hotaks444
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रमेश के आने के बाद
सब खाना खाते है
और रमेश अरुन से
रमेश: तेरी मम्मी को कुछ पता तो नहीं चला।
अरुण: नहीं मम्मी के आने से पहले सब साफ़ हो गया था।
सरला: क्या बात हो रही है
रमेश: कुछ नही।
चलो बेटा गुड नाईट।
और रमेश चला जाता है।
डायनिंग टेबल पे अब अरुन और सरला थे।
अरुण: अब क्या
सरला: किस का
अरुण: मेरा
सरला: मतलब।
अरुण: अपने ससुर के साथ सोयोगी।
सरला: क्या करुं मज़बूरी है।
अरुण: इसका भी उपाय करना पडेगा।
सरला: जल्दी करो जो करना है।
अरुण: क्यों और बरदास्त नहीं होता
सरला: हाँ नहीं होता यही सुनना था ना।
अरुण: हाँ
सरला टेबल से उठते हुए।
जाओ आप सो जाओ
मै किचन का काम ख़तम करती हू।
अरुण: और पैकिंग कर लेना कल शाम की टिकट्स है
सरला: कहा की
अरुण: तुम्हारी हनीमून की जिस का तुम्हे इंतज़ार नहीं हो रहा।
सरला: हाँ नहीं हो रहा और किचन में भाग जाती है।
और कुछ नहीं होता सब अपने अपने रूम में सोने चले जाते है।
अगले दिन सुबह
सबके ब्रेकफास्ट करने के बाद
रमेश : मैं ऑफिस चलता हू।
अरुण: वो पापा कल जो प्ले.......
रमेश: अरुन को चुप होने का इशारा करता है।
और साइड में ले जाता है।
रमेश: अब बोल
अरुण: वो पापा मुझे गोवा जाना पडेगा।
रमेश: क्यों ।
अरुण: वो कल मेरे फ्रेंड्स बता रहे थे न
तो वो अब बोल रहे है की अंकल ने हमारी इतनी हेल्प करी है तो गोवा जाकर ये हेल्प तो कर दो।हमारा पूरा ड्रामा किसी फेस्टिवल में दिखाया जायेगा।
रमेश: ओके कितने दिन लगेंगे।
अरुण: ५ दिन
रमेश: ओके चला जा पर माँ को क्या बोलोगा।
अरुण: मैं सोच रहा हूँ की मम्मी को भी साथ ले जाऊँ
उनसे बोल दूंगा की घुमने जा रहे है और अपना काम भी कर लुँगा ।
रमेश: ओके चले जाओ।वो भी कितने दिनों से घूमने की जिद कर रही थी।कब जाना है
अरुण: आज ही दोस्तों ने टिकट्स भी बुक करा दी है।
रमेष: ओके बेस्ट ऑफ़ लक।
और अरुन को बाहर ले कर आ जाता है।
रमेश: सरला से ।
तूम कहती हो न की कही घुमने नहीं ले जाते तो अरुन आज गोवा जा रहा है तुम चाहो तो चलि जाओ ।
सरला: पर अकेले ।
रमेश,: अरुन जा रहा है साथ में
और अरुन को ज्यादा परेसान मत करना वो जो बोले वो करना समझी।
सरला: हाँ जो अरुन बोलेगा वही करना है।
रमेश: ओके अरुन अब तुम मैनेज कर लेना।
अरुण: ओके पापा बॉय।
रमेश; बॉय बेटा बेस्ट ऑफ़ लक।
सब खाना खाते है
और रमेश अरुन से
रमेश: तेरी मम्मी को कुछ पता तो नहीं चला।
अरुण: नहीं मम्मी के आने से पहले सब साफ़ हो गया था।
सरला: क्या बात हो रही है
रमेश: कुछ नही।
चलो बेटा गुड नाईट।
और रमेश चला जाता है।
डायनिंग टेबल पे अब अरुन और सरला थे।
अरुण: अब क्या
सरला: किस का
अरुण: मेरा
सरला: मतलब।
अरुण: अपने ससुर के साथ सोयोगी।
सरला: क्या करुं मज़बूरी है।
अरुण: इसका भी उपाय करना पडेगा।
सरला: जल्दी करो जो करना है।
अरुण: क्यों और बरदास्त नहीं होता
सरला: हाँ नहीं होता यही सुनना था ना।
अरुण: हाँ
सरला टेबल से उठते हुए।
जाओ आप सो जाओ
मै किचन का काम ख़तम करती हू।
अरुण: और पैकिंग कर लेना कल शाम की टिकट्स है
सरला: कहा की
अरुण: तुम्हारी हनीमून की जिस का तुम्हे इंतज़ार नहीं हो रहा।
सरला: हाँ नहीं हो रहा और किचन में भाग जाती है।
और कुछ नहीं होता सब अपने अपने रूम में सोने चले जाते है।
अगले दिन सुबह
सबके ब्रेकफास्ट करने के बाद
रमेश : मैं ऑफिस चलता हू।
अरुण: वो पापा कल जो प्ले.......
रमेश: अरुन को चुप होने का इशारा करता है।
और साइड में ले जाता है।
रमेश: अब बोल
अरुण: वो पापा मुझे गोवा जाना पडेगा।
रमेश: क्यों ।
अरुण: वो कल मेरे फ्रेंड्स बता रहे थे न
तो वो अब बोल रहे है की अंकल ने हमारी इतनी हेल्प करी है तो गोवा जाकर ये हेल्प तो कर दो।हमारा पूरा ड्रामा किसी फेस्टिवल में दिखाया जायेगा।
रमेश: ओके कितने दिन लगेंगे।
अरुण: ५ दिन
रमेश: ओके चला जा पर माँ को क्या बोलोगा।
अरुण: मैं सोच रहा हूँ की मम्मी को भी साथ ले जाऊँ
उनसे बोल दूंगा की घुमने जा रहे है और अपना काम भी कर लुँगा ।
रमेश: ओके चले जाओ।वो भी कितने दिनों से घूमने की जिद कर रही थी।कब जाना है
अरुण: आज ही दोस्तों ने टिकट्स भी बुक करा दी है।
रमेष: ओके बेस्ट ऑफ़ लक।
और अरुन को बाहर ले कर आ जाता है।
रमेश: सरला से ।
तूम कहती हो न की कही घुमने नहीं ले जाते तो अरुन आज गोवा जा रहा है तुम चाहो तो चलि जाओ ।
सरला: पर अकेले ।
रमेश,: अरुन जा रहा है साथ में
और अरुन को ज्यादा परेसान मत करना वो जो बोले वो करना समझी।
सरला: हाँ जो अरुन बोलेगा वही करना है।
रमेश: ओके अरुन अब तुम मैनेज कर लेना।
अरुण: ओके पापा बॉय।
रमेश; बॉय बेटा बेस्ट ऑफ़ लक।