Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर - Page 5 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर

मैं सब समझ रही थी, और मैं सही हूँ तो मोम भी। मैं चाहती थी की भाई को एक रखकर दे मारूं, पर एक मस्ती सी सूझ रही थी। मुझे आइडिया आया की भाई से मोम के बारे में ऊटपटांग बुलवाते हैं और देखते हैं कि मोम क्या करती हैं?

मुझे तो हँसी भी आ रही थी, जब मोम खुद अंदर नंगी बैठी है, तो फिर कैसे बाहर आकर उसको झापड़ मारती, पर मैं ना फँस जाऊँ इसलिए मुझे इशारे से भाई को भड़कना था, पर बोलना ऐसा था की मैं उसको रोकना चाहती हूँ, लेटस स्टार्ट दि गेम।

मैं- “हाँ… तो क्या?” मैंने हल्के गुस्से से पूछा। पर मैंने अपने बाल मोम की तरह किए और इशारा किया की लुक आई एम मोम नाउ। 

भाई इससे खुश हो गया और उसका घबराना बंद हुआ, उसने आगे कहा- “मोम भी अभी आपकी तरह नंगी होती… तो आपकी तरह ही दिखती?”

मैंने सोचा वो तो अभी नंगी ही है। मैंने कहा- “अभी क्या मोम को तू नंगी देखना चाहता है? ऐसा सोचता है तू?” सुनने में लग रहा था की मैं उसको कह रही हूँ की शर्म कर जबकी बाहर देखने में तो बिल्कुल उल्टा था।

भाई- “वो तो अभी नंगी ही हैं…” पक्का मोम की हालत और खराब हो गई होगी अंदर। वो बेड से उठा और मुझे पकड़ लिया, और कहा- “मेरे सामने, माई हाट गाण्ड मोम, यू मेक मी हार्ड, इस गाण्ड को रोज देख-देखकर अब मुझसे नहीं रहा जाता…” कहकर भाई ने मुझे दरवाजा पे टिका दिया। 

और तभी बाथरूम का दरवाजा धम्म से बजा।

भाई- “ओह्ह… मोम योर बिग चूचियां आर सो साफ्ट, आई आल्वेज वान्टेड टु ग्रैब देम, सक देम…”

मैं- “नहीं आ… …”

भाई- “हाँ… दीदी की बाडी सेम आपके जैसी है, सेम फिगर, सेम चूची, सेम गाण्ड, चूत भी सेम ही होगी, अब आपकी बेटी मेरी फँटेसी पूरी करेगी, आ…”
मैंने मन में कहा की चूत जब देखेगा तो भेन को भी भूल जाएगा। मैंने कहा- “बच्चू, जरा संभाल के, मोम ने सुन लिया ना, तो तेरी खैर नहीं…”

भाई- “वो घर पे होंगी तब सुनेगी ना?”

मैं- “आऽ मतलब?”

भाई- “मैं जब आया तब कोई नहीं था, मैंने उनके रूम में भी चेक किया। हाँ… आपको नहीं पता?” फिर मेरी दोनों बाहों को जकड़ के मुझे उसने दरवाजा पे झुका दिया।

मैं- “आह्ह…” मेरी चूत पहले से ही मोम के साथ इतनी देर से रही थी, गीली थी, भड़की हुई थी की मेरी जान पे बन आई। आह्ह… भाई मेरी चूचियों और क्लिट पर टूट पड़ा था की मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी, ना मेरा दिमाग काम कर रहा था और ना मेरी बाडी। वो तो अब तेज करेंट वाला ट्रान्सफार्मर बन गया था, सब कंट्रोल से बाहर चला गया।

तभी मेरा हाथ वहां चला गया जहां नहीं जाना चाहिए था, और फिर भाई ने भी ऐसा काम कर दिया जो उसको अभी नहीं करना चाहिए था, कम से कम मेरी इस तड़पती हालत में तो नहीं। उसने झट से अपनी पैंट को खोलकर मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दिया।

मैं- “उम्म्म… मार गई आह्ह…” मैं जोर में चिल्ला पड़ी- “आह्ह… आह्ह… आऽ…” मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया, मैं जोर-जोर से ‘आह्ह’ करती जा रही थी- “आह्ह… नो नो नो अम्म्म्म… आदी प्लीज़्ज़… डोन्ट आह्ह… मेरी चूत आआह्ह…” क्योंकी मुझे चुदने में जितना मजा आ रहा था उससे ज्यादा तो इस बात से आ रहा था की मोम बाथरूम में अपने बेटे बेटी की चुदाई की आवाजें सुन रही थी, एस हाउ मच फकिंग किकी दैट वाज।

मैं दरवाजा पे झुकी हुई थी, मेरी चूचियां हर धक्के से झूल रही थीं, इससे मैं झड़ गई कुछ ही देर में। भाई मेरी चूत में दो उंगली डालकर जोर से अंदर-बाहर करने लगा, मेरी चूत से ढेर सारा पानी बहता जा रहा था और मेरे मुँह से रुआंसी आवाज निकल रही थी, फिर आदी ने मुझे पकड़कर खड़ा कर दिया और

मैं- “नो नो…” 

उसने दरवाजे को खोलने के लिए हाथ आगे किया और मैंने उस हाथ को पकड़कर अपनी चूचियों पे रख दिया।

भाई- “दरवाजा खोल दो…”

मैं- “नहीं…”

भाई- “ऐसा क्या? ओके मोम, अब आपकी गाण्ड तो गई काम से। जब मैं अपना तगड़ा लण्ड इसमें पेलूंगा तो आप भी इसकी देवानी हो जाओगी, आंड देन यू विल्ल बेग मी, बेग मी टु फक यू, आंड आई, आई विल फक यू नाउ, आई वांट टु फक यू टुमारो, डे आंड नाइट एवरीडे…”

मैंने मोम को सुनाने के लिए कहा- “पागल हो गया है तू जा यहां से…” जबकी मैंने उसे पास खींच लिया। और उसने मेरी छोटी सी गाण्ड के मासूम से छेद पे अपना तगड़ा लण्ड रख दिया, वो एकदम खतरनाक गरम था मेरी तो अभी से बज गई, और तब, ओह्ह गोड क्या बताऊँ यार।

आगे भी इसी तरह से ये खेल चलने लगा, भाई ने मुझे दरवाजे से सटा दिया और जोर-जोर से शाट मारने लगा, हर धक्के से दरवाजा बज रहा था। पता नहीं अंदर मोम की क्या हालत होगी? भाई ने मेरे बाल पकड़कर मेरी बैक आर्च बना दी।

मोम ने आगे क्या कुछ नहीं सुना? क्या नहीं सोचा? उसकी बेटी अपने भाई को रोक रही है और उसका भेनचोद भाई खुद को मादरचोद मानकर उसको अपनी माँ यानी खुद मुझे चोद रहा है। मैं नंगी ना होती तो तो, ये क्या मेरी चूत कैसे? ओह्ह… नहीं, मैं ये नहीं चाहती, बाहर मेरे दोनों बच्चे चुदाई कर रहे हैं, मैं यहां। मोम ने सुना वो उनकी चूत तक गूँज रहा था, वो फट-फट के जोर के फक्क चोदू धक्के मोम की चूत को गीला कर रहे थे, इतना की उनसे रहा नहीं गया।

भाई- “येस्स फक मोम, आपकी गाण्ड को रोज-रोज देखते थकता नहीं, आज से आप मेरे लण्ड को लेते थकेंगी नहीं…”

मैं- “आह्ह… छोड़ (लीव मू) मुझे आह्ह… माँ…”

भाई- “हाँ… हाँ चोद (फक) ही तो रहा हूँ…” भाई ने जंगली होकर कहा। सच में वो अब जंगली हो गया था।

मोम ने सुना अपने बेटे को उनके बारे में ऐसा कहते, ऐसा जो उनके यार कहते हैं, वो जो उनकी चूत को फाड़ के रख देते हैं, वो जो मोम को तीन-चार लण्ड को लेते देखना पसंद करते हैं, और वो ये सब अपनी बेटी से भी सुनती है, और उसको कहती भी है, पर बाहर उनकी बेटी ये रोक रही है, अपने भाई को बार-बार मना कर रही है। मोम को सुनाई दिया ये सब पर दिखाई नहीं दिया की उनकी बेटी खुद आगे-पीछे होकर अपने भाई का लण्ड ले रही थी।

आल आई नो दिस बिकाज आई हर्ड हर वाय्स, हर मोन। भाई ने कंप्लीटली इग्नोर कर दिया मोम की सिसकारियां। उसको लगा की मैं ही हूँ पर अंदर की फिल्म अलग थी। 

मे बी, मोम को भी मजा आ रहा हो, भले ही उनको लगे की बाहर भाई ने मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे पकड़कर चोद रहा हो, मैं नहीं जानती। लेकिन अंदर की आवाज से लग तो यही रहा था, हो सकता है की मोम कल्पना कर रही हो की भाई उनको चोद रहा है और उसके हर धक्के पर अपनी चूत में उंगलियां डाल रही हों? जो भी हो पर रण्डी माँ और उसकी रण्डी बेटी मजे ले रही हैं। 

भाई ने मुझे दरवाजे पे दबा के चढ़ के चोदा, बेरहमी से चोदा, एक मशीन की तरह मेरी चूत में अपना बड़ा लण्ड डाले जा रहा था। मैं पहली बार अपने भाई का ये रूप देख रही थी, मैं तो सातवें आसमान में थी, उसने पहले कभी ऐसे मस्त नहीं पेला मुझे, मजा आ गया रियली। भाई ने भी यही कहा, जब उसने मेरी चूत से अपना अपना लण्ड बाहर निकाला। मेरी चूत से उसका रस बह रहा था, और मुझसे खड़ा नहीं रहा गया। उसके रूम से जाने के बाद मैं बेड पर गिर गई।

मोम को बाहर आने में वक़्त लगा। मैं आँखें बंद करके लेटी रही। जब मोम आखिरकार बाहर निकली बाथरूम से, तो मोम धीमे से मेरे पास आकर बोली- “मोना…”

मैं चुप रही और मोम मेरे सिर पे हाथ फेरते हुए मेरे पास बैठी रही। मैंने आँखें खोलकर उनके इंप्रेशनलेश, एमोशनलेश चेहरे को देखा।

मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।

फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”
 
मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।

फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”
मैंने हैरान होकर पूछा- “आपको कैसे पता चला की मैं नाटक कर रही थी?”

मोम ने मुश्कुरा कर कहा- “अभी-अभी पता चला, तूने ही तो बताया…”

मैं अपना सिर पकड़कर- “अरी यार…”

मोम हँसने लगी- “भले ही तू घर में मोम होने का नाटक कर ले, पर इस घर में सिर्फ मैं ही माँ हूँ समझी हाहाहा…”

मैं- “जरा कपड़े पहन लो, वरना सच में भाई अपनी माँ को चोद देगा…”

मोम ने शरारती होकर कहा- “और अगर मैं ऐसा ही चाहूं तो?”

मैं- “हाँ… मोम यू सच आ…” कहकर मैंने उनको पकड़कर मेरे ऊपर गिरा दिया और अपने नीचे करके खुद उनके चेहरा पर बैठ गई- “तो ये लो फिर…”

मोम ने मुझे हटाने की खूब कोशिश की पर वो मुझे हटा नहीं पाई। मैंने पीछे झुक के दोनों हाथ पकड़ लिए और मोम ने कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोला ही था की मेरी भाई के रस से भरी चूत उनके होंठों पे लग गई। मोम एकदम से रुक गई जैसे साँप सूंघ गया हो, सीना ऊपर-नीचे हो रहा था और मेरी क्लिट पर गर्म साँसें पड़ रही थीं। मोम खुद को रोके हुए थी, तभी मुझे एक गीला एहसास हुआ, एक नर्म कातिलाना इस्स्स… वो चीज शर्माकर घबराती धीरे-धीरे मुझे छू रही थी, आ इस्स्स… हाँ उसका डर चला गया था, उसकी शर्म चली गई थी, वो दिलेरी से मेरी गुफा में बढ़ चली, आ कितना मजेदार था।

पहले मोम ने अपनी चूत से किसी पराए का टेस्टी रस पिलाया था और अभी मैं मोम को उनके ही बेटे का रसीला वीर्य पिला रही थी, हिसाब बराबर नहीं था। पर एक दिन हो जाएगा इसका मुझे पक्का यकीन था, मेरा दाँव बड़ा था, मुझे भी मोम के दाँव का इंतेजार रहेगा।

मैंने मोम के हाथ छोड़ दिए और उनके चेहरा की तरफ देख रही थी, जो मेरी जांघों के बीच था। मोम आँखें बंद किए थी, दो मिनटों बाद मेरी चूत के अंदर एक मस्तानी, लपलपाती जीभ सैर करते हुए सारा खजाना निकालने में जुट गई, मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था।

मैं- “ओह्ह गोड शिट… आई लाइक इट सक दिस होल, इट्स युवर्ज़ टोटली युवर्ज़, आह्ह… आई लोव यू, आह्ह… उम्म… उन्ह… इस्स्स…”

मोम ने सारा सामान निकाल लिया था, तब उन्होंने अपनी आँखें खोली और मेरी आँखों में देखने लगी। सो सेक्सी, सो हाट सो ब्यूटीफुल। मैं कुछ ऊपर हुई और उंगली डालकर बाकी बचा निकालने लगी और मोम बेशर्म होकर पूरा मुँह खोलते हुए इंतजार कर रही थी। हम एक दूसरे को सेक्सी स्माइल पास कर रहे थे। 

तभी दरवाजे पर नाक हुई- “दीदी, मैं नहाने जा रहा हूँ, आप भी आ जाओ…”

मैंने अपनी जांघों के बीच मोम की आँखें देखते हुए कहा- “तू चल मैं आई…” तभी कुछ आखिरी बूंदें मोम के मुँह में जा गिरी, भाई के जाने के बाद मैं मोम के ऊपर से हट गई।

मोम ने जीभ को होंठों पे फेरते हुए कहा- “नाइस ट्रीट…” 

मैंने सोचा- “ओह्ह… गोड यकीन नहीं होता, मोम कैसी औरत हैं?”

मैं- “यू फकिंग होर… और चाहिए तो बुला लेते हैं उसे, वो डाइरेक्ट आपको पिला देगा…”

मोम हँसकर बोली- “कैसे पिलाएगा, अभी तो तुझ पे खाली किया है?”

मैं- “अच्छा बड़ी आई, तो फिर अंदर क्यों बैठी रही, बाहर आ जाती…”

मोम ने शर्माकर कहा- “चल जा अब…” और बात खतम हो गई।

मैं उठी और दरवाजे को बंद करके निकल रही थी। मैंने देखा मोम बेड पे लेटी हुई छत की तरफ घूर रही थी, उनका चेहरा अपने एमोशन्स को दबा रहा था। मुझे पता था, आज मोम के साथ एक बड़ी बात हो चुकी थी और उसको आक्सेप्ट करने में मोम को टाइम लगेगा। पता नहीं मोम को जितना मैं जानती हूँ वो या तो फ्यूचर में भाई से करवा लेगी, या फिर हो सकता है वो मुझे करने से रोकेगी, पर जो भी हो मोम को नींद तो नहीं आएगी, कम से कम आज रात, और फिर मैं मोम को अकेला छोड़कर भाई के रूम की तरफ चली गई।

बाथरूम में भाई और मैंने क्वालिटी टाइम बिताया लेकिन कोई सेक्स नहीं। उसने मुझे कहा- “थैंक्स दीदी, आपने मोम बनकर क्या मजेदार बना दिया दिया…” 

मैं- “लेकिन आइडिया तो तेरा ही था ना? लेकिन ये तो बता तुझे ये सूझा कैसे? कहीं हाहाहा?” मैंने मजा लेते पूछा।

भाई कुछ शर्माकर बोला- “प्लीज़्ज़… आप मोम को मत बताना, असल में मैं कभी-कभी मोम को मोम की तरह नहीं देखता हूँ, ऐसा लगता है की आई वांट हर उम्म… क्या कहूँ? मैं उनको चाहता हूँ…”

मैं- “क्या-क्या फिर से बोल मैं समझी नहीं…” भाई चाहता है मोम को मतलब सभी बच्चे अपनी मोम को नहीं चाहते क्या?

भाई- “आपने ईडाइपस कांप्लेक्स के बारे पढ़ा है?”

मैं हैरान होकर बोली- “कैसा कांप्लेक्स? कोई बीमारी है?”

भाई- “रहने दो…”

मैं- “अरे बोल ना? चल चल मैं मजाक नहीं करूँगी…” लेकिन मुझे हँसी भी आ रही थी।

भाई मुझे घुमा फिर बोलने लगा- “ईडाइपस कांप्लेक्स में बेटे में अपनी मोम के लिए फीलिंग पैदा होती हैं, सेक्सुअल वाली…”

मैं- “ओह्ह… तो तुझे ये बीमारी हुई है और तू मोम के साथ सोना चाहता है, वाउ…”

भाई- “शटअप… आप समझोगी नहीं…”

मैं- “लुक, तू मोम को चाहता है, सेक्सुअली, तो अब आगे क्या मोम को जाकर बोलेगा?”

भाई- “वो देखेंगे कभी, पर मैं ये कह रहा था की आपका चेहरा आंड फिगर मोम की तरह ही है, तब मैंने ऐसा आज किया, समझी?”

मैं- “अच्छा समझी, लेकिन कहीं तू मेरे साथ मोम की वजह से तो नहीं?”

भाई- “मोम के लिए मेरी फीलिंग अलग है, और आपके लिए अलग, आई लोव यू, बोथ आफ यू…”

मैं सोच में पड़ गई, फिर भाई ने मुझे गले लगाया और मेरी भीगी चूचियां उसके सीने पे दब गईं- “दीदी आप मेरी बड़ी सिस्टर हो, मेरी दोस्त और गर्लफ्रेंड भी, लेकिन मैं मोम को अलग तरह चाहता हूँ, आई लोव हर सो मच…”

मेरा दिल धड़क रहा था और मैंने प्यार से पूछा- “सच में?”

भाई- “एस…”

मैं- “तो फिर तुझे जरूर मोम को बताना चाहिए, अपने आपको दबाकर मत रख, हो सकता है मोम भी तेरी फीलिंग समझ जाएं…”

भाई- “थैंक्स दीदी, मुझे समझने के लिए…”

मैं- “और हाँ अगर तू चाहे तो, तू मुझे मोम मानकर भी प्यार कर सकता है, शायद मैं तेरी हेल्प कर सकूं…”

भाई- “रियली आप ऐसा करोगी मेरे लिए?”

मैं- “हाँ… तेरे लिए कुछ भी मेरी जान…” मैंने उसको एक लम्बा किस किया और भाई ने मुझे पूरी ताकत से जकड़ के किस किया, हम फिर अलग हुए। मैंने कहा- “लेकिन एक शर्त है?”

भाई- “ओह्ह… तेरे लिए कुछ भी… एनी टर्म आंड कंडीशन अप्लाई? हा?” उसने हँसते हुए कहा।

मैं शरारती होकर अपनी एक टाँग भाई के लण्ड पे लगाकर बोली- “मैं मोम बनूँगी अगर तू मुझे वैसे ही मस्त चोदेगा जैसे आज चोदा है…”

भाई ने मेरी चूचियां अपने दोनों हाथों में भर लिए- “ओह्ह… रियली? यू लाइक दैट?”
 
मैंने उसके लण्ड को कस के पकड़कर कहा- “यस्स बेबी, आंड आई वांट फक, आ रियल हार्डकोर। यू नो वाट आई मीन, बिग बाय?” कहकर मैं घुटनों के बल बैठ गई और उसके बड़े लण्ड को अपने चेहरे पे मारते हुए भाई को देखने लगी। फिर मैंने उस शैतान को अपने मुँह में ले लिया- “उम्म्मा लुक ऐट दैट, सो ब्यूटीफुल…”

भाई- “ओह्ह…” 

फिर मैं अपना मुँह हिलाने लगी, और फिर एक डीप थ्रोट- “प्पाअह्ह… उस्स्स फक…” फिर से मैं काम पे लग गई, उसके बाद मैंने उसको मुँह से निकाला और बाल्स को चूसने लगी, फिर दूसरी फिर पहली फिर जीभ को लण्ड के बेस पे लगा के उसकी पूरी लंबाई नाप ली।

मैं- “सो बिग बाय यू वांट टु हैव मम्मीस माउथ ओन योर काक?”

भाई- “वाउ… यस्स…”

मैं- “टेल मी वाट यू वांट बेबी, मम्मी वांट टु हियर वाट हर सन वांट्स फ्राम हर?”

भाई- “ओह्ह शिट… मोम्म प्लीज़्ज़… सक माई काक…”

मैं- “ऐज यू विश सन…” मैंने आँख मारी और जोरों से उसके लण्ड पे अपना मुँह चलाने लगी। मैंने उसको जम के चूसा, और मस्त ब्लो-जोब के बाद मैंने उसके टेस्टी वीर्य को अपने मुँह में भर लिया। फिर उसको मुँह खोलकर दिखाया की उसने कितना सारा प्यार मुझे दिया है, और फिर मैं उस प्यार को गटक गई।

मुझे नेहा के घर भी जाना था इसलिए मैंने उसको ब्लो-जोब ही दिया। लेकिन एक मस्त ब्लो-जोब अपने प्यारे भैया के लिए, उसके बाद हम बाथ लेकर बाहर आ गये। मैंने भाई से पूछा- “वो शब्द तो बताना, वो कांप्लेक्स क्या था?”
भाई अंडरवेर पहनते हुए बोला- “वो क्यों?”

मैं- “क्योंकी आई लोव यू आंड आई रियली केयर अबाउट यू, इसलिए मैं इस बारे में जानना चाहती हूँ…”

भाई ने मुश्कुराते हुए कहा- “ये ईडाइपस कांप्लेक्स है, और हाँ ये लड़कों में होता है और गर्ल्स में एलेक्ट्रा कांप्लेक्स…”

फिर जब मैं भाई के रूम से निकली तब मोम कही भी नहीं थी। मैंने टाइम देखा और नेहा ने मुझे बुलाया था इसलिए मैं तैयार होकर आ गई ब्लैक शर्ट (नो ब्रा) आंड ब्लू पैंटी आंड शार्टस पहनकर, भाई काउच पर बैठा हुआ था।

मैं- “ओके बाइ…”

भाई- “अब कहां?” 

तभी मोम मुख्य दरवाजे से घर के अंदर आ गई, उन्होंने वही आफिस वाले कपड़े पहने हुए थे जो सुबह पहने थे, लगता था मोम इस तरह से आना चाहती थी की लगे को आफिस से आ रही हैं।

मैंने मोम को शैतानी भरी स्माइल के साथ कहा- “हाय मोम, बड़ी देर लगा दी? अच्छा मुझे अपनी दोस्त के घर जाना है, मैं चलती हूँ, बाइ…” और मोम को किस करने के बहाने धीरे से कहा- “मेरे पीछे कुछ करना मत…” फिर मैं अलग हो गई।

मोम ने भी धीरे से कहा- “क्यों ना करूं कुछ? बड़ी आई खुद मजे लेकर मुझे मना करने वाली…” 

मेरा मुँह खुला रह गया, काश भाई को भी पता होता की मोम भी उसको कितना चाहती हैं, वाट आ लोव स्टोरी, हाए… मेरे तो आँसू आ गये।

मोम ने मुझे चुप रहने का लुक दिया, पर कुछ ना बोली और अपने रूम में चली गई। मैं अक्तिवा से नेहा के घर पहुँच गई, नेहा के पैरेंटस को नमस्ते बोलकर उसके रूम में गई, वो किसी से बात कर रही थी मोबाइल पर, बात करते हग किया और मैं बेड पर बैठ गई।

नेहा- “और हाँ हाहाहा, अच्छा अभी मैं बस निकाल ही रही हूँ। हाँ हाँ… बाइ जानू, म्मूआह, बाइ हाहाहा शटअप, मारूँगी हाँ ओके बाइ बाइ…”

मैं- “हो गया?” मैंने बोरियत के साथ कहा- “यार कितनी बात करती है? कब से बैठी हूँ पता है?”

नेहा- “सारी तुझे और इंतेजार करना पड़ेगा हमें एक छोटी सी पार्टी में जाना है…” ये बोलते हुए नेहा वार्डरोब से ड्रेस निकालकर देखने लगी। 

मैं- “पार्टी? कैसी पार्टी?” 

फिर नेहा ने अपना टी-शर्ट उतार दिया और ब्रा भी, 32” साइज के डीडी चूचियों के साथ टापलेश नेहा बोली- “सूरज का बर्थ-डे है (नेहा का बायफ्रेंड) ये ड्रेस कैसी लगेगी?” कहकर 4’11” की हाइट की नेहा ब्लैक फिट आंड फ्लेर ड्रेस लेकर खड़ी थी।

मैं- “गुड, पर पहले बताती ना मैं भी पार्टी ड्रेस पहन के आती…”

नेहा- “अरे कोई बात नहीं, इसमें भी तो सेक्सी लग रही है, वैसे भी उसने बोला था की कम लोग ही आएंगे…” ये कहते हुए उसने बेड पर पाजामा और पैंटी भी रख दी, अब नेहा मेरे सामने पूरी नंगी थी, 32-24-32 स्लिम और सेक्सी बाडी वाली सांवली सलोनी नेहा सेक्स बाम्ब लग रही थी। 

तैयार होकर हम नेहा की कार से चल पड़े, सूरज और उसके कुछ दोस्त वहां थे, पर मैं सिर्फ सूरज को ही जानती थी। एक मिड ट्वेंटी उम्र का हैंडसम बंदा मुझसे फ्लर्ट करने लगा और मैं भी टाइम पास करने के लिए उससे बातें करने लगी, हर्ष नाम था उसका और सेक्सी मसटेक-बियर्ड थी।

हमने लास्ट में अपने नंबर शेयर किए और फिर वो चला गया, सबके जाने के बाद भी नेहा ने मुझे घर जाने से रोके रखा, और खुद सूरज से चिपकी हुई थी।

हम तीनों ड्रिंक लेकर बातें कर रहे थे की वो दोनों अब रोमांटिक बातें करने लग गये, मैं अपना फोन लिए बैठी थी, पहले भी नेहा और सूरज हम गर्ल्स के सामने किस कर लिया करते थे, पर अभी नेहा कुछ ज्यादा ही हार्नी हो गई थी। वो सूरज की पैंट पे अपना हाथ फेरते हुए किस करने लगी और सूरज उसकी चूचियां दबा रहा था की तभी नेहा ने अपनी चूचियां बाहर निकाल दी।

सूरज एकदम रुक गया, उसने नेहा को मेरी तरफ इशारा किया। 

नेहा- “डोन्ट वरी अबाउट हर, कम हियर बेबी सक माई टिट्स…”

मैं अपने माथे पे हाथ फेरते हुए बोली- “नेहा…” 

पर नेहा ने सूरज के सिर को अपनी चूचियों में धंसा दिया। वो भी क्या करता। 

उसको चूचियां चूसते हुए देखकर मैं बोली- “ठीक है, मैं जा रही हूँ…”

नेहा- “आ अरे मैं कैसे घर जाऊँगी आ…”

मैं- “घर जाने की क्या जरूरत है? मजे कर ना यहीं पे पूरी रात भर…” अपने हाथों को सीने पे रखते हुए मैंने अपना गुस्सा जाहिर किया।

नेहा सिसकते हुए बोली- “बस कुछ देर स्स्स…” फिर उसने सूरज को कहा- “एन यू, फक मी…”

सूरज- “चलो रूम में चलते हैं, मोनिका आई एम सो सारी…”

मैं- “इटस नोट योर फाल्ट, ये निंफो ऐसे नहीं मानेगी, ओके करो जो तुमको करना है…” कहकर मैं वापस साइड में बैठ गई। 

नेहा ने सूरज की पैंट जिप खोल दी और उसके लण्ड को निकाल के 4-5 मिनट चूसने के बाद वापस लेटकर अपनी टाँगें फैला दी। वो दोनों मेरे सामने दबा-दब शुरू हो गये और मेरी गीली हो गई। पर मैं देख रही थी की उनको प्राब्लम हो रही थी, क्योंकी वो कपड़े पहने हुए थे, और पैंट की जिप नेहा को ना लगे इसलिए सूरज सिर्फ आधा ही डालकर चोद रहा था और नेहा लण्ड के पूरे मजे नहीं ले पा रही थी।

मैं- “तुम लोग नंगे क्यों नहीं हो जाते?”

नेहा- “जैसे अब तक तुझे कोई प्राब्लम ही नहीं है ना?” कहकर उसने मेरी तरफ देखा- “ओह्ह… आंड यू कैन डू दैट? हाँ?” उसने मुझे शार्ट के ऊपर ही मसलते देख लिया।

मैं- “अरे मैं क्या करती? इतना सेक्सी लड़का मेरी दोस्त को चोद रहा है, और मेरी गीली ना हो, ऐसे थोड़े ना चलता है?”
 
सूरज धक्के मारते हुए बोल पड़ा- “फक आई कान्ट फक लाइक दिस, मोनिका मैं तुम्हारी बात मान लेता हूँ…” कहकर वो नंगा हो गया और नेहा को नंगा कर दिया और मैंने शार्टस में हाथ डाल दिया। नेहा की जांघों को पकड़कर सूरज उसको जम के चोद रहा था और नेहा टिट्स को पकड़े चिल्ला-चिल्ला के उसको और जोर से चोदने को बोल रही थी।

नेहा को मैं कई बार सेक्स करते देख चुकी थी, मेरे लिए ये नई बात नहीं थी। पर सूरज को मैं पहली बार नंगा देख रही थी, मस्क्युलर बाडी के साथ 6” इंच के लण्ड के ऐसे स्टैमिना की वजह से नेहा तड़पकर झड़ गई, और मैं बस अपनी चूत मसलती रह गई।

उसने अब नेहा को उठा लिया और नेहा को उछाल-उछाल के चोदने लगा, पहले उसने नेहा की जांघ पकड़ रखी थी, अब उसने रुक कर नेहा के पैर पकड़ लिए अब नेहा खुद उछल के मारने लगी। अब सूरज नेहा को अपने बेडरूम में ले जाने लगा। 

जाते हुए नेहा ने कहा- “बस थोड़ी देर और फिर हम चलते हैं…” 

मैं क्या करती, इसलिए मुझे अकेले ही एल आर्गैज्म से काम चलना पड़ा। फिर गाने सुनती हुई और ड्रिंक के साथ नीचे सोफे पे बैठी सोचती रही की नेहा अपने पैरेंटस की वजह से फालतू मुझे अपने साथ ले आई। अच्छा होता की घर पे ही रुक जाती, पता नहीं मोम और भाई क्या कर रहे होंगे?

ऊपर से कुछ देर बाद उन लोगों की आवाजें मुझे और भी बोर करने लगीं, घर में हम तीन ही थे पर नेहा को कुछ तो ख्याल रखना चाहिए था। खुद अकेली मरवा रही थी और जोर-जोर से चिल्ला-चिल्ला के चुदाई करा रही थी।

आधे घंटे बाद नेहा नंगी ही नीचे आ गई, बेशर्म अपनी चूचियों पर अभी भी अपने यार का दूध लगा के घूम रही थी, मुझे वो वीर्य चिढ़ा रहा था, मेरे पास आकर उसमें ड्रेस अपने ऊपर डाल ली और हम निकल के कार में बैठ गये।

नेहा- “तू क्यों मुँह फूला के बैठी है?”

मैं गुस्से से बोली- “कुछ नहीं रहने दे…”

नेहा- “अरे बोल ना?” फिर मुझे छेड़ते हुए- क्यों तुझे भी चाहिए था क्या?”

मैं- “नो थैंक्स, तूने बोला की थोड़ी देर, और मैं पक गई तेरी सुन-सुन के, हाँ…”

नेहा मुझे मनाने लग गई। पर गुस्से में मेरा मूड खराब ही रहा, उसके घर पहुँचकर बाइ बोलकर मैं अक्तिवा से घर आ गई, मैं धीरे से मोम के रूम में गई देखने के लिए की कहीं?

पर मोम सिल्क ब्लैक किमोना पहने सो रही थी, इसलिए धीरे से दरवाजा बंद करके मैं भाई के रूम में गई, वो भी सो गया था। फिर अपने रूम में चली गई, मैंने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ ब्लू पैंटी जो अब भी गीली थी पहने बेड पर धम्म से लेटते हुए सो गई।

अगले दिन मैंने जैसा सोचा, वैसा कुछ नहीं हुआ। मोम रोज की तरह टी-शर्ट पाजामा पहनकर नाश्ता कर रही थी, और भाई उनके पास ही चाय के साथ न्यूसपेपर पढ़ रहा था। हाँ, जब मैं गुड मार्निंग बोलकर उसके सामने बैठी और हमारी आँखें मिलते ही स्माइल आ गई, मोम ने भी महसूस किया।

मैं- “मोम कल आप कब गई?”

मोम ने न्यूसपेपर नीचे करके मुझे देखा- “हाँ… मैं बताना भूल गई, कल आफिस से काल आया और उसकी वजह से बिन बताए जाना पड़ा…” फिर मोम ने न्यूसपेपर से अपना चेहरा छुपा लिया।

मैंने भाई को देखा और आँख मारी। भाई हँसने लगा।

मोम न्यूसपेपर के पीछे से बोली- “ह्म्म… क्या जोक है? मुझे भी बताओ, मैं भी हँसू…”

भाई- “नथिंग मोम…”

मोम- “और मोना तुम कब वापस आई, सुबह तुम उठ ही नहीं रही थी…”

मैं- “पता नहीं टाइम नहीं देखा, और अपने मुझे जगाया था?”

मोम- “हाँ… पर तुम तो गहरी नींद में थी इसलिए मैंने तुझे सोने दिया…”

मैं- “ह्म्म…”

कालेज पहुँचकर मैं अपनी दोस्तों से मिली, हम सभी नेहा की टाँग खींचने लगे की उसको तो पोर्न-स्टार बन जाना चाहिए। हम गर्ल्स बात कर रहे थे की रेहान आ टपका, वो मुझसे बात करने के लिए साइड में बुलाने लगा। उसी टाइम मैंने कामया के पैर पे अपना पैर मारा। 

कामया ने रेहान के बीच में बोला- “मोना क्लास के बाद तू भी चल मेरे साथ…”

मैंने कहा- “ठीक है?”

मैं उसके साथ उठी और रेहान को बाइ बोलकर हम 6 गर्ल्स वहाँ से निकल गईं, थोड़ी दूर जाकर कामया बोली- “उसके साथ क्या हुआ तेरा?” 

मैं- “कुछ नहीं, फोकट में चूत के मजे लेना चाहता है, हाँ…”

आकांक्षा हँसते हुए बोली- “अच्छा तो पैसे लेकर कर ले उससे…” और बाकी गर्ल्स भी हँसने लगी।

कामया- “वैसे भी वो छिंदी टाइप के लड़कों के साथ घूमता है…” फिर हम क्लास में जाकर बैठ गई।

क्लास के बाद मैं अक्तिवा स्टार्ट की तब मेरा फोन बजने लगा, मैंने कुछ गुस्से में कहा- “अरे आज नहीं…” पर स्क्रीन पे अकरम की जगह पे हर्ष लिखा हुआ था, मैं सोचने लगी ये कौन हो सकता है?

मैं- “हेलो…”

हर्ष- “हाय, हाउ आर यू?”

मैं याद करते हुए बोली- “फाइन आंड यू?”

हर्ष- “अच्छा मैं कल पार्टी के बाद से सोच रहा था… तब मुझे याद आया, तो आज मिल सकते हैं?”

मुझे हर्ष अच्छा लगा था तो मैंने उसको कहा- “ओके 8:30?”

हर्ष- “येस 8:30 इस फाइन…”

फिर मैं घर की ओर रवाना हो गई। शाम को मैं सोचने लगी की क्या पहनूं क्योंकी हर्ष बायफ्रेंड बनाने वाला लड़का लग रहा था? मिडी के बारे में तो सोच नहीं सकती अभी, जंपर उम्म नोप, मिनी स्केटर ड्रेस ठीक है, तो मैंने रेड ब्रा पैंटी की जगह मैचिंग के लिए ब्लैक कलर में पहन लिए, और लाइट मेकप, मोम भाई को बाइ बोले के मैं कार लेकर गई।
 
हर्ष पहले ज्यादा सेक्सी दिख रहा था, हल्की बियर्ड और मसटेक जंच रही थी, फिर हम बात करने लगे, वो किसी मैगेजीन में जूनियर एडिटर था, उसकी आँखें मुझे दीवाना बना रही थीं, ऐसे लग रहा था की वो मुझे अपने काबू में कर लेंगी। अफ्फ… बड़े दिनों बाद कोई ढंग का लड़का मिला था।

तभी सब गड़बड़ हो गया, उस फैन्सी रेस्टोरेंट में एक सूटेड आदमी के पीछे कुछ मवाली टाइप का बंदे ने मुझे देख लिया और मेरी तरफ आ गया। मेरी धड़कन बढ़ गई- “अरे ये तो वोही अकरम के क्लब वाला लड़का है जो अपने साथियों के साथ हमारे रूम में घुस आया था और फिर उन्होंने हमें चोदा था…”

वो मेरे पास आया और अपनी सारी बकवास उड़ेलने लगा, कहने लगा की उस रात को बहुत मजा आया और इस वाले की तो रात रंगीन होने वाली है। फिर कब आओगी वहाँ पे? हर्ष उठाने को हुआ की मैंने उस मवाली की गुड्डी पकड़ी और पूछा- “अपना नाम बता?” 

आस-पास के कुछ लोग हमें देखने लगे।

लड़का- “ओह्ह… इतनी भी बेचेनी हो रही है, किशन नाम है मेरा…”

मैंने अब धीरे से उसको गुस्से में कहा- “सुन भोसड़ी के, छुप जा जाकर कहीं पे, क्योंकी तेरे बाप को मैं बताने वाली हूँ तेरे बारे में, वो तुझे गाड़ के रख देगा, तो हरामजादे अपनी जान बचा ले…” और उसको धक्का दे दिया।

हर्ष मुझे देखता रह गया, और वो साला लपकेबाज डर से मुझे देखकर वहाँ से चला गया। मैं क्या-क्या सोच रही थी और सब कचरा हो गया, मैंने अपना पर्स उठाया और जाने लगी।

हर्ष- “अरे कहा जा रही हो?”

मैं उदास आवाज में बोली- “घर, थैंक्स फार एवरीथिंग, गुड नाइट…”

हर्ष उठा और मेरा हाथ पकड़ लिया- “हमारी डेट पूरी नहीं हुई अभी तक…”

मैं- “तुम मुझ… मुझसे अब भी बात करना चाहते हो, वो सब सुनने के बाद भी?”

हर्ष ने मुझे वापस चेयर पे बिठाने के लिए चेयर आगे की, पर मैंने आसपास के लोगों की तरफ देखा और कहा- “हर्ष मैं यहां नहीं रुकना चाहती…” 

ये सुनकर हर्ष ने कहा की चलो। फिर हम बाहर निकले और हर्ष ने कहा की उसकी कार में बैठते हैं। मैं सोच रही थी की वो अब भी मुझसे क्या चाहता है? फिर भी मैं उसके साथ उसकी कार में बैठ गई। उसने मुझसे पूछ की मैं ठीक हूँ? मैंने जवाब नहीं दिया। 

उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा- “मोना, तुम अपना मूड मत खरा करो, वैसे भी तुम जैसी ब्यूटिफुल गर्ल को देखकर रास्ते पे भी लोग हूटिंग करते होंगे, पर तुम उनपे ध्यान कभी देती हो? इस पर भी मत ध्यान दो…”

मैं- “थैंक्स…”

हर्ष- “वैसे तुमसे सच कहूँ तो मैं कल किसी कालगर्ल से मिलने वाला हूँ…”

मैं अपना माथा पीटना चाहती थी, यार ये लड़के भी ना? पर कम से कम ये हर्ष तो वैसा नहीं लग रहा था। कोई बात नहीं ये अब बायफ्रेंड बनाने लायक तो नहीं, पर साला हैंडसम होने की वजह से एक रात तो बिताने लायक है।

हर्ष- “तुम सच में ये काम करती हो?”

मुझे अब कोई फर्क नहीं पड़ता की ये मेरे बारे में क्या सोचता है फिर मैंने कहा- “हाँ…”

हर्ष- “वाउ… तुम तो कल वाली से भी ज्यादा हाट आंड हाई लगती हो हाँ, और मैं यहाँ उसको टीज देने वाला था…”

मैंने सीट पे आराम से धंसते हुए उसको देखा। 

हर्ष बोला- “क्या?”

मैं- “हर्ष, तुम एक नंबर के कमीने हो। पता है तुमको?”

वो हँस पड़ा- “वो कैसे?”

मैं- “तुम एक लड़की को डेट पे ले जाते हो, जबकी अगले दिन एस्कार्ट के साथ डेट फिक्स है। तुम दूसरे लड़कों से भी गिरे हुए हो…” मैंने कुछ स्माइल से कहा।

हर्ष भी स्माइल के साथ बोला- “एस्कार्ट तो रात तक रहती है, गर्लफ्रेंड उससे ज्यादा, पर तुम मुझे उससे भी ज्यादा रुकने वाली लग रही थी…”

मैं- “ओह्ह… हो हो, साहब को गर्लफ्रेंड चाहिए?”

हर्ष- “अच्छा तो फिर तुम यहाँ पे क्यों आई?”

मैं- “तुम बोलो? मैं क्यों आई?”

हर्ष ने मुझे एक सेक्सी सा लुक देकर कहा- “सेम, तुम भी बायफ्रेंड ढूँढ़ रही हो…” मेरे चेहरा को देखकर कहा- “सही कहा ना? तुम भी किसी के साथ रहना चाहती हो, कम से कम कुछ हफ्ते के लिए? नहीं?”

मैं कुछ देर तक उसको देखने के बाद बोली- “पर तुम वो लड़के नहीं हो जिसको बायफ्रेंड बनाऊँ…”

हर्ष कुछ पास आकर बोला- “हाँ… रेट ना सही तो एक रात ही सही, बायफ्रेंड नहीं तो कस्टमर ही सही…”

मेरा दिल धड़कने लगा और मेरे मुँह से निकला तो मुझे भी हैरानी हुई- “ठीक है फिर मिस्टर कस्टमर… क्या? मैं क्या बोल रही हूँ?

हर्ष हँस के पीछे हुआ- “अपनी रेट बताओ…”

मैं- “40, दो घंटे के लिये…”

हर्ष- “ओके, ओके, चलो फिर…” उसने अपनी कार स्टार्ट की।

मैं- “हे मैं अपनी कार से आई हूँ…” 

उसने अपनी कार रोकी और मैं जाकर अपनी कार में बैठ गई, स्टियरिंग ह्वील को पकड़कर मैं अपने तेजी से भागते हुए दिल को संभालने लगी। मोना तू क्या कर रही है, अभी के अभी घर चल। पर पता नहीं क्यों मैंने कार स्टार्ट की और उसकी कार के पास लाकर रोकी और कहा- “गाइड मी…”

उसके पीछे चलते हुये मेरा दिमाग बार-बार मुझे रोक रहा था, पर मुझे लगा की एक रात की ही तो बात है। नहीं एक रात की नहीं, वो फिर काल करेगा, तो उसको जवाब नहीं दूँगी। अरे घर चल बड़ी आई कालगर्ल बनने वाली। किसी को पता नहीं चलेगा। हे हे ये वाली गली में मुड़ जा, सीधा घर की तरफ जाती है, ओह्ह… शटअप, एक रात और पैसे भी और मजा भी, मोम को भी बताऊँगी नहीं इस बारे में, जा जो करना है कर? और फिर मेरा दिल नार्मल हो गया।

उसने लाइट ओन की, जब उसके घर के अंदर पहुँचे, उसने कहा की बेडरूम में चलते हैं। और फिर मैं उसके पीछे चल पड़ी। बेडरूम के अंदर पहुँचते हुए मुख्य दरवाजे पे रुक गई। उसने लाइट ओन नहीं की पर रूम में हाल की और बाहर की रोडलाइट अंदर आ रही थी, वो मुझे 8 फीट दूर खड़ा मुझे देख रहा था, किसी सेक्सी फिल्म की तरह का दृश्य लग रहा था।

मैं रूम में एक कदम बढ़ा के अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया। हर्ष मेरे पास आने लगा। मैंने लाइट का स्विच देखा और लाइट ओन करने के लिए हाथ बढ़ाया। पर हर्ष मेरे एकदम पास पहुँच गया और उसने मेरा हाथ रोक दिया। उसके मजबूत हाथ ने मुझे दरवाजे पे धक्का दिया और मेरे दोनों हाथों को मेरे सिर के ऊपर कर दिए, उसके होंठों ने मेरे होंठों को चूम लिया और मेरी बाडी उसकी बाडी से दब गई।

उसके दूसरे फ्री हाथ ने मेरी जांघों पे सरकते हुए हेम को ऊपर करने लगी फिर वो मेरी चूचियों तक पहुँच गया और मेरी दाई चूची को कस के पकड़ लिया, फिर वो अपना हाथ मेरे बालों पे ले गया और उनको पकड़कर नीचे धकेलने लगा, ताकी मैं अपने घुटनों के बल बैठ जाऊँ। उसने जिस हाथ से मेरे दोनों हाथ पकड़े हुए थे उससे अपनी पैंट को खोलकर उसने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया। मैंने अपना मुँह उसकी ओर ले जाना चाहा पर मेरे बालों को पकड़े हाथ ने मुझे रोके रखा।

खिड़की से आती रोडलाइट कमरे में पड़ रही थी, उस डिम लाइट में मैं देख सकती थी की उसके लण्ड के सुपाड़े पर प्री-कम की एक बूँद, मेरे चखे जाने का इंतेजार कर रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा, अपने होंठ काटते हुए कातिल नजरों से उसको देखना चाहा की उसने मुझे उस मोती से दूर रखकर वो अच्छा नहीं कर रहा।
 
खिड़की से आती रोडलाइट कमरे में पड़ रही थी, उस डिम लाइट में मैं देख सकती थी की उसके लण्ड के सुपाड़े पर प्री-कम की एक बूँद, मेरे चखे जाने का इंतेजार कर रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा, अपने होंठ काटते हुए कातिल नजरों से उसको देखना चाहा की उसने मुझे उस मोती से दूर रखकर वो अच्छा नहीं कर रहा।
“बेग फार इट…” हर्ष ने हल्की फुसफुसाती आवाज में कहा- “बेग लाइक दि कम-स्लट यू आर, बेग फार योर मास्टरस काक…”

मैंने मासूमियत से कहा- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… सर, मे आई टेस्ट योर काक? आई नीड इट, आई नीड तो फील इट इन माई माउथ…”

उसने मेरे बालों पे अपना हाथ फेरा और कहा- “यू नीड माई काक? ह्म्म… आई एम नोट सो श्योर एट, यू मे वांट इट बट यू डोन्ट साउंड लाइक यू नीड इट…”

मैं- “प्लीज़्ज़… आई बेग यू, कैन आई हव योर फैट काक इन माई माउथ? प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… इसको मेरे गले में उतार दो, प्लीज़्ज़… मेरी जबान इस भारी टेस्टी लण्ड को चखने के लिए तड़प रही है…” 

मेरी मदहोश आवाज से वो शैतानी मुश्कान लेकर मुझे देख रहा था। 

मैं- “प्लीज़्ज़… पुट योर काक इन माई माउथ…” मैंने धीरे से कहा। 

जब वो पास आया जब वो मेरी बात से पिघल गया- “माई डर्टी लिटिल होर? यू वांट टु सक दिस काक अंटिल आई कम?” ये कहते हुये उसने पर्मिशन दे दी।

वो लण्ड मेरे होंठों के एकदम पास आ गया मुझे चूमने। मैंने अपने होंठ उसपर लगा दिए, अपनी जीभ उसपर धीरे से फेरकर उसके लण्ड के बेस को पकड़कर उसको अपने मुँह में ले लिया और धीरे से उसको पोप की आवाज से निकाला, फिर अपना सिर आगे पीछे करके उसको चूसने लगी, उसको चूसा बार-बार। फिर उसके लण्ड को चूमते हुए मैं बाल्स तक पहुँच गई। एक को मुँह में लिया और जीभ का दबाव बनाते हुए अंदर मुँह में घुमाने लगी, फिर दूसरे को लिया, मैं फिर से पीछे हुई और लण्ड पे लग गई, वो रसीला लण्ड मेरी तालू पर लग रहा था।

मैंने फिर उसको अपने मुँह के आखिर तक ले गई और वो मेरे गले तक चला गया, उसको बाहर निकाल के मैंने कुछ साँस ली और फिर से उसको मुँह में लेने लगी अपना सिर हिला-हिला के।

उसने धीरे से कहा- “सच आ गुड लिटिल स्लट… सक दैट काक…”

मैंने उसको पूरा मुँह में ले लिया जितना ले सकती थी, फिर उसको निकाला पर सुपाड़ा अंदर ही रखा और अपने दाँत उसपे कुछ गड़ा दिए। 

हर्ष- “ओह्ह ये कटती भी है, आई लोव मी काक सकिंग होर…” 

मैंने उसको देखा और फिर लण्ड को अंदर मुँह में लिया। मैं एक परफेक्ट पोजीशन में बैठी थी उस लण्ड को अपने मुँह में लेने के लिए।

हर्ष- “यू लाइक दैट काक इन योर माउथ, डोन्ट यू? इज डर्टी लिटिल होर एंजाय दिस काक?”

मैंने अपना हिलता सिर रोकते हुए उसके लण्ड को मुँह से निकाला- “एस आई लोव इट…” 

और हर्ष ने मेरे बालों को पकड़कर मुझे अपने कंट्रोल में ले लिया- “माई कम स्लट नीड माई काक इन हर माउथ, आंड नाउ आई गिव इट टु यू…” उसने रोबदार आवाज में कहा। फिर वो मेरे मुँह को अपने लण्ड से तेजी से चोदने लगा। 

गूँ-गूँ-गूँ की आवाज मेरे मुँह से आने लगी। 

हर्ष ने कहा- “रिमूव योर क्लॉत्स आंड पिंच योर टिट्स, आई वांट टु सी माई होर प्लेयिंग वित हर बिग चूचियां वाइल आई एम फकिंग हर माउथ…”

मैंने अपने कपड़े उतार दिए और उसने एक हाथ से अपनी शर्ट। हम अब नंगे थे और सेक्स के भूखे, उसने मेरे सिर को दोनों हाथों से पकड़ा और पूरा लण्ड मेरे मुँह में उतार दिया, मेरे होंठों पे उसकी बाल्स टच हो रही थी, फिर उसने अपना लण्ड निकाला और मेरी साँस में साँस आई। फिर उसने वापस धक्के लगाने शुरू कर दिए, उसका लण्ड मेरे गले तक वो उतार रहा था, और फिर उसने गुर्राते हुए पिचकारी छोड़ दी और मैं उसको घूँट पर घूँट लेकर पीने लगी।

हर्ष ने मेरे बालों से अपना हाथ हटा दिया। मैंने उसके लण्ड को पकड़कर उसको पूरे जोर से चूसा, ताकी कोई भी माल बाकी ना रह जाए। फिर पोप की आवाज से मैंने उसको अपने मुँह से आजाद कर दिया। मैं खड़ी हुई और उसको एक लंबा पैशनेट किस दिया। उससे अलग होकर मैंने उसके लण्ड को पकड़ा और बेड की तरफ ले गई और उसको साथ लेकर धम्म से बेड पर गिर गई। मैंने उसके बालों में अपनी उंगली डालकर मस्त किस किया जब तक वो मेरी चूचियों को मसलता रहा। वो नीचे गया और एक चूची को मुँह भर के चूसने लगा और दूसरे को मसलने।

मैं- “आ सक देम आल्ल योर्स…” कुछ देर बाद मैंने उसके सिर को और नीचे धकेला। 

हर्ष चूमते-चूमते मेरी चूत तक पहुँच गया।

मैं- “लिक माई होर कंट…” मैंने उसके बाल पकड़कर उसको कहा। 

हर्ष ने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फेरी।

मैं- “आऽ लिक इट अगेन…”
हर्ष ने मुझे स्माइल दी फिर मेरी चूत पे उसकी जीभ लपलाने लगी।

मैं- “आह्ह… शिट यू लोव इट, यू लाइक टु सक होरस डर्टी कंट, डोन्ट यू?” 

हर्ष- “एस…” 

मैं हँस पड़ी- “पुट योर टंग इनसाइड मी आंड फक इट विद इट…” मैंने उसके बालों को पकड़कर अपनी चूत पे उसका सिर धंसा दिया। 

और हर्ष मेरी चूत में अपनी जीभ को सैर कराने लगा, उसने गोल-गोल घुमाई और आगे पीछे की।

मैं- “अह्हस्स यू सच आ गुड कंट लवर, यू डोन्ट केयर हाउ मेनी काक्स हैव फक्ड माई लिटिल फकिंग पुस्सी, यू नो ना?” कहकर उसके सिर को मैंने पीछे किया। 

और हर्ष ने कहा- “मुझे पता नहीं कितनो से तुम चुदा चुकी हो पर ये अभी भी फ्रेश है…” और फिर से वो अपनी जीभ लपलपाने लगा। 

हर्ष की बात से मुझे सेंटर फ्रेश की लाइन याद आ गई “सेंटर फ्रेश- कैसी जीभ लपलाई…” मेरी फ्रेश चूत के सेंटर में उसकी जीभ लपलपा रही थी, मुझे हँसी आ गई- “आह्ह… फक मेक मी कम आह्ह… सक मी चूत हार्डर…” 

और हर्ष मेरे दाने को मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगा और अपनी जीभ रगड़ने लगा।

मैं- “अपनी जबान बाहर निकालो…” 

हर्ष- “क्या?” 

मैं- “डू इट ऐज आई से…” 

और हर्ष ने जीभ बाहर निकाल दी। 

मैं हर्ष के सिर को पकड़कर अपनी चूत पे रगड़ने लगी “आह्ह… उम्म… आऽ…” मेरे अंदर बाढ़ की चेतावनी मिलने लगी, और करेंट दौड़ने लगा, मैंने उसके सिर को छोड़ दिया। 

हर्ष मेरी जांघों और कमर को पकड़कर तेजी से मेरी चूत चाटने लगा, सिसकते और मोनिंग करते हुए मैं झड़ गई। मैंने अपनी चूत पे हाथ फेरते हुए कहा- “गुड बाय…”

फिर हर्ष मुझ पे चढ़ के आगे आया, उसका लण्ड प्री-कम की लार छोड़ रहा था, मैंने एक उंगली से उसको लिया और मुँह में डाल लिया, फिर मैंने अपनी चूचियों के बीच थूका और उसका लण्ड अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों के बीच में रख दिया। वो धक्के लगाने लगा।

हर्ष- “सो ब्यूटिफुल…” उसने अपना लण्ड चलाते हुए कहा। उसने कुछ देर मेरी चूचियों को चोदा और फिर मेरे मुँह में लण्ड डाल दिया, मैंने उसको कुछ देर लेने के बाद उसको छोड़ दिया, वो मुझ पर से हटा और बेड के दूसरे कोने तक जाकर वापस आया।

हर्ष ने कंडोम लगाकर पूछा- “रेडी फार आ राइड…”

मैं पलट के डागी स्टाइल में आकर अपनी गाण्ड ऊँची करके बोली- “श्योर…”
 
उसने एक तेज झटके से अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया, और मैं चीख पड़ी, उसने लण्ड पूरा अंदर तक डाला और धीरे से बाहर निकाला, फिर तेज झटके से डाला और मेरी चीख से उसको मजा आने लगा।

मैं- “फक मी फास्ट आंड हार्डर…” 

हर्ष ने मेरी गाण्ड को पकड़कर और जोर का धक्का मारा, और तेजी से फिर एक फिर एक फिर एक “आ फक फक एस्स हार्डर हार्डर, रैम योर फकिंग काक…” मेरी चूचियां झूलने लगीं, बेड बजने लगा, उसके बाल्स मेरी चूत को मारने लगे और उसका लण्ड मेरी चूत मारने लगा। वो मेरे बाल पकड़कर मुझे कुतिया की तरह चोदने लगा, मेरी चूत उसके लण्ड को और तेजी से लेना चाहती थी। मैंने अपनी चूत की मसल्ज़ को सिकोड़ के लण्ड की हर नसश को महसूस करने लगी।

हर्ष- “आ फक वाह… वाट आ टाइट कंट…” उसने कहा, फिर मुझे पे झुक गया- “आह्ह… शिट आह्ह…” कहकर वो झड़ रहा था। 

मैंने पीछे देखा और उसको किस किया, उसके बाद वो हटा और चूत से अपना लण्ड निकाल दिया, मैं घूमकर उसकी तरफ हो गई, कंडोम को उतार के साइड में फेंक कर लण्ड को मुँह में ले लिए।

हर्ष बोला- “मेक इट हार्ड अगेन…”

मैं उसको बेड पे लेटाकर लण्ड चूसने लगी और वो मुझे देखने लगा। मैंने अपने बाल झटते और फिर सेक्सी लुक के साथ उसके लण्ड को जीभ से कम हियर के इशारे से फेरने लगी, वो इस स्टाइल से हाट होने लगा और लण्ड में फिर से ब्लड भरने लगा, उसके पूरे तन जाने पर मैं उठी और कंडोम कहां पे है का इशारा किया।

उसने बताया और मैं अब खुद सवारी करने के मूड में थी, कंडोम चढ़े लण्ड को मैंने मिजाइल लांचिंग मोड पे खड़ा किया, मैं उसपे बैठने वाली थी पर पहले मैंने उसको अपनी चूत के होंठ खोलकर उसकी तरफ देखा और कहा- “नाउ यू विल्ल नो मी कंप्लीटली…” और उस लण्ड पे आह्ह… करती बैठने लगी। 

और वो लण्ड लांच होकर मेरी चूत में दूर अंदर जाने लगा। अब मैं उसके ऊपर कूदने लगी और पट-पट की आवाज रूम में भर गई, मेरी चूचियां मजे से झूल रही थीं- “ओह्ह… फकिंग डैम इट…” मैंने अपनी चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगी। 

हर्ष नीचे मजे ले रहा था- “यू वांट दिस बेबी?” 

मैं- “ओह्ह… येस…” कहकर मैं आगे झुकी और हर्ष उनको मसलके चूमने लग गया, कुछ देर बाद मैं उठी- “यू वांट सी माई बिग बट? वाइल आई अम फकिंग योर डैम काक?” और फिर मैं उठी और घूम के फिर उसके लण्ड पे बैठ गई।

हर्ष- “ओह्ह… माई गोड, आई लोव योर बट आंड टिनी लिटिल गाण्ड का छेद…” उसने उनको पकड़कर कहा।

मैंने बाल झटक के पीछे देखकर कहा- “पुट योर उंगली इनसाइड माई आस…” और उसने उंगली डाल दी और मैं उसके लण्ड पे धीरे-धीरे हिलने लगी- “उउउह्ह… नाउ रिमूव दैट उंगली आंड पुट योर थंब…” मैंने आर्डर दिया।

हर्ष ने किया, फिर मैं अपनी गाण्ड उठा-उठाकर लण्ड पे पटकने लगी। उसने कहा की मैं उसके ऊपर लेट जाऊँ, मैं धीरे से पीछे की तरफ हुई और उसने मेरी चूचियां पकड़कर मुझे ऊपर ले लिया। फिर उसने मेरी गाण्ड को पकड़कर उठाया और अपने चूतड़ों को हिलाकर मेरी चूत में लण्ड डालने लगा। अब मेरे दोनों पैर हवा में उपर हो गये और वो ह्म याअ उह्ह… ताकत लगाकर मेरी चूत मारने लगा। मेरी हालत खराब होने लगी, उसका लण्ड गाजाब की स्पीड में मेरी चूत में डालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी, हम दोनों आवाजें निकाल रहे थे।

हर्ष “हाँ… हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ…”

मैं- “आह्ह… मेरी चूत आह्ह फक… मर गई… ओ माँ…” और मेरी चूत से फुहार निकाल पड़ी। उसके जस्ट बाद वो भी झड़ गया, और हम बेड पे ढेर हो गये। अपनी आँखें बंद की, हमारा सीना तेज साँस लेते हुए ऊपर-नीचे हो रहा था।

कुछ देर बाद हम होश में आए, उसने मुझे देखा और मैंने उसको, हम हँसने लगे- “दैट वाज आसम…” 

“यस रियली इस वाह…”

उसके बाथरूम में बाथटब में गरम पानी में नहाया। मेरे बदन में कुछ ताकत आई, ताकी मैं चल सकूं, उसके बाद बाहर आकर मैंने अपने कपड़े पहने, उसके बाद मैंने उसको किस दिया और मुझे उसने हजार के 40 नोटों की गड्डी।

“थैंक्स…” हर्ष ने कहा। 

मैंने अपना पर्स उठाया और पैसे उसमें रखे और उसको हग करके मुख्य दरवाजे तक गई। 

तब हर्ष ने मुझसे पूछा- “डू यू वांट अनदर डेट?”

“नो…” मैंने दरवाजा बंद करते हुए स्माइल के साथ कहा, और वहाँ से चली आई।
घर पे पहुँचने पर अजीब महसूस हो रहा था, लाइक में क्या करके आई हूँ? उस टाइप से, नहीं तो रात की ठंडी हवा से मुझे अब अच्छा महसूस हो रहा था। दरवाजे पे खड़े होकर मैंने सोचा की अभी तो 11:40 हुए हैं, भाई मोम टीवी देख रहे होंगे, जो भी हो अभी मैं ठीक दिख रही हूँ कोई प्राब्लम नहीं, फट से अपने रूम में चली जाऊँगी।

जब मुख्य दरवाजे से अंदर आई तो देखा मोम और भाई अपने रूम में ही हैं, दरवाजा बंद कर रही थी तब मैंने देखा की भाई मोम के रूम से बाहर आ रहा था, उसने मुझे देखा और रुक गया, उसके नीचे टेंट बना हुआ था, पर क्यों?

मैं- “तू मोम के रूम में क्या कर रहा था?”

भाई धीमे से बोला- “श…”

मैं उसके पास और गई, और उसके लण्ड की तरफ इशारा करके धीरे से पूछा- “बोल…”

भाई ने पीछे मोम के रूम की तरफ देखा, फिर स्माइल के साथ बोला- “मैं मोम से बात करने उनके रूम में गया पर वो बाथरूम में हैं…”

मैं अपना सिर हिलाकर बोली- “और तूने उनको देखा, क्यों?”

भाई- “मैंने सुना की… …”

तभी मोम अपने रूम से बाहर आई- “क्या सुना?”

भाई मोम की तरफ घूमने वाला था पर मैंने उसके कंधे पकड़ लिए ताकी मोम भी उसके टेंट को ना देख लें। मैंने मोम की तरफ देखकर कहा- “कुछ नहीं भाई फालतू की बात कर रहा था…” 

फिर भाई की तरफ देखकर- “आंड आई एम नोट इंट्रेस्टेड…” फिर मैं मुड़ गई और अपने रूम में जाने लगी। 

तभी मोम ने पूछा- “कैसी रही तेरी डेट?”

मैंने बिना मुड़े कहा- “मैं डेट पे नहीं गई थी मोम…” और सीढ़ियां चढ़ के अपने रूम की तरफ चली गई।

मैंने दरवाजा बंद किया और सीने पे हाथ रख लिया। फिर मुझे हर्ष का मुझे चोदना याद आया- “हाँ…” 

मैं आगे बढ़ी और अपने सारे कपड़े उतारने लगी, उनको डम्पस्टोर में डालने के बाद बेड के एक कोने पर बैठ गई। मुझे फिर मेरा उसके लण्ड को पकड़ना याद आया, और फिर उसका मुझे पैसे देना, मैंने पर्स लिया और उसमें से रूपये निकले और उनको देखने लगी- “कल इनको बैंक में डालना होगा…” मैं धीरे से बोली- “पर अभी कहां रखूं?”

मैंने उठकर कपबोर्ड खोला और नीचे मेरे कुछ पर्स पड़े थे उसमें से एक में मैंने वो पैसे रख दिए, और फिर मैं बाथरूम चली गई। क्योंकी मुझे अब भी ठीक नहीं लग रहा था, नहाते-नहाते मुझे खयाल आया की जो भी मैंने किया वो बुरा भी नहीं था, मतलब पहले भी तो मोम के साथ मिल के। और हमें पैसे भी तो मिले थे, और फिर तो लड़का भी मुझे पसंद था, नहीं तो एस्कोर्टस को कैसे लोगों के साथ रहना पड़ता है, चाहे पसंद हो या ना हो उनको झूठ-मूठ का स्माइल करते रहना मजबूरी होती है, पर मेरे साथ तो ऐसा नहीं था, लड़का भी ठीक था और सेक्स तो मजेदार था ही।
 
जब बाथरूम से बाहर आई तब मैं सेक्सी सा महसूस कर रही थी, आ क्लास हाँ। मैंने कपबोर्ड खोला और ब्लैक कलर की थोंग पहनकर कपबोर्ड बंद करके बेड पे लेट गई मोबाइल लेकर, आकांक्षा आनलाइन थी तो उससे इधर-उधर की बात की, और मेरा मन कर रहा था किसी को बताने को, किसी से इस बारे में बात करना चाहती थी। पर अभी सही टाइम नहीं है, कुछ देर बाद नेट आफ करके लेटकर खिड़कियों की तरफ देखने लगी। मुझे कुछ आइडिया आया कुछ पागलपन भरा, पर्स से पैसे निकले और फिर उनको मैंने अपनी थोंग के आगे की तरफ रख दिया और उसकी पिक ले ली। 

जैसे भी मैंने ये कमाए हों, पर साली रण्डी की कमाई है जो चाहे वो करूं। उसके बाद बेड पे लेट गई और थोंग उतारकर गड्डी को चूत के ऊपर रखा, परफेक्ट पिक, तीन हिस्सों से चूचियां और चूत को कवर किया, ल्लकक। फिर और ढेर सारी पिक्स ली अलग-अलग पोज में।

“अरे पागल बस कर…” दिमाग में एक आवाज ने कहा। 

मैंने पैसे वापस रख दिए और थोंग पहन ली। फिर एक सफेद जांघों तक की टी-शर्ट पहनकर नीचे किचेन को चली, क्योंकी रेस्टोरेंट में खाना कहां खा पाई थी।

मोम और भाई सोफे पे बैठे टीवी देख रहे थे।

मोम- “मोना ये क्या पहना है तूने?”

मैं- “मोम कुछ खाने को है?”

मोम- “तू खाकर नहीं आई? मुझे लगा की तू डेट पे गई है तो हमने खाना खा लिया, सच में तूने कुछ नहीं खाया?”

मैं वीर्य का नाम तो नहीं ले सकती थी- “थोड़ा ही खाया पर अभी भूख लगी है…”

मोम- “अभी कुछ बनाती हूँ, और कुछ पहन नीचे, बच्ची नहीं है तू अब…” मेरे पास से निकलते टाइम मोम ने कहा, पर मैं उनको स्माइल से देखती रही। पर मोम ने वापस मुझे स्माइल नहीं दी- “जबकी आदी घर में सबसे छोटा है…”

भाई- “क्या?” उसका ध्यान मूवी पे था, तो उसने सिर्फ अपना नाम ही सुना।
मैं उसके पास बैठते हुए बोली- “कुछ नहीं, ये कौन सी मूवी है?”

भाई- “मैड मक्स…”

मैं- “अजीब है ये तो, हाँ… वैसे इतने लोग उसके पीछे पड़े क्यों हैं?”

फिर बस यूँ ही मूवी देखकर टाइम पास किया और मोम ने मुझे पराठे और केचप लाकर दिए और मेरे सिर पे किस करके चली गई सोने।

मैं- “थैंक्स मोम…” मैंने कहा।

“लोवे यू…” मोम ने अपने रूम की तरफ जाते हुए कहा।

भाई थोड़ी देर बाद जाने लगा तो मैंने उसको बोला- “मूवी नहीं देखनी?” 

भबाई- “एह पड़ी है अपने पास, आप ही देखो, और दिखाओ…”

मैंने इशारा किया। 

तो उसने कहा- “हाँ… बहुत नींद आ रही है अभी, गुड नाइट…” और उबासी लेते हुए वो भी चला सोने। 

मैं अकेली, टीवी और ये गर्म पराठे, किसी को पता भी है मैंने आज किया क्या है? ‘स्टुपिड’ पता नहीं क्यों मेरा मन जैसे शांत नहीं था। खाना खा लिया, मूवी भी पूरी देख ली, पर नींद नहीं आ रही थी। लैपटाप लिया और फिर मुझे याद आया की भाई ने कुछ कहा था, क्या था? ओदेपूँ कांप्लेक्स, फिर लैपटाप साइड में रखा और मोबाइल में सर्च किया

“ओदेपूँ कांप्लेक्स मदर सोन इन्सेस्ट…” तो मुझे दो चीजें मिली, एक तो भाई ने कहा था “ईडाइपस कांप्लेक्स…” सनस सेक्सुअल इक्षो फार हिज मदर वाली पर एक चीज और थी “जाकसता कांप्लेक्स…” जो था मदर तो डाटर।

“माँ की आँख…” मेरे मुँह से निकला, और फिर मैं पढ़ने लगी।

मोबाइल साइड में रखकर मैं सोचने लगी- “यार ये तो गजब है, परिवार में इतना कुछ…” मुझे खयाल आने लगा की मैं, भाई और मोम, या फिर डैड भी। शुरू हो गये तो क्या होगा?

पर मैं डैड को इस तरह नहीं देखती, डैड ह्म यक। नो नो नो, पर भाई और मेरा तो बहुत पहले से चल रहा है, मोम और ब्रो? नहीं उन लोगों ने तो किया ही नहीं है, अगर किया होता, तो मोम मुझे बता देती ना। हाहाहा… हम तो पार्टनर हैं ना इस चीज में। और भाई ये नहीं कहता की उसको फीलिंग है मोम के लिए, वो कहता- “दीदी आपकी चूत मोम से ज्यादा टाइट है…” मोम तो भाई को साफ मना कर दें। पर मोम मुझे कभी-कभी चकित कर देती हैं, वो कभी ना कभी भाई का ले ही लें।

फिर मुझे खयाल आने लगा की डैड तो काफी टाइम से आउट आफ इंडिया हैं, तभी तो मोम। भाई मोम को डैड से ज्यादा अच्छा लगता हो यंग और स्मार्ट। जैसे जाकसता वाली थियरी में था, पर मोम ने भाई को अपनी सेक्सुअल इक्षो पूरी करने के लिए इश्तेमाल नहीं किया है। अगर बता दूं भाई के बारे में मोम को तो? वो दौड़ पड़ेगी उसके रूम की तरफ? नहीं नहीं, ये इतना भी आसान नहीं है, पर हो तो?

मेरी आँखें बंद थी, पर मैं कल्पना कर रही थी- दो बदन, बड़े बेताब। मैं बेड पर करवट लेने लगी, टिट्स एकदम हार्ड हो गये और उनको मैं पकड़कर और जोर से आह्ह। मैंने आँखें बंद किए सोचा, सोचा की एक लाल पर्दे के पीछे दो प्यार के प्यासे तड़प के आपस में लिपटे हुये हैं, एक दूसरे में डूब रहे हैं।

एक आग पैदा हो गई उन गर्म शरीरों से, और वो फैलने लगी, वो जो लाल परदा था उसको भी जलाने लगी, सब कुछ जलने लगा, बेड, तकिया, सब। पर वो नंगे बदन जल नहीं रहे थे, वो पशीना-पशीना थे और उनसे गर्मी निकलने लगी थी, आग उनको जरा सा भी नुकसान नहीं पहुँचा पाई। शायद प्यार था, जिसने उनको बचा के रखा था, फिर एक औरत की आअह्ह।

मेरी आँख खुल गई, मेरा सीना, मेरा बदन गर्म हो गया था और मैं पशीने से नहा गई थी। रूम में अंधेरा था और रात का सन्नाटा चारों तरफ था। वो सपना था, उस आअह्ह से मैं जाग गई थी और देखा की मेरी चूत भी जागी हुई है। मैं उठ बैठी और उस गीले कपड़े को उतार दिया, अग इस्स्स… सो वेट, सो हाट, मसला उसे मैंने पर वो नहीं मानी, डाली उंगलियां उसके अंदर पर उसने कहा की ये वीर्य है, वीर्य है?

आखिर मुझे उसकी बात माननी पड़ी, और चली भाई के रूम की तरफ। भाई अपने रूम में सो रहा था, धीरे से उसके पैरों के पास लेटी, नीचे किया, पकड़ा और उम्म्म… वो भी सोया हुआ था। क्या मैं जगाऊँ उसे या उसके मलिक को। भाई सोते हुए बड़ा प्यारा लग रहा था।

मैंने लण्ड को देखा- “गुड नाइट…” कहा और उसपे प्यार से किस किया।

मैं धीरे से भाई के पास गई और बेड पर लेटकर सोने लगी। कुछ देर बाद भाई का हाथ नींद में मेरे नंगे बदन पर पड़ा, मैं उस हाथ को अपनी हथेली में लिए अपनी चूचियों पर रखकर सो गई। मैं इंतेजार करने लगी की कब भाई को पता चलेगा की उसकी सेक्सी नंगी बहन उसके पास चुदने को तैयार लेटी हुई है। अगले मार्निंग मेरी आँख खुली।

भबाई- “ह्म्म… गुड मार्निंग दीदी…” 

कुछ होश आने पर सही में मार्निंग बहुत ही गुड महसूस हो रही थी- “आऽ गुड मार्निंग ह्म्म… क्या सुबह-सुबह शुरू हो गया आह्ह…”

भाई धीरे-धीरे स्पून पोजीशन में मेरी मासूम चूत के छेद को बड़ा कर रहा था, कहा- “इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। हाँ हाँ जब वर्ल्ड की सबसे हाट गर्ल मेरे बेड पर मार्निंग टाइम पर नंगी पड़ी मिले तो मैं क्या, कोई भी इसके अलावा और कुछ कर नहीं सकता है। हाँ हाँ आई लोव यू दीदी यू अरे दि बेस्ट हाँ हाँ…”

फिर क्या था, मैं पीछे भाई को किस करने लगी और भाई मेरी जांघ पकड़कर मेरी चूत में लण्ड घुसाये जा रहा था- “उम्म… आऽ उन्ह… उन्ह… ओके, उह्ह… उह्ह… ओह्ह… देन स्टाप फकिंग योर सिस्टर, उन्न् हाँ हाँ हाँ औच्च… रब इट, रब इट एस्स…”

उसने मुझे तड़पाया भी और चुप होने को भी कहा, ये गलत है। मैं घूम गई और लण्ड निकाल गया, किस किया और फिर भाई के ऊपर चढ़ गई, लण्ड को पकड़ा और उसको गाण्ड का छेद पे टच किया, और कहा- “बहुत ही गर्म है आज तो, नींद नहीं आई साहबजादे को?”

भाई- “नींद तो बहुत ही अच्छी आई पर अभी भूख लगी है…”

मैं- “रुको कुछ बना दूं पहले…” लण्ड को चूत पे सेट किया और पीछे को हो गई उफफ्फ़… क्या चीरता हुआ गया अंदर।
 
भाई ने मेरी गाण्ड को पकड़ लिया और वो उसको उठाने लगा और मैं बिठाने लगी, स्लो आंड सेक्सी आह्ह… इट्स फील गुड ऊओगूदड़, थोड़ी देर बाद उसने मेरी गाण्ड को ऊपर किया और भाई तेजी से चुदाई करने लगा, उसने मुझे जम के चोदकर मुझे एक बार झड़ा दिया और फिर से काम पर लग गया।

पता नहीं भाई में इतना स्टेमिना कहां से आ गया था, या तो वो अपनी सिस्टर के साथ सेक्स कर रहा था इस वजह से, या फिर वो सच में एक जबरदस्त चुदक्कड़ था, जो भी था, भाई ने मेरी लाइफ और भी रंगीन बना दी थी, मेरी चूत पानी निकाल रही थी और मेरा मुँह चीखें।

भाई- “दीदी धीरे, मोम सुन लेंगी…” कहकर उसने मुझे कमर से पकड़ा और मुझे पे चढ़कर मेरे मुँह पर हाथ रख दिया, पर खुद पलंग बजा-बजा के मेरी फाड़ने लगा। 

मेरे पूरे बदन में करेंट दौड़ रहा था और मेरे पैर जल रहे थे। मैं खुद पर काबू कैसे रख पाती? जब उसने और दो बार मेरा पानी निकाल दिया। मोम अगर जागी हुई हुई तो पक्का उन्होंने सुन लिया होगा। फिर भी मेरे मुँह से घुटी-घुटी सिसकारियां निकल रही थीं।

तभी भाई मेरे चेहरे पर आ गया और मेरे मुँह में अपना लण्ड घुसेड़ दिया, फिर मैंने कुछ देर चूसकर उसको मुँह से निकाला और अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों के बीच रख दिया। 

भाई ने शाट लगाने शुरू कर दिए- “अह्ह… ओह्ह…” बोलते हुए झड़ गया, जिससे मेरी चूचियां उसके बहुत सारे वीर्य से नहा गईं, पर मैं पी नहीं पाई। और वो मुझे किस करके मेरे साइड में लेट गया। 

मैं बेड पर निढाल पड़ी रही और अपनी उंगली से वीर्य लेकर अपने मुँह में डाल रही थी। मार्निंग के 6:30 बजे थे, मैंने देखा की भाई को थकान से वापस नींद आ गई। 

ओह्ह… आऽ करते हुए अटपटे तरीके से में खड़ी हुई और रूम से बाहर निकलकर अपने रूम की तरफ जाने लगी।

“कम हियर, यू डर्टी स्लट…” एक कड़क आवाज आई।

मैंने पलट के मुड़कर पीछे देखा तो मोम अपने हाथ सीने पर बांधे खड़ी थी, टीन टैंक टाप और योगा पैंट पहने पशीने से नहाई मोम गजब की हाट लग रही थी, पर उनका चेहरा किसी होमवर्क चेक करने वाली टीचर की तरह लग रहा था।
 
मोम- “फालो मी…” कहकर वो मुड़कर डाइनिंग टेबल की तरफ जाने लगी। 

मैं चुपचाप उनके पीछे जैसे तैसे चल दी।

फिर मोम ने रुक कर कहा- “च च च… अनेबल तो वाक। वाट आ होर। नाउ सिट…”

मैं बैठने लगी। 

तभी मोम ने कहा- “ओन दि टेबल, यू बिच…” पता नहीं मोम क्या करने वाली थी। 

मैं टेबल पे चढ़ गई। तभी मोम मेरे पास आई और उन्होंने मेरी गर्दन पकड़ ली। फिर एक उंगली से मेरी चूचियों पर लगे भाई के वीर्य को लिया और उस उंगली को ध्यान से देखकर मेरी आँखों में देखकर कड़क आवाज में कहा- “वाट इस इट?”

मैं- “मोम…” 

मोम ने मेरी गर्दन को और जोर से दबा दिया। 

मैं- “आऽ मोम… मेरी हालत तो देखिए…”

मोम- “मैंने पूछा क्या है ये?”

मैं- “आ-आप जानती हो ना…” 

मोम ने उस उंगली को मेरे मुँह में डाल दिया- “चखो इसे, फिर बताओ की क्या है ये?”

मैंने मुँह नीचे कर लिया, पर मेरी नजर नीचे मोम की चूत पे गई, योगा पैंट पर चूत का उभार साफ दिख रहा था, जिसको कैमल-टो कहते हैं।

मोम- “बोलो?”

मैं- “वीर्य…”

मोम के चेहरा पर हल्की सी स्माइल आ गई फिर उसी कड़क आवाज में कहा- “तुझे शर्म नहीं आती अपने भाई के साथ सेक्स करते?”

मैंने महसूस किया की मोम के इस स्टाइल से मेरी चूत में घंटी बज रही थी। मैंने कहा- “आइ एम सारी…” फिर मैंने अपने कंधे पे लगी वीर्य लाइन को अपनी उंगली में लिया- “बुत इट्स नोट माइ फाल्ट, ही डिड दैट टु मीं…”

मोम- “ओह्ह… रियली। आंड वाट अबाउट यू? यू डर्टी होर। यू फकिंग ब्रोदर-फक्कर…”

मैं- “आई कान्ट हेल्प वित दैट, आई एम अडिक्टेड टु माइ ब्रदरस सीमेन, जस्ट लाइक यू…” तभी मैंने उंगली मोम के होंठों पर लगा दी।

मोम झटके से पीछे हो गई- “मोना। वाइ यू… वाइ अरे यू डूयिंग दिस। दिस इस एनफ। हद है, मैंने तुझे बहुत ही छूट दे दी है…” 

मैं कुछ नहीं बोली।

मोम मेरे एकदम पास आकर धीरे से बोली- “आदी तेरा भाई है और तू, तुझे उसके साथ ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए और तू उसको बढ़ावा दे रही है, और अब वो तेरी ये हालत कर रहा है…”

तभी ना चाहते हुए उनकी जीभ ने होंठों पर लगे सफेद मिल्क को टेस्ट कर लिया। मोम ने अपने होठों पे लगे वीर्य को अंदर लिया, वो कुछ मदहोश सी हो गई फिर, और मेरे कंधे से वीर्य लिया और उंगली मुँह में ले ली। मैं चकित हो गई। मोम कर क्या रही है? लगता है वो कोई सेक्सी खेल खेल रही है या पागल हो गई है? मोम चाहे कितने भी नखरे कर लें, पर मैं अच्छी तरह से जानती थी अपनी मोम को। नीचे अब कैमल-टो पूरा गीला हो गया था। मोम के चेहरा पर लस्टी स्माइल थी।

मैं धीरे से बोली- “दैटस मी मोम। होर मोम…” 

मोम ने मुझे स्माइल दे के ‘होर मोम’ खिताब को आक्सेप्ट किया। फिर उन्होंने कड़क आवाज में कहा- “अगली बार ध्यान रखना, यू विल्ल नोट फक आदी अगेन। ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए तब तक…” फिर मेरी चूत को जोर से मसल दिया और कहा- “जब तक की मैं तुझे ऐसा करने को ना कहूँ…” और जोर से मेरी क्लिट को मरोड़ते हुए- “अंडरस्टैंड?” 

मैं तड़पती हुई बोली- “आह्ह… आह्ह… एस एस मम्मी…”

मोम- “गुड, अब अपने रूम में जाओ…” और फिर वो पलट के जाने लगी।

मैं टेबल से फुदक के उतरी और फट से मोम की योगा पैंट को पकड़ लिया और नीचे खींच ली।

मोम- “आ…” हम दोनों ने नीचे देखा।
मैं- “और आप मुझे डाँट रही थी…”

मोम- “मैंने कुछ तो पहना है…” कहकर मेरी चूचियों पे चपत लगा दी।

मैं- “और जो कैमल-टो दिख रहा था। वो?” कहकर मैंने स्लिट में उंगली डाल दी। 

कुछ देर बाद मैंने मोम को टेबल पे झुका दिया। योगा पैंट जांघों तक ही उतरी थी, ताकी भाई के आ जाने से जल्दी सही किया जा सके। दोनों बड़ी-बड़ी गोरी गाण्ड के गोलों को पकड़कर फैलाते हुए मैंने अपना चेहरा घुसा दिया। अंगूठे को गाण्ड के छेद में डालकर चूत को चाटने लग गई।

मोम- “आऽऽ बस कर, आदी देख लेगा…” 

मुझे पता था की वो वापस सो गया था इसलिए कोई टेन्शन लेने की जरूरत नहीं थी। मैं दो उंगली को चूत में डालकर बोली- “मोम उसको भी तो पता चलना चाहिए ना की उसकी माँ कितनी बड़ी रण्डी है…”

मोम- “आऽ इस्स्स…” करने लगी।

मैंने आगे कहा- “उसको कितना अच्छा लगेगा की उसकी मोम उसके दूध की दीवानी है…” 

मोम और तड़पने लगी।

मैंने आगे कहा- “मुझे पता है आपने अपनी चूत मसलते हुए हमको सेक्स करते सुना, है ना?” 

मोम तड़प के बोली- “हाँ…”

फिर मैंने कहा- “कितनी बेचारी हो आप…” मैं मोम की चूत में तीन उंगली डालकर जोर से चोदने लगी- “मुझे पता है आप अपने बेटे का लण्ड चाहती हो। आप चाहती को की ये वीर्य वो सीधा आपके मुँह में डाले…” 

मोम ने अपने चूची को पकड़े मसलते हुए कहा- “हाँ… मैं पूरा पी जाना चाहती हूँ…”

मैंने कहा- “पर वो वीर्य आप खुद निकालना चाहती हो, जब भाई योगा करने आए तो वो आपके मस्ताने बदन को देखकर पागल हो जाता है और उसका लण्ड तो नाचने लगता है, तभी तो वो पूरे टाइम नीचे अड्जस्ट करता रहता है। आप उसकी हेल्प करना चाहती हो उसके पास जाकर घुटनों के बल बैठकर उसका लण्ड बाहर निकालना चाहती हो। वो मोटा लण्ड आपके हाथों में एक गरम लोहे की तरह धधक रहा है…”

मोम मेरी बातों से कल्पना कर रही होती हैं, और इस वजह से एकदम हाट हो चुकी होती हैं। मैंने चूत में अब चारों उंगली डाल दी फिर मोम तड़प उठी। 

मैं- “उसका लण्ड आप अपने मुँह में लेना चाहती हो, है ना मोम?” 

मोम- “हाँ… हाँ…” 

मैं- “और एक अच्छी मोम बनकर उसके लण्ड को शांत करोगी ना?” 

मोम- “एस एस फक आई वांट टु सक हिम आफ, आई विल पुट दैट रोड इन माई माउथ डीप इनसाइड आह्ह… आह्ह…”

मैं बोली- “वो अपनी रण्डी माँ के सिर को पकड़कर चोदेगा, आपके बाल पकड़कर अपने लण्ड पे उपर नीचे करेगा। क्या आप उसको ऐसा करने दोगी?” 

मोम- “एस वो मुझे जैसे चाहे चोद सकता है, मैं उसके लिए कुछ भी करूँगी…”

मैं बोली- “बचपन में आपने अपना दूध पिलाया था, अब उसकी बारी है। वो आपकी चूचियों पे अपना दूध छोड़ेगा। हिसाब बराबर…” 

मोम- “आअह्ह… फक मोना शिट…” और फिर मोम खतरनाक झड़ गई।

जब मोम ने पानी निकाल दिया तब हम बैठ गये।

मोम- “ओह्ह गोड वाउ… दैट वाज आसम…”

मैं- “थैंक्स… तो अब तो आप सच में करोगी ना ये सब?”

मोम हँसते हुए बोली- “देखेंगे…”

मैं- “क्या देखोगी?”

मोम- “अब चुप कर, तू मुझे फँसाना चाहती है, खूब जानती हूँ। तू मेरी कमजोरी का फायदा उठाकर मुझे अपने ही बेटे से चुदवाना छाती है…” कहकर मोम खड़ी हुई। फिर उन्होंने अपना टाप सही किया और पैंट ऊपर कर ली, फिर मुझसे पूछा- “सो नाउ ओह्ह… 15 मिनट बचे हैं। आ रही हो?”

मैं- “कहां?”

मोम- “मुझे 10 मिनट और एक्सर्साइज करनी है, तू भी आ जा…”

मैं- “अब कहाँ करोगी? वैसे भी मैंने तो कर ली…” मैंने आँख मारते हुए कहा।

मोम ने भौंहें उठाते हुए कहा- “ओह्ह… रियली…”

मैंने हँसते हुए कहा- “हाँ… आपको भी ट्राई करना चाहिए…”
मोम- “हट, मैं जाती हूँ नहाने…” फिर मोम चली अपने रूम की तरफ।

मैं अपने रूम में नहाने के बाद तैयार होकर ब्रेकफास्ट करने मोम के साथ बैठ गई। मोम टेबल पे रखे न्यूसपेपर को पढ़ते हुए नाश्ता कर रही थी। जब भाई नीचे आया तो हम दोनों परेशानी महसूस कर रही थीं। जब भी मोम और मेरी नजर मिलती, एक शरारती सी स्माइल आ जाती। 

भाई- “गुड मार्निंग मोम, गुड मार्निंग दीदी…”

हम दोनों- “गुड मार्निंग…” धड़कते दिल से बोली।

भाई मुझे स्माइल देते हुए मेरे पास बैठ गया जैसे पूछ रहा हो की कैसा लगा मार्निंग सेक्स? 

मोम न्यूसपेपर पढ़ने का नाटक करके मुझे देख रही थी, और भाई दूसरे पेपर में खोया हुआ था। मैंने मोम को देखकर अपने होंठों को चाटा। मोम समझ गई और उन्होंने मुझे चुप रहने का इशारा किया और हम किसी तरह अपनी हँसी रोकने लगे। मैंने ब्रेकफास्ट कर लिया था और मोम ने भी। मोम किचेन में गई तो मैंने भाई के लण्ड को पकड़ लिया।

भाई- “वा…”

और में झट से टेबल के नीचे चली गई। 

भाई धीरे-धीरे और डरते हुए बोला- “दीदी क्या कर रही हो, ओह्ह गोद… ओह्ह नो… मोम देख लेंगी शिट ओके जल्दी करो मोम बस आती होंगी…”

कुछ देर में मोम आ गई और उनको मैं टेबल के नीचे से भाई को ब्लो-जोब देती दिख गई। मोम दरवाजे पर खड़ी थी और मैं उनका चेहरा देख सकती थी। मैं मोम को देखते हुए अपने भाई का लण्ड गपागप मुँह में ले रही थी। बहुत ही हाट दृश्य था। मैं भाई की आवाजें सुन रही थी। 

भाई- “दीदी आऽ बस छोड़ो मोम आने वाली है अफ्फ…” यानी भाई ने मोम को नहीं देखा था।

तभी मोम कुछ पीछे धीरे से गई और फिर पैरों की आवाज करते हुए वापस आई, कहा- “मोना कहा गई?” 

मैं मन ही मन हँस पड़ी- “वाउ… आई लोव यू मोम…”

फिर भाई कुछ संभलकर बोला- “दीदी आह्ह… वो अपने रूम में गई हैं शायद ह्म्म…”

मोम- “ओके…” फिर मोम अपनी चेयर पे बैठ गई। मोम को भाई की हालत देखकर मजा आ रहा होगा तभी वो बार-बार कुछ ना कुछ उसको पूछती रहती। 

भाई तो पूरी तरह से डरा हुआ था और बेचारे की तो फुल टाइट थी। दस मिनट में बेचारे भाई का लकी लण्ड सीधे मेरे मुँह में झड़ने लगा, मैंने मुँह में सारा माल भर लिया। भाई की हल्की गुर्राहट सुनाई दे रही थी।

मोम ने प्यार और चिंता से पूछा- “आदी, क्या हुआ बेटा? तबीयत तो ठीक है ना?”

भाई- “हाँ? नो, आई एम फाइन, थैंक्स…”

मोम- “तबीयत खराब लग रही है, मैं टैबलेट लेकर आती हूँ…”

भाई- “नहीं मैं ठीक हूँ, आप टेन्शन मत लो मोम…”

फिर मोम बोली- “मैं टैबलेट लेकर आती हूँ…” और फिर वो चली गई।

भाई- “वाट दि फक, आप तो पागल हो गई हो। मोम यही बैठी थी और आप? फिर भाई ने फटाफट से छोटे से नर्म लण्ड को पैंट में डाला और उठकर चला गया। 

फिर मुझे उसके घर से जाने की आवाज आई- “बाइ मोम…”

मोम की किचेन से आवाज आई- “बाइ बेटा…”

मोम की पास आने की आवाज आई, और फिर मैं टेबल से बाहर निकली।

मोम- “बदमाश… मैंने मना किया था ना तुझे?” मोम ने हँसते हुए कहा।

मैंने मोम को पकड़कर झुका दिया और मोम को किस करके सारा वीर्य उनके मुँह में डाल दिया, और कहा- “पर ब्लो-जोब का मना नहीं किया था…” और फिर से किस कर दिया। 

लंबे पैशनेट किसके बाद हम अलग हुए। मैं मोम को छोड़कर अपने रूम में चली गई। कालेज जाने के लिए तैयार होकर मैं मोम को बाइ करके चली गई।
 
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