desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
फिर तीनो ने मज़े से अपनी पसंद का खाना ढ़ाबे पे खाया...
ओर..
सानिया : विशाल यहाँ से हम को और कितना वक़्त लगेगा फार्म हाउस पहुँचने मे...
विशाल : और २ घंटा... तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है न अपने बेटे की गोद में बैठने मे...
सानिया : नहीं मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है... बल्कि मैंने तो बड़े आराम से एडजस्ट कर लिया था... और आगे भी बड़े आराम से कर लूंग़ी... क्यूँ सतीश तुम्हे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न अपनी मम्मी को लेने मे...
सतीश : नहीं मम्मी.. मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है... अपनी मम्मी को लेने मे... मैं तो बड़े आराम से अगले २ घंटे तक ले सकता हूँ तुम्हे...
विशाल : अगर ऐसी बात है तो फिर चलो...
सानिया : विशाल तुम चलो में वाशरूम हो के आती हु...
सतीश : डैड में भी सोच रहा हूँ की वाशरूम हो औउ... २ घंटे का सफर है... कहीं रस्ते में प्रेशर लग गया तो प्रॉब्लम होगी...
विशाल : ठीक है... मैं कार में वेट करता हु... तुम दोनों जल्द ही आ जाना...
ये कह के विशाल कार की तरफ चला जाता है...
सानिया : सतीश आज तेरे लंड ने तो मुझे जन्नत दिखा दिया... कसम से अपने पति की मौजूदगी में अपने बेटे से चुदवाने में एक अलग ही मज़ा है... आज तू ने मेरी चुत को अपने दमदार लंड से चोद के मस्त कर दिया...
सतीश : मम्मी मुझे भी तुम्हे चोदने में बेहद मज़ा आया... मम्मी क्यों न एक राउंड और हो जाए...?
सानिया : अभी थोड़ी देर पहले तो तू ने मुझे चोदा था... मुझे चोद के क्या तेरा जी नहीं भरा... जो दोबारा चोदने की बात कर रहा है...
सतीश : मम्मी तुम हो ही इतनी सेक्सी की चाहे में तुम्हे कितना भी चोद लू... लेकिन हर चुदाई के बाद मेरे अंदर तुम्हे और चोदने की इच्छा होने लगती है... मेरा दिल करता है की में हर वक़्त तुम्हारी रसीली चुत में अपना लंड डाले रहुं...
सानिया : तु भी ना... हमेशा अपने लंड से ही सोचता है... कभी तो अपने लंड की जगह अपने दिमाग से सोच लिया कर... मैं तेरी मम्मी हूँ बीवी नही... जो तू हर वक़्त मुझ से चुदाई की बात करता है...
सतीश : मम्मी.. आपको रोका किसने है... बन जाओ ना मेरी बिवी..
सतीश : मैं तो अपने लंड पे तुम्हारा नाम लिख के तुम्हे अपने दिल और लंड दोनों से कब की अपनी बीवी मान चुका हु... जाने तुम कब अपनी चुत पे मेरा नाम लिख के मुझे अपना पति बनाओगि...
सानिया : बेटा तू जो कह रहा है... वो करना मेरे लिए आसान नहीं है... मैं भले ही तुझसे बेहद प्यार करु... तेरे मुसल जैसे 9 इंच के लंड से चाहे जितना चुदवा लू... लेकिन फिर भी इस सब से ये सच झूठ में तो नहीं बदल जाएगा की में अभी भी तेरे डैड की पत्नी हु... लेकिन में तुझसे ये वादा करती हूँ की जिस दिन मुझे दिल ये लगेगा की मुझे अब अपने पति के साथ नहीं ... मुझे तेरी बीवी बनना है... मैं खुद ही अपनी चुत पे तेरा नाम लिखवा लूंग़ी...
ओर अपने पति को छोड़ के तुझ से शादी कर लूंग़ी... ये मेरा वादा है तुझसे...
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश बेहद खुश हो जाता है... और आगे बढ़ के अपनी मम्मी के होठो को चूम लेता है...
सानिया अपने बेटे की इस अचानक हरक़त पे चोंक जाती है और फ़ौरन अपने बेटे से अलग होती है...
सानिया : सतीश तू कहीं पागल तो नहीं हो गया... ये क्या कर रहा है... मैं तेरी मम्मी हु... और तू यहाँ पब्लिक प्लेस में अपनी मम्मी को किस कर रहा है... किसी ने हम को देख लिया तो क्या सोचेगा वो हमारे बारे मे...
सतीश : मम्मी तुम बेकार में डर रही हो... हम को यहाँ जानता ही कौन है... और रही बात किसी के कुछ कहने की तो जो भी हम को देखेगा एक ही बात कहेंगा... वाओ यार क्या मस्त जोड़ी है... दोनों एक दम "मेड फॉर इच अदर" लगते है...
सतीश की बात सुन के सानिया शरमाने लगी...
सानिया : चल झूटे... हम किस एंगल से मेड फॉर इच अदर लगते है... चल अब ज़्यादा बाते न बना और जल्दी से वाश रूम हो के आ तुम्हारे डैड हमारा कब से वेट कर रहे है... कहीं वो यहाँ आ गए और उन्होंने हम को चुदाई की बात करते देख लिया तो...?
सतीश : मम्मी... तुम बेकार में डैड से इतना डरती हो..
सानिया : डरना पढता है बेटा... माँ बेटे के बीच में ऐसे रिश्ते नहीं होते... दुनिया में माँ बेटे के बीच के प्यार और चुदाई को नाजायज़ कहते है...
चल अब ये सब छोड़...
सतीश : क्या कहा चोद...
सानिया : जी नही... मैंने चोद नहीं चोद कहा. तु न कुछ भी सुनता है...
ये कह के सानिया उठ के वहां से जाने लगती है...
सतीश : मम्मी.. कहाँ चलि...?
सानिया : "सूसू" करने...
सतीश : रुको मम्मी.. मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ्... दोनों साथ में कर लेंगे... सुसु...
सानिया : छि गंदे... ऐसे काम भी कोई माँ बेटा साथ में करते हैं क्या..? तु ना... कभी नहीं सुधरेगा...
ये कह के सानिया लेडीज टॉयलेट में चलि जाती है... और सुसु करने लगती है...
ओर..
सानिया : विशाल यहाँ से हम को और कितना वक़्त लगेगा फार्म हाउस पहुँचने मे...
विशाल : और २ घंटा... तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है न अपने बेटे की गोद में बैठने मे...
सानिया : नहीं मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है... बल्कि मैंने तो बड़े आराम से एडजस्ट कर लिया था... और आगे भी बड़े आराम से कर लूंग़ी... क्यूँ सतीश तुम्हे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न अपनी मम्मी को लेने मे...
सतीश : नहीं मम्मी.. मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है... अपनी मम्मी को लेने मे... मैं तो बड़े आराम से अगले २ घंटे तक ले सकता हूँ तुम्हे...
विशाल : अगर ऐसी बात है तो फिर चलो...
सानिया : विशाल तुम चलो में वाशरूम हो के आती हु...
सतीश : डैड में भी सोच रहा हूँ की वाशरूम हो औउ... २ घंटे का सफर है... कहीं रस्ते में प्रेशर लग गया तो प्रॉब्लम होगी...
विशाल : ठीक है... मैं कार में वेट करता हु... तुम दोनों जल्द ही आ जाना...
ये कह के विशाल कार की तरफ चला जाता है...
सानिया : सतीश आज तेरे लंड ने तो मुझे जन्नत दिखा दिया... कसम से अपने पति की मौजूदगी में अपने बेटे से चुदवाने में एक अलग ही मज़ा है... आज तू ने मेरी चुत को अपने दमदार लंड से चोद के मस्त कर दिया...
सतीश : मम्मी मुझे भी तुम्हे चोदने में बेहद मज़ा आया... मम्मी क्यों न एक राउंड और हो जाए...?
सानिया : अभी थोड़ी देर पहले तो तू ने मुझे चोदा था... मुझे चोद के क्या तेरा जी नहीं भरा... जो दोबारा चोदने की बात कर रहा है...
सतीश : मम्मी तुम हो ही इतनी सेक्सी की चाहे में तुम्हे कितना भी चोद लू... लेकिन हर चुदाई के बाद मेरे अंदर तुम्हे और चोदने की इच्छा होने लगती है... मेरा दिल करता है की में हर वक़्त तुम्हारी रसीली चुत में अपना लंड डाले रहुं...
सानिया : तु भी ना... हमेशा अपने लंड से ही सोचता है... कभी तो अपने लंड की जगह अपने दिमाग से सोच लिया कर... मैं तेरी मम्मी हूँ बीवी नही... जो तू हर वक़्त मुझ से चुदाई की बात करता है...
सतीश : मम्मी.. आपको रोका किसने है... बन जाओ ना मेरी बिवी..
सतीश : मैं तो अपने लंड पे तुम्हारा नाम लिख के तुम्हे अपने दिल और लंड दोनों से कब की अपनी बीवी मान चुका हु... जाने तुम कब अपनी चुत पे मेरा नाम लिख के मुझे अपना पति बनाओगि...
सानिया : बेटा तू जो कह रहा है... वो करना मेरे लिए आसान नहीं है... मैं भले ही तुझसे बेहद प्यार करु... तेरे मुसल जैसे 9 इंच के लंड से चाहे जितना चुदवा लू... लेकिन फिर भी इस सब से ये सच झूठ में तो नहीं बदल जाएगा की में अभी भी तेरे डैड की पत्नी हु... लेकिन में तुझसे ये वादा करती हूँ की जिस दिन मुझे दिल ये लगेगा की मुझे अब अपने पति के साथ नहीं ... मुझे तेरी बीवी बनना है... मैं खुद ही अपनी चुत पे तेरा नाम लिखवा लूंग़ी...
ओर अपने पति को छोड़ के तुझ से शादी कर लूंग़ी... ये मेरा वादा है तुझसे...
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश बेहद खुश हो जाता है... और आगे बढ़ के अपनी मम्मी के होठो को चूम लेता है...
सानिया अपने बेटे की इस अचानक हरक़त पे चोंक जाती है और फ़ौरन अपने बेटे से अलग होती है...
सानिया : सतीश तू कहीं पागल तो नहीं हो गया... ये क्या कर रहा है... मैं तेरी मम्मी हु... और तू यहाँ पब्लिक प्लेस में अपनी मम्मी को किस कर रहा है... किसी ने हम को देख लिया तो क्या सोचेगा वो हमारे बारे मे...
सतीश : मम्मी तुम बेकार में डर रही हो... हम को यहाँ जानता ही कौन है... और रही बात किसी के कुछ कहने की तो जो भी हम को देखेगा एक ही बात कहेंगा... वाओ यार क्या मस्त जोड़ी है... दोनों एक दम "मेड फॉर इच अदर" लगते है...
सतीश की बात सुन के सानिया शरमाने लगी...
सानिया : चल झूटे... हम किस एंगल से मेड फॉर इच अदर लगते है... चल अब ज़्यादा बाते न बना और जल्दी से वाश रूम हो के आ तुम्हारे डैड हमारा कब से वेट कर रहे है... कहीं वो यहाँ आ गए और उन्होंने हम को चुदाई की बात करते देख लिया तो...?
सतीश : मम्मी... तुम बेकार में डैड से इतना डरती हो..
सानिया : डरना पढता है बेटा... माँ बेटे के बीच में ऐसे रिश्ते नहीं होते... दुनिया में माँ बेटे के बीच के प्यार और चुदाई को नाजायज़ कहते है...
चल अब ये सब छोड़...
सतीश : क्या कहा चोद...
सानिया : जी नही... मैंने चोद नहीं चोद कहा. तु न कुछ भी सुनता है...
ये कह के सानिया उठ के वहां से जाने लगती है...
सतीश : मम्मी.. कहाँ चलि...?
सानिया : "सूसू" करने...
सतीश : रुको मम्मी.. मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ्... दोनों साथ में कर लेंगे... सुसु...
सानिया : छि गंदे... ऐसे काम भी कोई माँ बेटा साथ में करते हैं क्या..? तु ना... कभी नहीं सुधरेगा...
ये कह के सानिया लेडीज टॉयलेट में चलि जाती है... और सुसु करने लगती है...