hotaks444
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कमरे का माहौल बिल्कुल शान्त था | जहाँ कुछ पल पहले पुरे कमरे में तूफान मचा हुआ था | वहीं अब वहाँ पूरी तरह से शांति थी | बस माँ-बेटे की सांसो की हल्की हल्की आवाज़ गूँज रही थी | दोनो जाग रहे थे और पुरे होशो हवाश में थे मगर दोनो के जिस्म पूरी तरह स्थिल थे | राहुल ने आज पहली बार एक नारी की देह को भोगा था वहीं सलोनी ने बहुत समय बाद आज ऐसे जबरदस्त सखलन को प्राप्त किया था | दोनो माँ-बेटा ऐसे महसूस कर रहे थे जैसे उनके जलते हुए जिस्मो पर किसी ने शीतल जल डाल दिया था | सखलन के परम सुख को प्राप्त करने के बाद अभी उनके जिस्मो में उस जबरदस्त आनंद की लहरें दौड़ रही थी और वो आराम से चुपचाप लेटे उस आनंद का एहसास ले रहे थे | दोनो सुबह से तीन बार झड़ चुके थे मगर वो थके हुए नही थे |
आख़िरकार सलोनी के बदन में ही कुछ हरकत होती है और वो अपने हाथों से अपने बेटे की पीठ सहलाने लगती है जो उसके बदन पर लेटा हुआ था और वो उसकी धीमी साँसे अपनी गर्दन पर महसूस कर रही थी | हालाँकि राहुल का वजन सलोनी से कहीं अधिक था मगर उसे वो किसी फूल की तरह हल्का लग रहा था |
"राहुल......... बेटा......." वो कोमलता से उसकी पीठ सहलाती धीमे से उसे पुकारती है |
"हुं........." राहुल अपनी माँ की गर्दन पर चेहरा दबाए धीमी सी आवाज़ में बोलता है |
"मुझे लगा शायद तुम सो गए..........." स्लोनी कोमल स्वर में उसकी पीठ सहलाती उसी स्वर में बोलती है, "कैसा महसूस हो रहा है मेरे बेटे को"
"उम्म्म्ममममम.........उउम्म्म्ममम" राहुल अपनी माँ की गर्दन पर चुंबन अंकित करता बोलता है, "बहुत अच्छा मम्मी............ऐसा महसूस हो रहा है मम्मी जैसे मेरे उपर से कोई वजन उतर गया है......जैसे मै हवा से हल्का हो गया हूँ.........जैसे जैसे........उफफफफफफफ्फ़ मुझे नही माँलूम मम्मी मैं आपको कैसे बतायूं मगर मुझे बहुत- बहुत अच्छा महसूस हो रहा है" राहुल के होंठ अब अपनी मम्मी के कंधे को चूम रहे थे |
"गुड.........वैरी गुड.... इतना अच्छा महसूस होना भी चाहिए आख़िर तुमने अपनी मम्मी चोदी है"
"म्म्मम्म्मी........." राहुल शिकायत भरे स्वर में अपनी माँ के कंधे पर कोमलता से होंठ रगड़ता बोलता है |
"क्या मम्मी............... मैं कुछ ग़लत कह रही हूँ? अभी अभी अपनी मम्मी की चूत में लंड नही पेल रहे थे?.... अभी भी तुम्हारा लंड मेरी चूत में है .... अगर जबरदस्त मज़ा नही आया तो फिर क्या फ़ायदा अपनी मम्मी को चोदने का!....... हाए... मुझे देखो......... उउउफफफफफफफ्फ़... अभी तक बदन के अंग अंग में रोमांच छाया हुआ है........ नस नस में आनंद की लहरें उठ रही हैं"
"मम्मी आप भी ना.........." अपनी माँ की अश्लील भाषा से राहुल थोडा शर्मा जाता है | मगर उसकी मम्मी के वो अल्फ़ाज़ उसके अंदर आग भर रहे थे | उसके लंड में सुरसूराहट होने लगी थी | सलोनी राहुल की शर्म से हंस पढ़ती है | वो उसके कंधे से उसकी गर्दन को चूमता हुआ धीरे धीरे उसके मुख की और बढ़ता जा रहा था |
सलोनी के हाथ राहुल की पीठ पर घूम रहे थे और अब उनकी सीमाँ बढ़ती जा रही थी | उसके हाथ उसके कंधो से लेकर उसके नितम्बो तक को सहा रहे थे | सलोनी का कोमल स्पर्श राहुल को बेहद्द सुखद लग रहा था | वो उसकी गर्दन से चेहरा उपर उठाकर उसके कान की लौ को अपने होंठो में भर लेता है और उसे अपनी जीभ की नोंक से सहलाने लगता है |
"उउउम्म्म्ममममम.........." सलोनी के मुख से मीठी सिसकी फूट पड़ती है |
राहुल उस सिसकी से उत्साहित होकर अपनी मम्मी के कान को चुभलाता है | सलोनी बेटे के मधुर प्यार को महसूस कर अपने जिस्म में छाए उस आनंद को बड़ता हुआ महसूस करती है | उसके हाथ राहुल की पीठ से नीचे जाते हुए उसके कूल्हों को सहलाने लगते हैं | राहुल की जिव्हा अपनी मम्मी की कान की लौ से फिर से उसकी गर्दन और वहाँ से उसकी गाल को चाटने लगती है |
"उउउम्म्म्ममममममममममम......." सलोनी के होंठो से एक और मधुर सी सिसकी फूट पड़ती है |
सलोनी अपने अंगो में फिर से हल्का हल्का तनाव छाते महसूस कर रही थी | उसके हाथ राहुल के कुल्हों को सहलाते हुए उसके कुल्हों की घाटी के बीच चले जाते हैं | राहुल जो अपनी मम्मी के गाल चूम चूस रहा था उसके गालों को और भी तेज़ी से चूसने लगता है | उसके जिस्म में झुरझुरी सी छाने लगी थी जब उसे अपनी माँ के हाथ अपनी गांड के छेद के इतने नज़दीक महसूस हुए | स्लोनी की उंगलियाँ राहुल के छेद को स्पर्श करती हैं तो उसका जिसम हल्का सा झटका ख़ाता है | वो अपनी माँ के गाल को हल्का सा काटता है | उसका लंड अपनी माँ की चूत के अंदर जागने लगा था | सलोनी राहुल की गांड के छेद से खेलती उसे अपनी उंगलियों से सहला रही थी, धीरे धीरे रगड़ रही थी | फिर वो अपनी बड़ी उंगली उसकी गांड के छेद पर दबाती है |
"उउउन्न्नहहह..........." राहुल अचानक चिंहूक उठता है | वो अपना चेहरा उठाकर अपनी मम्मी के चेहरे को देखता है | सलोनी का चेहरा उत्तेजना और माँदकता से चमक रहा था | दोनो माँ बेटा एक दूसरे की आँखो में देखते हैं | सलोनी अपना एक हाथ उसकी गांड से हटाकर अपने मुँह के पास लाती है और फिर अपनी एक उंगली वो अपने मुँह में डालती है | उसकी नज़रें राहुल के चेहरे पर ज़मी हुई थीं | सलोनी अपने मुँह से उंगली बाहर निकालती है तो वो उसके मुखरस से चमक रही थी | राहुल अपनी माँ को जिज्ञासा से देख रहा था | सलोनी का हाथ फिर से राहुल की गांड पर जाता है वो अपनी उंगली राहुल की गांड पर दबाती है | अब जाकर राहुल समझा था उसकी माँ ने अपनी उंगली थूक से गीली क्यों की थी | सलोनी उंगली दबाना चालू रखती है | राहुल की गांड बेहद्द कसी हुई थी मगर सलोनी की उंगली के लगातार दवाब के बाद वो धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा सा खुल रही थी, जितना गांड खुल रही थी उतना ही उंगल दबा बनाती जाती और आख़िरकार सलोनी की मुखरस से गीली उंगली का ऊपरी सिर उसके बेटे की गांड में हल्का सा घुस जाता है |
"मम्म्मममी...........मम्म्ममय्यययी" राहुल पीड़ा और सनसनी से कराह उठता है | वो अपनी माँ के चेहरे को हाथों में थाम अपना चेहरा उसके चेहरे पर झुकाता है और दोनो माँ-बेटे के होंठ आपस में मिल जाते हैं | सलोनी तुरंत अपने बेटे के मुख में अपनी जिव्हा धकेल उसके मुख को चूमने चूसने लगती है | उसकी उंगली लगतार दवाब बनाते अपने बेटे की गांड में घुसती चली जा रही थी | राहुल उत्तेजना से भडकता हुआ अपनी मम्मी की जिव्हा अपने होंठो के बीच दबा लेता है और उसे ज़ोरों से चूसने लगता है | दोनो एक दूसरे के मुँह में सिसक रहे थे |
राहुल को अपनी गांड के छेद में हल्की हल्की चुभन महसूस हो रही थी | मगर वो चुभन उसकी उत्तेजना को बढ़ाती जा रही थी | वो अपनी माँ के होंठो पर होंठ दबाए उसकी जिव्हा चूस रहा था, उसके मुखरस को पी रहा था | आख़िरकार दोनो के मुँह अलग होते हैं और दोनो खांसने लगते हैं | दोनो की साँसे बुरी तरह से उखड़ी हुई थी | दोनो गहरी गहरी साँस लेते खुद को संभाल रहे थे |
"आहह...........राहुल.....बेटा देखो मेरी चूत में कुछ हिल डुल रहा है....हाएएए............यह तो झटके मारने लगा है बेटा..........हाए कितना लंबा मोटा है.........देखो तो बेटा तुम्हारी मम्मी की चूत में क्या घुस आया है......." सलोनी गहरी गहरी साँस लेती बहुत ही कामुक अंदाज़ में कुछ इस तरह बोलती है कि उन लफ़्ज़ों की अश्लीलता और भी बढ़ जाती है | राहुल का लंड और भी ज़ोर से झटके मारने लगता है |
"हे भगवान.........राहुल बेटा ..........आआअहह.........देखो ना तुम्हारी मम्मी की चूत को...............हाए तुम्हे अपनी मम्मी की ज़रा भी फ़िक्र नही है......... उउउफफफफफफ्फ़ इतना लंबा मोटा मेरी चूत में क्या घुस..........."
सलोनी अपनी बात पूरी नही कर पाई थी कि राहुल ने बीच में ही उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए और उसका मुँह बंद कर दिया | वो और भी ज़ोर शोर से अपनी माँ के होंठो को चूसने लगता है, उत्तेजना में उन्हे काटने लगता है | राहुल का पूरा ध्यान अपनी माँ की उंगली पर था जो उसकी गांड में घुसती चली जा रही थी | उसे खुद माँलूम नही चला था कब उसका लंड पूरा अकड़ गया था और कब उसने झटके मारने शुरू कर दिए थे |
आख़िरकार सलोनी के बदन में ही कुछ हरकत होती है और वो अपने हाथों से अपने बेटे की पीठ सहलाने लगती है जो उसके बदन पर लेटा हुआ था और वो उसकी धीमी साँसे अपनी गर्दन पर महसूस कर रही थी | हालाँकि राहुल का वजन सलोनी से कहीं अधिक था मगर उसे वो किसी फूल की तरह हल्का लग रहा था |
"राहुल......... बेटा......." वो कोमलता से उसकी पीठ सहलाती धीमे से उसे पुकारती है |
"हुं........." राहुल अपनी माँ की गर्दन पर चेहरा दबाए धीमी सी आवाज़ में बोलता है |
"मुझे लगा शायद तुम सो गए..........." स्लोनी कोमल स्वर में उसकी पीठ सहलाती उसी स्वर में बोलती है, "कैसा महसूस हो रहा है मेरे बेटे को"
"उम्म्म्ममममम.........उउम्म्म्ममम" राहुल अपनी माँ की गर्दन पर चुंबन अंकित करता बोलता है, "बहुत अच्छा मम्मी............ऐसा महसूस हो रहा है मम्मी जैसे मेरे उपर से कोई वजन उतर गया है......जैसे मै हवा से हल्का हो गया हूँ.........जैसे जैसे........उफफफफफफफ्फ़ मुझे नही माँलूम मम्मी मैं आपको कैसे बतायूं मगर मुझे बहुत- बहुत अच्छा महसूस हो रहा है" राहुल के होंठ अब अपनी मम्मी के कंधे को चूम रहे थे |
"गुड.........वैरी गुड.... इतना अच्छा महसूस होना भी चाहिए आख़िर तुमने अपनी मम्मी चोदी है"
"म्म्मम्म्मी........." राहुल शिकायत भरे स्वर में अपनी माँ के कंधे पर कोमलता से होंठ रगड़ता बोलता है |
"क्या मम्मी............... मैं कुछ ग़लत कह रही हूँ? अभी अभी अपनी मम्मी की चूत में लंड नही पेल रहे थे?.... अभी भी तुम्हारा लंड मेरी चूत में है .... अगर जबरदस्त मज़ा नही आया तो फिर क्या फ़ायदा अपनी मम्मी को चोदने का!....... हाए... मुझे देखो......... उउउफफफफफफफ्फ़... अभी तक बदन के अंग अंग में रोमांच छाया हुआ है........ नस नस में आनंद की लहरें उठ रही हैं"
"मम्मी आप भी ना.........." अपनी माँ की अश्लील भाषा से राहुल थोडा शर्मा जाता है | मगर उसकी मम्मी के वो अल्फ़ाज़ उसके अंदर आग भर रहे थे | उसके लंड में सुरसूराहट होने लगी थी | सलोनी राहुल की शर्म से हंस पढ़ती है | वो उसके कंधे से उसकी गर्दन को चूमता हुआ धीरे धीरे उसके मुख की और बढ़ता जा रहा था |
सलोनी के हाथ राहुल की पीठ पर घूम रहे थे और अब उनकी सीमाँ बढ़ती जा रही थी | उसके हाथ उसके कंधो से लेकर उसके नितम्बो तक को सहा रहे थे | सलोनी का कोमल स्पर्श राहुल को बेहद्द सुखद लग रहा था | वो उसकी गर्दन से चेहरा उपर उठाकर उसके कान की लौ को अपने होंठो में भर लेता है और उसे अपनी जीभ की नोंक से सहलाने लगता है |
"उउउम्म्म्ममममम.........." सलोनी के मुख से मीठी सिसकी फूट पड़ती है |
राहुल उस सिसकी से उत्साहित होकर अपनी मम्मी के कान को चुभलाता है | सलोनी बेटे के मधुर प्यार को महसूस कर अपने जिस्म में छाए उस आनंद को बड़ता हुआ महसूस करती है | उसके हाथ राहुल की पीठ से नीचे जाते हुए उसके कूल्हों को सहलाने लगते हैं | राहुल की जिव्हा अपनी मम्मी की कान की लौ से फिर से उसकी गर्दन और वहाँ से उसकी गाल को चाटने लगती है |
"उउउम्म्म्ममममममममममम......." सलोनी के होंठो से एक और मधुर सी सिसकी फूट पड़ती है |
सलोनी अपने अंगो में फिर से हल्का हल्का तनाव छाते महसूस कर रही थी | उसके हाथ राहुल के कुल्हों को सहलाते हुए उसके कुल्हों की घाटी के बीच चले जाते हैं | राहुल जो अपनी मम्मी के गाल चूम चूस रहा था उसके गालों को और भी तेज़ी से चूसने लगता है | उसके जिस्म में झुरझुरी सी छाने लगी थी जब उसे अपनी माँ के हाथ अपनी गांड के छेद के इतने नज़दीक महसूस हुए | स्लोनी की उंगलियाँ राहुल के छेद को स्पर्श करती हैं तो उसका जिसम हल्का सा झटका ख़ाता है | वो अपनी माँ के गाल को हल्का सा काटता है | उसका लंड अपनी माँ की चूत के अंदर जागने लगा था | सलोनी राहुल की गांड के छेद से खेलती उसे अपनी उंगलियों से सहला रही थी, धीरे धीरे रगड़ रही थी | फिर वो अपनी बड़ी उंगली उसकी गांड के छेद पर दबाती है |
"उउउन्न्नहहह..........." राहुल अचानक चिंहूक उठता है | वो अपना चेहरा उठाकर अपनी मम्मी के चेहरे को देखता है | सलोनी का चेहरा उत्तेजना और माँदकता से चमक रहा था | दोनो माँ बेटा एक दूसरे की आँखो में देखते हैं | सलोनी अपना एक हाथ उसकी गांड से हटाकर अपने मुँह के पास लाती है और फिर अपनी एक उंगली वो अपने मुँह में डालती है | उसकी नज़रें राहुल के चेहरे पर ज़मी हुई थीं | सलोनी अपने मुँह से उंगली बाहर निकालती है तो वो उसके मुखरस से चमक रही थी | राहुल अपनी माँ को जिज्ञासा से देख रहा था | सलोनी का हाथ फिर से राहुल की गांड पर जाता है वो अपनी उंगली राहुल की गांड पर दबाती है | अब जाकर राहुल समझा था उसकी माँ ने अपनी उंगली थूक से गीली क्यों की थी | सलोनी उंगली दबाना चालू रखती है | राहुल की गांड बेहद्द कसी हुई थी मगर सलोनी की उंगली के लगातार दवाब के बाद वो धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा सा खुल रही थी, जितना गांड खुल रही थी उतना ही उंगल दबा बनाती जाती और आख़िरकार सलोनी की मुखरस से गीली उंगली का ऊपरी सिर उसके बेटे की गांड में हल्का सा घुस जाता है |
"मम्म्मममी...........मम्म्ममय्यययी" राहुल पीड़ा और सनसनी से कराह उठता है | वो अपनी माँ के चेहरे को हाथों में थाम अपना चेहरा उसके चेहरे पर झुकाता है और दोनो माँ-बेटे के होंठ आपस में मिल जाते हैं | सलोनी तुरंत अपने बेटे के मुख में अपनी जिव्हा धकेल उसके मुख को चूमने चूसने लगती है | उसकी उंगली लगतार दवाब बनाते अपने बेटे की गांड में घुसती चली जा रही थी | राहुल उत्तेजना से भडकता हुआ अपनी मम्मी की जिव्हा अपने होंठो के बीच दबा लेता है और उसे ज़ोरों से चूसने लगता है | दोनो एक दूसरे के मुँह में सिसक रहे थे |
राहुल को अपनी गांड के छेद में हल्की हल्की चुभन महसूस हो रही थी | मगर वो चुभन उसकी उत्तेजना को बढ़ाती जा रही थी | वो अपनी माँ के होंठो पर होंठ दबाए उसकी जिव्हा चूस रहा था, उसके मुखरस को पी रहा था | आख़िरकार दोनो के मुँह अलग होते हैं और दोनो खांसने लगते हैं | दोनो की साँसे बुरी तरह से उखड़ी हुई थी | दोनो गहरी गहरी साँस लेते खुद को संभाल रहे थे |
"आहह...........राहुल.....बेटा देखो मेरी चूत में कुछ हिल डुल रहा है....हाएएए............यह तो झटके मारने लगा है बेटा..........हाए कितना लंबा मोटा है.........देखो तो बेटा तुम्हारी मम्मी की चूत में क्या घुस आया है......." सलोनी गहरी गहरी साँस लेती बहुत ही कामुक अंदाज़ में कुछ इस तरह बोलती है कि उन लफ़्ज़ों की अश्लीलता और भी बढ़ जाती है | राहुल का लंड और भी ज़ोर से झटके मारने लगता है |
"हे भगवान.........राहुल बेटा ..........आआअहह.........देखो ना तुम्हारी मम्मी की चूत को...............हाए तुम्हे अपनी मम्मी की ज़रा भी फ़िक्र नही है......... उउउफफफफफफ्फ़ इतना लंबा मोटा मेरी चूत में क्या घुस..........."
सलोनी अपनी बात पूरी नही कर पाई थी कि राहुल ने बीच में ही उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए और उसका मुँह बंद कर दिया | वो और भी ज़ोर शोर से अपनी माँ के होंठो को चूसने लगता है, उत्तेजना में उन्हे काटने लगता है | राहुल का पूरा ध्यान अपनी माँ की उंगली पर था जो उसकी गांड में घुसती चली जा रही थी | उसे खुद माँलूम नही चला था कब उसका लंड पूरा अकड़ गया था और कब उसने झटके मारने शुरू कर दिए थे |