Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर - Page 6 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर

मोम मेरी बातों से कल्पना कर रही होती हैं, और इस वजह से एकदम हाट हो चुकी होती हैं। मैंने चूत में अब चारों उंगली डाल दी फिर मोम तड़प उठी। 

मैं- “उसका लण्ड आप अपने मुँह में लेना चाहती हो, है ना मोम?” 

मोम- “हाँ… हाँ…” 

मैं- “और एक अच्छी मोम बनकर उसके लण्ड को शांत करोगी ना?” 

मोम- “एस एस फक आई वांट टु सक हिम आफ, आई विल पुट दैट रोड इन माई माउथ डीप इनसाइड आह्ह… आह्ह…”

मैं बोली- “वो अपनी रण्डी माँ के सिर को पकड़कर चोदेगा, आपके बाल पकड़कर अपने लण्ड पे उपर नीचे करेगा। क्या आप उसको ऐसा करने दोगी?” 

मोम- “एस वो मुझे जैसे चाहे चोद सकता है, मैं उसके लिए कुछ भी करूँगी…”

मैं बोली- “बचपन में आपने अपना दूध पिलाया था, अब उसकी बारी है। वो आपकी चूचियों पे अपना दूध छोड़ेगा। हिसाब बराबर…” 

मोम- “आअह्ह… फक मोना शिट…” और फिर मोम खतरनाक झड़ गई।

जब मोम ने पानी निकाल दिया तब हम बैठ गये।

मोम- “ओह्ह गोड वाउ… दैट वाज आसम…”

मैं- “थैंक्स… तो अब तो आप सच में करोगी ना ये सब?”

मोम हँसते हुए बोली- “देखेंगे…”

मैं- “क्या देखोगी?”

मोम- “अब चुप कर, तू मुझे फँसाना चाहती है, खूब जानती हूँ। तू मेरी कमजोरी का फायदा उठाकर मुझे अपने ही बेटे से चुदवाना छाती है…” कहकर मोम खड़ी हुई। फिर उन्होंने अपना टाप सही किया और पैंट ऊपर कर ली, फिर मुझसे पूछा- “सो नाउ ओह्ह… 15 मिनट बचे हैं। आ रही हो?”

मैं- “कहां?”

मोम- “मुझे 10 मिनट और एक्सर्साइज करनी है, तू भी आ जा…”

मैं- “अब कहाँ करोगी? वैसे भी मैंने तो कर ली…” मैंने आँख मारते हुए कहा।

मोम ने भौंहें उठाते हुए कहा- “ओह्ह… रियली…”

मैंने हँसते हुए कहा- “हाँ… आपको भी ट्राई करना चाहिए…”
मोम- “हट, मैं जाती हूँ नहाने…” फिर मोम चली अपने रूम की तरफ।

मैं अपने रूम में नहाने के बाद तैयार होकर ब्रेकफास्ट करने मोम के साथ बैठ गई। मोम टेबल पे रखे न्यूसपेपर को पढ़ते हुए नाश्ता कर रही थी। जब भाई नीचे आया तो हम दोनों परेशानी महसूस कर रही थीं। जब भी मोम और मेरी नजर मिलती, एक शरारती सी स्माइल आ जाती। 

भाई- “गुड मार्निंग मोम, गुड मार्निंग दीदी…”

हम दोनों- “गुड मार्निंग…” धड़कते दिल से बोली।

भाई मुझे स्माइल देते हुए मेरे पास बैठ गया जैसे पूछ रहा हो की कैसा लगा मार्निंग सेक्स? 

मोम न्यूसपेपर पढ़ने का नाटक करके मुझे देख रही थी, और भाई दूसरे पेपर में खोया हुआ था। मैंने मोम को देखकर अपने होंठों को चाटा। मोम समझ गई और उन्होंने मुझे चुप रहने का इशारा किया और हम किसी तरह अपनी हँसी रोकने लगे। मैंने ब्रेकफास्ट कर लिया था और मोम ने भी। मोम किचेन में गई तो मैंने भाई के लण्ड को पकड़ लिया।

भाई- “वा…”

और में झट से टेबल के नीचे चली गई। 

भाई धीरे-धीरे और डरते हुए बोला- “दीदी क्या कर रही हो, ओह्ह गोद… ओह्ह नो… मोम देख लेंगी शिट ओके जल्दी करो मोम बस आती होंगी…”

कुछ देर में मोम आ गई और उनको मैं टेबल के नीचे से भाई को ब्लो-जोब देती दिख गई। मोम दरवाजे पर खड़ी थी और मैं उनका चेहरा देख सकती थी। मैं मोम को देखते हुए अपने भाई का लण्ड गपागप मुँह में ले रही थी। बहुत ही हाट दृश्य था। मैं भाई की आवाजें सुन रही थी। 

भाई- “दीदी आऽ बस छोड़ो मोम आने वाली है अफ्फ…” यानी भाई ने मोम को नहीं देखा था।

तभी मोम कुछ पीछे धीरे से गई और फिर पैरों की आवाज करते हुए वापस आई, कहा- “मोना कहा गई?” 

मैं मन ही मन हँस पड़ी- “वाउ… आई लोव यू मोम…”

फिर भाई कुछ संभलकर बोला- “दीदी आह्ह… वो अपने रूम में गई हैं शायद ह्म्म…”

मोम- “ओके…” फिर मोम अपनी चेयर पे बैठ गई। मोम को भाई की हालत देखकर मजा आ रहा होगा तभी वो बार-बार कुछ ना कुछ उसको पूछती रहती। 

भाई तो पूरी तरह से डरा हुआ था और बेचारे की तो फुल टाइट थी। दस मिनट में बेचारे भाई का लकी लण्ड सीधे मेरे मुँह में झड़ने लगा, मैंने मुँह में सारा माल भर लिया। भाई की हल्की गुर्राहट सुनाई दे रही थी।

मोम ने प्यार और चिंता से पूछा- “आदी, क्या हुआ बेटा? तबीयत तो ठीक है ना?”

भाई- “हाँ? नो, आई एम फाइन, थैंक्स…”

मोम- “तबीयत खराब लग रही है, मैं टैबलेट लेकर आती हूँ…”

भाई- “नहीं मैं ठीक हूँ, आप टेन्शन मत लो मोम…”

फिर मोम बोली- “मैं टैबलेट लेकर आती हूँ…” और फिर वो चली गई।

भाई- “वाट दि फक, आप तो पागल हो गई हो। मोम यही बैठी थी और आप? फिर भाई ने फटाफट से छोटे से नर्म लण्ड को पैंट में डाला और उठकर चला गया। 

फिर मुझे उसके घर से जाने की आवाज आई- “बाइ मोम…”

मोम की किचेन से आवाज आई- “बाइ बेटा…”

मोम की पास आने की आवाज आई, और फिर मैं टेबल से बाहर निकली।

मोम- “बदमाश… मैंने मना किया था ना तुझे?” मोम ने हँसते हुए कहा।

मैंने मोम को पकड़कर झुका दिया और मोम को किस करके सारा वीर्य उनके मुँह में डाल दिया, और कहा- “पर ब्लो-जोब का मना नहीं किया था…” और फिर से किस कर दिया। 

लंबे पैशनेट किसके बाद हम अलग हुए। मैं मोम को छोड़कर अपने रूम में चली गई। कालेज जाने के लिए तैयार होकर मैं मोम को बाइ करके चली गई।
 
लंबे पैशनेट किसके बाद हम अलग हुए। मैं मोम को छोड़कर अपने रूम में चली गई। कालेज जाने के लिए तैयार होकर मैं मोम को बाइ करके चली गई।

क्लास के बाद हमें प्राजेक्ट फाइल्स बनानी थी, इसलिए हम सभी कामया के घर चले गये। नेहा और पायल अपनी किताबें और लैपटाप लेने घर चली गईं। शाम को हम 6 लड़कियां प्राजेक्ट के लगभग पूरा होने पे आराम करने बैठ गईं।

कामया मेरी 4थी स्टैंडर्ड से दोस्त है, इसलिए वो मेरे ज्यादा ँजधीक है, ऐसा नहीं की बाकी मेरी बेस्ट दोस्त नहीं हैं? कामया से पहले मैं नेहा को जानती हूँ। मैं और नेहा तीसरी में क्लासमेट थी, जब हम इस सिटी में नहीं रहते थे। फिर हमारी परिवार यहाँ आ गई। पांचवी में शगुफ्ता और आकांक्षा ने हमारी स्कूल में अड्मिशन लिया और जब हम 8वीं में थे तब नेहा की परिवार इस सिटी में आ गई। हमारी और भी दोस्त थीं जो टाइम के साथ अलग हो गई, लेकिन हम साथ रहे। 

11वीं में हमारे सब्जेक्ट तो अलग थे, पर स्कूल एक। तब आकांक्षा की कजिन पायल भी हमारे ग्रुप से शामिल हो गई। पायल गाँव में 8वीं तक थी और उसके दादा ने आकांक्षा की परिवार के पास रहने भेज दिया था। गाँव में एक लड़की को पढ़ने नहीं दिया जाता, और उसके दादा ने पायल को यहाँ भेजा? इसकी वजह ये थी असल में एक बार पायल को उसके चाचा ने जमींदार के लड़के के साथ खेत में देख लिया था, उस लड़ने के पायल की कुँवारापन तो ले ली थी, पर काम पूरा कर नहीं पाया।

पायल के चाचा पायल को घर ले गये, सब मिलकर चिल्लाए, और फिर उसके दादा ने उसको आकांक्षा की परिवार में रहने भेज दिया। पायल 10वीं तक किसी दूसरे स्कूल में पढ़ी, आकांक्षा की वजह से उसके पैरेंटस को पायल को आकांक्षा के साथ पढ़ाना पड़ा। क्योंकी आकांक्षा और पायल एमोशनली और फिर बाद में फिजिकली जुड़े गये थे और आकांक्षा ने अपने बायफ्रेंड से 10वीं के एग्जाम के बाद ब्रेकप कर लिया जबकी उसने किसी लड़के के साथ सेक्स नहीं किया था। 

हम सभी लड़कियां के लिए ये बड़ी बात थी क्योंकी आकांक्षा ही अकेली थी जो कुँवारी थी। नेहा, मैंने और कामया ने न्यू कमर की पार्टी के बाद हमने एक साथ अपने-अपने बायफ्रेंड के साथ सेक्स किया था जब हम 16 साल की थी और 10वीं में थीं।

उसके बाद हमारे चुदाई की बातें सुनकर शगुफ्ता से भी नहीं रहा गया और 2-3 महीने बाद उसने भी। पहले तो हमको बोला करती की उसके बायफ्रेंड ने ही उसकी प्यारी चूत ले ली है। पर बाद मैं असली कहानी सामने आ गई, ये भी मजेदार स्टोरी है।

हुआ यूँ की शरद और शगुफ्ता दोनों पहले से डेट कर रहे थे, किस्सी विस्सी तो होता ही था पर सेक्स नहीं। हम तीन देवियों की चुदाई की गाथा सुनकर वो भी जोश में आ गई, और हमारी हीर ने रांझे से गुजारिश भी कर दी। दोनों ने प्लान बनाया, शरद के घर वाले बाहर गये और शरद ने शगुफ्ता को बुला लिया। पर शरद के ताऊ को उसी टाइम खुजली हुई और शरद को काम पकड़ा दिया की वो उनको बैंक ले चले। भाई अर्जेंट है चल।

शरद करता क्या, सेक्स तो बाद में आराम से कर लेंगे, पर घर पे उसकी महबूबा को अकेले कैसे छोड़ के जाए, लगाया फोन अपने बेस्ट दोस्त को, उसके दोस्त के साथ एक चिपकू दोस्त भी उसकी पीठ पे चिपक के उसकी बाइक पे शरद के घर आ गया, शरद ने अपने दोस्त को बोला की भाई अपनी भाभी का ख्याल रखना पर कुछ करना मत। शगुफ्ता बोर ना हो तो वो दोनों उससे बात करने लगे।

उन दोनों को पता लगा की भाभीजी किस वजह से यहाँ पे हैं। दोनों ने मिन्नतें की, लेकिन शगुफ्ता ने मना कर दिया। शरद के दोस्त ने अपने चिपकू दोस्त को बाहर बैठने को बोला की वो उसको तैयार करता है, और साले ने शगुफ्ता को मना भी लिया। बाहर उसका चिपकू दोस्त इंतेजार कर रहा था और अंदर उसका दोस्त मजे लेने वाला था। हमारी हाट आंड सेक्सी शगुफ्ता को नंगी देखकर वो पागल हो गया। उन्होंने किस से स्टार्ट किया और शगुफ्ता उसको किस करते हुये उसके लण्ड पे हाथ फेरती रही। अब रहा नहीं जाता, लड़के ने गर्म चूत पे अपना लण्ड सेट किया ही था की, बेचारे का छूट गया। बाहर बैठे दोस्त को पता चल गया की उसको उसी का दोस्त उल्लू बनाने जा रहा था। 

उसने कहा की वो अपने दोस्त के जैसे ढीला ढक्कन नहीं है और अगर उसको चुदाई नहीं करने को मिली तो वो शरद को बता देगा। गरम शगुफ्ता को भींच में वो चिपकू दोस्त बैठ गया और उसने अपना फड़कता लण्ड चूत पे सेट किया। 

तभी शगुफ्ता को होश आया- “अरे कंडोम नहीं पहना तुमने?”

बिना कंडोम के शगुफ्ता नहीं मानने वाली थी। चिपकू दोस्त ने कपड़े जैसे तैसे पहने और भागा मेडिकल स्टोर की तरफ, इतने में शगुफ्ता का भी मन भर गया और उसने कपड़े पहन लिए। शरद के दोस्त को उसके एक दोस्त का काल आया।

उसने बताया- “यार अभी मैं एक लड़की के साथ हूँ, भाई ज्यादा ही जोश में आ गया और अपना छूट गया, हाँ, अरे अब उसका मूड भी नहीं है, तुझे तो अनुभव है ना तू बता ना क्या करूं? ठीक भाई, थैंक्स यार, और फिर इसको तैयार कैसे करूं वो भी बता दे?”

काल करने वाला बंदा लड़की को कैसे तैयार करना है, ये बताने खुद आ गया। शरद का दोस्त तो खुश हो गया की आज तो मजे होने वाले हैं, काल करने वाले बंदे ने शगुफ्ता से कुछ देर बात की और फिर शरद के दोस्त को बोला की तू इंतेजार कर बाहर बैठकर।

अब चूतिया बनाने की बारी उसकी थी, शगुफ्ता को उस लड़के ने प्यार से बात करके आखिर मना ही लिया, शगुफ्ता ने उसको कंडोम का बोला तो उस बंदे ने अपनी जेब से निकाल के दिखा दिया की बंदा पूरी तैयारी से आया है।

वो चिपकू दोस्त जो कंडोम लाने गया था अब भागता हुआ पशीने से लथफथ लौट आया, उसने शरद के दोस्त को बाहर बैठे देखा, और कहा- “भाई तू यहाँ कहां बैठा है? चल तू यहीं बैठा रह, मैं तो जा रहा हूँ मजे करने…”

शरद के दोस्त ने उदासी से उसको देखा और कहा- “साला हरामी, बड़ा आया मजे करने, लड़की चुद चुकी…”

शरद के दोस्त की वजह से उसके दोस्त ने उसको चूतिया बनाकर शगुफ्ता को चोद दिया था। शरद उसको बोल गया था की ध्यान रखना अपनी भाभी का, उसने तो अपनी नाक के साथ-साथ अपना लण्ड भी कटा लिया था। जब शरद आया तो उसने और उसके चिपकू दोस्त ने शरद को कुछ नहीं बताया। शगुफ्ता को अब गिल्टी महसूस हो रही थी, उसने रात को शरद को कहा की उसको शर्म आ रही है, इसलिए शगुफ्ता और शरद ने लाइट आफ करके सेक्स किया।

ये थी शगुफ्ता की पहली चुदाई की कहानी जो उसने काफी टाइम बाद हमें सुनाई। 

पायल ही हम लड़कियों में सबसे पहले सेक्स करने वाली थी, पर वो उस टाइम गाँव में थी और हमारी दोस्त नहीं थी। पायल की स्किन साँवली है पर उतनी नहीं जितनी नेहा की है, और जब वो आकांक्षा के घर रहने लगी, तब पायल, आकांक्षा को चाहने लगी, लेकिन उसने बताया नहीं। आकांक्षा में भी पायल के लिए फीलिंग थी, जब वो दोनों हमारे ग्रुप में थी तब हम लड़कियां को दिखने लगा की इन दोनों के बीच कुछ तो है।

10वीं के एग्जाम के बाद कामया ने आकांक्षा से बात की, हम पायल को दो साल से जानते थे, इसलिए फिर हमारे सभी के कहने पे आकांक्षा ने पायल से बात की। आखिरकार, पायल ने आकांक्षा को बता दिया की वो उसको चाहती है, और आकांक्षा ने अपने दिल की बात कह दी, और फिर दिल मिल गये।

हम चारों लड़कियां कामया के घर पे उन दोनों को एक दूसरे में गुत्थम-गुत्था होते देखने के आदि हो गये, और फिर 12वीं के बाद पायल के पैरेंटस उसकी शादी की बात करने लगे। तब हम सब इसका सल्यूशन निकालने में लग गये। कामया की मोम का कहना था की पायल और आकांक्षा को सबसे पहले अपनी सेक्सुअलिटी का पता होना चाहिए, अगर वो दोनों सच में लेज़्बियन हैं, तो वो उनकी हेल्प करेंगी।

उस टाइम हमें पता चला की कामया की मोम कितनी खुले दिमाग की हैं। तब कामया ने कहा की अगर पायल और आकांक्षा दोनों बाइसेक्सुअल होते तो वो लोग शादी के बाद भी साथ में रह सकते हैं। कामया की मोम ने हम लड़कियां के बीच बैठकर कहा की पायल और आकांक्षा को ट्राई करना चाहिए, अगर वो लड़कों में भी इंट्रेस्टेड हैं तो फिर कामया का आइडिया बेस्ट है। सही है, हम सबने डिसाइड किया की एक बार ट्राई करने में क्या जाता है? लेकिन पहले ड्रिंक्स चाहिए।

उस रात के 3 साल बाद अभी हम अपना प्राजेक्ट कंप्लीट करके कामया के बेडरूम में थे। नेहा अपनी कलाई मलते हुए बोली- “हैंडजाब देते कभी इतना हाथ नहीं दर्द किया जितना पेन-जोब करने के बाद कर रहा है…”

शगुफ्ता- “वैसे भी तुझे कहां पे जोर लगाना पड़ता है, सारी मेहनत तो लड़कों को करनी पड़ती है…”

पायल थकी आवाज में बोली- “काश ये काम भी लड़कों को पकड़ा देते…”

नेहा- “सही है…”

कामया ने उनको ऐसी बकवास बंद करने वाली टोन में गुर्राया।

आकांक्षा उठकर बोली- “मैं पूल में जा रही हूँ…”

मैं भी उठ गई- “चल मैं भी चलती हूँ…” तब बाकी का भी मूड हो गया तैरने का।

कामया के घर की पीछे पूल, हाट टब और चारों तरफ ऊँची प्राइवेसी फेन्स लगी हुई है, कामया का घर 4 बेडरूम है और हम लड़कियों के लिए कामया ने एक रूम में अलग कपबोर्ड बनवा ली थी, घर पे सिर्फ हम लड़कियां ही हैं तो चेंज करने का अभी मतलब नहीं है, तो 6 लड़कियां पूल में तैरती हुई रिलैक्स कर रही थी वो भी नंगी होकर।

कामया तैरती हुई आई और बाहर निकलने लगी, उसके 34डीडी चूचियों से पानी बहता हुआ उसकी 26” की कमर और 36” के चूतड़ों से निकल के वापस पूल में जाने लगा। वो मेरे पास बैठ गई, हमारी ब्लैक ब्यूटी नेहा का 32डीडी-24-32 सेक्सी फिगर पानी के अंदर से दिख रहा था। शगुफ्ता उसके पास से निकाल रही थी तब नेहा उसकी बाडी पे हाथ फेरते निकलने लगी।

34डीडी-24-36 का हाट फिगर किसी को भी ललचा सकता है। पूल के दूसरे साइड पे पायल की 32डी-23-28 फिगर वाली बाडी आकांक्षा की 34डी-24-36 की बाडी से लिपटी हुई थी। वो दोनों हम चारों से लंबी हैं, पर आकांक्षा की हाइट सबसे ज्यादा 5’7” है जबकी सबसे छोटी नेहा है जो 4’11” इंच की है।

मैं और कामया पूल में कूद गये और तैरते हुए नेहा और शगुफ्ता के पास चले गये, उन दोनों को साथ लेकर हम पायल और आकांक्षा के पास गये और उनको पकड़कर अलग करके पानी के अंदर ले गये, हम सभी अंडरवाटर खेल खेलने में लग गये। 

15-20 मिनट बाद घर के अंदर से आवाज आई- “आइ एम होम…” कामया की मोम आ गई थी। 

और कामया ने आवाज देकर बताया की हम बाहर पूल में है।

कामया की मोम आई और हम नंगी लड़कियां को ही बोलकर कामया को कहा की उनको कल एक माडेल की जरूरत है क्योंकी कामया के डैड लड़कियां को अपने साथ फैशन शो में ले गये हैं, और कल जरूरी फोटोशूट होना है। डिस्कशन के बाद शगुफ्ता ही फ्री थी हमारे प्राजेक्ट में, इसलिए कामया की मोम ने कहा की कल वो शगुफ्ता को साथ ले जाएंगी, इसके बाद वो घर के अंदर चली गई।

कामया के घर में खुलकर रहना सबसे बेस्ट है क्योंकी उसकी मोम सिंगल पैरेंट है, कामया की मोम अभी फैशन डिजाइनर हैं और उनके पिछले-पति यानी कामया के डैड की क्लोदिंग लाइन है। इट मीन्स, उन लोगों को न्यूडिटी से कोई प्राब्लम नहीं है, यहीं पे दूसरा कारण है हमारा कामया के घर पे ज्यादा टाइम रहने का।

कामया की मोम पहले फैशन माडेल थी, बड़े ब्रांड के साथ ही कामया के डैड के लिए भी माडेलिंग करती थीं। फिर उन्होंने शादी कर ली, लेकिन शादी के 14 साल की बाद उन्होंने डाइवोर्स ले लिया। लेकिन इसके बाद भी वो बिजनेस पार्टनर बने रहे और अब भी कामया के डैड और उसकी मोम के बीच दोस्ताना रीलेशन है।

घंटे-डेढ़ घंटे के बाद हम वापस बदन से पानी पोंछकर अंदर चले आए, हम नंगी, सोफे पे बैठकर टीवी ओन कर दी।

कुछ खास नहीं आ रहा था, कामया किचेन की तरफ गई कुछ खाने को लाने और पायल और शगुफ्ता ड्रिंक्स लेने चली गईं। तब मोम का काल आया, मैं उठकर के बाहर पूल की तरफ गई।

मोम ने कहा- “मोना तू अभी कहां पे है?”

मैं- “कामया के घर…”

मोम- “उम्म… मोना मैं क्या सोच रही थी की, हम अकरम के क्लब का राउंड मार आए?” 

मैं- “आप चली जाओ, मेरा मूड नहीं है…” 

मोम- “चल ना, मेरा मन कर रहा है…”

मैं- “पर मेरा नहीं…” 

मोम- “क्यों नाटक कर रही है?”

मैं- “आपको सुबह याद नहीं है? क्या हुआ था?”

मोम- “अच्छा तो तू नाराज है मुझसे?”

मैं- “हाँ भी, नहीं भी…”

मोम- “सारी बोलूँ?”

मैं- “सारी नहीं सुनना मुझे, पर्मिशन दो तो ही काम चलेगा, नहीं तो नहीं?”

मोम- “पर्मिशन नहीं दूँगी…”

मैं- “ओके देन बाइ…” पर मैंने फोन नहीं काटा, मोम ने भी नहीं काटा, हम इंतेजार करने लगे।

मोम- “बिल बढ़ रहा है, चल ना मोना, खुद तो मजे करके मुझे परेशान कर रही है…”

मैं- “मैं परेशान नहीं कर रही, आप पहले भी तो अकेली जाती थी, अभी जा सकती हो ना?”

मोम- “नहीं, तू नहीं चलेगी तो मैं भी नहीं चलूंगी…”

मैं- “वो क्यों?”

मोम- “पहले वो बुलाता था तब जाती थी, पर आज मेरा मन कर रहा है जाने को…”

मैं सोचने लगी की कल रात को और मार्निंग में मैंने सेक्स किया था, अभी मेरा वाकई मूड नहीं था। पर मोम को सेक्स की जरूरत थी इसलिए कहा- “ओके तो ठीक है, आती हूँ…” 

मोम खुश होकर बोली- “जल्दी से आ जा…”

मैं वापस रूम में गई। 

पायल बोली- “क्या हुआ?” 

मैंने कहा- “मोम को कुछ काम है, जाना पड़ेगा, कल मिलते हैं, बाइ, बाइ…” फिर ड्रेस उप होकर मैं घर पहुँची।
 
मोम पहले से तैयार थी, उन्होंने सम्मर ड्रेस पहनी थी जो कि फ्रंट में हाल्टर उनके क्लीवेज को दिखा रहा था, मोम ने कहा की तू भी तैयार हो जा। पर मैंने कहा की यही ठीक है। मैंने वही फ्राक ड्रेस पहनी हुई थी, और लाइट मेकप करके हम अकरम को काल करके घर से निकले।

क्लब में कोई नहीं था और बाकी पूरा खाली सा था। अकरम को हग करके हम उसके साथ उसके रूम की तरफ गये, जहां पर लास्ट टाइम हमने उसके भाइयों के साथ सेक्स किया था, अकरम बीच गलियारे में एक रूम की तरफ रुका। उस रूम में सारे सी॰सी॰टी॰वी॰ कैमरे और बाकी उनके धंधे के रेकार्ड्स वगैरह रखे जाते हैं, उस डाटा रूम में एक मोटा आदमी पीसी पे कुछ धड़ाधड़ टाइप कर रहा था।

अकरम- “ओये मोटू, तैयार कर दिया क्या?”

वो मोटा आदमी झुक के टेबल से एक मोबाइल उठाकर वापस सीट पे बैठ गया। अकरम ने भी अपना मोबाइल निकाल लिया, वो कुछ भेज रहा था। 

डाटा ट्रान्स्फर होने के बाद अकरम बोला- “ओके, अब जब मैं रिंग करूं तो वो उपलोड कर देना जो मैंने बोला था, ठीक?”

“ठीक…” वो मोटा आदमी चेयर पे घूम के वापस छापने में लग गया।

अकरम हमको अब सीधे रूम में ले गया। दरवाजा बंद करके मोम ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और अकरम के आगे घुटनों के बल बैठकर उसका लण्ड निकाल लिया। मैंने और अकरम ने भी अपने कपड़े उतार दिये। हम बेड पे अकरम को लिटाकर उसके लण्ड को बारी-बारी चूसने लगे। फिर मैं उसके चेहरे पे बैठ गई और मोम उसके लण्ड पे। हम दोनों किस करते हुए अपनी चूत चुदा रहे थे। मैंने मोम के चूतड़ पकड़े और तेजी से हिलने लगी। मोम खुद बाद मैं जोर से चूतड़ हिलाकर हट गई। मैं झुकी और लण्ड पे मोम की चूत का रस साफ करके खुद उसपर बैठ गई।

अकरम ने मेरी कमर पकड़ ली और मैं पीछे को झुक गई। मोम मेरी क्लिट पे जीभ से मुझे डबल मजा देने लगी। अब मैं हट गई और मोम फिर से अकरम के लण्ड पे उल्टा काउगर्ल पोजीशन में बैठ गई। मैंने मोम की झूलती चूचियों को पकड़कर किस किया। मोम हँसते हुए उछल-उछल के मारने का मजा ले रही थी, मैं झुक के मोम की क्लिट को चाटने लगी।

मोम एकदम स्थिर थी और अकरम नीचे से शाट मार रहा था, उसकी बाल्स मेरी टोड़ी पे लग रही थी, बीच में मोम चूत से लण्ड निकल गया तो मैंने उसको चूसकर मोम की चूत में डाल दिया। फिर दूसरी बार जब निकला तो मैंने लण्ड को खूब चूसा और मोम क्लिट पे रगड़ने लगी, मोम तड़पने लगी की कब मैं डालूंगी।

मोम ने जोर से कहा- “मुझे लण्ड मेरी चूत में चाहिए…” 

हम हँसने लगे। अकरम उठा और मोम को घोड़ी बनाकर जम के चोदने लगा। मैं मोम के सामने लेट गई और मेरी चूत को सही से शांत नहीं कर पा रही थी, उंगलियों और जीभ से मेरा पानी पहली बार निकला, पर मोम का तो 2-3 बार निकल चुका था, क्योंकी हम मोम के लिए ही आए थे।

अकरम ने कहा- “मैं झड़ने वाला हूँ…” 

मोम ने कहा- “मोना को पिला दो…” 

और अकरम झट से बेड पे चढ़ा और मेरे चेहरे पे आ गया। मैं आगे उठकर उसके लण्ड को पकड़कर वीर्य पीने लगी। थोड़ा कुछ मेरे कंधे पे गिर गया, जो बाद में मोम ने साफ कर दिया। अकरम ने हमारे लिए ड्रिंक्स बनाई और खुद सोफे पे अपना ग्लास लेकर बैठ गया। हम चुपचाप ड्रिंक्स पीते आराम करने लगे। अकरम फिर से हम तीनों के ग्लास भर लाया। 

मोम ने सिप लेते हुए उसको पूछा- “तुम उस रूम में किस चीज के बारे में बात कर रहे थे?”

अकरम ने स्माइल के साथ मोम को देखा, फिर बोला- “धंधे की बातें है, अगर गैंगस्टर्स के धंधे में आना चाहती हो तो बताओ?”

मोम- “गैंगस्टर और मैं? अच्छा क्या करवाओगे मुझसे?”

अकरम- “गन चलानी आती है?”

मोम- “नहीं…” मोम ने बालों को झटक के कंधे से चूचियों पे ला दिए, मोम ने मुझे स्माइल देकर ग्लास से एक और सिप लिया। मोम को गन चलानी आती है और वो भी मुझसे अच्छी तरह।

अकरम- “तो फिर एक ही काम करा सकते हैं, और बात छिड़ ही गई है तो मैं तुम दोनों को एक आफर देने की सोच रहा था…”

मैं- “वो क्या?”

अकरम उठा और मोम ने अपना ग्लास रिफिल करने दे दिया। वापस आकर उसने मोम को उनका ग्लास देते हुए कहा- “तू जानती ही है, मेरे यहां पे और भी रंडियां आती हैं। कुछ तो हमारे लिए काम भी करती हैं, पर उनमें वो बात नहीं जो तुम दोनों में है…”

मोम- “ह्म्म… तो आप हमसे अपने यहाँ काम करवाना चाहते हैं? नो थैंक्स…” मोम ने स्माइल के साथ सिप लिया पर ये थोड़ा बड़ा था।

अकरम आराम से बैठकर मुझे देखने के बाद मोम की तरफ होकर बोला- “तुझे मजा आएगा इसमें, तेरी बेटी नई है पर मैं जानता हूँ कि तू पहले भी कर चुकी है। हो सकता है तूने ये अपना बिजनेस बढ़ाने या डील-वील पक्की करने के लिए किया हो। मेरे लिए काम करेगी तो पैसा तो मिलेगा ही साथ में तुझे इसके और भी फायदे हैं…”

मैंने मोम की जांघों पे हाथ रखा पर मोम ने मेरी तरफ नहीं देखा, मोम ने ऐसे दिखाया की वो रिलैक्स हैं, पर मुझे एहसास था।

मोम सेक्सी टोने में बोली- “हाँ… फायदा। वो भी मेरा? मुझे नहीं लगता…”

अकरम- “मैं अपनी रंडियों को दूसरे गैंगस्टर को देता हूँ, ताकी वो मेरे काम के बीच ना आएं, अब अपनी बड़े लोगों से लेन-देन है, वो मेरा काम अटकाना चाहते है, मुझे उनको चुप करना आता है। पर उनमें से कुछ से मेरा फायदा होता है, और बदले में उनको हिस्सा भी मिलता है। ये लोगों को खुश करने के लिए मैं अपनी रंडियों को नहीं भेज सकता। वो साले रईश हैं, रंडियों में जो ज्यादा कमाने वाली होती हैं, उनको वो पसंद हैं, तो अब समझी?”

मोम हँसकर बोली- “मैं टाप क्लास की एस्कार्ट नहीं हूँ, ना ही मेरी बेटी है। हमारी अपनी लाइफ है, इन सबसे हमारा क्या लेना देना?”

अकरम- “सही है तुम लोगों का क्या लेना देना? पर लेना देना हो सकता है, अगर तुम दोनों चाहो तो? जेब भर के…”

मोम- “अच्छा?”

अकरम आगे आकर बोला- “देख, तू किसी ऐरे-गैरे से नहीं चुदायेगी, तू तीखी मिर्ची है इसलिए उनको तू पटाकर अपना काम भी करा सकती है। मेरे लिए तू उसको चोद ही रही है तो अपने लिए भी चुदा ले? क्यों कैसा है?”

मोम- “आपको लगता है की मैं उनसे अपना काम कराऊँगी और वो मेरा पीछा छोड़ देंगे? किसी की नजर में आ गई तो वो आपसे मुझको छीन भी सकता है, फिर क्या करोगे? मैं पसंद नहीं आपको? या अब पीछा छुड़ाना चाहते हो?” मोम अकरम को लपेटने लगी थी ताकी वो हमें इस तरह इश्तेमाल ना करे।

अकरम- “उसकी टेन्शन मत ले, सब सेट करके दूँगा तेरे को। तुझे बस क्या करना है वो सुन। तुझे सबसे पहले पैसे मिलेंगे फिर उसके बाद ही उसको तू चोदने को मिलेगी। तुझे ठीक लगे तो जान पहचान बढ़ा लेना, नहीं तो तेरा काम सिर्फ उसको खुश करना है, और वापस घर जाना है, बस…”

मोम खड़ी हुई और कुछ सोचने लगी। फिर वापस आकर अकरम से बोली- “देखिए, ये आसान नहीं है जितना लगता है, मेरे बच्चे हैं, और मेरी कंपनी भी, जिसको मुझे चलना भी है…”

अकरम बीच में बोला- “तभी तो तू यहां पे है, और देख तेरी बेटी भी आई है, यही तो है। तुझे जैसे अभी जो कर रही है, वैसे ही करना है…”

मोम- “बात समझो, जो लोग मुझे यहां पे देखते हैं, वो बाहर भी मुझे मिलते हैं…” 

मुझे वो लपकेबाज याद आया, उस रेस्टोरेंट में जिसने मुझे पहचान लिया था, यानी मोम को भी वैसे लोगों से सामना करना पड़ा है। 

मोम ने आगे कहा- “पर इस क्लब के लोग मुझे देखते हैं बाकी जगह पे, कई बार तो पीछे भी पड़े…”

अकरम- “हाँ… तूने बोला था, तभी तो मैंने अपने लड़कों को बोल रखा है, उसके बाद तो कोई प्राब्लम नहीं हुई ना तुझे?”

मोम- “हाँ… वो, चलो वो पाश एरिया में नहीं जाते, जहां हम रहते है और ना ही सिटी के फैन्सी जगहों पर। पर मैं ये कह रही हूँ की जिन लोगों की बात कर रहे हो, वो तो उन जगह पे जाते होंगे जहाँ पे हम जाते हैं। वो आपके कहने से तो मुझे परेशान करना बंद तो नहीं करेंगे?”

अकरम मोम को समझने लगा पर मोम कोई ना कोई बहाना ढूँढ़ रही थी इस लफड़े से बचने के लिए, कभी-कभी वो मेरी तरफ ऐसे देखती की हमें आज आना ही नहीं था। लास्ट में मैंने अकरम को अपना फोन पे रिंग करते देखा, मुझे लगा की अब कुछ गड़बड़ होने वाली है। 

मैं, मोम और अकरम के बीच आई और कहा- “हे हे अकरम, आप हमको कुछ टाइम क्यों नहीं देते? इस बारे में सोचने के लिए? हाँ?”

अकरम- “अब सोचने का टाइम नहीं है…”

मैं- “प्लीज़्ज़… हमने ये काम पहले नहीं किया और इसके लिए हमें अंदर से तैयार तो होना पड़ेगा ना?”

अकरम- “तू तैयार नहीं है, पर तेरी माँ तो सालों से इस धंधे में है…”

मोम तेजी से आगे आई “मतलब क्या है आपका?”

अकरम ने मोम को देखा और बोला- “ठीक है, अभी मतलब समझाता हूँ…” फिर वो अपने फोन में कुछ करने लगा और फिर हमें पास बुलाया।

उसने एक पोर्न वेबसाइट खोल रखी थी और एक वीडियो का पेज खुला था- “ये देख…” और उसने वीडियो चला दिया। वो एक होटल का रूम था और एक कपल सेक्स कर रहे थे। कैमरा फिक्स जगह पे रखा हुआ था और पिक्चर क्वालिटी लो थी, 5 मिनट के वीडियो के खतम होने पर बस एक सेकंड के लिए उसमें औरत पलटी है। डार्क और शोर क्वालिटी में कोई पहचान नहीं सकता पर मैं देख सकती थी।

अकरम- “किश्मत से मिला है ये वीडियो…” उसने मोम से कहा। 

मुझे अकरम पे पहले कभी इतना गुस्सा नहीं आया जितना अभी आ रहा था। मोम बहुत गुस्से में थी पर किसी तरह काबू किए हुए थी।

अकरम- “तेरे लिए ये नई बात नहीं है, तेरी बेटी भी अब तैयार है ठीक अपनी माँ के जैसे…”

मोम- “मेरी बेटी को बीच में मत लाओ…”

अकरम- “वो खुद यहाँ पे आई थी याद है?” उसने मेरी तरफ देख और कहा- “मुझे अच्छी तरह याद है की कैसे इसने मुझसे मिन्नत की थी…” और फिर मोम की तरफ देखकर- “और तू बोलती है की इसको ना लाऊँ बीच में…”

अकरम ने अब मोबाइल में कुछ करके हमें एक फोल्डर दिखाया। फिर उसमें से एक वीडियो चलाया, ये मेरा और अकरम का पहला सेक्स का वीडियो था। उसके बाद अकरम ने फोन पे एक और वीडियो चला दिया, वीडियो चल रहा था और अकरम बोलने लगा- “अभी तुम दोनों मेरे लिए काम करोगी, मना किया तो ये अभी के अभी इंटरनेट पे आ जाएगा…”

ये किसी हाइ क्वालिटी पोर्न मूवी के जैसा वीडियो था, मोम बेड पे लेटी हुई थीं। वही रूम जहां पे अकरम ने पहली बार मेरी चुदाई की थी, और मोम सो रही थी या फिर बेहोश कर दी गई थी। रूम का दरवाजा खुला और 10-15 लोग अंदर आए और बेड पे लेटी मेरी नंगी मोम के चारों ओर खड़े हो गये। वो सब हँस रहे थे और उत्तेजित थे मोम को देखकर।

एक आवाज ने कहा और वो शायद अकरम की ही थी- “छूना मत उसको, ए तू इधर आ…” 

कैमरा घुमा और नंगा अकरम दिखा उस टाइम उसकी दाढ़ी थी और लण्ड पे भी खूब बाल थे। वो लड़कों के बीच से मोम के चेहरा की तरफ आया और उसने अपना लण्ड मोम के होंठों पे रख दिया। कैमरा अब फुल एच॰डी॰ क्वालिटी में मोम की इज्जत लूट रहा था। कैमरा अब घुमा और नीचे जाने लगा, चूत में वीर्य लगा हुआ था और वहां का सारा हिस्सा गवाह था की मोम को ढेर सारे आर्गैज्म आए थे। रूम में लोगों ने अपने लण्ड निकाल लिए और हिलाने लगे। 

अकरम ने अब कहा- “चलो जाओ अब यहां से…” और फिर वीडियो भी खत्म हो गया।

उसने पूरा वीडियो दिखाकर फोन सोफे पे रख दिया, मोम और मैं बेड पे बैठ गये। हम किसलिए यहां आए थे और अब क्या हो रहा है? अकरम ने हम दोनों को ड्रिंक्स दी, हमने मना किया। पर शाकिंग्ली उसने प्यार से कहा की इससे अच्छा लगेगा, और फिर हमारे सामने बैठ गया।

अकरम- “मेरा इरादा तुम लोगों को नुकसान पहुँचना नहीं है…”

मैं हँस दी- “हाँ… नुकसान?”

अकरम ने उसी टोन में आगे कहा- “तूने मुझे भड़का दिया, इसलिए मुझे वो वीडियो देखने पड़े, तुम लोग खुशी-खुशी काम करो मेरे लिए, यही मैं चाहता हूँ…”

मैं- “खुशी-खुशी? ओह्ह… कितना ध्यान रखते हो हमारा? आपको लगता है की हम मस्ती में किसी के लण्ड पे उछल रही होंगी, जब आप हमारे वीडियोस नेट पे डाल रहे होंगे?”

अकरम ने फिर प्यार से बात मानने के लिए कहा- “जो वीडियो उपलोड किया वो पहला और आखिरी है, मेरा वादा है, अकरम जुबान देता है…”

मैंने कुछ नहीं कहा, मादरचोद अपनी माँ का भी वीडियो बनाकर नेट पे डाल दे तो मुझे हैरानी नहीं होगी, जो जबान रंडियों की चूत चाटती फिरे, उसकी क्या कीमत?

अकरम बोला- “मेरा आफर वही है, टाप क्लास की एस्कार्ट की तरह तुमको चुदाई के पैसे मिलेंगे वो भी चुदाई से पहले। काम करो, खतम करो, घर जाओ, बाकी मेरी टेन्शन है, और अगर कोई बीच रास्ते में छेड़े तो बोल देना, मैं उसकी बजा दूंगा, चाहे कितना ही बड़ा आदमी हो…”

अब हम करते भी क्या? मजबूरी में मानना पड़ा हमको, और फिर हम वहाँ से चले आए। हमने एक दूसरे से बात नहीं की और ऐसे ही घर पहुँचे। टीवी ओन था पर भाई अपना लैपटाप लेकर उसमें कोई काम कर रहा था। मोम सीधा अपने रूम में चली गई। 

भाई ने मुझे “हाय…” कहा और मैं हाथ हिलाकर सीढ़ियां चढ़कर अपने रूम की तरफ चली गई।
 
अकरम ने फिर प्यार से बात मानने के लिए कहा- “जो वीडियो उपलोड किया वो पहला और आखिरी है, मेरा वादा है, अकरम जुबान देता है…”

मैंने कुछ नहीं कहा, मादरचोद अपनी माँ का भी वीडियो बनाकर नेट पे डाल दे तो मुझे हैरानी नहीं होगी, जो जबान रंडियों की चूत चाटती फिरे, उसकी क्या कीमत?

अकरम बोला- “मेरा आफर वही है, टाप क्लास की एस्कार्ट की तरह तुमको चुदाई के पैसे मिलेंगे वो भी चुदाई से पहले। काम करो, खतम करो, घर जाओ, बाकी मेरी टेन्शन है, और अगर कोई बीच रास्ते में छेड़े तो बोल देना, मैं उसकी बजा दूंगा, चाहे कितना ही बड़ा आदमी हो…”

अब हम करते भी क्या? मजबूरी में मानना पड़ा हमको, और फिर हम वहाँ से चले आए। हमने एक दूसरे से बात नहीं की और ऐसे ही घर पहुँचे। टीवी ओन था पर भाई अपना लैपटाप लेकर उसमें कोई काम कर रहा था। मोम सीधा अपने रूम में चली गई। 

भाई ने मुझे “हाय…” कहा और मैं हाथ हिलाकर सीढ़ियां चढ़कर अपने रूम की तरफ चली गई।

चेंज करके जब डिनर के लिए मैं नीचे गई, तब मैंने सोचा की मोम बिना खाना खाए ही सो जाएंगी। पर मोम टेबल पे अपनी जगह पे खाना खा रही थी, और टीवी देख रही थीं। मैंने भाई के पास से रिमोट लिया और चैनेल चेंज करने लगी, पुरानी कमेडी मूवी ‘चुपके चुपके’ आ रही थी।

मोम को व्प पसंद है। मैं रिमोट रखकर मोम के पास गई और उनके सिर पे किस करके एक प्लेट में अपने लिए खाना लेने लगी। मोम ने मेरे हाथ पे हाथ रखा पर वो टीवी की तरफ ही देख रही थी।

पता नहीं क्या होगा? कैसे अकरम से पीछा छूटेगा? इसके लिए हमें होश में रहने की जरूरत है, यही लाइफ है, जरा होश खोया नहीं की सब बिगड़ जाता है। 

खाना खाया, रूम में गई, कपड़े उतरे, गाने लगा के बेड पे सोने की कोशिश करने लगी। मन में कोई खयाल एक टाइम नहीं रहता एक-एक सेकंड के लिए आते और फिर बस खाली सा कर जाते। फिर नींद आ गई और गाने चलते रहे।

अगली मार्निंग मेरी आँख खुली और मैं शायद 17 करोड़वीं बार सोचने लगी की काश हमारे घर पे स्विमिंग पूल होता, मेरे रूम के सामने के रूम में हम योगा और एक्सर्साइज करते हैं। मैं तैयार होकर योगा करने गई और मोम पहले से ही वहां पे डाउनवर्ड फेसिंग डाग पोजीशन में थी और अपवर्ड में आकर मोम ने मुझे देखकर गुड मार्निंग कहा, और मैं मोम को गुड मार्निंग बोलकर लेफ्ट में शुरू हो गई।

मोम- “अभी योगा कर लेने के बाद मुझे तुझसे बात करनी है…” 

मैंने हामी भरी और फिर हम योगा पे ध्यान लगाने लगे।

आखीर में मोम मेरे सामने बैठ गई और उन्होंने कहा- “मैं कैसा महसूस कर रही हूँ, मैं बता नहीं सकती। एस्कार्ट का काम मैं कर लूँगी उसकी प्राब्लम नहीं है। डर नहीं लग रहा था, पर टेन्शन इस बात की थी की अकरम पता नहीं और कितना इश्तेमाल करेगा…” 

मोम भी सेम महसूस कर रही थी, डर नहीं पर टेन्शन था, लेकिन इस बात का नहीं की अकरम और कितना इश्तेमाल करेगा?

मोम ने कहा- “वो हमको रंडियां बनाकर ही रखेगा और कुछ नहीं, और ना ही इससे ज्यादा वो सोच सकता है…”

मोम ने फिर कहा- “मुझको पता था की एक दिन अकरम मोम को इस तरह इश्तेमाल करेगा पर अगर मैं भी इसमें शामिल ना होती तो मोम को कोई टेन्शन ही ना होती…” 

हाँ, मोम को सिर्फ मेरी टेन्शन थी, क्या सच में मोम को सिर्फ मेरी ही टेन्शन थी? और कुछ नहीं?”

लास्ट में मोम ने कहा- “मैं बाकी का अकरम से सेटप कर लूंगी…” 

ब्रेकफास्ट के बाद हम सभी अपने-अपने काम पे चले गये। रात को मोम कुछ बैंक के पेपर्स ले आई, एक जाय्न अकाउंट बनाना था मेरा और मोम का। उसके बाद मोम ने कहा की अकरम ने सटर्डे को डेट फिक्स की है, मोम उसके बारे में बताने लगी। 

तब मैंने कहा- “क्या फर्क पड़ता है, मोम?”

मोम ने कहा- “सही है, चल मैं तुझे बता देती हूँ हमको क्या करना है?”

मैंने मोम को ऐसे देखा की अब मेरी क्लास लगने वाली है की एस्कार्ट कैसे बनते हैं? कैसे करते हैं? मैंने कहा- “ओके टीचर, प्लीज़्ज़… आप धीरे-धीरे समझाना, मैं भूल जाती हूँ…”

मोम- “जान लेगी तो ठीक रहेगा, हमें उसको खुश करना है, सेक्स के मामले में वो ढीला भी निकले तो उसको अपनी फ्रस्ट्रेशन्स नहीं शो करनी है…”

मैं- “एस मोम…”

मोम- “ठीक है नहीं बताती, काम बिगड़ जाए और फिर कोई लफड़ा कर बैठो तो मेरी तरफ मत देखना…”

मैं- “ओके ओके ओके… चलो बताओ, जो बताना है…” मैंने मोम को मेरे पास बिठा दिया। मैं जानती थी की मोम मुझे ये इसलिए बता रही थी क्योंकी मुझे कोई प्राब्लम ना हो, ना की मैं कोई प्राब्लम क्रियेट करूं। 

मोम ने लगभग वही बताया जो मुझे अंदाजा था या कुछ मुझे पता नहीं था। 

आखीर में मैंने कहा- “आप टेन्शन मत लो…”

आखिरकार, सटर्डे की रात आ गई। भाई अपने दोस्तों के यहां था और हमने उसको कहा की हम पार्टी में जा रहे हैं। उसके जाने के बाद हम तैयार हुए, मैंने सफेद फ्री फ्लोयिंग स्कर्ट जिसकी हेम गाण्ड तक थी और फिर टैंक टाप पहना, जिसमें चूचियां इतनी कसी हुई थीं की एक टच से वो फट जाएगा। मोम ने डार्क ब्लू कलर की मिनी पहनी, सेक्सी टाइट फिटिंग में मोम की कर्वी फिगर और भी हाट लग रही थी, डीप ‘वी’ काउल गर्दन में उनका क्लीवेज दिख रहा था।

मैं और मोम आज रात एस्कार्ट थी, मेकप करने के बाद हमने मिरर में देखा- “हू कैन हैंडल दीज टू सेक्सी स्लटस?” धड़कते दिल और उछलती चूचियों के साथ हम निकल पड़े।

पहले हमें अकरम के क्लब जाना था। अकरम बाहर आया और कार की खिड़कियों से ही एक बड़ा लिफाफा दिया, उसमें पैसे थे और अड्रेस। उसके बाद हम कार से उस अड्रेस पे पहुँच गये- “ओह्ह… गोड ओके ओके लेटस गो…” मोम ने मेरे गाल पे हल्क से किस किया, और हम अंदर गये।

सफेद शर्ट ब्लैक पैंट पहने एक आदमी ने दरवाजा खोला और हमें खुशी से अंदर बुलाया। हम स्माइल करते हुए अंदर चले गये, उसकी हाइट हमसे कम थी, वो 5” फुट का होगा पर वो हैंडसम था। अर्ली 30 की उम्र थी और वो थोड़ा शर्मा भी रहा था। मेरा दिल धड़कना बंद हो गया, अब मुझे कोई टेन्शन नहीं थी। मोम ने मेरी तरफ देखकर स्माइल की और जताया की आज पिछले दिनों की टेन्शन फालतू में लेकर बैठे थे।

मैंने उसको इधर-उधर का पूछा और उसकी बाडी की तारीफ की, उसका बदन गठीला था, शायद हमें 6 पैक देखने को मिले, पर सब एक साथ अच्छे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

मोम ने उसको पूछा की वो हमसे कोई खास सेवा चाहता है? 

उसने कहा की वो बस नार्मल चलने देना चाहता है, देखते हैं जो होता है होने देते हैं। 

उसके इस जवाब से हम हँसने लगे, और फिर हमने कहा- “हम तैयार होकर आते हैं…” 

मोम- “वाउ… मैं तो बहुत फ्री महसूस कर रही हूँ, उसकी बाडी देखी, सेक्सी ना?”

मैं- “हम फालतू में ही मूड बिगाड़ के बैठे थे, जल्दी से चेंज करते हैं, मुझसे रहा नहीं जाता…” और हमने जल्दी से स्टाकिंग, गार्टर पहन ली और फिर मैंने स्कर्ट और टाप उतार के बैग से ब्लैक ट्रांसपेरेंट ब्रा और थोंग पहन ली। मोम ने भी ब्लैक लिंगरी पहन ली थी, गार्टर चेक; हेयर्स ओके; चूचियां सेक्सी; ओके… लेटस गेट फक।

वो ड्रिंक लेकर हमारा इंतेजार कर रहा था। हम धीरे-धीरे उसके पास गये और उसके पास पहुँचकर सेन्सुअली उसको छूते हुए हम उसकी बाडी पे हाथ फेरने लगे, वो पिघलने लगा।
. मैं उसके शर्ट के बटन खोलने लगी और मोम उसकी पैंट पे उसके लण्ड के उभार पर चूम रही थी। 

“ओह्ह… अह्ह…” करते हुए हमने उसको नंगा कर दिया, वो कभी जिम जाया करता था पर अब भी उसकी बाडी कुछ शेप में थी, उसका नशों से फड़कता हुआ लण्ड मोम के हाथ में था।

मैं- “यू लाइक माई बूबस, आई नो यू लोव देम, ओह्ह… यू कैन टच देम नाउ यू नाटी बाय, आई हैव सीन यू, स्टेरिंग ऐट माई बिग बूबस, यू परवर्ट। डोन्ट बी शाइ ओह्ह… इस्स्स… लिक माइ टिट्स अह्ह…” कहकर मैंने अपनी ब्रा खोल दी और उसके चेहरा पे अपनी चूचियां लगा दिया। 

वो किसी बच्चे की तरह उनको देख रहा था, उसने एक को पकड़कर दूसरे को मुँह में ले लिया, मैंने देखा मोम ने अभी उसका लण्ड मुँह में नहीं लिया था, वो बस उसको सहला रही थी। मैंने उसका ध्यान मोम की तरफ किया।

अब मोम ने उसकी आँखों में देखते हुए उसके लण्ड के सुपाड़े को चाटने लगी। फिर शरारती स्माइल देकर मोम ने फिर उसके सुपाड़े को मुँह में ले लिया और अपनी आँखें बंद कर ली- “उम्म्म…” और फिर मुँह से निकाल दिया। फिर मोम उसको ब्लो-जोब देने लगी। 

वो उसके मजे लेने लगा, मैंने उसको किस किया और चेयर पे टांग रखकर चूत उसके चेहरे की तरफ कर दी। उसने मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी क्लिट को चाटना चालू कर दिया, उसने एक उंगली डाल दी और निकाल के मुझे दी, फिर उसने कहा की बेड पे चलते हैं।

बेड पे वो लेट गया और मैं और मोम उसकी एक-एक बाल को मुँह में लेकर चूसने लगी, वो पूरी तैयारी से बैठा था और उसने अच्छी तरह सारे बाल साफ कर रख थे। मैं उसके लण्ड को मुँह में लिए अपना सिर हिलाने लगी और मोम बाल्स को चूमते हुए उसकी गाण्ड के छेद पे चाटने लगी। 

ओह्ह… गोड मैं मोम को देखती रह गई। मोम ने कहा की मैं हट जाऊँ, मैं हट गई और मोम ने उसकी टाँगें ऊपर करके फैला दी। मोम ने मुझे इशारा किया तो मैंने वापस उसको ब्लो-जोब देना शुरू किया और मोम ने उसके बाल्स को चूसने के बाद उसकी गाण्ड के छेद को चाटना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने मोम का सिर लण्ड की तरफ किया और मोम लण्ड पे हाथ फेरते हुए उसको मस्त चूसने लगी।

फिर मोम ने मेरे बाल पकड़े और मुझे लण्ड पे झुका दिया। मेरे मुँह में वो पूरी तरह भर गया। फिर भी मोम ने मुझे और झुकाया और लण्ड मेरे गले में चला गया। मोम ने ऐसा दुबारा किया और उसके बाद मुझे किस करके खुद लण्ड डीप-थ्रोट में लेने लगी।

अब वो झड़ने वाला था, मेरे इशारे पर हम दोनों अपने होंठों से लण्ड के सुपाड़े को कवर करके जीभ उसकी सेन्सिटिव स्किन पे चलाने लगीं, और जब वो झड़ा तो उसका वीर्य हम दोनों के मुँह में भरने लगा, उसके बाद मैंने मोम को किस किया और मुँह में वीर्य से खेलने लगी। फिर उसने बेड पर मोम को लेट जाने को कहा और मोम की चूत की पूजा करने लगा। मैं मोम के पास लेटी थी और वो मेरी चूत में जोर से उंगली कर रहा था, और मोम मेरी क्लिट मसल रही थी। मेरे झड़ जाने के बाद मोम भी झड़ गई।

बातें करने को कुछ नहीं था तो हम एक दूसरे की बाडी से लिपट के यहां-वहां किस करते और सहलाते रहे, थोड़ी देर बाद उसका टूल अपना काम करने को तैयार हो गया।

सबसे पहले उसने मोम को डागी स्टाइल में चोदा, फिर मैं और मोम 69 में हो गये और उसने मेरी बजा दी, फिर मैं गाण्ड ऊपर करके बैठ गई और वो मेरी चूत खाने लगा और मोम लेटकर उसके लण्ड को लेने लगी, मेरे झड़ जाने के बाद वो और मोम खड़े हो गये।

उसने मोम की टांग कंधे पे रखकर जम के मोम को चोदा और मैं बेड पे लेटी अपनी चूत मसलती उस शानदार शो को देखने लगी। फिर मोम को किस करके उनकी गाण्ड पे मार के मोम को जाने का इशारा किया और सिटी बजाकर मुझे पास बुलाया।

मैं बेड से उठाने वाली थी की उसको आइडिया आया और वो मेरे पास आकर मुझे पकड़ा और मुझे उठा लिया, मेरी पीठ उसकी तरफ थी। मोम आई और उसके लण्ड को मेरी चूत में डालकर वापस बेड पे चूत दिखाती मसलती हमारा शो देखने लगी। हम दोनों मोम की तरफ चेहरा किए हुए थे।

उसने मुझे खोब जम के मचका-मचका के चोदा। मैं उससे लंबी थी पर पता नहीं उसने मुझे ऐसे उठा रखा था की जैसे मैं कोई गुड़िया हूँ। मेरी चूत झड़ने वाली थी ओह्ह… गोड उसने मुझे और ऊपर उठा लिया। मेरी चूत मोम की तरफ थी, मैं हवा में लटकी मेरी चूत से बारिश होने लगी, ओह्ह… फक कितना एरोटिक था। मोम पास आई और उन्होंने उसके लण्ड को मुँह में लिया और फिर मेरी चूत में डाल दिया। 

मैंने मन ही मन कहा- “थैंक्स मोम…” 

फिर मोम खड़ी हो गई और मुझे किस करने लगी, उसने वापस तेजी से शाट लगाने शुरू किए और मेरी चीख निकली, मैं फिर से झड़ने लगी। इस बार और ज्यादा पानी निकला, ऐसा लगा की मैं पेशाब कर दूँगी। उसने मुझे उतार दिया और मैं फर्श पे लेट गई। उसने मोम को झुका दिया और पर अब वो शाट नहीं लगा रहा था, बल्की मोम खुद आगे पीछे होकर उसका लण्ड ले रही थी।

अब वो बस झड़ने के करीब ही था। उसने मोम की गाण्ड पकड़ी, वो दोनों किसी जानवर की तरफ चोद रहे थे, बीच-बीच में मोम की टांगें कांप जाती, कसम से मोम की जगह मैं होती तो बेहोश हो जाती। पर मोम ओह्ह… गोद शीस लाइक गाडेस आफ सेक्स, शी कैन हैंडल एनीथिंग, आंड डू एनीथिंग टु गिव प्लेज़र टु अदर्स। मोम डागी स्टाइल में अपनी चूत की 12-13-14 सब बजा रही थी, दोनों चिल्ला रहे थे।

फिर फट से उसने मोम को हटा दिया और मोम बैट गई- “मोना…” मोम ने कराहते हुए मुझे कहा। 

मैं भी मोम के बाजू में बैठकर वीर्य का इंतेजार करने लगी। उसने हमें भिगो दिया अपने ढेर सारे वीर्य से। मोम ने उसके लण्ड को और चूसा ताकी कुछ भी बाकी ना रहे। 

मैं और मोम बाथरूम गये और मैंने अपना फोन निकाला और हमने सेल्फी ली, बाथ लेकर हम वापस ड्रेस-अप हो गये। हम वापस बाहर आए और वो अंडरवेर पहने हुए था। हमने एक दूसरे को थैंक्स कहा और हग्स & किसेस करके हम माँ बेटी बाहर अपनी कार में बैठ गये।

मोम ने जल्दी से कार स्टार्ट की और तेजी से घर की तरफ ले जाने लगी। जब हमारी नजरें मिली तो हमारी ऐसी हँसी छूटी की हम काफी देर तक हँसते ही रहे- “वाउ… वाट आ नाइट? तट वाज फन…”
 
मैं घर पे पहुँची, भाई की बाइक पहले से अंदर रखी हुई थी। कार से निकल के मैंने मोम को देखा, वो ठीक ही लग रही थी। मैंने मोम को पूछा- “मैं ठीक तो दिख रही हूँ ना?” 

मोम ने ओके कहा और हम अंदर चले आए।

भाई- “वाट थे फ- मोम आप ऐसे कपड़ों में पार्टी में गई थी?”

मोम- “क्यों क्या हुआ?” मैंने चेक किया की कही बालों में वीर्य तो नहीं रह गया है। पर मोम ओके थी।

भाई- “आप एक हाट माडेल लग रही हो। पक्का ना वहाँ पे सिर्फ औरतें ही थीं?”

मैं- “क्यों? मोम इस तरह पार्टी में नहीं जा सकती जहाँ पे पुरुष हों?”

मोम- “क्यों आदी? तुझे शर्म आ रही है? मुझे इस तरह देख के?” मोम ने स्माइल के साथ कहा। 

भाई का चेहरा लाल होने लगा था- “नहीं, वो आप इनमें…” वो चुप हो गया। लेकिन उसकी नजरें बार-बार वहाँ जा रही थी जहाँ नहीं जानी चाहिए।

मोम- “हाँ हाँ बोल?”

मैं- “मोम मुझे लगता है आपको देखकर भाई अराउज हो रहा है…”

भाई- “नहीं, मैं नहीं हो रहा हूँ…” उसने तेजी से कहा। 

हम दोनों हँसने लगे। भाई गुस्सा होकर अपने रूम में चला गया।

मोम ने मेरी तरफ देखकर कहा- “क्या मोना। बिचारा पहले से ही हाट था और तूने पेट्रोल छिड़क दिया…”

मैंने हँसते हुए कहा- “चलो, देखते हैं कि वो क्या कर रहा है? पक्का…” मैंने हाथ हिलाने का इशारा किया।

मोम- “चुप कर। कुछ भी बोल रही है। माँ हूँ उसकी…” हम मोम के रूम में जाने लगे।

मैंने कहा- “तो क्या हुआ, आपको देखकर मैं भी हाट हो जाती हूँ…” मैंने मोम को पकड़कर एक लंबा पैशनेट किस किया। हमारी जीभें मिलकर मुँह में डान्स करने लगीं।

मोम- “ओह्ह गोड… तू तो बड़ी हाट हो गई है…”

मैंने भाई के रूम के बंद दरवाजे की तरफ देखा और कहा- “आह्ह… बेचारा भाइ…” मैंने फिर मोम को देखा और कहा- “जाओ और अपने बेटे को संभलो जरा। उसका वीर्य वेस्ट हो रहा होगा अभी…”

मोम ने मुझसे अलग होते हुए कहा- “हट…”

हमने चेंज करके डिनर किया। मैं टी-शर्ट और शार्टस शार्ट पहने थी और मोम भी लूस टी-शर्ट और पाजामा पहने हुए थी। भाई डिनर के लिए बैठा तो मोम ने उसको सीरियस टोन में पूछा की भाई को कोई कहीं बुरा तो नहीं लगा? 

भाई ने कहा की उसको मैंने गलत बात बोल दी थी।

मैंने मोम को कहा- “मैंने कहा था ना मोम, आदी अकेला नहीं है। मैं खुद भी आपको देखकर हाट हो गई थी। आप बहुत ब्यूटीफुल हो…” 

मोम स्माइल के साथ खाना खाने लगी। फिर मोम ने भाई को कहा- “मैं आइन्दा ऐसे कपड़े नहीं पहनूंगी…”

तब भाई बोला- “आपको जो पसंद है वो पहन सकती हैं। मुझको कोई प्राब्लम नहीं है…”

मोम- “आर यू श्योर?”

भाई- “पक्का…”

मोम ने मुझे आँख मारते हुए कहा- “पक्का ना? मुझे तो मोना से कंपिटीशन करना पड़ता है, वो मुझसे ज्यादा सेक्सी होती जा रही है। उसके लिए मुझे भी वैसा ही पहनना पड़ेगा ना…”

भाई- “क्या? आप क्यों दीदी से कम्पीट कर रही हो?”

मोम ने अपनी प्लेट की तरफ देखते हुए कहा- “तुझे पता नहीं, हम दोनों एक जैसे दिखते हैं…”

मैं जोर से हँस पड़ी। उसके बाद मोम भी मेरे साथ हँसने लगी। भाई हम दोनों को देखता रह गया।

भाई- “क्या? क्या? हँस क्यों रहे हो आप दोनों?”

मोम- “हम दोनों को एक लड़का लाइन मार रहा था, उसने ऐसा कहा की मैं और मोना सिस्टर्स हैं क्या?” मोम घुमाकर भाई की बात कर रही थी।

भाई बोला- “आपको उसे एक रखकर देना चाहिए था…”
मोम- “ओह्ह… कम ओन। मुझे तो अच्छा लगा की उसको मैं मोना की सिस्टर लगी…”

भाई- “गधा कहीं का…”

मैं- “ठंड रख भाइ… वैसे भी मोम को पहली बार थोड़े ना किसी ने ऐसा कमेंट किया है? तू बता हम सिस्टर्स लगते हैं की मदर डाटर?”

भाई बात टालने के लिए हाँ में सिर हिला दिया।

मोम- “थैंक्स आदी…”

भाई- “सारी मोम, पहले मेरा मतलब? मोम आप यंग दिखती हो। और आप बहुत ही ब्यूटीफुल हो। सारी मैंने पहले जो कहा की आपने वो कपड़े…”

मोम ने उसके गाल पे किस किया और- “यू सच आ गुड मैन, हैंडसम मैन आफ दिस हाउस…” 

ये सुनकर भाई के चेहरा पे अलग ही चमक थी।

खाना खा लेने के बाद मोम ने एक बार और भाई को किस किया, पर दोनों गालों पे। फिर मोम अपने रूम में चली गई।

मैंने भाई के होंठों पे किस किया, और कहा- “तू इस घर का मर्द है। शर्माया मत कर लड़कियों के जैसे…” 

भाई कुछ नहीं बोला और मैं उसके बाल खराब करके अपने रूम चली गई।

अगले कुछ दिनों में कुछ खास नहीं हुआ। रोज मेरे लिए कालेज, मोम के लिए आफिस, सटर्डे नाइट को मुझे मेरी दोस्तों की पार्टी की जगह मुझे मोम के साथ एस्कार्ट की जाब करने जाना पड़ा था। जब मेरी दोस्तों ने मुझसे पूछा की मैं क्यों नहीं आई? तो मैंने कहा की मैं खुद एक लड़के के साथ थी। मैंने अपनी स्टोरी बताई जिसमें मोम नहीं थी। पर मैंने कहा की मैंने एस्कार्ट का रोल-प्ले किया था।

मैंने भाई को सेक्स के लिए टालने लगी क्योंकी मोम ने उस मार्निंग मुझे मना किया था और मुझे लग रहा था की मोम को मेरी वजह से और प्राब्लम ना हो। इसलिए ना तो आदी के साथ सेक्स किया और न ही किसी और से। यही सब चला। अकरम की नई काल नहीं आई, अच्छा भी था। कहीं इस बार कोई जानवर ना निकले।

उस सटर्डे नाइट के बाद से मैं और मोम खुद को बिजी रख रहे थे। एक रात मोम ने भी बातों-बातों में कहा की हफ़्ता हो गया काम खत्म ही नहीं हो रहा। वो रात को भी कुछ हिसाब वगैरह करती अपने लैपटाप पे। और कभी भाई भी बैठ जाता उनसे डिसकस करने।

एक रात वो मेरे रूम में आई- “आ बस थोड़ा ही पेपर वर्क बचा है। बाकी कल करूँगी…” कहते हुए शर्ट उतारकर मेरे पास आ गई और मैंने अपनी बुक साइड में रख दी। 

मोम सालों से मेरे और भाई के जागने से पहले ही उठ जाती और हमारे जागने तक मोम योगा एक्सर्साइज कर लेती और उसके बाद ब्रेकफास्ट तैयार कर चुकी होती हैं। टी-शर्ट और पाजामा पहने मोम ब्रेकफास्ट टेबल पे न्यूसपेपर पढ़ती मिलती, और जब कभी लेट हों तो आफिस के कपड़ों में। सन्डे हो और रिलैक्स का मूड हो तो बाथरोब या किमोना पहने होती। और अब तो मैं भी अर्ली मार्निंग उठकर मोम के साथ एक्सर्साइज करती हूँ और उसके दो घंटे के बाद भाई उठता है।

हम योगा पैंटस और टैंक टाप पहन के एक्सर्साइज एंजाय करती या कभी नंगी होकर हाट योगा करती। फिर उसके बाद मोम भाई के उठने से पहले नहाकर टी-शर्ट पाजामा जैसे ही कुछ पहनती, क्योंकी योगा के बाद योगा आउटफिट में मोम को देखना मतलब उनको आलमोस्ट नंगी देखने के बराबर होता। वेल, अब चीजें टाइम के साथ बदल रही थीं, और सब लोग भी। 

लास्ट टाइम उस इन्सिडेंट, जब मोम बाथरूम में थी, भाई और मैंने दरवाजे पे ही सेक्स किया था, के बाद मोम कुछ बदल सी गई थी- “आइ एम फीलिंग सेक्सी नाउ…” यही कहा जब मैंने उनसे पूछा जब मोम के ड्रेसिंग स्टाइल में मुझे चेंजेज दिखाई देने लगे।

आदी जैसे पहले मोम को देखता था, पर अब वो ऐसे नार्मल रहता है की जैसे प्लेबाय मेन्शन में हो और ये कोई नई बात नहीं हो। यहां तक कि मोम कभी भाई को पूछ भी लेती की उसको मोम इन कपड़ों में कैसी लगती हैं?

और जब वो तारीफ करता तो मोम बस… आफिस से आने के बाद मोम सम्मर ड्रेस पहने टीवी देख रही थी। तब मैंने देखा की उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था। मेरे चकित चेहरा को देखकर मोम धीमे से कहा- “ओह्ह… मैं पूरी गीली हो गई थी…”

मैं- “गीली वो कैसे?”

मोम ने मेरे कान में कहा- “आदी पूरे टाइम मेरी गाण्ड को ही देख रहा था और मैं नजरें बचा के उसके बोनर को…”

मैं- “आप लोग सच में पागल हो गये हो…” और हम हँसने लगे।
 
सनडे को मेरे टाप में टी-शर्ट और बाटम में शार्टस या पैंटी पहने देखना भाई और मोम को आदत थी। लेकिन अगले कुछ दिनों में हम लोगों को मोम की टांगों को देखने की आदत डालनी पड़ी, या उनको दिखाने की।
एक मार्निंग को हम सब ब्रेकफास्ट कर चुके थे और सनडे होने की वजह से हम घर पे ही थे। भाई अपने आफिस की फाइल्स लेकर मेरे लेफ्ट में बैठा हुआ था और दायें में मोम। मोम और मैं टीवी देख रहे थे और मैं मेरी गोदी में तकिया को यूँ ही घुमा रही थी।

भाई- “राकेश ने जो रिपोर्ट दी थी वो आपने मुझे दी नहीं…”

मोम ने जवाब नहीं दिया तो मैंने कहा- “मोम, भाई कुछ कह रहा है?”

मोम- “हाँ? क-क्याऽऽ?”

“रिपोर्ट मोम, जो राकेश ने दी थी आपको? कहाँ है?” भाई ने बोरियत वाली टोन से पूछा।

मोम- “दी तो थी ना…”

मैं उनके बीच बैठकर सच में पक जाती हूँ, जब वो दोनों आफिस की बातों से परेशान करते हैं, आज भी ऐसा हो रहा था।

भाई- “किधर?”

मोम- “ओफफ्फ हो… तेरे बैग में देख ना…”

भाई- “ये सारी फाइल्स बैग से ही निकली हैं…”

मोम ने मेरे पास से झुकते हुए हाथ से इशारा करते हुए कहा- “ये… ये ग्रे वाली कौन सी है?”

भाई- “ये आ…”

मोम- “सामने पड़ी है फिर भी पूछ रहा है, और सन्डे को क्या लेकर बैठ गया तू? आज सनडे ही है ना मोना?”

“हाँ…” मैंने कहा।

मोम- “ऐसा तो नहीं आज मंडे हो और सिर्फ हम दोनों ही काम नहीं कर रहे?”

“ओह्ह… शटअप…” भाई चिढ़कर बोला।

मोम- “तू अपने दोस्तों के यहां क्यों नहीं जाकर आता, या फिर?” बातें कर रही मोम का ध्यान नहीं रहा की उनका एक टिट बाहर झाँक रहा था। 

मैंने लेफ्ट में देखकर भाई को देखकर इशारा किया। अभी भाई मोम को कुछ कह रहा था पर अटक कर बात करने लगा।

मोम को महसूस हो गया, और वो वापस मेरे दायें में सही से बैठ गई। भाई फिर से अपने काम में लग गया। मोम को मैंने स्माइल दी और मेरा दायां हाथ उनसे टच हुआ और… और डम। नो पैंटी डे है क्या आज? मेरी माँ चाहती क्या है? मैंने तकिया की आड़ में अपने हाथ को मोम की ड्रेस में घुसाकर चूत के होंठ को पकड़कर हल्के से मरोड़ दिया।

“आह्ह…” मोम ने शरारती चेहरे से मुझे देखा।

मैं मोम की आँखों में देखते हुए बोली- “आज गर्मी बहुत बढ़ी हुई लग रही है, है ना भाइ?” फिर मैंने भाई की तरफ मुँह कर लिया।

भाई बस हाँ में सिर हिला दिया। 

मोम ने भाई से पूछा- “आजकल तू जिम नहीं जाता है, कोई इंजुरी तो नहीं हो गई?” 

मेरा हाथ अब भी वहीं था।

भाई ने फाइल से नजर ना हटते हुए कहा- “नहीं टाइम नहीं है…” फिर वापस लिखने लगा।

मैं और मोम एक दूसरे का चेहरा देखते रहे।

मोम- “बेटा अपनी सेहत का खयाल तो रखा कर, देख मोना पहले कहाँ पे एक्सर्साइज करती थी, अब तो जल्दी भी उठती है…” 

मैंने कुछ महसूस किया और मोम की तरफ देखा। मोम ने अपने दायें से ड्रेस ऊपर कर दी थी और दायें हाथ से अपनी चूत सहला रही थी। मेरी गोदी में तकिया की वजह से भाई को मोम का ऊपर पार्ट और जांघें ही दिख सकते थे।

मोम ने मुझे आँख मारकर भाई से आगे आर्डर देने वाली टोन में कहा- “आदी अब कल से तू भी जल्दी उठेगा…” 

भाई ने मोम की तरफ देखकर कहा- “वो क्यों?”

अब हम श्योर थे की मेरी वजह से मोम दिख नहीं रही थी।

मोम- “मैं तुझे 5:30 बजे जगा दूँगी…”

भाई ने कंप्लेंट करते हुए कहा- “5:30 बजे…”

मोम- “अच्छा 6:00 बजे तो चलेगा ना?”

भाई- “नोप। मैं नहीं उटूंगा इतनी सुबह को, आप दोनों ही उठो…” 

मोम के हाथ को हिलाते मैं देख रही थी और आगे मोम ने कहा- “एक्सर्साइज नहीं करेगा तो तोंद वाले लड़के की कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनेगी। अच्छा जरा ये तो बता कोई गर्लफ्रेंड है भी या नहीं? ह्म्म…”

भाई चेहरा नीचे करके मोम को इग्नोर करने लगा और मोम इसका फायदा “तेजी” से उठाने लगी।
मोम ने मजे लेते हुए कहा- “अच्छा फिर नहीं है तो हमें ही ढूँढ़नी पड़ेगी, और जब तेरा पेट बाहर लटका हो तो पता नहीं कोई हाँ करेगी भी या नहीं? मोटी चलेगी ना तुझको?” 

हम हँसने लगे।

भाई अब चिढ़ गया- “आपका मतलब मैं ऐसे अच्छा नहीं दिखता?”

मोम- “ऐसे ही उठना बैठना रहा तो पेट बाहर आ जाएगा…”

भाई- “पर में थोड़ी बहुत तो एक्सर्साइज करता हूँ ना…”

मैं- “मोम सही तो कह रही हैं, कुछ मक्फो वाचो बन, वैसे कितने दिन जिम गया था? आपको पता है क्या मोम?”

मोम ने आँखें बंद कर ली थी और अपने होंठ काट रही थी। फिर मोम ने नार्मल होकर कहा- “उम्म्म… मुझे याद नहीं…”

मोम भी ना, मैंने भाई का ध्यान मोम पर ना जाए, इसलिए आगे बोलना चालू रखा- “देखा किसी को भी याद नहीं है।

“आउच…” मोम- “ओह्ह… सारी…”

मैंने भाई से आगे कहना शुरू किया की उसको अब बाडी को शेप में रखना चाहिए, जागिंग और बाकी बातें। पर भाई ने वापस अपना चेहरा फाइल में घुसा दिया। मैंने बोलते हुए अपनी गोदी से तकिया हटा दिया तो मोम के होश उड़ गये। उन्होंने जल्दी से ड्रेस सही की और मुझे घूरने लगी।

भाई- “ओके ओके। कल से मैं जाना शुरू कर दूँगा। अब खुश?”

मोम- “जाना शुरू कर दूँगा? तू हमारे साथ ही एक्सर्साइज कर लेना…” मोम ने कहते हुए तकिया को मुझे पकड़ा दिया।

भाई- “आप… आपके साथ?”

मोम- “क्यों हम भी तो एक्सर्साइज करते हैं, हाँ ज्यादा हेवी वेट नहीं उठाते, तू अपने लिए मँगा लेना हेवी एक्विपमेंट…”

भाई- “नहीं वो बात नहीं है। मैं आप औरत लोगों के बीच में…”

मैं बोली- “हाँ… तो मत कर…” 

पर मोम ने मुझे कमर पर चिकोटी मार दी। 

मैं मोम को समझने की कोशिश करने लगी, मोम क्या कर रही हैं।

मोम- “तुझे अपनी मोम और सिस से शर्म आ रही है?” चिढ़ने की टोन में मोम ने उसको पूछा, ताकी वो हाँ बोल दे।

भाई ने मुझे देखा। मैंने उसको हेल्प नहीं की। फिर भाई ने कहा- “ठीक है, आप मुझे उठा देना…” ये कहकर वो उठा और अपने रूम की तरफ चला गया। 
 
अच्छा हुआ उसने मोम की तरफ नहीं देखा जो उसके जाते ही अपनी टाँगें खोल दी और धीमे से विसेता वाली आवाज में बोली- “एइस्स्स… ये बात हुई ना मेरी जान…” और मुझे किस करके फिर वापस सही से बैठ गई।

मैं मोम की तरफ मुँह खोले देख रही थी- “इसमें इतना खुश होने की क्या बात थी?” मैंने मोम से पूछा। 

लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया, और वो मुझे एक बार फिर होंठों पे किस करके अपने बेडरूम में चली गई, मैंने सोचा पक्का अब एक बड़ा सा डिल्डो मोम की चूत में घुसने वाला है और अगर मोम ज्यादा खुश हैं तो शायद एक गाण्ड में भी।

शाम को भाई बड़े डम्बलस ले आया, मिड और उससे हल्क वेट के घर में पहले से ही हैं। मैंने उसका बैग देखते हुए कहा- “कोई टाइट अंडरवेर नहीं ली…” 

भाई ने पूछा- “वो क्यों…” 

तब मैंने उसको वार्निंग देते हुए कहा- “अब से कोई है जो कभी बैठ नहीं पाएगा…” कहकर उसके लण्ड पे हाथ फेरा और आँख मार दी। 

रात को तैयार होकर मैं अपनी दोस्तों के यहां गई सन्डे मनाने। शाट्स लगाने में मैं पायल से जीत गई, पर मेरी दोस्तों ने मुझे ड्राइव करने से मना कर दिया। पर मैंने कहा- “मैं होश में हूँ…” 

फिर भी इस वजह से मुझे शगुफ्ता ने घर ड्राप किया। जाने से पहले उसने मुझसे परेशान होकर पूछा- “मेरी मोम मुझे डाँटेंगी तो नहीं?”

मैंने कहा- “डोन्ट वरी, शी’स कूल…”

शगुफ्ता- “रियली। लकी यार, मेरी मोम तो पूरा घर उठा लेती हैं, चल ओके बाइ…”

मैं कार से उतरी, और आस-पास देखा, फिर मैंने शगुफ्ता से कहा- “एक हाट दृश्य देखेगी?”

शगुफ्ता- “क्याऽऽ? अच्छा दिखा…”
मैंने कहा- “पर तुझे देखने के लिए कुछ देना पड़ेगा…”

शगुफ्ता बोली- ऐसा क्या दिखाने वाली है? 

मैंने उसको कहा पर उसने माना नहीं की मैं ऐसा कर सकती हूँ। तो मैंने उसको बेट लगाने को बोला की अगर कोई लफड़ा हुआ तो मैं हार गई और नहीं हुआ तो मैं जीत जाऊँगी।

शगुफ्ता- “अच्छा जीतने वाले को क्या मिलेगा?”

मैं- “वो एक दिन का गुलाम, जो कुछ करवाना हो करा सकेगा…”

उसको लगा की वो जीतने वाली है। मुझे भी कुछ पर्सेंट डाउट था, बुत आई नो आई विल्ल बी द विन्नर।

शगुफ्ता- “ओके चल काल कर…”

मैं वापस कार मैं बैठ गई और मोम को काल किया। मोम के आने से पहले मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।

दो मिनट में मोम मुख्य दरवाजा खोलते हुए आई, और कहा- “ओह्ह… माई गोड मोना, तू नंगी क्यों है?”

मैं- “हाय मोम…”

मोम- “तेरे कपड़े कहाँ हैं?”

शगुफ्ता बोली- “आंटी, वो ये अपने कपड़े भी हार के आ गई…”

मोम- “क्याऽऽ? मोना तू?” 

मोम कुछ बोले उससे पहले मैं कार से उतर गई, और “बाइ शगुफ्ता” बोलकर पर्स हाथ में लिए, घर की तरफ चल पड़ी। मोम आस-पास देखने लगी। चाँदनी रात में मेरा गोरा बदन चमक रहा था। बदकिश्मत पड़ोसी अपने घर में मोबाइल में घुसे हुए थे। शगुफ्ता भी कार से उतरकर पीछे आने लगी। उसको लगा की मेरी मोम अंदर पहुँचते ही मुझ पर टूट पड़ेगी। 

मैं कुछ लड़खड़ते हुए अंदर गई और- “हाय भाइ…” मैंने कुछ नशे में झूमते हुए कहा।

पीछे से दरवाजा बंद हुआ और शगुफ्ता ने तमाशा देखने के मूड से अपने हाथ सीने पर बाँध दिए।

मोम ने शगुफ्ता से कहा- “तुम बोलो हुआ क्या था?”
शगुफ्ता छोटी सी बच्ची की तरह राग में बताने लगी- “मोना ने ज्यादा पी ली और फिर खेल में वो अपने सारे कपड़े हार गई…”

मोम ने भाई को देखकर गुस्से में कहा- “आदी, अपने रूम में जाओ, अभी…” 

पर आदी अपनी जगह से हिला तक नहीं।

मोम- “उफफ्फ़… मोना, तू अपने रूम में जाएगी?”

मैं यही सुनना चाहती थी- “गुड नाइट एवरीवन…” और जाते हुए मैं पीछे शगुफ्ता के रंग उड़े हुए चेहरे को देखकर मुश्कुरा कर चली गई। 

मैंने मोम को शगुफ्ता को थैंक्यू बोलते सुना फिर दरवाजा बंद होते।

मैं रूम में पहुँची, और फिर शगुफ्ता को काल लगाया। तभी मोम रूम में आई। शगुफ्ता ने फोन उठाया और मैंने मोम को अपने होठों पर उंगली दिखाई और फोन स्पीकर पे किए और वाल्यूम कम की।

शगुफ्ता- “अरे यार तूने ये कैसे किया?”

मैं- “चल अब मैं बेट के हिसाब से तेरी एक दिन की मालेकिन हूँ, और तू मेरी गुलाम…”

शगुफ्ता- “यार ऐसा वैसा कुछ करने को तो नहीं बोलेगी?”

मैं- “देखेंगे… चल अभी के लिए बाइ, मुझे सोचना भी तो पड़ेगा, क्या-क्या करवाना है?” हँसते हुए मैंने कहा।

काल कट किया और मोम को हग किया- “थैंक्स मोम, आपकी वजह से मैं जीत गई…”

मोम- “अच्छा बेटिंग हाँ… पहले पोकर खेलो, और बिना कपड़ों के घर आओ, ऐसे नहीं चलेगा…”

मैंने मोम को पूरी बात बताई, और कहा की पार्टी में मैंने कोई खेल नहीं खेला, आस-पास देखने के बाद ही मैंने बेट लगाई थी। और कपड़े तो उनके आने से पहले कार में ही उतार दिए थे।

मोम- “तो ये बात है, ठीक है फिर…” फिर मोम हग करके चली गई और मैं बेड पे पसर गई। मोम ने भाई को नहीं कहा।
अगले दिन मैं लेट उठी। भाई आफिस चला गया था। मोम कुछ अलग लग रही थी। लगता है मोम-भाई की फर्स्ट योगा क्लास कुछ ज्यादा ही हाट रही होगी। फिर मैं कालेज चली गई। वहाँ पे मैंने कल की बात दोस्तों को बताई और अगली पार्टी में शगुफ्ता के मजे लेने का डिसाइड किया।

मार्निंग में भाई को मोम योगा सिखाती, इससे भाई की हालत ऐसी थी की सामने कुंआं है पर प्यास नहीं बुझा सकते। बाकी टाइम मोम पहले की तरह नार्मल रहती। पहले के आधे घंटे के बाद भाई का तंबू लग जाता, जिसको इग्नोर करना पड़ता था, यानी भाई उसको शांत करके ही रूम में आता था। 

फिर रात को भी मोम भाई को तंग करती। कभी उसके पास चिपक के टांगें सिकोड़कर बैठ जाती जिससे उनकी पैर से गाण्ड तक नंगी दिखती। बेचारा… आफिस का मुझे पता नहीं पर मेरे ख्याल से मोम वहाँ कुछ नहीं करती होंगी, क्योंकी वहाँ पे कर्मचारी हैं ना। पर घर पे उफफ्फ… ये बड़ी सी गाण्ड… ओह्ह… गोड।

***** *****
अकरम ने फिर एक रात फिक्स की हमारे “धंधे” के लिए। पर ये बहुत ही बोरिंग थी। वो मोटा था, तोंद निकली थी। सेक्स तो एकदम मशीन टाइप था।

हम दोनों 20 मिनट में फ्री होकर आ गये। बिना आर्गैज्म के हमारा मूड आफ था। सोचा की मूड अच्छा करने के लिए बाथ लेने के बाद मैं और मोम एक दूसरे को शांत करेंगे। लेज़्बियन सेक्स से मोम तो “खुश” हो गई और मैं रह गई। मोम ने डिल्डो से मेरी चूत मारी पर मुझे वो मोटा आदमी दिख जाता और मेरा मूड खराब हो जाता।

मैंने मोम से चिढ़ते हुए कहा- “रहने दो…” और मैं सिर पे हाथ रख लेट गई। 

कुछ देर बाद मोम ने मुझसे कहा- “तू ज्यादा शोर नहीं करेगी। ओके?” 

मैं समझी नहीं।

तब मोम ने कहा- “चल जाकर आदी के रूम में सो…” 

मैं एकदम शाक्ड, मोम को देखने लगी। मैं उठी- “सारी मोम मेरे कहने का ये मतलब नहीं था…”

मोम- “मैंने तेरी बात गलत तरीके से ली ही नहीं…” मोम ने प्यार से कहा।

मैं- “तो फिर क्या मतलब है आपके कहने का की जाकर मैं आदी के रूम में सो?”

मोम सोचने लगी फिर भी उन्होंने कहा- “कैसे कहूँ। उम्म… ओके…” मोम मुझे देखते हुए बोली- “अच्छा बता तुझे अभी क्या चाहिए उस बकवास चीज को भूलने के लिए?”

“ओ माई गोड…” मोम क्या कह रही है? पक्का वो बुरा मान गई है।

मैं- “मुझे कुछ नहीं चाहिए…”

मोम- “पक्का कुछ नहीं चाहिए?” 

मोम को अब मैं घूरने लगी- “उम्म्म…”

मोम- “हाँ बेटा, क्या?”

मैं- “कुछ नहीं…”

मोम उठी और बाथरोब पहनेकर जाते हुए “गुड नाइट” कहा और एक पल मुझे देखा।

मैं बेड से खड़ी हुई तो मोम वही खड़ी मुझे देखती रही। मैंने कहा- “आपके रूम में ड्रिंक्स हैं?”

मोम ने हाँ में सिर हिलाया, मैंने बाथरूम से बाथरोब पहन के मोम के रूम में गई। मोम एक वाइन का ग्लास मुझे देकर बेड पे बैठ गई। हम नंगी माँ बेटी जम के घूँट-घूंट चुपचाप पिए जा रही थी। मेरा ग्लास खतम हुआ और मैं उठकर बेड के पास टेबल पे रखकर अपने रूम में जाने के लिए मुड़ी और जाते हुए मेरी नजर बेड के कोने पे रखे मेरे बाथरोब पे पड़ी। 
 
अच्छा हुआ उसने मोम की तरफ नहीं देखा जो उसके जाते ही अपनी टाँगें खोल दी और धीमे से विसेता वाली आवाज में बोली- “एइस्स्स… ये बात हुई ना मेरी जान…” और मुझे किस करके फिर वापस सही से बैठ गई।

मैं मोम की तरफ मुँह खोले देख रही थी- “इसमें इतना खुश होने की क्या बात थी?” मैंने मोम से पूछा। 

लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया, और वो मुझे एक बार फिर होंठों पे किस करके अपने बेडरूम में चली गई, मैंने सोचा पक्का अब एक बड़ा सा डिल्डो मोम की चूत में घुसने वाला है और अगर मोम ज्यादा खुश हैं तो शायद एक गाण्ड में भी।

शाम को भाई बड़े डम्बलस ले आया, मिड और उससे हल्क वेट के घर में पहले से ही हैं। मैंने उसका बैग देखते हुए कहा- “कोई टाइट अंडरवेर नहीं ली…” 

भाई ने पूछा- “वो क्यों…” 

तब मैंने उसको वार्निंग देते हुए कहा- “अब से कोई है जो कभी बैठ नहीं पाएगा…” कहकर उसके लण्ड पे हाथ फेरा और आँख मार दी। 

रात को तैयार होकर मैं अपनी दोस्तों के यहां गई सन्डे मनाने। शाट्स लगाने में मैं पायल से जीत गई, पर मेरी दोस्तों ने मुझे ड्राइव करने से मना कर दिया। पर मैंने कहा- “मैं होश में हूँ…” 

फिर भी इस वजह से मुझे शगुफ्ता ने घर ड्राप किया। जाने से पहले उसने मुझसे परेशान होकर पूछा- “मेरी मोम मुझे डाँटेंगी तो नहीं?”

मैंने कहा- “डोन्ट वरी, शी’स कूल…”

शगुफ्ता- “रियली। लकी यार, मेरी मोम तो पूरा घर उठा लेती हैं, चल ओके बाइ…”

मैं कार से उतरी, और आस-पास देखा, फिर मैंने शगुफ्ता से कहा- “एक हाट दृश्य देखेगी?”

शगुफ्ता- “क्याऽऽ? अच्छा दिखा…”
मैंने कहा- “पर तुझे देखने के लिए कुछ देना पड़ेगा…”

शगुफ्ता बोली- ऐसा क्या दिखाने वाली है? 

मैंने उसको कहा पर उसने माना नहीं की मैं ऐसा कर सकती हूँ। तो मैंने उसको बेट लगाने को बोला की अगर कोई लफड़ा हुआ तो मैं हार गई और नहीं हुआ तो मैं जीत जाऊँगी।

शगुफ्ता- “अच्छा जीतने वाले को क्या मिलेगा?”

मैं- “वो एक दिन का गुलाम, जो कुछ करवाना हो करा सकेगा…”

उसको लगा की वो जीतने वाली है। मुझे भी कुछ पर्सेंट डाउट था, बुत आई नो आई विल्ल बी द विन्नर।

शगुफ्ता- “ओके चल काल कर…”

मैं वापस कार मैं बैठ गई और मोम को काल किया। मोम के आने से पहले मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।

दो मिनट में मोम मुख्य दरवाजा खोलते हुए आई, और कहा- “ओह्ह… माई गोड मोना, तू नंगी क्यों है?”

मैं- “हाय मोम…”

मोम- “तेरे कपड़े कहाँ हैं?”

शगुफ्ता बोली- “आंटी, वो ये अपने कपड़े भी हार के आ गई…”

मोम- “क्याऽऽ? मोना तू?” 

मोम कुछ बोले उससे पहले मैं कार से उतर गई, और “बाइ शगुफ्ता” बोलकर पर्स हाथ में लिए, घर की तरफ चल पड़ी। मोम आस-पास देखने लगी। चाँदनी रात में मेरा गोरा बदन चमक रहा था। बदकिश्मत पड़ोसी अपने घर में मोबाइल में घुसे हुए थे। शगुफ्ता भी कार से उतरकर पीछे आने लगी। उसको लगा की मेरी मोम अंदर पहुँचते ही मुझ पर टूट पड़ेगी। 

मैं कुछ लड़खड़ते हुए अंदर गई और- “हाय भाइ…” मैंने कुछ नशे में झूमते हुए कहा।

पीछे से दरवाजा बंद हुआ और शगुफ्ता ने तमाशा देखने के मूड से अपने हाथ सीने पर बाँध दिए।

मोम ने शगुफ्ता से कहा- “तुम बोलो हुआ क्या था?”
शगुफ्ता छोटी सी बच्ची की तरह राग में बताने लगी- “मोना ने ज्यादा पी ली और फिर खेल में वो अपने सारे कपड़े हार गई…”

मोम ने भाई को देखकर गुस्से में कहा- “आदी, अपने रूम में जाओ, अभी…” 

पर आदी अपनी जगह से हिला तक नहीं।

मोम- “उफफ्फ़… मोना, तू अपने रूम में जाएगी?”

मैं यही सुनना चाहती थी- “गुड नाइट एवरीवन…” और जाते हुए मैं पीछे शगुफ्ता के रंग उड़े हुए चेहरे को देखकर मुश्कुरा कर चली गई। 

मैंने मोम को शगुफ्ता को थैंक्यू बोलते सुना फिर दरवाजा बंद होते।

मैं रूम में पहुँची, और फिर शगुफ्ता को काल लगाया। तभी मोम रूम में आई। शगुफ्ता ने फोन उठाया और मैंने मोम को अपने होठों पर उंगली दिखाई और फोन स्पीकर पे किए और वाल्यूम कम की।

शगुफ्ता- “अरे यार तूने ये कैसे किया?”

मैं- “चल अब मैं बेट के हिसाब से तेरी एक दिन की मालेकिन हूँ, और तू मेरी गुलाम…”

शगुफ्ता- “यार ऐसा वैसा कुछ करने को तो नहीं बोलेगी?”

मैं- “देखेंगे… चल अभी के लिए बाइ, मुझे सोचना भी तो पड़ेगा, क्या-क्या करवाना है?” हँसते हुए मैंने कहा।

काल कट किया और मोम को हग किया- “थैंक्स मोम, आपकी वजह से मैं जीत गई…”

मोम- “अच्छा बेटिंग हाँ… पहले पोकर खेलो, और बिना कपड़ों के घर आओ, ऐसे नहीं चलेगा…”

मैंने मोम को पूरी बात बताई, और कहा की पार्टी में मैंने कोई खेल नहीं खेला, आस-पास देखने के बाद ही मैंने बेट लगाई थी। और कपड़े तो उनके आने से पहले कार में ही उतार दिए थे।

मोम- “तो ये बात है, ठीक है फिर…” फिर मोम हग करके चली गई और मैं बेड पे पसर गई। मोम ने भाई को नहीं कहा।
अगले दिन मैं लेट उठी। भाई आफिस चला गया था। मोम कुछ अलग लग रही थी। लगता है मोम-भाई की फर्स्ट योगा क्लास कुछ ज्यादा ही हाट रही होगी। फिर मैं कालेज चली गई। वहाँ पे मैंने कल की बात दोस्तों को बताई और अगली पार्टी में शगुफ्ता के मजे लेने का डिसाइड किया।

मार्निंग में भाई को मोम योगा सिखाती, इससे भाई की हालत ऐसी थी की सामने कुंआं है पर प्यास नहीं बुझा सकते। बाकी टाइम मोम पहले की तरह नार्मल रहती। पहले के आधे घंटे के बाद भाई का तंबू लग जाता, जिसको इग्नोर करना पड़ता था, यानी भाई उसको शांत करके ही रूम में आता था। 

फिर रात को भी मोम भाई को तंग करती। कभी उसके पास चिपक के टांगें सिकोड़कर बैठ जाती जिससे उनकी पैर से गाण्ड तक नंगी दिखती। बेचारा… आफिस का मुझे पता नहीं पर मेरे ख्याल से मोम वहाँ कुछ नहीं करती होंगी, क्योंकी वहाँ पे कर्मचारी हैं ना। पर घर पे उफफ्फ… ये बड़ी सी गाण्ड… ओह्ह… गोड।

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अकरम ने फिर एक रात फिक्स की हमारे “धंधे” के लिए। पर ये बहुत ही बोरिंग थी। वो मोटा था, तोंद निकली थी। सेक्स तो एकदम मशीन टाइप था।

हम दोनों 20 मिनट में फ्री होकर आ गये। बिना आर्गैज्म के हमारा मूड आफ था। सोचा की मूड अच्छा करने के लिए बाथ लेने के बाद मैं और मोम एक दूसरे को शांत करेंगे। लेज़्बियन सेक्स से मोम तो “खुश” हो गई और मैं रह गई। मोम ने डिल्डो से मेरी चूत मारी पर मुझे वो मोटा आदमी दिख जाता और मेरा मूड खराब हो जाता।

मैंने मोम से चिढ़ते हुए कहा- “रहने दो…” और मैं सिर पे हाथ रख लेट गई। 

कुछ देर बाद मोम ने मुझसे कहा- “तू ज्यादा शोर नहीं करेगी। ओके?” 

मैं समझी नहीं।

तब मोम ने कहा- “चल जाकर आदी के रूम में सो…” 

मैं एकदम शाक्ड, मोम को देखने लगी। मैं उठी- “सारी मोम मेरे कहने का ये मतलब नहीं था…”

मोम- “मैंने तेरी बात गलत तरीके से ली ही नहीं…” मोम ने प्यार से कहा।

मैं- “तो फिर क्या मतलब है आपके कहने का की जाकर मैं आदी के रूम में सो?”

मोम सोचने लगी फिर भी उन्होंने कहा- “कैसे कहूँ। उम्म… ओके…” मोम मुझे देखते हुए बोली- “अच्छा बता तुझे अभी क्या चाहिए उस बकवास चीज को भूलने के लिए?”

“ओ माई गोड…” मोम क्या कह रही है? पक्का वो बुरा मान गई है।

मैं- “मुझे कुछ नहीं चाहिए…”

मोम- “पक्का कुछ नहीं चाहिए?” 

मोम को अब मैं घूरने लगी- “उम्म्म…”

मोम- “हाँ बेटा, क्या?”

मैं- “कुछ नहीं…”

मोम उठी और बाथरोब पहनेकर जाते हुए “गुड नाइट” कहा और एक पल मुझे देखा।

मैं बेड से खड़ी हुई तो मोम वही खड़ी मुझे देखती रही। मैंने कहा- “आपके रूम में ड्रिंक्स हैं?”

मोम ने हाँ में सिर हिलाया, मैंने बाथरूम से बाथरोब पहन के मोम के रूम में गई। मोम एक वाइन का ग्लास मुझे देकर बेड पे बैठ गई। हम नंगी माँ बेटी जम के घूँट-घूंट चुपचाप पिए जा रही थी। मेरा ग्लास खतम हुआ और मैं उठकर बेड के पास टेबल पे रखकर अपने रूम में जाने के लिए मुड़ी और जाते हुए मेरी नजर बेड के कोने पे रखे मेरे बाथरोब पे पड़ी। 
 
मैंने मुड़कर मोम को देखा, मोम किसी रानी की तरह ग्लास लेकर बेड पे बैठी मुझे देख रही थी। मैं मुड़ी और मोम के बेडरूम से निकल गई। बिना बाथरोब लिए।

दिन की शुरुआत इतनी मजेदार पहले कभी नहीं थी। अब तो भाई हमारे साथ योगा और एक्सर्साइज करता था। मैंने मोम के सजेस्ट करने पे भाई के साथ सेक्स किया था, पर मैं जानना चाहती थी की पहले तो उनको प्राब्लम थी और मुझे ऐसा करने को मना भी किया था, पर अब खुद ही बोल रही थी जाकर भाई से चुदा लूँ।

मोम ने आखिरकार कहा- “अगर सेक्स की जरूरत हो तो उनको कोई प्राब्लम नहीं की मैं किससे चुदाई करूं? पर घर पे यू नंगी घूमेगी तो वो ये बिल्कुल पसंद नहीं करेंगी…” लास्ट टाइम ऐसा ही होता था। 

मैंने मोम को छेड़ते हुए कहा- “अगर उनको सेक्स की जरूरत हुई तो क्या वो भी भाई से?”

मोम ने मस्ती करते हुए मेरे बाल पकड़ लिए- “बहुत बोलने लगी है तू…” मोम और मैं सिस्टर्स की तरह लड़ने लगीं। 

भाई ने हमें देखा तो वो भी हँसते हुए हमें देखने लगा।

उस दिन मोम ने मेरे सवाल का जवाब तो नहीं दिया और ना ही उन्होंने भाई को घुमा फिराकर सिड्यूस करना बंद किया। हाँ भाई को अपनी मोम से नजर हटाने में प्राब्लम होने लगी, क्योंकी मोम की गाण्ड उसको सबसे ज्यादा पागल करती थी। किसको पसंद नहीं थी? कभी-कभी मोम की योगा पैंटस में ‘कैमल-टो’ देख जाता। ये बात भाई की नींद हराम करने वाली थी।

एक दिन उसने मुझसे पूछा- “दीदी आपने देखा मोम को, उनके नीचे…”

मैंने सवाल करते हुए कहा- “क्या देखा?”

भाई- “अरे उसको बोलते है ना कैमल-टो, यानी यू नो ना?”

उस टाइम मैंने भी लेगिंग पहनी थी, कहा- “तेरा मतलब ये…” मैंने लेगिंग को ऊपर खींचकर भाई से पूछा।

भाई- “ओह्ह गोड… दीदी अपने भी अंदर पैंटी नहीं पहनी?”

मैं- “नहीं…” ऐसे कहा की कोई खास बात नहीं है। 

भाई आगे कुछ नहीं बोला।

अगली सुबह मोम एक्सर्साइज रूम में आने में लेट हो गई थी। रोमांच में भाई उनको उठाने गया पर लाल मुँह लेकर वापस आ गया और डम्बलस लेकर शुरू हो गया।
तब मैंने मोम के रूम में जाकर देखा की वो रात को बाथरोब में ही सो गई थी और अभी सिल्क का कपड़ा उनकी कमर तक ऊपर था और एक पैर साइड में करके बड़ी गाण्ड खोले हुए थी और चूत तो मासूम सी बैठी थी की इस सब में उसकी कोई गलती नहीं। भाई ने मोम के नीचे का पूरा हिस्सा नंगी देख लिया था।

अब पता चला भाई के लाल चेहरा का मतलब? मैंने पास में पड़ा मोम का फोन उठाया। मुझे पासवर्ड पता था, फिर मोम की पिक ली और फोन वापस रख दिया। मैं मोम को जगाए बिना वापस एक्सर्साइज करने आ गई। आधे घंटे बाद मोम आई और रोज की तरह करने लगी।

जबकी मोम को पता नहीं था की उन्होंने अंजाने में क्या शानदार शो दिखा दिया था। ब्रेकफास्ट के बाद जब मैंने भाई के जाने के बाद मोम को सुबह की बात बताई, और उनकी मार्निंग पिक भी। 

तब मोम ने अपना चेहरा छुपा लिया- “ओफफ्फ हो तूने मुझे बताया क्यों नहीं जब मैं योगा करने आई थी?”

मैं- “आपको वैसे भी आजकल मस्ती ही सूझी रहती है, तो मैं बीच में क्यों आती?” मैंने कहा् 

और मोम अपने सिर को ना में हिलाते हुए पिक को देख रही थी। जैसे उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था। मुझे लगा की इसके बाद वो भाई को तंग करना बंद कर देंगी। अब तक मोम टैंक टाप पहनती और योगा पैंटस पर मोम के उस मार्निंग शो के हिट हो जाने के बाद से मोम ने स्पोर्ट ब्रा और शार्टस पहनना शुरू कर दिया।

भाई अपनी सिस को हाफ नंगी तो देखकर बर्दाश्त कर लेता था, पर अब अपनी माँ को आधा-नंगा देखकर उससे रहा नहीं जाता था, और इसकी सजा मुझे मिलती। इसलिए मैं और भाई एक्सर्साइज रूम से लेट निकलते, पर मोम कुछ नहीं कहती, तब भी नहीं जब भाई को आफिस और मुझे कालेज के लिए लेट हो जाता।

एक हफ्ता हो चुका था भाई पे, और मुझ पे अत्याचार होते। आखिरकार मैंने मोम से पूछ लिया। 

तब मोम ने असल बात बताई- “मोना, देखो मैं आदी को सिड्यूस नहीं करना चाहती…” 

मैं- ओह्ह… रियली?

मोम- “अच्छा बाबा हाँ मुझे मजा आता है जब उसको मुझे देखने की फीलिंग मुझे गीला कर देती है…”

मैं- “तो फिर पूरी गीली हो जाओ ना, सारी प्राब्लम ही खत्म हो जाएगी और फिर आप चाहो तो नंगी ही रहना और तब की जो फीलिंग होगी, इस वाली से भी ज्यादा अच्छी होगी। क्यों?” मैंने आप्शन बताते हुए कहा।

“नहीं…” मोम समझाती हुई बोली- “बल्कि सब पहले जैसा नहीं रहेगा…”

मैं- “कैसे?”

मोम- “लुक ऐट यू, अब तू पहले जैसे कहां रहती है? और हम नार्मल माँ बेटी के जैसे थोड़े ही ना हैं। इस तरह से तो भाई हर वक़्त मुझे चैन से बैठने भी नहीं देगा। हम सब नंगे रहेंगे और वो हम दोनों को स्लट, होर और ना जाने क्या-क्या कहता हमारी मारता रहेगा…”

मैं- “तो पाइंट क्या है? आप उसको सिड्यूस क्यों कर रही हो फिर? हो सकता है एक दिन सच में वो चोद डाले, और देखना तब आप भी उसको रोक नहीं पाओगी…” 

मोम ने अपनी बात को समझाने के लिए धीरे से कहा- “अच्छा मान ले की हमारी पर्सनल लाइफ के बारे में भाई को पता चल जाए, तो तुझे कैसा लगेगा?”

मैं- “उम्म…”

मोम- “बहुत ही बुरा। और अब सोचो की उसको ये जान लेने के बाद भी कोई प्राब्लम नहीं हो, उसको कोई फर्क ना पड़े?”

मैं सोचने लगी की मोम क्या कहना चाह रही हैं? ऐसा कैसे हो सकता है?

मोम- “अरे बस सोचो की हमारी अडल्टरी, हमारी सेक्स लाइफ से आदी को कोई प्राब्लम ना हो तो क्या होता?”

मैं- “ऐसे तो। उम्म… मुझे जब मन करता तब सेक्स करती, आने जाने के बारे में बताना नहीं पड़ता…”

मोम- “हाँ… सही है, कोई रोक टोक नहीं। हो सकता है लोग घर पे आएं और यहीं पर भाई के सामने चुदाई चालू हो जाती, और लास्ट में हम बदनाम होकर रह जाते। सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। यानी डर हमको ऐसी बर्बादी से बचाए हुए है, डर ही है जिसकी वजह से हमें और ऐसा करने का मन होता है…”

मैं- “सही कहा। पर, आजकल आप तो इसका उल्टा ही कर रही हो, इसके पीछे क्या प्लान है?”

मोम ने कहा- “पर तुम एक चीज नोटिस नहीं कर रही, याद है उस दिन हम बहुत थक के आए हुए थे और तू तो अपने रूम में चली गई थी, पर मुझे मर-मर के बाथ लेकर ड्रेसप होना पड़ा था…”

मैं- “हाँ… उसके बाद तो हमसे चला ही नहीं गया था, बहुत दर्द था…”

मोम- “अगर ऐसा हो की घर आकर बस मस्त पलंग पर फैलकर सो सके तो? और किसी को ऐसी हालत पे कोई प्राब्लम ना हो तो? मुख्य पाइंट ये है की, अभी तो हम लकी थे की आदी ने हमें इस तरह नहीं देखा। हो सकता है हमारा लक इतना भी अच्छा ना हो, आदी हमें ऐसी हालत में देखे और हमसे एक्सप्लेन करना भारी पड़ जाए। कोई बच्चा भी समझ जाए की कहां से क्या करके आ रही हैं। मैं घर के माहौल को थोड़ा खुला बनाना चाहती हूँ, ताकी हमें कम कपड़ों में देखने पर आदी पागल ना हो और नार्मल बिहेव करे। बस…”

मैं- “लेकिन आपको नहीं लगता की आपके इस तरीके से उसपे खुलने के बजाए, सेक्सुअल होने का एफेक्ट पड़ रहा है। कम कपड़े तो नार्मल दिन के समय में भी तो आप पहनकर रह सकती हो, और उस वक़्त कोई सिड्यूसिंग मूव्स भी नहीं करने होंगे आपको, जो आप योगा करते हुए दिखाती हो…”

मोम- “अरे… पर वो तो योगा ही ऐसे करते हैं…”

मैं- “जो भी हो, पर आप उसको तंग करना बंद कर दो। अब तो भाई भी पहले जैसा नहीं है, देखो- मैंने अपने कपड़े उतार के चूचियां और गाण्ड दिखाई जिसपे सेक्स के निशान बने हुए थे, ये वाला अभी तक लाल है। अकरम अब मुझे भाई से कम लगने लगा है…”

मोम ने हँसते हुए कहा- “अच्छा फिर तो तेरी तो डबल बजती होगी?”

मैं- “और क्या?”

मोम ने प्यार से कहा- “अच्छा बाबा, अब मुझे लगता है की मैं जितना चाहती थी, उतना काम हो गया है। देखा तूने अब भाई के सामने मैं अब सेक्सी सा भी पहनूं तो वो कुछ नहीं कहता, और रही बात कि वो तुझे इस तरह चोदता है तो इसका मतलब की टाइम तो टाइम उसकी सेक्स परफार्मेन्स भी सुधर रही है। तुझे तो मेरा शुक्रिया अदा करना चाहिए…”

मैं हाथ जोड़कर बोली- “धन्य हैं चुदक्कड़ माता, आपने मेरा संभोग जीवन आनंदमई बना दिया है…”

मोम- “सुखी रहो बच्चा…” और हम हँस पड़े।

रात को हम माँ बेटी क्लब गये। वहां अंदर गये ही थे की मुझे मेरा एक्स बायफ्रेंड मिला, उस समय मुझे उसका नाम भी याद नहीं आ रहा था, बजाए इसके की उसके साथ किए सेक्स के। मैंने कुछ देर बात करके उसका हाथ पकड़ा “राखी कम…” और बाहर कार में ले गई। एक गली में मैंने पार्क किया और पीछे की सीट पे मोम और… अरे क्या नाम है, छोड़ो क्या फर्क पड़ता है? सेक्स के बाद हमने उसको वापस क्लब के बाहर ड्राप किया (हे मोनिका मुझे अपना नम्बर हे रुको।) और हम घर आ गये।
 
अगले दिन, जब कालेज से निकली तब अकरम का काल आया- “और क्या हाल है मेरी रांड़ की चूत का?”

मुझे उसकी बात सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा- “एकदम चुदने को तैयार…” ये क्या बोल रही हूँ मैं? मैंने ऐसा सोचा।
अकरम- “ऐसा क्या? आ जाया कर अपनी गली, वो भी खुली है बिल्कुल तेरी चूत की तरह…”
मैं- “चूत क्या गाण्ड भी खुली रहती है अब तो…” ओ तेरी… ये किस भाषा में बात कर रही हूँ मैं?
अकरम- “चिंता मत कर सारे छेद भर देंगे। चल अब काम की बात, अगले हफ्ते तुम लोगों को आना है, और तो तेरी भी बोली लगेगी उस दिन…”
मैं कुछ घबरा गई, बोली- “क्या तुम मुझे किसी को बेचने वाला है? रण्डी तो पहले से ही बना चुका… और अब?” फिर मैंने पूछा - “मतलब समझी नहीं?”
अकरम- “अभी टाइम नहीं है समझाने का, अपनी माँ से पूछ लेना। उसपे तो खूब लगी है। अपने यहाँ पे तो फेमस है तेरी माँ, उसी से जान लेना उसके कारनामे। चल ठीक, शाम तक त आ जाना और तुम दोनों का प्रोग्राम अगले हफ्ते सेट है…” और काल कट हो गया।
मैं कुछ देर किसी-किसी सोच में पड़ गई तभी बाइक का हॉर्न बना। देखा की रेहान है।
रेहान- “लगता है मंजिल खुद सामने आ गई…” वो बोला।
पर उसकी बात मुझे एकदम सड़क छाप सी लगी। मैंने कहा- “सारी यार, मुझे लेट हो रहा है…”
रेहान- “मैं ले चलता हूँ …”
मैं स्माइल दे के एक्टिवा स्टार्ट करके घर की तरफ चल पड़ी। मैंने घर पहुँचकर मोम को काल किया। उन्होंने मुझे कहा की वो रात को मुझे इसके बारे में बताएंगी। फिर मैं खाना खाकर अकरम के क्लब चली गई। अब मेरा बिल्कुल भी मूड नहीं था उसके साथ रहने का। फिर भी मजबूरी थी जाना तो पड़ेगा।
अकरम मुझे अपने रूम ले गया। वहाँ पर पहुँचने के बाद उसने मुझे नंगा कर दिया। मुझे किस करते हुए उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर हम बाथरूम में गये। मेरा मूड नहीं था उसके लण्ड को चूसने का, मैं आगे झुक गई और उसने मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया। उसने मुझे जम के चोदा। सारी मेहनत मैंने उसे ही करने दी और खुद कोई जोश नहीं दिखाया। खुद को उसके हवाले करके मैंने उसको मुझे चोदने दिया।
उसके बाद वो बाथरूम से चला गया। मैंने बाथरूम में खुद को सॉफ किया और तौलिया से पोंछने के बाद वापस अपने कपड़े पहफकर अपने घर चली आई। मैं घर पहुँचने तक पूरे टाइम थकी हुई महसूस कर रही थी। घर पे अभी कोई नहीं था और मैं सीधा अपने बाथरूम में चली गई, और बाथटब को पानी से भरने के टाइम कपड़े उतार दिए। मैंने मोबाइल पे देखा की मेरे अकाउंट में पैसे डाले गये हैं।
207
फिर अकरम ने काल करके कन्फर्म किया की पैसे मिल गये हैं की नहीं। काल कट करने के बाद मैं उछल पड़ी। फिर टब में लेटकर आराम करने लगी। आह्हह… चलो कुछ तो वसूल हुआ।
रात को मोम आई तो मुझे वो ‘बोली’ वाली बात याद आई। मोम ने कहा की डिनर कर लेते हैं, फिर बात करेंगे। डिनर तक मैं टेन्षन में थी और मोम आराम से। पता नहीं बोली लगाने का क्या मतलब था?
मोम ने कहा- “अभी खाना तो खाने दे…”
मैं- “मैंने खा लिया और भाई भी खाकर रूम में चला गया है अब तो बताओ ना?”
मोम- “एक काम कर तू भी अपने रूम में ना, मैं तुझे रिंग करके बुला लूँगी…”
मोम ने रात के 11:00 बजे मुझे बुलाया। मैं मोम के रूम में गई, मोम ने बाथरूम में से कहा की रूम का दरवाना लाक कर दे। फिर मैं बाथरूम में गई, मोम पैर धो रही थी।
मोम- “कैसा रखूं ?” प्युबिक हेयर की तरफ इशारा करते हुए कहा।
मैं मोम के पास बैठ गई- “वी शेप रख लो…”
मोम- “मैं सोच रही थी की एक तीन लाइन रख लेती हूँ …”
मैंने रेजर ले लिया- “हाँ… तो मोम अब बताओ अकरम ने क्या प्रोग्राम रखा है?”
मोम- “असल में ये सेक्स खेल है…”
मैं- “खेल?”
मोम- “ह्हम्म… वो भी अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए ऐसा करते हैं ये लोग, जो किसी भी चूत को लंबे टाइम तक चोदसकता है। इसमें लड़कियों में से कोई एक को चुनते हैं और उसको सिर्फ़ अपने तैयार लण्ड से एक बार झड़ने तक ही चोदसकते हैं, लोग इसके लिए ड्रग्स लेते, या पहले से मूठ मारकर आए होते हैं, जो भी हो पर एक बार चुदाई शुरू होती है तब बस एक बार ही कर सकते हैं…”
मैं- “बड़ा अजीब है?”
मोम- “हाँ… मर्द लोग ऐसी छोटी बातों में फँसे रहते हैं, खुद के छोटे लण्ड पे रोते हैं, और अगर बड़ा हो तो चुदाई करने का ढंग नहीं…”
मैं- “और ये बोली लगने का क्या मतलब है?”

मोम ने स्माइल के साथ कहा- “फ्री में कोई करेगा क्या? वो भी इतने लोगों से? लोगों को पसंद की लड़की को चुनने के लिए बोली लगानी होती है, जो ज्यादा पैसे देता है, वो सेक्स करता है, फिर अगले राउंड, फिर से बोली, फिर एक और बंदा आता है…”
मैं- “अरे यार फिर? ये खतम कैसे होता है?” मैं मोम की चूत पर एक तीन लाइन बना चुकी थी।
फिर मोम ने मुझे बैठा दिया। मैंने दो दिन पहले ही शेव की थी फिर भी मोम ने एक हाथ फेर दिया। हम मोम के बेड पे लेटे थे, मेरे होंठ मोम से जुड़े हुए थे। मुझे उनपर लगा मेरी चूत के रस का स्वाद लेने का अलग ही मज़ा आता है।
मोम ने बाद में मुझे उस सेक्स खेल के बारे में वो नियम बताए जो हमें ध्यान में रखने थे। लास्ट में मोम ने फिर मुख्य बात दोहराते हुए कहा- “जितना जल्दी हो सके उनको खाली कर देना…”
मैं बोली- “ओके समझ गई, जी मेम, ओके मेम…”
मोम- “ठीक है, ठीक है…” कहकर मेरे पीछे मोम लेट गई और उन्होंने मुझे स्पूनिंग कर-करके मेरी लेफ्ट चूंची को हथेली में लेकर सो गई- “लव यू मोना…”
मैं- “लव यू मोम…”
फिर उस हफ्ता ज्यादा कुछ खास नहीं हुआ। मोम ने भाई को योगा टाइम में सिडयूस करना बंद तो नहीं पर कम कर दिया था, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की इसका फ़ायदा नहीं उठाया। रात को अगर मोम ने टीशर्ट पहनी है, और मोम को ठंड लग रही हो तो आप खुशकिश्मत होंगे।
बुधवार की रात मैं और भाई देर रात टीवी देख रहे थे, तो मोम किमोना पहन आई और हमें सोफे को कहा पर टीवी पे कमेडी दृश्य देखा तो वहीं बैठ गईं। आंड वी आल नो, सिल्क किमोना, मतलब सिर्फ़ किमोना।
अगले दिन, यानी आज अकरम के यहाँ भी जाना था, मोम के साथ मैं माल से शॉपिंग कर आए। मोस्टली मोम ने लेगिन्ग्स ज्यादा ली थी। नहीं तो हमको अंडरगामेंट्स ज्यादा लेने पड़ते हैं, क्योंकी मदो को हमारे कपड़े फाड़कर ठुकाई करना कुछ ज्यादा ही पसंद है। खैर, टाप भी रिवीलिंग टाइप के लिए गये, कुछ बड़ी टाइप के टीशर्ट स जो नांघों तक कवर करे। फिर हम अकरम के क्लब गये, पहले बाहर से काल किया की अंदर का क्या माहौल है? अकरम के चुने हुए लोगों को अलग एक रूम में बैठाया गया और क्लब का आगे वाला हिस्सा बंद कर दिया गया।
तब मैं और मोम अपनी ड्रेस कार में उतार कर बाहर निकली। मोम ने कहा- “ध्यान रखना की कौन झड़ गया है और कौन नहीं…”
मैंने हाँ में सिर हिलाया। अंदर हमारा सीटियों और फब्तियों से स्वागत हुआ। अकरम ने बीच में हमको खड़ा करवाया और वो 20 लोग थे। मैं अब हिसाब लगाने लगी, पता नहीं क्या होगा आगे? लोग चारों तरफ से हमें घेरे हुए थे।

अकरम का एक आदमी जिसको मैंने पहले भी देखा था उसने बोलना चालू किया- “अब आपके सामने पेश है हुश्न की मलिका चुदाई के लिए बेताब है, तो सबसे पहले राखी; सीटियों और गालियों की बौछार होने लगी; के लिए बोली लगेगी और फिर; इतना शोर हुआ की उनको मेरा नाम सुनाई नहीं दिया; के लिए।
पहले दो लोग इनकी मारेंगे। सब हँसने लगे। उसके बाद दो-दो बंदे आएंगे इन दोनों के लिए। फिर तीन और फिर चार। सब समझ गये? अब कायदे ध्यान से सुनिए। हर बंदा सिर्फ़ और सिर्फ़ एक बार झड़ेगा। उसके बाद वो आउट हो जाएगा। जो बंदा बच जाएगा उसको दूसरे ग्रुप यानी दूसरी रण्डी को चोदने वाले लास्ट बंदे से मुकाबला करना होगा, उसमें से जो बंदा पहले झड़ गया वो हार गया और दूसरा जीत जाएगा। अब जीतने वाले के पास गोल्डन चान्स होगा। अगर वो अगले 15 मिनट बिना झड़े अपनी राड़ को चोद सका, तो वो बंदा दोनों रंडियों को भी जीत लेगा और वो बंदा इन दोनों को तब तक चोदसकेगा जब तक वो खुद थक ना जाए…”
फिर उनमें मोम के लिए बोली लगी, सबसे ज्यादा वाला आगे आया, फिर से बोली लगी और दूसरा बंदा मेरे लिए मिल गया। 20 लोग हैं इसलिए मैं आपको सिंपल तरीके से बता रही हूँ । पहले एक-एक बंदे आए मोम के लिए आदमी-1 ; और मेरे लिए आदमी-2।
चारों और शोर हो रहा था।
आदमी-1- “चुप हो जाओ और देखने के लिए तैयार हो जाओ मेरा दम…” मोम वाले बंदे यानी आदमी1 ने झल्लाकर कहा। बीच में खाली जगह पर सोफा, एक बड़ा गद्दा, एक टेबल थी, और एक बाक्स कंडोम्स से भरा हुआ।
आदमी-1 और आदमी-2 आगे आए और वो बाक्स से कंडोम पहफकर तैयार हो गये थे। मोम ने मेरी तरफ देखकर मुझे याद दिलाई। फिर चुदाई का खेल शुरू हुआ।
मैं- “फक मी आऽ आऽ चोद चोद चोद आह्हह… आह्हह… आह्हह… हाँ हाँ…” उसको जोश दिलाकर मैंने उसको मोम के बंदे से पहले ही आउट कर दिया।
कुछ सेकेंड बाद में मोम भी फ्री हो गई। अब फिर से बोली लगी मेरे नाम या फिर मेरे बदन की। दो लोग यानी ब1 और ब2 आगे आए। फिर मोम के लिए ब3 और ब4 ने ज्यादा बोली लगाई।
मुझे मोम का तो पता नहीं, पर मेरे दोनों मर्द लम्बी रेस के घोड़े थे, मुझे खूब उछल-उछल के उनसे करवाना था, ताकी कोई तो जोश में चुदाई में खोकर अपना कंट्रोल खो दे। ब1 को खाली करने में मुझे 15 मिनट लग गये, पर ब2 का मुकाबला ब3 और ब4 से था, यानी मोम को वो दोनों मिलकर झेल रहे थे।
मोम- “आह्हह… मेरी चूत आह्हह… फॅक्क…”
उसने लण्ड निकाला और तेज पानी फुहार भी मोम की चूत ने बरसात कर दी।
मोम- “रुको मत मारते रहो आह्हह… चोदो मुझे आअह्हह… प्लीज़्ज़… फक मी प्लीज़्ज़… प्लीज़…”

मेरी गाण्ड को खोलकर रखकर मेरा मर्द मेरी चूत पे शाट मारने लगा, उधर मोम ने एक से छुटकारा पा लिया, अब मेरे ब2 का मोम के ब4 से मुकाबला होने लगा। मैंने रिवर्स काउगर्ल पोज़ीशन में अपने आदमी को मेरी बड़ी गाण्ड के जाल में फँसा लिया, और वो उसमें झड़ गया। मैं वीर्य टपकाती सोफे पर लुढ़क गई।
लोग अब गिनती करने लगे। पहले तो मुझे लगा की ये ऐसा क्यों कर रहे हैं? ओह्हह गोड… तभी मुझे याद आया की अगर इस बंदे ने मोम को 15 मिनट बिना झड़े चोद दिया तो हम माँ बेटी की खैर नहीं।
ये ब4 बंदा तो बहुत खा-पी के आया लगता था, एकदम बाडी-बिल्डर था। जब 12 मिनट हो गये तो मोम भी टेन्षन में आ गई। वो मोम को डागी स्टाइल में चोदता हुआ मेरी तरफ इशारा करने लगा। और तभी 15 मिनट हो गये। मोम फर्श पर गिर पड़ी।
मैं दौड़कर पास गई, पर ये क्या?
मोम- “आह्हह… मज़ा आ गया मैं तो सारी रात इसके साथ चुदने को तैयार हूँ …”
मैं- “आपको चुदाना है तो चुदाओ पर वो मेरी चूत फाड़ देगा…”
मोम- “तू मेरी बेटी है, ऐसे कैसे फट जाएगी। अभी तू रुक, दो राउंड और होने हैं, अभी तो दो लोग थे, अब तो तीन आएंगे, फिर चार। तेरी चूत तो खुश हो जाएगी…”
मैं- “ओ माई गोड…”
मोम हँसने लगी, मैंने मोम को उठाकर सोफे पे बैठाया। हमें कुछ देर आराम करने को मिला और इतनी देर में हम दोनों को ड्रंक दी गई। जब फिर से बोली लगने लगी तो मुझे उन लोगों को देखकर टेन्षन होने लगी।
 
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