह.. मेरे लाल... मुझे तो मज़ा आ गया... इतना मज़ा मुझे आज तक कभी नहीं मिला. तुम बताओ की तुम्हे कैसा लगा... मज़ा आया की नही...
सतीश : "वाह, मम्मी, मज़ा तो मुझे भी बहुत आया, ऐसा मज़ा मुझे देणे के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. लेकिन.....
सानिया : लेकिन क्या...?
सतीश : लेकिन ये की यहाँ कोई है जिसे मज़ा तो आया लेकिन पूरी तरहा से नही.
सानिया : कोई है...!!! कौन है...?
सतीश अपने नौ इंच के लंड की तरफ इशारा करके कहता है.
सतीश : "ये है ओ....." जिसका मज़ा अधुरा रह गया. "तुम्हारा दिवाना मेरा लंड."
सानिया अपने बेटे की बात सुन के और उसके नौ इंच के लंड को मस्ती में हिलते हुए देख के मुस्कुराने लगी.
सानिया : तुझे इसकी फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं है.... ये आज से तेरा नहीं बल्कि मेरा है.... आज से ये मेरी जान है.... मैं इसका पूरी तरहा से ख़याल रखुंगी.... इसे कभी कोई तकलीफ नहीं होने दूँगी.... मैं इसे हमेशा खुश रखुंगी....
ये कह के सानिया ने बड़े प्यार से अपने प्यारे बेटे के लंड को एक फ्लाइंग किस दिया. फिर उसने अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और उसे हिला डुला के कहा.
सानिया : हाय.... ये कितना लम्बा मोटा तगड़ा और प्यारा है. तेरे डैड का तो एक दम दुब्ला पतला सा है.... उनका लंड तो तेरे लंड से आधा भी नहीं है.... तेरे लंड के सामने तो उनका एक छोटे बच्चे की नुन्नी जैसा है.... ये तो मेरी छड़ि है... जादु की चढ़ी... है.
हाय... ये तो एक दम तैयार है... कितनी मस्ती चढ़ी हुई है इसे.... आज इस ने मुझे बहुत मज़ा दिया है.... मुझे उम्मीद नहीं थी की आज मुझे अपने इस खेल में इतना मज़ा आयेगा... अभी कुछ ही देर पहले ईसने मुझे बहुत मज़ा दिया... मेरी चुत दो बार झडी... अब मेरी बारी है इसे मज़ा देणे की...
ये कह के सानिया अपने बेटे के नौ इंच के लंड को पकड़ के उसे टॉयलेट सीट के पास ले जाती है... और टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद कर के उसपे बैठ जाती है. और अपने बेटे को अपने सामने खड़ा कर लेती है.
इस पोजीशन में मेरा नौ इंच का लंड अपनी मम्मी के चेहरे के ठीक सामने मस्ती में हिल रहा है.
सानिया अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड को हिला डुला के देखने लगती है.
सतीश मस्ती और हैरत में चुप चाप खड़ा अपनी बेहद सेक्सी मम्मी की हरकतों को बड़े गौर से देखने लगता है.
फिर जैसे ही सानिया अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में लेती है सतीश के मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल जाती है.
म्म्.... ओह.... मम्मी...
ओर फिर..

 
ओर फिर सतीश को ऐसा लगता है की उसके जिस्म का पूरा खून उसके लंड में जमा हो गया है. उसका लंड फ़ौरन लोहे की रॉड की तरहा एक दम से कड़क हो जाता है.
सानिया : "हाय मेरे शोना को कितनी मस्ती चढ़ी हुई है. मुझे जल्द से जल्द इसकी मस्ती उतारनी पडेगी."
ये कह के सानिया अपने बेटे के लंड को अपनी मुठी में ले के धीरे धीरे ऊपर निचे करने लगती है.
सतीश के लंड के सुपाडे पे प्रेकम उभर आता है. जिसे सानिया अपनी ऊँगली पे ले के चेक करके कहती है.
सानिया : हाय.. देखो तो मेरे बेटे के प्यारे लंड का प्रेकम कितना गाढ़ा है.
ओ मस्ती में उस प्रेकम को पूरे सुपाडे पे रगड़ने लगती है.
सतीश मस्ती में गौर से अपनी मम्मी की सेक्सी हरकतों को देख के मस्त हो रहा है.
सानिया अपने एक हाथ की मुठी में अपने बेटे के लंड को ज़ोर से दबाती है और दूसरे हाथ से अपने बेटे की वीर्य बनाने की फैक्ट्री यानि की गोटे से खेलने लगती है.
सानिया के हाथ पे अब अपने बेटे के लंड पे लगी जेली लग जाती है और उसका हाथ अपने बेटे के लंड पे बड़े आराम से फिसलने लगता है.
जीससे सानिया के हाथ सतीश के लंड पे बड़े आराम से फिसलने लगते है.
जैसे जैसे सानिया के हाथ की तेज़ी सतीश के लंड पे बढ्ने लगती है.
मस्ति में सतीश के मुह से भी उतनी ही तेज़ी से मस्ती भरी सिसकारी निकलने लगती है.
मम्मी ओह....हाय मम्मी.. बड़ा मज़ा आ रहा है तुम्हारे हाथों में तो जादु है माSSओSSमा हाँ ऐसे ही करती रहो.... और तेज़... थोड़ा और तेज़.... आह.... में तो जैसे मसती... के सातवे आसमान में उड़े... जा... रहा हु.....
अपने बेटे की बात सुन के सानिया को भी मस्ती चढ़ने लगी वो एक हाथ को तेज़ी से अपने बेटे के लंड पे ऊपर निचे चलने लगी और दूसरे हाथ से अपनी वीर्य छोडती चुत को मसलने लगी.
सतीश अब मस्ती में आके अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपनी मम्मी के हाथ में अपना लंड तेज़ी से आगे पीछे करने लगा.

मम्मी बेटे दोनों मस्ती में लंड के लाल सुपडे को हाथ में छुपते निकलते हुए मज़े से देख रहे है.
दोनो को ये पता है की ये उनके "नये रिश्ते" "नये प्यर" (सेक्स जीवन) की शुरुवात है.
उनहोने माँ बेटे के बीच "ईन्सेस्ट प्यार" को जगाया है.
सानिया : "कम ओन, बेबी,निकाल दो अपना सारा वीर्य अपनी मम्मी के उपर."
सतीश : "मा, क्या में... तुम्हारे.... स्तन छु सकता हूं....?
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया बेटे के लंड को हिलाना और गोटे को मसलना छोर के अपनी नाइटी उतार देती है, अब वो अपने बेटे के सामने पूरी नंगी हो गयी.
सानिया : लो अब मेरी स्तन आज़ाद है अपने प्यारे बेटे के लिये. तुम मेरे स्तन दबा सकते हो, लेकिन तब तक जब तक तुम झड नहीं जाते
सतीश को अपनी मम्मी की हर बात हर शर्त मंज़ूर थी.
ओ अपने हाथ बढा के अपनी मम्मी के परफेक्ट साइज ३६डी के स्तन जो उसे अपनी मम्मी की ब्रा के टैग से पता चला था उन्हें दबाने लगा. मम्मी के निप्पल को चुटकी में ले के मसलने लगा.
बेटे के हाथ को अपनी स्तन पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में सिसकार उठि.
म्म्.. आह...
सानिया : "आज तुम मेरी स्तन को जी भर के दबा लो. किसी दिन में तुम्हे इनको चूसने दूँगी, अगर तुम चाहो तो?"
सतीश : "ओह, गॉड, मम्मी, येस, मैं शौक से इन्हे चूसूंगा. ओह्ह्, गॉड कहीं में सपना तो नहीं देख रहा, मेरे सामने मेरे प्यारी खूबसूरत और बेहद सेक्सी मम्मी नंगी बैठि मेरा लंड हिला के मुझे झड ने में हेल्प कर रही है और अपने स्तन मुझे दबाने दे रही है.
सानिया : नहीं मेरे बेटे, मेरे जाणु, तुम कोई सपना नहीं देख रहे हो, ये १०० परसेंट हकीकत है.
सतीश : ओह... मा, तुम्हे अपने सामने नंगी देख के, तुम्हारे स्तन दबा के और तुम से सेक्सी बात करके में झड़ने के करीब पहुँच गया हूं.
सानिया अपने बेटे का लंड तेज़ी से हिलाते हुए कहती है.
सानिया : "हा, मेरे बेटे, मेरे जाणु, कम, निकाल दो अपना सारा माल अपनी मम्मी के लिये. आज मेरे नाम पे अपने लंड को झड जाने दो.
सतीश : "मा, ओह... मम्मी आह... ओह... मम्मी में झड रहा हु.
सानिया : मैं भी.....
दोनो मम्मी बेटा साथ में झड ने लगते है.
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी मम्मी की स्तन पे गिरती है. उसकी मम्मी का एक निप्पल अपने बेटे के वीर्य से भर जाता है.
अपने बेटे के लंड से निकलते हुए वीर्य को देख के सानिया का मुह मस्ती में खुल जाता है और वो अपने बेटे के लंड को और तेज़ी से हिलाने लगती है. सतीश के लंड से वीर्य की दूसरी पिचकारी निकल के अपनी मम्मी के चेहरे पे गिरती है. सतीश के लंड का बाकी वीर्य अपनी मम्मी के हाथों में भर जाता है.
पूरी तरहा झड़ने के बाद जब दोनों मम्मी बेटा शांत होते हैं तब सतीश अपनी मम्मी के चेहरे पर... निप्पल पर... और हाथ पर... गिरे अपने वीर्य को देखता है तो शर्मा जाता है.
सानिया : अरे नालायक. देख क्या हाल किया तू ने मेरा...?
 
सतीश : सॉरी मा, वो में... उस वक़्त में... मस्ती में था... मुझे पता ही नहीं चला की ये कब और कैसे हुआ?
सानिया : चल कोई बात नही. मुझे ये देख के परेशानी नहीं बल्कि हैरत हुई की तेरे लंड से ज़रूरत से कहीं ज़्यादा वीर्य निकला है.
सतीश : मम्मी इस में हैरत की क्या बात है. सब के लंड से इतना ही वीर्य निकलता है.
सानिया : नहीं मेरे लाल, सब के लंड से इतना वीर्य नहीं निकलता जितना तेरे लंड से निकला है. तेरे लंड से निकला वीर्य १० आदमियों के वीर्य के बारबार है. तु अगर एक बार बिना कंडोम के किसी लड़की या औरत को चोद के उसकी चुत में अपना वीर्य गिरा दे तो वो बिना किसी शक के मम्मी बन जाए. तेरे लंड से निकला गाढ़ा वीर्य १० लड़कियों या औरतों को मम्मी बनाने के लिए काफी है. मैं तो बिना कंडोम के तुझसे कभी नहीं चुदवाऊंगी.
सतीश : मतलब तुम मेरे साथ चुदाई का खेल खेल्ने को राज़ी हो.
सानिया शरमाते हुए.
सानिया : हा. लेकिन अभी नहीं फिर कभी. आज के लिए इतना काफी है. अब तुम जा के सो जाओ हम कल सुबह मिलेंगे. कल सुबह तुम एक नए गेम के लिए रेडी हो जाओ
सानिया : सतीश एक बात का ध्यान रखना की हमारे बीच में जो ये गेम चल रहा है उसके बारे में तुम्हारे डैड को कभी भी पता न चले और इस के बारे में हम कोई बात नहीं करेंगे, कल सुबह नाश्ते में तो बिलकुल भी नही.
"ईटस क्लेअर....?"
सतीश : हाँ मम्मी मैं अच्छे से समझ गया की तुम क्या कहना चाहती हो.
मैं ये कभी नहीं चाहूँगा की हमारे इस नई एक्ससायटिंग रोमांस के बारे में किसी को कुछ पता चले.
हम जो भी करेंगे वो "चोरी चोरी चुपके चुपके".
सानिया : "गुड"
ये कह के सानिया उठि और बाथरूम के दरवाज़े के पास जा के खड़ी हो गयी.
फिर पीछे मुड के सानिया ने जो कहा उसे सुन के सतीश का लंड ख़ुशी के मारे उछलने लगा.
सानिया : "मुझे पता है की तुम्... मेरी चुत.. छु ने के लिए मचल रहे हो." हाँ की नही.
सतीश फ़ौरन हाँ में अपना सर हिलाता है.
सानिया मस्त अदा के साथ मुस्कुराते हुए अपने बेटे के पास जाती है और उसका हाथ पकड़ के अपने पैरों के बीच में ले जाती है और अपनी वीर्य रस से भीगी चुत में उसका हाथ सटा के ऊपर से निचे तक घुमाति है.
फिर २-३ बार बेटे की ऊँगली अपनी चुत में अंदर बाहर कर के कहती है.
सानिया : "मजे करो....." लेकिन ज़्यादा मुठ मत मारना, कहीं ऐसा न हो की घर में तुम्हारे कम की बाढ़ आ जाये.
फिर सानिया अपने बेटे के हैरत और ख़ुशी से खुले मुह को चूम के नंगी अपने बैडरूम में चलि गयी.
उसका पति बेड पे गहरी नींदः में सो रहा है. वो उसी तरहा नंगी अपने पति की बगल में लेट गयी. उसका पूरा हाथ बेटे के वीर्य से भरा हुआ था उसने उसको सुंघा और फिर जुबान से थोड़ा सा वीर्य चाट के टेस्ट किया. सानिया ने आज से पहले कभी वीर्य नहीं चखा था आज उसे अपने बेटे का वीर्य इतना पसंद आया की उसका दिल किया की वो अपने बेटे का लंड चूस के उसका टेस्टी वीर्य मज़े ले के पीए.
सानिया और सतीश दोनों धीरे धीरे इन्सेस्ट रिलेशन की तरफ बढ़ते चले जा रहे है.
सानिया ये सोच के मुस्कुराने लगती है की उसका बेटा उसे चोदने के सपने देख के कितना खुश हो रहा है.
जीस दिन उसने अपनी चुत अपने बेटे को चोदने दी उस दिन क्या हाल होगा उसके बेटे का?
जीस चुत से वो निकला है उसी में अपना लंड दाल के उसकी चुदाई करके वो कहीं ख़ुशी से पागल न हो जाए.
ये सोचते सोचते सानिया अपने हाथ और स्तन पे लगे अपने बेटे के वीर्य को मज़े से चाट्ने लगी और फिर अपनी नाइटी पहन के सो गयी.

 
अगले दिन सतीश सुबह जल्दी उठा पूरे जोश और ख़ुशी में अपने रूम से बाहर आया.
ओ ये सोच रहा है की उसकी मम्मी का अगला गेम क्या है?
उसे ये पता है की डैड के रह्ते वो अपनी मम्मी की गांड में लंड नहीं दाल सकता. तो फिर वो अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी जिस्म के साथ कैसे खेलगा. ये सोचते सोचते वो किचन के दरवाज़े के पास जा के खड़ा हो जाता है. और जैसे ही वो अपनी मम्मी को देखता है वो उदास हो जाता है. उसकी मम्मी फुल नैक की टी शर्ट और स्कर्ट पहने खड़ी है. मम्मी की ड्रेस देख के उसे बहुत निराशा हो रही है. इस ड्रेस में न ही उसे अपनी मम्मी की बेहद सेक्सी स्तन नज़र आ रही है और न ही गांड.
उसका खड़ा लंड मुर्झा सा जाता है. वो सोचता है की शायद मम्मी डैड को छोड़ने एयरपोर्ट जा रही है. और फिर वहां से वापस आने के बाद मम्मी अपनी ये ड्रेस चेंज कर के कोई सेक्सी ड्रेस पहने.
या फिर शायद वो कोई ड्रेस पहने ही ना..
अपनी मम्मी के नंगे जिस्म के बारे में सोच के मेरा लंड खड़ा होने लगता है.
ओ अपना खड़ा लंड पैंट में लिए किचन में जाता है और कॉर्न फ्लेक्स का डिब्बा ले के बाहर आ के चेयर पे बैठ जाता है और दूध के साथ कॉर्न फ्लेक्स खाने लगता है.
सानिया : ओह, हाय, हनी, तुम कब आये? मैंने तुम्हे आते हुए नहीं देखा?
सतीश : हाँ मम्मी में अभी अभी आया हु. तुम किचन में काम में बिजी थी इस लिए तुम्हे मेरी आने का आहट नहीं सुनाइ दि.
सानिया : मेरे ख़याल से ये अच्छा रहेगा की तुम अपने डैड को एयरपोर्ट छोड़ने जाव.
काम से कम इसी बहाने तुम दोनों बाप बेटे एक दूसरे से बात तो कर सकोगे. जाने कितने दिन हो गए तुम दोनों को बात किये हुए.
कयूं जी में ठीक कह रही हूँ ना.
सतीश और उसके डैड ने साथ में कहा : हाँ जि, आप ठीक कह रही है.
सतीश और उसके डैड में कुछ भी एक सा नहीं है.
सतीश अपने डैड से दोनों सुरतों में लम्बा है, उसका कद भी डैड से लम्बा है और लंड भी. उसके डैड और उसमे एक ही चीज़ सेम है और वो है उसकी सेक्सी सानिआ...
दोनो ने सानिया की सेक्सी गांड पे अपना लंड रगड के मज़ा लिया है. लेकिन अलग जगह और अलग वक़्त पर.
डैड : सतीश जल्दी से नास्ता करके एयरपोर्ट चलने के लिए तैयार हो जाव.
सतीश : ठीक है डैड, बस ५ मिनट.
सतीश डैड के साथ बाहर नहीं जाना चाह रहा है. वो तो घर में रह के अपनी सेक्सी मम्मी के साथ मस्ती करना चाह रहा है.
डैड : ठीक है बेटा, तुम जल्दी से रेडी हो के आ जाव, में बाहर कार में तुम्हारा वेट कर रहा हु.
सतीश फ़टाफ़ट अपना नाश्ता ख़तम करके अपने कमरे की में जाता है और जल्दी से तैयार हो के किचन की तरफ जाता है.
उसे नहीं पता था की किचन में उसे इतना खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेंगा.
कीचें में उसकी मम्मी अपनी टीशर्ट उतार के अपनी ३६D की चुची को नंगी करके उसका इंतज़ार कर रही है.

सानिया : क्या तुम जाने से पहले इन्हे चूसना पसंद करोगे?
सतीश : ओह माँ, तुम ने तो मेरे दिल की बात कह दि. मैं तो शौक से इन्हे चूसना चाहूंगा.
ये कह के सतीश आगे बढा और झुक के अपनी मम्मी के निप्पल को अपने मुह में लेके चूसने लगा.
सानिया अपने बेटे के सर को पकड़ के अपनी स्तन की तरफ दबा के कहती है.
सानिया : हाँ मेरे लाल चूसो... अपनी मम्मी के निप्पल को. और ज़ोर से चूसो... मम.. आह..
दाबाओ मेरी स्तन को और कस के दबाव, निचोड दो इन्हे और ज़ोर से चुसो.
ये कब से बेचैन थे तुम्हारे हाथों के मसाज के लिये. मम... आह... आज जी भर के चूसो इनहे. ओह, येस, बबी, सक, सक.
सतीश मस्ती में मम्मी के स्तन अपने हाथों से कस कस के दबाते हुए उसके निप्पल चूसने लगा.
सानिया की चुत में सनसनाहट होने लागि, उसकी चुत मस्ती में वीर्य छोडने लगी. वो मस्ती में सिसकारी लेते हुए झड़ने लगी मम... आह... ओह... सतीश में गयीई..
झडने के बाद सानिया ने अपने बेटे को खुद से दूर कर दिया.
सानिया : सतीश , अभी के लिए इतना बहुत है. बाद में, मेरे लाल, बाद में तुम्हे इस से भी ज़्यादा मिलेंगा.
ये कह के सानिया ने अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ के कस के दबाया और कहा.
सानिया : इसे जल्दी से बाहर निकलो मुझे ये देखने है.
सतीश : लेकिन अगर डैड वापिस आ गए तो?

 
सानिया : वो वापिस नहीं आयेंगे. अभी उनकी फ्लाइट में बहुत टाइम है. अभी ४ घंटे बाकी है, तुम दोनों आराम से टाइम पे एयरपोर्ट पहुँच जाओगे. चलो अब जल्दी से मुझे अपनी जादु की छड़ी (लंड) दिखाव.
सतीश फ़ौरन अपने पैंट की ज़िप खोल देता है और अपना नौ इंच का लंड बाहर निकालने की कोशिश करता है. पर लंड खड़ा होने की वजह पैंट से बाहर नहीं आ रहा है.
सानिया से अब एक पल भी और इंतज़ार नहीं हो रहा है. वो खुद ही अपने बेटे की बेल्ट और पैंट खोल देती है. सतीश की पैंट निचे गिर जाती है. पेंट के गिरते ही सतीश का नौ इंच का खड़ा लंड फ़ौरन ऊपर उसके पेट् की तरफ आ के मस्ती में हिलने लगता है.
सानिया अपनी स्कर्ट को कमर तक उठा के अपनी पेन्टी में छुपी चुत को अपने बेटे के लंड के सामने कर देती है.
मेरा लंड मस्ती में ऊपर निचे हो रहा है.
सानिया एक मस्ती भरी सिसकारी के साथ अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में लेके अपनी चुत वीर्य से भीगी पेन्टी में चुत के ऊपर रख के रगड़ने लगती है. मम..
सानिया मस्ती में तेज़ी से अपने बेटे का लंड अपनी चुत पे रगड रही है.
सतीश : ओह गोड़, मम्मी, मुझे लगता है.... में... झड़...
इस से पहले की सतीश आगे कुछ कहता सानिया अपना मुह उसके मुह पे रख के अपने बेटे के होठो को चूसने लगती है. अपनी जुबान उसके मुह में दाल देती है. सतीश के गोटे मस्ती में अपना वीर्य लंड तक पहुंचा ने को तैयार हो गए लेकिन इस से पहले की सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकलती और वो मस्ती में झडता उसकी मम्मी उसके लंड को अपनी चुत से हटा के दूर जा के खड़ी हो गयी. सतीश का नौ इंच का खड़ा लंड मम्मी के पैरों के बीच में से निकल के ऊपर निचे हिलने लगा.
सानिया : हनी, अभी तुम्हे जाना होगा, तुम्हारे डैड बाहर कार में तुम्हारा वेट कर रहे है. हम ये अधुरा काम बाद में पूरा कर लेंगे.
सतीश : नही... मम्मी.. तुम मुझे यूँ पास ला के नहीं छोड सकती. तुम ऐसा कैसे कर सकती हो मेरे साथ? मैं झड़ने के बहुत क़रीब... था बहुत क़रीब... प्लीज मम्मी.. ऐसा मत करो मेरे साथ. प्लीज मेरे लंड की गर्मी शांत कर दो, प्लीज मेरा वीर्य निकाल दो प्लीज्...
सानिया : अब तुम्हे पता चला की जब कोई तुम्हे यूँ झड़ने के करीब ला के छोड दे तो तुम्हे कैसा लगता है. याद है जब पहले दिन तुम मेरे चुत्तड़ पे अपना लंड रगड के मुझे झड़ने के करीब ला के छोड गए थे. क्या तुम ने एक बार भी ये सोचा की उस वक़्त मुझे कैसा लगा होगा? नहीं तुम ने नहीं सोचा, तुम्हे तो उस वक़्त बस अपनी मस्ती की पड़ी थी. लेकिन में तुम्हारे जैसी नहीं हूँ में तुम्हारा पूरा ख्याल रखुंगी. लेकिन अभी नहीं रात को. अभी तुम्हे अपने किये की सजा मिलेगी ताकि तुम आज के बाद फिर कभी मेरे साथ ऐसा नहीं करो. तुम्हारी सजा ये है की तुम आज मुठ नहीं मारोगे..
सानिया : अगर तुमने मुठ मारा तो हमारा ये खेल यहीं ख़तम हो जाएगा और फिर आज के बाद तुम मेरे नंगे जिस्म को छूना तो दूर देख भी नहीं पाओगे.
सतीश : नही... मम्मी प्लीज ऐसा मत करो...
प्लीज् मम्मी...
सानिया : कोई प्लीज नही, मैंने कहा न नही... मतलब नही...
सतीश को समझ में नहीं आ रहा है की वो क्या करे.
सानिया : सतीश अब तुम जल्दी से अपनी पैंट पेहन के जाओ यहाँ से. तुम्हारे डैड तुम्हारा वेट कर रहे है.
सतीश : मम्मी इस हालत में में न ही अपनी पैंट पहन सकता हूँ और न ही अपना नौ इंच का खड़ा लंड लिए बाहर डैड के पास जा सकता हु. प्लीज मम्मी मेरी प्रॉब्लम समझो और मुझे कम से कम एक बार तो मुठ मारने दो. मुठ मारे बिना ये बैठने वाला नहीं है, अगर में जल्दी से बाहर नहीं गया तो डैड अंदर आ जायेंगे और अगर उन्होंने मुझे तुम्हारे साथ इस खम्बे जैसा नौ इंच का लंड लिए नंगे खड़े देख लिया तो वो इसे मेरे ही गांड में घूसा देंगे.
अपने बेटे की बात सुन के सानिया खिलखिला के हॅसने लगती है.
सतीश : मम्मी में यहाँ इतना परेशान हूँ और आप हो की हस् रही हो.
सानिया : अरे मेरे लंड राज नाराज़ मत हो. रुक में अभी तेरी परेशानी दूर करती हूं.


 
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