hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
आह........हाय........" चुत में पूरा लंड एक ही झटके में लेकर सलोनी के मुंह से कराह निकल जाती है. सलोनी एक पल के लिए खुद को सम्भालती है और फिर अपनी कमर ऊपर उठा लंड बाहर निकल वापस धम्म से लौडे पर बैठ जाती है. सलोनी बिना कोई लम्हा गंवाये गांड उछाल उछाल कर पूरा लौडा चुत में लेकर चुदवाने लगती है. राहुल अब भी नज़र गड़ाये अपनी मम्मी के मोठे मुम्मो और उनके बिच की गहरी खायी में उचलते उसके मंगलसूत्र को देख रहा था.
"अब तोह्......खुश्......है न तु..........देख तेरे लिये.......अह......मंगलसूत्र पेहन लिया है............उफ्फ्........बोल अब खुश है न..........." सलोनी सिस्कियों के बिच रुक रुक कर बोलती है.
"हय मम्मी.......में.......आज तोह्....अपने सच में....... ....दील खुश कर दिया........उफफफ्फ्फ्फफ्.......मम्मी आपके मोठे मोठे दुधु के बिच आपका मंगलसूत्र कितना सुन्दर लगता है..........हायीईइई..........कितनो दिनों से मेरी एहि तम्मना थी..........अखिर आज आपने पूरी कर ही दि"
"तुने पहले क्यों नहीं बताया रे...........मेरे लाल.........तेरी हर ख़्वाहिश पुरी. .......अः.....करूंगी...........खैर अब तू खुश है न?......."
"बहुत ज्यादा मम्मी...........बहुत ज्यादा..."राहुल सलोनी के मुम्मो को दोनों हाथ में पकड़ मसलने लगता है.
"हय तोह फिर मुझे भी............हाए.......,....उउंह........मुझे भी खुश करदे बेटा......" सलोनी हिचकियां लेती बोलती है.
"क्या करूँ मम्मी.......बोलो.......में सब कुछ करने के लिए तैयार हुण.......आप बोल कर देखिये......" राहुल जोश में सलोनी के निप्पल उमेठता केहता है.
"आले...........धीरे मरोड़......हये जालिम..........तु बास इतना कर..........ऊऊफफफफफफफ.......नीचे से ज़ोर लाग.......हयईई........मेरी चुत में अपना लंड पेल......हाये में छूटने वाली थी......जब तूने........ओहह मा........अपनी डिमांड रख दि.......मंगलसूत्र की......"
"बस इतनी सी बात.......अभी देखो तुमारी चुत की क्या हालत करता हु..........." राहुल पूरे जोश में था. वो अपनी मम्मी के मुम्मो को कस्स कर दबाता है और निचे से अपनी गांड पूरे ज़ोर से उचलता है, उधर सलोनी अपनी चुत लंड पर दबाती है. लंड बंदूक से निकलि गोली की तेरह चुत में प्रवेश हो जाता है
"आआईई...........ओह.......मा.........हह.......लग ज़ोर बेटा.....हाये....शाबाश्...लगा ज़ोर........."
ओर फिर दोनों माँ बेटा निचे ऊपर से एक दूसरे की ताल से ताल मिलाते भयंकर चुदाई करने लगते है. लौडा चुत में इतने वेग से इतनी ताकत से अंदर घुसता था के सलोनी और राहुल दोनों करह उठते थे.
"आह्......हाए.......हाए.........बेटा...बेटा........" सलोनी की सिसकियाँ गूँज रही थी.
..........यह ले......यह ले.....मम्मी.......अः....." राहुल हर बार लंड पेलता कराह उठता था.
"ठप थपाथप.." सलोनी के नितम्ब राहुल की जांघो पर चोट कर रहे थे.
"फच्.....फच........फुस........" सलोनी की बरसाती चुत और उसके बेटे के मोठे लौडे के बिच जबरदस्त जंग से पूरे कमरे में शोर शराबा गूँज रहा था.
"रुख.....रुक.......हैयी..रुकककक......." सलोनी उस ताबड़तोड़ चुदाई में ब्रेक लगाती है. उसक बदन कांप रहा था. चुत में सँकुचन होना सुरु हो चुका था.
"मम्मी हाय अब मत रोको.......मेरा बस निकलने ही वाला है.....प्लीस........मम्मी...." राहुल अपने टट्टों में वीर्य उबलता हुआ महसूस कर रहा था.
"बस एक सेकंड बेटा.......में भी छूटने वाली हु......हये मेरा दिल कर रहा था........" सलोनी झटके से राहुल का लंड अपनी चुत से निकल देती है और फिर तेज़ी से राहुल की जांघो पर मुंह घुमा कर बैठ जाती है. इस बार फरक मात्र इत्तना था के उसका मुंह राहुल के पांव की और था जबके राहुल के सामने अपनी मम्मी की गांड उसके भरे सुडौल गोल मटोल कुल्हे थे. सलोनी बिना एक भी पल गंवाये लंड को पकड़ उस पर अपनी चुत टिकाती है और धम्म से लौडा वापस उसकी चुत में समां जाता है.
"हयै....मुझे बास इस तेरह चुदना था........पगले ...........हये मेरा बहुत दिल कर रहा था. सलोनी अपने हाथों से राहुल की टाँगे पकड़ झुक जाती है और दनादन अपनी चुत को लौडे पर ठोकने लगती है.
"ईश्......आह्.........हाए.........." सलोनी बुरी तेरह सिसक रही थी. इस पोजीशन में लौडा सीधा उसकी चुत के डेन को रगड़ रहा था. उसका बदन बुरी तेरह कम्प रहा था. चुत लौडे को कभी कस्स रही थी कभी ढीला छोड़ देती थी.
"हेयी बेटा....बस अब में करीब ही हुण........आंह्...मेरे लालल... .....मेर....बच्चे.........आह्ह्ह्हह्हह्ह्...."
"मेरा भी मम्मी........हाय मेरा भी......" राहुल तड़पता हुआ बोल उठता है. सलोनी के झुक कर उसके लौडे पर उछलने के कारन वो उसकी गांड के छेद को बिलकुल साफ़ साफ़ देख सकता था. राहुल अपना अँगूठा
अपनी मम्मी की गांड के छेद पर दबाता है और ज़ोर लगाकर उसे उसकी गांड में पेल देता है. सलोनी बेटे की इस हरकत से एकदम सिखर पर पहुँच जाती है.
"हहहयये........उफ...आबबब मेरी गांड पर............आआह्ह्ह्हह........आँख रख ली तूने............" सलोनी अखिरी झट्कोण का मज़ा लेती केहती है.
"हाये मम्मी..........में नहीं बल्कि तेरी गांड तरस रही है मेरे लौडे के लिये............बोल कब्ब मरवायेगी अपनी गंड...........मम्मी.......कब्ब मेरा लंड अपनी गांड में लेगि" राहुल अपना अँगूठा गांड में आगे पीछे करता केहता है. गांड का छेद ईतना तंग था के अँगूठा बहुत मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था. राहुल इस बात का ख्याल आते ही बहुत खुश हो जाता है के इतनी टाइट गांड में लंड पेल्ने का कितना मज़ा आएग.
"मार लेना..........मेरे लाल.......मार...........अपनी मम्मी की गांड भी मार लेना...........हये तुझे अपनी गांड नहीं दूंगी तोह किसे दूंगी...........आआअह्हह्ह्.....लेकिन ........लेकिन.......ऊफफ्फ्फफ्फ्फ्.....अभी मेरी चुत में अपना लौडा पेल......हय में बास छूटने वाली हुण........." सलोनी की बात सुन राहुल ख़ुशी से झूम उठता है. वो तुरंत सलोनी की कमर पकडता है. इस बार वो निचे से अपनी कमर नहीं उछलता बस वो सलोनी की कमर को पकड़ उसे पूरे ज़ोर से अपने लौडे पर मारने लगता है
"येह ले......यह ले.......ल......ले मम्मी........चुड़ मेरे लौडे स......."
"आजह.......हाए........हायी......ठायी....ऊऊह्ह्हह्ह्...... म......................सभाश.......सबाश्.......पेल द....उयउछ...पेल......पेल.......पेल....... आईए.............ही भगवान.........आह्...." सलोनी राहुल के लौडे पर झड़ना सुरु कर देती है. वो राहुल की टांगो को कस्स कर दबोच लेती है. राहुल अपनी मम्मी की चुत से अपने लौडे के साथ ढेर सारा रस निकालता भी देख रहा था. चुत से लौडा और रस्स का बहकर आने का दृश्य इतणा उत्तेजक था के राहुल से भी रहा नहीं जाता और उसका लौडा भी पिचकारियां मारनी सुरु कर देता है. राहुल अब भी सलोनी की चुत में दनदन लौडा पेले जा रहा था. उसकी चुत से वो उसके रस्स के साथ अपनी मलाई भी निकलती देख सकता था.
"वोच्.....हये मेरी चुत........मेरी चुत...........ही भगवान........मेरे बेटे ने मेरी चुत फाड् दि...........हये मेरी चुत.........हये मार चुत........उउउफफ्फ्फ्फफ्......" सलोनी अब भी चीखती चिल्लाती झड रही थी. उसका दाना रगडता राहुल का मोटा लौडा उसे जन्नत की सैर करवा रहा था. वो अपनी सुध बुध खो बैठि थी.
मम्मी......." राहुल के टट्टे खाली हो चुके थे. वो संत पढता जा रहा था.
"मेरे बेटे......मेरे बच्चे......मेरे लाललललल............." सलोनी सिसकती राहुल की टांगो पर ढेर हो चुकी थी. कुछ लम्हो बाद राहुल अपनी मम्मी की कमर पकड़ उसे वापस पीछे को खींचता है. सलोनी भी थोड़ी हिम्मत करती है. वो उठती हुयी पीछे को अपने बेटे के बदन पर पीठ के बल लेत जाती है और फिर धीरे से लुढक कर उसकी बगल में हो जाती है. राहुल अपनी मम्मी की तरफ हल्का सा घूम कर उसे अपने बदन से थोड़ा कस्स लेता है. सलोनी बेटे के सीने पर अपनी बाँह लपेट अपना सर उसके कंधे पर रख देती है
"अब तोह्......खुश्......है न तु..........देख तेरे लिये.......अह......मंगलसूत्र पेहन लिया है............उफ्फ्........बोल अब खुश है न..........." सलोनी सिस्कियों के बिच रुक रुक कर बोलती है.
"हय मम्मी.......में.......आज तोह्....अपने सच में....... ....दील खुश कर दिया........उफफफ्फ्फ्फफ्.......मम्मी आपके मोठे मोठे दुधु के बिच आपका मंगलसूत्र कितना सुन्दर लगता है..........हायीईइई..........कितनो दिनों से मेरी एहि तम्मना थी..........अखिर आज आपने पूरी कर ही दि"
"तुने पहले क्यों नहीं बताया रे...........मेरे लाल.........तेरी हर ख़्वाहिश पुरी. .......अः.....करूंगी...........खैर अब तू खुश है न?......."
"बहुत ज्यादा मम्मी...........बहुत ज्यादा..."राहुल सलोनी के मुम्मो को दोनों हाथ में पकड़ मसलने लगता है.
"हय तोह फिर मुझे भी............हाए.......,....उउंह........मुझे भी खुश करदे बेटा......" सलोनी हिचकियां लेती बोलती है.
"क्या करूँ मम्मी.......बोलो.......में सब कुछ करने के लिए तैयार हुण.......आप बोल कर देखिये......" राहुल जोश में सलोनी के निप्पल उमेठता केहता है.
"आले...........धीरे मरोड़......हये जालिम..........तु बास इतना कर..........ऊऊफफफफफफफ.......नीचे से ज़ोर लाग.......हयईई........मेरी चुत में अपना लंड पेल......हाये में छूटने वाली थी......जब तूने........ओहह मा........अपनी डिमांड रख दि.......मंगलसूत्र की......"
"बस इतनी सी बात.......अभी देखो तुमारी चुत की क्या हालत करता हु..........." राहुल पूरे जोश में था. वो अपनी मम्मी के मुम्मो को कस्स कर दबाता है और निचे से अपनी गांड पूरे ज़ोर से उचलता है, उधर सलोनी अपनी चुत लंड पर दबाती है. लंड बंदूक से निकलि गोली की तेरह चुत में प्रवेश हो जाता है
"आआईई...........ओह.......मा.........हह.......लग ज़ोर बेटा.....हाये....शाबाश्...लगा ज़ोर........."
ओर फिर दोनों माँ बेटा निचे ऊपर से एक दूसरे की ताल से ताल मिलाते भयंकर चुदाई करने लगते है. लौडा चुत में इतने वेग से इतनी ताकत से अंदर घुसता था के सलोनी और राहुल दोनों करह उठते थे.
"आह्......हाए.......हाए.........बेटा...बेटा........" सलोनी की सिसकियाँ गूँज रही थी.
..........यह ले......यह ले.....मम्मी.......अः....." राहुल हर बार लंड पेलता कराह उठता था.
"ठप थपाथप.." सलोनी के नितम्ब राहुल की जांघो पर चोट कर रहे थे.
"फच्.....फच........फुस........" सलोनी की बरसाती चुत और उसके बेटे के मोठे लौडे के बिच जबरदस्त जंग से पूरे कमरे में शोर शराबा गूँज रहा था.
"रुख.....रुक.......हैयी..रुकककक......." सलोनी उस ताबड़तोड़ चुदाई में ब्रेक लगाती है. उसक बदन कांप रहा था. चुत में सँकुचन होना सुरु हो चुका था.
"मम्मी हाय अब मत रोको.......मेरा बस निकलने ही वाला है.....प्लीस........मम्मी...." राहुल अपने टट्टों में वीर्य उबलता हुआ महसूस कर रहा था.
"बस एक सेकंड बेटा.......में भी छूटने वाली हु......हये मेरा दिल कर रहा था........" सलोनी झटके से राहुल का लंड अपनी चुत से निकल देती है और फिर तेज़ी से राहुल की जांघो पर मुंह घुमा कर बैठ जाती है. इस बार फरक मात्र इत्तना था के उसका मुंह राहुल के पांव की और था जबके राहुल के सामने अपनी मम्मी की गांड उसके भरे सुडौल गोल मटोल कुल्हे थे. सलोनी बिना एक भी पल गंवाये लंड को पकड़ उस पर अपनी चुत टिकाती है और धम्म से लौडा वापस उसकी चुत में समां जाता है.
"हयै....मुझे बास इस तेरह चुदना था........पगले ...........हये मेरा बहुत दिल कर रहा था. सलोनी अपने हाथों से राहुल की टाँगे पकड़ झुक जाती है और दनादन अपनी चुत को लौडे पर ठोकने लगती है.
"ईश्......आह्.........हाए.........." सलोनी बुरी तेरह सिसक रही थी. इस पोजीशन में लौडा सीधा उसकी चुत के डेन को रगड़ रहा था. उसका बदन बुरी तेरह कम्प रहा था. चुत लौडे को कभी कस्स रही थी कभी ढीला छोड़ देती थी.
"हेयी बेटा....बस अब में करीब ही हुण........आंह्...मेरे लालल... .....मेर....बच्चे.........आह्ह्ह्हह्हह्ह्...."
"मेरा भी मम्मी........हाय मेरा भी......" राहुल तड़पता हुआ बोल उठता है. सलोनी के झुक कर उसके लौडे पर उछलने के कारन वो उसकी गांड के छेद को बिलकुल साफ़ साफ़ देख सकता था. राहुल अपना अँगूठा
अपनी मम्मी की गांड के छेद पर दबाता है और ज़ोर लगाकर उसे उसकी गांड में पेल देता है. सलोनी बेटे की इस हरकत से एकदम सिखर पर पहुँच जाती है.
"हहहयये........उफ...आबबब मेरी गांड पर............आआह्ह्ह्हह........आँख रख ली तूने............" सलोनी अखिरी झट्कोण का मज़ा लेती केहती है.
"हाये मम्मी..........में नहीं बल्कि तेरी गांड तरस रही है मेरे लौडे के लिये............बोल कब्ब मरवायेगी अपनी गंड...........मम्मी.......कब्ब मेरा लंड अपनी गांड में लेगि" राहुल अपना अँगूठा गांड में आगे पीछे करता केहता है. गांड का छेद ईतना तंग था के अँगूठा बहुत मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था. राहुल इस बात का ख्याल आते ही बहुत खुश हो जाता है के इतनी टाइट गांड में लंड पेल्ने का कितना मज़ा आएग.
"मार लेना..........मेरे लाल.......मार...........अपनी मम्मी की गांड भी मार लेना...........हये तुझे अपनी गांड नहीं दूंगी तोह किसे दूंगी...........आआअह्हह्ह्.....लेकिन ........लेकिन.......ऊफफ्फ्फफ्फ्फ्.....अभी मेरी चुत में अपना लौडा पेल......हय में बास छूटने वाली हुण........." सलोनी की बात सुन राहुल ख़ुशी से झूम उठता है. वो तुरंत सलोनी की कमर पकडता है. इस बार वो निचे से अपनी कमर नहीं उछलता बस वो सलोनी की कमर को पकड़ उसे पूरे ज़ोर से अपने लौडे पर मारने लगता है
"येह ले......यह ले.......ल......ले मम्मी........चुड़ मेरे लौडे स......."
"आजह.......हाए........हायी......ठायी....ऊऊह्ह्हह्ह्...... म......................सभाश.......सबाश्.......पेल द....उयउछ...पेल......पेल.......पेल....... आईए.............ही भगवान.........आह्...." सलोनी राहुल के लौडे पर झड़ना सुरु कर देती है. वो राहुल की टांगो को कस्स कर दबोच लेती है. राहुल अपनी मम्मी की चुत से अपने लौडे के साथ ढेर सारा रस निकालता भी देख रहा था. चुत से लौडा और रस्स का बहकर आने का दृश्य इतणा उत्तेजक था के राहुल से भी रहा नहीं जाता और उसका लौडा भी पिचकारियां मारनी सुरु कर देता है. राहुल अब भी सलोनी की चुत में दनदन लौडा पेले जा रहा था. उसकी चुत से वो उसके रस्स के साथ अपनी मलाई भी निकलती देख सकता था.
"वोच्.....हये मेरी चुत........मेरी चुत...........ही भगवान........मेरे बेटे ने मेरी चुत फाड् दि...........हये मेरी चुत.........हये मार चुत........उउउफफ्फ्फ्फफ्......" सलोनी अब भी चीखती चिल्लाती झड रही थी. उसका दाना रगडता राहुल का मोटा लौडा उसे जन्नत की सैर करवा रहा था. वो अपनी सुध बुध खो बैठि थी.
मम्मी......." राहुल के टट्टे खाली हो चुके थे. वो संत पढता जा रहा था.
"मेरे बेटे......मेरे बच्चे......मेरे लाललललल............." सलोनी सिसकती राहुल की टांगो पर ढेर हो चुकी थी. कुछ लम्हो बाद राहुल अपनी मम्मी की कमर पकड़ उसे वापस पीछे को खींचता है. सलोनी भी थोड़ी हिम्मत करती है. वो उठती हुयी पीछे को अपने बेटे के बदन पर पीठ के बल लेत जाती है और फिर धीरे से लुढक कर उसकी बगल में हो जाती है. राहुल अपनी मम्मी की तरफ हल्का सा घूम कर उसे अपने बदन से थोड़ा कस्स लेता है. सलोनी बेटे के सीने पर अपनी बाँह लपेट अपना सर उसके कंधे पर रख देती है