desiaks
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सतीश की जीभ चुत पर घुमति हुई चुत के अंदर जा कर सानिया को मदहोश करने लगी.
सानिया के चुत का दाना तन गया जिसपर सतीश के जीभ ने अपना कमाल कर दिखाया था.
सानिया की साँसें और तेज हो गयी, उसके मुह से आनंद भरी चीत्कार निकल रही थी.
सानिया की उँगलियाँ अपने बेटे के हाथ पर कस गई और उसे लगा की चुदाई के पहले ही झड जायेगी.
अब सतीश ने टीशर्ट को ऊपर करके सानिया की चूचियों को ब्रा की कैद से आज़ाद करदिया. सानिया की दोनों गुलाबी निप्पल्स तन कर खड़ी हो गई और उसने एक निप्पल अपने मुह में ले ली और उसको चुसना शुरू करदिया.
सतीश ने अपना हाथ नीचे किया और अपनी पैंट की ज़िप खोल दि. जैसे की अपेक्षित था, उसका चुदाई का औज़ार, उसका लंड तन कर खड़ा हुआ था और चुत चुदाई को तैयार था उसकी जीभ सेक्सी तरीके से सानिया के स्तन, निप्पल पर घुमति गई और सानिया ने उसके लंड को खुली ज़िप के अंदर, उसकी चड्डी के उपरसे ही जोर से पकड़ लिया.
अब सतीश अदल बदल कर निप्पल चूस रहा था उत्तेजना के मारे सतीश ने करीब करीब निप्पल पर काट ही लिया था.
सतीश का हाथ नीचे हुआ और उसने चुत के दाने को अपने अँगूठे से दबाया तो सानिया की गांड काउंटर से ऊपर उठ गयी.
सतीश ने अपना खड़ा हुआ लम्बा और मोटा लंड चड्डी से बाहर निकालने मे सानिया की मदत की और सानिया ने उसके लंड को पकड़ कर अपनी गीली गरम चुत पर रगड़ने लगी.
उसके लंड को अपने चुत के मुह पर पा कर जैसे सानिया की चुत बहुत खुश हो गई और हमेशा की तरह ढेर सारा वीर्य उसकी चुत से बाहर आया.
सानिया अपने घुटनोँ के बल बैठ कर अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथ में पक़डकर.
लंड चुसने को तैयार थी और वह ज्यादा इंतज़ार नहीं कर सकी.
सानिया ने तुरंत ही लंड के मुह पर, सुपाडे पर अपनी जीभ फिरायी.
दोनों ही अपनी चुदाई जल्द से जल्द पूरी करना चाहते थे, इस से पहले की कोई उनको वहां देखले.
सानिया को पता है की उसका बेटा चुदाई में बहुत मज़बूत हैं और हमेशा ही उसके लंड से पानी निकलने में बहुत समय लगता है. इसलिए ये जरूरी था की चुदाई के पहले उसके लंड को इतना गरम करदिया जाये ताकि उसका लंड उसकी चुत में अपना पानी निकालने में ज्यादा वक़्त न लगाए.
ओर इसका एक ही रास्ता था की उसके लंड को चुस चुस कर पानी निकलने के आधे रस्ते तक ले जाया जाय.
सतीश हमेशा कहता हैं की मम्मी बहुत अच्छा लंड चुस्ती है और आज एक बार फिर सानिया अपनी लंड चुस्ने की काबलियत उसके लंड पर दिखा रही थी.
उसका आधा लंड सानिया के मुह में था और सानिया उसको चुसते हुए मुह के अंदर बाहर कर रही थि, जैसे उसका लंड मुह को चोद रहा हो.
ये सानिया को अनुभव से पता चला की अब वह सतिश को काफी गरम कर चुकी है और अब चुत और लंड की चुदाई में वो साथ साथ ही झडेंगे, तो उसने उसका खड़ा लंड अपने मुह की पकड़ से आज़ाद किया.
सानिया के पैर बेटे की कमर से लिपट गये, सतीश के हाथ सानिया की गांड के नीचे थे और उसका लम्बा और मोटा लंड सानिया की चुत में घूसा हुआ उसे चोद रहा था.
शुरूवात से ही उसके धक्के काफी तेज थे क्योंकि वो पहले से ही गरम था. सानिया ने अपना हाथ नीचे करके खुद ही अपनी चुत के दाने को मसला जिस से वह जल्दी ही झड गयी, पर सतीश अपनि मम्मी की चुत को लगतार चोद रहा था.
दो चुदाई के दीवाने चुदक्कड़ अपना चोदने और चुदवाने का काम बहुत मन लगा कर कर रहे थे. जल्दी ही सानिया दूसरी बार झड़ने को तैयार थी.
दोनो की साँसे तेज हो गयी, बदन अकडने लगा और मज़ा बढ़ता गया.
एक जोरदार धक्के के साथ सतीश का लंड सानिया की चुत की गहराइयो में अपने वीर्य की बरसात करता हुआ सानिया की चुदाई की प्यास को बुझाने लगा.
सानिया खुद भी बहुत जोर से झड चुकी थी.
दोनों की आँखों में परम सन्तुष्टि के भाव थे.
सतीश के लंड ने सानिया की चुत के अंदर अपने वीर्य का अन्तिम फ़व्वारा छोड़ा और वो बेटे से लिपट गयी.
उससे लीपटे हुये, सानिया ने उसके कान में कहा........................
" मुझे पेशाब करना है."
सतीश मुस्कराते हुए बोला – “चुदाई के बाद हमेशा ही तुम्हारा पेशाब निकलता है......
सतीश ने अपना लंड सानिया की चुत से निकाला तो सानिया ने अपने पैर जमीन पर रखे.
सानिया के पैर कांप रहे थे. सानिया ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी.
सतीश ने मम्मी की कमर को पकड़ा और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराया.
ऐसा जोरदार, दमदार और तेज चुदाई की वजह से हुआ था.
सानिया की ताकत वापस आई तो उसने काउंटर पकड़ कर अपना सन्तुलन बनाया.
सानिया ने अपने पर्स से टिश्यू पेपर निकाला और टॉयलेट सीट पर बैठि.
सानिया ने देखा की सतीश भी वहां चेंजिंग रूम के वाश बेसिन से टिश्यू पेपर ले कर अपना गीला लंड साफ़ करने लगा पर सानिया ने उसे मना किया और अपनी जुबान से चाट चाट साफ़ किया.
फिर सतीश ने अपना लंड वापस अपनी चड्ढी मे अपनी पैंट के अंदर ड़ाला और ज़िप बंद की.
सतीश ने सानिया की नीचे जमीन पर पड़ी पेन्टी को उठायी और सानिया तरफ देखा.
सानिया ने चुत को टिश्यू पेपर से साफ़ किया और जब सानिया खड़ी हुई तो सतीश ने पेन्टी सानिया को पकडाई
सानिया ने पेन्टी पहनी और अपने हाथ धो कर साफ़ किये. अपने कपडे ठीक किये, सतीश ने दरवाजा खोला और सानिया अपना पर्स उठाकर बेटे के हाथ में हाथ डाले बाहर आयी.
बाहर कोई नहीं था और किसी को भी पता नहीं चला की वह वहां एक गरमा गरम चुदाई कर के निकले है.
ये एक बहुत रोमांच से भरी चुदाई थी.
सानिया के चुत का दाना तन गया जिसपर सतीश के जीभ ने अपना कमाल कर दिखाया था.
सानिया की साँसें और तेज हो गयी, उसके मुह से आनंद भरी चीत्कार निकल रही थी.
सानिया की उँगलियाँ अपने बेटे के हाथ पर कस गई और उसे लगा की चुदाई के पहले ही झड जायेगी.
अब सतीश ने टीशर्ट को ऊपर करके सानिया की चूचियों को ब्रा की कैद से आज़ाद करदिया. सानिया की दोनों गुलाबी निप्पल्स तन कर खड़ी हो गई और उसने एक निप्पल अपने मुह में ले ली और उसको चुसना शुरू करदिया.
सतीश ने अपना हाथ नीचे किया और अपनी पैंट की ज़िप खोल दि. जैसे की अपेक्षित था, उसका चुदाई का औज़ार, उसका लंड तन कर खड़ा हुआ था और चुत चुदाई को तैयार था उसकी जीभ सेक्सी तरीके से सानिया के स्तन, निप्पल पर घुमति गई और सानिया ने उसके लंड को खुली ज़िप के अंदर, उसकी चड्डी के उपरसे ही जोर से पकड़ लिया.
अब सतीश अदल बदल कर निप्पल चूस रहा था उत्तेजना के मारे सतीश ने करीब करीब निप्पल पर काट ही लिया था.
सतीश का हाथ नीचे हुआ और उसने चुत के दाने को अपने अँगूठे से दबाया तो सानिया की गांड काउंटर से ऊपर उठ गयी.
सतीश ने अपना खड़ा हुआ लम्बा और मोटा लंड चड्डी से बाहर निकालने मे सानिया की मदत की और सानिया ने उसके लंड को पकड़ कर अपनी गीली गरम चुत पर रगड़ने लगी.
उसके लंड को अपने चुत के मुह पर पा कर जैसे सानिया की चुत बहुत खुश हो गई और हमेशा की तरह ढेर सारा वीर्य उसकी चुत से बाहर आया.
सानिया अपने घुटनोँ के बल बैठ कर अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथ में पक़डकर.
लंड चुसने को तैयार थी और वह ज्यादा इंतज़ार नहीं कर सकी.
सानिया ने तुरंत ही लंड के मुह पर, सुपाडे पर अपनी जीभ फिरायी.
दोनों ही अपनी चुदाई जल्द से जल्द पूरी करना चाहते थे, इस से पहले की कोई उनको वहां देखले.
सानिया को पता है की उसका बेटा चुदाई में बहुत मज़बूत हैं और हमेशा ही उसके लंड से पानी निकलने में बहुत समय लगता है. इसलिए ये जरूरी था की चुदाई के पहले उसके लंड को इतना गरम करदिया जाये ताकि उसका लंड उसकी चुत में अपना पानी निकालने में ज्यादा वक़्त न लगाए.
ओर इसका एक ही रास्ता था की उसके लंड को चुस चुस कर पानी निकलने के आधे रस्ते तक ले जाया जाय.
सतीश हमेशा कहता हैं की मम्मी बहुत अच्छा लंड चुस्ती है और आज एक बार फिर सानिया अपनी लंड चुस्ने की काबलियत उसके लंड पर दिखा रही थी.
उसका आधा लंड सानिया के मुह में था और सानिया उसको चुसते हुए मुह के अंदर बाहर कर रही थि, जैसे उसका लंड मुह को चोद रहा हो.
ये सानिया को अनुभव से पता चला की अब वह सतिश को काफी गरम कर चुकी है और अब चुत और लंड की चुदाई में वो साथ साथ ही झडेंगे, तो उसने उसका खड़ा लंड अपने मुह की पकड़ से आज़ाद किया.
सानिया के पैर बेटे की कमर से लिपट गये, सतीश के हाथ सानिया की गांड के नीचे थे और उसका लम्बा और मोटा लंड सानिया की चुत में घूसा हुआ उसे चोद रहा था.
शुरूवात से ही उसके धक्के काफी तेज थे क्योंकि वो पहले से ही गरम था. सानिया ने अपना हाथ नीचे करके खुद ही अपनी चुत के दाने को मसला जिस से वह जल्दी ही झड गयी, पर सतीश अपनि मम्मी की चुत को लगतार चोद रहा था.
दो चुदाई के दीवाने चुदक्कड़ अपना चोदने और चुदवाने का काम बहुत मन लगा कर कर रहे थे. जल्दी ही सानिया दूसरी बार झड़ने को तैयार थी.
दोनो की साँसे तेज हो गयी, बदन अकडने लगा और मज़ा बढ़ता गया.
एक जोरदार धक्के के साथ सतीश का लंड सानिया की चुत की गहराइयो में अपने वीर्य की बरसात करता हुआ सानिया की चुदाई की प्यास को बुझाने लगा.
सानिया खुद भी बहुत जोर से झड चुकी थी.
दोनों की आँखों में परम सन्तुष्टि के भाव थे.
सतीश के लंड ने सानिया की चुत के अंदर अपने वीर्य का अन्तिम फ़व्वारा छोड़ा और वो बेटे से लिपट गयी.
उससे लीपटे हुये, सानिया ने उसके कान में कहा........................
" मुझे पेशाब करना है."
सतीश मुस्कराते हुए बोला – “चुदाई के बाद हमेशा ही तुम्हारा पेशाब निकलता है......
सतीश ने अपना लंड सानिया की चुत से निकाला तो सानिया ने अपने पैर जमीन पर रखे.
सानिया के पैर कांप रहे थे. सानिया ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी.
सतीश ने मम्मी की कमर को पकड़ा और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराया.
ऐसा जोरदार, दमदार और तेज चुदाई की वजह से हुआ था.
सानिया की ताकत वापस आई तो उसने काउंटर पकड़ कर अपना सन्तुलन बनाया.
सानिया ने अपने पर्स से टिश्यू पेपर निकाला और टॉयलेट सीट पर बैठि.
सानिया ने देखा की सतीश भी वहां चेंजिंग रूम के वाश बेसिन से टिश्यू पेपर ले कर अपना गीला लंड साफ़ करने लगा पर सानिया ने उसे मना किया और अपनी जुबान से चाट चाट साफ़ किया.
फिर सतीश ने अपना लंड वापस अपनी चड्ढी मे अपनी पैंट के अंदर ड़ाला और ज़िप बंद की.
सतीश ने सानिया की नीचे जमीन पर पड़ी पेन्टी को उठायी और सानिया तरफ देखा.
सानिया ने चुत को टिश्यू पेपर से साफ़ किया और जब सानिया खड़ी हुई तो सतीश ने पेन्टी सानिया को पकडाई
सानिया ने पेन्टी पहनी और अपने हाथ धो कर साफ़ किये. अपने कपडे ठीक किये, सतीश ने दरवाजा खोला और सानिया अपना पर्स उठाकर बेटे के हाथ में हाथ डाले बाहर आयी.
बाहर कोई नहीं था और किसी को भी पता नहीं चला की वह वहां एक गरमा गरम चुदाई कर के निकले है.
ये एक बहुत रोमांच से भरी चुदाई थी.