desiaks
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सानिया ने सोचा की क्यों न वो थोड़ा निचे हो जाए ताकि उसके बेटे के लंड का सुपडा उसकी गांड की छेद और चुत्तड़ से बाहर निकल के ऊपर हो जाए. लेकिन वो ये भूल गई थी की वो किस पोजीशन में खड़ी है, जैसे ही वो थोड़ी निचे हुई उसके ३६डी साइज के स्तन सतीश के हाथों में आ गयी. दोनों चोंक गये. सतीश मस्ती में आ के अपनी मम्मी के स्तन को दोनों हाथों से दबाते हुए मम्मी के चुत्तड़ के बीच में धक्के लगाने लगा. अपनी मम्मी के कड़क निप्पल को चुटकी में लेके मसलने लगा. सानिया भी अब मस्ती में सिसकारी लेने लगी.
अम्म्म.... ओह.... आह.... सतीश.... प्लीज मुझे छोड दो जाने दो.... तुम मेरे स्तन मथा. दबाव.... अमम....
मत करो बेटा प्लीज्... मुझे कुछ हो रहा है नहीअअअअ.....
ये कह के वो अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए घुमने की कोशिश करने लगी. और वो घुमने में कामियाब हो गयी.
लेकिन...
ये उसकी बहुत बड़ी ग़लती साबित हुई. वो घूम के ठीक अपने बेटे के सामने खड़ी हो गयी. जब तक उसे अपनी ग़लती का अहसास हुआ तब तक उसके बेटे का लंड उसके चुत्तड़ से निकल के उसकी गीली चुत के हांथों में घुस चुका था. सतीश इस बात से अन्जान था. वो तो बस मस्ती में धक्के मारने में लगा हुआ था, उसे कुछ वक़्त बाद इस बात का एहसास हुआ की इस वक़्त उसका लंड अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में नहीं है बल्कि उसकी रसीली चुत में है.
उसे इस बात का यकीन नहीं हो रहा था की आज उसकी किस्मत ज़ोरों पे है. उसने अपनी मम्मी की दोनों ताँगों के बीच के "v" हिस्से में अपने लंड का धक्का मारा. उसका लंड अपनी मम्मी की चुत के बीच में मुख द्वार पे रगड खाने लगा. उसका लंड बस अभी अपनी मम्मी की चुत में घूसने ही वाला था की उसकी मम्मी ने एक ज़ोर की सिसकारी ली.
आंह.......
ओ सतीश को रोक रही थी अपनी चुत में लंड घुसाने से.
फिर सतीश ने वो किया जिसकी कल्पना दोनों ने कभी सपने में भी नहीं की थी. उसने अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ गौर से देखा जो की उसके चेहरे के सिर्फ २ इंच की दूरी पे था अपनी मम्मी के खूबसूरत चेहरे और मस्ती में खुले हुए होठो को देख के उसका दिल मचल उठा और वो अपनी मम्मी के रसीले लाल सुर्ख़ होठो को अपने मुह में ले के चूसने लगा. अपने बेटे की इस हरकत पे सानिया की मस्ती सातवे आसमान पे पहुँच गई और किसिंग में वो अपने बेटे का साथ देणे लगी. वो मस्ती में अपने बेटे के लंड अपनी चुत के धक्के लगाते हुए उसके होठो को चूसने लगी.
उसने अपनी जुबान अपने बेटे के मुह में दाल दी और नचाने लगी. सतीश अब अपनी मम्मी की जुबान को चूसने लगा. मम्मी बेटे एक दूसरे के होंठ और जुबान चूसने में खो से गये. निचे दोनों के लंड चुत में धक्के लग रहे थे और ऊपर दोनों एक दूसरे के होठो को चूसने में मग्न थे.
मा बेटे के जिस्म एक दूसरे से पूरी तरहा से चिपके हुए थे. होठो से होंठ, जुबान से ज़ुबान, लंड से चुत, निप्पल और स्तन से चेस्ट और हाथ..
सानिया का जिस्म चीख़ चीख़ के येस, येस, कह रहा है, जब्कि उसका दिमाग ना, ना, कह रहा है. क़रीब ५ मिनट तक पागलोँ की तरहा एक दूसरे के होठो को चूसने के बाद सानिया ने किस तोङी. लम्बी किस के बाद जैसे ही सतीश थोड़ा शांत हुआ उसकी मम्मी उसकी पकड़ से निकल के दूर जा के खड़ी हो गयी.
सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
अम्म्म.... ओह.... आह.... सतीश.... प्लीज मुझे छोड दो जाने दो.... तुम मेरे स्तन मथा. दबाव.... अमम....
मत करो बेटा प्लीज्... मुझे कुछ हो रहा है नहीअअअअ.....
ये कह के वो अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए घुमने की कोशिश करने लगी. और वो घुमने में कामियाब हो गयी.
लेकिन...
ये उसकी बहुत बड़ी ग़लती साबित हुई. वो घूम के ठीक अपने बेटे के सामने खड़ी हो गयी. जब तक उसे अपनी ग़लती का अहसास हुआ तब तक उसके बेटे का लंड उसके चुत्तड़ से निकल के उसकी गीली चुत के हांथों में घुस चुका था. सतीश इस बात से अन्जान था. वो तो बस मस्ती में धक्के मारने में लगा हुआ था, उसे कुछ वक़्त बाद इस बात का एहसास हुआ की इस वक़्त उसका लंड अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में नहीं है बल्कि उसकी रसीली चुत में है.
उसे इस बात का यकीन नहीं हो रहा था की आज उसकी किस्मत ज़ोरों पे है. उसने अपनी मम्मी की दोनों ताँगों के बीच के "v" हिस्से में अपने लंड का धक्का मारा. उसका लंड अपनी मम्मी की चुत के बीच में मुख द्वार पे रगड खाने लगा. उसका लंड बस अभी अपनी मम्मी की चुत में घूसने ही वाला था की उसकी मम्मी ने एक ज़ोर की सिसकारी ली.
आंह.......
ओ सतीश को रोक रही थी अपनी चुत में लंड घुसाने से.
फिर सतीश ने वो किया जिसकी कल्पना दोनों ने कभी सपने में भी नहीं की थी. उसने अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ गौर से देखा जो की उसके चेहरे के सिर्फ २ इंच की दूरी पे था अपनी मम्मी के खूबसूरत चेहरे और मस्ती में खुले हुए होठो को देख के उसका दिल मचल उठा और वो अपनी मम्मी के रसीले लाल सुर्ख़ होठो को अपने मुह में ले के चूसने लगा. अपने बेटे की इस हरकत पे सानिया की मस्ती सातवे आसमान पे पहुँच गई और किसिंग में वो अपने बेटे का साथ देणे लगी. वो मस्ती में अपने बेटे के लंड अपनी चुत के धक्के लगाते हुए उसके होठो को चूसने लगी.
उसने अपनी जुबान अपने बेटे के मुह में दाल दी और नचाने लगी. सतीश अब अपनी मम्मी की जुबान को चूसने लगा. मम्मी बेटे एक दूसरे के होंठ और जुबान चूसने में खो से गये. निचे दोनों के लंड चुत में धक्के लग रहे थे और ऊपर दोनों एक दूसरे के होठो को चूसने में मग्न थे.
मा बेटे के जिस्म एक दूसरे से पूरी तरहा से चिपके हुए थे. होठो से होंठ, जुबान से ज़ुबान, लंड से चुत, निप्पल और स्तन से चेस्ट और हाथ..
सानिया का जिस्म चीख़ चीख़ के येस, येस, कह रहा है, जब्कि उसका दिमाग ना, ना, कह रहा है. क़रीब ५ मिनट तक पागलोँ की तरहा एक दूसरे के होठो को चूसने के बाद सानिया ने किस तोङी. लम्बी किस के बाद जैसे ही सतीश थोड़ा शांत हुआ उसकी मम्मी उसकी पकड़ से निकल के दूर जा के खड़ी हो गयी.
सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.