desiaks
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सतीश : मम्मी में यहाँ इतना परेशान हूँ और आप हो की हस् रही हो.
सानिया : अरे मेरे लंड राज नाराज़ मत हो. रुक में अभी तेरी परेशानी दूर करती हूं.
ये कह के सानिया दरवाज़े तक जाती है और दरवाज़ा खोल के अपने पति से कहती है. "सतीश को अर्जेंट बाथरूम जाना पड़ गया है, ५ मीनट में आ रहा है.
फिर सानिया दरवाज़ा बंद कर के वापिस आ जाती है.
सानिया : चलो. अब तुम मुठ मार सकते हो, हाँ लेकिन सिर्फ एक बार वो भी अभी.
सतीश मम्मी की बात सुन के बाथरूम की तरफ जाने लगता है.
सानिया : सतीश कहाँ चले... अपना लंड हिलाते हुए...?
सतीश : बाथरूम मे... मुठ मारने...
सानिया : जी नही... अगर तुम्हे मुठ मार्नी है तो यहीं मारो मेरे सामणे.
सतीश : पर मम्मी.. मैं तुम्हारे सामने कैसे मुठ मार सकता हूँ?
सानिया : क्यों मेरे सामने मुठ मारने में तुझे क्या प्रॉब्लम है?
सतीश : मुझे शर्म आ रही है. मैं अपनी मम्मी के सामने कैसे मुठ मार सकता हूँ
सानिया : क्यूँ अपनी मम्मी की गांड में अपना लंड घुसाने में, अपनी मम्मी को नंगी देखने में, अपनी मम्मी की स्तन दबाने में तुझे शर्म नहीं आई, मम्मी के सामने मुठ मारने में तुझे शर्म आ रही है.
सानिया : मुझे कुछ नहीं सुन ना अगर तुझे मुठ मारनी है तो मेरे सामने मार, वरना रहने दे, मुझे तुम को मुठ मारते हुए देखना है. और वैसे भी में ही वो हूँ जिसकी वजह से तेरा लंड खड़ा हुआ है. अब तू मेरे लिए इतना तो कर ही सकता है. चल अब देर मत कर जल्दी से शुरू हो जा ज़यादा वक़्त नहीं है तेरे पास.
ये कह के सानिया मुस्कुराने लगी. पहले से भी कहीं ज़्यादा वीर्य उसकी चुत से बहने लगा.
सतीश भी बहुत उत्तेजित था, उस ने शरमाते हुए अपना लंड हाथ में पकड़ा और आगे पीछे करते हुए मुठ मारने लगा.
सानिया मस्ती में पीछ मुड़ी और उसने अपनी पेन्टी निकल दि. फिर आगे झुक के उसने अपनी स्कर्ट को कमर तक उठा दिया और अपने दोनों हाथों से अपने चुत्तड़ को फ़ैलाते हुए अपनी गांड का हसीन छेद और अपनी सेक्सी चुत अपने बेटे को दिखाने लगी.
अपनी मम्मी की सेक्सी गांड और चुत देख के सतीश की मस्ती दुगनी हो गयी, वो और भी तेज़ी में अपना लंड हिलाने लगा.
सतीश : ओह, माँ, तुम्हारी गांड और चुत का ये हसीन नज़ारा मुझे पागल बना रहा है, मैं झड़ने के करीब हु. आह... ओह... है मम्मी मेरा वीर्य अब बस निकलने वाला है.
अपने बेटे की बात सुन के सानिया फ़ौरन बेटे के सामने ज़मीन पे बैठ जाती है.
सानिया : हाँ मेरे बेटे.. मेरे लाल.. निकालो अपना वीर्य अपनी मम्मी के नाम पर. कम फॉर मि, बेबी, ये देखो मेरी चुत...
ईसी चुत से एक दिन तुम निकले थे... और इसी चुत में एक दिन तुम्हे अपना ये लंड घूसा ना है.
सतीश : ओह... मम्मी.. में गया... मेरा वीर्य.... निकल रहा है...
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी मम्मी की खुली हुई चुत और टांगो पे गिरने लगती है..
अपणे बेटे के गरमा गरम वीर्य को अपनी चुत पे महसुस करके सानिया भी मस्ती में झड़ने लगती है.
आएहा हा... ओमामम... सतीश में भी गयी...
दोनो माँ बेटा साथ में झड़ने लगते है.
धीरे धीरे जब दोनों के मस्ती कम होती है तो...
सानिया : ओह, सतीश.. मज़ा आ गया. ऐसा नज़ारा आज तक मैंने कभी नहीं कहीं नहीं देखा है. इतनी मस्ती मुझे आज तक कभी नहीं चढि... आज पहली बार में बिना अपनी चुत को छुये झड गयी. इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला. तुम्हारे लंड से जितना वीर्य निकला है इतना वीर्य तो मैंने कभी नहीं देखा. मेरा दिल चाह रहा है की में अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में ले के खूब रगडू. उसका वीर्य एक बार फिर से निकलते हुए देखुं. तुम ने अपने स्टाइल से हमारे बीच में ये "ईन्सेस्ट सेक्स गेम" शुरू किया था अब में इसे अपने स्टाइल से आगे बड़ाऊँगी.
ये गेम हम दोनों को हद से भी ज़्यादा मज़ा देगा. हम वो सब करेंगे जो की इस दुनिया में एक मर्द और औरत के बीच में होता है.
एंसेस्, किंकि, फैटिश्. एनल, गोल्डन शावर और न जाने क्या क्या... हम सारी हद पार कर देंगे.
मुझे पता है की मम्मी को अपने बेटे के साथ ये सब नहीं करना चहिये, लेकिन में शौक से तुम्हे ये सब सिखाना चाहूँगी, तुम्हे तड़पाऊंगी, तरसाउंगी. तुम्हे जी भर के प्यार करुँगी. वो दिन भी जलद ही आएगा जब में तुम्हे अपनी चुत चोद ने दूंगी. तुम क्या सोचते हो इस बारे में?
सानिया : अरे मेरे लंड राज नाराज़ मत हो. रुक में अभी तेरी परेशानी दूर करती हूं.
ये कह के सानिया दरवाज़े तक जाती है और दरवाज़ा खोल के अपने पति से कहती है. "सतीश को अर्जेंट बाथरूम जाना पड़ गया है, ५ मीनट में आ रहा है.
फिर सानिया दरवाज़ा बंद कर के वापिस आ जाती है.
सानिया : चलो. अब तुम मुठ मार सकते हो, हाँ लेकिन सिर्फ एक बार वो भी अभी.
सतीश मम्मी की बात सुन के बाथरूम की तरफ जाने लगता है.
सानिया : सतीश कहाँ चले... अपना लंड हिलाते हुए...?
सतीश : बाथरूम मे... मुठ मारने...
सानिया : जी नही... अगर तुम्हे मुठ मार्नी है तो यहीं मारो मेरे सामणे.
सतीश : पर मम्मी.. मैं तुम्हारे सामने कैसे मुठ मार सकता हूँ?
सानिया : क्यों मेरे सामने मुठ मारने में तुझे क्या प्रॉब्लम है?
सतीश : मुझे शर्म आ रही है. मैं अपनी मम्मी के सामने कैसे मुठ मार सकता हूँ
सानिया : क्यूँ अपनी मम्मी की गांड में अपना लंड घुसाने में, अपनी मम्मी को नंगी देखने में, अपनी मम्मी की स्तन दबाने में तुझे शर्म नहीं आई, मम्मी के सामने मुठ मारने में तुझे शर्म आ रही है.
सानिया : मुझे कुछ नहीं सुन ना अगर तुझे मुठ मारनी है तो मेरे सामने मार, वरना रहने दे, मुझे तुम को मुठ मारते हुए देखना है. और वैसे भी में ही वो हूँ जिसकी वजह से तेरा लंड खड़ा हुआ है. अब तू मेरे लिए इतना तो कर ही सकता है. चल अब देर मत कर जल्दी से शुरू हो जा ज़यादा वक़्त नहीं है तेरे पास.
ये कह के सानिया मुस्कुराने लगी. पहले से भी कहीं ज़्यादा वीर्य उसकी चुत से बहने लगा.
सतीश भी बहुत उत्तेजित था, उस ने शरमाते हुए अपना लंड हाथ में पकड़ा और आगे पीछे करते हुए मुठ मारने लगा.
सानिया मस्ती में पीछ मुड़ी और उसने अपनी पेन्टी निकल दि. फिर आगे झुक के उसने अपनी स्कर्ट को कमर तक उठा दिया और अपने दोनों हाथों से अपने चुत्तड़ को फ़ैलाते हुए अपनी गांड का हसीन छेद और अपनी सेक्सी चुत अपने बेटे को दिखाने लगी.
अपनी मम्मी की सेक्सी गांड और चुत देख के सतीश की मस्ती दुगनी हो गयी, वो और भी तेज़ी में अपना लंड हिलाने लगा.
सतीश : ओह, माँ, तुम्हारी गांड और चुत का ये हसीन नज़ारा मुझे पागल बना रहा है, मैं झड़ने के करीब हु. आह... ओह... है मम्मी मेरा वीर्य अब बस निकलने वाला है.
अपने बेटे की बात सुन के सानिया फ़ौरन बेटे के सामने ज़मीन पे बैठ जाती है.

सानिया : हाँ मेरे बेटे.. मेरे लाल.. निकालो अपना वीर्य अपनी मम्मी के नाम पर. कम फॉर मि, बेबी, ये देखो मेरी चुत...
ईसी चुत से एक दिन तुम निकले थे... और इसी चुत में एक दिन तुम्हे अपना ये लंड घूसा ना है.
सतीश : ओह... मम्मी.. में गया... मेरा वीर्य.... निकल रहा है...
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी मम्मी की खुली हुई चुत और टांगो पे गिरने लगती है..
अपणे बेटे के गरमा गरम वीर्य को अपनी चुत पे महसुस करके सानिया भी मस्ती में झड़ने लगती है.
आएहा हा... ओमामम... सतीश में भी गयी...
दोनो माँ बेटा साथ में झड़ने लगते है.
धीरे धीरे जब दोनों के मस्ती कम होती है तो...
सानिया : ओह, सतीश.. मज़ा आ गया. ऐसा नज़ारा आज तक मैंने कभी नहीं कहीं नहीं देखा है. इतनी मस्ती मुझे आज तक कभी नहीं चढि... आज पहली बार में बिना अपनी चुत को छुये झड गयी. इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला. तुम्हारे लंड से जितना वीर्य निकला है इतना वीर्य तो मैंने कभी नहीं देखा. मेरा दिल चाह रहा है की में अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में ले के खूब रगडू. उसका वीर्य एक बार फिर से निकलते हुए देखुं. तुम ने अपने स्टाइल से हमारे बीच में ये "ईन्सेस्ट सेक्स गेम" शुरू किया था अब में इसे अपने स्टाइल से आगे बड़ाऊँगी.
ये गेम हम दोनों को हद से भी ज़्यादा मज़ा देगा. हम वो सब करेंगे जो की इस दुनिया में एक मर्द और औरत के बीच में होता है.
एंसेस्, किंकि, फैटिश्. एनल, गोल्डन शावर और न जाने क्या क्या... हम सारी हद पार कर देंगे.
मुझे पता है की मम्मी को अपने बेटे के साथ ये सब नहीं करना चहिये, लेकिन में शौक से तुम्हे ये सब सिखाना चाहूँगी, तुम्हे तड़पाऊंगी, तरसाउंगी. तुम्हे जी भर के प्यार करुँगी. वो दिन भी जलद ही आएगा जब में तुम्हे अपनी चुत चोद ने दूंगी. तुम क्या सोचते हो इस बारे में?