hotaks444
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मैं सब समझ रही थी, और मैं सही हूँ तो मोम भी। मैं चाहती थी की भाई को एक रखकर दे मारूं, पर एक मस्ती सी सूझ रही थी। मुझे आइडिया आया की भाई से मोम के बारे में ऊटपटांग बुलवाते हैं और देखते हैं कि मोम क्या करती हैं?
मुझे तो हँसी भी आ रही थी, जब मोम खुद अंदर नंगी बैठी है, तो फिर कैसे बाहर आकर उसको झापड़ मारती, पर मैं ना फँस जाऊँ इसलिए मुझे इशारे से भाई को भड़कना था, पर बोलना ऐसा था की मैं उसको रोकना चाहती हूँ, लेटस स्टार्ट दि गेम।
मैं- “हाँ… तो क्या?” मैंने हल्के गुस्से से पूछा। पर मैंने अपने बाल मोम की तरह किए और इशारा किया की लुक आई एम मोम नाउ।
भाई इससे खुश हो गया और उसका घबराना बंद हुआ, उसने आगे कहा- “मोम भी अभी आपकी तरह नंगी होती… तो आपकी तरह ही दिखती?”
मैंने सोचा वो तो अभी नंगी ही है। मैंने कहा- “अभी क्या मोम को तू नंगी देखना चाहता है? ऐसा सोचता है तू?” सुनने में लग रहा था की मैं उसको कह रही हूँ की शर्म कर जबकी बाहर देखने में तो बिल्कुल उल्टा था।
भाई- “वो तो अभी नंगी ही हैं…” पक्का मोम की हालत और खराब हो गई होगी अंदर। वो बेड से उठा और मुझे पकड़ लिया, और कहा- “मेरे सामने, माई हाट गाण्ड मोम, यू मेक मी हार्ड, इस गाण्ड को रोज देख-देखकर अब मुझसे नहीं रहा जाता…” कहकर भाई ने मुझे दरवाजा पे टिका दिया।
और तभी बाथरूम का दरवाजा धम्म से बजा।
भाई- “ओह्ह… मोम योर बिग चूचियां आर सो साफ्ट, आई आल्वेज वान्टेड टु ग्रैब देम, सक देम…”
मैं- “नहीं आ… …”
भाई- “हाँ… दीदी की बाडी सेम आपके जैसी है, सेम फिगर, सेम चूची, सेम गाण्ड, चूत भी सेम ही होगी, अब आपकी बेटी मेरी फँटेसी पूरी करेगी, आ…”
मैंने मन में कहा की चूत जब देखेगा तो भेन को भी भूल जाएगा। मैंने कहा- “बच्चू, जरा संभाल के, मोम ने सुन लिया ना, तो तेरी खैर नहीं…”
भाई- “वो घर पे होंगी तब सुनेगी ना?”
मैं- “आऽ मतलब?”
भाई- “मैं जब आया तब कोई नहीं था, मैंने उनके रूम में भी चेक किया। हाँ… आपको नहीं पता?” फिर मेरी दोनों बाहों को जकड़ के मुझे उसने दरवाजा पे झुका दिया।
मैं- “आह्ह…” मेरी चूत पहले से ही मोम के साथ इतनी देर से रही थी, गीली थी, भड़की हुई थी की मेरी जान पे बन आई। आह्ह… भाई मेरी चूचियों और क्लिट पर टूट पड़ा था की मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी, ना मेरा दिमाग काम कर रहा था और ना मेरी बाडी। वो तो अब तेज करेंट वाला ट्रान्सफार्मर बन गया था, सब कंट्रोल से बाहर चला गया।
तभी मेरा हाथ वहां चला गया जहां नहीं जाना चाहिए था, और फिर भाई ने भी ऐसा काम कर दिया जो उसको अभी नहीं करना चाहिए था, कम से कम मेरी इस तड़पती हालत में तो नहीं। उसने झट से अपनी पैंट को खोलकर मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दिया।
मैं- “उम्म्म… मार गई आह्ह…” मैं जोर में चिल्ला पड़ी- “आह्ह… आह्ह… आऽ…” मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया, मैं जोर-जोर से ‘आह्ह’ करती जा रही थी- “आह्ह… नो नो नो अम्म्म्म… आदी प्लीज़्ज़… डोन्ट आह्ह… मेरी चूत आआह्ह…” क्योंकी मुझे चुदने में जितना मजा आ रहा था उससे ज्यादा तो इस बात से आ रहा था की मोम बाथरूम में अपने बेटे बेटी की चुदाई की आवाजें सुन रही थी, एस हाउ मच फकिंग किकी दैट वाज।
मैं दरवाजा पे झुकी हुई थी, मेरी चूचियां हर धक्के से झूल रही थीं, इससे मैं झड़ गई कुछ ही देर में। भाई मेरी चूत में दो उंगली डालकर जोर से अंदर-बाहर करने लगा, मेरी चूत से ढेर सारा पानी बहता जा रहा था और मेरे मुँह से रुआंसी आवाज निकल रही थी, फिर आदी ने मुझे पकड़कर खड़ा कर दिया और
मैं- “नो नो…”
उसने दरवाजे को खोलने के लिए हाथ आगे किया और मैंने उस हाथ को पकड़कर अपनी चूचियों पे रख दिया।
भाई- “दरवाजा खोल दो…”
मैं- “नहीं…”
भाई- “ऐसा क्या? ओके मोम, अब आपकी गाण्ड तो गई काम से। जब मैं अपना तगड़ा लण्ड इसमें पेलूंगा तो आप भी इसकी देवानी हो जाओगी, आंड देन यू विल्ल बेग मी, बेग मी टु फक यू, आंड आई, आई विल फक यू नाउ, आई वांट टु फक यू टुमारो, डे आंड नाइट एवरीडे…”
मैंने मोम को सुनाने के लिए कहा- “पागल हो गया है तू जा यहां से…” जबकी मैंने उसे पास खींच लिया। और उसने मेरी छोटी सी गाण्ड के मासूम से छेद पे अपना तगड़ा लण्ड रख दिया, वो एकदम खतरनाक गरम था मेरी तो अभी से बज गई, और तब, ओह्ह गोड क्या बताऊँ यार।
आगे भी इसी तरह से ये खेल चलने लगा, भाई ने मुझे दरवाजे से सटा दिया और जोर-जोर से शाट मारने लगा, हर धक्के से दरवाजा बज रहा था। पता नहीं अंदर मोम की क्या हालत होगी? भाई ने मेरे बाल पकड़कर मेरी बैक आर्च बना दी।
मोम ने आगे क्या कुछ नहीं सुना? क्या नहीं सोचा? उसकी बेटी अपने भाई को रोक रही है और उसका भेनचोद भाई खुद को मादरचोद मानकर उसको अपनी माँ यानी खुद मुझे चोद रहा है। मैं नंगी ना होती तो तो, ये क्या मेरी चूत कैसे? ओह्ह… नहीं, मैं ये नहीं चाहती, बाहर मेरे दोनों बच्चे चुदाई कर रहे हैं, मैं यहां। मोम ने सुना वो उनकी चूत तक गूँज रहा था, वो फट-फट के जोर के फक्क चोदू धक्के मोम की चूत को गीला कर रहे थे, इतना की उनसे रहा नहीं गया।
भाई- “येस्स फक मोम, आपकी गाण्ड को रोज-रोज देखते थकता नहीं, आज से आप मेरे लण्ड को लेते थकेंगी नहीं…”
मैं- “आह्ह… छोड़ (लीव मू) मुझे आह्ह… माँ…”
भाई- “हाँ… हाँ चोद (फक) ही तो रहा हूँ…” भाई ने जंगली होकर कहा। सच में वो अब जंगली हो गया था।
मोम ने सुना अपने बेटे को उनके बारे में ऐसा कहते, ऐसा जो उनके यार कहते हैं, वो जो उनकी चूत को फाड़ के रख देते हैं, वो जो मोम को तीन-चार लण्ड को लेते देखना पसंद करते हैं, और वो ये सब अपनी बेटी से भी सुनती है, और उसको कहती भी है, पर बाहर उनकी बेटी ये रोक रही है, अपने भाई को बार-बार मना कर रही है। मोम को सुनाई दिया ये सब पर दिखाई नहीं दिया की उनकी बेटी खुद आगे-पीछे होकर अपने भाई का लण्ड ले रही थी।
आल आई नो दिस बिकाज आई हर्ड हर वाय्स, हर मोन। भाई ने कंप्लीटली इग्नोर कर दिया मोम की सिसकारियां। उसको लगा की मैं ही हूँ पर अंदर की फिल्म अलग थी।
मे बी, मोम को भी मजा आ रहा हो, भले ही उनको लगे की बाहर भाई ने मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे पकड़कर चोद रहा हो, मैं नहीं जानती। लेकिन अंदर की आवाज से लग तो यही रहा था, हो सकता है की मोम कल्पना कर रही हो की भाई उनको चोद रहा है और उसके हर धक्के पर अपनी चूत में उंगलियां डाल रही हों? जो भी हो पर रण्डी माँ और उसकी रण्डी बेटी मजे ले रही हैं।
भाई ने मुझे दरवाजे पे दबा के चढ़ के चोदा, बेरहमी से चोदा, एक मशीन की तरह मेरी चूत में अपना बड़ा लण्ड डाले जा रहा था। मैं पहली बार अपने भाई का ये रूप देख रही थी, मैं तो सातवें आसमान में थी, उसने पहले कभी ऐसे मस्त नहीं पेला मुझे, मजा आ गया रियली। भाई ने भी यही कहा, जब उसने मेरी चूत से अपना अपना लण्ड बाहर निकाला। मेरी चूत से उसका रस बह रहा था, और मुझसे खड़ा नहीं रहा गया। उसके रूम से जाने के बाद मैं बेड पर गिर गई।
मोम को बाहर आने में वक़्त लगा। मैं आँखें बंद करके लेटी रही। जब मोम आखिरकार बाहर निकली बाथरूम से, तो मोम धीमे से मेरे पास आकर बोली- “मोना…”
मैं चुप रही और मोम मेरे सिर पे हाथ फेरते हुए मेरे पास बैठी रही। मैंने आँखें खोलकर उनके इंप्रेशनलेश, एमोशनलेश चेहरे को देखा।
मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।
फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”
मुझे तो हँसी भी आ रही थी, जब मोम खुद अंदर नंगी बैठी है, तो फिर कैसे बाहर आकर उसको झापड़ मारती, पर मैं ना फँस जाऊँ इसलिए मुझे इशारे से भाई को भड़कना था, पर बोलना ऐसा था की मैं उसको रोकना चाहती हूँ, लेटस स्टार्ट दि गेम।
मैं- “हाँ… तो क्या?” मैंने हल्के गुस्से से पूछा। पर मैंने अपने बाल मोम की तरह किए और इशारा किया की लुक आई एम मोम नाउ।
भाई इससे खुश हो गया और उसका घबराना बंद हुआ, उसने आगे कहा- “मोम भी अभी आपकी तरह नंगी होती… तो आपकी तरह ही दिखती?”
मैंने सोचा वो तो अभी नंगी ही है। मैंने कहा- “अभी क्या मोम को तू नंगी देखना चाहता है? ऐसा सोचता है तू?” सुनने में लग रहा था की मैं उसको कह रही हूँ की शर्म कर जबकी बाहर देखने में तो बिल्कुल उल्टा था।
भाई- “वो तो अभी नंगी ही हैं…” पक्का मोम की हालत और खराब हो गई होगी अंदर। वो बेड से उठा और मुझे पकड़ लिया, और कहा- “मेरे सामने, माई हाट गाण्ड मोम, यू मेक मी हार्ड, इस गाण्ड को रोज देख-देखकर अब मुझसे नहीं रहा जाता…” कहकर भाई ने मुझे दरवाजा पे टिका दिया।
और तभी बाथरूम का दरवाजा धम्म से बजा।
भाई- “ओह्ह… मोम योर बिग चूचियां आर सो साफ्ट, आई आल्वेज वान्टेड टु ग्रैब देम, सक देम…”
मैं- “नहीं आ… …”
भाई- “हाँ… दीदी की बाडी सेम आपके जैसी है, सेम फिगर, सेम चूची, सेम गाण्ड, चूत भी सेम ही होगी, अब आपकी बेटी मेरी फँटेसी पूरी करेगी, आ…”
मैंने मन में कहा की चूत जब देखेगा तो भेन को भी भूल जाएगा। मैंने कहा- “बच्चू, जरा संभाल के, मोम ने सुन लिया ना, तो तेरी खैर नहीं…”
भाई- “वो घर पे होंगी तब सुनेगी ना?”
मैं- “आऽ मतलब?”
भाई- “मैं जब आया तब कोई नहीं था, मैंने उनके रूम में भी चेक किया। हाँ… आपको नहीं पता?” फिर मेरी दोनों बाहों को जकड़ के मुझे उसने दरवाजा पे झुका दिया।
मैं- “आह्ह…” मेरी चूत पहले से ही मोम के साथ इतनी देर से रही थी, गीली थी, भड़की हुई थी की मेरी जान पे बन आई। आह्ह… भाई मेरी चूचियों और क्लिट पर टूट पड़ा था की मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी, ना मेरा दिमाग काम कर रहा था और ना मेरी बाडी। वो तो अब तेज करेंट वाला ट्रान्सफार्मर बन गया था, सब कंट्रोल से बाहर चला गया।
तभी मेरा हाथ वहां चला गया जहां नहीं जाना चाहिए था, और फिर भाई ने भी ऐसा काम कर दिया जो उसको अभी नहीं करना चाहिए था, कम से कम मेरी इस तड़पती हालत में तो नहीं। उसने झट से अपनी पैंट को खोलकर मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दिया।
मैं- “उम्म्म… मार गई आह्ह…” मैं जोर में चिल्ला पड़ी- “आह्ह… आह्ह… आऽ…” मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया, मैं जोर-जोर से ‘आह्ह’ करती जा रही थी- “आह्ह… नो नो नो अम्म्म्म… आदी प्लीज़्ज़… डोन्ट आह्ह… मेरी चूत आआह्ह…” क्योंकी मुझे चुदने में जितना मजा आ रहा था उससे ज्यादा तो इस बात से आ रहा था की मोम बाथरूम में अपने बेटे बेटी की चुदाई की आवाजें सुन रही थी, एस हाउ मच फकिंग किकी दैट वाज।
मैं दरवाजा पे झुकी हुई थी, मेरी चूचियां हर धक्के से झूल रही थीं, इससे मैं झड़ गई कुछ ही देर में। भाई मेरी चूत में दो उंगली डालकर जोर से अंदर-बाहर करने लगा, मेरी चूत से ढेर सारा पानी बहता जा रहा था और मेरे मुँह से रुआंसी आवाज निकल रही थी, फिर आदी ने मुझे पकड़कर खड़ा कर दिया और
मैं- “नो नो…”
उसने दरवाजे को खोलने के लिए हाथ आगे किया और मैंने उस हाथ को पकड़कर अपनी चूचियों पे रख दिया।
भाई- “दरवाजा खोल दो…”
मैं- “नहीं…”
भाई- “ऐसा क्या? ओके मोम, अब आपकी गाण्ड तो गई काम से। जब मैं अपना तगड़ा लण्ड इसमें पेलूंगा तो आप भी इसकी देवानी हो जाओगी, आंड देन यू विल्ल बेग मी, बेग मी टु फक यू, आंड आई, आई विल फक यू नाउ, आई वांट टु फक यू टुमारो, डे आंड नाइट एवरीडे…”
मैंने मोम को सुनाने के लिए कहा- “पागल हो गया है तू जा यहां से…” जबकी मैंने उसे पास खींच लिया। और उसने मेरी छोटी सी गाण्ड के मासूम से छेद पे अपना तगड़ा लण्ड रख दिया, वो एकदम खतरनाक गरम था मेरी तो अभी से बज गई, और तब, ओह्ह गोड क्या बताऊँ यार।
आगे भी इसी तरह से ये खेल चलने लगा, भाई ने मुझे दरवाजे से सटा दिया और जोर-जोर से शाट मारने लगा, हर धक्के से दरवाजा बज रहा था। पता नहीं अंदर मोम की क्या हालत होगी? भाई ने मेरे बाल पकड़कर मेरी बैक आर्च बना दी।
मोम ने आगे क्या कुछ नहीं सुना? क्या नहीं सोचा? उसकी बेटी अपने भाई को रोक रही है और उसका भेनचोद भाई खुद को मादरचोद मानकर उसको अपनी माँ यानी खुद मुझे चोद रहा है। मैं नंगी ना होती तो तो, ये क्या मेरी चूत कैसे? ओह्ह… नहीं, मैं ये नहीं चाहती, बाहर मेरे दोनों बच्चे चुदाई कर रहे हैं, मैं यहां। मोम ने सुना वो उनकी चूत तक गूँज रहा था, वो फट-फट के जोर के फक्क चोदू धक्के मोम की चूत को गीला कर रहे थे, इतना की उनसे रहा नहीं गया।
भाई- “येस्स फक मोम, आपकी गाण्ड को रोज-रोज देखते थकता नहीं, आज से आप मेरे लण्ड को लेते थकेंगी नहीं…”
मैं- “आह्ह… छोड़ (लीव मू) मुझे आह्ह… माँ…”
भाई- “हाँ… हाँ चोद (फक) ही तो रहा हूँ…” भाई ने जंगली होकर कहा। सच में वो अब जंगली हो गया था।
मोम ने सुना अपने बेटे को उनके बारे में ऐसा कहते, ऐसा जो उनके यार कहते हैं, वो जो उनकी चूत को फाड़ के रख देते हैं, वो जो मोम को तीन-चार लण्ड को लेते देखना पसंद करते हैं, और वो ये सब अपनी बेटी से भी सुनती है, और उसको कहती भी है, पर बाहर उनकी बेटी ये रोक रही है, अपने भाई को बार-बार मना कर रही है। मोम को सुनाई दिया ये सब पर दिखाई नहीं दिया की उनकी बेटी खुद आगे-पीछे होकर अपने भाई का लण्ड ले रही थी।
आल आई नो दिस बिकाज आई हर्ड हर वाय्स, हर मोन। भाई ने कंप्लीटली इग्नोर कर दिया मोम की सिसकारियां। उसको लगा की मैं ही हूँ पर अंदर की फिल्म अलग थी।
मे बी, मोम को भी मजा आ रहा हो, भले ही उनको लगे की बाहर भाई ने मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे पकड़कर चोद रहा हो, मैं नहीं जानती। लेकिन अंदर की आवाज से लग तो यही रहा था, हो सकता है की मोम कल्पना कर रही हो की भाई उनको चोद रहा है और उसके हर धक्के पर अपनी चूत में उंगलियां डाल रही हों? जो भी हो पर रण्डी माँ और उसकी रण्डी बेटी मजे ले रही हैं।
भाई ने मुझे दरवाजे पे दबा के चढ़ के चोदा, बेरहमी से चोदा, एक मशीन की तरह मेरी चूत में अपना बड़ा लण्ड डाले जा रहा था। मैं पहली बार अपने भाई का ये रूप देख रही थी, मैं तो सातवें आसमान में थी, उसने पहले कभी ऐसे मस्त नहीं पेला मुझे, मजा आ गया रियली। भाई ने भी यही कहा, जब उसने मेरी चूत से अपना अपना लण्ड बाहर निकाला। मेरी चूत से उसका रस बह रहा था, और मुझसे खड़ा नहीं रहा गया। उसके रूम से जाने के बाद मैं बेड पर गिर गई।
मोम को बाहर आने में वक़्त लगा। मैं आँखें बंद करके लेटी रही। जब मोम आखिरकार बाहर निकली बाथरूम से, तो मोम धीमे से मेरे पास आकर बोली- “मोना…”
मैं चुप रही और मोम मेरे सिर पे हाथ फेरते हुए मेरे पास बैठी रही। मैंने आँखें खोलकर उनके इंप्रेशनलेश, एमोशनलेश चेहरे को देखा।
मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।
फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”