Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान - Page 7 - SexBaba
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Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान

फिर तीनो ने मज़े से अपनी पसंद का खाना ढ़ाबे पे खाया...
ओर..
सानिया : विशाल यहाँ से हम को और कितना वक़्त लगेगा फार्म हाउस पहुँचने मे...
विशाल : और २ घंटा... तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है न अपने बेटे की गोद में बैठने मे...
सानिया : नहीं मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है... बल्कि मैंने तो बड़े आराम से एडजस्ट कर लिया था... और आगे भी बड़े आराम से कर लूंग़ी... क्यूँ सतीश तुम्हे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न अपनी मम्मी को लेने मे...
सतीश : नहीं मम्मी.. मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है... अपनी मम्मी को लेने मे... मैं तो बड़े आराम से अगले २ घंटे तक ले सकता हूँ तुम्हे...
विशाल : अगर ऐसी बात है तो फिर चलो...
सानिया : विशाल तुम चलो में वाशरूम हो के आती हु...
सतीश : डैड में भी सोच रहा हूँ की वाशरूम हो औउ... २ घंटे का सफर है... कहीं रस्ते में प्रेशर लग गया तो प्रॉब्लम होगी...
विशाल : ठीक है... मैं कार में वेट करता हु... तुम दोनों जल्द ही आ जाना...
ये कह के विशाल कार की तरफ चला जाता है...
सानिया : सतीश आज तेरे लंड ने तो मुझे जन्नत दिखा दिया... कसम से अपने पति की मौजूदगी में अपने बेटे से चुदवाने में एक अलग ही मज़ा है... आज तू ने मेरी चुत को अपने दमदार लंड से चोद के मस्त कर दिया...
सतीश : मम्मी मुझे भी तुम्हे चोदने में बेहद मज़ा आया... मम्मी क्यों न एक राउंड और हो जाए...?
सानिया : अभी थोड़ी देर पहले तो तू ने मुझे चोदा था... मुझे चोद के क्या तेरा जी नहीं भरा... जो दोबारा चोदने की बात कर रहा है...
सतीश : मम्मी तुम हो ही इतनी सेक्सी की चाहे में तुम्हे कितना भी चोद लू... लेकिन हर चुदाई के बाद मेरे अंदर तुम्हे और चोदने की इच्छा होने लगती है... मेरा दिल करता है की में हर वक़्त तुम्हारी रसीली चुत में अपना लंड डाले रहुं...
सानिया : तु भी ना... हमेशा अपने लंड से ही सोचता है... कभी तो अपने लंड की जगह अपने दिमाग से सोच लिया कर... मैं तेरी मम्मी हूँ बीवी नही... जो तू हर वक़्त मुझ से चुदाई की बात करता है...
सतीश : मम्मी.. आपको रोका किसने है... बन जाओ ना मेरी बिवी..
सतीश : मैं तो अपने लंड पे तुम्हारा नाम लिख के तुम्हे अपने दिल और लंड दोनों से कब की अपनी बीवी मान चुका हु... जाने तुम कब अपनी चुत पे मेरा नाम लिख के मुझे अपना पति बनाओगि...
सानिया : बेटा तू जो कह रहा है... वो करना मेरे लिए आसान नहीं है... मैं भले ही तुझसे बेहद प्यार करु... तेरे मुसल जैसे 9 इंच के लंड से चाहे जितना चुदवा लू... लेकिन फिर भी इस सब से ये सच झूठ में तो नहीं बदल जाएगा की में अभी भी तेरे डैड की पत्नी हु... लेकिन में तुझसे ये वादा करती हूँ की जिस दिन मुझे दिल ये लगेगा की मुझे अब अपने पति के साथ नहीं ... मुझे तेरी बीवी बनना है... मैं खुद ही अपनी चुत पे तेरा नाम लिखवा लूंग़ी...
ओर अपने पति को छोड़ के तुझ से शादी कर लूंग़ी... ये मेरा वादा है तुझसे...
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश बेहद खुश हो जाता है... और आगे बढ़ के अपनी मम्मी के होठो को चूम लेता है...
सानिया अपने बेटे की इस अचानक हरक़त पे चोंक जाती है और फ़ौरन अपने बेटे से अलग होती है...
सानिया : सतीश तू कहीं पागल तो नहीं हो गया... ये क्या कर रहा है... मैं तेरी मम्मी हु... और तू यहाँ पब्लिक प्लेस में अपनी मम्मी को किस कर रहा है... किसी ने हम को देख लिया तो क्या सोचेगा वो हमारे बारे मे...
सतीश : मम्मी तुम बेकार में डर रही हो... हम को यहाँ जानता ही कौन है... और रही बात किसी के कुछ कहने की तो जो भी हम को देखेगा एक ही बात कहेंगा... वाओ यार क्या मस्त जोड़ी है... दोनों एक दम "मेड फॉर इच अदर" लगते है...
सतीश की बात सुन के सानिया शरमाने लगी...
सानिया : चल झूटे... हम किस एंगल से मेड फॉर इच अदर लगते है... चल अब ज़्यादा बाते न बना और जल्दी से वाश रूम हो के आ तुम्हारे डैड हमारा कब से वेट कर रहे है... कहीं वो यहाँ आ गए और उन्होंने हम को चुदाई की बात करते देख लिया तो...?
सतीश : मम्मी... तुम बेकार में डैड से इतना डरती हो..
सानिया : डरना पढता है बेटा... माँ बेटे के बीच में ऐसे रिश्ते नहीं होते... दुनिया में माँ बेटे के बीच के प्यार और चुदाई को नाजायज़ कहते है...
चल अब ये सब छोड़...
सतीश : क्या कहा चोद...
सानिया : जी नही... मैंने चोद नहीं चोद कहा. तु न कुछ भी सुनता है...
ये कह के सानिया उठ के वहां से जाने लगती है...
सतीश : मम्मी.. कहाँ चलि...?
सानिया : "सूसू" करने...
सतीश : रुको मम्मी.. मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ्... दोनों साथ में कर लेंगे... सुसु...
सानिया : छि गंदे... ऐसे काम भी कोई माँ बेटा साथ में करते हैं क्या..? तु ना... कभी नहीं सुधरेगा...
ये कह के सानिया लेडीज टॉयलेट में चलि जाती है... और सुसु करने लगती है...

 
तभी अचानक सतीश वहां आ जाता है और अपनी मम्मी को सुसु करते हुए देखने लगता है..
सानिया अपने बेटे को देख के चोंक जाती है...
सानिया : सतीश तू यहाँ क्या कर रहा है...? जा यहाँ से... देखा नहीं में सुसु कर रही हु...
सतीश : मम्मी में वो ही देखने आया हु... है मम्मी तुम सुसु करते वक़्त कितनी सेक्सी लगती हो...
सानिया : सतीश.. पागल मत बन... जा यहाँ से... अगर यहाँ कोई आ गया तो...
सतीश : डरो मत मम्मी यहाँ कोई नहीं आयेगा...
सानिया सुसु करने के बाद जैसे ही उठने लगती है... सतीश उसे रोक देता है...
सानिया : क्या हुआ...? तु ने मुझे क्यों रोक दिया... मेरा हो गया... अब चल...
सतीश : नहीं मम्मी अभी नही... अभी एक बेहद ज़रूरी काम बाकी है...
सानिया : क्या है वो बेहद ज़रूरी काम...?
सतीश अपना लंड पैंट में से बाहर निकाल के कहता है...
मम्मी में ये चाहता हूँ की तुम कार में मेरा लंड अपनी चुत में ले के बैठो... लेकिन चुत में लंड लेने के लिए लंड का खड़ा होना ज़रूरी है... इसलिए तुम बिना कोई सवाल किये मेरे लंड को चूस के खड़ा करो...
सानिया अपने बेटे की बात सुन के शर्मा जाती है और आँख मार के अपने बेटे का लंड चूसने लगती है..
सानिया मज़े से अपने बेटे का लंड चूस रही है. वो मज़े से अपने बेटे के लंड को मुह में ले कर अन्दर बाहर कर रही है...
लंड काफी बड़ा है और वो आधा लंड ही वो अपने मुह मे ले पा रही थी जिसे वो बड़े ही चाव से चूसे जा रही थी और सतीश की गोटियो को अपने हाथ में लेके हौले हौले मसल रही थी... सतीश को बेहद मज़ा आ रहा था... मस्ती में आके उस ने अपनी मम्मी का सर अपने दोनों हाथों में लेके उसके मुह को चोदना शुरू कर दिया... उस का लंड अब उसकी मम्मी के गले तक पहुँच रहा था जिस से मम्मी के मुह से गोओ गोओ की आवाज़ निकलने लगी...
मम्मी की ऐसी हालत देख के सतीश ने उसके सर पे अपनी पकड़ लूज कर दी और अपने लंड को उसके गले में उतारना बंद कर दिया.
सतीश को रुकते देख मम्मी ने खुद कमान संभाल ली और सतीश के लंड को खुद अपने मुह में भर कर चुसना शुरू कर दिया.
ब सतीश से बर्दाश करना मुश्किल हो रहा ठ... उसके मुह से मस्ती में आवाज़ निकल रही थी. वो झड़ने के करीब पहुच चुका था.
तभी मम्मी का मोबाइल बजने लगा...
कॉल डैड का था... वो दोनों को जल्दी से आने को कह रहे है...
सतीश जल्दी चलो कहीं ऐसा न हो की डैड यहाँ आ जाए... हम को जल्दी से चलना चहिये... अब जो भी करना कार में करना... अब चलो...
ये कह के सानिया ने सतीश को आँख मारि और एक नॉटी स्माइल के साथ उठ कर अपने होठो पे लिपस्टिक लगनी शुरू कर दि.
सतीश ने सानिया को अपनी बांहो में भरना चाहा पर सानिया ने उसे रोकते हुए कहा अभी हम लेट हो रहे हैं और फिर उसने अपनी उंगली सतीश को पकड़ा दी और अपनी गांड मटकाते हुए कार की तरफ चल दि.
सतीश ने सानिया के गोल गोल मटकते चुत्तड़ को देख कर एक आह भरी और अपने पैंट में लंड को दाल कर वो भी सानिया के पीछे पीछे चल दिया.
बाहर आके सतीश ने कार में बैठ के अपना खड़ा लंड पैंट में से बाहर निकला और मम्मी को उस पे बैठने का इशारा किया.. सानिया एक सेक्सी स्माइल के साथ अपनी स्कर्ट पीछे से उठा के अपने बेटे के लंड को अपनी गांड के बीच में दबा के उसकी गोद में बैठ गयी...
विशाल : चले...
सानिया : हाँ चलो...
विशाल : आगे का रास्ता बहुत पथरीला और खराब है... रास्ते में खड्डे भी बहुत है... थोड़ा संभल के बैठना... कहीं ऐसा न हो की तुम दोनों में से किसी को चोट लग जाए...
सानिया : विशाल आप हमारी फ़िक्र मत करो... हम संभाल लेंगे... वैसे खराब रस्ते कभी कभी सजा के बजाये मज़ा देते है... इसी बहाने में एक मॉस्टर राइड का मज़ा ले सकुंगी... क्यूँ सतीश...? मैं ठीक कह रही हूँ न...?
सतीश : हाँ मम्मी क्यों नही... डैड आप हमारी फ़िक्र मत करो... जल्दी चलो कहीं ऐसा न हो की हम को वहां पहुँचने में देर हो जाए...
विशाल : ठीक है...
फिर विशाल कार की स्पीड बढा देता है... कार उस पथरीले रस्ते पे दौड ने लगती है...
खराब रस्ते की वजह से कार में दोनों मम्मी बेटे को झटके लगने लगते हैं...
सानिया अपनी नंगी गांड लिए अपने बेटे के खड़े लंड पे उछलने लगती है...
सतीश का खड़ा लंड मम्मी की गांड के छेद से तकराने लगता है... सानिया अपने बेटे के लंड की रगड अपनी गांड के छेद पे मेहसुस करके मस्त हो जाती है... सतीश आगे हाथ बढा के अपनी मम्मी की चूचि को दबाने लगता है...
सानिया मस्ती में खोयी हुई है तभी अचानक एक खड्डे की वजह से कार को एक ज़ोर का झटका लगता है... और सानिया सतीश की गोद पे उछाल जाती है... और उस जटके में सतीश के लंड का सुपडा उसकी मम्मी की गांड में घुस जाता है...
सानिया अपनी वर्जिन गांड में अपने बेटे के मुसल जैसे लंड के सुपडे को झेल नहीं पाती और दर्द से कराह उठती है...
आआआआगघः...
विशाल : क्या हुआ सोनिआ...?
 
विशाल : “क्या हुआ सानिया”?
सानिया : कुछ नहीं जी... वो क्या है की कार में झटके की वजह से मुझे थोड़ी चोट लग गयी...
विशाल : चोट ज़्यादा तो नहीं लगी... तुम कहो तो में कार रोक दुं...
सानिया : नहीं उसकी कोई ज़रुरत नही... मुझे चोट ज़्यादा नहीं लगी...
विशाल : ठीक है. विशाल : थोड़ा संभल के बैठो...
सानिया : विशाल अच्छे गाने लगाओ और आवाज़ थोड़ा तेज़ रखो...
विशाल : ठीक है सानिया...
ये कह के विशाल गाने लगा देता है और वॉल्यूम तेज़ कर देता है...
सानिया : सतीश अपने प्लेन को सम्भालो... गलत जगह लंड कर रहा है...
सतीश : नहीं मम्मी.. मेरा प्लेन गलत जगह नहीं बल्कि अपनी फेव जगह लैण्ड कर रहा है... प्लीज मम्मी आज मेरे प्लेन को अपनी फेव जगह लैण्ड कर लेने दो...
सानिया : नहीं मेरे लाल... बात को समझो... मैं ऐसा नहीं कर साकति... मेरी गांड सुखी है... वो तुम्हारे मुसल जैसे लंड को नहीं झेल पाएगी... तुम मेरी चुत मार लो... फिर चुत के पानी से लंड चिकना करो फिर गांड में डालो...
ये कह के सानिया थोड़ा ऊपर उठ के अपने बेटे का लंड अपनी वीर्य भरी चुत के छेद पे लगा के उसपे बैठ जाती है... और अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपने बेटे के लंड पे मज़े से उछलने लगती है.. सतीश का लंड तेज़ी से अपनी मम्मी की चुत में आगे पीछे होने लगता है...
सतीश अपनी एक उंगली मम्मी की चुत में डालकर उसे गिला करता है…. फिर वही उंगली मम्मी की गांड़ में डालकर आगे पीछे करने लगता है…. गीली उंगली से गांड़ थोड़ी ढीली होती है…. उंगली आराम से अंदर बाहर होती है….. सानिया को डबल मजा मिल रहा था….. चुत में लंड और गांड़ में उंगली फिर सतीश चुत से लंड बाहर निकलकर सानिया की गांड़ के छेद पर लंड का सूपड़ा रख देता है…. सानिया धीरे धीरे लंड पर बैठने लगती है…. तभी एके छोटा गड्ढा आता है….. और आधा लंड गांड़ में चला जाता है….. लंड चुत रस से गिला होने की वजह से उसे ज्यादा दर्द नही होता…. पर लंड काफी मोटा होने की वजहसे काफी कसा हुआ अंदर जा रहा था…. सतीश ने अपने होठो से सानिया के मुँह को बंद किया था…. ताकि सानिया की चीख उसके पापा ना सुन पाये…. सड़क के गड्ढो की वजह से उसका पूरा लंड उसकी माँ की गांड़ में चला गया था…… उसे ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ी थी कुछ देर बाद उसने नीचे से हिलना शुरू किया…. अब सानिया की गांड़ थोड़ी ढीली हुई थी जिससे सतीश का लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था….. अब सानिया को भी मजा आ रहा था वह अब सतीश के लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी……
ओर एक बार से माँ बेटे की चुदाई शुरू हो जाती है... फिर एक बड़ा खड्डा आता है फिर दिनों उछल जाते है उसी वक्त सतीश का लंड पूरा बाहर निकल कर गांड में पूरा घुस जाता है… चुतरस लुब्रिकेट का काम करता है लंड पूरा जड़ तक गांड में घुस गया था सानिया को दर्द तो बहुत हुआ पर मजा भी आया अब दोनो मस्ती में एक दूसरे तृप्त करने में लग जाते है...
सानिया : मममममम... ऊऊऊह्ह्... सतीश बड़ा मज़ा आ रहा है... है.... ऐसे ही धक्के लगाते जा... आआआआहह...
सानिया मस्ती में सिसकारी ले रही थी... सतीश सानिया के हांथों को चूसने लगा... और निचे से कस कस के धक्के लगाने लगा... सानिया की दर्द भरी सिसकारी सतीश के मुह में दब के रही गयी... सतीश अपनी मम्मी की गांड में जड़ तक अपना घूसा के धक्के मारने लगा... सानिया मस्ती में कराह उठि आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्.... सतीश.. उईईईईइ... माआआआ... में ....गयी.. अहः... मेरी गांड....
ये कह के सानिया झड़ने लगी...
सतीश पूरे जोश में आ के अपनी मम्मी के दोनों स्तन को अपने हाथ से दबाते हुए जम के मम्मी की गांड में अपना मुसल जैसा लंड पेल्ने लगा. सानिया की मस्त गांड में सतीश का मोटा लंड मज़ेसे अंदर बाहर होने लगा... झड़ने के बाद भी सानिया मस्ती में सिसक रही थी... वो अपने पति की मौजूदगी में पूरी तरहा से चुदाई में अपने बेटे का साथ दे रही थी... माँ बेटे की इस चुदाई में कार में लग रहे झटके पूरी तरहा से उनका साथ दे रहे थे... हर धक्के पे सानिया की चुची उछाल रही थी...
सतीश अपनी मम्मी की सेक्सी गांड पकड़ के राजधनी की स्पीड में चुदाई कर रहा था..
फिर कुछ ही देर में दोनों माँ बेटा मस्ती में एक साथ झड़ने लगे...
सतीश ने अपनी मम्मी की गांड को अपने वीर्य से लबा लैब भर दिया...
सानिया की गांड से उसके बेटे का वीर्य बेह के बाहर आने लगा.. झड़ने के बाद सानिया ने अपने बेटे को कस के किस किया और फिर अपनी पेन्टी पह्नी...
विशाल : लो हम पहुँच गए अपनी मंज़िल पर...
सानिया और सतीश ने एक साथ जवाब दिया हम भी... ये कह के दोनों हॅसने लगे...
फिर अपने कपडे ठीक कर के दोनों कार से बाहर निकले और विशाल के साथ मीटिंग के लिए फार्महाउस चले गये मीटिंग पूरे चार घंटे चली सतीश इस पूरे टाइम बहोत बोर होता रहा आखिर वह वापस घर आये पर इस बार कुछ कर नही पाये क्यों कि इस बार गाड़ी में कोई सामान नही था घर आते ही सब अपने अपने रुम में चले गए.
 
दूसरे दिन सुबह नाश्ते के टेबल पर सब नास्ता कर रहे थे
विशाल-“सानिया कल जो मीटिंग हुई है उनसे हमे बहोत फायदा हुआ है, इसकी खुशी मैं जितनी चाहे तुम शॉपिंग करो, मुझे बिस दिन के लिए बाहर जाना पड़ेगा बिजनेस के लिए”
दोनो माँ बेटा यह सुन के बहुत खुश होते है कि अब बिस दिन है उनके पास.
दूसरे दिन विशाल चला गया उनके जाते ही सानिया पूरी नंगी होकर अपने बेटे के रूम में चली गई सतीश रूम में पूरा नंगा लेटा था अपनी मम्मी का इंतजार करते हुये सानिया आते ही अपने बेटे से लिपट गई उसका लंड हाथ मे पकड़ कर बोली
सानिया : “बहुत तरसाया है इसने अब पूरी कसर निकालूंगी”
सतीश : “तो रोक किसने है ?आजा मेरी जान”
सानिया : “चल अब जल्दी से आजा और मेरी चुत चाट बहुत खुजली मची है”.
सतीश ने सानिया को बेड पे लिटा दिया और उसकी गांड के निचे तकिया लगा दिया. जिससे उनकी चुत खुल के सामने आ गयी..
सानिया- “और मत तडपा मेरी चुत में बहुत खुजली मची हुई है जल्दी से चाट इसे”.
सतीश सानिया को मस्ती में देख कर मुस्कुराने लगा.
सतीश-“तो मेरी जान को बहुत मस्ती चढ़ी हुई है, अभी उतरता हूँ सारी मस्ति”.
सानिया-“साले सिर्फ बाते ही करता रहेगा या मेरी चुत को चाटेगा भी”.
सानिया के मुह से गाली सुन के सतीश का जोश और दुगुणा हो गया.और सतीश
सानिया की चुत पर एक ज़ोरदार चुम्मा जडने के बाद सतीश उसके स्तन मसलने लगा.
सतीश- “मम्मी आज से तूम मेरी बीवी हो,
बोलो हो ना” ?
सानिया(शर्माते हुए): “हु”
सतीश ख़ुशी से झूम उठा और सानिया के होंठो को चूसना स्टार्ट कर दिया.
सतीश ने एक हाथ से सानिया के स्तन दबाने लगा और दूसरे हाथ की
उंगली से सानिया की चुत को सहलाना चालू कर दिया.
फिर सतीश ने सानिया को बेड पर पेट् के बल लीटा दिया जिससे सानिया के हैवी चुत्तड़ सतीश के तरफ हो गए थे. चुत्तड़ देखते ही सतीश उन पर पागलो की
तरह टूट पड़ा और चूमने चाट्ने लगा. सतीश ने हाथो से सानिया की चुत्तड़ की फांको को खोला जिससे सानिया की गांड का छेद साफ़ दिखने लगा.
सानिया की गांड का छेद गुलाबी कलर का काफी प्यारा था सतीश जीभ निकालकार
छेद को चाट्ने लगा.
कभि कभी सतीश जीभ को गांड की छेद के अंदर जबरदस्ती डालने की कोशिश करता और कभी तो चुत मे.
सतीश सानिया की चुत से लेकर गांड तक अपनी जीभ चलाने लगा.
सानिया निचे से अपनी गांड ऊपर की तरफ उछालने लगी. और ज़ोर ज़ोर से आहे भरने लगी.
आंह.............................चाट.........और ज़ोर से.............चाट................खाले मेरी चुत को.

सतीश:-मजा आ रहा है मम्मी.
सानिया:- “हु”
सतीश का मुह सानिया की गांड के बीच सतीश फसा हुआ था उसे सानिया की गांड की
महक पागल कर रही थी. सानिया के बदन की खुशबू ऐसी थी जैस्से
काई भी मदहोश हो जाता काफी देर तक तक सतीश गांड चाटता और
मसलता रहा जिससे सानिया की नाजूक गांड बुरी तरह से लाल हो चुकी थी.
फिर सतीश ने सानिया को सीधा लीटा दिया और उसकी दोनों टांगे फैला दी अब सानिया की चुत का छेद साफ़ नजर आने लगा.
सतीश ने जीभ निकली और चुत के अंदर दाल दी और अंदर बाहर करने लगा.
सतीश सानिया की चुत से निकलता
हुआ नमकीन वीर्य पीने लगा.
सतीश सानिया की चुत की अंदर की दीवारो पर अपनी जीभ को घुमा रहा था
सानिया बार बार अपनी गांड़
उठा रही थी.
सानिया: सीसी… ओह.. आह.. आउच… ओफ्फ्
सतीश : सानिया मजा आ रहा है ना ?
सानिया: हा बेटा अब इतना मत तड़पा.
सतीश सानिया की चुत को कुल्फी की तरह चाट रहा था और सानिया मादक सिसकिया ले रही थी. फिर सतीश ने सानिया के बदन को ऊपर से लेकर नीच
तक चाटना स्टार्ट किया.
ईस दौरान सतीश कभी सानिया की चूँचियो को तो कभी सानिया की नरम चूतडो को भी मसल रहा था
सतीश सानिया के बदन पर साँप की तरह लिपटा हुआ था कुछ देर बाद सतीश बेड पर सीधा लेट गया और सानिया से ६९ पोजीशन बनाने को कहा.
सानिया सतीश के ऊपर आ गई उसके चुत्तड़ सतीश के मुह की तरफ और सतीश का लंड उसके मुह के पास था
सतीश ने सानिया को अपना लंड मुह में डालकर चूसने को
कहा.
चूँकि सानिया भी काफी गर्म हो चुकी थी उसने सतीश का लंड तुरंत अपने मुह में डालकर चूसने लगी.
सतीश ने सानिया के चुत्तड़ को कसकर पकड़ कर निचे किया जिससे उसके होठ उसकी चुत से सट गये.
सतीश ने जीभ निकालकर चुत को चाटना स्टार्ट कर दिया.
सतीश के होंठ सानिया की चुत के बाहर चिपके हुए थे और जीभ चुत के अंदर घूम रही थी.
कभि सतीश अपनी जीभ गांड की छेद में भी डालकर गांड की छेद को भी चूस रहा था
ईस दौरान सतीश सानिया के
चुतड़ को भी बेरहमी से मसल रहा था
सतीश का लंड सानिया ने चूस चूस कर काफी हार्ड कर दिया था.
अब सतीश से बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
 
अब सतीश ने सानिया को सीधा लिटा दिया और उसके चुत्तड़ को बेड के किनारे पर रख कर लीटा दिया और सतीश बेड के निचे खड़ा हो गया.
सतीश ने सानिया की एक टांग को को कंधे पर रखकर अपना लंड सानिया की चुत से
सटा दिया.
सतीश ने एक धक्का मारा जिससे पूरा लंड एक ही बार मे अंदर तक चला गया.
सतीश सानिया को चोदने लगा.
सानिया: आह… ऑफ़.. ओह..फ़क… मि.. हार्ड…
सतीश : मजा आ रहा मेरी जान ?
सानिया की मादक सिसकिया उसे पागल करने
लगी.
सतीश ने अपनी चुदाई की स्पीड बढा दि.
अब सतीश ने सानिया की दूसरी टांग
भी अपने कंधे पर रख दी और चुदाई करने लगा. चुदाई करते वक़्त सतीश की जांघे सानिया की भारी चूतडो से टकराकर फट फट अवाजे कर रही थी.
पुरा कमरा चुदाई की आवाजो से गूँज रहा था
सतीश तूफ़ानी अन्दाज मे सानिया की चुदाई कर रहा था.
चुदाई के वक़्त ही सतीश सानिया के पैरो को मुह में डाल कर भी चूस रहा था.
जीभ से सानिया के पैरो के तलवे को भी चाट रहा था.
बाहुत देर तक सानिया को इसी
पोजिशन मे चोदा.
सतीश पसीने पसीने हो चुक्का था जबकी कमरे का ए सी चालू था.
अब सतीश ने सानिया को बेड से उतार कर खड़ा कर दिया. सतीश ने सानिया के दोनों हाथ बेड पर रखकर झुक्ने के लिए बोला.
सानिया ने तुरंत आज्ञा का पालन किया.
सतीश ने सानिया की गांड को चूमा और अपना लंड चुत में डालने लगा.
सतीश का लंड सानिया की चुत में घुस नहीं पा रहा था क्युकी सानिया की चुत थोड़ी निचे थी और वो हाइट में भी कम थी.
सतीश ने निचे से एक हाई हील वाली सैण्डल निकाली और सानिया को
पहना दि.
सैण्डल पहनकर सानिया की गांड उभर कर पीछे को आ गई जिससे चुत पीछे से दिखने लगी.
सतीश ने सानिया की चुत को जीभ से थोड़ी देर चाटा और लंड को सानिया की चुत से सटा दिया. सतीश ने सानिया की चुत की
चुदाई शुरू कर दि.
सतीश के जाँघ सानिया की चूतडो से टकरा रहे थे जिससे चुदाई के वक़्त कमरा फट फट की आवाजो से गुन्ज रहा था.
सानिया भी चुदते हुये आह ओह करके मादक सिसकिया ले रही थी.
चोदते हुये कभी सानिया की गांड को मसल रहा था तो कभी सानिया के बूब्स को पीछे से दबा रहा था.
अब सतीश ने सानिया को बेड पर चढा दिया और खुद भी बेड पर चढ़ गया.
सतीश ने सानिया से बोला मम्मी अब मैं तुम्हे डॉगी स्टाइल मे चोदूँगा तो सानियाने कुतीया की तरह सतीश के सामने गांड दिखाते हुए पोज़ बना दिया. सतीश भी कुत्ते की तरह सानिया पर चढ़ गया.
सतीश ने सानिया की कमर को दोनों हाथो से कस कर पकड़ा और एक ही झटके में अपना लंड चुत में डाल कर चोदने लगा.
सतीश सानिया की कमर को आगे पीछे कर रहा था जिससे सानिया की चुत्तड़ उसकी जांघो से तकरा रहे थे और हिल रहे थे.
सानिया के हिलते हुए चुत्तड़ उसे मदहोश कर रहे थे.
वैसे भी किसी भी औरत के हिलते हुए चुत्तड़ सबको अच्छे लगते है.
सतीश को सानिया को कुतीया
बनाकर चोदने में बड़ा मजा आ रहा था
अब सतीश ने सानिया को सीधा पेट
के बल निचे लिटा दिया और कमर के निचे तकिया लगा दिया.
अब सानिया की चुत थोड़ा ऊपर को उठ गयी.
सतीश ने जीभ से चुत और गांड़ को थोड़ी देर चाटा और अपना लूंड चुत में घुसाकर चोदने लगा.
सतीश अपने हाथो से सानिया के चूतडो को भी मसल रहा था.
फिर सतीश सानिया के ऊपर पूरा लेट गया
अब उसकी चेस्ट सानिया की पीठ से सटी हुई थी और सानिया की चुदाई
चालू थी.
सतीश ने साइड से सानिया के स्तन भी दबाने स्टार्ट कर दिये.
सतीश ने एक हाथ से सानिया के मुह को एक साइड को कर दिया और सानिया के गालो को चूमने चाट्ने लगा.
सतीश ने सानिया को इसी पोज़ में करीब १५ मिनट तक चोदा होगा.
सतीश सानिया के स्तन को मसलते हुए चोदने लगा.
सानिया भी बड़े प्यार से चुदवा रही थी. सानिया की नरम गद्दे जैसी गांड सतीश के जाँघो से टकरा रही थी.
सतीश ने सानिया का मुह हाथ से जरा पीछे को किया और होठो को चूसते हुए चोदे जारहा था.
सतीश सानिया को तूफ़ानी अन्दाज में चोदे जा रहा था कुछ देर सानिया को इसी पोजीशन में चोदा.
फिर सतीश ने सानिया का मुह अपनी तरफ को कर लिया और एक
हात उसके गर्दन से नीचे से ले जाकर उसके सर के पीछे रख दिया.
दूसरा हाथ सतीश ने कमर से होते हुए सानिया की गांड में रखा हुआ था
सतीश सानिया के होंठो को चूसता हुआ सानिया को चोद रहा था.
 
सतीश काफी तेजी से सानिया की चुदाई कर रहा था.
सतीश अपने चरम सीमा में पहुच चुक्का था.
सानिया भी चुदते हुये मादक सिसकारियां ले रही थी.
उसके बाद सतीश सानिया की चुत में ही झड गया.
काफी देर तक सतीश सानिया की चुत में लंड डाले हुये उन से चिपका रहा...
चुदाई के बाद दोनों नंगे ही सो जाते हैं.
सूबह जब सानिया की आँख खुलती है तो वो सतीश के खड़े लंड को देख कर शर्मा जाती है.
सतीश के खड़े लंड को देख जार सानिया के मुह से लार टपकने लगती है और वो उसे मुह में लेकर चुस्ने लगती है.
सानिया सतीश के लंड के टोपे पे किस करती है और उसपे जुबान फेरने लगती है.
सानिया की जुबान की गर्मी से सतीश का लंड उछलने लगता है.
सानिया अपने बेटे के टट्टों को बड़ी नाज़ुकता से सहलाती है और अपना मुंह उसके फुले हुए लंड के बिलकुल सामने लाती है.
वो गहरे लाल सुपाडे को चूमती है और फिर उसका मुंह अपने बेटे के लौडे के अग्रभाग पर कस जाता है. वह धीरे धीरे अपने होंठो को उसके लंड पर पीछे की और ले जाती है और साथ ही सुपडे की चमड़ी को खिंच कर पूरी तरह से नंगा कर देती है.
सानिया अपने बेटे के लंड को चुसती रहती है अपनी मम्मी दवारा अपना लंड चुसे जाने पर सतीश की नींद खुल जाती है और वो कराहने लगता है.
सतीश ने कभी सपने में भी नही सोचा था के सुबह उसका स्वागत उसकी मम्मी!
उसकी अपनी सगी मम्मी!
उसके लंड को चुस कर करेगी क्या ऐसा मुमकीन हो सकता है मगर यह हो रहा है. उसकी अति सुन्दर अति मोहक मम्मी जिसके बदन के अंग अंग से मादकता टपकती है आज उसके लंड को चुस रही है. वहाँ हो रहे उस अनुचित कार्य ने उसके जोश को कई गुणा बढा दिया और उसका लंड अपनी मम्मी के मुंह में झटके मारने लगा.
उसके हाथ सानिया के स्तन पर पहुंचते है और वो उन्हें कस कस के दबाने लगता है और हलके से उसके निप्पलों को मरोडता है तो सानिया के मुंह से सिसकियाँ फुट्ने लगती है.
उसके निप्पलों से कामुकता की तरंगे निकल कर उसकी चुत तक फैल जाती हैं और वह अपनी टांगे कस कर बंद करते हुए अपनी चुत के होंठो को आपस में रगड़ती है.
"आह्...ऊफ...बहुत मज़ा आ रहा है मम्मी.
चुसो मेरे लंड को.....जोर से चूसो मम्मी!"
सतीश कराहते हुए बोलता है.
सानिया अपने हाथ पीछे ले जाकर सतीश के चूतरों को कस कर पकड़ती है और फिर उसे आगे अपनी और खिंचति है और अपना मुंह तेज़ी से उसके लौडे पर चलाती है.
बेटे के लौडे का सवाद सानिया को इतना टेस्टी लगता है के वह लगभग तीन चौथै लंड को मुंह में लेकर चुस्ती है.
शायद वह पूरा लंड मुँह में ले लेती अगर यह मुमकीन होता, मगर इतना लम्बा मोटा लंड पूरा मुंह में लेकर चूसना उसके बस के बाहर की बात थी.
आज वह एक बहुत ही दमदार लंड चूस रही थी वह भी अपने बेटे का. लंड से निकलने वाले हलके हलके नमकीन वीर्य का वह भरपूर मज़ा ले कर पि रही थी.
अपनी मम्मी द्वारा अपना लंड पूरी कठोरता से चूसे जाने पर सतीश सन्तुष्टि भरी गहरी साँसे लेता है.
ओ उसके बाल पकड़ कर अपना लंड धीरे धीरे उसके मुंह में आगे पीछे करते हुए अपनी मम्मी का मुंह चोदने लगता है.
सानिया अपना हाथ निचे ले जाकर अपनी चुत को सहलाती है जिससे उसकी कामुकता और उत्तेजना और भी बढ़ जाती है. वह एक उंगली चुत के होंठो पर फेरती है और फिर अंदर डालकर दाने को मसलती है.
सतीश अपनी मम्मी को अपनी चुत मे उंगली करते हुए देख कर खुश होता है और उसका चेहरा और भी जोरों से चोदने लग जाता है, उसे अपने टट्टों में अपना वीर्य उबलता हुआ महसूस होता है.
सानिया भी बेटे के लंड पर तेज़ी से जीभ चलाते हुए ज़ोरों से सुपरर सुपरर कर चूस रही थी.
सतीश का बदन अकड जाता है और फिर एक ऊँची हुंकार भरते हुए उसका लंड अपना वीर्य उगलने लगता है.
सानिया को अपने बेटे के लंड में ऐंठन महसूस होती है और हु खुद को तैयार करती है.
अपने गालों को फुलाते हुए वह उसके लौडे को जोर से चुस्ती है जब उसका लंड फूलता है और फिर गर्म और गाढ़े वीर्य की पिचकारिया उसके मुंह में छूटने लगती है.
एक के बाद एक गरम वीर्य की धारा उसके मुंह में फुटती है और वो खुश होकर अपने बेटे के नमकीन वीर्य का मज़ा उठाती है.
जब उसे यकीन हो जाता है की उसके लंड से पूरा वीर्य निकल चुका है तो वह धीरे से अपना मुंह उसके लंड से हटा लेती है.
सतीश ऑंखे फाडे अपनी मम्मी को अपने लंड से मुंह हटाते हुए देखता है.
वह ऑंखे उठकर उसे देखति है और अपना मुंह खोलती है और अपने मुंह में भरा वीर्य उसको दीखाती है.
ओर उसी तरहा मुह खुला रखकर वह सर थोड़ा पीछे की और झुकाती है और उसका सारा वीर्य निगल जाती है
ओर सतीश को थैंक्स कहती है.
 
सानिया फिर सतीश के मुह पे बैठ जाती है.
सतीश सानिया की इस हरकत से और जोश में आ जाता है और उसकी चुत को चूम लेता है.
फिर अपनी जुबान से चुत चाटने लगता है.
सानिया मस्ती में सिसकारी लेने लगती है.............
आंह...................
म्म्........................
ओह....... मस्ती में काँपने लगती है.
वाओ ऐसेही मेरी चुत के और अन्दर दाल अपनी जुबान पिले ले मेरे मीठे वीर्य को.........
ओ माँ......................
मैं झडने वाली हु.............
सतीश ज़बान चुत से निकल कर सानिया की गांड़ के छेद में दाल कर घुमाने लगता है...........
सतीश की अचानक इस हरकत से सानिया उछल जाती है और कामुक्ता में सिसकारी लेने लगती है फिर सतीश सानिया के गांड़ के छेद से लेकर चुत तक अपनी जुबान घुमा घुमा कर चाटता है और फिर टिट्स को मुह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चुस्ने लगता है......
सानिया मस्ती में आकर अपने दोनों हाथों से सतीश के सर को पकड़ कर सतीश के मुह पर ज़ोर ज़ोर से अपनी चुत रगडने लगती है और चिखते हुए झर जाती है...
जितना मज़ा सानिया को सतीश से अपनी चुत चटवा के आया............
उतना मज़ा तो उसे कभी अपने पति से चुदवाने में भी नहीं आया था..................
सानिया को ज़ोर की पिशाब लगती है और वो जैसे ही सतीश के मुह पे से उठने को हुई सतीश उसे इशारे में पूछता है के कहाँ जा रही हो मेरी जान? सानिया सतीश के इशारे को समझ जाती है और शर्माते हुए कहती है "मूतने".
सतीश सानिया के चुतर को ज़ोर से पकड़ लेता है और कहता है मुतने के लिए कहीं जाने की क्या ज़रूरत है..........
सानिया: “तो फिर?
सतीश: “मैं जो हूँ आप का गुलाम्”.
सानिया: “मतलब ?
सतीश: “मतलब ये मेरी जान के तुम अपना ये मीठा शरबत टॉयलेट में क्यों बहाने जा रही हो.
सानिया: अब मुतने के लिए तो टॉयलेट ही होता है ना”?
सतीश: “जी नहीं ये क्या बात हुई”.
मैंने कहा ना जब मैं हूँ तो आपको टॉयलेट जाने की क्या ज़रूरत है”?.
सानिया: “सतीश क्यों परेशान कर रहा है, जाने दे ना नहीं तो मेरा पिशाब यही निकल जाये गा”.
सतीश: “तो निकल जाने दो ना”.
पिशाब ज़ोर से लगे होने की वजह से सानिया सतीश को ग़ुस्से में कहती है.
सानिया: “जाने दे मुझे नहीं तो ?
सतीश: “नहीं तो क्या ?
सानिया: नहीं तो मैं तेरे मुह में ही मूत दूंगी, फिर मुझे मत कहना की मैंने तेरा मुह गन्दा कर दिया”.
सतीश: “मैं भला क्यों कुछ कहने लगा”.
मैं तो चाहता ही हूँ के आप मेरे मुह में सिटी बजाते हुए मूत दो, और मैं आपका मीठ शरबत पी लू”.
सानिया से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है और वो सिटी बजाते हुए सतीश के मुह में मूतने लगती है. और सतीश उसका पिशाब पिने लगता है.
सानिया सतीश को अपने चुत पे मुह लगा के पिशाब पीते देख कर शर्म से लाल हो जाती है.
सानिया के पिशाब को सतीश चटख़ारे ले ले कर पिता है और जब सानिया की चुत से पिशाब निकलना बंद हो जाता है तो सतीश कहता है,
“वाह मम्मी मज़ा आ गया क्या मीठा शरबत पिलाया आपने”.
आब तो मैं रोज़ ये शरबत पियूंगा”.
सानिया: “धत बदमाश”.
फिर सानिया सतीश के ऊपर से उठ कर नहाने के लाये बाथरूम की तरफ जाने लगती है.
सतीश उसके गोल मटोल चुत्तड़ को हिलते हुए देख कर आहे भरते हुए कहता है “वाओ जान क्या चुत्तड़ हैं तुम्हारे, जवाब नहीं इनका”.
सानिया मुड़ कर सतीश की तरफ एक शरारती स्माइल दे कर कहती है,
“सुधर जा साले, अपनी मम्मी के चुत्तड़ पे गन्दी नज़र रखता है”.
सतीश: “मैं तो अपनी बीवी के चुत्तड़ के बारे में कह रहा हूं, अब तो आप मेरी बीवी हो मम्मी नही”.
सानिया: “जी नहीं, मैं अब भी तुम्हारी मम्मी हूं,अभी हमारी शादी नहीं हुई जो तू मुझे अपनी बीवी कह रहा है”
सतीश: “तो कर लो न मुझ से शादि, बना लो ना मेरे लंड को परमानेंट अपना गुलाम्”.
सानिया: “चल मैं अभी नहा के आती हु. फिर बाद में शादी की बात करेंगे”.
ओर सानिया नहाने बाथरूम में घुस जाती है.
सतीश भी दूसरे बाथरूम में नहाने लग जाता है.
फिर नहाने के बाद सतीश सानिया की पेन्टी पहन के उसके बाहर निकलने का इंतज़ार करता है.

 
सानिया नहा के निकलती है और अपने कपडे पहन लेती है पर पेन्टी नहीं पहनती तो सतीश उस से पूछ ता है “मम्मी आप ने पेन्टी क्यों नहीं पह्नी”
सानिया कहती है “स्कर्ट के निचे पेन्टी की क्या ज़रूरत है”.
सतीश: “मम्मी आपकी पेन्टी तो बहुत टाइट है, जब मुझे ये इतनी टाइट हो रही है, तो तो आप को कितनी टाइट होती होगी”.
“अबे साले तूने मेरी पेन्टी क्यों पहन ली उतार कहीं फट न जाये”.
सतीश: “पहले स्कर्ट उठा के अपनी चुत के दर्शन तो करवाओ”.
सानिया: “क्यूँ ?
सतीश: “मैं देखना चाहता हूँ आप की नंगी चुत”.
सतीश : “आप अन्दर से नंगी है”
सतीश के नंगी वर्ड सोने से सानिया शॉक हो गयी बोली “क्या?
सतीश : “मम्मी मुझे आपकी चुत देखनी है, आप अपनी स्कर्ट ऊपर उठाओ ना, प्लीज”
सानिया : “नहीं”
सतीश : “प्लीज मम्मी एक बार देखने दो ना”
सानिया खड़ी होगयी और फिर सतीश ने झट से उनकी स्कर्ट ऊपर करदी.
सानिया : “देख लि मेरी चुत बस अब निचे करदो स्कर्ट”.
सतीश- “अरे वाह मम्मी आपने अपनी झाँट बना ली वाह क्या चिकनी चुत है, आप की बिलकुल एक छोटी बच्चे की चुत की तरह, और ये तो मुह जैसा है निचे तो बिलकुल दो होंट है,
आप यहाँ पर लिपस्टिक क्यों नहीं लगाती, रुको मैं लगा देता हूँ”
सतीश ने ड्रावर से मरुन कलर की लिपिस्टिक ली और सानिया के चुत में लगाने लगा फिर उसने झट से मुह में ले लिया सानिया के चुत के एक होठ को.
सानिया- “ये क्या कर रहे हो तुम उफ़… वुई…
सानिया फिर कुछ न बॉली.
१५ मिनट तक सतीश सानिया के चुत के लिप्स को चूसता रहा और सानिया झड गयी.
सतीश ने सानिया के चुत पे फिर से लिपस्टिक लगा दी और उनकी स्कर्ट निचे कर दि.
सानिया को इस तरहा करने से बहुत मज़ा आया.
सानिया: सतीश आज तक तेरे डैड ने भी मुझे सेक्स में इतना सुख नहीं दिया है. जितना सुख मुझे तूने दिया है”.
सतीश: “चाहे आप मम्मी हो या मेरी बिवी, दोनों को सुख देना बेटे का फ़र्ज़ है”.
सानिया सतीश की बातों से खुश हो कर उसके होठो को चूम लेती है और दोनों की किस शुरू हो जाती है.
दोनो एक दूसरे को होठो को चुस्ने लगते है.
अचानक सानिया का मोबाइल बजने लगता है.
मोबाइल की आवाज़ सुनके दोनों अलग हो जाते है.
सानिया फ़ोन उठाती है.
सानिया: “हल्लो...............
विशाल: “सानिया मैं विशाल बोल रही हु”.
सानिया: “हाँ बोलिये कैसे फ़ोन किया”.
विशाल: “वो मोना कल आ रहि है”.
सानिया: “ये तो बहुत ही अच्छी बात है”.
विशाल: “तुम कल सतीश को भेज देना एयरपोर्ट पे मोना को रिसीव करने के लिये”.
सानिया: “हा हा मैं जरूर भेजूंगी आप चिंता ना करे”
विशाल: “ठीक है बाय”
सानिया: “सतीश कल मोना आ रही है”.
सतीश उदास हो जाता है.
सानिया: “क्या हुआ तू उदास क्यों हो गया”.
सतीश: “मोना आ गई तो हम अपनी चुदाई कैसे करेंगे?
सानिया: “तु उसकी चिंता मत कर वो सब मैं संभाल लुंगी”.
मोना तो क्या तेरे डैड भी क्यों न आ जाये मैं हमेशा ही तेरा लंड अपनी चुत में लुंगी, क्यों की अब मे तेरे बीना नही रह सकती हु,
अब मेरी ये चुत तेरे लंड की दीवानी हो गई है,
सेक्स में जो मज़ा मुझे तेरे लंड ने दिया है, वो दुनिया का कोई भी लंड मुझे नहीं दे सकता”.
सतीश ये सुन के खुश हो जाता है और सानिया को किस करने के लिए आगे बढ़ता है, सानिया उसे रोक देती है.
सानिया: “अभी नहीं बेटा”.
सतीश: “क्यों क्या हुआ?
सानिया: “अभी हम बाहर जा रहे है.
सतीश: “बाहर क्यों?
सानिया: “शोप्पिंग, लंच, मूवी, डिनर और ...............
सतीश: “और....................?
सानिया: “और फिर................
सतीश: “और फिर क्या?
सानिया: “और सेक्स....
सतीश खुश हो गया और उसे फिरसे चूमने लगा और फिर वो शॉपिंग के लिए निकल पडे.
१ घंटे बाद मॉल में, दोपहर १:३० बजे
सानिया: “आज तो मॉल में बिलकुल ही भीड़ नहि, क्या बात है?
सतीश : “शायद ऑफ सीजन की वजह से”.
सानिया: “चलो पहले तुम्हारे कपडे ख़रीदे”.
मा बेटे एक मैन्स वेयर शॉप में सतीश के लिए कपडे देखने लगे और वहा का शॉपकीपर्स सानिया के जिस्म को अपनी आंखों से ही चोदने लगा.
सानिया ये सब नोटिस कर रही थी और उसे भी मजा आ रहे था.
सानिया: “भैया जरा पैंट तो निकालना”.
शोपकीपर: “क्या?
सानिया: “वो जो ब्लू पैंट है न लटकी हुई, जरा निकालना वो”!
शोपकीपर: “ओह, आई एम सॉरी अभी निकालता हु”.
सानिया: “अरे आप तो नर्वस हो गये मैंने आपको आपकी पैंट निकालने के लिये तो नहि कहा”.
कुछ ऐसी ही मस्ती मजाक करके वो अगली शॉप में चले गये.
करीब ४० मिनट मे.
सतीश ने अपने कपडे खरीद लिये.अब सानिया की शॉपिंग के लिए वो वेस्टर्न ड्रेस की शॉप में चले गये.
सानिया: “अब बोल बेटा तुझे मैं किस ड्रेस में अच्छी लगती हु स्कर्ट में या ड्रेस में”.
सतीश: “आप भले ही स्कर्ट पहनो पर मेरी बीवी तो माइक्रो मिनी में ही मुझे पसंद है.
सानिया: “बहुत बदमाश हो गया है तु, माइक्रो मिनी तो मैं भी तेरी बीवी को पहनाना चाहती हु, पर क्या इस उम्र में माइक्रो मिनी मुझ पर अच्छी लगेगि”.
सतीश: “उम्र की क्या बात कर ति हो आप तो माइक्रो मिनी में कॉलेज जाने वाली सबसे सेक्सी स्टूडेंट लगोगी”.
सानिया शर्मा जाती है.
सतीश सेल्स गर्ल से कहता है.
सतीश : “मैम स्कर्ट और टीशर्ट निकाल के दिखाइये”.
सेल्स गर्ल : “क्या ?
ओ मिस्टर माइंड योर टंग”
सानिया सेल्स गर्ल को ग़ुस्से में देख कर कहती है इसका मतलब है मेरे लिए टीशर्ट और माइक्रो मिनी दिखाव”.
सलेस गर्ल: “ओह..............
मै तो कुछ और ही समझि थी”.
 
सतीश: “क्या समझि थी मैडम आप?
सेल्स गर्ल शरमाते हुए मैं समझि की आप मुझे मेरी टीशर्ट और स्कर्ट निकालने को कह रहे है,
मै कैसे निकाल दू मैंने अंदर कुछ पहना ही नहि”.
सानिया सतीश को आँख मार के धीरे से उसके कान में कहती है “तुम इस के साथ फ्लिर्टिंग बंद करो और मेरे लिए कुछ सेक्सी ड्रेस पसंद करो,
जब तक मैं अपने लिए कुछ पेन्टी पसंद करती हूं”.
ये कह के सानिया लिंगेरी के काउंटर पे जाती है.
ओर सेल्स गर्ल को अपने लिए पेन्टी दिखाने को कहती है. सेल्स गर्ल ने कई तरह की पेन्टी दिखाई तो सानिया ने उनमे से एक पेन्टी उठाकर पूछा की ट्रायल रूम कहाँ है. सानिया हाथ में पेन्टी ले कर ट्रायल रूम में गई और सतिश बाहर इंतज़ार करने लगा.
ट्रायल रूम के अंदर आकर सानिया ने वो पेन्टी पहनी तो उसे लगा की वो पेन्टी उसकी गांड के नाप से थोड़ी छोटी है. वह वहां खड़ी सोच रही थी की क्या किया जाये, तब, सानिया के मोबाइल पर फ़ोन आया की उसे इतना समय क्यों लग रहा है. उसने सतीश को बताया की पेन्टी थोड़ी छोटी है तो सतीश ने उसे वहां रुकने को कहा और बोला की वो खुद दूसरी पेन्टी ले कर ट्रायल रूम में आ रहा है.
उसने सेल्स गर्ल को बताया तो उसने थोड़ी सी बड़ी साइज की कुछ सेक्सी पेन्टी सतीश को दी जिनके साथ सतीश ट्रायल रूम में आया.
अंदर आकर उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और अपनी मम्मी की तरफ गया.
सानिया वहां कमर के नीचे नंगी खड़ी थी. सानिया ने उसको कहा की ये पेन्टी मुझे बहुत पसंद है पर जरा छोटी है.
सतीश के हाथ में भी बहुत सुन्दर सुन्दर पेन्टी थी.
ओर उसने सानिया को वो पेन्टी ट्राय करने को कहा.
सानिया जैसे ही उसकी लायी हुई पेन्टी मेंसे एक पहन ने को नीचे झुकि तो सतीश ने उसे पीछे से पकड़ लिया.
सानिया पेन्टी जमीन पर छोड़ कर खड़ी हुई तो वो सानिया को किस करने लगा और उसकी चूचियां दबाने लगा. उसने सानिया की नंगी झांघों और नंगी गांड पर हाथ फिराया तो वह भी बेक़ाबू होने लगी.
सानिया अच्छी तरह समझ चुकी थी की यहाँ उसकी जमकर, एक फ़टाफ़ट चुदाई होने वाली है.
पिछले एक घंटे में उनकी ये दूसरी चुदाई दूसरी जगह पर होने वाली थी.
वह जानते थे की उनको बहुत जल्दी जल्दी चुदाई करनी थि, इस से पहले की ?
ईस से पहले की कोई दरवाजा खट खटाये, चुदाई पूरी करलेनी थी.
सतीश ने सानिया को अपने सामने घोड़ी बन ने को कहा. सानिया ने दिवार पर लगे एक डण्डे को पकड़ा और अपनी गांड उसकी तरफ करके किसी कुतिया की तरह, घोड़ी की तरह झुक गयी.
उसने अपनी पैंट की ज़िप खोल कर अपने खड़े हुये, तन तनाते हुए लंड को बाहर निकाला और उसको सानिया की गांड की दरार पर फिराया.
सानिया की चुत का मुह उसकी तरफ था पर वो सानिया की गांड पर लंड घूमता रहा तो वह समझ गई की वो उसकी गांड मारने की तैयारी कर रहा है.
सानिया चुप रही क्यों की उसे गांड मरवाना भी अब बहुत पसंद है.
ईस बार वो सानिया की गांड एक दूकान के ट्रायल रूम में पहली बार मारने जा रहा था और सानिया तो इसकी कल्पना करके ही रोमांचित हो उठि.
फिर उसने पहले सानिया के गांड पे किस किया और फिर उसे चाट्ने लगा,
सानिया के जिस्म में मस्ती भरती जा रही थी और वो उसकी गांड के छेद में अपनी जुबान घूसा रहा था.
जैसे ही उसने अपनी बिच वाली ऊँगली सानिया की गांड में डाली सानिया मस्ती में उछल पडी.
उसने ऊँगली को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ देर यूँही करने के बाद उसने अपनी ऊँगली गांड के छेद से निकाली.
फिर सतीश ने अपने लंड पर और गांड के छेड़ पर थोड़ा थूक लगा कर जब उसने अपने लंड को थोड़ा गांड में ड़ाला तो सानिया को लगा जैसे उसकी गांड फट जायेगी.
हालाकी सतीश ने अपना थूक इस्तेमाल किया था पर फिर भी सानिया की गांड का छेद छोटा और उसका लंड बहुत मोटा है.
करीब आधा लंड गांड में घूसा कर वह धीरे धीरे धक्के मारते हुये अपने लंड को सानिया की सेक्सी गांड मे अंदर बाहर करने लगा.
जल्दी ही सानिया का दर्द कम हुआ और अब सानिया को गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.
अब वो अपना पूरा लंड सानिया की गांड में घूसा कर गांड मार रहा था.
पीछे खड़े हो कर, सानिया की गांड मारते हुए वो अपने हाथ से सानिया की चुत के दाने को मसलने लगा ताकि उसकी मम्मी चुदवाने का पूरा मज़ा ले सके.
गांड चोदते हुये और चुत का दाना मसलवाते हुए सानिया झड चुकी थी. पर सतीश का गांड मारना लगतार जारी था क्यों की उसके लंड का पानी इतनी जल्दी नहीं निकलने वाला.
सानिया झुकि हुई, बिना रुके सतीश से गांड चुदवाती गई ताकि उसके लंड का वीर्य उसकी गांड में निकल जाये.
थोड़ी देर बाद, सानिया की गांड मारते हुए उसके लंड ने सानिया की गांड को अपने वीर्य से लबा लब भर दिया.
सतीश ने अपने लंड को गांड से जल्दी से निकाला और सानिया ने अपनी गांड साफ़ करके नयी पेन्टी पहन कर देखि.
 
वह सानिया के गांड के नाप के लिए बराबर थी.
फिर सानिया ने नई पेन्टी उतार कर, अपनी स्कर्ट और टीशर्ट पहनी और वह दोनों अपने अपने कपडे ठीक करते हुये ट्रायल रूम से बाहर आये.
काउंटर पर पहुँच कर सानिया ने सेल्स गर्ल से पेन्टी का बिल बनाने को कहा
ओ सेल्स गर्ल उनकी तरफ कुछ इस तरह देख रही थी मानो पूछ रही थी की ट्रायल रूम में पेन्टी पहन कर देखने में इतना समय क्यों लगा.
पता नहीं की वो समझ पायी या नहीं की उन्होंने उसकी दूकान के ट्रायल रूम में क्या किया है.
सानिया ने पेन्टी का बिल चुकाया और दूकान से बाहर आ गयी.
फिर वह दोनों खाना खाने होटल पहुँच गये.
वहां दोनों गले मिलते, एक दूसरे से अपने सेक्सी जिस्म रगडते हुये होटल के रेस्टोरेंट में दाखिल हुये. खाने के पहले ठन्डे का आर्डर दिया.
सतीश ने अपनी कुरसी सानिया की तरफ घुमाई और सानिया के चेहरे की तरफ देखने लगा.
उसकी आँखों में शरारत, प्यार और चुदाई की चाह साफ़ नज़र आ रही थी.
उन्होंने खाने का आर्डर दिया और वह इधर उधर की बाते करने लगा.
खाना टेबल पर आया तो वह बाते करते हुए खाना खाने लगे.
उन्होंने खाना ख़तम किया और अब उन को तलाश थी किसी ऐसी जगह की जहाँ एक फ़टाफ़ट चुदाई करके अपने जिसमों की आग को बुझा सके.
"स्वीमिंग पूल" सतीश ने सानिया के कान में कहा तो सानिया अपना पर्स ले कर खड़ी हो गई और स्विमिंग पूल की तरफ बढि.
सतीश सानिया के पीछे पीछे जा रहा था. जब वह स्विमिंग पूल पर पहुंचे तो देखा की वो सुन सान पड़ा है और दोपहर में इस समय वहां कोई भी तैरने वाला मौजूद नहीं है.
सतीश ने चेंजिंग रूम का दरवाजा धकेल कर खोला और वह अंदर आ गये. सानिया ने अपना पर्स वहां बने काउंटर पर रखा और सतीश की तरफ घुमि.
दोनों एक दूसरे को देख रहे थे. सानिया की चुत में खुजली और चुलबुलाहट शुरू हो गई थी जो उसे बता रही थी की उसकी चुत को, सतीश के जवान, लंबे मोठे और गरमा गरम लंड की कितनी जरूरत है.
'' दरवाजा बंद कर" सानिया की आवाज खाली कमरे में गूँज रही थी.सतीश घुमा और उसने चेंजिंग रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.
चेंजिंग रूम में वह दोनों अकेले थे. फ़टाफ़ट चुदाई के लिए ये बहुत अच्छी जगह थी.सतीश धीरे धीरे चलते हुए सानिया के नज़दीक आया तो सानिया के दिल की धडक़नें बढ्ने लगि, साँसें तेज होने लगी और नसों में खून की रफ़्तार बढ़ गयी.
सतीश ने अपना हाथ सानिया की गर्दन के पीछे रखा और और उनके सेक्सी और रसीले होंठ आपस में मिल गये.
उनकी जीभ एकदूसरे की जीभ से खेलने लगी. ये ऐसा चुम्बन था जिस से कोई भी लड़की पिघल जाती है.
सतीश ने अपने होंठ सानिया के होठो पर से हटाये और उसके हाथ सानिया के सेक्सी जिस्म पर फिरते हुए उसकी चूचियों पर पहुंचे तो उसने सानिया की चूचियों को गाड़ी के हॉर्न की तरह दबाया.
सानिया के दोनों निप्पल सख्त हो चले थे. उसके हाथ सानिया के जिस्म पर रेंगते हुए उसकी गांड पर पहुंच गये.
सतीश सानिया के सामने अपने घुटनोँ पर बैठ गया और उसके हाथ सानिया की नंगी सेक्सी टांगो पर फिरते हुए ऊपर आने लगे तो रोमांच से सानिया के रोयें खड़े हो गये.
सतीश ने अपनी साँसे रोक ली थी और उसके हाथ धीरे धीरे सानिया के स्कर्ट के अंदर पहुंचे.
सतीश ने अपनी ऊँगली सानिया की चुत की दीवारों के बीच घुमाइ तो दोनों ने ही मह्सूस किया की चुत काफी गिली हो चुकी है.
सतीश ने धीरे से सानिया की चड्डी खींच कर नीचे कर दी और सानिया ने अपने पैर उठा कर पेन्टी को बाहर किया. सतीश ने पेन्टी उठा कर सूंघी और चुत वीर्य की सुगंध ली.
जब सतीश ने स्कर्ट ऊपर उठाई तो सानिया ने अपने पैर चौड़े किये और सतीश ने चुत को चूम लिया.
सानिया ने अपनी गांड काउंटर के कोने पर टिकाई और सतीश की उँगली धीरे से सानिया की चुत की दरार में घूम गयी.
सानिया की गांड अपने आप ही ऊपर नीचे होने लगी क्यों की वह तो जल्दी से जल्दी अपने बेटे का लंड अपनी चुत में लेना चाहती थी.
पर सतीश को चोदने की इतनी जल्दी नहीं थी. वह सानिया को और गरम करना चाहता था, और सताना चाहता था.
जब सतीश ने अपनी जीभ सानिया की चुत पर बाहर और अंदर फिराई तो सानिया जैसे स्वर्ग में पहुँच गयी.
फिर सतीश ने अपनी जीभ अपनी मम्मी की गीली और नशीली चुत के अन्दरूनी भाग पर फिराई तो सानिया के पैर अपने आप ही चुदाई की चाह में और फैल गये.
 
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