Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान - Page 12 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान

मोना पीछे मुडी उस क चेहरे पर स्माइल थी और वैसा ही सुकून जैसे उस को अपनी मन पसंद चीज़ मिल गई हो और उसने अपने छोटे भाई को देखा और मुस्कुराते हुए कहने लगी
मोना : “उफ़ तू तो इतना पसीने पसीने हो गया वो तो होना ही था इतनी गर्मी जो है”
साथ ही सतीश के शोल्डर पर हाथ रखा और कहा
मोना : “थैंक यु सो मच और ये काम जो तू ने किया है मैं बहुत बेचैन थी इस के लिए”
सतीश : “किस लिए थैंक्स और कोनसा काम”?
मोना : “तूने मुझे सच्चे प्यार का मतलब बयाया और मुझे इसका एहसास कराया,
मैं इस प्यार की भूखी थी, मैं आज पूरे मन से तेरी हो गयी”
फिर हम वहां से होटल चले गये खाना खाने.
होटल पहुँच कर हम एक कार्नर वाले टेबल पे बैठ गये.
सतीश मोना को प्यार भरी नज़रों से देख रहा है.
मोना उसे अपनी तरफ ऐसे घुरते देख शरमाने लगती है.
अचानक सतीश को याद आता है और वो अपना मोबाइल निकालता है और बड़े गौर से उसमे कुछ देखते हुए मुस्कुराने लगता है.
मोना : “ऐसा क्या है मोबाइल में जिसको देख कर तू मुस्कुराये जा रहा है, मुझे भी दिखा”?
सतीश : “हाँ हाँ देखो”
मोबाइल में देखते ही मोना चोंक जाती है.
मोना : “ये तो...............
सतीश : “ये तो क्या” ?
मोना : “ये तो ब्लू फिल्म है”
सतीश : “हाँ तो क्या? ले तू भी देख क्या मस्त पोर्न स्टार है”
मोना : “छि...............मुझे नहीं देखनी ये गन्दी फ़िल्म्,
तूझे शर्म नहीं आती पब्लिक प्लेस में और वो भी अपनी बहन के साथ बैठे ऐसी गन्दी फिल्म देखते हुये, किसी ने देख लिया तो”?
सतीश : “फिर वही बात मैं ने कहा ना यहाँ किसी को इतनी फुर्सत नहीं के कोई हमे देखे, तुम वो सब छोड़ो बस एक बार इस सेक्सी हीरोइन को तो देखो, कितनी खूबसूरत है यह”
मोना : “मुझे गन्दी लड़कियो को देखने में कोई दिलचस्पी नही”
सतीश : “अरे एक बार देखो तो”
मोना : “कहा ना नही”
सतीश : “देखो तो सही ये तुमसे लाख गुणा हसीन है, मैं तो इसका दीवाना हो गया हु”
सतीश के मुह से अपने अलावा की दूसरी लड़की की तारीफ़ सुन कर मोना चीड गयी,
मोना : “अगर इतनी ही पसंद है तुम्हे वो चुड़ैल तो मेरे साथ क्यों बैठे हो जाओ उसी के पास, तूम सब लड़के न एक जैसे होते हो”
सतीश : “ऐसा मत कहो मोना मैं तो उसे चाहने लगा हु, अच्छा एक बार देख कर तो बताओ की हमारी जोड़ी कैसी रहेगी”?
यह कह के सतीश मोबाइल की वॉल्यूम थोड़ा बढा के मोना के सामने रख देता है.
मोना ग़ुस्से में सतीश को कुछ कहने ही वाली होती है की,
मोबाइल से निकल रही आवाज़ को सुनके फ़ौरन उसकी नज़र मोबाइल के स्क्रीन पे जाती है और उसे देखते ही...............?
मोना : “ये तो मैं हु”
सतीश : “हाँ तुम्ही हो, और वो तिल देख रही हो जो उस छोटे सी अस्स पे है, कितना प्यारा लग रहा है ना, क्या मस्त गांड है ना है मैं मर जाऊं इस मटकती हुई सेक्सी अस्स पे, देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया”
मोना : “भाई ये क्या कह रहे हो? ओह माय गॉड.......... आई जस्ट कैंट बिलीव धीस.........मैं ये सोच भी नहीं सकती के उफ, मुझे यक़ीन नहीं होता, कैसे कोई भाई अपनी सगी बहिन के साथ सेक्स करते हुए वीडियो बना सकता है….नही ये सच नहीं हो सकता.....?
सतीश : “ये सच है, और सबूत तुम्हारे सामने है, और वो भी कितना सेक्सी सबूत है, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है की ये मेरी ही बहिन मोना है, बल्कि ऐसा लग रहा है जैसे मैं किसी पोर्न क्वीन की वीडियो देख रहा हु”
मोना : “क्या भाई तू भी, कैसी बाते करता है, तूझको शर्म नहीं आई अपनी बड़ी बहन की ऐसे वीडियो शूट करते हुए”?
सतीश : “तुम्हे शर्म आई थी वो सब करते हुए? कैसे उछल उछल कर मज़े ले रही थी तुम”
सतीश उसे चिढाते हुए कहता है.
मोना : “पता नहीं भाई क्या हो गया था मुझे और कैसे मैंने तुम्हारे प्यार मैं पागल हो के अपनी गांड मैं तुम्हारा लंड डलवा लिया, सच उस रात में बहुत मस्ती में थी,
तुमने ही तो होश उडाये थे मेरे और मैं पगली भी तुम्हारे साथ उडती चलि गयी,
ओर रही बात तुम्हारे लंड की तो ये तो बड़ा ही बदमाश है सारा दोष इसी का है, ये तो हमेशा ही सर उठए खड़ा रहता है, और जब से मैंने इसे देखा है, मैं तो इसकी दीवानी हो गई हु”
ओर अभी दोनों बातें कर ही रहे होते हैं के एक सुरिली आवाज़ सतीश के कान में पड़ती है.
सतीश उस आवाज़ की तरफ देखता है तो उसे सामने खड़ी एक सूंदर लड़की दिखाइ देती है.

 
सतीश मोना को लेकर शॉपिंग करने गया था वहां दोनोने बहुत मस्ती की फिर वह होटल में खाना खाने गये वह हसी मजाक और मस्ती कर रहे थे कि तभी.
अब आगे....
ओर अभी दोनों बातें कर ही रहे होते हैं के एक सुरिली आवाज़ सतीश के कान में पड़ती है.
सतीश उस आवाज़ की तरफ देखता है तो उसे सामने खड़ी एक सूंदर लड़की दिखाइ देती है.
गर्ल : “सर योर ऑर्डर, क्या खाना पसंद करेंगे”?
सतीश : “तुम्हे”
गर्ल : “चौकते हुए, व्हाट..?
मोना सतीश को कोहनी मारती है.
सतीश : “नही, मेरा मतलब है तुम कौन हो” ?
गर्ल : “मैं वेट्रेस हु, बताइये क्या खाना पसंद करेंगे आप वेज या फिर नॉन-वेज”
ओर अचानक उसकी नज़र सतीश की पैंट से बाहर निकले 9" इंच के लंड पे चली जाती है, जिसे वो हैरत से देखति रह जाती है.
ओ मन में ये सोचने लगती है के क्या ये असली है.
सतीश : “मैडम कहाँ खो गई आप” ?
गर्ल : (सतीश की आवाज़ सुनके हडबडा जाती है) “मैं वो तो ये क्य.....
सतीश : “क्या हुआ” ?
गर्ल हैरत से सतीश के लंड की तरफ इशारा करके कहती है.
गर्ल : “क्या वो असली है” ?
मोना उस लड़की की बात सुन के मुस्कराते हुये सतीश के लंड को अपने हाथ में पकड़ के उसे हिला कर दिखाते हुए कहती है.
मोना : “हाँ मैडम ये असली है, १०० % असली”
ओर लड़की को आँख मार देती है.
गर्ल अपने लिप्स पे ज़बान फिरा के मोना से कहती है.
गर्ल : "यु आर वेरी लक्की"
सतीश दोनों की तरफ देखता है.
ओर मुस्कुराने लगता है.
सतीश : “मोना आज तुम आर्डर कर दो, खाना आज तुम्हारी पसंद का खायेंगे”.
मोना : “ठीक है भाई”.
गर्ल चौकते हुए आप दोनों भाई बहन हो….!!
मोना : “हाँ और लवर्स भी”.
गर्ल : “वो........!
तुम कितनी लकी हो के तुम्हारा भाई ही तुम्हारा लवर है और उसका लंड 9" इंच लम्बा है, काश मैं भी तुम्हारी तरहा लकी होती.
मोना : “मतलब” ?
गर्ल : मेरी दो बहने हैं और हम आपस में सेक्स करते हैं पर हमेशा एक भाई की कमी महसुस होती रहती है.
मोना : वैसे तुम्हारा नाम क्या है.
गर्ल : नेहा और तुम्हारा.
मोना : मेरा नाम मोना और यह सतीश है.
नेहा- काश तुम मेरे भी भाई होते.
मोना- काश क्या, राखी बांधो ओर बनालो भाई,हमे भी एक बहन मिल जायेगी.
यह सुनकर नेहा फ़ौरन टेबल के निचे घुस जाती है और अपनी पेन्टी निकाल के सतीश के लंड पे बांध कर कहती है आज से तुम मेरे भी भाई हो.
फिर सतीश के लंड के सुपडे को चूम के बाहर निकल आती है.
ओर अपनी गांड मटकाते हुए वहां से चलि जाती है.
मोना : सतीश मैं अभी फ्रेश हो के आती हूं.
नेहा जब वापिस आती है तो मोना को वहां न पाकर सतीश से उसके बारे मैं पुछती है.
सतीश : वो टॉयलेट गई है.
सतीश फिर नेहा को हाथ पकड़ के अपनी बगल में बैठा लेता है. और उसे किस करने लगता है.
उनका टेबल एक कार्नर में है और डीम लाइट में किसी के देखने का भी डर नहीं है.
कीस में नेहा भी सतीश का साथ देणे लगती है.
दोनो का किस धीरे धीरे हॉट होने लगता है और अब दोनों एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान को चुस्ने लगते हैं.
नेहा अपना हाथ सतीश के लंड पे ले जाकर उसे मुठियाने लगती है.
कारीब १० मिनट के बाद जब दोनों की साँसे उखडने लगती हैं तो दोनों अलग होते है,फिर नेहा वहां से चली जाती है, सतीशने नेहा को उसकी पसंद का खाना लाने को कहा था,तभी मोना आ जाती है और सतीश की बगल में बैठ जाती है,
सतीश- आज खाना नेहा की पसंद का मंगाया है.
नेहा अपनी पसंद का खाना और वाइन लेकर आती है.
सतीश उसे भी साथ मे खाना खाने को कहता है थोड़ी ना नुकुर करके वह भी मान जाती है
हसी मजाक में तीनों खाना खाते है तीनो एक दूसरे को अपने हाथ से भी खाना खिलाते है.
फिर वाइन की बारी आती है और देखते ही देखते पूरी बोतल ख़तम हो जाती है.
बाकि सारे लोग वहा पर डांस फ्लोर पर डांस कर रहे थे. सारे लोग एक दूसरे को किस कर रहे थे और लंड और चुत सटा सटा कर रगड़ रहे थे.
सतीश, मोना को लेकर डांस करने के लिए डांस फ्लोर पर गया. मोना थोडी नशे में थी. सतीश जब मोना के कमर में हाथ डाला तो वो सतीश के सीने से लिपट गई और सतीश के होठ पर किस कर दिया. सतीश उसकी कमर को दबा रहा था और डांस कर रहा था मोना ने स्कर्ट पहनी थी. मोना सतीश के साथ चिपक कर डांस करने लगी. सतीश भी मोना की स्कर्ट के पीछे हाथ डाल कर उसकी गांड दबाने लगा.
मोना अपनी चुत सतीश के लंड से रगड़ रही थी. और सतीश के गले के पास किस कर रही थी. मोना मदहोश हो गयी थी. और सतीश के लंड के साथ छेड छाड़ कर रही थी.
मोना को सतीश ने कस कर पकड लिया और उसके स्कर्ट के नीचे से चुतड को दबा दिया. वो सतीश के गर्दन में लटक कर उसके होठो को किस करने लगी. तभी नेहा भी उनके साथ जॉइन हो गयी उसकी डयूटी खतम हो गयी थी,अब दोनों सतीश से चिपक कर डांस कर रही थी, नेहा सतीश के गर्दन में लटकना चाह रही थी. पर नेहा भी नशे में थी वो लडख़ड़ा कर गिर गई और उसकी कमर में चोट लग गयी.
 
उसके बाद वह वहा से चल दिये. नेहा चल भी नहीं पा रही थी उसे गोद में लेकर बाहर आया और कार मैं बिठाया औऱ हम तीनो घर पहुच गये.
रात का १ बज रहा था...
सतीश नें सानिया को फ़ोन किया
सानिया- मैं तुम्हारा नंबर बहुत देर से ट्राई कर रही हु फोन स्विच ऑफ आ रहा था कहा थे?
सतीश- मम्मी मोना को शॉपिंग के बाद होटल ले गया था खाना खाने.
वहा मुझे नेहा मिल गई जिसने मुझे अपना भाई बना लिया.
हम होटल से निकल रहे थे के नेहा को चोट लग गई और हम उसे घर ले आए.

मोना इतना थक गई है की वो बेड पर जा कर सो गई है. और नेहा दर्द से परेशान है.
सानिया- उफ़, ओह्ह सतीश बैड़ टाइम. अच्छा एक कम करो मेरे ड्रावर में बाम रखा है अभी उसे लगा दो आराम हो जायेगा.
सतीश- ठीक है, तुम कब लौट रही हो?
मेरी फ्रेंड का ऑपरेशन कल है तो मैं यहाँ दो दिन रहूँगी उसके बाद आती हु, अपने प्यारे सजन के पास,
मुझे तुम्हाराी बहुत याद आ रही है, मुझसे ज्यादा तो मेरी लालपरी (चूत) तुम्हे याद कर रही है. तुम्हे याद करके रोये जा रही है, बहुत परेशान है.
सतीश- याद तो मुझे भी बहुत आ रही है अपनी प्यारी बब्बली बदमाश की, अभी हमारी शादी को दो दिन भी नहीं हुये और ये जुदायीं.
सानिया : उदास मत हो मेरी जान ये जुदायीं के दिन जल्दी कट जायेंगे, दो दिन की ही तो बात है, फिर बब्बली अपने सजन की बांहो में होगी,
सतीश- मैं भी तुमसे मिलने को तड़प रहा हु.
फिर सतीश ने नेहा की कराह सुन कर
सतीश- अपना ख्याल रखना.
सानिया- ओके सतीश टेक केयर ऑफ़ नेहा. तुम्हे जब भी मेरी ज़रूरत पड़े तो मुझे कॉल कर लेना.
मोना सो रही थी.
नेहा- सतीश मेरा दर्द नहीं कम हो रहा है. प्लीज कुछ करो यार.
सतीश- अच्छा चलो मैं बाम ले कर आता हु.
सतीश ढूंढ के आयोडेक्स ले के आया.
सतीश- नेहा लो लगा लो आयोडेक्स.
नेहा- तूम पागल हो मैं पीछे कैसे लगाउंगी. चलो तुम लगा दो, ऐसे भी मोना नशे में सो रही है, नही तो मैं उसी से लगवा लेती,
सतीश- मैं कैसे लगाउ तुम्हारी स्कर्ट जो है कमर पर.
नेहा : अच्छा लो थोडा ढीला कर देती हु.
सतीश आयोडेक्स लगाने लगा कमर पर. जीन्स स्कर्ट टाइट होने की वजह से हाथ रगडने में नहीं बन रहा था,
नेहा : रुको मैं आगे से बटन खोल देती हु.
सतीश : हाँ अब थोडा ठीक है.
सतीश मसाज करने लगा पर उस से भी पुरे कमर में मसाज नहीं हो पा रहा था
नेहा : चलो यार यहा पर सिर्फ तुम ही तो हो मेरी स्कर्ट को निकलने दो नहीं तो मैं दर्द से मर जाउंगी, मेरी अच्छे से मसाज कर दो.
नेहा ने स्कर्ट निकल दिया और अपने टॉप्स को पेट् तक उप्पर उठा दिया.
सतीश अब उसके कमर पे मसाज कर रहा था और उसकी मस्त गांड को निहार रहा था
लगभग २० मिनट तक उसके कमर की मसाज की सतीश ने. तब जा कर नेहा को थोड़ा आराम मिला और वो ड्राइंग रूम में ही सो गयी.
सतीश फिर वहा से उठ कर मोना के कमरे में गया. सतीश ने देखा मोना ने अपने सैंडल तक नहीं उतारे है. सतीश ने मोना की सैंडल उतारा,ओर फिर उसकी टॉप और स्कर्ट भी निकल दिया. फिर उसके बाद मोना को गोद में उठाकर बेड पर अच्छे से सुला दिया. उस वक़्त मोना बहुत सेक्सी लग रही थी. अगर वो जागती रह्ती तो जरूर पूछती भाई क्या देख रहा है. सतीश भी कपडे चेंज करने के बाद सिर्फ एक ढीली सी शॉर्ट्स पहन कर वहीँ पर मोना की बगल में लेट गया और उसको किस करने लगा. उसके होठ को किस किया और उसकी पीठ को किस किया फिर उसकी पेन्टी के साइड से अपनी ज़ुबान से उसकी चुत को चाट चाट के सहलाने लगा और वो नींद में ही मस्त हो कर झड गयी.
फिर सतीश उसकी चुत से निकल रहे वीर्य को पी ने लगा और अन्दर तक ज़ुबान से चाट कर चुत को साफ़ किया.
फिर उसे भी नींद लग गई और वह भी मोना के साथ सो गया.
 
कारीब ४:०० ४:३० के आस पास नेहा कराह रही थी सतीश भी काफी नींद में था उसे उठने का मन नहीं हो रहा था वह काफी थक गया था पर सतीश न चाहते हुए भी उसी हालत में सिर्फ शॉर्ट्स पहने हुए नेहा के पास गया
सतीश- क्या हुआ नेहा?
नेहा- यार दर्द अभी भी है उस वक़्त तो सो गई थी पर जैसे ही मैंने पोजीशन बदलि तो मुझे फिर से दर्द हुआ और मैं जाग गयी.
नेहा सतीश को कभी यार, कभी सतीश, तो कभी भाई कह कर बुला रही थी.
नेहा- सतीश प्लीज फिर से थोडी और मसाज कर दो ना शायद थोडा आराम मिल जाए.
सतीश फिर से बाम ले कर आया और नेहा की मसाज करने लगा.

सतीश इस बार नेहा के दोनों लेग के उप्पर अपने पैर मोड़के बैठ गया. ताकि अच्छे से उसकी कमर की मसाज कर सके.
पर उसकी मख़मल जैसे चूतड देख कर सतीश का लंड खडा हो गया था
सतीश उसके गुलाबी पीठ पर मसाज कर रहा था नेहा - यार कमर पे रगड़ो.
सतीश कमर रगडने लगा.
नेहा- थोड़ा और नीचे कमर के पास.
सतीश- यार तेरी पेन्टी है ना.
नेहा- यार थोड़ा सा नीचे कर दो ना, पर मेरी मसाज कर दो.
सतीश ने थोड़ा सा और पेन्टी को नीचे कर दिया जिससे उसकी गांड की लाइन नजर आ रही थी ये देखकर सतीश का लंड गरम और खडा हो गया. सतीश ने शॉर्ट्स पहना हुआ था सतीश ने उसके गांड की लाइन के आस पास रगड़ रगड़ के मसाज किया और थोड़ा अपना हाथ जान बुज कर उसके गांड के लाइन पर बीच बीच मै सहला देता था जिससे नेहा अपनी बॉडी को थोड़ा हिला देती थी. उसे भी काफी अच्छा लगा रहा था.
फिर सतीश उसकी गांड की लाइन पर थोड़ा और नीचे तक अपना फिंगर को ले गया और उसके गांड में फिंगर डाल दिया और नेहा चिहुँक गयी.
लेकिन इतना कुछ होने पर भी नेहा ने कुछ नहीं बोला. फिर सतीश थोड़ा लेफ्ट चुतड पर अपना हाथ घुमाने लगा उसके पेन्टी के अन्दर हाथ डाल कर. जब उसने कुछ नहीं कहा तब सतीश राईट चुतड को भी पेन्टी के अन्दर हाथ डाल कर मसाज करने लगा.
बीच बीच सतीश उसकी चुत को भी टच कर देता था नेहा की चुत एक दम गिली हो गई थी.
सतीश- अब कैसा लग रहा है क्या कुछ आराम हुआ.
नेहा- तुम इतना अच्छा चुतड पर मसाज कर रहे हो इससे थोड़ा आराम मिल रहा है, थोड़ा बाम लगा कर मसाज कर दो.
सतीश- बाम लगाने से पेन्टी में डाग लग जाएंगे.
नेहा : जब तुमने चुतड पे मसाज कर ही दिया है और मौका देख कर तुमने मेरी गांड में भी फिंगर दबा दी है और चुत के वीर्य के भी मजे ले लिये हो तो अब बचा क्या है तुम्हारे सामने, पैंटी को हटा दो उसके बाद अच्छे से मालिश कर दो यार.
सतीश- क्या बोलती हो तुमम, पेन्टी खोल दुं?

नेहा- हाँ खोल दो ना चोंकने की क्या बात है, आराम पहले जरुरी है. मैं खोल दू या तुम खोलेगे मेरी पेन्टी को?
सतीश : जैसा तुम बोलो.
नेहा : चलो तुम ही खोल दो.
नेहा की पेन्टी को सतीश ने अपने दान्त से पकड कर लेफ्ट चुतड के साइड से खीँच दिया. और फिर सतीश उसके चुतड पे किस करने लगा और दान्त गाड़ने लगा.
उतने में वो थोड़ा लेफ्ट राईट हुई तो सतीश राईट साइड के चुतड के साइड से पेन्टी को दान्त से खींच दिया.
अब सतीश के आँखो के सामने दो मस्त मस्त गोल मटोल गोरे गुलाबीचूतड दिख रहे थे और सतीश उसको किस और दान्त काट कर चूतड को लाल कर दिया.
उसके बाद उसके जांघो को किस करने लगा.
अब तो सतीश का लंड गरम लोहे की तरह गर्म हो गया था,
सतीश अब नेहा की चुतड और गांड के छेद को देख कर पागल हो रहा था, सतीशने कई बार अपनी मोम और मोना का भी मसाज किया है चुतड में पर आज नेहा के चूतड देख कर सतीश तो पागल हो रहा था,
आज एक दम ताजा और कडक माल देख कर सतीश के लंड में गर्मी और बढ गयी.
सतीश थोड़ा बाम लिया और नेहा के मस्त चुतड को रगडने लगा. १० मिनट रगडने के बाद सतीश हाथ को एक कपड़े से पोछ लिया. उसके बाद सतीश नेहा की गांड को सहलाने लगा.
सतीश के हाथ उसके चूतड पर फ़िसल रहे थे. अपनी ऊँगली से उसके गांड के छेद के पास सहला रहा था सतीश फिर थोड़ा सा वेसलिने ऊँगली में लगा कर उसके गांड में लगाने लगा और कुछ ही मिनट में सतीश उसकी गांड में एक फिंगर को डाल दिया तब उसकी कमर हिलने लगी.
उसकी कमर हवा में लहरा रही थी. सतीश अपनी फिंगर को उसकी गांड में उप्पर नीचे करने लगा.
नेहा- सतीश थोड़ा और नीचे सहलाओ मुझेसे अब नहीं रहा जा रहा है.
सतीश- अब दर्द कैसा है
नेहा- अब काफी आराम है, सतीश अब तुम दर्द को भूल जाओ और मेरे पास आओ.
सतीश उसके चेरे के पास गया वो अपना हाथ सतीश के गर्दन में डाल कर सतीश के होंठ पे किस करने लगी.

सतीश के लिप्स को काटने लगी. सतीश भी मौका देखकर उसके स्तन को शर्ट के उप्पर से दबाने लगा. और सतीश नेहा के एक हाथ को पकड कर अपने शॉर्ट्स के उप्पर रख दिया. नेहा शॉर्ट्स के उप्पर से सतीश के लंड पकड कर मसलने लग गयी. सतीश का लंड गर्मी के साथ साथ पूरा खडा हो गया.
 
उसके बाद सतीश फिर से नेहा की गांड को सहलाने लगा और नीचे चुत को भी सहलने लगा जो गीली हो गयी थी और नेहा अचानक से पलट गयी और सतीश के शॉर्ट्स के अन्दर से लंड को बाहर निकल लीया.
ओर हाथ से सहलाने लगी. देखते ही देखते उसने सतीश का शॉर्ट्स निकल दिया. और सतीश का लंड आजाद हो गया.
लंड को देख कर दंग रह गयी,
नेहा- यार तेरा तो बहुत बडा है.
सतीश- हा तुम्हारी चुत जो है इतने बडे लंड को लेने के लिये.
नेहा सतीश के लंड को चुस्ने लगी और सतीश उसके चुत को अपने जीभ से चोदने लगा. जिससे नेहा की चुत से मीठा रस निकलने लगा.
सतीश भी उसकी रसीली चुत को चाट-चाट के उसके मीठे रस को पी रहा था,
ओ उछल रही थि, मस्ती में उसके मुह से सिसकारी निकलने लगी.
...........
ओह................
माँ...............
ओर सतीश अपने जीभ से उसे चोद रहा था उसकी आवाज इतनी तेज हो गई के पुछो मत
सतीश- तुम भी मेरे लंड को चुसो.
नेहा- तुम्हारा लंड तो घोडे के लंड की तरह बडा हो गया है. इस लंड को घोडी की चुत चहिये, मैं घोडी बनती हु और तुम अपना घोडे का लंड मेरी चुत में डाल कर चुत को फाड दो
और सारे कमरे मे उसकी सी............ सी.......... सी की आवाज़ सुनाई दे रही थी. वो भूल गई थी की मोना भी बगल वाले कमरे में सो रही है.
सतीश उसकी चुत में अपनी जीभ से चुदाई कर रहा था.
नेहा- उफ़ सतीश अब मुझे चोद डालो, कब तक मेरी चुत के रस को पीते रहोगे.

सतीश ने उसकी चुत का चुस चुस कर बुरा हल कर दिया था,
नेहा बेड पर से अपनी गांड ऊपर उछाल रही थी और अपनी चुत सतीश के मुह में रगड रही थी और सतीश उसकी चुत चुस रहा था.
वह मस्ती में आकर सतीश के लंड को पूरा मुह में डाल कर चुस्ने लगी. तब उसके आँख में आँसु आ गये. फिर भी वो नहीं छोड़ी,
सतीश- छोड़ो नेहा अब बहुत चुस लिया है.
नेहा- मैं जब बोल रही थी चोदने तब तुम चुत चुस रहे थे अब मुझे लंड का वीर्य पीने दो अब मैं बावली हो गयी हु, और रस पीने के बाद मेरी जाम के चुदाई करो नहीं तो मोना के कपड़े फाड कर उसको बाहर लेजा कर नंगी कर दूंगी और फिर वहीँ उसे तुमसे चुदाउंगी
सतीश : तेरी चुत में गर्मी चढ़ी है, और तू मोना के कपडे क्यों फाड़ने की बात कर रही हो.
नेहा- बात अब बंद करो और अपना लंड मेरी चुत में पेल दो.
सतीश नेहा की दोनों टांगे पकड कर उठा दिया और उसकी दोनों टांग को अपने गर्दन में लटका दिया और उसकी कमर पकड कर उठाया तब नेहा की चुत सतीश के मुह के सामने आ गई और सतीश फिर से नेहा की चुत की चूसने लगा.
नेहा- बहनचोद, साले, मोना की चुत चुस लेना, कुत्ते मेरी तो चुत में लंड डाल बहनचोद.
नेहा की गाली से सतीश जोश में आ गया. और नेहा को वहीँ पर बेड पे पटक दिया और उसकी गिली चुत में अपना लंड सटाया,
नेहा- बहनचोद जल्दी डाल कूत्ते.
और सतीश पूरे जोश के साथ उसकी चुत पर लंड टीका के एक जोरदार झटका मारा तो सतीश का लंड पच्च्च की अवाज करता हुआ उसकी चुत में घुस गया. नेहा चिल्लाने लगी,
नेहा- बहनचोद....बाहर निकाल कुत्ते... मैं मर गयी............ साला तेरे को लंड ड़ालने बोली थी बहनचोद तू ने तो पूरा डंडा डाल दिया, निकाल हरामी... बहुत दर्द हो रहा है... जा के अपनी माँ की चुत में डाल ये मूसल.
सतीश- साली, अभी तो शुरुआत है साली आज तो तेरी चुत को फाड़ के भोसडा बना दूंगा.

सतीश ने वापस अपना लंड निकाला और बिना वक़्त बरबाद किये एक और जोरदार धक्का मारा इस बार नेहा और तेज चिल्लाइ
साआआआआले.............
हरामीईईई................
धिरेयेये..............मेरी चुत फाडेगा क्याआआ.....
तभी मोना रूम में आ गयी
मोना- भाई इससे छोड़ना मत साली मेरे कपड़े फाड़ने की बात कर रही थी ना आज इसकी चुत को फाड कर फैला दो चोदो साली को बहुत चोदो.
उसके बाद सतीश नेहा को १० मिनट तक धीरे धीरे चोदता रहा और वो मस्ती में चिल्लाती रहि, उसके बाद सतीश ने अपनी स्पीड बढा दी और फिर १५ मिनट तक उसकी चुदाई करता रहा
अब नेहा को भी अच्छा लगने लगा.
अब तक उसकी चुत से ३ बार पानी निकल चुका था मतलब वो ३ बार झड़ी थी.
ओर सतीश है के झडने का नाम ही नहीं ले रहा था.
वह तो बस नेहा की चुत फाडने में लगा हुआ था
सतीश ने नेहा की गांड में अपनी ऊँगली घुसाई और अन्दर बाहर करने लगा.
नेहा- साले वहां नहीं तेरी माँ की नहीं ये मेरी प्यारी गांड है वहां ऊँगली करने की तेरी हिम्मत कैसे हुई, अभी निकाल अपनी ऊँगली वरना मैं तेरा लंड काट दूंगी.
सतीश नेहा की बात को अनसुना कर उसकी गांड में ऊँगली चलाते हुए लंड उसकी
चुत की गेहराई में उसकी बच्चेदानी में घुसाने लगा.
नेहा मस्ती में चिल्लाने लगी आआआह्ह्ह्ह..............
म्म्म्म..............
आआईइइइ............... हआ
आईसे ही ओऊरररर जोरसेओर सीईई...................फाड़ दो मेरी चूऊउउउउत को भोसडा बना दो ह्म्म्मम्म्म्म बहुत मज़ाआआ अअअअअअअ रहा है.
मैं झडने वाली हुऊऊऊ मैं गईईएई.....
ओर थक कर लेट गयी, सतीश भी अब झड़ने के करीब आ गया और उसने नेहा की स्तन पर अपने लंड का सारा वीर्य गिरा दिया जिसे नेहा अपने हाथ से अपने बॉडी पर मज़े से सतीश ने लगी.
ओ पूरी तरह से थक चुकी थी.
फिर वो दोनों एक दूसरे के ऊपर लेट गये.
मोना : आ गया ना मजा चुदाई कर के और करा के,पहली चुदाई मुबारक हो.
नेहा बड़ी मुश्किल से उठ कर सानिया के बाथरूम में नहाने चलि गयी.
उसकी चुत से निकले पानी और खून से बेडशीट पूरी गीली और लाल हो गयी थी,
सतीश : जान मेरा लंड चाट के साफ़ कर दो ना.
मोना : छि...............
गंदे, मैं नहीं करने वाली ऐसा कुछ, अभी तुम्हारा लंड गन्दा है. तुम पहले जा के नहाओ, फिर मैं तुम्हारा लंड चूसूंगी अभी नहीं अभी तुम जाओ नहाने और मैं जा के नास्ता बनाती हु.
फिर सतीश नहाने चला जाता है.
मोना भी किचन में नास्ता बनाने में लग जाती है.

 
desiaks said:
फोन सिंक के ऊपर कप्बोर्ड के पास दीवार पे लगा हुआ है.
सानिया सिंक के पास जा के खड़ी हो जाती है और फ़ोन का रिसीवर उठा के बात करने लगती है.
फोन उसकी दोस्त सपना का है जो बड़े जोश में उसे कल हुई पार्टी के बारे में बता रही है.
सतीश अपनी मम्मी को देख के चोंक गया क्यों की उसकी मम्मी ने एक पतली सी नाइटी पहनी हुई है. उस नाइटी में उसने ब्रा नहीं पहनी सिर्फ सतीश की गिफ्ट की हुई पेन्टी पहनी थी. जिस में से उसके गोरे गोरे चुत्तड़ साफ़ नज़र आ रहे है.
ये देख के मेरा लंड फ़ौरन खड़ा हो गया. वो बड़े गौर से अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को देखते हुए उसकी तरफ बढ्ने लगा.
धीरे धीरे वो उनके करीब पहुँच गया. उसने अपने लंड को अपनी ट्रैक में से बाहर निकाला और धीरे से मम्मी की नाइटी को जो की उसके चुत्तड़ के सिर्फ १ इंच निचे तक थी उठा के मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ के अपना नौ इंच का लोहे की तरह कड़क लंड मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बेच में घूसा दिया.
सानिया अपने बेटे के इस अचानक हमले से अन्जान थी. वो अपने चुत्तड़ में अपने बेटे के लंड को मेहसुस कर के चौंकते हुये मस्ती में उछल पडी.
सानिया : "ओहह सतीश," "ओहः, नो." ये क्या किया
सतीश आगे झुका अपनी मम्मी की तरफ और अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
सानिया की आवाज़ सुन के सपना घबरा गयी.
सपणा : क्या हुआ सानिया? तुम ऐसे क्यों चिल्लाई?
सानिया : "आह्ह्...अहः, वो सतीश ने गरम गरम ल.... चीज़ दाल दी है अन्दर.....
सपणा : गरम चीज़... कौनसी गरम चीज़? कहाँ दाल दी है?
सानिया : वो उसने बिना सोचे समझे बिना मुझसे पूछे गरम ल... चीज़ सीधे चु.... अंदर घूसा दि. अगर मैंने उसे फ़ौरन अंदर से न निकाला तो सब गीला गीला हो जायेगा. मैं उसे निकाल के तुम्हे बाद में कॉल करती हु. बाय.....
ये कह के सानिया ने फ़ोन रख दिया.
सतीश ने मौके का फायेदा उठाते हुए अपने हाथों को अपनी मम्मी के कमर पे लपेट लिया और उन्हें ऊपर की तरफ ले जाने लगा जब तक उसे अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी स्तन उसके हाथों को न छु गयी. मम्मी के सेक्सी स्तन अब सतीश के हाथों के ऊपर थे. वो उनका वज़न अपने हाथों पे महसुस कर के मस्ती और जोश में आ के अपना लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर कर रहा है.
सानिया अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए मचलने लगि, लेकिन वो सिर्फ आगे हो के अपनी गांड चुदाई में अपने बेटे का साथ देणे के अलावा कुछ और नहीं कर पा रही है.
ओ आगे पीछे हो के न चाहते हुए भी अपने बेटे का लंड अपनी चुत्तड़ के बीच में ले रही है.
सानिया : "सतीश, ना, ना, नही, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे अपना ल..... मेरी गं.... बम में नहीं ड़ालना चहिये. मैं तुम्हारी वाइफ या लवर नहीं हु. मैं तुम्हारी मम्मी हु. "मा"
सानिया को भी अब न चाहते हुए मस्ती चढ़ने लगी उसकी चुत से वीर्य बह कर बाहर आने लगा और सतीश के लंड के सुपाडे को भिगोने लगा.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश को और जोश आ गया और उसने थोड़ा नीचे हो के ऊपर की तरफ धक्का मारा अपनी मम्मी के चुत्तड़ की तरफ.
सतीश : “मम.....मा, आपने ही तो कहा था की जो चीज़ मुझे चाहिए वो में ले सकता हु. तो में वो ही ले रहा हु,मुझे आप चहिये,मुझे मेरी मम्मी चहिये... मा” मम्मी.. कह के सतीश एक ज़ोर का धक्का मारा. उस धक्के का ये नतीजा हुआ की उसके लंड का सुपडा अपनी मम्मी की चुत वीर्य से गीला हो के उसकी मम्मी की वर्जिन गांड की गुलाबी छेद में घुस गया.
सानिया मस्ती और दर्द में कराह उठि.
"ओह आह...अम्म...आह्..."
सानिया को बेतहाशा मस्ती चढ़ने लगि, उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसके निप्पल कड़क हो गये.
सानिया अपने दिल में ये सोचने लगी.
"हाय कितना लम्बा मोटा और कड़क लंड है मेरे लाल का"
सानिया : "हनी, तुम्...हे अपनी मम्मी के बा....रे में ऐसा नही... सोचना चहिये.तू मम...... तुम जो... कह रह..... हो और आह.... जो कर...... रहे हो ओ..... गलत है. आह......
ओह ओ, सतीश मुझे जाने दो."
ये कह के सानिया फिर से अपने बेटे की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी. लेकिन उसकी इस कोशिश की दोनों मम्मी बेटे के बीच में सेक्स की गर्मी को और हवा दे रही थी. मेरा लंड मस्ती में और तेज़ी से अपनी मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में आगे पीछे हो रहा था.

 
Back
Top